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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके गुलाम नबी आज़ाद ने अपने फ़ैसले से पार्टी के अंदर हलचल पैदा कर दी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आज़ाद को जम्मू-कश्मीर में पार्टी के प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया लेकिन चंद घंटों के अंदर ही आज़ाद ने ये प्रस्ताव ठुकरा दिया.
जम्मू और कश्मीर में संगठन में सुधार के तौर पर सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आज़ाद के करीबी माने जाने वाले विकास रसूल वानी को केंद्र शासित प्रदेश की इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है.
आज़ाद कांग्रेस के 'जी-23' समूह के प्रमुख सदस्यों में से भी एक हैं. ये समूह पार्टी नेतृत्व का आलोचक रहा है और संगठनात्मक बदलावों की मांग करते रहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि नियुक्तियों को सार्वजनिक किए जाने के कुछ घंटे बाद आज़ाद ने गांधी के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पाँच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान खत्म किए जाने के बाद से ही वहाँ विधानसभा अस्तित्व में नहीं है.
परिसीमन का काम संपन्न हो चुका है. फ़िलहाल सरकार की ओर से विधानसभा चुनाव की तारीख़ को लेकर कुछ स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है. (bbc.com)