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मुंबई, 18 मार्च। बैंक ऑफ बड़ौदा ने बताया कि भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी बैंकों में से एक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा (बैंक) ने आज बॉब अर्थ ग्रीन टर्म डिपॉजि़ट योजना के शुभारंभ की घोषणा की और इस योजना के तहत प्राप्त होने वाली जमा राशि का उपयोग उपयुक्त पर्यावरण-अनुकूल परियोजनाओं तथा क्षेत्रों की फाइनेंसिंग के लिए किया जाएगा।
बैंक ने बताया कि बॉब अर्थ ग्रीन टर्म डिपॉजिट्स के तहत, ग्राहकों को अलग-अलग समय सीमा में निवेश पर आकर्षक ब्याज दरों का लाभ उठाने के साथ-साथ भारत के हरित एवं दीर्घकालिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है। बैंक सालाना 7.15त्न तक की ब्याज दरों की पेशकश कर रहा है। आम नागरिक/निवासी भारतीय, एनआरआई एवं उच्च मालियत वाले व्यक्ति (॥हृढ्ढ) निवेशक बॉब अर्थ ग्रीन टर्म डिपॉजि़ट योजना में निवेश कर सकते हैं।
बैंक ऑफ़ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, श्री देबदत्त चांद ने कहा, बैंक ने अपने परिचालन कार्यों में संवहनीयता को अपनाने की दिशा में काफी अधिक प्रगति की है, जिसमें जोखिम प्रबंधन, गवर्नेंस व्यवस्था, सामाजिक दायित्व और पर्यावरणीय प्रभाव के प्रति हमारे दृष्टिकोण शामिल हैं। बॉब अर्थ ग्रीन टर्म डिपॉजि़ट योजना के शुभारंभ से निवेश करने वाले ग्राहकों को स्थायी और सुरक्षित रिटर्न पाने के साथ-साथ धरती को हरा-भरा बनाने में योगदान देने का दोहरा लाभ मिलता है। भारत के अग्रणी बैंकों में से एक होने के नाते, बैंक ऑफ़ बड़ौदा अपने ईएसजी मैंडेट को आगे बढ़ाने और ग्रीन फाइनेंसिंग के अपने पोर्टफोलियो के दायरे का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बैंक ने बताया कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने अपने बॉब अर्थ ग्रीन टर्म डिपॉजि़ट योजना में नयापन लाते हुए विशेष समयावधि की पेशकश की है, जो धरती की जलवायु और संवहनीयता के लक्ष्यों की ओर संकेत करते हैं, जैसे कि 1.5 वर्ष की समयावधि – वैश्विक तापमान में वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लक्ष्य को दर्शाती है, जबकि 1717 दिनों की समयावधि– संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों पर दोगुना बल देती है।
बैंक ने बताया कि बॉब अर्थ ग्रीन टर्म डिपॉजि़ट के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का आबंटन उपयुक्त हरित परियोजनाओं/क्षेत्रों को किया जाएगा, जिनमें नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन, सतत जल एवं अपशिष्ट प्रबंधन, ऊर्जा कुशलता, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण, ग्रीन बिल्डिंग, जैव विविधता संरक्षण आदि शामिल हैं।