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करीब साढ़े 9 सौ करोड़ खर्च हुए
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 24 मई। रायपुर स्मार्ट सिटी की 3 सौ परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायतों की पड़ताल के लिए केन्द्र सरकार ने टीम बनाई थी। मगर सालभर बाद भी रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं है।
स्मार्ट सिटी के चेयरमैन सुनील सोनी ने जांच रिपोर्ट पर अनभिज्ञता जताई है। राज्य शासन को भी अब तक रिपोर्ट को लेकर केन्द्र सरकार से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।
बताया गया कि रायपुर भाजपा पार्षद दल के एक प्रतिनिधिमंडल ने अप्रैल 2023 को केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मिलकर रायपुर स्मार्ट सिटी की 311 में से 3 सौ परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। इस सिलसिले में दस्तावेज भी सौंपे गए थे। शिकायतकर्ताओं ने नगर निगम में भाजपा पार्षद दल की नेता मीनल चौबे के साथ-साथ सांसद सुनील सोनी और पूर्व मंत्री राजेश मूणत के अलावा सभी भाजपा पार्षद भी थे।
शिकायतों में चौक-चौराहों के सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रूपए अनियमित खर्चे का आरोप लगाया था। बिना सर्वे के 209 करोड़ रूपए आईटीएमएस का कार्य करने का आरोप है। बूढ़ातालाब योजना में करीब 35 करोड़ खर्च करने, और तालाब का रकबा घटाने संबंध में भी शिकायत की गई थी।
बताया गया कि केन्द्र सरकार ने हैदराबाद की एक वित्तीय संस्था को जांच की जिम्मेदारी दी थी। जांच टीम के सदस्य यहां आए भी थे, और उन्होंने स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया था।
सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने दस्तावेज भी लिए थे। मगर जांच टीम ने अब तक रिपोर्ट सौंपी है या नहीं, इसको लेकर भी जानकारी उपलब्ध नहीं है। जांच के एवज में केन्द्र सरकार से संस्था को करीब साढ़े 14 लाख का भुगतान होना था। कहा जा रहा है कि जांच करने वाली संस्था को राशि का भुगतान हो भी चुका है, लेकिन रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
दूसरी तरफ, स्मार्ट सिटी की योजनाओं को जून तक पूरा किया जाना है। करीब 61 योजनाएं हैं जिस पर काम चल रहा है, या फिर पूरा हो चुका है। स्मार्ट सिटी के ढाई सौ से अधिक काम पूरे हो चुके हैं, और साढ़े 9 सौ करोड़ रूपए खर्च हुए हैं। स्मार्ट सिटी का काम 2017 से शुरू हुआ था, और 2023 तक का समय दिया गया था। बाद में एक साल और बढ़ाया गया।