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रायपुर, 11 जुलाई। सुयश अस्पताल के प्रबंधन ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पहली बार सुयश अस्पताल में ईयूएस पद्धति के द्वारा एक चार साल की बच्ची का सफल इलाज किया गया। बच्ची का वजन 8 किलोग्राम था और उसे निरंतर उल्टी एवं वजन न बढऩे की समस्या थी। जांच में पता चला कि अग्नाशय के क्षतिग्रस्त होने के कारण उसमें पानी जमा हो गया था (1 लीटर) जिसके कारण पेट में दबाव पड़ रहा था एवं उल्टी हो रही थी।
प्रबंधन ने बताया कि बच्ची का पेट रोग विभाग में डॉ. मनोज लाहोटी एवं डॉ. लवकुश तिवारी एवं उनकी टीम, निश्चेतना विभाग के डॉ. मुकद्दर अहमद द्वारा ईयूएस पद्धति से बिना ऑपरेशन के सफलतापूर्वक इलाज किया गया। ईयूएस दूरबीन एक नवीनतम पद्धति है जो कि सामान्यत: व्यस्कों में इस्तेमाल होती है इसकी चौड़ाई 14.6 मिली मीटर होती है। बच्चों में यह प्रक्रिया जटिल होती है। अनुभवी गैस्ट्रो टीम एवं निश्चेतना विभाग के सहयोग से यह सफलतापूर्वक किया गया।
प्रबंधन ने यह भी बताया कि अब बच्ची स्वस्थ है और भोजन करना बिना उल्टी के शुरू कर दिया है। ऐसे कई मर्ज पेट से संबंधित ईयूएस पद्धति से सुयश अस्पताल पेट रोग विभाग में सफलतापूर्वक किया जा चुका है।