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![पैसेंजर ट्रेन क्यों नहीं, स्पेशल में जनरल बोगी न होने पर हाईकोर्ट ने केन्द्र से जवाब मांगा पैसेंजर ट्रेन क्यों नहीं, स्पेशल में जनरल बोगी न होने पर हाईकोर्ट ने केन्द्र से जवाब मांगा](https://dailychhattisgarh.com/2020/article/1602247495ILASPUR_HC.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 9 अक्टूबर। यात्रियों की सुविधा के लिए पैसेंजर ट्रेन क्यों नहीं चलाई जा रही है। स्पेशल ट्रेन में जनरल बोगी क्यों नहीं है। इन बिंदुओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार से तीन हफ्ते के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता सुदीप श्रीवास्तव ने वकील संदीप दुबे के माध्यम से याचिका दायर की। जिस पर चीफ जस्टिस पी रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की बैंच ने सुनवाई की। कोरोना महामारी के कारण मार्च से पूरे देश में केंद्र सरकार और रेलवे द्वारा ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया। इसके बाद भी लॉकडाउन के समय श्रमिक स्पेशल ट्रेन राज्य सरकारों की मांग पर कुछ दिनों तक चलाई गई।
याचिका में कहा गया कि पूरे देश में स्पेशल ट्रेन करीब 151 ट्रेन शुरू की गई है। ट्रेन का नंबर बस चेंज किया गया,जबकि ट्रेन का नाम और रूट वही रखा गया। केन्द्र सरकार ने ही अपने महामारी अधिनियम के तहत जारी निर्देश में कहा है कि देश मे कोई भी कही भी बिना रोक टोक के यात्रा कर सकता है। फिर पैसेंजर ट्रेन छत्तीसगढ़ और आसपास के लिए क्यों नहीं चलाई जा रही है। ये संविधान में प्रदत अनुछेद 19(1)(स्र) का स्पष्ट उल्लंघन है।
कोर्ट ने सुनवाई के बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि गरीब और छोटो शहरों के लिए पैसेंजर ट्रेन क्यों नहीं चलाई जा रही और जो स्पेशल ट्रेन चल रही है जिसमें जनरल बोगी क्यों नहीं है, सभी रुट में एक पैसेंजर ट्रेन कम से कम होनी चाहिए। केंद्र को इस संबंध में 3 सप्ताह में शपथ पत्र देने के आदेश दिए हैं।