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​बस्तर से दुर्ग संभाग पहुंचा चूहों का आतंक
20-Dec-2022 1:31 PM
​बस्तर से दुर्ग संभाग पहुंचा चूहों का आतंक

पड़ोसी का चूहा करता है परेशान, बल्लियां लगाकर जर्जर घर को सहारा

थाने से लेकर कलेक्टोरेट पहुंचा मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 20 दिसंबर।
 छत्तीसगढ़ के बस्तर से अब चूहों का आतंक दुर्ग संभाग के बालोद पहुंच गया है। बस्तर में 700 करोड़ की लागत से बने मेडिकल कॉलेज में चूहों द्वारा सीटी स्कैन मशीन का तार काटने से जहां दो दिन तक जांच बंद रही, वहीं अब चूहे दुर्ग संभाग में एक बुजुर्ग के घर में इस कदर आतंक मचा रहे हैं कि परेशान होकर वह सोमवार को कलेक्टोरेट पहुंच गया और कलेक्टर से चूहों के आतंक से उसे और उसके घर को बचाने गुहार लगाई।  

बालोद जिले में चूहों की वजह से 2 परिवारों में विवाद का मामला सामने आया है। मामला थाने से लेकर कलेक्टोरेट तक पहुंच गया है। जब कलेक्टोरेट में इस संदर्भ में शिकायत की गई तो कलेक्टोरेट से लेटर थाने भेजा गया, जिसको लेकर सोमवार को दोनों पक्ष गुंडरदेही थाना पहुंचे थे।

दरअसल, पूरा मामला गुंडरदेही थाना क्षेत्र के कचांदुर का है, 70 वर्षीय बुजुर्ग बिसाहू राम टंडन ने यह आरोप अपने पड़ोसी पर लगाया है कि उनके द्वारा उनके घर की दीवार से लगे हुए जगह पर धान की बोरियां एकत्र कर रखता है, जिसके चलते उनकी दीवार कमजोर हो रही है और वहां के चूहे उनके घर को बर्बाद कर रहे हैं और उन्होंने इसे मकान हथियाने की साजिश भी बताई।

बताएं किसका चूहा - पड़ोसी

पड़ोसी युवराज मारकंडे का कहना है कि मेरे खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं वह सरासर गलत है। मैं एक छोटा सा व्यापारी हूं, कभी 10 क_ा कभी 15 क_ा धान अपने घर में रखता हूं और जिस तरह का आरोप उन्होंने लगाया है यदि उनके घर में चूहे जाते हैं तो इसमें मेरी क्या गलती?, क्या वह पहचान सकते हैं कि यह चूहा किसका है?, मेरे चूहे का रंग क्या पहचान सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सरासर गलत आरोप है और इसमें निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

थाने तक पहुंचा मामला

बुजुर्ग शिकायतकर्ता बिसाहू राम टंडन ने पहले कलेक्ट्रेट में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद कलेक्ट्रेट से ही यह मामला गुंडरदेही थाने में भेजा गया है। थाने में दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी, फिलहाल शिकायत थाने में लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

पेंशन से चलता है गुजारा

बुजुर्ग ने बताया कि शासन से जो भी पेंशन मिलता है, उसी से उसका गुजारा भत्ता चलता है। हम निसंतान दंपत्ति हैं और हमारी तबीयत अक्सर खराब रहती है और हमारे पास आय का कोई साधन भी नहीं है।  उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि हमारा पड़ोसी हमारी जमीन-मकान को हड़पना चाहता है।

हमारा मकान है जर्जर

शिकायतकर्ता ने कहा कि उसका मकान पूरी तरह जर्जर हो चुका है और वह कभी भी गिर सकता है और उसने इन सबका कारण अपने पड़ोसी को बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि किसी तरह की कोई दुर्घटना घटती है तो उसका जिम्मेदार केवल शासन-प्रशासन रहेगा। उन्होंने कहा कि गांव में भी कई बार उन्होंने इस समस्या को रखा है और गांव के माध्यम से पड़ोसी युवराज मारकंडे को हिदायत भी दी जा चुकी है, परंतु किसी तरह का कोई निराकरण नहीं हो पाया है।

मैं नहीं करता चूहे का पालन

शिकायतकर्ता के पड़ोसी युवराज मारकंडे ने कहा कि उन्होंने ग्राम पंचायत में कहा था कि मेरा चूहा उन्हें परेशान करता है क्या, इस बात को कोई साबित कर सकता है कि मेरा चूहा कौन सा है और न तो मैं चूहे की पालन करता हूं और न ही चूहे को मैं रोक सकता हूं। अगर चूहे मेरी बात मानते तो मैं जरूर बोलता कि चूहे मेरे पड़ोसियों को परेशान मत करो, उनके घर को जर्जर मत करो।

बल्लियों से टिकाकर रखे हैं 

शिकायतकर्ता बुजुर्ग ने कहा कि उनका घर इस कदर जर्जर हो गया है कि वहां बल्लियां लगाकर घर को सहारा दिया गया है। बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा तकलीफ में होती है।

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