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कलिंगा विश्वविद्यालय में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
03-Jul-2022 12:37 PM
कलिंगा विश्वविद्यालय में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम

शिक्षण कौशल विकसित करने विद्वानों द्वारा प्रशिक्षण

रायपुर, 3 जुलाई। नया रायपुर कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। नवाचार एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के द्वारा बी प्लस की मान्यता प्रदान की गयी है।

यह छत्तीसगढ़ में एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है, जो एनआईआरएफ रैंकिंग 2021 में उत्कृष्ट 151-200 विश्वविद्यालयों में सम्मिलित है। यहाँ पर वैश्विक मापदंड के अनुरूप उच्च गुणवत्तापूर्ण और बहु-विषयक अनुसंधान केंद्रित शिक्षा के साथ-साथ शिक्षकों और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है।

इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कलिंगा विश्वविद्यालय में 14 जून से 27 जून तक द्विसाप्ताहिक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न विषयों के विद्वान प्राध्यापक एवं अतिथि वक्ताओं के द्वारा शिक्षकों एवं शोधार्थियों को उनके शिक्षण कौशल को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

पहले सप्ताह के आयोजन में पहले दिन के प्रथम सत्र में कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आर. श्रीधर ने एफडीपी के महत्व एवं उसकी आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

जबकि दूसरे सत्र में सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के सह प्राध्यापक डॉ. ज्योति प्रसाद भांगरे ने कार्य और जीवन में संतुलन विषय पर प्रतिभागियों को संबोधित किया। दूसरे दिन के प्रथम सत्र में आईआईटी खडगपुर के पूर्व प्राध्यापक और छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. बी.सी. मल्ल ने गुणवत्तामूलक शिक्षा प्रदान करने में शिक्षकों की भूमिका विषय पर प्रकाश डाला जबकि दूसरे सत्र में आर्ट आफ लिविंग के श्री वामशी ने ‘‘स्ट्रेस मैनेजमेंट’’ विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला और तनाव दूर करने के लिए विभिन्न उपाय पर लाभप्रद जानकारियों को साझा किया।

कार्यक्रम के तीसरे दिन कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीधर ने इमोशनल स्ट्रेटेजी और कलिंगा विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. सुनील कुमार ने इनोवेटिव स्टडी पर अपने विचारों को प्रशिक्षणार्थियों के समक्ष रखा।

जबकि चौथे दिन के  प्रथम सत्र में गुरु घासीदास सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के सह प्राध्यापक डॉ. पेनुमर्थी पार्वतीसेम मूर्ति ने ‘‘लेटेक्स’’ विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला।जबकि दूसरे सत्र में एस.एस.जे.सी.ई.टी (बंबई) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख और प्राध्यापक डॉ. यशवंत एस. पाटिल ने बेसिक ह्यूमन एस्पिरेशन्स एंड इट्स फुलफिलमेंट:ए होलेस्टिक डेवलपमेंट विषय पर प्रतिभागियों को संबोधित किया।

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