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अग्रसेन महाविद्यालय में गांधी को जानें कार्यक्रम
रायपुर, 3 अक्टूबर। अग्रसेन महाविद्यालय में गांधी जयंती के उपलक्ष्य में आज गांधी को जानें कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने कहा कि आज भारत ही नही बल्कि पूरे विश्व की अनेक समस्याओं का समाधान गांधी के विचारों से सम्भव है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1918 मांटेग्यू घोषणा के समय से ही गांधी जी को यह अनुमान हो गया था कि अब अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजादी कभी भी मिल सकती है। इसलिए उन्होंने उसी समय से आजादी के बाद के भारत की परिकल्पना करते हुए इस देश को एकजुट रखने के साथ ही देश के भावी विकास की योजना पर विचार करना शुरू कर दिया था।
उन्होंने इसके लिए हिंद स्वराज नाम की बहुत चर्चित किताब लिखी। इस किताब में स्वतंत्र भारत में सभी क्षेत्रों के लिए योजना, नीति और विचार से संबंधित परिकल्पनाएं प्रस्तुत की गई हैं। श्री शर्मा ने कहा कि गांधीजी को जानने से ज्यादा उन्हें मानना जरूरी है।
आज यदि हम गांधीजी को मान लेते हैं तो देश प्रदेश और समाज की अनेक समस्याओं का तत्काल समाधान हमें मिल सकता है । अपने वक्तव्य के बाद शशांक शर्मा जी ने विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों के जवाब भी दिए इनमें भगत सिंह को दी गई फांसी, सरदार पटेल को कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के बावजूद पद से अलग करने के साथ ही और भारत-पाकिस्तान के विभाजन से संबंधित सवाल भी शामिल थे।
इससे पहले अपने स्वागत भाषण में महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. वीके अग्रवाल ने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत को आजादी दिलाने के लिए आंदोलनों की जो रणनीति अपनाई,उसी के कारण भारत एकजुट हो सका।
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुरेंद्र कुमार राजपूत ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आमंत्रित वक्ता का हृदय से आभार व्यक्त किया और कहा कि श्री शर्मा के विचारों से आज के विद्यार्थियों और युवाओं को महात्मा गांधी को समझने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी। एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने भी आमंत्रित वक्त को उनके विचारों के लिए साधुवाद दिया। इस अवसर पर पत्रकारिता संकाय के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विभाष कुमार झा ने आमंत्रित वक्ता का परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक प्रोफेसर राहुल तिवारी ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के विभिन्न जानकारियों के प्राध्यापक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में शामिल हुए।