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रायपुर, 23 दिसम्बर। आईएसबीएम विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार राकेश तिवारी ने बताया कि सामग्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी में समकालीन प्रथाओं पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आई.एस.बी.एम. विश्वविद्यालय में शिक्षा के बेहतर विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सोमवार 21 दिसंबर को विज्ञान अध्ययनशाला और विज्ञान क्लब के तत्वाधान में यह इंटरनेशनल ई कांफ्रेंस आयोजित की गई जिसमें देश-विदेश से अनेक विद्वान शामिल हुए।
श्री तिवारी ने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरुआत विश्वविद्यालय के वर्चुअल भ्रमण से हुई। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. विनय अग्रवाल ने ई- संगोष्ठी में शामिल सभी वक्ताओं स्वागत किया एवं इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुये अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 संक्रमण काल में विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक गतिविधियों को ऑनलाइन मोड पर संचालित किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की यह ई-संगोष्ठी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं की ज्ञान वृद्धि के लिए समय-समय पर आयोजित कार्यक्रमों की कड़ी हैै।
श्री तिवारी ने बताया कि कार्यक्रम के विशेष अतिथि साउथ अफ्रीका जोहानसबर्ग विश्वविद्यालय भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर एलिटा प्रिंसलू और प्रोफेसर चर्लिस शेपर्ड थे । सेमीनार को संबोधित करने हुये उन्होंने कहा कि 21वीं सदी नैनो सदी बनने जा रही है। आज वस्तुओं के आकार को छोटा और मजबूत बनाने की होड़-सी मची हुई है। विभिन्न क्षेत्रों में नैनो तकनीक विकसित करने के लिए दुनिया भर में बड़े पैमाने पर शोध हो रहे हैं। अति सूक्ष्म आकार, बेजोड़ मजबूती और टिकाऊपन के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिसिन, ऑटो, बायोसाइंस, पेट्रोलियम, फॉरेंसिक और डिफेंस जैसे तमाम क्षेत्रों में नैनो टेक्नोलॉजी की असीम संभावनाएं बन रही हैं।