कारोबार
कॉन्क्लेव में एसईसीएल ने स्टॉल व लाइव मॉडल की हुई सराहना
बिलासपुर, 9 मई। कोल इंडिया लिमिटेड भारत में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पान्सबिलिटी कार्यों पर खर्च करने वाली तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक विनय रंजन ने कोल इंडिया की ओर से आयोजित पहले सीएसआर एंड सस्टेनेब्लिटी कॉन्क्लेव के दौरान यह बात कही। कॉन्क्लेव कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी सीसीएल, रांची में 6 एवं 7 मई के दौरान रखा गया था।
देश में हो रहे सीएसआर कार्यों और उनसे जुड़ी नई संभावनाओं पर चर्चा और विचारों को साझा करने के उद्देश्य से आयोजित इस कॉन्क्लेव में कहा गया कि कोल इंडिया ने पिछले तीन वर्षों के दौरान सीएसआर कार्यों पर लगभग 1600 करोड़ रुपए खर्च किए, जो तय 1284 करोड़ रुपये के प्रावधानों से 25 प्रतिशत अधिक है। कोविड से देशव्यापी लड़ाई में भी कोल इंडिया ने 500 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि खर्च की।
कोल इंडिया की सबसे बड़ी कम्पनियों में से एक एसईसीएल ने वर्ष 2014-15 से 2021-22 तक लगभग 733.87 करोड़ रुपए का व्यय किया है। इनमें सैनिटेशन एवं स्वच्छता से जुड़े विषयों पर सर्वाधिक लगभग 268 करोड़ रुपए हैं। ग्रामीण विकास में लगभग 128 करोड़, शिक्षा में 47 करोड़ रुपए तथा कोविड सहित स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास हेतु लगभग 148 करोड़ रुपए का व्वय शामिल है।
कोरबा जिले में, जहां कम्पनी के मेगा प्रोजेक्ट्स हैं, कम्पनी ने 31 गांवों में 5368 टॉयलेट्स बनवाएं हैं। इससे जि़ले को ओडीएफ घोषित करने में सहायता मिली। इसी प्रकार नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में छात्र-छात्रांओं के लिए आवासीय हॉस्टल, बिलासपुर में अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों में इन्फ़््रस्ट्रक्चर, सिम्स बिलासपुर तथा गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में एमआरआई व सीटी स्क़ैन मशीन की सहायता दी गई है।
कोल इंडिया ने अपने कुल सीएसआर व्यय का 60 प्रतिशत स्वास्थ्य एंव स्वच्छता के कार्यों पर खर्च किया है। कंपनी अभी तक 10 हजार से अधिक युवाओं का रोजगार परक कौशल विकास कर चुकी है। कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की किसी भी संभावित कमी को दूर करने के लिए कोल इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में 28 अस्पतालों में कुल 31 ऑक्सीजन प्लांट्स स्वयं स्थापित किए या उनकी स्थापना के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई।
फिलहाल कोल इंडिया देश के 8 राज्यों के 34 जिलों में काम कर रही है। इनमें से 24 जिले आकांक्षी जिले हैं, जहां भारत सरकार के ‘आकांक्षी जिला कार्यक्रम’ के तहत त्वरित एवं समग्र विकास के कई कार्यक्रम वह चला रही है।
कॉन्क्लेव में कोल इंडिया और दूसरी पीएसयू कंपनियों एवं संस्थानों से 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कॉन्क्लेव में सीसीएल सीएमडी पी.एम. प्रसाद, कोल इंडिया के निदेशक (कार्मिक) विनय रंजन, कार्यकारी निदेशक (सामुदायिक विकास) बी. साई राम सहित सीएसएस कार्यों से जुडे देश की नामचीन शख्सियतों ने हिस्सा लिया। कॉन्क्लेव के दौरान कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों के सीएसआर कार्यों को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी रखी गई, साथ ही कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों को उत्कृष्ट सीएसआर कार्यों के लिए सीएसआर अवार्ड्स भी दिए गए। एसईसीएल की सीएसआर प्रदर्शनी को सबने सराहा।