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रायपुर, 3 अक्टूबर। आंजनेय विश्वविद्यालय में मंगलवार को फिल्म मेकिंग कोर्स का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर हिंदी फिल्म जगत के कलाकार रघुवीर यादव एवं फिल्म निर्देशक हरीश व्यास ने विश्वविद्यालय के फिल्म मेकिंग स्टूडियो का उद्घाटन किया।
इस कार्यक्रम में निर्माता निर्देशक योगेश अग्रवाल उपस्थित थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माण के क्षेत्र अपने विचार साझा किया।
अभिषेक अग्रवाल ने विवि में फिल्म मेकिंग कोर्स में नवप्रवेशित विद्यार्थियों एवं विभाग के सदस्यों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने भविष्य में फिल्म मेकिंग के कोर्स के लिए विभिन्न कार्यक्रम एवं कार्यशालाएं आयोजित की जाने की बात कही।
उन्होंने बताया कि विवि के फिल्म निर्माण विभाग द्वारा फिल्म निर्माण से संबंधित कोर्सों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें डिग्री (बी.ए. फिल्ममेकिंग), डिप्लोमा एवम सर्टिफिकेट कोर्स कराए जा रहे हैं। रायपुर की फेड एकेडमी के साथ कार्य किया जा रहा है। इस कार्यक्रम से विद्यार्थियों को विभिन्न अभिनेताओं एवम प्रोडक्शन हाउस के साथ जोड़ा जाएगा।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ टी रामा राव एवं डायरेक्टर जनरल डॉ बीसी जैन, डायरेक्टर ऑफ फेड एकेडमी समर्थ लहरी, डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर डॉ प्रांजलि गनी, फिल्म मेकिंग विभागाध्यक्ष अंकित शुक्ला, प्राध्यापक नम्रता चंद्राकर, स्कूल ऑफ मास मीडिया के विभागाध्यक्ष राहुल तिवारी, प्राध्यापक विनोद सावंत, आदी मौजूद थे।
कुछ करने का जुनून ही आदमी को आगे बढ़ाता है
रघुवीर यादव ने अपना अनुभव को साझा करते हुए कहा कि सबसे पहले सीखने के लिए कान जरूरी है। आप अगर सुनना सिख गए तो आपको सफलता जरूर मिलेगी। मैंने पहले सुनना सीखा । जबलपुर के गांव में रहता था वहां बचपन में एक पापड़ वाला पापड़ बेचने आता था। जो रोज अलग- अलग स्वर में गाना गा कर पापड़ बेचा करता था। इसी से पे्ररणा लेकर आज मै इस मुकाम तक पहुंचा हुं। घर पर ही उसके पापड़ को घर पर गुनगुनाया करता था।
इस दुनिया में हर किसी से सुनने और सीखने को मिलता है। चाहे वो एक पापड़ बेचने वाला हो या मंदिर में पुजारी।
आज के समय में मोबाइल से बच्चों में टैलेंट की कमी आ गई है। आसानी से सब कुछ मिलने से अब वो सीखना नहीं चाहते। आभाव से ही आदमी को सीखने को मिलता है। आफत मुसीबत आपके लिए सिख लेकर आती है। मुसीबत आफत नही सबक है।