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अदालत ने ईडी के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को दी जमानत
04-Oct-2022 7:12 PM
अदालत ने ईडी के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को दी जमानत

मुंबई, 4 अक्टूबर। बम्बई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज किये गए धनशोधन के एक मामले में मंगलवार को जमानत दे दी।

अदालत ने हालांकि, ईडी को जमानत के खिलाफ अपील दायर करने के लिए आदेश पर 13 अक्टूबर तक रोक लगा दी।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि देशमुख परिवार द्वारा नियंत्रित ट्रस्ट के खाते में डाली गई दो राशि ‘‘अपराध से अर्जित आय’’ नहीं है, जिस पर ईडी ने संदेह जताया था।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख को दो नवंबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया था। वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले का भी सामना कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति एन. जे. जामदार ने अपने आदेश में कहा कि जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया गया है और देशमुख को एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा किया जाएगा। हालांकि, अदालत ने आदेश पर 13 अक्टूबर तक रोक लगा दी, क्योंकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि ईडी जमानत आदेश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।

शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की पूर्ववर्ती गठबंधन सरकार में मंत्री रह चुके देशमुख मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद हैं।

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देखमुख के खिलाफ उगाही के आरोप लगाये जाने के पश्चात केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से एक मामला दर्ज करने के बाद ईडी ने उनके खिलाफ अपनी जांच शुरू की थी।

ईडी ने दावा किया कि देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.7 करोड़ रुपये एकत्र किए। ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि गलत तरीके से अर्जित धन को नागपुर स्थित श्री साई शिक्षण संस्थान को भेजा गया, जो देशमुख के परिवार द्वारा नियंत्रित एक शैक्षणिक ट्रस्ट है।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि ट्रस्ट के खाते में डाली गई दो राशि ‘‘अपराध से अर्जित आय’’ नहीं है। अदालत ने कहा, ‘‘खाते में (डाली गई) तीसरी राशि सचिन वाजे के बयान पर निर्भर करती है, जिस पर चर्चा के बाद इस अदालत ने माना है कि यह याचिकाकर्ता (देशमुख) के पक्ष में है।’’

न्यायाधीश ने कहा कि वह देशमुख को धनशोधन रोकथाम अधिनियम की धारा 45 के एक प्रावधान का लाभ भी दे रहे हैं। इस प्रावधान के तहत, यदि कोई आरोपी महिला है, या यदि वह बीमार है तो अदालत जमानत दे सकती है।

उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि रिहा होने पर देशमुख सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे। उसने कहा कि वह हर तारीख को मुकदमे में शामिल होंगे और अपना पासपोर्ट जमा करेंगे।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी परमबीर सिंह ने मार्च 2021 में आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को मुंबई में रेस्तरां और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य दिया था।

मार्च 2021 में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के बाहर एक वाहन में विस्फोटक मिलने के मामले में गिरफ्तार पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे ने भी इसी तरह के आरोप लगाए थे।

उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2021 में सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था। इस जांच के आधार पर सीबीआई ने देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के लिए प्राथमिकी दर्ज की।

जिरह के दौरान, देशमुख के वकील विक्रम चौधरी और अनिकेत निकम ने दलील दी कि उनकी उम्र (72), स्वास्थ्य और उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होने के मद्देनजर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। ईडी ने कहा कि वह जेल अस्पताल में इलाज करा सकते हैं।

उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय को निर्देश दिया था कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख की याचिका पर तेजी से सुनवाई और फैसला करे, क्योंकि अर्जी छह महीने से लंबित है। (भाषा)

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