कारोबार
रायपुर, 16 अप्रैल। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिया प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि कैट ने बताया कि कुछ प्रमुख बड़ी ई कॉमर्स कंपनियां, जिन राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों जहां में कफ्र्यू अथवा लॉकडाउन लगा है उनमें अपने ई कॉमर्स पोर्टल के द्वारा गैर जरूरी सामन बेचने की अनुमति मांग रही है, को बेहद अनावश्यक और व्यापारियों के ताबूत में कील ठोकने जैसे काम करना बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि कैट ने कहा है कि ये कंपनियां खुद एवं अपने कथित लॉबी ग्रुप के माध्यम से राज्य सरकारों और केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर भारत के व्यापारियों को तहस नहस करने पर तुली हैं। कैट ने इस सम्बन्ध में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक पत्र भेजकर इन ई-कॉमर्स कंपनियों की इस नापाक मांग को एक सिरे से खारिज करने की मांग की है।
श्री पारवानी ने बताया कि अगर ई-कॉमर्स कंपनियों को गैर-जरूरी सामान बेचने की अनुमति दी जाती है तो व्यापारियों को भी कफ्र्यू अथवा लॉक डाउन वाले क्षेत्रों में गैर जरूरी सामान बेचने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा की ऐसा नहीं हो सकता की ई कॉमर्स कंपनियां तो व्यापार करती रहें और देश के व्यापारी जो भारत के बेटे हैं वो अपनी दुकाने बंद रख कर सरकार के नियमों का पालन करते रहे। देश का कानून एवं नियम सबके लिए एक हैं और किसी वर्ग विशेष को इसमें तरजीह नहीं दी जा सकती है क्योंकि यह न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत के विरुद्ध होगा।