अंतरराष्ट्रीय
वैज्ञानिकों ने पहली बार एक ग्रह को उसके सितारे द्वारा निगल लिए जाने की घटना को देखा. ग्रह ने संघर्ष किया लेकिन सूर्य ने उसे निगल लिया और फिर डकार भी ली.
शायद कभी पृथ्वी के साथ भी ऐसा ही होगा. सूरज उसे निगल जाएगा. वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के इस भविष्य की झलक अंतरिक्ष में देखी जब बूढ़ा हो चुका एक सितारा बृहस्पति जितने विशाल ग्रह को निगल गया. निगलने के बाद उसने कुछ उगला भी जो अलग-अलग तरह के पदार्थ थे.
बुधवार को शोधकर्ताओं ने बताया कि यह सितारा रेड जाइंट यानी लाल दानव बनने के अपने शुरुआती दौर में है. यह चरण किसी भी सितारे की आयु का अंतिम दौर होता है, जब उसकी हाइड्रोजन खत्म हो जाती है और वह फैलना शुरू कर देता है. जैसे-जैसे सितारा बड़ा हुआ, उसका दायरा एक ग्रह तक पहुंच गया और ग्रह उसके भीतर समा गया.
कभी यह सितारा हमारे सूरज के आकार का हुआ करता था और उसका प्रकाश भी सूर्य जैसा ही था. यह सितारा हमारी आकाश गंगा मिल्की वे में पृथ्वी से करीब 12 हजार प्रकाश वर्ष दूर है. एक प्रकाश वर्ष उतनी दूरी होती है, जितनी प्रकाश किरण एक साल में तय कर सकती है. यानी करीब 9.5 खरब किलोमीटर. यह सितारा दस अरब साल यानी सूर्य से करीब दोगुनी उम्र का है.
लाल दानव बन गया था सितारा
लाल दानव बन जाने के बाद सितारे अपने वास्तविक व्यास से सौ गुना ज्यादा फैल सकते हैं और इस दौरान वे आसपास के तमाम ग्रहों को निगल जाते हैं. वैज्ञानिकों ने पहले लाल दानवों को दूसरे सितारे निगलते तो देखा था लेकिन यह पहली बार था कि उन्होंने किसी ग्रह को इस तरह निगले जाते देखा.
एमआईटी कावली इंस्टिट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स में शोधकर्ता डॉ. किशाले डे कहते हैं कि अब से करीब पांच अरब वर्ष बाद सूर्य लाल दानव बनेगा तो बुध, शुक्र और आखिर में पृथ्वी को निगल जाएगा. डे ने इस परिघटना पर एक शोध पत्र लिखा है जिसे नेचर पत्रिका ने प्रकाशित किया है.
इस शोध पत्र में डॉ. डे बताते हैं कि जिस ग्रह को निगला गया, वह ‘हॉट जुपिटर' श्रेणी का ग्रह था. यह हमारे सौर मंडल के ग्रह बृहस्पति जैसा ही था, लेकिन वह अपने सितारे के कहीं ज्यादा करीब था. शायद इसका आकार बृहस्पति से कुछ गुना बड़ा था और यह अपने सितारे की परिक्रमा एक दिन में पूरी कर लेता था. जैसे-जैसे सितारा फैलता गया, ग्रह उसके और करीब होता गया.
ग्रह ने संघर्ष किया
शोधकर्ताओं में शामिल हार्वर्ड-स्मिथोसनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के डॉ. मॉर्गन मैक्लॉयड कहते हैं, "ग्रह टुकड़ों में अपने सितारे के अंदर इस तरह गिरा जैसे उपग्रह पृथ्वी के वातावरण में गिरते हैं. यह जितना गहरा गया, उसके अंदर जाने की रफ्तार उतनी ही ज्यादा बढ़ती गई. इस तरह जो कक्षा करोड़ों, अरबों सालों से टिकी हुई थी, उसी ने उसे सितारे के भीतर धकेल दिया. अचानक सूर्य ने इस सितारे को इतनी तेजी से निगला कि हमें ऊर्जा की लहर नजर आई, जो खाने के बाद ली गई डकार जैसी थी. परिणामस्वरूप गर्मी ने ग्रह को तहस-नहस कर दिया और सब कुछ सितारे के भीतर समा गया.”
शोधकर्ताओं ने उस सितारे के अन्य ग्रहों को देखा तो नहीं है लेकिन वे कहते हैं कि अन्य ग्रह भी मौजूद हो सकते हैं. डॉ. डे बताते हैं, "ऐसा नहीं कि ग्रह ने अपने बचाव में संघर्ष नहीं किया. हमें मिले आंकड़े बताते हैं कि निगले जाने से पहले ग्रह के गुरुत्वाकर्षण ने सितारे की सतह को काटने का प्रयास किया था. लेकिन सितारा हजारों गुना ज्यादा विशाल है और ग्रह ज्यादा कुछ कर नहीं सका.”
डॉ. मैक्लॉयड कहते हैं कि यह सोचना ही विनम्रता से भर देता है कि हमारे ग्रह का भी एक दिन यही हश्र होगा. उन्होंने कहा, "हम इतने छोटे हैं कि पृथ्वी को निगलने के बाद सूर्य डकार तक नहीं लेगा, जैसा कि हमने इस सितारे पर देखा. जब सूर्य पृथ्वी को निगलेगा तो उसे कोई फर्क तक नहीं पड़ेगा.”
वीके/एए (रॉयटर्स)
इस साल मार्च महीने में लगभग दस हजार भारतीयों को अमेरिकी सीमा पार करते हुए पकड़ा गया. अमेरिका में बढ़ते भारतीय अवैध प्रवासी वहां की सरकार के लिए नई समस्या बन गए हैं.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
दस साल पहले जब अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर कोई अवैध प्रवासी पहुंचता था तो यह माना जाता था कि मेक्सिको से होगा. अब ऐसा नहीं है. अब वहां दूसरे कई देशों के लोग पहुंच रहे हैं और यह सरकार के लिए बड़ी समस्या बन गया है.
अमेरिका में अवैध प्रवासियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. सीमा पार करने की कोशिश करते लोगों में एशिया और दक्षिणी अमेरिका के दर्जनों देशों के लोगों की संख्या मेक्सिको के लोगों से ज्यादा हो गई है. इनमें पेरू, वेनेजुएला, हैती, भारत और रूस के लोगों की भारी तादाद है. 2011 में जहां 85 फीसदी तक लोग मेक्सिको के होते थे, अब वे एक तिहाई से भी कम हो चुके हैं.
11 मई से अमेरिका में नियम 42 खत्म हो जाएगा. इस नियम ने कोविड-19 महामारी के कारण अमेरिका आने वाले शरणार्थियों को कुछ अतिरिक्त अधिकार दिए थे जो 11 मई को खत्म हो जाएंगे. जनवरी में भी बाइडेन सरकार ने शरणार्थी नियमों में कुछ बदलाव किए थे जिसके बाद अवैध प्रवासियों की संख्या कुछ घटी. लेकिन अप्रैल के मध्य से इस संख्या में फिर से बढ़त देखी जा रही है.
नेशनल बॉर्डर पट्रोल काउंसिल के अध्यक्ष ब्रैंडन जड कहते हैं कि औसतन 7,200 प्रवासी रोजाना सीमा पर पहुंच रहे हैं. मार्च में यह संख्या 5,200 हुआ करती थी. अधिकारी कोशिश में हैं कि इन प्रवासियों की जल्द से जल्द जांच की जाए और जो जायज शरणार्थी नहीं हैं, उन्हें फौरन उनके देश लौटा दिया जाए. लेकिन उनकी राष्ट्रीयता के आधार पर उनके साथ अलग-अलग व्यवहार होता है.
चार देशों के लिए कोटा
इसके लिए अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं. मसलन, क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला के लिए सीएचएनवी श्रेणी है. दिसंबर में जितने लोग अमेरिकी सीमा पर रोके गए, उनमें से 40 फीसदी इन्हीं चार देशों से थे. मार्च में उनकी संख्या सिर्फ 3 प्रतिशत रह गई थी. 5 जनवरी को सरकार ने ऐलान किया कि इन चार देशों से हर महीने अधिकतम 30 हजार लोग सीमा पार कर सकते हैं, बशर्ते उन्होंने ऑनलाइन अर्जी दी हो और उनके पास समुचित धन हो.
अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले इतने ही लोगों को मेक्सिको वापस लेने को भी राजी हो गया था. हालांकि टेक्सस समेत कई अमेरिकी राज्यों ने इस योजना का विरोध किया है. मेक्सिको ने बुधवार को कहा कि वह इन चार देशों के लोगों को अमेरिका से निकाले जाने के बाद वापस लेना जारी रखेगा.
दरअसल, इन देशों के लोगों के लिए हालात अनुकूल हैं क्योंकि इनके देश इन्हें वापस लेने को तैयार नहीं हैं. हालांकि क्यूबा ने सोमवार को कहा था कि वह अब अपने लोगों को वापस ले लेगा. दिसंबर 2020 के बाद अब वह अवैध शरणार्थियों को वापस लेने को राजी हुआ है. लेकिन हैती में हालात गंभीर हैं. वहां हिंसा और अपराध के कारण अवैध शरणार्थियों को विमान से वापस भेजना मुमकिन नहीं हो पा रहा है.
बढ़ते भारतीय शरणार्थी
समस्या अन्य देशों से आ रहे लोगों की ज्यादा है. मार्च में जितने अवैध प्रवासी अमेरिकी सीमा पर पहुंचे उनमें से दो तिहाई अन्य देशों से ही थे. यह चलन पिछले कई साल के चलन से अलग है. जैसे कि भारतीयों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है. हाल ही में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि फरवरी 2019 से मार्च 2023 के बीच 1.19 लाख भारतीय लोग अमेरिका में अवैध रूप से घुसते हुए पकड़े गए. कुछ अधिकारी कहते हैं कि इनमें से अधिकतर गुजराती थे.
जनवरी 2022 में 5,459 भारतीयों को अमेरिकी सीमा पार करते हुए पकड़ा गया था. इनमें से 740 को कनाडा-अमेरिका सीमा पर पकड़ा गया था. जनवरी 2023 में यह संख्या 35.9 फीसदी बढ़कर 7,421 हो गई. कनाडा-अमेरिका सीमा पर ही 2,478 भारतीयों को पकड़ा गया. हालांकि कुल पकड़े गए लोगों में भारतीयों की संख्या दो फीसदी है और बहुत कम लोगों को डिपोर्ट किया गया है.
बड़ी संख्या में लोगों को अमेरिका में मानवीय आधार पर शरण मिल रही है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2017 के बाद से अमेरिका शरणार्थियों के लिए सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है. शायद यही वजह है कि भारतीयों के अमेरिकी सीमा पार करने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस साल मार्च में पकड़े गए भारतीयों की संख्या 9,648 रही. इनमें से कनाडा सीमा पर 2,289 भारतीय पकड़े गए.
माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टिट्यूट के मुताबिक 2021 में 27 लाख से ज्यादा भारतीय अमेरिका में रह रहे थे, जो विदेश में जन्मे लोगों की कुल आबादी का लगभग 6 फीसदी है. 1980 में इनकी संख्या मात्र दो लाख थी. (dw.com)
अल सल्वाडोर में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म एल फारो के खोजी पत्रकार और एडिटर-इन-चीफ ऑस्कर मार्टिनेज को फ्रीडम ऑफ स्पीच अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया है. डॉयचे वेले यह पुरस्कार नौवीं बार प्रदान कर रहा है.
सरकार की खुली आलोचना करने वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म एल फारो संगठित अपराध और राजनीति के साथ उसके रिश्तों पर अपने खोजी अनुसंधान के लिए पूरे लैटिन अमेरिका में जाना जाता है. मार्टिनेज को पुरस्कार देने की घोषणा करते हुए डॉयचे वेले के महानिदेशक पीटर लिम्बुर्ग ने कहा, "मध्य अमेरिका निरंकुश शासन की एक नई लहर का सामना कर रहा है और इसके साथ आती है तेजी से सीमित होती प्रेस की स्वतंत्रता.
स्वतंत्र पत्रकारों पर भारी दबाव
अल सल्वाडोर में मीडिया को पहले कभी भी इतना कसकर नियंत्रित नहीं किया गया है. ऑस्कर मार्टिनेज और एल फारो के संपादकीय कर्मचारी साहसपूर्वक उस भारी दबाव का मुकाबला कर रहे हैं, जिसका सामना अल सल्वाडोर के साथ-साथ अन्य मध्य अमेरिकी देशों में पत्रकारों को अपने काम में करना पड़ता है. वे निरंकुश सरकारों और संगठित अपराध की साजिशों का रहस्योद्घाटन करते हैं और बड़े व्यक्तिगत जोखिम उठाकर इसके बारे में लोगों को जानकारी देते हैं.
मार्टिनेज सामयिक विषयों पर शोध करते हैं. उन्होंने सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और पुलिस द्वारा की जाने वाली न्यायेत्तर हत्याओं पर रिपोर्ट की है. एल फारो ने आपराधिक संगठन एमएस-13 (मारा सल्वातृचा) के साथ राष्ट्रपति बुकेले की सरकार की बातचीत का खुलासा किया, जो उत्तर और मध्य अमेरिका में सक्रिय है. एल फारो ने सरकार और संगठन के बीच सजा कम करने, अधिकार क्षेत्र में बदलाव करने और अमेरिका के प्रत्यर्पण संबंधी अनुरोधों को न मानने पर संगठन के साथ सरकारी मिलीभगत को उजागर किया. इन निष्कर्षों की पुष्टि एक अमेरिकी अदालत में एमएस -13 संगठन के सदस्यों पर अभियोग लगाने के साथ हुई थी.
पुरस्कार मध्य अमेरिकी पत्रकारों को समर्पित
ऑस्कर मार्टिनेज ने फ्रीडम ऑफ स्पीच अवार्ड को उन सभी मध्य अमेरिकी पत्रकारों को समर्पित किया है, जो सच्चाई को सामने लाने के प्रयासों को रोकने से इनकार करते हैं, "मेरा मानना है कि मध्य अमेरिकी पत्रकारों को [सच्चाई] को सामने लाना जारी रखना चाहिए. ऐसा बहुत कुछ है जो शक्तिशाली लोग छिपाना चाहते हैं. पत्रकारों को सत्ता के अंधेरे कोनों और उसके नियंत्रण तंत्र का रहस्योद्घाटन करना होगा. यह अब और भी अपरिहार्य है कि मध्य अमेरिका निरंकुशता की एक नई लहर का सामना कर रहा है. हमें सटीक जानकारी के साथ सरकारी प्रचारों और गलत सूचनाओं का मुकाबला करना होगा.
हाल के वर्षों में, मार्टिनेज और एल फारो में उनके सहयोगियों पर बुकेले सरकार ने भारी दबाव डाला है, जासूसी की है और काम में बाधा डाली है. सुरक्षा कारणों से, डिजिटल प्रकाशन का एक हिस्सा हाल ही में कोस्टा रिका में स्थानांतरित हो गया. मार्टिनेज को भी पिछले दिनों मौत की धमकियों के कारण हड़बड़ी में देश छोड़ना पड़ा था.
डीडब्ल्यू फ्रीडम ऑफ स्पीच अवार्ड
डीडब्ल्यू दुनिया भर में 32 भाषाओं में स्वतंत्र समाचार और जानकारी प्रदान करता है, जिससे लोगों को अपनी स्वतंत्र राय बनाने में मदद मिलती है. लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के अलावा, डीडब्ल्यू विशेष रूप से अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है. मीडिया कवरेज पर सेंसर लगाने वाले देशों में भी लोगों तक पहुंचने के लिए, डीडब्ल्यू बढ़ते पैमाने पर सेंसरशिप को दरकिनार करने के उपायों का उपयोग करता है.
2015 में डॉयचे वेले ने कई क्षेत्रों में सीमित प्रेस स्वतंत्रता पर ध्यान आकर्षित करने और दुनिया भर में पत्रकारों के उत्कृष्ट कार्यों का सम्मान करने के लिए फ्रीडम ऑफ स्पीच अवार्ड देने की शुरुआत की. पुरस्कार के पिछले विजेताओं में नाइजीरियाई खोजी पत्रकार टोबोर ओवुरी (2021) और यूक्रेनी युद्ध संवाददाता मस्तिस्लाव चेरनोव और एवगेनी मालोलेत्का (2022) शामिल हैं.
डीडब्ल्यू ग्लोबल मीडिया फोरम में होगा पुरस्कार समारोह
फ्रीडम ऑफ स्पीच अवार्ड ऑस्कर मार्टिनेज को डीडब्ल्यू के अंतर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन ग्लोबल मीडिया फोरम के दौरान दिया जाएगा. इस वर्ष के आदर्श वाक्य "विभाजन पर काबू" के तहत, मीडिया और राजनीति के क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ 19 और 20 जून, 2023 को मौजूदा समय के महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रतिभागियों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.
अमेरिका में सिगरेट पीने वालों की संख्या लगातार नीचे जा रही है. बीते छह दशकों में यह घट कर लगभग एक चौथाई रह गई है. हालांकि इसी बीच ई-सिगरेट का चलन बढ़ रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने तो ई-सिगरेट को कड़े नियमों में बांध दिया है.
अमेरिका में सिगरेट पीने वालों की संख्या पिछले साल रिकॉर्ड स्तर पर नीचे गई है. हर 9 में से एक वयस्क का कहना है कि वह कुछ दिन पहले तक सीगरेट पीता था. इसी बीच इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पीने वालों की संख्या बढ़ गई है. हरेक 17 में से एक ने ई सिगरेट पीने की बात स्वीकार की है. सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंट प्रिवेंशन के जुटाये शुरुआती आंकड़ों से ये बात सामने आई है. इस सर्वे में 27,000 वयस्कों ने हिस्सा लिया.
सिगरेट पीने से फेफेड़े के कैंसर, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा रहता है. लंबे समय से इसे ऐसी मौत के लिए जिम्मेदार माना जाता है, जिसे रोका जा सकता है. बीते कई दशकों से सिगरेट पीने वालों की संख्या घटती जा रही है. इसके लिए सिगरेट पर टैक्स, तंबाकू की कीमत बढ़ने और धूम्रपान पर प्रतिबंधों और सार्वजनिक जगहों पर सिगरेट पीने की रोक को स्वीकार्यता मिलने को जिम्मेदार माना जाता है.
1960 के दशक में अमेरिका के 42 प्रतिशत वयस्क सिगरेट पीते थे. पिछले साल सिगरेट पीने वालों की संख्या घट कर 11 प्रतिशत पर चली आई. इससे पहले 2020 और 2021 में यह 12.5 प्रतिशत थी. सीडीसी के मुताबिक 2020 में अमेरिका के 3.08 करोड़ लोग सिगरेट पी रहे थे. पुरुषों में यह दर 14.1 फीसदी थी और महिलाओं में 11 फीसदी. सर्वेक्षणों के नतीजे कई बार थोड़े बहुत बदलते हैं और उम्मीद की जा रही है कि सीडीसी जल्दी ही अंतिम आंकड़े जारी करेगा.
ई-सिगरेट का इस्तेमाल बढ़ा
इस बीच ई-सिगरेट की इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ गई है. एक साल पहले 4.5 प्रतिशत वयस्क इसका इस्तेमाल कर रहे थे जो अब 6 फीसदी हो गये हैं. ई-सिगरेट का इस्तेमाल बढ़ने से चिंता बढ़ी है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक निकोटिन की आदत के भी सेहत पर कई बुरे प्रभाव हैं. इसमें ब्लेड प्रेशर का बढ़ना और धमनियों का पतला हो जाना भी शामिल है.
कोलोराडो स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन डॉन जोनाथन सामेट का कहना है, "मेरे ख्याल धूम्रपान का नीचे जाना जारी रहेगा, लेकिन निकोटिन की आदत घटेगी, खासतौर से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को देखते हुए, यह साफ नहीं है." सामेट यूएस सर्जन जनरल रिपोर्ट ऑन स्मोकिंग एंड हेल्थ के लिए लगभग चार दशकों से लिखते आ रहे हैं.
अमेरिका के किशोर बच्चों में धूम्रपान और ई-सिगरेट का इस्तेमाल यानी वेपिंग की दर वयस्कों की तुलना में उल्टी है. हाई स्कूल के केवल 2 फीसदी छात्र पारंपरिक सिगरेट पीते हैं, जबकि ई सिगरेट का इस्तेमाल करने वाले छात्र 14 फीसदी हैं.
वेपिंग के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की मुहिम
बीते सालों में ई सिगरेट का चलन बढ़ रहा है, खासतौर से युवाओं में. इसे देखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने इसके खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है, जिसे बीते कई दशकों में देश का सबसे बड़ा धूम्रपान विरोधी सुधार कहा जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने एक बार इस्तेमाल होने वाले वेप पर पूरी तह से रोक लगाने का फैसला किया है. बिना डॉक्टर की पर्ची के मिलने वाले सारे वेप का आयात पूरी तरह से बंद किया जा रहा है. इसके साथ ही ई सिगरेट में कितनी निकोटिन हो सकती है, इसकी भी सीमा तय की जा रही है.
ऑस्ट्रेलिया ने पहले भी धूम्रपान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाये हैं. इसी तरह का एक कदम 2012 में सिगरेट को सादे पैकेटों में बेचने का भी था. बाद में इसे फ्रांस, ब्रिटेन और कई दूसरे देशों ने भी लागू किया. हालांकि बीते कुछ सालों में रिक्रिएशनल वेपिंग विस्फोटक अंदाज में बढ़ रही है. खासतौर से किशोर इसके लती बन रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री मार्क बटलर का कहना है, "वेपिंग हाईस्कूलों में लत से जुड़ा सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. यह प्राइमरी स्कूलों में भी फैल रहा है."
लोगों को वेपिंग का इस्तेमाल करने से रोका तो नहीं जायेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें डॉक्टर से पर्चा लिखवाना होगा. इसके जरिये यह तय करने की कोशिश की है कि लोग सिर्फ सिगरेट छोड़ने के लिए ही वेपिंग का इस्तेमाल करें. बटलर ने अगले तीन सालों तक हर साल सिगरेट पर पांच फीसदी टैक्स बढ़ाने की भी घोषणा की है. ऑस्ट्रेलिया में सिगरेट की कीमत पहले ही दुनिया में सबसे ज्यादा है. 25 सिगरेट वाले एक पैकेट की कीमत यहां फिलहाल 33 अमेरिकी डॉलर है. टैक्स बढ़ने के बाद यह और महंगी होगी.
एनआर/एसएम (एपी, एएफपी)
न्यूयॉर्क, 5 मई | भारतीय मूल के एक पिकअप ड्राइवर ने न्यूयॉर्क के लॉन्ग आईलैंड में एक कार को टक्कर मार दी जिसमें 14 साल के दो किशोरों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, ड्राइवर ने शराब पी रखी थी। नासाउ काउंटी पुलिस ने गुरुवार को कहा कि 34 वर्षीय अमनदीप सिंह बुधवार को जेरिको में नॉर्थ ब्रॉडवे पर नॉर्थबाउंड लेन में अपने डॉज रैम पिकअप वैन से दक्षिण की ओर जा रहा था। उसने चार दरवाजे वाली अल्फा रोमियो सेडान में टक्कर मार दी जिसमें चार किशोर सवार थे।
फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, दो किशोरों ड्रू हसेनबेइन और एथन फाल्कोविट्ज की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, 16 और 17 साल के अन्य दो किशोरों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया।
नासाउ काउंटी पुलिस के कैप्टन स्टीफन फिट्जपैट्रिक ने ²श्य के बारे में बताते हुए कहा कि यह शायद सबसे भयावह ²श्यों में से एक है जिसे मैंने लंबे समय में नहीं देखा है।
पुलिस ने कहा कि न्यूयॉर्क के रोसलिन का रहने वाला सिंह शुरुआती टक्कर के बाद घटनास्थल से भाग गया और आगे जाकर एक वॉल्वो को टक्कर मार दी जिसे एक 49 वर्षीय महिला चला रही थी और उनके साथ एक 16 वर्षीय पुरुष यात्री भी था। दोनों पीड़ितों का घटनास्थल पर इलाज कर छोड़ दिया गया।
सिंह को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया और मामूली चोटों के इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया।
उस पर फस्र्ट-डिग्री व्हीकल मैनस्लॉटर, सेकेंड-डिग्री मैनस्लॉटर, एक वाहन दुर्घटना स्थल से भागने, नशे में ड्राइविंग, और सेकेंड-डिग्री हमले के दो मामलों के आरोप लगाए गए हैं।
सिंह को गुरुवार को हेम्पस्टेड में फर्स्ट डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया था।
अभियोजकों के अनुसार, टक्कर के समय सिंह के खून में अल्कोहल की मात्रा कानूनी सीमा से दोगुनी थी।
अदालत को बताया गया कि उसे पहले भी किशोरावस्था में नशे में वाहन चलाने और सामूहिक हमले का दोषी ठहराया गया था।
उसकी अगली सुनवाई 8 मई को निर्धारित है। (आईएएनएस)
मेलबर्न, 5 मई | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा से पहले एक हिंदू मंदिर की दीवार पर उनके खिलाफ नारे लिखने की घटना सामने आई है। मोदी 23 मई को ऑस्ट्रेलिया जाने वाले हैं। ऑस्ट्रेलिया टुडे ने बताया कि पश्चिमी सिडनी के रोजहिल उपनगर में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर की सामने की दीवार पर मोदी को आतंकवादी घोषित करो के संदेश के साथ शुक्रवार सुबह स्प्रे-पेंट किया गया था।
मंदिर में नियमित रूप से आने वाली सेजल पटेल ने कहा, आज सुबह जब मैं पूजा के लिए आई तो मैंने सामने की दीवार पर बदसूरत बर्बरता देखी।
मंदिर के अधिकारियों ने गेट पर एक खालिस्तानी झंडा लटका हुआ पाया, और मामले की सूचना न्यू साउथ वेल्स पुलिस को दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने मंदिर का दौरा किया। उन्हें हमले का सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराया गया है।
इससे पहले मार्च में ब्रिस्बेन में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की चारदीवारी को तोड़ दिया गया था।
इस साल जनवरी में मेलबर्न में तीन हिंदू मंदिरों को खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारत विरोधी भित्तिचित्रों और भिंडरावाले समर्थक नारों के साथ विरूपित किया गया था। बाद में मंदिर के पुजारियों को 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने के लिए धमकी भरे फोन आए।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की ऑस्ट्रेलिया यात्रा के कुछ ही दिनों बाद फरवरी में ब्रिस्बेन में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी झंडे लगे पाए गए थे।
भारत ने बार-बार ऑस्ट्रेलियाई सरकार के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया है और तेजी से कार्रवाई करते हुए अपराधियों को कानून के दायरे में लाने के लिए कहा है।
इस वर्ष अपनी भारत यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने मोदी को कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा था कि भारतीय समुदाय की सुरक्षा उनकी सरकार की प्राथमिकता है।
मोदी मई में जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर जाने वाले हैं, जहां वे सिडनी में 23-24 मई को क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। (आईएएनएस)
ग्वाटेमाला सिटी, 5 मई। ग्वाटेमाला के ‘वोल्कैनो ऑफ फायर’ से लावा और राख निकलने के बाद उसके ढलान वाले क्षेत्र में रह रहे करीब 250 निवासियों को वहां से हटा कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। इसी ज्वालामुखी में 2018 में हुए भीषण विस्फोट के बाद इसके ढलान में स्थित एक हिस्सा तहस नहस हो गया था।
दमकलकर्मियों ने कहा कि पानीमाचे के निवासियों को सुरक्षित जगह ले जाया गया है।
ग्वाटेमाला की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि ज्वालामुखी से राख का गुबार निकल रहा है, जिससे करीब एक लाख लोग प्रभावित हो सकते हैं।
12,300 फुट ऊंचा यह ‘वोल्कैनो ऑफ फायर’ मध्य अमेरिका के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी में से एक है। 2018 में हुए ज्वालामुखी विस्फोट में 194 लोगों की मौत हुई थी और 234 लोग लापता हो गए थे।
ज्वालामुखी से सबसे बड़ा खतरा राख, चट्टान, मिट्टी और मलबे के मिश्रण वाली लहरें हैं, जो पूरे कस्बों को दफन कर सकती हैं। आपदा एजेंसी का कहना है कि इस तरह की लहरें ज्वालामुखी के किनारों पर सात में से चार गलियों में बह रही हैं।(एपी)
एपी सुरभि मनीषा मनीषा 0505 1029 ग्वाटेमालासिटी
हेग, 5 मई। युद्ध को लेकर यूक्रेन और रूस के बीच बयानबाजी बृहस्पतिवार को भी जारी रही। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने जहां इस बात पर भरोसा जताया कि उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन को युद्ध अपराध का दोषी ठहराया जाएगा, वहीं रूस ने आरोप लगाया कि ड्रोन हमले में अमेरिका का हाथ है। रूस इस हमले को पुतिन की हत्या का प्रयास बता रहा है।
फरवरी 2022 में रूस द्वारा युद्ध शुरू करने के बाद से अब तक दोनों देशों के नेता कई मौकों पर एक दूसरे पर निजी हमले कर चुके हैं। हालिया बयानबाजी बुधवार को उस वक्त शुरू हुई जब रूस ने राष्ट्रपति पुतिन को मारने के इरादे से राजधानी मास्को में क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति भवन) पर यूक्रेन की ओर से ड्रोन से हमला किए जाने का दावा किया।
जेलेंस्की ने इस बात से इनकार किया कि कथित ड्रोन हमले में यूक्रेन के सुरक्षा बल का हाथ है। क्रेमलिन ने इसे ‘‘आतंकवादी’’ कृत्य बताते हुए इसका करारा जवाब देने का संकल्प लिया तो क्रेमलिन समर्थकों ने इसके लिए यूक्रेन के शीर्ष नेताओं की हत्या का आह्वान किया।
कथित हमले में वास्तव में क्या हुआ, इसे लेकर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है।
पुतिन के प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को इसमें अमेरिका की मिलीभगत का आरोप लगाया।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि क्रेमलिन इस बात को भलीभांति जानता है कि ‘‘इस तरह की कार्रवाई और आतंकवादी हमले को लेकर फैसले कीव (यूक्रेन की राजधानी) में नहीं लिए जा सकते हैं बल्कि यह फैसला वाशिंगटन में किया गया है।’’
पेस्कोव ने अपने दावे के पक्ष में कोई प्रमाण दिए बिना कहा, ‘‘और कीव वही कर रहा है जो उसे कहा जा रहा है।’’
व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने इस दावे को ‘‘हास्यास्पद’’ बताया है। वहीं जेलेंस्की ने नीदरलैंड में कहा कि उन्हें रूस की इन बातों में ‘‘कोई रूचि’’ नहीं है।
अमेरिका के एक अधिकारी के अनुसार, अमेरिकी खुफिया अधिकारी अब भी यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि ड्रोन वाली घटना के पीछे कौन था और वह विभिन्न संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं।
बृहस्पतिवार को नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने इस संवेदनशील मामले पर कहा कि खुफिया अधिकारियों के पास अब तक कोई निश्चित जवाब नहीं है। अधिकारी ने कहा कि जो बाइडन प्रशासन ‘‘निश्चित रूप से पुतिन के खिलाफ हमले का समर्थन नहीं करेगा।’’
जेलेंस्की के शीर्ष सलाहकार, माईखाइलो पोदोलीक ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि रूस ने कथित ड्रोन हमले की साजिश रची और इसे अंजाम दिया। उन्होंने रूसी सरकारी मीडिया में इसकी रिपोर्टिंग में देरी और ‘‘विभिन्न कोणों से एक ही वीडियो’’ दिखाने का हवाला दिया, जो कथित रूप से देर रात ढाई बजे के हमले के बाद का है।
वाशिंगटन स्थित ‘इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर’ ने भी इसके साक्ष्य देखे।
हेग में, जहां अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय स्थित है, जेलेंस्की ने वैश्विक समुदाय से युद्ध के लिए पुतिन को जवाबदेह ठहराने का आग्रह किया और युद्ध अपराध अदालत के न्यायाधीशों से कहा कि रूस के नेता ‘‘अंतरराष्ट्रीय कानून की इस राजधानी में अपने आपराधिक कार्यों के लिए सजा पाने के पात्र हैं।’’
मार्च में आईसीसी ने युद्ध अपराधों के लिए पुतिन के खिलाफ वारंट जारी किया था और उन पर यूक्रेन से बच्चों के अपहरण के लिए निजी तौर पर जिम्मेदार होने का आरोप लगाया था। यह पहली बार था जब वैश्विक अदालत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों में से एक के नेता के खिलाफ वारंट जारी किया था।
एपी सुरभि मनीषा मनीषा 0505 1007 हेग (एपी)
बेलग्रेड, 5 मई। सर्बिया के बेलग्रेड से सटे एक कस्बे में बृहस्पतिवार देर रात हुई गोलीबारी की घटना में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए। सर्बिया में पिछले दो दिनों में गोलीबारी की यह दूसरी घटना है।
सरकारी टेलीविजन ‘आरटीएस’ पर शुक्रवार को प्रसारित खबर के अनुसार, हमलावर ने राजधानी के 50 किलोमीटर दक्षिण में स्थित म्लाडेनोवैक शहर में एक स्वचालित हथियार से अंधाधुंध गोलीबारी की। खबर के अनुसार, पुलिस 21 वर्षीय संदिग्ध हमलावर की तलाश में जुटी है जो हमले के बाद से फरार है।
तत्काल इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है और पुलिस ने कोई बयान जारी नहीं किया है।
इससे पहले बेलग्रेड में बुधवार को 13 वर्षीय लड़के ने अपने पिता की बंदूक का इस्तेमाल कर व्लादिस्लाव रिबनिकर प्राथमिक स्कूल में अंधाधुंध गोलीबारी की थी जिसमें उसके आठ सहपाठी और स्कूल का एक गार्ड मारा गया था।
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बंदूक नियंत्रण को बढ़ावा देने पर जोर दिया और पुलिस ने नागरिकों से अपने-अपने हथियारों को सुरक्षित जगह पर रखने तथा बच्चों से दूर रखने का अनुरोध किया।
पुलिस ने बुधवार को कहा कि किशोर ने हमले के लिए अपने पिता की बंदूक का इस्तेमाल किया था। वह इसके लिए करीब एक महीने से साजिश रच रहा था।
पुलिस के मुताबिक उसने घटना को अंजाम देने के लिए अपनी कक्षा की तस्वीरें बनाई थीं और उन छात्रों की सूची बनाई थी जिन्हें वह मारना चाहता था।
एपी सुरभि वैभव वैभव 0505 0904 बेलग्रेड (एपी)
अमेरिका ने रूस के उस दावे को ख़ारिज कर दिया है जिसमें उसने कहा था कि बुधवार को क्रेमलिन पर हुए हमले के पीछे मास्टरमाइंड अमेरिका है.
इससे एक दिन पहले रूस ने यूक्रेन पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या की कोशिश का आरोप लगाया था, लेकिन गुरुवार को पुतिन के प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन ने ये अमेरिका की मदद से किया है.
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने इसे ‘बेतुका दावा’ बताया है.
वहीं, यूक्रेन ने कहा है कि इस हमले से उसका कोई लेना-देना नहीं है. यूक्रेन का कहना है कि रूस ने ये हमला ख़ुद पर करने का ढोंग रचा है ताकि वो इस बहाने से युद्ध को तीव्र कर सके.
जिस वक्त क्रेमलिन पर ये हमला हुआ उस वक्त पुतिन इमारत में मौजूद नहीं थे.
भले ही रूस की ओर से लगातार हमले जारी हैं और बुधवार को दक्षिण खेरसोन में 21 लोगों की मौत हुई है, लेकिन अब तक रूस की ओर से युद्ध तेज़ करने के कोई संकेत नहीं मिले हैं.
हालांकि रविवार को कीएव में ड्रोन मार गिराए गए और ये राष्ट्रपति कार्यालय से ज़्यादा दूर नहीं हुआ. कुछ देर बाद यूक्रेन ने माना कि ये उसी के ड्रोन थे जिन्होंने अपना ‘क़ाबू खो दिया था.’ इन्हें नष्ट कर दिया गया ताकि ‘किसी अनहोनी’ से बचा जा सके.
बीते बुधवार को रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने बताया कि राष्ट्रपति के आवास- क्रेमलिन पर हमला किया गया है. इसका एक वीडियो भी सामने आया जिसमें क्रेमलिन के गुंबद पर ड्रोन मिसाइल से हमला होता दिख रहा है और इसके बाद धुंए का बड़ा ग़ुबार हवा में फैल जाता है.
गुरुवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बिना सबूत कथित हमले के पीछे ‘निस्संदेह’ अमेरिका का हाथ बताया.
पेस्कोव ने कहा, “इस तरह के हमले की योजना कीएव में नहीं बल्कि वॉशिंगटन में बनाई जाती है.”
इसके जवाब में जॉन किर्बी ने कहा, “पेस्कोव सीधे और साफ़ तौर पर झूठ बोल रहे हैं.” (bbc.com/hindi)
सर्बिया, 4 मई । सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में एक स्कूल में हुई गोलीबारी में नौ लोगों की मौत हो गई है.
मरने वालों में आठ छात्र और एक सिक्योरिटी गार्ड शामिल है. हमलावर नाबालिग़ है और उसी स्कूल में पढ़ता है जहां उसने गोलियां चलाई हैं.
पुलिस के मुताबिक़, हमलावर कई हफ़्तों से इस हमले की योजना बना रहा था और उसके पास एक 'किल लिस्ट' यानी किन लोगों को मारना है, इसकी सूची भी थी.
पुलिस ने 13 साल के इस हमलावर को गिरफ़्तार कर लिया है. ये हमला बेलग्रेड के एक प्राइमरी स्कूल में हुआ था.
हमले में एक टीचर के अलावा छह स्टूडेंट्स घायल हुए हैं. पुलिस ने कहा कि हमले की वजह जानने के लिए जांच जारी है.
कहा जा रहा है कि हमलावर ने अपने पिता की लाइसेंसी बंदूक इस्तेमाल की. साथ ही इन हत्याओं से पहले हमलावर अपने पिता के साथ एक से ज़्यादा बार शूटिंग रेंज में गया था.
हमलावर के माता-पिता को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है.
देश के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर वूसिक ने इसे आधुनिक इतिहास का सबसे मुश्किल दिन बताया. हमले के बाद देश में तीन दिन के शोक का एलान किया गया है. (bbc.com)
रूस, 4 मई । यूक्रेन की राजधानी कीएव समेत कई शहरों में धमाकों की आवाज़ सुनाई दी है.
ये हमले तब हुए हैं, जब एक दिन पहले ही रूस ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन ने क्रेमलिन पर ड्रोन हमले किए हैं. यूक्रेन ने क्रेमलिन पर हमले के आरोपों को ख़ारिज किया है.
ये हमला ऐसे वक़्त में हुआ था, जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की अचानक नीदरलैंड्स के दौरे पर गए हैं.
ज़ेलेंस्की इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट भी जाएंगे, जहां यूक्रेन में वॉर क्राइम के आरोपों को लेकर रूस पर जांच चल रही है.
एक दिन पहले रूस ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन ड्रोन हमले के ज़रिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जान लेना चाहता था. रूस ने कहा है कि उसने क्रेमलिन को निशाना बनाने वाले दो ड्रोन्स को इलेक्ट्रॉनिक रडार के ज़रिए निष्क्रिय कर दिया है.
रूस ने इस हमले को चरपमंथी हमला बताया था.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जे़लेंस्की के प्रवक्ता ने कहा था कि यूक्रेन का फ़ोकस रूसी क़ब्ज़े से अपनी भूमि को छुड़ाना है.
एक अन्य यूक्रेनी अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि रूस ने इस घटना की ज़िम्मेदारी यूक्रेन पर डाली है ताकि वो बड़े स्तर पर हमले कर सके. (bbc.com)
न्यूयॉर्क, 4 मई । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक लेखिका द्वारा उन पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों को ‘सबसे हास्यास्पद और घृणित कहानी’ करार दिया।
न्यूयॉर्क में बुधवार को एक वीडियो के माध्यम से ज्यूरी के समक्ष दी गई गवाही में ट्रंप ने दावा किया कि ये आरोप ‘मनगढ़ंत’ हैं और उन्होंने मैनहट्टन के डिपार्टमेंट स्टोर में लेखिका ई. जीन कैरल के साथ कभी कोई यौन दुर्व्यवहार नहीं किया था।
कैरल के वकीलों ने ज्यूरी के सामने ट्रंप की वीडियो गवाही का लगभग 30 मिनट लंबा अंश चलाया। इसमें पूर्व राष्ट्रपति यह कहते नजर आ रहे हैं, “अगर यह (यौन दुर्व्यवहार) हुआ होता, तो बात लंबे समय तक नहीं छिप पाती। बेहद व्यस्त स्टोर के कर्मचारियों और खरीदारों को किसी तरह की हलचल की आवाज सुनाई देती और वे प्राधिकारियों को तुरंत सूचित कर देते।”
ट्रंप पिछले साल अक्टूबर में रिकॉर्ड किए गए इस वीडियो में यह कहते दिख रहे हैं, “यह सबसे हास्यास्पद और घृणित कहानी है। यह पूरी तरह से मनगढ़ंत है।” यह वीडियो ज्यूरी के प्रत्येक सदस्य के सामने मौजूद स्क्रीन पर प्ले किया गया।
इस बीच, मामले में ट्रंप की पैरवी कर रहे वकीलों ने कहा कि वे किसी भी गवाह को नहीं बुलाएंगे। इसके बाद, न्यायाधीश ने कहा कि मामले में आखिरी बहस संभवत: सोमवार को होगी। मंगलवार को ज्यूरी मामले में विचार-विमर्श शुरू करेगी।
ट्रंप अभी तक सुनवाई में शामिल नहीं हुए हैं। बुधवार को आयरलैंड की यात्रा के दौरान ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने सुना है कि हम न्यूयॉर्क में बहुत अच्छा कर रहे हैं।”
बृहस्पतिवार को मैनहट्टन की संघीय अदालत में ट्रंप की वीडियो गवाही का एक और अंश सुनाए जाने की संभावना है। इसके अलावा, कैरल के वकील तीन और गवाह पेश कर सकते हैं।
कैरल ने मामले में हर्जाने की मांग को लेकर ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। वह पूर्व राष्ट्रपति से इस बयान को वापस लेने की भी मांग कर रही हैं कि कैरल द्वारा लगाए गए आरोप मानहानिकारक हैं। (एपी)
बीजिंग, 3 मई। चीन में मई दिवस की छुट्टी के दौरान एक पेट्रोकेमिकल संयंत्र में हुए विस्फोट में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई। इसी दिन हुए एक विमान हादसे में तीन अन्य लोग मारे गए।
बचावकर्मियों ने उत्तरी प्रांत शानदोंग के लाओशेंग शहर में औद्योगिक क्षेत्र में स्थित 'झोंगहुआ समूह संयंत्र' में सोमवार को हुए विस्फोट में मारे गए नौ श्रमिकों के शव बरामद किए।
औद्योगिक क्षेत्र की प्रबंधन समिति ने बुधवार को एक बयान में कहा कि हादसे के बाद एक व्यक्ति लापता है और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। समिति ने कहा कि विस्फोट के कारणों की जांच के लिए एक अंतर्विभागीय कार्यबल का गठन किया गया है।
वहीं, चीनी मीडिया ने बताया कि मंगलवार की दोपहर, उत्तर-पश्चिमी शहर शियान के बाहर एक यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे तीनों लोगों की मौत हो गई। पीड़ितों की पहचान या दुर्घटना के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
इस बीच, मंगलवार और बुधवार को देश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में भूकंप के दो झटकों से आंशिक क्षति हुई और 10 लोग मामूली रूप से घायल हो गए।
चीन में पांच दिन का मई दिवस अवकाश बुधवार को समाप्त हुआ। इस दौरान लाखों की संख्या में चीनी या तो अपने घर जाते हैं या पर्यटन स्थलों की सैर करते हैं। (एपी)
बेलग्रेड, 3 मई। सर्बिया में एक किशोर ने राजधानी बेलग्रेड के एक स्कूल में बुधवार सुबह गोलीबारी की, जिससे आठ बच्चों और एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई। सर्बिया पुलिस ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
बयान में कहा गया है कि गोलीबारी में एक शिक्षक और छह बच्चे घायल भी हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बयान के अनुसार, पुलिस ने गोलीबारी करने वाले छात्र की पहचान के.के. के रूप में की है। इसमें कहा गया है कि आरोपी किशोर ने अपने पिता की बंदूक से अन्य छात्रों और स्कूल के सुरक्षाकर्मी पर गोलीबारी की।
बयान के मुताबिक, गोलीबारी करने वाले किशोर की उम्र करीब 14 साल है और वह इसी स्कूल में पढ़ता है। उसे स्कूल प्रांगण से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने कहा कि उसे सुबह आठ बजकर 40 मिनट के आसपास व्लादिस्लाव रिबनिकार प्राइमरी स्कूल में गोलीबारी की सूचना मिली।
गोलीबारी के समय स्कूल में मौजूद एक छात्र ने कहा, “मैंने गोलियों की आवाज सुनी। वह ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहा था। मुझे नहीं पता था कि वहां क्या हो रहा है। हमें फोन पर कुछ संदेश प्राप्त हो रहे थे।”
सर्बिया में सार्वजनिक स्थानों, खासतौर पर स्कूलों में गोलीबारी की घटनाएं बेहद दुर्लभ हैं। देश में गोलीबारी की पिछली घटना 2013 में हुई थी, जिसमें एक पूर्व सैनिक ने 13 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
स्थानीय मीडिया चैनलों पर प्रसारित फुटेज में स्कूल के बाहर बच्चों को लेकर चिंतित अभिभावकों की भीड़ नजर आई। वहीं, पुलिसकर्मी संदिग्ध को गिरफ्तार कर सड़क पर खड़े पुलिस वाहन की तरफ ले जाते दिखाई दिए।
व्लादिस्लाव रिबनिकार प्राइमरी स्कूल मध्य बेलग्रेड का एक जाना-माना स्कूल है। पुलिस ने गोलीबारी की घटना के बाद इस स्कूल के आसपास के इलाके को सील कर दिया। सर्बिया में प्राइमरी स्कूलों में कक्षा आठ तक के बच्चे पढ़ते हैं।
गोलीबारी के दौरान स्कूल में मौजूद एक छात्रा ने कहा, “संदिग्ध बहुत शांत और सौम्य स्वभाव का था। वह पढ़ाई में भी अच्छा था, लेकिन हम उसके बारे में ज्यादा नहीं जानते थे।”
छात्रा ने कहा, “वह (संदिग्ध किशोर) दूसरों से ज्यादा घुलता-मिलता नहीं था। मुझे यकीनन ऐसा कुछ होने का अंदेशा नहीं था।”
एक अन्य छात्र ने बताया कि संदिग्ध किशोर ने पहले शिक्षक पर गोली चलाई और फिर छात्रों की तरफ बंदूक घुमा दी, जो जान बचाने के लिए मेज के नीचे छिप गए। (एपी)
ऑस्ट्रेलिया, 3 मई । ऑस्ट्रेलिया में दोस्तों के साथ मछली मारने निकले एक मछुआरे का शव कई दिन बाद एक मगरमच्छ के भीतर मिला है.
65 साल के केविन डारमोडी को आखिरी बार शनिवार को केनेडी बेंड पर देखा गया था.
उत्तरी क्वीन्सलैंड के सुदूर इलाक़े में स्थित इस जगह पर बहुत मगरमच्छ पाए जाते हैं.
पुलिस ने दो दिन की खोजबीन के दौरान दो बड़े मगरमच्छों को मारा, तो उनके भीतर इंसानी शरीर के हिस्से मिले.
केनेडी बेंड से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर 4,1 मीटर और 2.8 मीटर लंबाई के दो मगरमच्छों को सोमवार को मारा गया था.
हालांकि उनमें से केवल एक मगरमच्छ में ही इंसानी शव के अवशेष पाए गए.
वैसे वन्य अधिकारियों का मानना है कि डारमोडी को मारने की घटना में दोनों मगरमच्छ शामिल रहे हैं.
डारमोडी के साथ गए मछुआरों ने हालांकि हमला होते तो नहीं देखा, लेकिन उनकी चिल्लाहट और छपछप की आवाज़ उन्होंने ज़रूर सुनी.
पुलिस ने बताया है कि डारमोडी का 'दुखद अंत' हो गया है.
उनके अनुसार, औपचारिक रूप से पहचान का काम जल्द किया जाएगा.
केप याॅर्क के रहने वाले केविन डारमोडी काफी कुशल मछुआरे माने जाते थे. (bbc.com)
बांग्लादेश, 3 मई । बांग्लादेश में अधिकारियों का कहना है कि रोहिंग्या शरणार्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल इस हफ़्ते म्यांमार के दौरे पर जाएगा.
जानकारों का कहना है कि रोहिंग्या शरणार्थियों की घर वापसी की कोशिशों के तौर पर इस कदम को देखा जाना चाहिए.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि लगभग 20 रोहिंग्या शरणार्थियों का एक दल शुक्रवार को रवाना हो रहा है.
इस यात्रा में वे ये देखेंगे कि सीमा पार वापस लौटने वाले शरणार्थियों के लिए किस तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं.
दक्षिण पूर्वी बांग्लादेश के भीड़ भरे शरणार्थी शिविरों में लगभग दस लाख रोहिंग्या लोग रह रहे हैं.
उनमें से ज़्यादातर लोगों ने साल 2017 में म्यांमार की सैनिक सरकार की कार्रवाई के बाद मजबूर होकर अपना देश छोड़ा था.
रोहिंग्या शरणार्थियों की घर वापसी के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत हो रही है लेकिन इस मुद्दे पर अब तक मामूली प्रगति ही हुई है. (bbc.com)
काठमांडू, 3 मई | नेपाल के दारचुला जिले में हिमस्खलन के बाद चार महिलाएं और एक पुरुष लापता हो गए हैं। एक स्थानीय अधिकारी ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, मुख्य जिला अधिकारी किरण जोशी ने बताया कि मंगलवार को दोपहर 2.45 बजे हुए हिमस्खलन के बाद शुरू में 12 लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी, लेकिन बाद में सात लोगों ने स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया।
जोशी ने कहा, पांच लोग अभी भी लापता हैं। हम अभी भी उनके ठिकाने के बारे में अनजान हैं। रेस्क्यू टीम घटना स्थल पर पहुंच गई है।
अधिकारी ने कहा कि लगातार बारिश और बर्फबारी से बचाव अभियान में परेशानी आ रही है।
जोशी ने कहा, अगर मौसम में सुधार होता है तो हम बुधवार को बचाव अभियान के लिए एक हेलीकॉप्टर भेजने की योजना बना रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि स्थानीय लोग यार्सागुम्बा नामक कैटरपिलर फंगस इकट्ठा कर रहे थे, इस दौरान वह हिमस्खलन की चपेट में आ गए। (आईएएनएस)
ह्यूस्टर, 3 मई | अमेरिका के टेक्सास प्रांत के सबसे बड़े शहर ह्यूस्टन में दो मेट्रो बसों की टक्कर में 11 लोग घायल हो गए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने स्थानीय मीडिया केटीआरके के हवाले से बताया कि हादसे में एक बस के सामने के शीशे चकनाचूर हो गए थे।
केटीआरके की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में कई लोग सड़क पर फंसे दिख रहे थे और कम से कम एक व्यक्ति एंबुलेंस के स्ट्रेचर पर दिख रहा था।
दोनों बसों में कितने लोग सवार थे इसके बारे में अभी जानकारी नहीं मिल सकी है। (आईएएनएस)
खार्तूम, 3 मई | सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच जारी सशस्त्र संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 550 से ज्यादा हो गई है। सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, सूडानी प्रांतों के सभी अस्पतालों में कुल 550 लोगों की मौत दर्ज की गई है जबकि घायलों की संख्या 4,926 है। उसने बताया कि खार्तूम और सेंट्रल दारफुर को छोड़कर सभी राज्यों में स्थिति शांत थी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 72 घंटे के छठे युद्धविराम के बावजूद राजधानी खार्तूम और ओमदुरमन के विभिन्न क्षेत्रों में एसएएफ और आरएसएफ के बीच रुक-रुक कर संघर्ष जारी रहा।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि एसएएफ ने ओमदुरमन के पश्चिम में बहरी (उत्तरी खार्तूम) में आरएसएफ के ठिकानों पर और केंद्रीय खार्तूम में सेना के जनरल कमांड के आसपास तेज हवाई हमले किए।
इस बीच आरएसएफ ने एसएएफ पर मानवीय संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया।
आरएसएफ ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि वह एसएएफ सैन्य विमान को मार गिराने में कामयाब रहा, लेकिन दावे पर प्रतिक्रिया के लिए एसएएफ प्रवक्ता के कार्यालय से संपर्क नहीं हो सका।
खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में एसएएफ और आरएसएफ के बीच लड़ाई 15 अप्रैल को शुरू हुई। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर संघर्ष शुरू करने का आरोप लगाया जिसने देश को मानवीय संकट में धकेल दिया है।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, हजारों सूडानी नागरिक विस्थापित हो गए हैं या मिस्र, इथियोपिया और चाड सहित सूडान और पड़ोसी देशों में सुरक्षित क्षेत्रों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। (आईएएनएस)
रूस, 3 मई । दक्षिणी रूस के क्रासनोडार इलाक़े में एक ईंधन भंडार में भयानक आग लगी है. जिस जगह ये आग लगी है वो रूस के नियंत्रण वाले क्राइमिया को रूस से जोड़ने वाले अहम पुल के नज़दीक है.
कर्च ब्रिज के पास तेल टैंकरों में लगी आग के वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए जा रहे हैं.
रूस ने अभी तक आग लगने के कारणों के बारे में जानकारी नहीं दी है. कुछ दिन पहले ही क्राइमिया के सेवास्तोपोल बंदरगाह पर लगी आग के लिए रूस ने यूक्रेन के ड्रोन हमलों को ज़िम्मेदार बताया था.
इसी बीच यूक्रेन पर लगातार तीसरी रात मिसाइल हमले हुए हैं. यूक्रेन के सुरक्षा अधिकारियों का दावा है कि राजधानी कीएव को निशाना बनाकर दागे गए सभी रूसी ड्रोन को मार गिराया गया है.
इसी बीच मंगलवार को रूस के बॉर्डर क्षेत्र ब्रायंस्क में एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई है. क्षेत्रीय गवर्नर ने बताया है कि मालगाड़ी के कई डिब्बे विस्फोट के बाद पटरी से उतर गए.
रेल मंत्रालय ने इस घटना के बीचे अवैध हस्तक्षेप को वजह माना है. इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है.
सोमवार सुबह भी यूक्रेन की सीमा के नज़दीक इसी रेलवे ट्रैक पर एक और मालगाड़ी ऐसी ही घटना में पटरी से उतर गई थी.
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से बेलारूस की सीमा के क़रीब इस इलाक़े में इस तरह से रूसी इंफ्रास्ट्रक्चर को नुक़सान पहुंचाने वाली कई घटनाएं हो चुकी हैं.
इसी बीच एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिसंबर के बाद से यूक्रेन युद्ध में मारे जाने वाले रूसी सैनिकों की तादाद 20 हज़ार को पार कर गई है.
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मंगलवार को दावा किया कि मारे गए सैनिकों के अलावा 80 हज़ार रूसी सैनिक इस दौरान घायल भी हुए हैं.
अमेरिका का दावा है कि जान गंवाने वाले रूसी सैनिकों में आधे से अधिक वागनर समूह से जुड़े हैं. वागनर समूह पिछले कई महीनों से यूक्रेन के बखमूत शहर पर नियंत्रण के लिए हमले कर रहा है. (bbc.com)
न्यूयॉर्क, 3 मई | टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क आलोचक और स्वतंत्र शोधकर्ता भारतीय-अमेरिकी सिख रणदीप होथी द्वारा उनके खिलाफ दायर एक मानहानि मामले में सुलह के लिए 10,000 डॉलर देने पर सहमत हुए हैं। मिशिगन विश्वविद्यालय में एशियाई भाषाओं और संस्कृतियों में डॉक्टरेट के छात्र होथी ने 2020 में मस्क के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि अरबपति व्यवसायी ने उन पर टेस्ला कर्मचारियों को सक्रिय रूप से परेशान करने और लगभग मारने का झूठा आरोप लगाया था।
मार्च 2023 में एक लंबी लड़ाई के बाद मस्क ने होथी से मामले को निपटाने के लिए कहा।
होथी ने एक बयान में मस्क के सुलह प्रस्ताव को स्वीकार करने की घोषणा करते हुए कहा, यह मामला प्रसिद्धि या पैसे की मांग के बारे में नहीं था। यह एक अपना पक्ष रखने के बारे में था। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं।
उन्होंने कहा, मैं यह केस अपने काम का बचाव करने, अपना नाम को पाक-साफ करने और एक संदेश देने के लिए किया था ..मुझे विश्वास है कि मैंने इसे पूरा कर लिया है। मस्क को बहुत-बहुत धन्यवाद। पिछले एक साल में उनके व्यवहार ने यह साफ कर दिया है कि उन्हें अपने हर शब्द और हर काम की समीक्षा करने की जरूरत है।
होथी के वकीलों में से एक डी. गिल स्पेलिन ने कहा, पिछले साल मस्क ने कहा था कि वह 'अन्यायपूर्ण मामले को कभी नहीं सुलझाएंगे'।फिर भी उन्होंने होथी से उसे सुलझाने के लिए कहा है। हम मस्क की विलंबित स्वीकारोक्ति का स्वागत करते हैं कि यह मामला न्यायपूर्ण था।
टेस्ला के साथ होथी का आमना-सामना तब हुआ जब उन्होंने ट्वीटर पर एकरेटएसकेएबीओओएसएचकेए के नाम से अकाउंट बनाया और इलेक्ट्रिक वाहन निमार्ता के स्वचालन, प्रौद्योगिकी और उत्पादन प्रक्रियाओं के बारे में मस्क और उनकी कंपनी के प्रकाशित दावों के बारे में फैक्ट चेक किए।
होथी 2018 की शुरुआत में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में टेस्ला के कैलिफोर्निया स्थित कारखाने में उत्पादन प्रक्रिया को देखा था।
अप्रैल 2019 में टेस्ला ने होथी के खिलाफ एक निरोधक आदेश की मांग की। उसने आरोप लगाया कि होथी ने एक कर्मचारी को टेस्ला फैक्ट्री की पार्किं ग में अपनी कार से मारा। होथी ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।
जब होथी और उनकी कानूनी टीम ने कथित टक्कर का वीडियो सौंपने के लिए टेस्ला के खिलाफ अदालत से आदेश प्राप्त कर लिया तो टेस्ला ने जुलाई 2019 में अचानक अपना मुकदमा वापस ले लिया।
इसके बाद अगले महीने मस्क ने होथी पर सक्रिय रूप से परेशान करने और टेस्ला के कर्मचारियों को लगभग मारने (आईएनजी) का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्टर को ई-मेल किया।
उस टिप्पणी को बाद में प्रकाशित किया गया और ट्विटर पर सैकड़ों हजारों लोगों के लिए प्रसारित किया गया।
मस्क के आरोपों के व्हिसलब्लोअर, शोधकर्ताओं, पत्रकारों और आलोचकों सहित सभी वर्ग से होथी के लिए समर्थन आने लगे।
होथी ने अगस्त 2020 में मानहानि का मुकदमा किया।
मस्क ने यह तर्क देकर मामले को निपटाने का प्रयास किया कि उनके आरोप संरक्षित भाषण थे और इसलिए कैलिफोर्निया के एंटी-एसएलएपीपी कानून के तहत खारिज कर दिया जाना चाहिए।
जनवरी 2021 में ट्रायल कोर्ट ने मस्क की दलीलों को खारिज कर दिया। अदालन ने कहा कि होथी ने संभावना दिखाई है कि वह अपने दावे पर सफल हो सकता है क्योंकि मस्क की टिप्पणी अपराधिक आरोप के समान है और इस प्रकार मानहानि की श्रेणी में आता है।
होथी ने 30 अप्रैल को मस्क के सुलह प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 3 मई। पाकिस्तान में सत्तारूढ़ गठबंधन और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पाकिस्तान (पीटीआई) पार्टी पूरे देश में एक ही दिन आम चुनाव कराने को तो राजी हो गए हैं, लेकिन दोनों पक्षों के बीच मतदान की तारीख को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
प्रांतीय और संघीय चुनाव की तिथि को लेकर पिछले कई महीनों से जारी राजनीतिक गतिरोध को खत्म करने के लिए इस्लामाबाद में मंगलवार देर रात हुई बैठक में पाकिस्तान सरकार और पीटीआई ने पूरे देश में एक ही दिन मतदान कराने का फैसला लिया।
दरअसल, इमरान की पीटीआई पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में जल्दी चुनाव कराने की मांग कर रही थी। दोनों की प्रांतीय असेंबली को इस साल जनवरी में भंग कर दिया गया था। वहीं, पाकिस्तान सरकार अक्टूबर में एक ही तिथि पर देशभर में संघीय और प्रांतीय चुनाव कराने पर अड़ी हुई थी।
सत्तारूढ़ गठबंधन और पीटीआई के बीच देश में एक ही तिथि पर चुनाव कराने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तीसरी बैठक मंगलवार रात को हुई।
‘द डॉन’ अखबार ने वित्त मंत्री इशाक डार के हवाले से कहा, “एक या दो प्रांतों में अलग-अलग तारीख पर चुनाव होने चाहिए या नहीं, इस बारे में अब कोई भ्रम नहीं है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हो गए हैं कि देश में एक ही दिन चुनाव कराना फायदेमंद है।”
डार के मुताबिक, बातचीत में एक और सकारात्मक नजीता यह निकला कि चुनाव कार्यवाहक व्यवस्था के तहत कराने का फैसला लिया गया।
हालांकि, उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीख को लेकर अभी सहमति नहीं बन पाई है।
डार ने कहा, “हमने तारीख तय कर ली है... लेकिन इस पर आम सहमति कायम करना अभी बाकी है।” उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष चुनाव की तारीख को लेकर अपने-अपने नेतृत्व से चर्चा करेंगे।
डार ने पूरे पाकिस्तान में एक ही दिन चुनाव कराने के प्रस्ताव पर बनी सहमति को ‘बड़ी प्रगति’ करार दिया।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने लचीलापन दिखाया है और अगर वे ईमानदारी के साथ एक समाधान की दिशा में काम करना जारी रखते हैं, तो ‘तीसरा चरण (चुनाव की तारीख को अंतिम रूप देना) भी कामयाब होगा।’
वहीं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के यूसुफ रजा गिलानी ने कहा कि दोनों पक्ष चुनावी नतीजों को स्वीकार करने पर भी सहमत हुए हैं।
बैठक में पाकिस्तान सरकार की तरफ से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के इशाक डार, ख्वाजा साद रफीक, आजम नजीर तरार और सरदार अयाज सादिक के अलावा पीपीपी के यूसुफ रजा गिलानी और सैयद नवीद कमर तथा अन्य पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
वहीं, मुख्य विपक्षी दल पीटीआई की ओर से पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष फवाद चौधरी और सीनेटर अली जफर ने बैठक में हिस्सा लिया।
बैठक के बाद कुरैशी ने मीडिया से कहा कि उनकी पार्टी ने कार्यवाहक व्यवस्था के तहत एक ही दिन चुनाव कराने के सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि नेशनल असेंबली और सिंध एवं बलूचिस्तान की प्रांतीय असेंबली को भंग करने की तारीख के साथ-साथ चुनाव की तारीख पर समझौता होना बाकी है।
कुरैशी के अनुसार, पीटीआई ने प्रस्ताव दिया है कि देशभर में एक साथ चुनाव होने से पहले इन असेंबलियों को 14 मई को या फिर उससे पहले भंग कर दिया जाए। (भाषा)
ऑनलाइन ट्यूशन देने और किताबें छापने वाली कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में तेज़ गिरावट जारी है.
ऐसे सबूत सामने आए हैं कि चैट जीपीटी जैसे आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस बॉट्स इन कंपनियों के कारोबार पर असर डाल सकते हैं.
अमेरिकी कंपनी चेग के शेयरों के दाम मंगलवार को 51 फ़ीसदी तक गिर गए और कंपनी को एक अरब डॉलर से अधिक का नुक़सान हुआ है.
वहीं ब्रितानी कंपनी पियर्सन ने अपने कुल मूल्य का छठा हिस्सा गंवा दिया है.
चेग के सीईओ डैन रोसंसविग का कहना है कि छात्र चैट जीपीटी में अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं और कंपनी नए ग्राहक नहीं जोड़ पा रही है.
कंपनी ने आर्टिफ़िशियल एंटेलिजेंस बॉट्स से मुक़ाबले के लिए अपना ख़ुद का एआई टूल भी लांच किया है.
विश्लेषकों का मानना है कि प्रकाशन और शिक्षा उद्योग की कंपनियों पर एआई का असर इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि एआई स्थापित कारोबारी मॉडलों को नुक़सान पहुंचा सकता है.(bbc.com/hindi)
मंगलवार को फ़लस्तीनी क्षेत्रों की तरफ़ से इसराइली इलाक़ों पर राकेट दागे जाने के बाद से इसराइली वायुसेना गज़ा पट्टी में चरमपंथियों के ठिकानों पर हवाई हमले कर रही है.
इसराइली सेना का कहना है कि इन हवाई हमलों में गज़ा पर प्रशासन चलाने वाले फ़लस्तीनी संगठन हमास के ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है.
इसराइली सेना के मुताबिक़ हमास के हथियार भंडार और प्रशिक्षण केंद्रों पर बमबारी की जा रही है.
इसराइल की हिरासत में एक चर्चित फ़लस्तीनी क़ैदी की मौत के बाद ये ताज़ा तनाव शुरू हुआ है. फ़लस्तीनी क़ैदी कादर अदनान भूख हड़ताल पर थे. सोमवार को उनका निधन हो गया.
कादर अदनान की मौत के बाद से ही फ़लस्तीनी क्षेत्रों में ग़ुस्से की लहर है. बुधवार सुबह समूचे दक्षिणी इसराइल में चेतावनी देने वाले सायरन सुने गए हैं. (bbc.com/hindi)