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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 नवंबर। बालको मेडिकल सेंटर के कैंसर विशेषज्ञों ने हाल ही में एक 10 वर्षीय लडक़ी का दाएं जाँघ की हड्डी (फीमर) के ओस्टियोसारकोमा (हड्डी के घातक ट्यूमर) का सफल इलाज किया। सर्जन्स की टीम ने कैपन्ना तकनीक नामक एक दुर्लभ प्रक्रिया को संशोधित करके इस बच्ची काइलाज किया। इस बच्ची को पहले बोन कैंसर के लिए कीमोथेरेपी दी गई थी, जिससे उससे लाभ नहीं हुआ, इसलिए डॉक्टरों की टीम ने जाँघ की हड्डी को हटाने एवं पुन:निर्माण की योजना बनाई।
जाँघ की हड्डी का पुन:र्निर्माण एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है और इसके लिए बहुत अधिक विशेषज्ञता और विशेष उपकरण की आवश्यकता होती है। डॉक्टरों ने एक संशोधित कैपन्ना तकनीक करने का फैसला किया, जिसमें दोषपूर्ण जाँघ की हड्डी को फीमर बोन एलोग्राफ्ट के साथ संवहनी फीबुला हड्डी के संयोजन से फिर से बनाया जाता है, जो बोनग्राफ्ट किसी अन्य व्यक्ति से उपलब्ध कराया जाता है। संवहनी फीबुला हड्डी पुन:र्निर्माण के लिए जैविकी प्रदान करती है जबकि फीमर बोनग्राफ्ट पुनर्निर्माण के लिए संरचनात्मक सहायता प्रदान करता है। केवल फीबुला हड्डी के साथ पुनर्निर्माण की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि यह फीमर की तुलना में बहुत पतली और कमजोर होती है। जबकि, केवल फीमरग्राफ्ट के साथ पुन:र्निर्माण के परिणाम स्वरूप ग्राफ्ट का अतिक्षय, हड्डी का न जुडऩा और घाव का संक्रमण हो सकता है, विशेष रूप से कैंसर में जहां रोगी को विकिरण दिया जायेगा।
हालांकि, इस लडक़ी के मामले में, बालको मेडिकल सेंटर के विशेषज्ञों ने कैपन्ना तकनीक को संशोधित किया, जहां विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ गौरव गुप्ता और टीम के नेतृत्व में विकिरण विभाग में काटी गई फीमर हड्डी भेजी गई जिसे उच्च मात्रा में विकिरण दिया गया ताकि कैंसर कोशिकाओं को खत्म कर दिया जाए। इस बीच, प्लास्टिक और पुन:र्निर्माण सर्जन, डॉ दीपमल्या चटर्जी के नेतृत्व में पुन:र्निर्माण टीम ने दूसरे पैर से फीबुला फ्लैप काटा और माइक्रो वैस्कुलर पुनर्निर्माण किया।
विकिरणित फीमर की हड्डी को ऑपरेशन कक्ष में लाने के बाद, डॉ अंकुर गुप्ता, हड्डी रोग सर्जन, ने फीमर बोनग्राफ्ट को दो हिस्सों में विभाजित किया और डॉ. अंकुर ने आधे हिस्से में से एक को रोगी की जांघ में रोगग्रस्त फीमर की जगह रखदिया, औरउसे एक लॉकिंग प्लेट के साथ निर्धारित कर दिया।
यह एक और उदाहरण है जो बालको मेडिकल सेंटर जैसे समर्पित उच्च स्तरीय कैंसर केंद्र से उपचार प्राप्त करने के महत्व पर प्रकाश डालता है, जहां एक ही छत के नीचे व्यापक कैंसर उपचार संभव है। ऐसे अस्पतालों में, अनुभवी बहु-विषयक टीम की उपलब्धता से सर्वोत्तम संभव उपचार होता है। इस दुर्लभ बोन कैंसर सर्जरी के बाद, लडक़ी ठीक हो गई है और कुछ महीनों में, एक खुशहाल और सामान्य जीवन जीने के उसके सपने हकीकत में बदल जाएंगे।