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रायपुर, 18 नवंबर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा,महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया।
श्री पारवानी ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के साथ साथ देश के विभिन्न हिस्सों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के हाल के मामलों में सक्रिय होने और महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की सराहना करते हुए कैट ने बताया कि एनसीबी के प्रयास से साफ संकेत है कि मादक पदार्थों का उपयोग और दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।
श्री पारवानी ने बताया कि कैट ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डिरेक्टर को एक पत्र में उनसे अमेज़ॅन के ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से गांजा की बिक्री के गंभीर और ज्वलंत मुद्दे पर तत्काल संज्ञान ले कर तुरंत जांच करने की माँग की है। यह एक गम्भीर कानूनी प्रश्न है जिसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और इसे हथियारों के अवैध व्यापार के समान ही माना जाना चाहिए।
श्री पारवानी ने बताया कि भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए अवैध गतिविधियों में अमेजऩ की संलिप्तता को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और एनडीपीएस अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत एक जांच शुरू की जानी चाहिए। अमेज़ॅन जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग में अपनी क्षमताओं का दावा करता रहता है, यह पता लगाने में कैसे असमर्थ रहा कि उसके प्लेटफॉर्म पर क्या बेचा जा रहा है एक बड़ा सवाल है।
श्री पारवानी ने बताया कि यह स्पष्ट है कि अमेज़ॅन न केवल इस रैकेट को सक्रिय रूप से सहायता प्रदान कर रहा है बल्कि अपने पोर्टल के माध्यम से गाँजा की तस्करी में सक्रिय रूप से शामिल है। हाल के मामले में एक करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के गाँजा की बिक्री पर अमेजऩ द्वारा 66 लाख (66 प्रतिशत) कमीशन को सही ठहराने का एकमात्र तरीका है।
श्री पारवानी ने यह भी बताया कि अमेज़ॅन ने एनडीपीएस अधिनियम की धारा 20 (बी) का उल्लंघन किया है जो कहता है कि उत्पादन, निर्माण, स्वामित्व, बिक्री, खरीद, परिवहन, अंतर-राज्य आयात, अंतर-राज्य निर्यात या भांग का उपयोग करना दंडनीय होगा।