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रायपुर, 16 अप्रैल। निमा ने बताया कि 77वें स्थापना दिवस के उपलक्ष में समन्वित चिकित्सा की उपादेयता विषय पर सायं 6.30 से 8 बजे तक ऑनलाइन वेबीनार सम्पन्न हुआ । आरंभ में डॉ शोभा सोनाये के द्वारा धन्वन्तरि - वन्दना के पश्चात् अध्यक्ष ने सभी का स्वागत कर आयोजन का संदर्भ और उद्देश्य बताया । विषय की प्रथम वक्ता शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की कायचिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ अरुणा ओझा ने आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धांतों का वर्णन कर समन्वय की दिशा बताई ।
निमा ने बताया कि आयुष के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ अजय कुलश्रेष्ठ ने विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का वर्णन कर होम्योपैथी के अलावा सबकी निकटता बताई । आयुष के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ सुनील दास ने व्यावहारिक उदाहरण देते हुए प्रचलित समन्वय के अनुभव विस्तार से प्रस्तुत किये । सिन्धु डॉक्टर्स फोरम के प्रेसीडेंट, शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ किरण माखीजा ने आधुनिक एलोपैथिक संदर्भ में चर्चा कर समन्वित चिकित्सा के स्वरूप निर्धारण की कठिनाई बताते हुए इन्हें चिकित्सा के रूप में परिलक्षित करने की दिशा दिखाई ।
निमा ने बताया कि आरोग्य भारती के प्रांत उपाध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने इन विपरीत पद्धतियों का समन्वय न होना बताकर एक दूसरे को समझ कर विरोध के बजाय सम्मान रखने पर बल दिया । हृढ्ढरू्र के वरिष्ठ पदाधिकारी इंदौर के डॉ आर के बाजपेई ने संस्था की जानकारी देते हुए अधिकारों के लिए किए गए लंबे संघर्ष को याद किया। अध्यक्ष ने स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।