ताजा खबर
photo/ANI
नयी दिल्ली, 3 जुलाई। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ के घटक दलों के छात्र सगठनों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी’ तथा कुछ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के खिलाफ बुधवार को यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।
उधर, कांग्रेस की युवा इकाई भारतीय युवा कांग्रेस ने भी इसी मुद्दे को लेकर अलग से विरोध प्रदर्शन किया।
युवा कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने ‘‘मोदी विरोधी’’ नारे लगाए और विरोध स्वरूप अपने सिर मुंडवाए।
पिछले सप्ताह एनटीए कार्यालय में घुसने और उसके प्रवेश द्वार पर ताला और चेन लगाने के आरोप में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।
बीते एक जुलाई को तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू हुए।
वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) सहित समाजवादी छात्र सभा और कांग्रेस की छात्र शाखा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के सदस्यों ने मार्च निकाला।
छात्र समूहों के मार्च का उद्देश्य राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को खत्म करने, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे और प्रवेश परीक्षाओं के विकेन्द्रीकरण की अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाना था।
मेडिकल प्रवेश संबंधी ‘राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक’ (नीट-यूजी) और पीएचडी प्रवेश संबंधी ‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा’ (यूजीसी-नेट) में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं के बीच केंद्र ने पिछले सप्ताह एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह को उनके पद से हटा दिया और इसके माध्यम से परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख आर. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया।
नीट में कई अनियमितताओं के चलते जांच चल रही है, जिसमें कथित पेपर लीक भी शामिल है, वहीं शिक्षा मंत्रालय को मिली सूचनाओं के बाद यूजीसी-नेट को रद्द कर दिया गया। दोनों मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है।
सीएसआईआर-यूजीसी-नेट और नीट-पीजी जैसी दो अन्य परीक्षाओं को एहतियाती कदम उठाते हुए रद्द कर दिया गया।
उधर, भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी जी, समाजवादी युवाजन सभा के अध्यक्ष फहाद आलम जी, सीवाईएसएस (आम आदमी पार्टी) के राष्ट्रीय प्रभारी अनुराग, युवा राजद के अध्यक्ष आईन अहमद तथा कुछ अन्य संगठनों के प्रमुखों ने संयुक्त संवददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
युवा कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, इन युवा नेताओं ने ‘नीट-यूजी’ परीक्षा में हुई ‘‘धांधली और पेपर लीक’’ को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों की कड़ी निंदा की और यह मांग की कि देश के युवा छात्रों को केंद्र सरकार जल्द से जल्द न्याय प्रदान करे।
युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास ने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी नीट यूजी परीक्षा में हुई धांधली और पेपर लीक के मुद्दे पर चर्चा करने से भाग रहे हैं। ‘मन की बात’ के लिए प्रधानमंत्री मोदी के पास समय है पर देश के युवाओं के लिए उनके पास इतना भी समय नहीं है कि सदन में खुलकर इस विषय पर चर्चा की जा सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी को शिक्षा मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए और जल्द से जल्द नीट-यूजी की परीक्षा को रद्द कर फिर से परीक्षा करानी चाहिए। ’’ (भाषा)