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ऐमज़ान ई-कामर्स हेराफेरी पर अमरीकी सीनेटर सक्रिय पर भारत में चुप्पी, प्रधानमंत्री मोदी करें हस्तक्षेप-कैट
22-Oct-2021 12:36 PM
ऐमज़ान ई-कामर्स हेराफेरी पर अमरीकी सीनेटर सक्रिय पर भारत में चुप्पी, प्रधानमंत्री मोदी करें हस्तक्षेप-कैट

रायपुर, 22 अक्टूबर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,  अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया।

कैट ने बताया कि देश के ई-कामर्स व्यापार में विदेशी ई-कामर्स कम्पनियों द्वारा की जा रही धांधली और मनमानी के विरोध में रोष ज़ाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर इस मामले में उनके सीधे हस्तक्षेप का आग्रह किया है। भारत में ऐमज़ान की धांधली को लेकर अमरीकी सीनेट के लगभग 15 सदस्य तो सक्रिय हो गए।

कैट ने बताया कि किंतु भारत से ही जुड़े संगीन मामले पर सभी मंत्रालयों एवं सरकारी विभागों की चुप्पी एक देश की प्रशासनिक व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है और क्योंकि गत 5 वर्षों से बार बार कहने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है, लिहाज़ा अब इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री का सीधे हस्तक्षेप करना ज़रूरी हो गया है।

श्री पारवानी ने बताया कि देश के ई-कॉमर्स व्यापार की वर्तमान परिस्थितियों की ओर दिलाते हुए कहा की जिसमें विदेशी धन से पोषित दुनिया की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों ने वर्ष 2016 से देश के क़ानून एवं नियमों का खुले रूप से घोर उल्लंघन करते हुए ई-कॉमर्स व्यापार पर एक तरह से अपना कब्ज़ा ही नहीं जमा लिया है बल्कि उसको बंधक भी बना लिया है।

श्री पारवानी ने बताया कि बेहद खेद है कि न तो किसी मंत्रालय ने अथवा सरकारी प्रशासनिक विभाग ने इसका कोई स्वत संज्ञान लिया तथा इसको रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। साफ़ तौर पर ऐसा प्रतीत होता है की देश के नियमों ने इन कम्पनियों के आगे घुटने टेक दिए हैं तभी ये कम्पनियाँ बिना किसी डर के खुले रूप से ई-कामर्स व्यापार में अपनी मनमानी कर रहीं हैं और इनकी लगाम कसने वाला कोई तंत्र नहीं है।

श्री पारवानी ने यह भी बताया कि अफ़सोस तो इस बात का है कि यहाँ तक की सबूतों के साथ शिकायतें करने के बाद भी इसकी रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। केवल व्यापारियों द्वारा दायर शिकायतों पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा जांच शुरू करने की रस्मी कार्यवाही ही हुई है और जिस धीमी गति से जांच चल रही है, देश के व्यापारी उससे कतई संतुष्ट नहीं है एवं किसी सार्थक परिणाम की कोई उम्मीद भी नहीं है।

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