राष्ट्रीय
सुकमा, 25 जुलाई । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में पांच नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि नक्सलियों पर कुल 19 लाख रुपये का इनाम घोषित है।
सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है।
चव्हाण ने बताया कि नक्सली अपने वरिष्ठ माओवादियों द्वारा किए गए अत्याचारों और “अमानवीय” और “खोखली” माओवादी विचारधारा से निराश हैं।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों नक्सलियों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कवासी दुला (25), सोढ़ी बुधरा (27) और महिला मड़कम गंगी (27) शामिल हैं, जो प्लाटून नंबर एक में क्रमश: डिप्टी कमांडर, सेक्शन कमांडर और सेक्शन ‘ए’ कमांडर के रूप में सक्रिय थे।
चव्हाण ने बताया कि तीनों माओवादियों के सिर पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम है।
चव्हाण ने बताया कि दो अन्य महिला नक्सलियों में पोडियाम सोमडी (25) और मड़कम आयते (35) के सिर पर दो-दो लाख रुपये का इनाम है।
उन्होंने बताया कि सुकमा पुलिस के नक्सल विरोधी प्रकोष्ठ की खुफिया शाखा और पड़ोसी राज्य ओड़िशा की पुलिस ने उनके आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ पुलिस दल पर हमला व सड़कों को नुकसान पहुंचाने समेत कई अन्य घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की सहायता प्रदान की गई और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। (भाषा)।
नई दिल्ली, 25 जुलाई । लीडिंग एग्रीटेक एग्रोस्टार ने गुरुवार को अपनी व्यापक पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) प्रभाव रिपोर्ट 2024 जारी की। इसमें इंडियन एग्रीकल्चर इकोसिस्टम (भारतीय कृषि पारिस्थितिकी तंत्र) पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाया गया है। सोइंग सीड्स ऑफ सस्टेनेबिलिटी (टिकाऊपन के बीज बोना) टाइटल वाली रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारतीय किसानों ने एग्रोस्टार उत्पादों और सलाहकारों की सेवाओं की मदद से अपनी उपज में औसतन 27 प्रतिशत की वृद्धि की है। वहीं किसानों की इनपुट लागत में 17 प्रतिशत की कमी आई है। कंपनी के कृषि-इनपुट उत्पादों ने 423 अरब लीटर पानी की खपत में कमी लाकर जल संरक्षण के ग्लोबल प्रयास में योगदान दिया है।
कंपनी ने भारतीय मिट्टी में 580 मीट्रिक टन कार्बन पदार्थ की बहाली में भी मदद की; अपनी आपूर्ति श्रृंखला में खाद्य क्षति को एक प्रतिशत से भी कम कर दिया; कार्यबल विविधता को बढ़ावा दिया और ग्रामीण एग्रीकल्चर इकोसिस्टम में महिलाओं को काम के अवसर दिए। कंपनी के फल और सब्जी पैक हाउस में 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी महिलाएं हैं। एस्पायर इम्पैक्ट ने एग्रीटेक कंपनी को 'गोल्ड लीफ' रेटिंग से सम्मानित किया है। 'किसानों को जीतने में मदद करना' एग्रोस्टार के संचालन का मूल उद्देश्य है। कंपनी पांच प्रमुख हितधारकों पर ध्यान केंद्रित करती है जिनमें क्रमश: कर्मचारी, रिटेल पार्टनर, लास्ट-मील डिलीवरी पार्टनर, ग्लोबल कस्टमर्स और किसान हैं। एग्रोस्टार के सह-संस्थापक और सीईओ शार्दुल शेठ ने कहा, "अपनी स्थापना के बाद से ही हम भारत भर के किसानों के जीवन पर सार्थक प्रभाव डालने की गहरी प्रतिबद्धता से प्रेरित हैं। कृषि क्षेत्र में गहराई से जुड़े एक संगठन के रूप में, सकारात्मक बदलाव लाना हमारे डीएनए में समाया हुआ है।" उन्होंने आगे कहा, "हमारी ईएसजी रिपोर्ट 2024 'स्थायित्व के बीज बोना' न केवल हमारे काम के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव को मापती है, बल्कि सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। हमें अपने प्रयासों के लिए एस्पायर इम्पैक्ट से गोल्ड रेटिंग प्राप्त करने पर गर्व है। हम अपने पहचाने गए संयुक्त राष्ट्र एसडीजी (स्थायी विकास लक्ष्यों) और किसानों की जीत में मदद करने के हमारे मिशन पर प्रभाव डालने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
एग्रोस्टार एक अत्याधुनिक डिजिटल-फर्स्ट रणनीति को भी अपनाता है, जो विभिन्न चैनलों के माध्यम से वैज्ञानिक कृषि ज्ञान प्रदान करता है। इस दृष्टिकोण ने सफलतापूर्वक एक करोड़ से ज्यादा किसानों के सवालों का समाधान किया है और वीडियो को 32.5 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिले हैं। किसानों के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट तक पहुंच बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। बाजार में नकली और कम-गुणवत्ता वाले उत्पादों की भरमार है। एग्रोस्टार अपने मजबूत ओमनीचैनल वितरण प्रणाली के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले एग्रोस्टार ब्रांडेड उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराकर किसानों के सामने आने वाली इस बड़ी समस्या को हल करता है। एग्रोस्टार एशिया के सबसे बड़े एग्री-एडवाइजरी सेंटर (कृषि-सलाहकार केंद्र) को संचालित करता है, जहां प्रतिदिन 30 हजार से अधिक किसानों के साथ बातचीत की जाती है। इसके अलावा अपने मोबाइल ऐप के माध्यम से 90 लाख से ज्यादा किसानों के डिजिटल नेटवर्क को समाधान और मार्गदर्शन देता है। भारत के 11 राज्यों में 10 हजार से ज्यादा रिटेलर स्टोर्स के नेटवर्क के साथ, एग्रोस्टार जरूरी उत्पादों तक आसान पहुंच की सुविधा देता है। इससे किसानों को अपने खेत प्रबंधन के बारे में आसानी से फैसला लेने में मदद मिलती है।
एग्रोस्टार नेटवर्क में उपलब्ध कराई गई टेक्निकल इनोवेशन और कृषि विज्ञान सहायता के माध्यम से किसान अब अपने उत्पादों जैसे अनार को अमेरिका और केले को यूरोपीय संघ को निर्यात करने में सक्षम हो रहे हैं, जिससे ताजे भारतीय फलों और सब्जियों के निर्यात के लिए नयी सीमाएं खुल रही हैं। अपने ब्रांड 'किमाये' के जरिए कंपनी भारतीय किसानों को 25 से ज्यादा देशों में ग्लोबल ग्राहकों तक पहुंचने और उनकी उपज के लिए प्रीमियम अर्जित करने में मदद कर रही है। एस्पायर इम्पैक्ट के सह-संस्थापक और सीईओ अरविंद श्रीधरन ने कहा, "हमें एग्रोस्टार के किसानों, भागीदारों और कर्मचारियों के साथ व्यापक बातचीत के माध्यम से भारतीय कृषि पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव का आकलन करने का सौभाग्य मिला। स्थिरता और इनोवेशन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके काम के हर पहलू में स्पष्ट है। यह रिपोर्ट पॉजिटिव बदलाव लाने के लिए उनके समर्पण को दर्शाती है और उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए एक उच्च मानक स्थापित करती है।" -(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई पिछले दो वर्षों के दौरान संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होने की कोई घटना सामने नहीं आई है।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बृहस्पतिवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया ‘‘हाल में, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने 5 मई, 2024 को ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में नीट (यूजी) परीक्षा आयोजित की। कथित अनियमितताओं के कुछ मामले सामने आए।’’
उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद, मामले को 22 जून, 2024 को व्यापक जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था।
सिंह ने कहा, ‘‘पिछले दो वर्षों के दौरान संघ लोक सेवा आयोग , कर्मचारी चयन आयोग , रेलवे भर्ती बोर्ड और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होने की कोई घटना सामने नहीं आई है।’’
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए सरकार ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 लागू किया और इसके बाद इस कानून के तहत नियम भी अधिसूचित कर दिए गए हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई पिछले दो वर्षों के दौरान संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होने की कोई घटना सामने नहीं आई है।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बृहस्पतिवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया ‘‘हाल में, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने 5 मई, 2024 को ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में नीट (यूजी) परीक्षा आयोजित की। कथित अनियमितताओं के कुछ मामले सामने आए।’’
उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद, मामले को 22 जून, 2024 को व्यापक जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था।
सिंह ने कहा, ‘‘पिछले दो वर्षों के दौरान संघ लोक सेवा आयोग , कर्मचारी चयन आयोग , रेलवे भर्ती बोर्ड और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होने की कोई घटना सामने नहीं आई है।’’
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए सरकार ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 लागू किया और इसके बाद इस कानून के तहत नियम भी अधिसूचित कर दिए गए हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर कार्य करते हुए दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया। इस अवसर वह शिक्षिका की भूमिका में नजर आईं और विद्यार्थियों से ग्लोबल वार्मिंग और इसे रोकने के तरीकों पर संवाद किया।
राष्ट्रपति संपदा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय में नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए उन्होंने जल संरक्षण पर जोर दिया और उन्हें अधिक पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि जलवायु परिवर्तन के असर को कम किया जा सके।
कक्षा के 53 विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ मैं पिछले कई दिनों से सोच रही थी कि आपसे बात करूं क्योंकि आजकल के बच्चे बहुत प्रतिभाशाली हैं। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।’’
संवाद की शुरुआत में राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से उनकी अभिलाषा और पसंदीदा विषयों के बारे में पूछा तथा यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि विद्यार्थी वैज्ञानिक और डॉक्टर बनने को इच्छुक हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में वैज्ञानिक, जनता, प्रशासक और शासक बहुत बड़ी समस्या पर संगोष्ठी, सम्मेलन और सभा कर रहे हैं; क्या आप जानते हैं वह समस्या क्या है? इस पर तुरंत विद्यार्थियों ने जवाब दिया, ‘‘ जलवायु परिवर्तन’, ‘ग्लोबल वार्मिंग’ और ‘पर्यावरण प्रदूषण’।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने स्कूल में पढ़ा था कि छह ऋतुएं होती हैं लेकिन हम ‘‘केवल चार महसूस’ करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इन चारों में से सबसे ज्यादा गर्मी का एहसास हमें ग्लोबल वार्मिंग की वजह से होता है। दिन-ब-दिन तापमान बढ़ता जा रहा है और इसका असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि जानवरों, पक्षियों और पेड़ों पर भी पड़ रहा है।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से देश के कई हिस्से सूखे की मार झेल रहे हैं, इसलिए जल संरक्षण की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘बच्चे यह भी जानते हैं कि पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है और हमें और पेड़ लगाने चाहिए। हमें पानी की बर्बादी को रोकने और उसके संरक्षण के लिए कदम उठाना चाहिए। हमें वर्षाजल को जमा करना चाहिए।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि जरूरत से अधिक पेड़ काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि और अधिक पेड़ लगाने, जंगलों को बचाने और वायु प्रदूषण कम करने की जरूरत है तभी हम भविष्य मे ‘इसे (ग्लोबल वार्मिंग) रोकने में सक्षम होंगे।
राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों से अपने जन्मदिन पर भी पेड़ लगाने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में आपके साथ संवाद कर खुशी हो रही है। मुझे आपसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। आप नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं और बहुत ही प्रतिभाशाली हैं। आप ग्लोबल वार्मिंग के असर के बारे में सचेत हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि जब आप बड़े होंगे तब ग्लोबल वार्मिंग निश्चित तौर पर कम होगी।
ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। उन्होंने 25 जुलाई 2022 को देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली।
देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन होने से पहले मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर भी आसीन थीं।(भाषा)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर कार्य करते हुए दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया। इस अवसर वह शिक्षिका की भूमिका में नजर आईं और विद्यार्थियों से ग्लोबल वार्मिंग और इसे रोकने के तरीकों पर संवाद किया।
राष्ट्रपति संपदा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय में नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए उन्होंने जल संरक्षण पर जोर दिया और उन्हें अधिक पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि जलवायु परिवर्तन के असर को कम किया जा सके।
कक्षा के 53 विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ मैं पिछले कई दिनों से सोच रही थी कि आपसे बात करूं क्योंकि आजकल के बच्चे बहुत प्रतिभाशाली हैं। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।’’
संवाद की शुरुआत में राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से उनकी अभिलाषा और पसंदीदा विषयों के बारे में पूछा तथा यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि विद्यार्थी वैज्ञानिक और डॉक्टर बनने को इच्छुक हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में वैज्ञानिक, जनता, प्रशासक और शासक बहुत बड़ी समस्या पर संगोष्ठी, सम्मेलन और सभा कर रहे हैं; क्या आप जानते हैं वह समस्या क्या है? इस पर तुरंत विद्यार्थियों ने जवाब दिया, ‘‘ जलवायु परिवर्तन’, ‘ग्लोबल वार्मिंग’ और ‘पर्यावरण प्रदूषण’।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने स्कूल में पढ़ा था कि छह ऋतुएं होती हैं लेकिन हम ‘‘केवल चार महसूस’ करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इन चारों में से सबसे ज्यादा गर्मी का एहसास हमें ग्लोबल वार्मिंग की वजह से होता है। दिन-ब-दिन तापमान बढ़ता जा रहा है और इसका असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि जानवरों, पक्षियों और पेड़ों पर भी पड़ रहा है।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से देश के कई हिस्से सूखे की मार झेल रहे हैं, इसलिए जल संरक्षण की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘बच्चे यह भी जानते हैं कि पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है और हमें और पेड़ लगाने चाहिए। हमें पानी की बर्बादी को रोकने और उसके संरक्षण के लिए कदम उठाना चाहिए। हमें वर्षाजल को जमा करना चाहिए।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि जरूरत से अधिक पेड़ काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि और अधिक पेड़ लगाने, जंगलों को बचाने और वायु प्रदूषण कम करने की जरूरत है तभी हम भविष्य मे ‘इसे (ग्लोबल वार्मिंग) रोकने में सक्षम होंगे।
राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों से अपने जन्मदिन पर भी पेड़ लगाने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में आपके साथ संवाद कर खुशी हो रही है। मुझे आपसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। आप नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं और बहुत ही प्रतिभाशाली हैं। आप ग्लोबल वार्मिंग के असर के बारे में सचेत हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि जब आप बड़े होंगे तब ग्लोबल वार्मिंग निश्चित तौर पर कम होगी।
ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। उन्होंने 25 जुलाई 2022 को देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली।
देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन होने से पहले मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर भी आसीन थीं।(भाषा)
बलिया, 25 जुलाई । बिहार-बलिया बॉर्डर के नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से अवैध वसूली का खेल चल रहा था। इसके बाद आला पुलिस अधिकारियों ने छापेमारी कर नरही थानाध्यक्ष समेत चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। आजमगढ़ डीआईजी वैभव कृष्ण ने पूरे मामले को लेकर बताया, "नरही क्षेत्र, यूपी-बिहार के बॉर्डर के अंतर्गत एक तिराहे पर काफी समय से ट्रक से अवैध वसूली की सूचना मिल रही थी। इसमें कुछ पुलिसकर्मी की संलिप्तता की खबरें भी बताई जा रही थी। बुधवार की रात एडीजी जोन वाराणसी और मेरे द्वारा सादे वस्त्र में इसकी रेकी की गई और फिर सुनियोजित तरीके से रेड की गई। इसमें काफी लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जबकि तीन अन्य मौके से भाग गए।"
उन्होंने आगे बताया, भरौली तिराहे के आगे एक पुलिस चौकी पड़ती है, वहां से भी अवैध वसूली की जा रही थी। कुल मिलाकर 16 दलालों और 2 पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हुई है, साथ ही थाना प्रभारी नरही समेत पूरे चौकी को सस्पेंड कर दिया गया है और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। आजमगढ़ डीआईजी वैभव कृष्ण ने आगे बताया कि छापेमारी में 37,500 रुपए और 14 मोटरसाइकिल बरामद हुई है। ऐसे तथ्य सामने आए हैं कि ये लोग प्रतिवाहन 500 रुपए वसूलते थे और एक दिन में करीब 1000 वाहनों से वसूली करते थे। जिन ट्रकों से वसूली की जाती थी, उसमें बालू, मिट्टी और कोयला होते थे। ये सारे ट्रक बिहार से आते थे। पूरे मामले की अभी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि शासन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर अवैध वसूली के खिलाफ एक्शन लिया गया। ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और जनता को साफ पुलिस प्रशासन मुहैया कराने की पूरी कोशिश रहेगी। -(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अरुण कुमार सागर ने बृहस्पतिवार को बसपा संस्थापक दिवंगत कांशीराम को मरणोपरांत ‘भारत-रत्न’ से सम्मानित करने की मांग लोकसभा में उठाई।
सागर ने शून्यकाल में कांशीराम को दलितों के उत्थान के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाला नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने दलित राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान बनाया तथा दबे-कुचले वर्ग के लोगों को आगे लाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार से अनुरोध है कि कांशीराम के समाज और देश के प्रति योगदान को देख्रते हुए उन्हें (मरणोपरांत) भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।’’ (भाषा)।
भुवनेश्वर, 25 जुलाई। ओडिशा विधानसभा में बृहस्पतिवार को उस समय हंगामा देखने को मिला जब कांग्रेस सदस्यों ने आंध्र प्रदेश में पोलावरम बांध परियोजना पर सदन की समिति गठित करने की मांग की। विपक्षी दल ने दावा किया कि इस परियोजना से आदिवासी बहुल मलकाननगिरि जिले में जमीन का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो सकता है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता राम चंद्र कदम ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने पोलावरम परियोजना को बढ़ावा देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की और कहा कि इससे मलकानगिरि जिले में लगभग 1400 हेक्टेयर से 1500 हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो जाएगी।
उन्होंने दावा किया कि मलकानगिरि जिले के गरीब और निर्दोष आदिवासी पोलावरम परियोजना के शिकार होंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र ने ‘‘ओडिशा में प्रभावित लोगों की समस्याओं का समाधान किए बिना आंध्र प्रदेश में सिंचाई परियोजना को बढ़ावा दिया।’’ उन्होंने मांग की कि पोलावरम परियोजना और मलकानगिरि जिले के आदिवासी लोगों पर इसके प्रभाव पर चर्चा के लिए सदन की एक समिति गठित की जाए।
कदम ने कहा कि पोलावरम परियोजना का प्रतिकूल प्रभाव न केवल आदिवासी लोगों पर पड़ेगा, बल्कि वनों, वन्यजीवों और स्थानीय पर्यावरण पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ओडिशा से चुने गए 20 सांसद और राज्य की ‘डबल इंजन’ सरकार मलकानगिरि जिले के लोगों के हितों की रक्षा करने में विफल रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत राजग सरकार आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी को खुश करने के लिए और केंद्र में अपनी सरकार को बचाने के वास्ते पोलावरम परियोजना को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र के इस कदम के विरोध में बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेगी।
कांग्रेस के सदस्य जब पोलावरम मुद्दे को उठा रहे थे, तब बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्य सदन में चुप रहे।
अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी इस मामले पर चुप रहीं तो वरिष्ठ सदस्य ताराप्रसाद बहिनपति के नेतृत्व में कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आ गए और पोलावरम परियोजना पर सदन की एक समिति गठित करने की मांग करने लगे।
विपक्षी दल बीजद के सदस्य भी कांग्रेस विधायकों के साथ आसन के निकट आ गए और संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग के उस बयान को हटाने की मांग की, जिसमें उन्होंने सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान व्यवधान पैदा करने के आरोप में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक को गिरफ्तार करने की बात कही थी। बीजद सदस्यों ने भी सदन में नारेबाजी की।
सदन में जारी हंगामे के मद्देनजर अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी। (भाषा)।
रामपुर, 25 जुलाई । समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी में राजस्व की टीम गुरुवार को शत्रु संपत्ति को चिन्हित करने पहुंची। इस दौरान शत्रु संपत्ति विभाग के पर्यवेक्षक भी मौजूद रहे। नायब तहसीलदार ने बताया कि मुकदमा में वांछित पैमाइश के चलते दोबारा पैमाइश की जा रही है। इसमें पिलर बनाकर सीमांकन किया जा रहा है। इससे पहले इस मामले में स्टे हो गया था। अब यह पैमाइश की जा रही है। पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान पर फिर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है।
आजम के खिलाफ एक मामला नदी की जमीन कब्जाने का है। जबकि, दो मामले शत्रु संपत्ति कब्जाने के हैं। कब्जा की गई जमीन को जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाया गया था। शत्रु संपत्ति कब्जाने वाले मामलों में उनके अलावा पत्नी और दोनों बेटे भी आरोपी बनाए गए हैं। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने शत्रु संपत्ति कब्जाने के मामले में केस दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि आजम खान ने शत्रु संपत्ति को अपने जौहर विश्वविद्यालय में मिलाया है। इस सिलसिले में राजस्व विभाग की टीम ने जांच शुरू की। सपा नेता आजम खान ने साल 2006 में आलियागंज में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना का काम शुरू किया था। --(आईएएनएस)
वियनतियाने, 25 जुलाई । विदेश मंत्री एस जयशंकर आसियान की बैठक के लिए गुरुवार को अपने तीन दिवसीय दौरे पर लाओस की राजधानी वियनतियाने पहुंचे। एस जयशंकर ने कहा कि वह दक्षिण पूर्वी राष्ट्रों के संगठन के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं। एस जयशंकर ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, "आसियान-मैकेनिज्म बैठकों में हिस्सा लेने के लिए लाओस की राजधानी वियनतियाने पहुंच गया हूं।
एक्ट ईस्ट नीति के 10 साल पूरे होने के अवसर पर आसियान के साथ भारत के संबंधों को और गहरा बनाने की उम्मीद है।" वियनतियाने से विदेश मंत्री एस जयशंकर 29 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्रियों के साथ क्वाड विदेश मंत्रियों की अगली बैठक में हिस्सा लेने के लिए जापान के टोक्यो जाएंगे। वियनतियाने में दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के विदेश मंत्रियों की 57वीं बैठक (एएमएम) में 31 देशों के विदेश मंत्रियों और प्रतिनिधियों समेत 1 हजार से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
आसियान देश भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और इंडो-पैसिफिक विजन के एक प्रमुख साझेदार भी हैं। 2024 के आसियान अध्यक्ष के रूप में लाओस की ओर से 22-27 जुलाई तक 'आसियान: एन्हांसिंग कनेक्टिविटी एंड रेसिलिएंस' विषय पर 25 मंत्रिस्तरीय बैठकों की मेजबानी की जा रही है। विदेश मंत्री जयशंकर वियनतियाने में न केवल लाओस के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सलीमक्से कोमासिथ के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, बल्कि आसियान से संबंधित बैठकों के दौरान अन्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ भी बैठक करेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, चीनी विदेश मंत्री वांग यी, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी और कई अन्य देशों के विदेश मंत्री भी आसियान बैठकों के लिए वियांग चान में होंगे। --(आईएएनएस)
पटना, 25 जुलाई । बिहार में जन सुराज पदयात्रा कर रहे चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को बिहार की जातिगत राजनीति को लेकर तंज कसते हुए कहा कि अगर पीतल और सोना साथ रखा जाए तो किसी भी जाति के लोग हों, सोना ही उठाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि देश में ऐसा कोई मुख्यमंत्री नहीं जिनकी जाति के लोग राज्य में सबसे अधिक हों। देश में चुनाव में जाति की प्रमुखता है। मैं यह नहीं कहता कि जाति राजनीति में हावी नहीं है, लेकिन जाति ही राजनीति को तय करती है, इस बात में पूरी सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि देश और बिहार में लोगों ने बहुत चालाकी से यह बात लोगों के दिमाग में बैठा दी है ताकि नए लोग राजनीति में आने का प्रयास ही नहीं करें।
बिहार के लोगों ने कभी सोचा है कि नीतीश कुमार की जाति के लोग बिहार में कितनी संख्या में रहते हैं? लालू यादव की जाति के कितने लोग बिहार में रहते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि जब भी लगे कि हमारे जाति के लोग जब अधिक होंगे तभी हम राजनीति कर सकते हैं, तो इस बात में आपको जरा भी सच्चाई नहीं दिखेगी। देश में अलग-अलग राज्यों में जितने भी मुख्यमंत्री हैं, उसमें कोई भी ऐसा मुख्यमंत्री नहीं है, जिसकी जाति उस राज्य में सबसे ज्यादा हो। ये आपका हमारा भ्रम है कि हमारी जाति के अधिक लोग होने से ही हम राजनीति में आ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर पदयात्रा के जरिए राजनीति में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने महात्मा गांधी की जयंती यानी 2 अक्टूबर को पार्टी लॉन्च करने की घोषणा की है। वे लंबे समय से बिहार की यात्रा कर रहे हैं। --(आईएएनएस)
पुणे (महाराष्ट्र), 25 जुलाई । पुणे में बाढ़ के बीच करंट लगने से एक नेपाली नागरिक सहित तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं लवासा शहर में पहाड़ी खिसकने से तीन लोग अपने आलीशान विला में फंस गए। आपदा नियंत्रण कक्ष ने बताया कि पहली घटना में सुबह 3 बजे के आसपास जेड ब्रिज के पास बाढ़ के पानी से अपने मोबाइल स्नैक स्टॉल को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के प्रयास में तीन लोग झुलस गए। अधिकारियों ने बताया कि सभी को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मरने वालों की पहचान नेपाली युवक शिवा जिदबहादुर परियार (18), आकाश वी. माने (21) और अभिषेक ए. घनेकर (25) के रूप में हुई है। दूसरी घटना लवासा शहर की है।
भारी बारिश के कारण पहाड़ी का एक हिस्सा भरभरा कर तीन बड़े विला पर गिर गया। इसमें तीन लोगों के फंसने की खबर है। बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ की एक टीम मौके पर पहुंच गई है और पीड़ितों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। राजधानी में बुधवार रात से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो गया है। जिला प्रशासन ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को दिनभर बंद रखने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 12 घंटों (बुधवार-गुरुवार की मध्यरात्रि से) में पुणे के कई हिस्सों में रिकॉर्ड बारिश हुई । लवासा में (454 मिमी), लोनावला (323 मिमी), निमगिरी (233 मिमी), मालिन (181 मिमी), चिंचवाड़ (175 मिमी), तालेगांव और खडकवासला (168 मिमी), लावले (167 मिमी) और अन्य क्षेत्रों में 50 मिमी-150 मिमी के बीच बारिश हुई, जबकि पुणे में औसत बारिश 115 मिमी हुई।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार व्यक्तिगत रूप से पुणे के अलावा रायगढ़, मुंबई, ठाणे और राज्य के अन्य हिस्सों में बारिश के संकट की निगरानी कर रहे हैं और सभी एजेंसियां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सुबह से ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें पुणे पुलिस और पुणे फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर निंबज नगर, डेक्कन जिमखाना और सिंहगढ़ रोड जैसे शहर के इलाकों में बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को बचाने के लिए अभियान चला रही हैं। ये इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से हैं, यहां पानी घरों, दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों में घुस गया है। शहर में बाढ़ के पानी के कारण उखड़े हुए पेड़, टहनियां, दोपहिया और चार पहिया वाहन और अन्य सामान बिखरा पड़ा है, इसलिए कुछ इलाकों में नावों के जरिए फंसे स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश हो रही है। - (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 जुलाई । झारखंड की गोड्डा सीट से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने प्रदेश में घट रही हिंदू आबादी, बढ़ रहे बांग्लादेशी घुसपैठ, धर्मांतरण और एनआरसी का मुद्दा लोकसभा में उठाया। घट रही हिंदुओं की आबादी पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने एनआरसी लागू करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं जो कुछ भी कह रहा हूं अगर वह झूठ निकला, तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के तमाम नेता आज एक ही बात कह रहे हैं कि संविधान खतरे में है। हालांकि, सच्चाई कुछ और है। संविधान नहीं, कुछ लोगों की राजनीति खतरे में है। बिहार से अलग होकर जब झारखंड एक अलग राज्य बना था तब संथाल परगना क्षेत्र में 2000 में आदिवासियों की संख्या 36 फीसदी थी जो आज 26 फीसदी है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि दस फीसदी आदिवासी कहां खो गए? इस विषय पर इस सदन में कभी बात नहीं होती, सिर्फ वोट बैंक की राजनीति होती है।
उन्होंने आगे कहा कि झारखंड सरकार भी इस पर कोई एक्शन नहीं ले रही है। बांग्लादेश से घुसपैठ हमारे यहां लगातार बढ़ रही है, जो आदिवासी महिलाएं हैं उनके साथ बांग्लादेशी घुसपैठिये शादी कर रहे हैं। हमारे यहां से चुनाव लड़ने वाली आदिवासी महिलाओं के पति मुसलमान हैं, जिला परिषद की जो अध्यक्ष हैं उनके पति मुसलमान हैं। हमारे यहां एक लाख आदिवासी मुखिया हैं, जिनके पति मुसलमान हैं। उन्होंने कहा कि हर जगह प्रत्येक पांच साल में 15-17 प्रतिशत वोटर बढ़ता है। लेकिन हमारे यहां, 123 प्रतिशत आबादी बढ़ी है। मेरे लोकसभा क्षेत्र में आने वाले विधानसभा क्षेत्र मधुपुर में लगभग 267 बूथों पर मुसलमानों की आबादी 117 प्रतिशत बढ़ गई है।
झारखंड में 25 ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां की आबादी 123 प्रतिशत, 110 प्रतिशत आबादी बढ़ी है, यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पाकुड़ जिला में तारानगर इलामी, डांगापाड़ा में दंगा हो गया। दंगा इसलिए हुआ क्योंकि बंगाल से ममता बनर्जी की पुलिस और मालदा, मुर्शिदाबाद से लोग आकर हमारे लोगों को भगा रहे हैं। हिंदू का गांव का गांव खाली हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यह मैं ऑन रिकार्ड कह रहा हूं और सीरियस विषय है। अगर मेरी बात गलत होगी तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद से लोगों ने आकर हिंदुओं पर जुल्म किया। झारखंड पुलिस कोई काम नहीं कर पा रही है। उन्होंने आगे कहा कि पूरा मालदा, मुर्शिदाबाद, अररिया, कटिहार, किशनगंज से आकर लोगों ने हिंदुओं पर जुल्म किया। भारत सरकार से मैं इस मामले में हस्तक्षेप करने और इन इलाकों को यूनियन टेरिटरी बनाने की मांग करता हूं। (आईएएनएस)
नोएडा, 25 जुलाई । नोएडा में चोरों ने एक डिफेंस मिनिस्ट्री के अधिकारी का मोबाइल चोरी कर उनके बैंक अकाउंट से लाखों रुपये गायब कर दिया है। नोएडा के थाना एक्सप्रेसवे में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। मोबाइल चोरी होने के बाद बैंक से पैसे निकालने के मामले में साइबर थाने की पुलिस जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार, कर्नल आशीष कुमार द्विवेदी (डायरेक्टर) मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस, सेना भवन में कार्यरत हैं। वह नोएडा के सेक्टर-135 इलाके में बने डुप्लेक्स विला में रहते हैं।
उन्होंने पुलिस को बताया कि 6 जुलाई की रात करीब 9.45 से 10 बजे के बीच जब वह अपने इलाके वाजिदपुर में शनिवार बाजार में सब्जी खरीद रहे थे। इसी दौरान उनका फोन चोरी हो गया। अगले दिन थाने में जाकर उन्होंने फोन चोरी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद 8 जुलाई को जब उन्होंने नए फोन में अपने बैंक के ऐप को डाउनलोड कर बैलेंस चेक किया तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने बताया कि बैलेंस चेक करने के दौरान देखा कि उनके एसबीआई बैंक अकाउंट से 79,900 और पीएनबी बैंक अकाउंट से 34,000 रुपये गायब हैं। इसके बाद उन्होंने एक्सप्रेसवे थाने में जाकर पुलिस को जानकारी दी। जिसके बाद साइबर क्राइम में केस दर्ज किया गया। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह फ्रॉड कैसे किया गया है। --(आईएएनएस)
पटना, 25 जुलाई । बिहार विधानसभा में 24 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष पर जमकर बरसे। वेल में जाकर विरोध कर रहे विपक्षी खेमे की महिला सदस्य पर टिप्पणी की। उनको राजद की मंशा को लेकर सचेत रहने की नसीहत दी। सीएम की इस नाराजगी पर महिला विधायक रेखा पासवान ने प्रतिक्रिया दी तो वहीं इंडी अलायंस के विरोध को भाजपा विधायक ने मुद्दा विहिन प्रदर्शन करार दिया। रेखा पासवान ने कहा कि हम लोग विधानसभा में आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। हम मांग कर रहे थे कि आरक्षण को 9वीं अनुसूची में क्यों हटाया गया? गठबंधन के सभी विधायक प्रदर्शन कर रहे थे। इतने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में भड़क उठे।
आगे बोलीं, हमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं हुआ कि वह एक महिला पर वह इतना गुस्सा हो जाएंगे। ऐसा लगा कि हमारी आवाज को दबाने के लिए सदन में इस तरह से मुख्यमंत्री बोल रहे हैं। रेखा ने कटाक्ष किया कि शायद वो किसी और बात की खुन्नस निकाल रहे थे। राजद विधायक ने कहा, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला है। वह शायद इससे काफी गुस्से में हैं और इसलिए कहीं का गुस्सा कहीं निकाल रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्र हो गई है। वह क्या बोलते हैं शायद उन्हें भी पता नहीं होता है। विधायक पासवान ने नीतीश कुमार के उस बयान का जवाब दिया, जिसमें नीतीश कुमार ने सदन में कहा था कि महिला हो और तुम समझती नहीं हो। इन लोगों ने महिलाओं को कभी आगे नहीं बढ़ने दिया। राजद के समय महिलाओं को कभी बोलने की इजाजत नहीं थी। 2005 के बाद हमने महिलाओं को आगे बढ़ाया है।
विधायक ने आगे कहा, वह कहते हैं वह हमें लाए हैं, हमें नीतीश कुमार नहीं लाए हैं। हम लोग जितने भी आरक्षण से आए हैं। भीमराव अंबेडकर की देन है कि आरक्षण से विधायक बने हैं। हमारे पर कृपा नीतीश कुमार की नहीं, बल्कि लालू यादव, तेजस्वी यादव की है कि हम विधायक हैं। सभी ने देखा है कि किस तरह से सीएम ने हमें जलील किया है। वह कहते हैं हम महिला को सम्मान देते है, लेकिन, सम्मान के नाम पर वह इस तरह से अपमान करते हैं। दूसरी ओर, विपक्ष पर निशाना साधते हुए भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा देश में 60 साल तक इनकी सरकार रही। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 10 साल तक प्रधानमंत्री थे। लेकिन, वह बिहार नहीं आए। अब जब बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खजाना खोल दिया है तो उन्हें अब काला पट्टी बांधकर प्रदर्शन करना है। यहां कानून व्यवस्था का राज है, जो कानून का पालन नहीं करेगा, उसे सबक सिखाया जाएगा। बिना मुद्दे के विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। --(आईएएनएस)
देहरादून, 25 जुलाई । दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है। मानसून आते ही लोगों को गर्मी से राहत मिली है। झमाझम बारिश की वजह से कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। देवभूमि उत्तराखंड में भी लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में बारिश का यलो अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं कुछ जिले ऐसे ही भी हैं, जहां बारिश सामान्य से कम आंकी गई है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले चार से पांच दिनों तक पूरे उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जून के मुकाबले जुलाई में अच्छी बारिश देखी जा रही है। कुछ जिलों को छोड़कर प्रतिदिन प्रदेश में सामान्य बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटे में मूसलाधार बारिश भी हुई है। देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर, पौड़ी, चमोली में अच्छी बारिश हुई है। मसूरी में 120 एमएम, चमोली और बागेश्वर में 100 एमएम, नैनीताल में 70 एमएम की बारिश दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में आने वाले सप्ताह में ओवरऑल सामान्य बारिश होने की संभावना है। कुछ जिले देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी में मूसलाधार बारिश होने की आशंका है। बता दें कि नैनीताल, बागेश्वर और देहरादून में बीते दिन तेजी बारिश हुई थी। झमाझम बारिश होने से लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है, लेकिन उन्हें सावधान रहने के लिए भी कहा गया है। मौसम विभाग और पुलिस-प्रशासन ने लोगों से नदी के पास नहीं जाने की अपील की है। श्रद्धालु भी दूर-दूर से बड़ी संख्या में चारधाम यात्रा करने पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने केदारनाथ धाम में रात्रि में चलने वाली यात्रा पर रोक लगा दी है, और तीर्थयात्रियों से सतर्क रहने की अपील की गई है। -(आईएएनएस)
रांची, 25 जुलाई । नीट-यूजी पेपर लीक स्कैम में सीबीआई ने गुरुवार को हजारीबाग में एक बार फिर दबिश दी। दिल्ली और पटना से आई एजेंसी की टीम ने शहर के कटकमसांडी रोड स्थित राज गेस्ट हाउस की तलाशी ली। यहां से कई दस्तावेज एवं साक्ष्य जब्त किए गए हैं। इस गेस्ट हाउस के संचालक राजकुमार उर्फ राजू सिंह को सीबीआई ने 15 जुलाई को ही गिरफ्तार किया था। इसके बाद 16 जुलाई को गेस्ट हाउस को सील कर दिया गया था। सीबीआई की अब तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि पेपर लीक स्कैम का मेन सेंटर हजारीबाग ही था।
गुरुवार को सीबीआई की टीम इस स्कैम में संलिप्त रहे दो युवकों को अपने साथ लेकर दूसरी बार गेस्ट हाउस पहुंची, जहां करीब डेढ़ घंटे तक तलाशी और जांच की गई। इसके बाद टीम ने गेस्ट हाउस को फिर सील कर दिया। इसके पहले बुधवार को सीबीआई की टीम पेपर चुराने के आरोपी पंकज और उसके एक सहयोगी को लेकर हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल पहुंची थी। टीम ने इन दोनों को साथ लेकर स्कूल के उस कमरे की तलाशी ली, जहां पेपर रखा गया था। सीबीआई टीम ने उनसे पेपर को चुराने के लिए अपनाई गई पूरी प्रक्रिया की जानकारी ली। सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट को पहले ही जानकारी दी गई थी कि नीट-यूजी का पेपर हजारीबाग के ओएसिस स्कूल स्थित सेंटर से चुराया गया था।
सूत्रों के अनुसार, चुराया गया पेपर 30 से 60 लाख रुपए लेकर पटना, गुजरात के गोदारा, महाराष्ट्र के लातूर और हजारीबाग में करीब 150 परीक्षार्थियों का उपलब्ध कराया गया और परीक्षा के पहले उन्हें प्रश्नों के उत्तर रटवाए गए। इस मामले में सीबीआई ने बुधवार को एक आरोपी अविनाश उर्फ बंटी को गिरफ्तार किया था। बंटी ही वह शख्स है, जिसने सॉल्व किए गए पेपर को 16 मोबाइल के जरिए उन लोगों तक भेजा था, जिनसे भारी रकम वसूली गई थी। पेपर सॉल्व करने के लिए करीब एक दर्जन मेडिकोज को हायर किया गया था, जिन्हें हजारीबाग के राज गेस्ट हाउस में रुकवाया गया था। इस मामले में गिरफ्तार की गई रिम्स, रांची की छात्रा ने स्वीकार किया है कि उसे पेपर सॉल्व करने के लिए हजारीबाग ले जाया गया था। सॉल्वर गैंग के अन्य सदस्यों के भी नीट-यूजी परीक्षा के पहले हजारीबाग में मौजूद रहने के साक्ष्य मिल चुके हैं। --(आईएएनएस)
जयपुर, 25 जुलाई । राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक अमीन खां द्वारा राज्य की उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री दीया कुमारी ने कड़ी निंदा करते हुए इसे कांग्रेस पार्टी की बुरी मानसिकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा- ये कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है। जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो उनके मंत्री ने कहा था कि यह मर्दों का प्रदेश है, और आज कांग्रेस एमएलए प्रदेश की वित्त मंत्री को ‘बेचारी वित्त मंत्री’ कह रहे हैं। इसका मतलब कांग्रेस को महिला के वित्त मंत्री बनने पर बहुत बड़ी आपत्ति है। लेकिन हमारी भाजपा सरकार ने देश के वित्तमंत्री का पद भी महिला को दिया और प्रदेश में भी एक महिला को वित्तमंत्री बनाया जो महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा उदाहरण है।
महिला सशक्तिकरण से कांग्रेस को आपत्ति है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं को महिला सशक्तिकरण पर नसीहत भी दी। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के नेताओं को लगता कि महिलाओं को आगे नहीं बढ़ना चाहिए। महिलाओं को सिर्फ घर में बैठ कर काम करना चाहिए, महिलाओं को कोई पद नहीं मिलना चाहिए। यह बहुत ही ओछी मानसिकता को दर्शाता है। यह बहुत ही गलत बयानबाजी है”। इसके अलावा साधुओं पर दिए कांग्रेस नेता के बयान पर उन्होंने कहा, “साधुओं पर भी कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी बहुत ही गलत है। कांग्रेस का पूरा गठबंधन ही सनातन विरोधी गठबंधन है। इससे पहले भी कांग्रेसियों ने हिंदू धर्म को लेकर उल्टे-सीधे बयान दिए थे। जनता इस पार्टी की मानसिकता को भली-भांति जानती है। बता दें कि कांग्रेस विधायक अमीन खां ने बजट भाषण पर वित्त मंत्री के दिए भाषण पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘अधिकारियों ने बेचारी मैडम को पौने तीन घंटे खड़ा रख दिया’। --(आईएएनएस)
उत्तराखंड, 25 जुलाई । उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी पूरी कर ली है। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में प्रदेश के 99 नगर निकाय के लिए एक साथ चुनाव होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने चुनाव को लेकर किए गए इंतजाम पर बात की। आयोग के सचिव ने बताया कि जिन 93 जगहों पर नगर निकाय के चुनाव होने हैं वहां पर मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा नरेंद्र नगर, रुद्र प्रयाग, हर्बटपूर, कीर्तिनगर, रूड़की और बाजपूर जैसे छह नगर निकाय का विस्तृत पुनरीक्षण कर लिया गया है। इसका शेड्यूल भी जारी किया गया है। उन्होंने बताया, 9 अगस्त को सभी छह निकायों की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा।
जो भी मतदाता केंद्र हैं हमने उसके लिए स्वीकृति जनपदों को दे दी है। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील पोलिंग स्टेशन होते हैं मध्य स्थल होते है, उनके चिन्हीकरण का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव कराने के लिए वॉर्ड स्तर पर जो आरक्षण होना है वो शासन द्वारा किया जाना है। जैसे ही आरक्षण की स्थिति साफ हो जाएगी। इसके बाद आयोग के द्वारा चुनाव की अधिसूचना निकाली जाएगी।
इसके अलावा आयोग के द्वारा संपूर्ण टेंडर, बैलेट पेपर छपवाने का काम, मतदान से संबंधित सामग्री या चुनाव से संबंधित जरूरी चीजें होती हैं, वह हम पूर्ण कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव कराने के लिए आयोग पूरी तरह से तत्पर है। जल्द ही चुनाव शेड्यूल निकालकर चुनाव कराया जाएगा। मालूम हो कि प्रदेश में नगर निकाय चुनाव से पहले 5 लोकसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। इन पांच सीटों पर बीजेपी ने क्लीन स्विप किया था। हालांकि, विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने वापसी करते हुए जीत हासिल की थी। -(आईएएनएस)
पटना, 25 जुलाई । बिहार में मानसून सत्र के चौथे दिन महागठबंधन के नेताओं ने कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। हाथों में पोस्टर बैनर लेकर विधानसभा परिसर के बाहर महागठबंधन के नेता एकत्रित हुए और नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सरकार में आम लोगों को सांस लेना भी दूभर हो गया है। उन्होंने कहा, नीतीश सरकार के कार्यकाल में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। उसी का नतीजा है कि बदमाश दिनदहाड़े अपने नापाक इरादों को जमीन पर उतार रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। बता दें कि बुधवार को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। जिस पर पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किया गया। इसमें कांग्रेस के कई कार्यकर्ता घायल हो गए। गुरुवार को प्रदर्शनकारी नेताओं ने हाथों में पोस्टर लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
इस पोस्टर में राज्य सरकार के विरोध में कई तरह के नारे लिखे हुए थे। कुछ पोस्टर में कहा गया था कि बिहार में अब बुलडोजर राज नहीं चलेगा तो कुछ पोस्टर में लिखा था कि प्रदेश की जनता अब करे पुकार, बंद करो भ्रष्टाचार। बिहार में मानसून सत्र चल रहा है। जिसमें सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष के नेता हिस्सा ले रहे हैं। सत्तापक्ष के नेता जहां नीतीश सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं। उधर, विपक्ष के नेता नीतीश शासनकाल के दौरान प्रदेश की मौजूदा स्थिति को उनकी विफलता के रूप में पेश करने का प्रयास कर रहे हैं। भाकपा माले नेता रामबली सिंह यादव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए निशाना साधा। उन्होंने कहा, “बिहार के लोगों के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि नीतीश सरकार के कार्यकाल के दौरान अपराध अपने चरम पर पहुंच चुका है। अपराधियों में कानून का तनिक भी खौफ नहीं है। अपराधियों का मनोबल ऊंचा है। भ्रष्टाचारी मौज कर रहे हैं। जहानाबाद में शिक्षक का अपहरण किया गया। पालीगंज में एक जवान को गोली मार दी गई, तो अब आप देख लीजिए कि लोग सुरक्षित नहीं हैं। बीते दिनों मुकेश सहनी के पिता को घर में मार दिया गया। साफ है कि बिहार में अब अपराधियों को कानून का बिल्कुल भी खौफ नहीं है। पप्पू मांझी की हत्या नवादा में कर दी गई, लेकिन अपराधी घूम रहे हैं।
संजय मांझी का हाथ काट दिया गया। मैं खुलकर आप लोगों से यही कहना चाहता हूं कि बिहार में कानून व्यवस्था की हालत अब बहुत खराब हो चुकी है।” उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, कानून के मोर्चे पर भी यह सरकार पूरी तरह से विफल है। 15 दिन के अंदर 17 पुल गिर गए। इससे साफ है कि बिहार में अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए यह सब कुछ हो रहा है। मैं नीतीश कुमार से कहना चाहता हूं कि बिहार की जनता आप से हिसाब मांगने के लिए तैयार है, लेकिन आप सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने में मशगूल हैं। आपको बिहार की जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है।” वहीं राजद नेता आलोक मेहता ने नीतीश सरकार को घेरते हुए कहा, “बिहार में अपराधियों का दबदबा अपने चरम पर है। बदमाशों के हौसले बुलंद हैं और विपक्ष की यह जिम्मेदारी बन जाती है कि जब कभी भी किसी प्रदेश में अपराधियों का दबदबा अपने चरम पर पहुंच जाए, तो ऐसी स्थिति में विपक्षी दल सरकार से इस संबंध में सवाल करे।” --(आईएएनएस)
लखनऊ, 25 जुलाई । उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बुधवार को राज्य में बड़े पैमाने पर होने वाले आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। एसओपी इसलिए जारी किया गया है ताकि हाथरस में हुई भगदड़ जैसी घटना दोबारा न हो। एसओपी के अनुसार, खतरे का आकलन करने के बाद ही आयोजन की इजाजत दी जाएगी। वरिष्ठ अधिकारियों को खुद मौके पर पहुंचकर कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करना होगा। श्रेणीबद्ध सुरक्षा प्राप्त तथा विशिष्ट अतिथियों (मेहमानों) के आने-जाने का मार्ग आम जनता के मार्ग से अलग रखा जाएगा। राजपत्रित अधिकारी व स्थानीय मजिस्ट्रेट को प्रभारी नियुक्त किया जाएगा।
दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच, मॉल, रेलवे स्टेशन, राजनीतिक और आध्यात्मिक आयोजनों में भी बड़ी भीड़ उमड़ती है। इसलिए इन समारोहों में भगदड़ की भी आशंका रहती है। इसलिए भीड़ से संबंधित किसी भी आपात स्थिति और आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त और एडवांस तैयारी की जरूरत होती है। डीजीपी ने कहा, ''प्रभावी भीड़ प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की सिफारिशों के अनुरूप, हमने बड़े पैमाने के आयोजनों के दौरान आपदाओं और आपात स्थितियों को रोकने के लिए मुख्यालय स्तर पर एसओपी तैयार किया गया है।'' एसओपी के मुताबिक, भीड़ जनित आपदा के दृष्टिगत कमिश्नरेट, जिला, रेंज, जोन स्तर पर इंटीग्रेटेड सिस्टम विकसित की जाएगी। डीएम, सीएमओ, सिविल डिफेंस, अग्निशमन, विभिन्न स्वयंसेवी संगठन तथा स्थानीय पुलिस की ओर से इसे लगातार अपडेट किया जाता रहेगा। आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी विभाग नियमित पूर्वाभ्यास करेंगे। इसके अलावा, पुलिस लाइन में आयोजित होने वाले बड़े कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। सभी अस्पतालों को भी तैयार रखा जाएगा ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत इलाज दिया जा सके। डीजीपी प्रशांत कुमार ने आदेश दिया है कि इंटिग्रेटेड सिस्टम को स्थानीय परिस्थितियों के मद्देनजर प्रति वर्ष अपडेट और अपग्रेड किया जाए। पुलिस लाइनों में विशेष आयोजनों में सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक संचालन के संसाधनों और उपकरणों की रोजाना जांच कराई जाए और कर्मियों को इसके लिए ट्रेनिंग दी जाए। इसके अलावा यह भी आदेश दिया कि जिला, रेंज और जोन स्तर के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को चिन्हित किया जाए। वरिष्ठ अधिकारियों, स्थानीय मैजिस्ट्रेट और जिम्मेदार अधिकारियों के साथ कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया जाए। वहीं डीजीपी ने बताया कि परमिशन देने वाले अधिकारी और स्थानीय पुलिस पहले से चेक कर लें कि कार्यक्रम स्थल पर कोई खतरा नहीं है। वहां लोगों का आवागमन सुरक्षित है। संभावित खतरों जैसे कि आग, बिजली, सड़क दुर्घटना और श्वास अवरोधक के आकलन के आधार पर आपातकालीन योजना तैयार की जाए।
सभी विभागों से समन्वय बनाया जाए। कार्यक्रम की पूरी जानकारी और वहां आने वालों की अनुमानित संख्या की जानकारी जुटाई जाए। सुरक्षा और ट्रैफिक के लिए जरूरी पुलिस, पीएसी, केंद्रीय बल, अधिकारियों और संसाधनों का मांग पत्र तैयार किया जाए। मजबूत बैरिकेडिंग की जाए। उन्होंने आगे बताया कि कार्यक्रम स्थलों पर सीसीटीवी के जरिए मॉनिटरिंग की जाए। ऑपरेशनल कंट्रोल रूम बनाए जाएं। कार्यक्रम के प्रबंधन के लिए राजपत्रित अधिकारी (स्थानीय मजिस्ट्रेट) को प्रभारी नियुक्ति किया जाए। ड्यूटी पर लगाए जाने वाले फोर्स की समुचित ब्रीफिंग की जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के साथ अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जाए। कार्यक्रम स्थल पर लाइट, पीने का पानी और एंबुलेंस का इंतजाम किया जाए। भीड़ को कंट्रोल प्लान के तहत आने-जाने और पार्किंग का इंतजाम किया जाए।
मेहमानों (अतिथियों) के आने-जाने वाले रास्ते को अलग-अलग रखा जाए। जनता के लिए आने-जाने के रास्ते अलग हों। भगदड़ की स्थिति पर इलाज के लिए चिकित्सा विभाग से समन्वय बनाकर एंबुलेंस का इंतजाम किया जाए। उनके लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार कराया जाए। मृतकों को घटना स्थल और अस्पताल से उनके घर पहुंचाने और अंतिम संस्कार के लिए स्थानीय प्रशासन से समन्वय बनाकर कार्रवाई की जाए। जरूरत का आकलन करते हुए स्थानीय फील्ड यूनिट, फायर बिग्रेड, बीडीएस टीम, फ्लड यूनिट और एसडीआरएफ की भी मदद ली जाए। मीडिया को समुचित ब्रीफिंग की जाए, जिससे कोई गलत तथ्य या अफवाह न फैलने पाए। --(आईएएनएस)
नालंदा, 25 जुलाई । केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट में बिहार के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं, जिनमें नालंदा विश्वविद्यालय के लिए विशेष पैकेज भी शामिल है। केंद्रीय बजट पर नालंदा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने खुशी जताई। वाइस चांसलर अभय कुमार सिंह ने कहा, “हमारे लिए ये काफी खुशी की बात है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नालंदा विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए यहां के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की। इस पैकेज से नालंदा विश्वविद्यालय का विकास और भी तेजी के साथ हो पाएगा। यह नालंदा के विकास के लिए एक बहुत बड़ी घोषणा है।” उन्होंने पीएम मोदी के नालंदा विश्वविद्यालय के दौरे का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, “एक महीने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए भवन का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा था कि नालंदा के लिए स्वर्णिम युग की शुरुआत हो रही है। तभी से हम इस बात से अवगत थे कि नालंदा के लिए जो भी होगा, अच्छा ही होगा।” वाइस चांसलर ने केंद्रीय बजट की तारीफ की और कहा, “इस बजट सत्र में नालंदा के चौमुखी विकास की बात कही गई है। साथ ही कई अन्य योजनाओं को शुरू करने का भी ऐलान किया गया, जो नालंदा के लिए एक लाभकारी फैसला साबित होगा।”
उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि नालंदा को अपने लक्ष्यों को हासिल करने में जरूर कामयाबी मिलेगी। हमारे पास इस समय संसाधनों की कमी नहीं है। लेकिन, इनका सही इस्तेमाल होना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा, “नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर्जीवन से प्राचीन शिक्षा को फिर से बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान समय में, यहां लगभग 26-27 देशों के छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिसमें अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के देश के विद्यार्थी शामिल हैं।” - (आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई लोकसभा के कुछ सदस्यों द्वारा बृहस्पतिवार को अधिक हवाई किराये का मुद्दा उठाए जाने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू से कहा कि वह इसकी जांच कराएं क्योंकि पैसा संसद से जाता है जो चिंता की बात है।
नायडू ने कहा कि वह इस शिकायत की जांच कराएंगे।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान नागर विमानन मंत्रालय से जुड़ा पूरक प्रश्न पूछते हुए द्रमुक सांसद दयानिधि मारन ने एक निजी विमानन कंपनी का उल्लेख करते हुए अत्यधिक किराये का विषय उठाया।
उन्होंने कहा कि चेन्नई से दिल्ली की एक उड़ान का टिकट बुक कराते समय किराया पहले करीब 33 हजार रुपये दिखाया गया और जब भुगतान करने का प्रयास किया गया तो ‘ऐरर’ आ गया और कुछ देर बाद विमानन कंपनी द्वारा किराया तीन गुना तक अधिक दिखाया जाने लगा।
मारन ने इस संबंध में विमानन कंपनी के सॉफ्टवेयर की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया।
इस पर बिरला ने कहा, ‘‘माननीय मंत्री जी, सदस्य ने गंभीर विषय उठाया है। इसकी जांच होनी चाहिए। कई सदस्यों ने इसकी शिकायत की है। इसका (सांसदों के हवाई किराये का) पैसा संसद से जाता है, इसलिए भी हमें चिंता है।’’
नायडू ने कहा, ‘‘हम इसकी जांच कराएंगे।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि संविधान के तहत राज्यों के पास खदानों और खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने का विधायी अधिकार है।
सर्वोच्च न्यायालय की नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 8:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि खनिजों पर देय ‘रॉयल्टी’ कर नहीं है।
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने अपने और पीठ के सात न्यायाधीशों के फैसले को पढ़ा जिसमें कहा गया कि संविधान की दूसरी सूची की प्रविष्टि 50 के अंतर्गत संसद को खनिज अधिकारों पर कर लगाने की शक्ति नहीं है।
बहुमत के फैसले में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वर्ष 1989 में सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा दिया गया वह फैसला सही नहीं है जिसमें कहा गया था कि खनिजों पर ‘रॉयल्टी’ कर है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि पीठ ने दो अलग-अलग फैसले दिए हैं और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना ने असहमतिपूर्ण फैसला दिया है।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि राज्यों के पास खदानों तथा खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने का विधायी अधिकार नहीं है ।
प्रधान न्यायाधीश और न्यायमूर्ति नागरत्ना के अलावा पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति अभय एस. ओका, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा, न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह हैं।
पीठ ने इन विवादास्पद मुद्दे पर फैसला सुनाया कि क्या खनिजों पर देय ‘रॉयल्टी’ खान तथा खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 के तहत कर है। क्या केवल केंद्र को ही ऐसा कर लेने का अधिकार है या राज्यों को भी अपने क्षेत्र में खनिज युक्त भूमि पर कर लेने का अधिकार है। (भाषा)