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रायपुर, 25 नवंबर। कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा इंजीनियरिंग और कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी में प्रगति पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया ।
कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर श्रीधर के स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई । मुख्य अतिथि डॉ. जगपाल सिंह बल, उप निदेशक, तकनीकी शिक्षा विभाग, रायपुर ने सम्मेलन को संबोधित किया। सभागार में आयोजित सम्मेलन में प्रतिभागियों ने भाग लिया और अधिकतम संख्या में प्रतिभागी ऑनलाइन उपस्थित थे।
कलिंगा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. संदीप गांधी ने छात्रों को शोध पत्रों के बारे में जागरूक किया। अकादमिक मामलों के डीन श्री राहुल मिश्रा ने छात्रों को सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। डॉ. एन.के. धापेकर ने एनसीआरएईसीटी-2022 सम्मेलन के बारे में जानकारी दी। 62 सार के साथ सम्मेलन की प्रोसीडिंग्स का विमोचन भी किया गया।
प्रौद्योगिकी संकाय के डीन डॉ. सीपी जवाहर ने इंजीनियरिंग और कंप्यूटर प्रौद्योगिकी में प्रगति पर राष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में जानकारी दी।
अतिथि वक्ता डॉ. एल के यदु, एसोसिएट प्रोफेसर, एनआईटी रायपुर ने फोरेंसिक इंजीनियरिंग पर व्याख्यान दिया और डॉ. अंकुर गुप्ता, सहायक प्रोफेसर, एनआईटी रायपुर ने मैकेनिकल कंपन पर व्याख्यान दिया।
सम्मेलन के दूसरे दिन डॉ. सीपी जवाहर, डीन, प्रौद्योगिकी संकाय ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। अतिथि वक्ता डॉ. शुभोजीत घोष, एसोसिएट प्रोफेसर, ईईई एनआईटी रायपुर ने स्मार्ट ग्रिड एक भारतीय परिप्रेक्ष्य की ओर व्याख्यान दिया।
अतिथि वक्ता डॉ. देबंजन दास सहायक प्रोफेसर, सीएसआर, आईआईआईटी, रायपुर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) पर व्याख्यान दिया।
डॉ सीपी जवाहर ने शोध पत्र लिखने के तरीके पर व्याख्यान दिया। डॉ. एन.के. धापेकर ने मॉडलिंग, विश्लेषण और डिजाइन एक समझौता या मजबूरी पर व्याख्यान दिया।
उल्लेखनीय है कि कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है। नवाचार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए, विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (हृ्र्रष्ट) द्वारा क्च+ मान्यता प्रदान की गई है। यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र निजी विश्वविद्यालय है, जो उत्कृष्ट 101-150 विश्वविद्यालयों की एनआईआरएफ रैंकिंग 2022 में शामिल है। यहां छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले बहु-विषयक अनुसंधान केंद्रित शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वैश्विक बेंचमार्क के अनुसार छात्रों में नवाचार पैदा किया जा सके। ताकि उनमें नेतृत्व शक्ति के विकास के साथ एक जिम्मेदार नागरिक बनने की भावना का विकास हो सके।