अंतरराष्ट्रीय
जकार्ता, 28 अप्रैल | इंडोनेशिया के पश्चिमी प्रांत रियाउ के पास यात्रियों से भरी एक नाव समुद्र में डूब गई। इससे कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और नौ से अधिक लोग लापता हो गए। एक बचावकर्मी ने यह जानकारी दी। स्पीड बोट, एसबी एवलिन कैलिस्का 01, जिले के एक बंदरगाह से प्रस्थान करने के लगभग 30 मिनट बाद प्रांत के इंद्रगिरी हिलिर जिले के पुलाऊ बुरुंग में समुद्र में डूब गई। गुरुवार को प्रांतीय खोज और बचाव कार्यालय के प्रमुख आई न्योमन सिदकार्य ने कहा कि नाव रियाउ द्वीप प्रांत की राजधानी तंजुंग पिनांग में एक बंदरगाह की ओर जा रही थी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ को मिले एक बयान में उन्होंने कहा, मरने वालों की संख्या 11 तक पहुंच गई है और नौ अन्य के लापता होने की पुष्टि हो गई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सिदकार्या ने कहा कि हताहतों की संख्या और लापता लोगों की संख्या बढ़ सकती है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त बचाव दल ने 58 लोगों को बचाया।
रियाउ प्रांत में खोज एवं बचाव कार्यालय के प्रेस अधिकारी कुकुह विडोडो ने फोन पर शिन्हुआ को बताया कि नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार थे। (आईएएनएस)
औगाडौगौ, 28 अप्रैल | पूर्वी बुर्किना फासो में एक सैन्य टुकड़ी पर हुए हमले में 33 सैनिकों की मौत हो गई। सेना ने एक बयान में यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के हवाले से बयान में कहा गया है कि ओगारू की सैन्य टुकड़ी को गुरुवार सुबह एक बड़े हमले का निशाना बनाया गया, इसमें 33 सैनिकों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए।
बयान में कहा गया कि जवाबी हमले में कम से कम 40 आतंकवादियों को मार गिराया गया।
2015 से, पश्चिम अफ्रीकी देश में जारी संघर्ष में अब तक बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और हजारों नागरिक विस्थापित हुए हैं। (आईएएनएस)|
सियोल, 28 अप्रैल | दक्षिण कोरिया की अपराध दर 2021 में एक दशक में सबसे निचले स्तर पर आ गई है। हालांकि कोविड-19 महामारी के बीच साइबर अपराध तेजी से बढ़े हैं। सांख्यिकी कोरिया द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, एशिया की नंबर 4 अर्थव्यवस्था ने 2021 में प्रति 100,000 लोगों पर 1,774 आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जो एक साल पहले की तुलना में 12 प्रतिशत कम है। योनहाप न्यूज एजेंसी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2021 में हत्याओं की संख्या प्रति 100,000 लोगों पर 1.3 तक पहुंच गई, जो पिछले साल 18 फीसदी कम है।
हिंसा और चोरी के लिए वे क्रमश: 16 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत गिरकर 231 और 322 प्रति 100,000 हो गए।
इसके विपरीत, 2021 में बलात्कार का आंकड़ा 63.6 पर आ गया, जो इस अवधि में 9.4 प्रतिशत अधिक था।
साइबर डोमेन में अपराधों की कुल संख्या 2021 में 217,807 पर आ गई, जो साल-दर-साल 6.9 प्रतिशत कम है।
हालांकि, महामारी शुरू होने से ठीक पहले, 2019 से यह आंकड़ा 20 प्रतिशत बढ़ गया था।
दक्षिण कोरिया में आत्महत्याओं की संख्या प्रति 100,000 लोगों पर 26 तक पहुंच गई, जो 2017 से लगातार साल-दर-साल बढ़ती जा रही है। (आईएएनएस)|
मेलबर्न, 28 अप्रैल (आईएएनएस)| ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के एक बस ड्राइवर के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने के विरोध में 11 वर्षीय एक लड़के की कही बातों ने लोगों का दिल छू लिया। 9 न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, चालक संजय पटेल बस चला रहे थे और बस की अगली सीट पर ब्रॉक कीना बैठा था। इसी दौरान उसने स्वानसी से न्यूकैसल की यात्रा पर नस्लीय घटना देखी।
पटेल के अनुसार, एक बच्चे के साथ एक महिला बस में चढ़ी और धूम्रपान का एहसास होने पर वह चिल्लाने लगी।
पटेल ने बताया कि महिला अपने स्टॉप पर उतर गई कहा, तुम अफ्रीका क्यों नहीं चले, जहां से तुम आई हो।
इसके कुछ देर बाद बस में बैठा कीना, पटेल के पास गया और बोला, आपके साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए था, मुझे आशा है कि आप ठीक हैं।
कीना की उम्र के आसपास ही एक शरणार्थी के रूप में ऑस्ट्रेलिया आए पटेल ने अपना अधिकांश जीवन पश्चिमी सिडनी में बिताया। पटेल ने 9 न्यूज से बताया कि इसके पहले जब भी हमारे साथ आस्ट्रेलिया में नस्लीय दुर्व्यवहार किया गया, किसी ने भी मुझसे पहले ऐसा नहीं कहा था।
कीना ने कहा, मैं बस पटेल के पास गया और पूछा कि वह कैसा महसूस कर रहा है, क्योंकि जिस तरह से उनके साथ व्यवहार किया गया, वह गलत था, उससे मुझे बुरा लगा।
कीना के कार्य की न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिन्स ने भी सराहना की, जिन्होंने ट्वीट किया, न्यूकैसल के एक बस ड्राइवर को नस्लीय रूप से गाली दी गई, इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है, लेकिन 11 वर्षीय ब्रॉक की पहले से मैं खुश हूं।
इससे यह संदेश गया कि किसी के दिन को बदलने में थोड़ी सी दया कितनी दूर जा सकती है।
कीना की मां मेलिसा ने 9न्यूज को बताया, यह सुनकर वास्तव में बहुत अच्छा लगा कि उसने संजय पटेल के साथ सहानूभूति जताई।
ट्रांसपोर्ट फॉर न्यू साउथ वेल्स द्वारा ब्रॉक को पटेल से बात करते हुए और हाथ मिलाते हुए दिखाया गया।
न्यू साउथ वेल्स के परिवहन के कार्यवाहक सीओओ मार्क हचिंग्स ने कहा, यह नहीं होना चाहिए, किसी को केवल अपना काम करने की कोशिश करने के लिए नस्लीय रूप से अपमानित नहीं किया जाना चाहिए, हम कार्रवाई करेंगे।
थाईलैंड की पुलिस ने एक महिला को गिरफ़्तार करने के बाद दावा किया है कि इस महिला ने अपने 12 दोस्तों और परिचितों को साइनाइड देकर मारा है.
पुलिस ने सरत रंगसिवुतापोर्न नाम की इस महिला को बैंकाॅक से मंगलवार को गिरफ़्तार किया है.
महिला की गिरफ़्तारी उनकी एक दोस्त सिरिपोर्न खानवोंग की मौत के बाद हुई पूछताछ के बाद की गई है. पीड़ित के परिवार ने पकड़ी गई इस महिला की भूमिका पर संदेह जताया था.
असल में उस महिला की मौत एक यात्रा के दौरान हुई थी. उस दौरान यह संदिग्ध महिला उनके साथ ही थी. पुलिस का आरोप है कि यह हत्या पैसे के लिए की गई थी.
इस मामले की जांच के बाद पुलिस ने इस हफ़्ते बताया था कि उन्हें संदेह है कि इस महिला ने ही अपने पूर्व बाॅयफ्रेंड सहित अन्य 11 लोगों को मारा है.
हालांकि सरत रंगसिवुतापोर्न ने पुलिस की ओर से लगाए आरोपों से इनकार किया है. पकड़ी गई महिला की ज़मानत याचिका ख़ारिज हो गई है. (bbc.com/hindi)
पेकनबारू (इंडोनेशिया), 28 अप्रैल। पश्चिमी इंडोनेशिया में एक नौका के डूबने से 11 लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य अब भी लापता हैं। नौका में कम से कम 78 लोग सवार थे।
पेकनबारू तलाश एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख न्योमन सिद्धकार्य ने बताया कि बचावकर्मियों को अभी तक 11 शव बरामद हुए हैं, जिनमें से अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। अभी तक 58 लोगों को बचाया गया है। इनमें से कई लोग घंटों तक पानी में रहने के कारण बेहोश हो गए थे।
स्थानीय टेलीविजन पर प्रसारित हो रही फुटेज में एक पलटी हुई नाव (स्पीडबोट) पर खड़े लोग मछली पकड़ने वाली नौका तक पहुंचने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
सिद्धकार्य ने बताया कि ‘एवलिन कैलिस्टा 01’ में 72 यात्री और चालक दल के छह सदस्य सवार थे। अधिकतर लोग परिवार के सदस्यों के साथ ईद-उल-फितर की छुट्टी मनाने के लिए अपने गृहनगर से लौट रहे थे।
रियाउ प्रांत में इंद्रगिरि हिलिर रीजेंसी के टेम्बिलाहन कस्बे में एक बंदरगाह से निकलने के करीब तीन घंटे बाद बृहस्पतिवार दोपहर को नौका डूब गई थी।
एपी निहारिका सिम्मी सिम्मी 2804 0817 पेकनबारू(इंडोनेशिया) (एपी)
नई दिल्ली, 27 अप्रैल । अमेरिका के कैलिफोर्निया की सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी ने सर्वसम्मति से जाति आधारित भेदभाव ख़त्म करने वाले एक विधेयक को मंजूरी दी है.
हालांकि अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के कारोबारियों और हिंदुओं के कई धार्मिक संगठनों ने इस कदम का विरोध किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि मंगलवार को कैलिफोर्निया सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी ने सर्वसम्मति से ऐसे एक विधेयक को 'हां' कहा है.
यदि यह क़ानून बन जाता है तो पहली बार होगा कि किसी अमेरिकी राज्य में जाति आधारित भेदभाव पर कानून बनाकर प्रतिबंध लगा दिया गया हो.
एनबीसी न्यूज़ के अनुसार, जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने के इरादे से एसबी403 नामक एक विधेयक को सीनेट की ज्यूडिशियरी कमेटी ने 8-0 से पारित कर दिया है.
इस तरह यह राज्य इस तरह का भेदभाव ख़त्म करके अमेरिका का पहला राज्य बनने से महज एक कदम दूर है.
तेनमोझी सौंदर्यराजन, जातिगत भेदभाव ख़त्म करने के लिए काम करने वाली संस्था इक्वलिटी लैब्स की संस्थापक और एक दलित एक्टिविस्ट हैं.
उन्होंने बताया, "आज मैं जाति व्यवस्था से उत्पीड़ित अपने समाज के सदस्यों और जाति समानता के लिए काम करने वाले लोगों के समर्थन में गर्व के साथ खड़ी हूं. मैं कह रही हूं कि जातिगत भेदभाव से पीड़ित कैलिफोर्निया अब इसके लिए कानून बनाने से महज एक कदम दूर है."
सौंदर्यराजन ने कहा कि इस विधेयक की बहुत ज़रूरत है.
उनकी संस्था इक्वलिटी लैब्स ने पूरे अमेरिका में जाति आधारित भेदभाव पर रोक लगाने के लिए सालों से आंदोलन चला रही है.
दूसरी ओर 'हिंदू पैक्ट' नाम की संस्था के संयोजक अजय शाह ने इसका विरोध करते हुए इसे रोकने की मांग की है.
संस्था ने इस बारे में एक बयान भी जारी किया है. (bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क, 27 अप्रैल अमेरिका पत्रकार, लेखिका और स्तंभकार ई ज्यां कैरोल ने डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अदालत में सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि देश के पूर्व राष्ट्रपति ने एक लग्जरी डिपार्टमेंट स्टोर में उनसे बलात्कार किया था।
कैरोल ने न्यायाधीशों से कहा, ‘‘मैं यहां इसलिए आई हूं, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने मेरा बलात्कार किया और जब मैंने इसके बारे में लिखा, तो उन्होंने ऐसा किए जाने से इनकार किया। उन्होंने झूठ बोला और मेरी प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिला दिया। मैं यहां मुकदमा लड़ने और अपनी प्रतिष्ठा एवं जीवन वापस लेने आई हूं।’’
कैरोल 1996 में उनसे हुए कथित बलात्कार को लेकर जब अदालत में अपना बयान दे रही थीं, उस समय ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ में इस मामले को ‘‘फर्जी और झूठी कहानी’’ बताया।
ट्रंप की इन टिप्पणियों के मद्देनजर न्यायाधीश ने उनके वकील को चेतावनी दी कि ऐसा करने से पूर्व राष्ट्रपति की कानूनी परेशानियां और बढ़ सकती हैं।
कैरोल ने अदालत से कहा कि वह 1996 में किसी बृहस्पतिवार की शाम को बर्गडोर्फ गुडमैन में ट्रंप से मिली थीं, जहां ट्रंप ने महिलाओं के अंत:वस्त्र खरीदने में उनसे मदद मांगी थी और इसी दौरान उन्होंने कपड़े बदलने के कमरे में उनसे बलात्कार किया।
उन्होंने कहा कि दशकों तक उन्होंने अपने दो मित्रों को छोड़कर किसी को यह बात नहीं बताई, क्योंकि उन्हें डर था कि ट्रंप उनसे इसका बदला लेंगे और उन्हें ‘‘लगा था कि यह मेरी गलती है’’।
कैरोल ने कहा कि उन्हें यह भी डर था कि उनके साथ जो हुआ, उसके लिए लोग उन्हें ही जिम्मेदार ठहराएंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘‘मी टू’’ मुहिम के बाद आपबीती लोगों को बताने का फैसला किया।
ट्रंप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। (एपी)
वाशिंगटन, 27 अप्रैल पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा है कि अमेरिका को रूस से संबंधों को लेकर भारत के साथ रणनीतिक संयम दिखाने की आवश्यकता है।
मैटिस ने साथ ही कहा कि भारत यूक्रेन पर रूस के हमले का समर्थन नहीं करता है।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध बहुत काफी मजबूत हुए हैं।
मैटिस ने बुधवार को कहा, ‘‘हमें कुछ संयम दिखाने की जरूरत है। वे (भारतीय) सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’
मैटिस ने बुधवार को ‘कांग्रेशनल इंडिया कॉकस’ के सह-अध्यक्ष रो खन्ना द्वारा आयोजित भारत-अमेरिका शिखर सम्मेलन में यह बयान दिया।
उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता बनाए रखी है और भारत सरकार यूक्रेन पर रूसी हमले का समर्थन नहीं करती।
मैटिस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे लेकर बहुत स्पष्ट रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत को अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करते रहना होगा।’’
मैटिस ने कहा कि भारत का रूस के निकट होना इस समय अमेरिका के लिए बुरा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत जो आखिरी चीज करना चाहता है...वह रूस और चीन को एक साथ लाना है।’’
चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) के अपने सहयोगी देशों के विपरीत भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की अभी तक निंदा नहीं की है और वह रूसी आक्रमण को लेकर संयुक्त राष्ट्र मंचों पर मतदान से दूर रहा है। भारत यूक्रेन में हिंसा पर तत्काल रोक लगाने और कूटनीति एवं वार्ता के जरिए संकट का समाधान करने पर जोर देता रहा है।
मैटिस ने कहा कि भारत रूसी प्रभाव क्षेत्र से बाहर आ रहा है। उन्होंने कहा कि यह भारत को भाषण देने का समय नहीं है, बल्कि यह उसके साथ काम करने का अवसर है, जिसका पड़ोस जटिल है।
उन्होंने कहा कि एक ओर उसका एक कट्टरपंथी और परमाणु हथियार रखने वाला पड़ोसी देश पाकिस्तान है और दूसरी ओर, उसका एक पड़ोसी चीन है जो उसे डराने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने अमेरिकी प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिकों के बीच सहयोग को जारी रखने और उनके आवागमन में आने वाली बाधाओं को दूर करने की मांग की। (भाषा)
अमेरिकी अधिकारियों ने पेट के खतरनाक संक्रमण को ठीक करने वाली एक दवा को मंजूरी दी है, जिसे मानव मल में मिलने वाले एक बैक्टीरिया से बनाया गया है.
अमेरिकी दवा नियामक अधिकारियों ने मानव मल से बनी एक दवा को मंजूरी दी है, जो पेट के खतरनाक इंफेक्शन से लड़ने में मददगार साबित हो सकती है. यह दवा सेरीज थेराप्युटिक्स नामक कंपनी ने बनाई है और उनका दावा है कि यह इलाज बहुत से डॉक्टरों द्वारा पेट के इंफेक्शन से लड़ने के लिए एक दशक से भी ज्यादा समय से इस्तेमाल किए जा रहे तरीके का सरल रूप है.
अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने क्लस्ट्रिडियम से होने वाले पेट के संक्रमण के लिए कैप्सूल के रूप में दवा को मंजूरी दे दी है. क्लास्ट्रिडियम बैक्टीरिया एक खतरनाक जीवाणु है जो पेट में दर्द, उलटी और दस्त जैसी परेशानियां पैदा कर सकता है. बार-बार होने पर यह संक्रमण घातक सिद्ध हो सकता है. अमेरिका में इसके कारण हर साल 15 हजार से 30 हजार के बीच लोगों की मौत होती है.
जहां एंटिबायोटिक काम ना करे
आमतौर पर इस बैक्टीरिया को एंटिबायोटिक्स से खत्म किया जा सकता है लेकिन उस इलाज में पेट में रहने वाले अच्छे बैक्टीरिया भी मारे जाते हैं, जिससे भविष्य में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. नई दवा ऐसे मरीजों को दी जाएगी जिन्हें एंटिबायोटिक का कोर्स मिल चुका है और इंफेक्शन खत्म नहीं हो रहा.
दस साल पहले कुछ डॉक्टरों ने मानव मल से जुड़े इलाज की सफलता के मामले सामने लाने शुरू किए. इसके तहत एक स्वस्थ व्यक्ति के मल का इस्तेमाल बीमार व्यक्ति का इलाज करने के लिए किया जा रहा था. उसी इलाज को दवा कंपनी ने परिष्कृत कर सरल बनाया है. एफडीए ने पिछले साल एक अन्य कंपनी फेरिंग फार्मा के ऐसे ही इलाज को मान्यता दी थी. लेकिन उस इलाज में मरीज को दवाई गुदाद्वार से दी जाती है.
मैसाचुसेट्स के केंब्रिज में स्थित कंपनी सेरीज अपना दवा का प्रचार एक ऐसे इलाज के रूप में कर रही है, जिसमें डॉक्टरों को मानव शरीर के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी पड़ेगी. इस दवा को वाउस्ट नाम से बेचा जाएगा और इसका कोर्स तीन दिन तक चलेगा जिसमें चार कैप्सुल रोज लेने होंगे.
अब मानव-मल बैंकों का क्या होगा
अब तक मानव मल जुड़े इलाज करने के लिए डॉक्टर स्टूल-बैंक यानी लैब में सुरक्षित रखे गए स्वस्थ मल का इस्तेमाल करते रहे हैं. ये बैंक अमेरिका के कई मेडिकल संस्थानों और अस्पतालों में उपलब्ध हैं. ऐसी आशंका है कि नई दवा के बाद मानव मल को दान करने वाले लोगों की संख्या घट सकती है. फिर भी कुछ स्टूल-बैंक खुले रखे जाएंगे.
अमेरिका के सबसे बड़े स्टूल-बैंक ओपनबायोम ने कहा है कि वह ऐसे मरीजों के लिए उपलब्ध रहेगा जो एफडीए द्वारा मान्यता प्राप्त नई दवाओं के योग्य नहीं माने जाएंगे. इनमें बच्चे और ऐसे वयस्क शामिल हैं जिन पर दवा का इस्तेमाल नहीं होगा. 2013 से अब तक यह बैंक मानव-मल के 65,000 से ज्यादा नमूने उपलब्ध करवा चुका है.
बैंक के मेडिकल प्रमुख डॉ. माजिद उस्मान ने बताया, "ओपनबायोम इन मरीजों के लिए फीसल ट्रांसप्लांटेशन सुविधा मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है.” ओपनबायोम का मानव-मल इलाज करीब 1,700 डॉलर यानी डेढ़ लाख रुपये के आस-पास पड़ता है. इसके लिए जमी हुई अवस्था में मानव मल को कुछ ही दिन में उपलब्ध करवा दिया जाता है. सेरीज ने अभी यह नहीं बताया कि उसके इलाज पर कितना खर्च आएगा.
बुधवार को जारी एक बयान में सेरीज के मुख्य वित्त अधिकारी एरिक शाफ ने कहा, "हम डॉक्टरों और मरीजों के लिए खर्च को कम से कम रखना चाहते हैं. हमारे विचार में हम जो सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं उनमें इलाज की आसानी एक है.”
कैसे बनाई जाती है दवा
सेरीज के अधिकारियों के मुताबिक दवा की निर्माण प्रक्रिया लगभग वैसी ही है, जैसी अब तक स्टूल-बैंक अपनाते रहे हैं. कंपनी वही तकनीक और उपकरण इस्तेमाल कर रही है जो कि रक्त संबंधी अन्य उत्पादों को शुद्ध करने और अन्य जैविक थेरेपी में इस्तेमाल होते हैं.
सबसे पहले कुछ दानकर्ताओं से मानव मल लिया जाता है. इन दानकर्ताओं की पहले ही डॉक्टर अन्य संक्रमणों के लिए जांच कर यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि वे स्वस्थ हैं और उनसे लिए सैंपल किसी भी सूरत में सेहत के लिए खतरनाक नहीं होंगे. उनके मल को फ्रीज किया जाता है और उसकी जांच की जाती है कि अन्य संक्रमणों, वायरसों व पैरासाइट का खतरा तो नहीं है.
उसके बाद कंपनी इन नमूनों को शुद्ध करके इनमें से स्वस्थ बैक्टीरिया को अलग कर लेती है और अन्य जीवाणुओं को खत्म कर दिया जाता है. मानव मल के एक नमूने से हजारों कैप्सुल बनाए जा सकते हैं.
हालांकि एफडीए ने चेतावनी दी है कि यह दवा अन्य संक्रमण पैदा कर सकती है और इसमें ऐसे तत्व हो सकते हैं जो एलर्जी कर सकें. इस इलाज को मान्यता देने से पहले 180 मरीजों पर अध्ययन किया गया था और उनमें से 88 फीसदी को इलाज के आठ हफ्ते बाद तक कोई बीमारी नहीं हुई.
वीके/एए (एपी)
अर्जेंटीना, 27 अप्रैल । अर्जेंटीना ने घोषणा की है कि वह चीन से जो सामान खरीदता है उसका भुगतान अब डॉलर की बजाय चीनी मुद्रा युआन में करेगा.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अर्जेंटीना ने यह फैसला देश के घटते डॉलर के भंडार के मद्देनज़र लिया है.
एजेंसी के मुताबिक सरकारी बयान में कहा गया है कि अप्रैल के महीने में अर्जेंटीना का लक्ष्य करीब एक अरब डॉलर के चीनी आयात का भुगतान युआन में करने का है.
इस भुगतान के बाद करीब 79 करोड़ डॉलर का मासिक आयात भी चीन को युआन में किया जाएगा.
चीनी राजदूत जू शियाओली के साथ बैठक के बाद अर्जेंटीना के वित्त मंत्री सर्जियो मस्सा ने कहा कि इस फ़ैसले के पीछे की वजह डॉलर की कमी को दूर करना है.
यह फ़ैसला ऐसे समय पर लिया गया है जबअर्जेंटीना में सूखे के कारण के कृषि निर्यात में भारी गिरावट आई है, जिसके चलते उसका डॉलर रिजर्व कमजोर हुआ है.
पिछले साल नवंबर में अर्जेंटीना ने अपने अंतरराष्ट्रीय भंडार को मज़बूत करने के लिए चीन के साथ 5 अरब डॉलर की मुद्रा बदली थी. (bbc.com/hindi)
सिंगापुर, 27 अप्रैल | सिंगापुर में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को आव्रजन लाभ हासिल करने के लिए अपने सहकर्मी और अपनी भतीजी की शादी कराने के आरोप में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। टुडे अखबार ने बताया कि मीरान गनी नागूर पिचाई ने 25 हजार डॉलर के बदले आर्थिक तंगी का सामना कर रही अपनी भतीजी की शादी भारतीय नागरिक अब्दुल कादर कासिम से, करा दी, जो 2016 में अपनी अल्पकालिक यात्रा पास का विस्तार करना चाहता था।
गौरतलब है कि सिंगापुर में प्रवेश की अपनी तिथि से 89 दिनों के बाद लघु अवधि के विस्तार की मांग करने वालों को स्थानीय प्रायोजक की आवश्यकता होती है।
ऐसे में पिचाई ने अपनी भतीजी, नूरजन अब्दुल को कासिम का प्रायोजक बनाने की व्यवस्था की।
धन की बात तय होने पर कासिम और नूरजन शादी के लिए सहमत हो गए। पिचाई को नूरजन के पूर्व पति ने 1 हजार डॉलर दिए।
सितंबर 2016 में शादी हुई थी। पिछले साल इमिग्रेशन एंड चेकपॉइंट्स अथॉरिटी के अधिकारियों ने अप्रवासन लाभ प्राप्त करने के लिए नकली विवाह आयोजित करने के आरोप में पिचाई को गिरफ्तार कर लिया।
आईसीए के सहायक अधीक्षक (एएसपी) गणेशवरन धनशेखरन ने अदालत से पिचाई के लिए छह महीने की जेल की सजा की मांग की।
बचाव पक्ष के वकील राजन सुब्रमण्यम ने कहा कि उनके मुवक्किल का इरादा केवल अपने सहयोगी और भतीजी की मदद करना था।
टुडे ने रिपोर्ट किया कि सुब्रमण्यम ने पिचाई के लिए कम सजा की मांग की।
जिला न्यायाधीश वोंग पेक ने कहा कि पिचाई को व्यवस्था से आर्थिक रूप से लाभ नहीं हुआ, लेकिन शादी की व्यवस्था में प्रमुख भूमिका निभाई।
पेक ने कहा, मैं अभियोजन पक्ष से सहमत हूं कि सामान्य रोकथाम की आवश्यकता है क्योंकि नकली विवाह का पता लगाना मुश्किल है।
कासिम को पिछले साल अगस्त में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी, जबकि नूरजन को इस साल फरवरी में सात महीने की जेल की सजा सुनाई गई। (आईएएनएस)
-एंथनी ज़र्चर
कहावत है- वक़्त किसी के लिए नहीं ठहरता और 80 साल के जो बाइडन के लिए ये बात मुश्किल की वजह बन सकती है.
क्या अमेरिकी राष्ट्रपति वोटरों को ये भरोसा दे पाएंगे कि उनकी उम्र कोई मुद्दा नहीं है.
बाइडन ने मंगलवार को कहा कि वो चार और साल व्हाइट हाउस में रहना चाहते हैं. लेकिन एबीसी न्यूज़ के एक पोल से पता चलता है कि अमेरिकी इसे लेकर संतुष्ट नहीं हैं.
सर्वे के मुताबिक 70 प्रतिशत अमेरिकी और 51 प्रतिशत डेमोक्रेट्स को लगता है कि उन्हें फिर से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. जो लोग नहीं चाहते कि वो चुनाव के मैदान में उतरें, उनके लिए सबसे बड़ी चिंता में से एक है बाइडन की उम्र.
बाइडन अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं. अगर वो फिर से चुनाव जीतते हैं तो अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करते वक़्त वो 82 साल के होंगे और कार्यकाल ख़त्म होने तक उनकी उम्र होगी 86 साल.
कमला हैरिस का सहारा?
अमेरिकी सरकार के आकड़ों के अनुसार 82 साल के किसी व्यक्ति की औसतन बाकी उम्र 6.77 साल है. इस उम्र के किसी व्यक्ति के साथ आठ प्रतिशत आशंका इस बात की होती है कि अगले 12 महीने में उनकी मौत हो जाए.
जिन वीडियो में उन्होंने "पर्सनल फ़्रीडम" की बात की और रिपब्लिकन विरोधियों से ख़तरे के बारे में बताया, उसमें उनकी उम्र का ज़िक्र नहीं था. यही नहीं, वीडियो में इस्तेमाल किए गए फुटेज में वो जॉगिंग करते औऱ म्यूज़िक का मज़ा लेते दिख रहे हैं.
इस वीडियो में उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को भी प्रमुखता से दिखाया गया है. अगर बाइडन काम करने के काबिल नही रहते तो कमला हैरिस को राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभालनी होगी.
बाइडन की टीम उम्मीद कर सकती है कि 58 साल की कमला हैरिस की मौजूदगी उनके कैंपेन में थोड़ी जीवंतता और ऊर्जा ला सकती हैं.
इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि 2012 में जब बराक ओबामा दोबारा दावेदारी पेश कर रहे थे तब उनके वीडियो में तत्कालीन उपराष्ट्रपति बाइडन नहीं थे.
उम्र से जुड़े सवालों का क्या जवाब है?
सेंटर फ़ॉर द पॉलिटिकल फ़्यूचर के डायरेक्टर और डेमोक्रेट्स अल गोर और जॉन केरी के सीनियर कैंपेन एडवाइज़र रहे वरिष्ठ राजनीतिक सलाहकार बॉब श्रुम कहते हैं कि ये वीडियो काफी नहीं होगा.
वो कहते हैं, "आप ज़ोरदार कैंपेन चलाकर उम्र से जुड़े सावालों का जवाब देते हैं. आप इसके बारे में बात करते हुए इसका जवाब नहीं देते."
उन्होंने कहा कि उम्र का मुद्दा तभी मुसीबत बनेगा अगर बाइडन कोई 'गंभीर' गलती करते हैं या फिर कैंपेन के दौरान कहीं लड़खड़ा जाते हैं. अगर ऐसा हुआ तो रिपब्लिकन, जो कि बाइडन की हर गलती पर नज़र रखते हैं - वो बाइडन के ख़िलाफ़ एक मज़बूत केस बना देंगे कि वो राष्ट्रपति पद के लिए फ़िट नहीं हैं.
पिछले साल रिपब्लिकन पार्टी के 54 प्रतिनिधियों ने निचले सदन में एक चिट्ठी लिखकर बाइडन की अवस्था पर 'चिंता'व्यक्त की और कहा था कि बाइडन को डिमेंशिया टेस्ट करना चाहिए.
इस चिट्ठी में बतौर राष्ट्रपति बाइडन की कई गलतियों का उल्लेख किया गया था. चिट्ठी में लिखा गया, "हाल की गलतियां अपने आप में अलग अलग बात नहीं है, वो एक बड़ी गिरावट का हिस्सा हैं जो उनकी लगातार गिरती अवस्था को दिखाती है."
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कई बार ऐसी 'चिंता' जाहिर कर चुके हैं. वो रिपब्लिकन पार्टी की ओर से 2024 में उम्मीदवार बनने के लिए प्रमुख दावेदार हैं. पिछले साल मिड टर्म चुनाव के दौरान ट्रंप ने बाइडन के लड़खड़ाने का एक वीडियो बार-बार दिखाया था.
ट्रंप ने एरिज़ोना में रैली में कहा था, "जो बाइडन साफ़ साफ़ बोल नहीं सकते. वो ठीक से सोच नहीं सकते."
ट्रंप की भी उम्र कम नहीं
बराक ओबामा 2012 में जब दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव मैदान में थे, तब उनके कैंपेन का हिस्सा रहीं जिम मेसिना मानती हैं कि डेमोक्रेट इस मुद्दे को हवा करने के लिए ट्रंप का सहारा तलाश सकते हैं. बाइडन से ट्रंप सिर्फ़ चार साल छोटे हैं.
बीबीसी से बात करते हुए मेसीना ने कहा, "वोटर कहते हैं कि दोनो बूढ़े हैं."
"अब बताएं कि कौन मेरा जीवन बेहतर बनाएगा."
"डेमोक्रेट्स हर रात एक काम करते हैं. हम अपने घुटनों पर बैठते हैं, और भगवान से दुआ करते हैं कि ट्रंप रिपब्लिकन के उम्मीदवार बने."
बाइडन की उम्र को लेकर सवाल चार साल पहले भी उठे थे. हालांकि कोविड के कारण प्रत्याशी उस तरीके से लोगों के सामने नहीं आए जैसे आमतौर पर होता है, अंत में उम्र एक बड़ा फ़ैक्टर नहीं बनी और बाइडन की जीत या ट्रंप की हार में इसकी भूमिका न के बराबर थी.
राष्ट्पति होने का कितना मिलेगा फ़ायदा
बाइडन को चुनाव अभियान में अपने राष्ट्रपति होने का फ़ायदा मिलेगा. उनकी यात्रा एयरफ़ोर्स वन से होगी. राजनीतिक इवेंट बेहतरीन तरीके से प्लान किए जाएंगे, उन्हें प्रोफ़ेशनल कैंपेन स्टाफ़ से साथ राष्ट्रपति की सुरक्षा से मदद मिलेगी.
यह एक बहुत ही अलग प्रकार का अनुभव है. उनके प्रतिद्वंद्वियों को न्यू हैम्पशायर और आयोवा की बर्फ में कैंपेन करना है. आमतौर पर यहां का बजट कम होता है और प्रतिस्पर्धा बहुत तगड़ी.
बाइडन को अपने विरोधियों के मुकाबले लक्ज़री मिलेगी. एबीसी के पोल में बाइडन के लिए उम्मीद की थोड़ी किरण है. उसके मुताबिक अगर बाइडन फिर से चुनाव लड़ते हैं तो 88 प्रतिशत डेमोक्रेट मुमकिन है कि अपने प्रत्याशी का साथ देंगे.
श्रुम कहते हैं, "बाइडन का हौसला बुलंद है."
"बाइडन को 2020 में कमतर आंका गया था. लोगों ने उन्हें छोटे चुनावों के मद्देनज़र ख़ारिज कर दिया था, बाद में उन्होंने ऐतिहासिक जीत हासिल की." (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 26 अप्रैल । तंबाकू कंपनी ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (बीएटी) पर अमेरिका ने 63.6 करोड़ डॉलर और अतिरिक्त ब्याज का जुर्माना लगाया है.
ये कंपनी उत्तर कोरिया को सिगरेट बेच रही थी जो अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन है.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि 2007 और 2017 के बीच उत्तर कोरिया सिगरेट भेजी गई.
बीएटी के प्रमुख जैक बाउल्स ने कहा, "हमें ग़लती का अफ़सोस है."
उत्तर कोरिया की परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल गतिविधियों को लेकर अमेरिका ने उस पर गंभीर प्रतिबंध लगाए हैं.
मंगलवार को हुआ ये समझौता बीएटी और अमेरिका के न्याय विभाग, ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय के बीच हुआ.
बीएटी दुनिया की सबसे बड़ी तंबाकू कंपनियों में से एक है. ब्रिटेन में वह टॉप 10 कंपनियों में शुमार है.
बीएटी कई मशहूर सिगरेट ब्रांड की मालिक है, जैसे- लकी स्ट्राइक, डनहिल और पाल माल. (bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क, 26 अप्रैल | भारतीय-अमेरिकी आईआईटी स्नातक हरेश गुरनानी को न्यूयॉर्क के स्टोनी ब्रुक विश्वविद्यालय में कॉलेज ऑफ बिजनेस का नया डीन नामित किया गया है और वह जुलाई से नई भूमिका संभालेंगे। गुरनानी वर्तमान में वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ बिजनेस में बिजनेस एनालिटिक्स, ऑपरेशंस मैनेजमेंट, मार्केटिंग और इकोनॉमिक्स के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
वह स्कूल में थॉमस एच. डेविस चेयर हैं, गणितीय व्यवसाय कार्यक्रम के कार्यक्रम निदेशक हैं, और नेटवर्क फॉर इनक्लूसिव लीडरशिप एंड एंगेजमेंट पर विश्वविद्यालय की समिति में कार्य करते हैं।
स्टोनी ब्रुक में कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रोवोस्ट और कार्ल लेजुएज ने कहा, हरेश हमारे अगले नेता के रूप में सेवा करने के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है, जो कॉलेज के विकास के लिए आवश्यक अनुभव और कौशल का एक प्रमुख सेट लाता है, जिसमें नामांकन वृद्धि का प्रबंधन, उद्योग साझेदारी का निर्माण और धन उगाहना शामिल है।
गुरनानी के अनुसंधान हित संचालन और आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषण, खुदरा वितरण चैनल डिजाइन और विपणन, स्वास्थ्य सेवा संचालन और विपणन, साझा अर्थव्यवस्था और स्थिरता में हैं।
वह मैनी लंदन का स्थान लेंगे, जिन्होंने एक दशक से कॉलेज के डीन के रूप में काम किया है।
गुरनानी ने एक बयान में कहा, व्यावसायिक शिक्षा छात्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक गतिशीलता और उद्यमशीलता के विकास के लिए मूल्यवान अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इंटर-कॉलेज सहयोग के लिए अपनी समृद्ध विरासत के साथ, मैं नई साझेदारी और कार्यक्रमों की पहचान करने और विकसित करने के लिए सहयोगियों के साथ काम करने के लिए उत्साहित हूं।
वेक फॉरेस्ट में बिजनेस स्कूल में क्षेत्र अध्यक्ष के रूप में, गुरनानी ने रणनीतिक योजना, नए कार्यक्रम विकास, संकाय भर्ती और विकास, अनुसंधान रणनीति व मान्यता समीक्षा की देखरेख की है।
गणितीय व्यापार कार्यक्रम के उनके नेतृत्व में, नामांकन 80 प्रतिशत बढ़ा है और कंपनी परियोजनाओं की पहचान करने के लिए उद्योग के साथ नई साझेदारी विकसित की गई है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय से संचालन अनुसंधान में मास्टर और डॉक्टरेट के साथ गुरनानी ने मियामी विश्वविद्यालय और हांगकांग विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में संकाय पदों पर भी काम किया है।
24,000 से अधिक छात्रों, 2,800 से अधिक संकाय सदस्यों के साथ, स्टोनी ब्रुक विश्वविद्यालय को फोर्ब्स द्वारा शीर्ष 35 सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में स्थान दिया गया है और यूएस न्यूज एंड वल्र्ड रिपोर्ट बेस्ट कॉलेज लिस्टिंग द्वारा देश के शीर्ष 80 विश्वविद्यालयों में से एक है। (आईएएनएस)
सूडान, 26 अप्रैल । मानवता के ख़िलाफ़ कथित अपराधों के लिए वॉन्टेड एक पूर्व सूडानी राजनेता ने बताया है कि वह और अन्य पूर्व अधिकारी अब जेल में नहीं हैं.
अहमद हारुन सूडान की राजधानी ख़ार्तूम के कोबर जेल में बंद उन लोगों में शामिल थे, जिन पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) में केस चल रहा है.
सूडान की सेना और अर्धसैनिक समूह के बीच संघर्ष विराम अभी भी काफी हद तक कायम है लेकिन इस बात को लेकर संदेश है कि दोनों पक्ष हाल-फ़िलहाल में शांति बहाल करने के पक्ष में हैं.
भारत ने सूडान में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन कावेरी' की शुरुआत कर दी है. अब यहां से भारतीयों की तीसरी खेप लाई जा रही है.
सूडान में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत वोल्कर पर्थेस ने कहा है कि ऐसा लगता है कि सूडान के कुछ हिस्सों में 72 घंटे का संघर्षविराम अभी भी जारी है. लेकिन ख़ार्तूम और पास के शहर ओमडुरमैन में गोलियों और विस्फोटों की जानकारी मिल रही है.
15 अप्रैल से सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल आरएएफ़ के बीच गृहयुद्ध चल रहा है. लेकिन अभी वहां सीज़फ़ायर लागू किया गया है ताकि विदेशी नागरिकों को दुनिया के देश सुरक्षित बाहर निकल सकें. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 26 अप्रैल। अफगानिस्तान में तालिबान की एक कार्रवाई में इस्लामिक स्टेट (आईएस) का एक आतंकवादी मारा गया, जो अगस्त 2021 में काबुल हवाईअड्डे पर हुए आत्मघाती बम विस्फोट का मुख्य साजिशकर्ता था।
यह हमला अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के दौरान किया गया था, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक और करीब 170 अफगान नागरिक मारे गए थे।
अमेरिका या तालिबान में से किसी को भी शुरुआत में काबुल हवाईअड्डे पर हमले के मुख्य साजिशकर्ता के मारे जाने की खबर नहीं थी।
कुछ अधिकारियों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि तालिबान और आईएस के सहयोगी गुट के बीच दक्षिणी अफगानिस्तान में इस महीने की शुरुआत में हुई लड़ाई के दौरान काबुल हवाईअड्डे पर आत्मघाती हमले का मुख्य साजिशकर्ता मारा गया।
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में अमेरिकी खुफिया तंत्र ने ‘‘पूरे विश्वास के साथ’’ पुष्टि की है कि इस्लामिक स्टेट का यह आतंकवादी मारा जा चुका है।
अमेरिकी सेना ने काबुल हवाईअड्डे के अब्बे गेट पर हुए आत्मघाती विस्फोट में मारे गए 11 नौसैनिकों, एक नाविक और एक सैनिक के माता-पिता को मुख्य साजिशकर्ता के मारे जाने के बारे में सप्ताहांत में सूचित करना शुरू किया, जिन्होंने एक ‘मैसेजिंग ऐप’ पर हुई निजी ग्रुप चैट में भी यह जानकारी साझा की।
विस्फोट में जान गंवाने वाले एक नौसैनिक के पिता ने कहा कि बेटे के हत्यारे के मारे जाने की खबर सुनकर सुकून मिला।
बाइडन प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि यह उनकी ‘‘नैतिक जिम्मेदारी’’ है कि वे जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों को बताएं कि ‘‘हमले का मुख्य साजिशकर्ता’’ और ‘‘हवाईअड्डे पर हमले के लिए जिम्मेदार व्यक्ति’’ मारा गया है।
कई अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका की हमले के मुख्य साजिशकर्ता के खिलाफ की गई कार्रवाई में कोई भूमिका नहीं थी और उसने तालिबान के साथ इसे लेकर कोई समन्वय नहीं किया था। (एपी)
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने घोषणा की है कि 24 मई को सिडनी में क्वाड देशों के नेताओं की बैठक होगी.
उन्होंने बताया है कि ऑस्ट्रेलिया पहली बार क्वाड नेताओं का सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है.
वहीं व्हाइट हाउस ने घोषणा की है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन जापान के हिरोशिमा में जी-7 देशों की बैठक के बाद क्वाड की बैठक में शामिल होंगे.
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में बताया है कि बाइडन 19 से 21 मई तक हिरोशिमा में रहेंगे उसके बाद वो सिडनी में होने जा रहे तीसरे क्वाड नेताओं के सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां पर जापान के प्रधानमंत्री फ़्यूमियो किशिदा, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेज़बान ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ भी होंगे.
क्या है क्वाड
क्वाड शब्द 'क्वाड्रीलेटरल सुरक्षा वार्ता' के क्वाड्रीलेटरल (चतुर्भुज) से लिया गया है. इस समूह में भारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.
क्वाड जैसे समूह को बनाने की बात पहली बार 2004 की सुनामी के बाद हुई थी जब भारत ने अपने और अन्य प्रभावित पड़ोसी देशों के लिए बचाव और राहत के प्रयास किए और इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान भी शामिल हो गए थे.
लेकिन इस आइडिया का श्रेय जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे को दिया जाता है. 2006 और 2007 के बीच आबे क्वाड की नींव रखने में कामयाब हुए और चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता की पहली अनौपचारिक बैठक वरिष्ठ अधिकारीयों के स्तर पर अगस्त 2007 में मनीला में आयोजित की गई.
चीन शुरू से ही क्वाड को चार विरोधी देशों का समूह मानता रहा है. उसे लगता है कि क्वाड के ये चार देश उसकी बढ़ती ताकत के खिलाफ गुटबंदी कर रहे हैं. (bbc.com/hindi)
सूडान में फंसे 135 लोगों को लेकर भारतीय वायुसेना का विमान IAF C-130J सूडान के सऊदी अरब के जेद्दा पहुंच गया है. सूडान से निकाले जाने वाले भारतीयों की ये तीसरी खेप है.
इससे पहले विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने दूसरे खेप में आए 148 लोगों की अगुवाई की.
साथ ही नौसेना का आईएनएस सुमेधा जेद्दा पोर्ट पर 278 लोगों के साथ पहुंचा.
विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, "ऑपरेशन कावेरी पूरी रफ़्तार से चल रहा है. दूसरा विमान IAF C-130J सूडान के बंदरगाह से जेद्दा के लिए रवाना किया गया है. ऑपरेशन कावेरी के तहत बचा कर लाई जाने वाले भारतीयों की ये तीसरी खेप है."
बीते दस दिन से सूडान की राजधानी खार्तूम और देश के अन्य हिस्सों में दो सैन्य बल आपस में भिड़ गए हैं.
इस टकराव के केंद्र में दो जनरल हैं. सूडानी आर्म्ड फ़ोर्सेस (एफ़एएस) के प्रमुख अब्देल फ़तह अल बुरहान और अर्द्धसैनिक बल रैपिड सपोर्स फ़ोर्सेस (आरएसएफ़) के लीडर मोहम्मद हमदान दगालो जिन्हें हेमेदती के नाम से भी जाना जाता है.
साल 2021 में दोनों ने एक साथ काम किया और मिलकर देश में तख़्तापलट किया था लेकिन अब दबदबे के लिए दोनों के बीच की लड़ाई ने सूडान को बदहाल कर दिया है.(bbc.com/hindi)
साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम धमाकों के लिए ज़िम्मेदार माने जाने वाले इस्लामिक स्टेट के मास्टरमाइंड को तालिबान ने मार दिया है.
अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है.
अगस्त 2021 में जब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की वापसी हुई थी और कई लोग देश छोड़ रहे थे, उसी दौरान काबुल एयरपोर्ट पर हमला हुआ था. इसमें 170 नागरिक और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे.
अमेरिकी अधिकारियों ने बीबीसी के अमेरिका में न्यूज़ पार्टनर सीबीएस न्यूज़ को बताया कि आईएस के कमांडर की मौत हफ्तों पहले हो गई थी, लेकिन उनकी मौत की पुष्टि करने में समय लगा.
इस कमांडर का नाम अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि जुटाए गए इंटेलिजेंस और मॉनिटरिंग के आधार पर उन्हें इस बात की पुख़्ता जानकारी है कि कमांडर को मारा जा चुका है.
हालांकि उन्होंने कोई और जानकारी साझा नहीं की और ना ही ये बताया कि उन्हें कैसे पता है कि काबुल एयरपोर्ट बम धमाके के लिए यही शख़्स ज़िम्मेदार था.
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने सीबीएस न्यूज़ से कहा, “सरकार के विशेषज्ञों को पूरा यक़ीन है कि यह शख़्स हमले के पीछे शामिल मुख्य लोगों में से एक था.”
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका को अप्रैल की शुरुआत में कमांडर की मौत का पता चला था.
हालांकि ये ठीक ठीक नहीं पता चल सका है कि तालिबान ने इस शख़्स को निशाना बनाकर मारा या ये तालिबान और आईएस के बीच जारी मुठभेड़ में मारा गया.(bbc.com/hindi)
पेशावर (पाकिस्तान), 25 अप्रैल। पुलिस ने देश के अशांत उत्तर-पश्चिम हिस्से में एक आतंकवाद-निरोधक केंद्र में हुए दोहरे विस्फोट के पीछे आतंकवाद का हाथ होने से मंगलवार को इनकार करते हुए कहा कि ये धमाके विद्युत शार्ट सर्किट की वजह से हुए थे।
सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की स्वात घाटी में काबल थाने के आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) में हुए इन धमाकों में कम से कम 17 लोगों की जान चली गयी थी और 70 घायल हुए थे।
पुलिस उपमहानिरीक्षक (सीटीडी) खालिद सुहैल ने बताया कि धमाकों में जिन लोगों की मौत हुई, उनमें एक बच्ची, 12 पुलिसकर्मी और चार कैदी शामिल थे।
आत्मघाती हमले के शुरुआती दावों का खंडन करते हुए सुहैल ने कहा कि सीटीडी थाने में हथियार एवं गोला-बारूद रखे गये थे तथा इन धमाकों की वजह संभवत: गोला-बारूद में विस्फोट थे।
जियो न्यूज के अनुसार सुहैल ने कहा, ‘‘वहां एक शस्त्रागार है, जहां भारी मात्रा में हमारे हथियार रखे थे और अबतक हमारा यही मानना है कि किसी लापरवाही के कारण उसमें कुछ विस्फोट हो गया होगा।’’
विस्फोट से दो दिन पहले दो संदिग्ध आतंकवादियों को सीटीडी स्वात पुलिस थाने लाया गया था और इस घटना में दोनों आतंकवादी मारे गए हैं।
स्वात के डीपीओ शफीउल्ला गंडापुर ने कहा कि विस्फोट का कारण शॉर्ट सर्किट था।
जियो न्यूज के मुताबिक, पुलिस की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इन दोनों धमाकों की वजह शस्त्रागार में 'शार्ट सर्किट' है।
प्राथमिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘बाहर से हमले का कोई सबूत नहीं मिला है।’’
पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ऐसी प्रबल संभावना है कि शार्ट सर्किट के कारण शस्त्रागार में आग लगी।’’
खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक अख्तर हयात ने आतंकवादी साजिश की संभावना से इनकार किया। उन्होंने कहा कि विस्फोट पुलिस थाने के अंदर रखे हथियारों के कारण हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि विस्फोट के कारण ढही मस्जिदों, घरों, विद्यालय की दीवार और छतों समेत आसपास की इमारतों से मलबों को हटाने का काम जारी है।
सुहैल ने बताया कि धमाकों के कारण “इमारत पूरी तरह ढह गई।”
गृह मंत्री राना सनाउल्लाह ने विस्फोट की निंदा की और लोगों की जान जाने पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “आतंकवाद के इस अभिशाप को जल्द ही जल्द जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा।”
खैबर पख्तूनख्वा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने भी विस्फोट की निंदा की और घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
विस्फोटों की जांच दो-सदस्यीय समिति को सौंपी गई है, जिसमें गृह सचिव आबिद माजिद और डीआईजी (विशेष शाखा) शामिल हैं। (भाषा)
'ऑपरेशन कावेरी' के तहत सूडान में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने का अभियान शुरू हो गया है. मंगलवार को आईएनएस सुमेधा से 278 भारतीय पोर्ट सूडान से जेद्दा के लिए रवाना हो गए.
इन लोगों में कई बच्चे भी शामिल हैं. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया था कि 500 भारतीय सूडान पोर्ट पहुंचे हैं.
ये ऑपरेशन सूडान में समुद्री मार्ग से किया जा रहा है. सूडान में एयर स्पेस पूरी तरह बंद है और ऐसे में कोई भी विमान उड़ान नहीं भर सकता.
आईएनएस सुमेधा से इन भारतीयों को जेद्दा लाया जाएगा और वहां से उन्हें एयरफ्राफ्ट के ज़रिए भारत वापस लाया जाएगा.
सोमवार को भारत के विदेश मंत्री ने ट्वीट के ज़रिए बताया था कि ऑपरेशन कावेरी के तहत 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुँच गए हैं.
उन्होंने ट्वीट में कहा था, "हमारे समुद्री और हवाई जहाज़ भारतीयों को वापस लाने के लिए तैयार हैं."
एक अनुमान के मुताबिक सूडान में क़रीब 3000 लोग फंसे हैं.
सूडान में हो क्या रहा है?
बीते दस दिन से सूडान की राजधानी खार्तूम और देश के अन्य हिस्सों में दो सैन्य बल आपस में भिड़ गए हैं.
इस टकराव के केंद्र में दो जनरल हैं. सूडानी आर्म्ड फ़ोर्सेस (एफ़एएस) के प्रमुख अब्देल फ़तह अल बुरहान और अर्द्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फ़ोर्सेस (आरएसएफ़) के लीडर मोहम्मद हमदान दगालो जिन्हें हेमेदती के नाम से भी जाना जाता है.
साल 2021 में दोनों ने एक साथ काम किया और मिलकर देश में तख़्तापलट किया था लेकिन अब दबदबे के लिए दोनों के बीच की लड़ाई ने सूडान को बदहाल कर दिया है.(bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 25 अप्रैल | अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है कि सूडान में युद्धरत पक्ष 72 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लिंकन ने सोमवार को कहा कि 48 घंटे की बातचीत के बाद सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच एक समझौता हुआ है। सोमवार आधी रात (स्थानीय समयानुसार) से युद्धविराम शुरू हुआ है। इस महीने हिंसा भड़कने के बाद से यह कम से कम तीसरा संघर्षविराम घोषित किया गया है। पिछले दो संघर्षविराम विफल हो चुके हैं।
दोनों पक्षों ने स्वतंत्र रूप से संघर्ष विराम में शामिल होने की घोषणा की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी है कि सूडान में सैन्य संघर्ष पूरे क्षेत्र और उससे आगे तक फैल सकता है।
उन्होंने चेतावनी दी, हिंसा बंद होनी चाहिए। यह सूडान के भीतर एक विनाशकारी है जो पूरे क्षेत्र तक फैल सकती है।
सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि घातक झड़पों में 400 से अधिक लोग मारे गए हैं और लगभग 4,000 लोग घायल हुए हैं।
सूडानी सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक आरएसएफ के बीच 15 अप्रैल को राजधानी शहर खार्तूम और अन्य स्थानों पर हिंसक झड़पें हुईं।
आरएसएफ के सदस्यों को देश भर में फिर से तैनात करने को सेना ने एक खतरे के रूप में देखा था।
सूडानी सेना के कमांडर अब्देल फतह अल-बुरहान ने 25 अक्टूबर, 2021 को आपातकाल की स्थिति घोषित करने और संप्रभु परिषद के साथ-साथ सरकार को भंग करने के बाद से सूडान एक राजनीतिक संकट झेल रहा है।
5 दिसंबर, 2022 को, सूडान के सैन्य और नागरिक नेताओं ने राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने और दो साल के संक्रमणकालीन नागरिक प्राधिकरण की स्थापना के लिए एक राजनीतिक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए, लेकिन दोनों पक्ष अब तक समझौते को अंतिम रूप देने में विफल रहे हैं।
वे सुरक्षा और सैन्य बलों के सुधारों से संबंधित उन अपवादों को छोड़कर अधिकांश मुद्दों पर सहमत हुए हैं, जिनके तहत आरएसएफ और अन्य सशस्त्र गुटों को सूडानी सेना में एकीकृत किया जाएगा। (आईएएनएस)
चीन ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है जिससे थ्रीडी प्रिंटिंग के जरिए चांद पर इमारतें खड़ी की जा सकें. चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली ने सोमवार को इस बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की.
चीन ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है जो चांद पर इमारतें बनाने के काम आएगी. इसके लिए चीन थ्रीडी प्रिंटिंग का सहारा ले रहा है. 2020 में उसने ‘चांग्स5' नाम का चंद्रयान भेजा था. चैंग चीन के एक पौराणिक देवता का नाम है, जिसके नाम पर चीन ने अपने इस मिशन का नाम रखा. 2013 में चीन ने पहली बार अपना यान चंद्रमा पर उतारा था और उसका इरादा है कि 2030 तक अपने लोगों को वहां भेजेगा.
चैंग्स-8 की तैयारी
तब तक चीन चैंग्स मिशन के तहत तीन और यान भेज चुका होगा. इन अभियानों के तहत चांद पर लंबे समय तक रहने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा. चाइना स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन में वैज्ञानिक वेईरेन के हवाले से चाइना डेली ने लिखा है कि चैंग्स 8 के तहत चीन के वैज्ञानिक चांद की परिस्थितियों और वहां की खनिज संरचना का अध्ययन करेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि थीडी प्रिंटिंग जैसी तकनीक चांद के धरातल पर कितनी सफल होंगी.
वू ने अखबार को बताया, "अगर हमें लंबे समय तक चांद पर रहना है तो हमें वहीं उपलब्ध सामग्रियों के इस्तेमाल से वहां केंद्र स्थापित करने होंगे.” इसी महीने चीन के अन्य अखबारों ने खबरें छापी थीं कि अंतरिक्ष में तेजी से पांव पसारता चीन पांच साल के भीतर चांद की मिट्टी के प्रयोग से एक केंद्र का निर्माण शुरू करने का इरादा रखता है. इसके लिए चैंग्स-8 मिशन में एक रोबोट को चांद पर भेजा जाएगा जो चांद की मिट्टी का इस्तेमाल करके ईंटें बनाएगा. चाइनीज अकैडमी ऑफ इंजीनियरिंग के मुताबिक यह मिशन 2028 के आसपास भेजा जाएगा.
चांद पर जाने की होड़
चांद पर केंद्र स्थापित करने की होड़ काफी आगे बढ़ चुकी है. हाल के सालों में अमेरिका और यूरोप के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने भी इस दिशा में काफी प्रगति की है. इसी महीने अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों का ऐलान किया था जिन्हें 2024 में आर्टेमिस 2 यान के जरिये चांद पर भेजा जाएगा. हालांकि ये यात्री चांद पर उतरेंगे नहीं बल्कि उसकी कक्षा तक जाएंगे और अगले मिशन पर अंतरिक्ष यात्रियों के चांद पर उतरने के लिए हालात का जायजा लेंगे.
आर्टेमिस-3 मिशन में नासा इंसान को चांद पर उतारने की योजना बना रहा है. यह मिशन इस दशक के आखिर तक भेजा जाना है लेकिन इसके लिए आवश्यक सामग्री अब तक उपलब्ध नहीं है और इस पर काम किया जा रहा है. अमेरिकी वैज्ञानिक पिछले करीब एक दशक से मानव को चांद पर भेजने पर काम कर रहे हैं. आर्टेमिस अभियान को इसी मकसद से स्थापित किया गया था कि निकट भविष्य में चांद पर एक केंद्र स्थापित किया जा सके ताकि अंतरिक्ष यात्री वहां रह सकें और शोध कर सकें. इसके जरिए मंगल तक जाने का रास्ता तैयार करने का इरादा है.
वीके/सीके (रॉयटर्स, एपी)
वाशिंगटन, 25 अप्रैल | अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है कि सूडान में युद्धरत पक्ष 72 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लिंकन ने सोमवार को कहा कि 48 घंटे की बातचीत के बाद सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच एक समझौता हुआ है। सोमवार आधी रात (स्थानीय समयानुसार) से युद्धविराम शुरू हुआ है। इस महीने हिंसा भड़कने के बाद से यह कम से कम तीसरा संघर्षविराम घोषित किया गया है। पिछले दो संघर्षविराम विफल हो चुके हैं।
दोनों पक्षों ने स्वतंत्र रूप से संघर्ष विराम में शामिल होने की घोषणा की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी है कि सूडान में सैन्य संघर्ष पूरे क्षेत्र और उससे आगे तक फैल सकता है।
उन्होंने चेतावनी दी, हिंसा बंद होनी चाहिए। यह सूडान के भीतर एक विनाशकारी है जो पूरे क्षेत्र तक फैल सकती है।
सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि घातक झड़पों में 400 से अधिक लोग मारे गए हैं और लगभग 4,000 लोग घायल हुए हैं।
सूडानी सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक आरएसएफ के बीच 15 अप्रैल को राजधानी शहर खार्तूम और अन्य स्थानों पर हिंसक झड़पें हुईं।
आरएसएफ के सदस्यों को देश भर में फिर से तैनात करने को सेना ने एक खतरे के रूप में देखा था।
सूडानी सेना के कमांडर अब्देल फतह अल-बुरहान ने 25 अक्टूबर, 2021 को आपातकाल की स्थिति घोषित करने और संप्रभु परिषद के साथ-साथ सरकार को भंग करने के बाद से सूडान एक राजनीतिक संकट झेल रहा है।
5 दिसंबर, 2022 को, सूडान के सैन्य और नागरिक नेताओं ने राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने और दो साल के संक्रमणकालीन नागरिक प्राधिकरण की स्थापना के लिए एक राजनीतिक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए, लेकिन दोनों पक्ष अब तक समझौते को अंतिम रूप देने में विफल रहे हैं।
वे सुरक्षा और सैन्य बलों के सुधारों से संबंधित उन अपवादों को छोड़कर अधिकांश मुद्दों पर सहमत हुए हैं, जिनके तहत आरएसएफ और अन्य सशस्त्र गुटों को सूडानी सेना में एकीकृत किया जाएगा। (आईएएनएस)