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रायपुर, 5 मई। सफलता कभी भी संयोग से नहीं प्राप्त होती है सफलता पाने के लिए उच्च लक्ष्य रखना चाहिए और कड़ी मेहनत करनी चाहिए। लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा कि वे आपसे उम्मीद रखते है। उक्त बातें अपने उद्बोधन में डॉ. सुमित मित्रा, टेस्को ग्लोबल बिजनेस सर्विसेज और टेस्को बेंगलुरु के सीईओ ने कलिंगा विश्वविद्यालय में एक विशेष इंटरैक्टिव कार्यक्रम के दौरान कही, उन्होंने यहां विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित किया।
कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर श्रीधर ने स्वागत भाषण दिया और विश्वविद्यालय में छात्रों को कौ-रु39याल आधारित शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य के बारे में बताया और छात्रों को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया। सोमनाथ बैश्य, पीपल डायरेक्टर, टेस्को बिजनेस सर्विसेज और टेस्को बेंगलुरु, वेंकट राघवन, एसोसिएट डायरेक्टर और ग्लोबल हेड, एनालिटिक्स, टेस्को बिजनेस सर्विसेज और कुसुम सिंह, सीओओ, किंग्समीड बिजनेस सॉल्यू-रु39यांस लिमिटेड यूके, डॉ. सुमित मित्रा के साथ कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे। डॉ. सुमित मित्रा ने छात्रों को संबोधित करते हुए पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपनी जीवन यात्रा के बारे में बताया।
उन्होंने भविष्य आधारित कौशल विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2026 तक यूरोप की साठ प्रतिशत नौकरियां मौजूद नहीं होंगी क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले रोबोटों द्वारा नौकरियों पर कब्जा कर लिया जाएगा। रोबोट से होगी मेडिकल सर्जरी। उनका मत था कि व्यक्ति को जिज्ञासु होना चाहिए और नई चीजें सीखते रहना चाहिए क्योंकि दुनिया सीखने वालों के लिए है। युद्ध के समय नेतृत्व के गुणों का विकास किया जाना चाहिए।
जब संकट के दौरान ग्राहकों की
क्रय शक्ति कम हो जाती है तो यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्राहकों को न्यूनतम मूल्य पर कैसे सेवा दी जाए। साथ ही व्यक्ति को अपने संचार कौशल को बढ़ाना चाहिए और अपनी स्थिति या परीस्थिति को 30 सेकंड से 1 मिनट में सम-हजयाने में सक्षम होना चाहिए। उन्होंने अपने जीवन का उदाहरण दिया, 16 साल की उम्र में उन्होंने शेफ के रूप में सेवा की, 19 साल की उम्र में उन्होंने उद्यमी के रूप में सेवा की और उनका अपना रेस्तरां था, बाद में वे डॉक्टर बने, एमबीए किया और अंत में बिजनेस लीडर बने।
उन्होंने कहा कि ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण मनुष्य को सफल बनाता है। बाद में अतिथियों ने कलिंगा विश्वविद्यालय परिसर का दौरा किया। कार्यक्रम के दौरान कलिंगा विश्वविद्यालय के समस्त विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।‘