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विपक्ष ने संविधान बदलने को चुनावी मुद्दा बनाया, पर इसमें कोई सच्चाई नहीं थी: प्रफुल्ल पटेल
01-Jul-2024 7:13 PM
विपक्ष ने संविधान बदलने को चुनावी मुद्दा बनाया, पर इसमें कोई सच्चाई नहीं थी: प्रफुल्ल पटेल

नयी दिल्ली, 1 जुलाई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रफुल्ल पटेल ने सोमवार को कहा कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्यों ने लोकसभा चुनाव में संविधान बदलने और आरक्षण छीन लेने जैसी ‘छोटी बातों’ को मुद्दा बनाया, जिनमें कि कोई सच्चाई नहीं थी।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए पटेल ने यह भी कहा कि विपक्ष के दावों को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लोग प्रभावी तरीके से काट निकालने में विफल रहे।

उन्होंने कहा कि भारत का संविधान, दुनिभा के विभिन्न देशों के संविधान में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और भारतीय संविधान की वजह से ही लोकतंत्र को जीवित रखने में देश को सफलता मिली है।

पटेल ने कहा कि इस लोकसभा के चुनाव में भारत के संविधान पर प्रहार हो रहा है, भारत का संविधान खतरे में है जैसी बातें बार-बार सुनने को मिली।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सभी लोग आज संविधान के तहत ही इस सदन में बैठ हैं या उस सदन में निर्वाचित हुए हैं। लेकिन फिर भी संविधान के बारे में काफी कुछ इधर-उधर की बातें की गईं।’’

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की ओर से दिए गए संविधान की बदौलत ही 1950 में देश में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिल गया था जबकि अमेरिका जैसे सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश में काले लोगों और महिलाओं को यह अधिकार प्राप्त नहीं था।

उन्होंने कहा कि उन्हें वोट का अधिकार 1960 के दशक में मिला।

पटेल ने कहा, ‘‘आज हम 75 सालों में देश में जो भी देख रहे हैं वह संविधान के तहत ही हुआ है। इसलिए इतना अफसोस होता था कि पूरे चुनाव में संविधान खतरे में है... 400 पार होगा तो संविधान बदला जाएगा... किसी का आरक्षण चला जाएगा... किसी के अधिकार छीने जाएंगे... यह किस तरह की छोटी बातों को लेकर इस राष्ट्र का चुनाव हम लोग लड़ रहे थे।’’

शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे ‘छोटी बात’ कहने पर आपत्ति जताई, हालांकि पटेल अपनी बात पर कायम रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘हां, छोटी बात थी क्योंकि उसमें सच्चाई नहीं थी। इसलिए छोटी बात थी।’’

उन्होंने कहा कि संविधान को कोई हाथ भी नहीं लगा सकता है और ना ही उसे कभी बदला जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस लोकसभा में 100 से ज्यादा सांसद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से निर्वाचित होकर आते हैं, अगर हम उनका अधिकार छीनने की बात करेंगे तो क्या वह समर्थन करेंगे।’’

पटेल ने सदन के नेता जे पी नड्डा का नाम लेकर कहा कि लोकसभा चुनाव में ‘‘हमें जिस प्रभावी तरीके से इस दावों की काट करनी चाहिए थी, वह ‘हम नहीं कर सके’। (भाषा)

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