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रायपुर, 9 मार्च। एचएनएलयू ने बताया कि हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा ‘वित्तीय साक्षरता: महिला सशक्तिकरण के लिए आवश्यक’ विषय पर एक वेबिनार/ऑनलाइन पैनल चर्चा का आयोजन करके अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। पैनल चर्चा में एचएनएलयू के कुलपति प्रोफेसर वी.सी.विवेकानंदन ने कहा, महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता न केवल व्यक्तिगत वित्तीय स्वास्थ्य बल्कि व्यापक आर्थिक स्थिरता और लैंगिक समानता की आधारशिला है। महिलाओं के लिए वित्तीय शिक्षा और संसाधनों में निवेश करके, समाज यह सुनिश्चित कर सकता है कि महिलाएं सूचित निर्णय लेने में सक्षम हों जिससे उन्हें, उनके परिवार और उनके समुदायों को लाभ हो।
एचएनएलयू ने बताया कि पैनल में एसबीआई के मुख्य प्रबंधक श्री लक्ष्मी नारायण साहू ने टिप्पणी की, वित्तीय साक्षरता के महत्व में छोटी बचत भी शामिल है और उन्हें बैंक खातों में जमा करने से ब्याज के रूप में सुरक्षित रिटर्न मिलता है। उन्होंने खर्चों का रिकॉर्ड रखना, एक बजट बनाना, और बचत को स्वचालित करना जिससे अधिक जवाबदेही और ट्रैक रखने में आसानी होगी आदि बिन्दुओं पर प्रकाश डाला।
एचएनएलयू ने बताया कि उन्होंने गैर-जरूरी खर्चों में कटौती करने, बेहतर बीमा दरों की जांच करने, टैक्स होल्डिंग्स को समायोजित करने और अनुशासित होने के महत्व का भी उल्लेख किया। दूसरे पैनलिस्ट श्री रामकृष्णन परिरिथ ने कहा कि बीमा पॉलिसियां निवेश से कहीं अधिक हैं क्योंकि वे व्यक्तियों को सुरक्षित करती हैं और उनके आश्रितों को आपात स्थिति में भविष्य के अनिश्चित जोखिमों को कम करने, वित्तीय स्वतंत्रता सक्षम करने और महिलाओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
एचएनएलयू ने बताया कि सुश्री खुशबू रायचुरा, चार्टर्ड अकाउंटेंट ने कहा कि म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए एसआईपी फायदेमंद और कम से कम जोखिम भरा है। उन्होंने पूंजी बाजार में महिलाओं के लिए गुंजाइश और वित्तीय साक्षरता के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने यह समझाते हुए निष्कर्ष निकाला कि वर्तमान में 80 मिलियन अद्वितीय खाते हैं, और पूंजी बाजार भी एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर महिलाओं को दीर्घकालिक और अल्पकालिक वित्त के लिए विचार करना चाहिए।
एचएनएलयू ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य बचत और धन प्रबंधन के बारे में ज्ञान और जागरूकता विकसित करना है, बचत चाहे कितनी भी छोटी या बड़ी हो, यह समय की मांग है। महिलाओं को अपनी बचत को अनाज के डिब्बों में रखने की बजाय उसे बढ़ाने के लिए अलग-अलग बचत योजनाओं में लगाने की जरूरत है। डॉ. वाई. पापा राव ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया और डॉ. अविनाश सामल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।