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शांति सरोवर मेंं पावर ऑफ हीलिंग मेडिटेशन
रायपुर, 21 मई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा मार्ग स्थित शान्ति सरोवर मेंं आयोजित जिन्दगी का उत्सव नामक तीन दिवसीय शिविर के तीसरे दिन पावर ऑफ हीलिंग मेडिटेशन विषय पर व्याख्यान हुआ।
इन्टरनेशनल माइण्ड व मेमोरी मैनेजमेन्ट ट्रेनर ब्रह्माकुमार शक्तिराज सिंह ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों से कभी विचलित नहीं होना चाहिए। परिस्थितियों को चुनौती समझकर आगे बढ़ें। जो चुनौतियों का सामना करते हैं वही जीवन में सफल होकर समाज के आगे लीडर बनकर सामने आते हैं। जो लोग परिस्थितियों के आगे हारकर सरेण्डर हो जाते हैं वह जीवन में सफल नही हो सकते।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा ब्रेन एक सुपर कम्प्यूटर की तरह है। ब्रेन हार्डवेयर और मन बुद्घि संस्कार उसके साफ्टवेयर हैं। विचार शक्ति का नाम मन।
निर्णय शक्ति का नाम बुद्घि और संस्कार स्टोरेज अर्थात हार्ड डिस्क है। उन्होंने मेमोरी पावर को बढ़ाने के लिए सुपर ब्रेन योगा का अभ्यास भी कराया।
इसके अन्तर्गत दाहिने हाथ से बायीं ओर के कान को और बायें हाथ से दायीं कान को पकडक़र उठक-बैठक कराया ताकि कान पर दबाव पड़े।
हम अपनी ब्रेन का दस प्रतिशत हिस्सा ही उपयोग कर पाते हैं-उन्होंने बतलाया कि हमारे अन्दर अनन्त शक्तियाँ छिपी हुई हैं लेकिन हम उन्हें भूल गए हैं। देखा गया है कि मनुष्य अपने मस्तिष्क का सिर्फ पांच से दस प्रतिशत हिस्सा ही उपयोग कर पाता है। शेष हिस्सा बिना उपयोग के अछूता रह जाता है। आत्मबल बढ़ाने के लिए सदैव अपने को हीरो अथवा लीडर समझें। हम लोग वही करते हैं जो कि हम चाहते हैं परन्तु होता वह है जो परमात्मा की इच्छा होती है। तो क्यों न हम वही कार्य करें जो कि परमात्मा चाहते हैं।