कारोबार
रायपुर, 6 जुलाई। एसपी अजय यादव का मालवीय रोड व्यापारी संघ ने स्वागत करते हुए गुलदस्ता दिया। संघ के महामंत्री राजेश वासवानी, उपाध्यक्ष अजीत सिंह कैंबो, कोषाध्यक्ष राकेश अग्रवाल एवं अजीत द्विवेदी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 6 जुलाई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल एवं उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन के सानिध्य में व्यापार प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र जग्गी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर गोबर खरीदी को एतिहासिक निर्णय बताते आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गोबर खरीदने से गोधन की तो रक्षा होगी ही साथ ही रोजगार व आय भी प्राप्त होगा जो गांवों में बुजुर्ग, महिलाएं हैं उनकी पेंशन के अलावा उन्हें अतिरिक्त आय का साधन मिलेगा। जो लोग अपनी गायों को खुला छोड़ देते थे अब इस गोबर के चलते वह अपनी गायों की सुरक्षा व रक्षा भी करेंगे साथ ही भरपूर चारा भी खिलाएंगे ताकि गोबर मिले, इससे हमारी गाय-बैल और भी तंदुरुस्त होंगे और उनकी रक्षा भी होगी। इससे खाद बनेगा और ऑर्गेनिक खेती की ओर छतीसगढ़ आगे बढ़ेगा। एक यह चक्र के समान काम करेगा आने वाले समय में जो हमारे किसान गायों के कारण अपनी खेती की सुरक्षा से परेशान रहते थे अब उनकी चिंता दूर हो जाएगी।
व्यापार प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष श्री जग्गी ने बताया कि कोरोनावायरस कोविड-19 की महामारी से पूरे देश में जहां आर्थिक मंदी का माहौल है वही उनके प्रयासों के चलते ही अनलॉक के बाद छत्तीसगढ़ राज्य में सकारात्मक माहौल है। जिसके कारण राज्य में जीएसटी की आवक 22 प्रतिशत बढ़ी है। कृषि, ऑटोमोबाइल एवं अन्य क्षेत्रों में व्यापार बढऩे से यह संभव हुआ है। इस जीएसटी वृद्धि से मुख्यमंत्री के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ प्रदेश ने देश को एक नई राह दिखाई है।
व्यापार प्रकोष्ठ ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए 211000 (दो लाख ग्यारह रूपये) की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में दी गई। प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, महामंत्री प्रमोद जैन, विजय वर्मा, हरदीप सलूजा, नीरज शर्मा, उपाध्यक्ष योगेंद्र नांरग, अतुल अग्रवाल, तेज राजपूत, अजय अग्रवाल, अमित अग्रवाल, बृज किशोर अग्रवाल, त्रिलोक सलूजा, कमल ठाकुर आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 5 जुलाई. कैट छत्तीसगढ़ चैप्टर के प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि चीनी सामान के बहिष्कार के अपने राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत कैट ने केंद्र सरकार से यह मांग की है कि देश में कुछ समय बाद लागू होने वाले 5जी नेटवर्क की प्रक्रिया से चीनी कंपनियों हुवावे तथा जेडटीइ को पूर्ण रूप से बाहर रखा जाए. भारत की सम्प्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा लोगों के व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा को देखते हुए इन दोनों कंपनियों को 5जी नेटवर्क में भाग न लेने का निर्णय लिया जाए.
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि ऐसे समय में जब सारा राष्ट्र चीन द्वारा भारत के बॉर्डर पर अनेक प्रकार की अवांछनीय गतिविधियां कर रहा है, ऐसे में किसी भी चीनी कम्पनी को सुरक्षा से सम्बंधित किसी भी विषय पर जोड़ना भारत के हित में नहीं है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को भेजे एक पत्र में बताया कि जिस प्रकार से सरकार ने देश की सुरक्षा और सम्प्रभुता को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से हाल ही में 59 ऐप को प्रतिबंधित किया गया है, उसी नीति का पालन करते हुए इन दोनों को 5जी प्रक्रिया में शामिल नहीं होने देना चाहिए.
श्री पारवानी ने केंद्र और राज्य सरकारों की सराहना करते हुए कहा कि जहाँ चीनी ऐप को प्रतिबंधित किया गया, वहीं दूसरी ओर रेलवे, हाईवे एवं अन्य क्षत्रों में चीनी कंपनियों के साथ हुए ठेकों को रद्द किया गया. महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों ने चीनी कंपनियों के साथ अनुबंधों को समाप्त करने का निर्णय लिया है. साथ ही साथ कैट के अभियान का समर्थन करते हुए अनेक क्षेत्रों के व्यापारियों और उद्योगपतियों ने भी आवश्यक कदम उठाते हुए चीनी कंपनियों के साथ चल रहे व्यापार को समाप्त किया है. यह स्पष्ट संकेत है कि देश अब एकजुट होकर चीन के खिलाफ आर्थिक मोर्चाबंदी करने के लिए संकल्प ले चुका है.
नई दिल्ली 3 जुलाई। रिलायंस जिओ ने हाल ही में ज्यादा डेटा वाले कई प्रीपेड प्लान लॉन्च किए हैं। आज हम आपको जियो के उन रिचार्ज पैक के बारे में बताएंगे जो बंपर डेटा के साथ आते हैं। अगर आपका डेटा खर्च ज्यादा है और आपको ऐसे रिचार्ज प्लान की तलाश है जिनमें भरपूर डेटा मिलता हो, तो ये पैक आपके लिए हैं। रिलायंस जियो के पास 999, 2,121 रुपये और 2,399 रुपये वाले रिचार्ज पैक हैं जो खासतौर पर उन लोगों के लिए हैं जो ज्यादा डेटा खर्च करते हैं।
जियो का 2,399 रुपये वाला रिचार्ज पैक खासतौर पर उन यूजर्स के लिए है जो डेटा का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इस पैक की वैलिडिटी 365 दिन है। ग्राहकों को इस प्लान में हर दिन 2 जीबी डेटा मिलता है। हर दिन मिलने वाले डेटा की लिमिट खत्म होने के बाद स्पीड घटकर 64 Kbps रह जाती है। यानी इस पैक में कुल 730 GB डेटा ऑफर किया जाता है। जियो टू जियो अनलिमिटेड जबकि नॉन-जियो नेटवर्क पर कॉल करने के लिए 12 हजार मिनट्स मिलते हैं। इसके अलावा 100 एसएमएस भी हर दिन मुफ्त हैं। जियो के सभी ऐप्स का सब्सक्रिप्शन भी इस रिचार्ज पैक में फ्री ऑफर किया जाता है।
जियो के 999 रुपये वाले पैक को भी कंपनी ने कुछ समय पहले ही लॉन्च किया है। इस पैक की वैलिडिटी 84 दिन है। इस प्लान में कुल 3 जीबी डेटा ऑफर किया जाता है। यानी कुल 252 जीबी हाई-स्पीड डेटा का मजा लिया जा सकता है। हर दिन मिलने वाले डेटा की लिमिट खत्म होने के बाद यूजर्स 64kbps स्पीड से डेटा का फायदा ले सकते हैं। जियो-टू-जियो अनलिमिटेड कॉल की सुविधा है वहीं जियो से दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के लिए 3000 मिनट्स मिलते हैं। ग्राहक हर दिन 100 मुफ्त एसएमएस भी भेज सकते हैं। इसके अलावा जियो ऐप्स का सब्सक्रिप्शन भी मुफ्त मिलता है।
जियो के 2,121 रुपये वाले रिचार्ज पैक की वैलिडिटी 336 दिन है। इस रिचार्ज पैक में 1.5 जीबी डेटा हर दिन मिलता है। यानी ग्राहक कुल 504 जीबी हाई-स्पीड डेटा का फायदा ले सकते हैं। हर दिन खत्म होने वाले डेटा की लिमिट खत्म होने के बाद स्पीड घटकर 64Kbps रह जाती है। जियो नेटवर्क पर अनलिमिटेड जबकि नॉन-जियो नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 12 हजार मिनट मिलते हैं। ग्राहक हर दिन 100 मुफ्त एसएमएस का भी फायदा ले सकते हैं। जियो के बाकी रिचार्ज प्लान की तरह इस प्लान में भी जियो ऐप्स का सब्सक्रिप्शन भी मुफ्त मिलता है।(navbharat times)
नई दिल्ली 3 जुलाई। पबजी गेम का क्रेज अभी भी बरकरार है।पबजी गेम को लेकर ऐसी ही चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पंजाब में एक टीनएजर ने इस पॉप्युलर गेम को खेलने के दौरान इन-ऐप पर्चेजेस और अपग्रेडिंग के लिए 16 लाख रुपये खर्च कर डाले। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 17 साल के एक टीनएजर के पास तीन बैंक अकाउंट का ऐक्सिस था। पबजी गेम के आदी बन चुके इस लड़के ने ऐप में पैसे खर्च करने के लिए इन अकाउंट्स का इस्तेमाल किया।
टीनएजर ने अपने माता-पिता को बताया था कि वह अपनी पढ़ाई के लिए मोबाइल को देर तक इस्तेमाल कर रहा है जबकि इसकी जगह वह घंटो तक पबजी खेलने में समय बिताता था। इन-ऐप पर्चेजेस के अलावा गेम खेलने के दौरान वह अपने टीममेट्स के लिए भी अपग्रेड खरीद रहा था। द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया।
पैसों के खर्च होने की जानकारी तब मिली जब लड़के के मां-बाप ने बैंक अकाउंट देखा और पाया कि करीब 16 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टीनएजर अपनी मां के फोन को पबजी खेलने के लिए इस्तेमाल करता था। बैंक ट्रांजैक्शन के पूरे होने के बाद अपनी मां के डिवाइस से सारे मेसेज डिलीट कर देता था। लड़के के पिता के मुताबिक, उन्होंने अपने बेटे के भविष्य और मेडिकल जरूरतों के लिए यह पैसा बचाया था।
टीनएजर के पिता एक सरकारी कर्मचारी हैं और जिस समय उनके बेटे ने पबजी गेम में पैसे उड़ाए, उनकी पोस्टिंग कहीं और थी। खबरों के मुताबिक, लड़के ने एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने भी किए ताकि उसे कोई पकड़ ना सके। पुलिस ने लड़के के माता-पिता को किसी तरह की मदद देने से इनकार कर दिया क्योंकि उनके बेटे ने गेम पर जानबूझकर पैसे खर्च किए थे।(navbharat times)
रायपुर, 3 जुलाई। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के संचालक डॉ. संदीप दवे ने एक प्रेसवार्ता के माध्यम से कोरोना महामारी, अस्पताल द्वारा रखी जा रही सावधानियां के बारे में बताते हुए कहा कि बहुत से लोगों में कोरोना को लेकर ऐसा डर बना है कि उन्हें लगता है कि वे अस्पताल आएंगे और उन्हें कोरोना हो जाएगा।
डॉ. दवे ने बताया कि उन्हें लगता है कि मरीजों को मन से निकाल देना चाहिए की हॉस्पिटल जाने से हमें भी कोरोना हो जाएगा। सभी अस्पताल सावधानियां रख रहे हैं। कोरोनाग्रस्त दूसरे मरीजों के साथ न मिलें इसलिए अस्पताल प्रतिबद्ध है। मरीज जिनको पथरी, हर्निया, हॉट की तकलीफ, कैंसर आदि कोई भी बीमारी है जो कोरोना संबंधित नहीं है, उन्हें सुरक्षित वातावरण मिलेगा।
डॉ. दवे ने यह भी बताया कि लोगों से अनुरोध है कि अपनी बीमारी न बढ़ाएं और समय पर इलाज कराएं। हमने इसे एक नाम भी दिया है मिशन सुरक्षा। कोरोना से डरें नहीं, सावधानी रखते हुए हराएं, साथ ही मास्क पहनें, साबुन और सेनीटाइजर का प्रयोग करते रहें और सामाजिक दूरी का पालन करें।
रायपुर, 3 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित 59 चीनी मोबाइल ऐप की कंपनियों को अपना पक्ष रखने अवसर मिला है। कैट ने केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से आग्रह किया कि कैट को भी अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाना चाहिए क्योंकि सर्वप्रथम कैट ने ही 21 जून को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से इन्हें प्रतिबंधित करने की मांग की थी।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि श्री प्रसाद को भेजे पत्र में कैट ने कहा है कि सरकार द्वारा इन ऐप को प्रतिबंधित किया जाना देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी था। भारतीय न्यायिक व्यवस्था की पारदर्शिता को बरकरार रखते हुए उच्च समिति द्वारा इन ऐप कंपनियों को मौका दिया जाना न्यायोचित है किन्तु न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत को देखते हुए कैट को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना बहुत आवश्यक है।
श्री पारवानी ने यह भी बताया कि कैट ने श्री प्रसाद को यह भी स्मरण कराया कि भारत की जिन कंपनियों में चीनी कंपनियों का निवेश है तथा जिन चीनी कंपनियों ने भारत में अपनी निर्माण इकाइयां लगाई हैं, उन दोनों वर्गों की कंपनियों की भी जांच होनी चाहिए जिससे यह पता लग सके की इन कंपनियों ने भारत का जो डाटा एकत्र किया है वो कहीं भारत से बाहर तो नहीं भेजा गया अथवा उसका कोई दुरूपयोग तो नहीं हो रहा है।
मुंबई, 3 जुलाई, रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऋणमुक्त होने के बाद भी मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश का सिलसिला जारी है। 12 निवेशों के जरिए जियो प्लेटफॉर्म्स में 25.09% इक्विटी के लिए 1,17,588.45लाख करोड़ का निवेश हो चुका है। शुक्रवार को अमेरीकी इंटेल कैपिटल ने 0.39% इक्विटी के लिए जियो प्लेटफॉर्म्स में 1,894.5 करोड़ रु के निवेश की घोषणा की। दुनिया भर में बेहतरीन कम्प्यूटर चिप बनाने के लिए इंटेल को जाना जाता है।
जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश 22 अप्रैल को फेसबुक से शुरू हुआ था, उसके बाद सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी,जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडला और सिल्वर लेक ने अतिरिक्त निवेश किया था। बाद में अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ( ADIA), TPG, एल कैटरटन और PIF ने भी निवेश की घोषणा की थी।
जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की “फ़ुली ओन्ड सब्सिडियरी” है। ये एक “नेक्स्ट जनरेशन” टेक्नॉलोजी कंपनी है जो भारत को एक डिजिटल सोसायटी बनाने के काम में मदद कर रही है। इसके लिए जियो के प्रमुख डिजिटल एप, डिजिटल ईकोसिस्टम और भारत के नंबर #1 हाइ-स्पीड कनेक्टिविटी प्लेटफ़ॉर्म को एक-साथ लाने का काम कर रही है। रिलायंस जियो इंफ़ोकॉम लिमिटेड, जिसके 38 करोड़ 80 लाख ग्राहक हैं, वो जियो प्लेटफ़ॉर्म्स लिमिटेड की “होल्ली ओन्ड सब्सिडियरी” बनी रहेगी।
इंटेल कैपिटल इनोवेटिव कंपनियों में विश्व स्तर पर निवेश करने के साथ, क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और 5 जी जैसे प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में काम करती है, जहां Jio भी कार्यरत है। इंटेल कैपिटल, इंटेल कॉर्पोरेशन की निवेश शाखा है। इंटेल दो दशकों से अधिक समय से भारत में काम कर रही है और आज बेंगलुरु और हैदराबाद में अत्याधुनिक डिजाइन सुविधाओं के साथ वहां हजारों कर्मचारियों काम कर रहे हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक श्री मुकेश अंबानी ने कहा, “दुनिया के प्रौद्योगिकी लीडर्स के साथ हमारे संबंध और अधिक गहरा होने पर हम बेहद खुश हैं। भारत को दुनिया में एक अग्रणी डिजिटल सोसाइटी में बदलने के हमारे दृष्टिकोण को मूर्त रूप देने में ये हमारे सहायक हैं। इंटेल एक सच्चा इंडस्ट्री लीडर है,जो दुनिया को बदलने वाली तकनीक और नवाचारों को बनाने की दिशा में काम कर रहा है। वैश्विक स्तर पर इंटेल कैपिटल के पास अग्रणी प्रौद्योगिकी कंपनियों में एक मूल्यवान भागीदार होने का उत्कृष्ट रिकॉर्ड है। इसलिए हम अत्याधुनिक तकनीकों में भारत की क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिए इंटेल के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हैं जो हमारी अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को सशक्त बनाएगा और 130 करोड़ भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगा। "
इंटेल कैपिटल के अध्यक्ष, श्री वेंडेल ब्रूक्स ने कहा, "भारत में कम लागत वाली डिजिटल सेवाओं को ताकत देने के लिए Jio प्लेटफ़ॉर्म्स अपनी प्रभावशाली इंजीनियरिंग क्षमताओं का उपयोग कर रहा है। यह जीवन को समृद्ध बनाने के इंटेल के उद्देश्य के समरूप है। हमारा मानना है कि डिजिटल पहुंच और डेटा, व्यापार और समाज को बेहतर बना सकते हैं। इस निवेश के माध्यम से भारत में डिजिटल परिवर्तन को हम ताकत देंगे।
जियो एक ऐसे “डिजिटल भारत” का निर्माण करना चाहता है जिसका फ़ायदा 130 करोड़ भारतीयों और व्यवसायों को मिले। एक ऐसा “डिजिटल भारत” जिससे ख़ास तौर पर देश के छोटे व्यापारियों, माइक्रो व्यवसायिओं और किसानों के हाथ मज़बूत हों। जियो ने भारत में डिजिटल क्रांति लाने और भारत को दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल ताकतों के बीच अहम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वॉट्सऐप कई नए फीचर लाया है। इसमें ऐनिमेटेड स्टिकर्स, वॉट्सऐप वेब के लिए डार्क मोड,क्यू आर कोड्स शामिल हैं। नए अपडेट में कंपनी ने ग्रुप विडियो कॉलिंग को भी पहले से बेहतर किया है। वॉट्सऐप के सारे नए फीचर सभी यूजर्स के लिए रोलआउट किए गए हैं। आने वाले कुछ हफ्तों में यह भारत में भी उपलब्ध हो जाएंगे।
ऐनिमेटेड स्टिकर्स
वॉट्सऐप स्टिकर्स का इस्तेमाल यूजर काफी समय से कर रहे हैं, लेकिन नए ऐनिमेटेड स्टिकर्स के साथ कंपनी यूजर्स के चैटिंग एक्सपीरियंस को और शानदार बनाना चाहती है। कंपनी का मानना है कि नए स्टिकर्स के आने से यूजर अपने फ्रेंड्स और फैमिली मेंबर्स से और बेहतर तरीके से कनेक्ट हो पाएंगे। नए स्टिकर्स रोलआउट करने के बारे में वॉट्सऐप ने कहा, 'वॉट्सऐप स्टिकर्स यूजर्स के बीच एक-दूसरे से कम्यूनिकेट करने के लिए काफी पॉप्युलर हो रहे हैं। इस वक्त दुनिया भर में रोज अरबों स्टिकर्स भेजे जा रहे हैं। हम इस बार नए ऐनिमेटेड स्टिकर्स पैक को रोलआउट कर रहे हैं ताकि चैटिंग मजेदार और एक्सप्रेसिव हो।'
क्यू आर कोड्स
स्टिकर्स के साथ ही वॉट्सऐप ने क्यू आर कोड्स फीचर की भी घोषणा कर दी है। इस फीचर की मदद से यूजर्स को नए कॉन्टैक्ट्स ऐड करने में आसानी होगी। अब यूजर सेंडर के भेजे गए क्यू आर कोड को स्कैन करके अपने कॉन्टैक्ट्स में जोड़ सकेंगे।
क्यू आर कोड से कॉन्टैक्ट ऐड
वेब के लिए आया डार्क मोड
इस साल की शुरुआत में वॉट्सऐप ने अपने मोबाइल ऐप के लिए डार्क मोड लॉन्च किया था। अब कंपनी इसी डार्क मोड को वेब यूजर्स के लिए लाई है जो वॉट्सऐप को लैपटॉप या डेस्कटॉप पर यूज करते हैं। यह फीचर आने वाले कुछ दिनों में सभी यूजर्स को मिल जाएगा।
ग्रुप कॉलिंग
वॉट्सऐप ने हाल में ग्रुप विडियो कॉल मेंबर्स की संख्या को चार से बढ़ा आठ कर दिया था। अब कंपनी ने विडियो कॉलिंग फीचर को और बेहतर बनाने की कोशिश की है। यूजर अब चाहें तो ग्रुप विडियो कॉलिंग के दौरान के दौरान उस यूजर को फुल स्क्रीन पर देख सकेंगे जिसपर वह फोकस करना चाहते हैं। इसके लिए यूजर को उस यूजर के विडियो को देर तक प्रेस करना होगा जिसे वे फुल स्क्रीन पर देखना चाहते हैं।
वॉट्सऐप-2
जब भी हमें वॉट्सऐप पर मैसेज आता है उसे पढ़ने पर ब्लू टिक का साइन सेंडर के पास चला जाता है. इससे सेंडर को पता चल जाता है कि रिसीवर ने मैसेज पढ़ लिया है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हम मैसेज पढ़ना भी चाहते हैं और ये भी चाहते हैं कि रिसीवर के पास ब्लू टिक का साइन नहीं जाए. हम आज आपको ऐसी ही ट्रिक बताएंगे, जिससे आप मैसेज पढ़ भी लेंगे और ब्लू टिक भी नहीं जाएगा.
मैसेज को सीक्रेटली पढ़ने की ट्रिक
फोन की स्क्रीन पर वॉट्सऐप मैसेज का वेट करें
अब आपको नोटिफिकेशन में मिले मैसेज पर देर तक प्रेस करके रखें.
ऐसा करने से मैसेज स्क्रीन पर ही खुल जाएगा और आप वहीं पर पूरा मैसेज पढ़ सकते हैं
इस ट्रिक को आजमाने पर आपको व्हाट्सऐप ओपन नहीं करना पढ़ेगा.
साथ ही सेंडर के पास ब्लू टिक भी नहीं जाएगा.
रायपुर, 2 जुलाई। वसुदेवकुटुम्भ फाउंडेशन के संस्थापक रविंन्द्र सिंह ने संस्था के सदस्यों के साथ सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए अंतरराष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर एम्स के निदेशक डॉक्टर नितिन एम. नागरकर को बधाई दिए और मेमोन्ट्स देकर सम्मान किया।
रविंन्द्र सिंह ने बताया कि आज चिकित्सा जगत में डॉक्टर्स की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती हैं समाज को लेकर और जिसमे कोरोना जैसी महामारी मे चिकित्सा जगत के सभी डॉक्टर्ड अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कार्य को करते है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल नेे बताया कि 10 जून से चलाए चीनी सामान के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान भारतीय सामान - हमारा अभिमान में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कैट के आवाहन पर किसान, ट्रांसपोर्ट, लघु उद्योग, उपभोक्ता आदि के राष्ट्रीय संगठनों ने प्रबल समर्थन दिया।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि इस अभियान में जुडऩे वाले महत्वपूर्ण संगठनों में इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन, राष्ट्रीय किसान मंच, कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन, ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज, एमएसएम ईडेवलपमेंट फोरम, ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया कॉस्मेटिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन,नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट फोरम, वुमन एंटरप्रीनियोर एसोसिएशन ऑफ इंडिया आदि शामिल हैं।
श्री पारवानी ने बताया कि विभिन्न वर्गों के नेताओं ने सर्वसम्मति से कहा कि चीन को जवाब देने के लिए स्थानीय संसाधनों के विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। एक स्वर में इसके प्रति प्रतिबद्दता जाहिर करते हुए सभी ने कहा की चीनी वस्तुओं के बहिष्कार और भारतीय वस्तुओं के उपयोग को हम इसे करने और भारत में यह बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 2 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल नेे बताया कि 10 जून से चलाए चीनी सामान के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान भारतीय सामान - हमारा अभिमान में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कैट के आवाहन पर किसान, ट्रांसपोर्ट, लघु उद्योग, उपभोक्ता आदि के राष्ट्रीय संगठनों ने प्रबल समर्थन दिया।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि इस अभियान में जुडऩे वाले महत्वपूर्ण संगठनों में इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन, राष्ट्रीय किसान मंच, कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन, ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज, एमएसएम ईडेवलपमेंट फोरम, ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया कॉस्मेटिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन,नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट फोरम, वुमन एंटरप्रीनियोर एसोसिएशन ऑफ इंडिया आदि शामिल हैं।
श्री पारवानी ने बताया कि विभिन्न वर्गों के नेताओं ने सर्वसम्मति से कहा कि चीन को जवाब देने के लिए स्थानीय संसाधनों के विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। एक स्वर में इसके प्रति प्रतिबद्दता जाहिर करते हुए सभी ने कहा की चीनी वस्तुओं के बहिष्कार और भारतीय वस्तुओं के उपयोग को हम इसे करने और भारत में यह बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मुंबई, 2 जुलाई । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 705 करोड़ रुपये की अनियमितता के मामले में जीवीके ग्रुप के चेयरमैन जीवीके रेड्डी और उनके बेटे संजय रेड्डी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। रेड्डी के अलावा सीबीआई मे मामले में मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अलावा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ-साथ अन्य कंपनियों के कई अधिकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने इन सभी लोगों पर 705 करोड़ रुपये की अनियमितता और साल 2012 से लेकर 2018 के बीच सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। जीवीके ग्रुप ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) और कुछ विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) नाम से कंपनी बनाई थी। इसमें जीवीके के 50 प्रतिशत से ज्यादा शेयर हैं।
आरोप है कि 2012 से 2018 के बीच जीवीके ग्रुप ने एमआईएएल के सरप्लस फंड के पैसे अपनी दूसरी कंपनियों में लगाए थे। यह धनराशि 395 करोड़ रुपये के करीब थी। इतना ही नहीं, कंपनी के मुंबई में होने के बावजूद इसके सरप्लस फंड के पैसों को हैदराबाद के बैंकों में रखा गया। केंद्रीय जांच एजेंसी इन सभी अनियमितताओं की जांच कर रही है। बता दें कि जीवीके रेड्डी एमआईएएल के चेयरमैन हैं, जबकि उनके बेटे संजय रेड्डी कंपनी में एमजी के तौर पर नियुक्त हैं। (navbharattimes.indiatimes.com)
रायपुर, 30 जून। होंडा मोटर साइकल स्कूटर इंडिया ने सोमवार को राजधानी रायपुर के अग्रणी अधिकृत विक्रेता सिटी होंडा के पचपेड़ी नाका, लालपुर स्थित शोरूम में अपनी नई मोटर साइकल होंडा सीडी 110 बी एस 6 मॉडल की ई - लॉंचिंग की। इस अवसर पर निगम रायपुर के अध्यक्ष व पूर्व महापौर प्रमोद दुबे, सिटी होंडा ग्रुप के संचालक कैलाश खेमानी, सिटी होंडा कालीबाड़ी से अमर सचदेव, सागर सचदेव, सिटी होंडा भाटागाँव से तेजेश मुखर्जी, संस्था के महाप्रबंधक अभिजीत सोनी व अमित चंद्रा विशेष रूप से उपस्थित थे।
सिटी होंडा ग्रुप के खेमानी ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए होंडा सी डी 110 बी एस 6 के आकर्षक फीचर्स के बारे में बताया कि होंडा सीडी 110 बी एस 6 को दो वेरियेंट में लॉंच किया गया हैं जिसमें स्टैंडर्ड वेरियेंट का एक्स शोरूम मूल्य 64,333 रु. और डिलक्स वेरियेंट का एक्स शोरूम मूल्य 65,333 रु. हैं। यह वाहन आकर्षक ग्राफिक्स व आधुनिक तकनीक से परिपूर्ण है, 6 एफ 1 इंजन तथा एसीजी स्टार्टर मोटर, 735 एमएम लंबी सीट, डीसी हेडलैम्प, 1285 व्हीलबेस, सीबीएस इक्वालाइजऱ, सेल्फ़ स्टार्ट, पासिंग लाईट, सिल्वर एलोए व्हील के साथ यह वाहन 8 आठ खूबसूरत रंगो में उपलब्ध है। कोरोना वाइरस के सुरक्षा मानको को ध्यान में रखते हुए वाहन की ई - लॉंचिंग की गई जिसे फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर, व्हाट्सअप व अन्य सोशल मीडिया में लाइव किया गया जिसे सिटी होंडा के ग्राहकों से जबरदस्त लाइकिंग मिला साथ ही हज़ारों लोंग इस ई - लॉंचिंग के ऑनलाइन गवाह बने।
रायपुर, 30 जून। मैट्स यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट द्वारा स्कूल के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं के सफल संचालन के संबंध में आयोजित फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में प्रमुख वक्ताओं एवं विषय पर विशेषज्ञों ने वर्तमान जरूरत बताया।
इस प्रोग्राम का विषय था ’ऑफलाइन एवं ऑनलाइन कक्षाओं के लिए प्रभावी शिक्षण विज्ञान’ जिसमें प्रदेश के प्रतिष्ठित स्कूलों के शिक्षकों, प्राध्यापकों व प्राचार्यगणों ने हिस्सा लिया।
मैट्स स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडी के विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश गुप्ता ने बताया कि इस ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के मुख्य आतिथ्य में किया गया। विशिष्ट अतिथि सीबीएसई निदेशक रणबीर सिंह एवं एससीईआरटी के अतिरिक्त निदेशक आर.एन. सिंह थे। अतिथियों ने मैट्स विश्वविद्यालय के ऑनलाइन कक्षाओं एवं फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम को सराहनीय प्रयास बताया। सत्र की अध्यक्षता कुलाधिपति गजराज पगारिया ने की।
मुख्य उद्देश्य शहरी, ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में बेहतर रूप से ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण के लिए विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करना था। सत्र में विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों ने हिस्सा लिया। उन्होंने ऑनलाइन शिक्षण प्रक्रिया के संबंध में अपने विचार साझा किए। स्कूल के शिक्षकों को नवीन शिक्षण की इस तकनीकी आधुनिक दुनिया में समायोजित करने के लिए प्रशिक्षित करना भी इस सत्र का मुख्य उद्देश्य था। मैट्स विश्वविद्यालय के कुलसचिव गोकुलानंद पंडा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। सत्र में बिजनेस स्टडी विभाग सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापकों ने हिस्सा लिया।
‘छत्तीसगढ़’ सम्वाददाता।
रायपुर 29 जून। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि देश में चीनी सामानों के बहिष्कार के लिए अपने राष्ट्रीय अभियान में एक बड़ा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मांग की है कि भारत में ई-कॉमर्स अथवा बाजारों या अन्य किसी भी जरिये से बेचे जाने वाली प्रत्येक वस्तुओं पर किस देश में वो सामान निर्मित है तथा उक्त वस्तु में मूल्यवर्धन की सामग्री का उल्लेख अनिवार्य होना चाहिए।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि कैट द्वारा पूर्व में की गई एक मांग को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार ने सरकारी ई-पोर्टल जैम पर बेचे जाने वाले सभी उत्पादों पर उपरोक्त दोनों विवरणों का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया है। चीन और अन्य देशों से आयात किये गए विभिन्न उत्पादों पर किन्ही तत्वों द्वारा मेड इन इंडिया का लेबल चिपकाकर भारत में बेचे जाने की सूचनाएं कैट को प्राप्त हुई हैं और इसी के मद्देनजर कैट ने वाणिज्य मंत्री श्री गोयल से यह मांग की है कि भारत में ई-कॉमर्स, ऑफलाइन बाजार, बड़े कॉर्पोरेट शोरूम, डायरेक्ट सेल्लिंग या किसी भी अन्य तरीके से कोई भी सामान बेचे जाने पर उस सामान के निर्मित देश और उस सामान को बनाने में लगे एक अथवा एक से अन्य देशों के सामान का पूर्व विवरण लिखा जाना अनिवार्य करना बेहद जरूरी है।
कैट ने यह भी मांग की है कि उपरोक्त विवरण न देने वाले उत्पादों को देश में नहीं बेचा जाना चाहिए और इस प्रावधान के उल्लंघन की स्थिति में निर्माता, आयातक या मार्केटिंग एजेंसी जिसका नाम उक्त उत्पाद पर लिख हो को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
श्री पारवानी ने कहा कि सामानों के निर्माण में उत्पादों की संरचना के बारे में विवरण होगा कि क्या उत्पाद 100 प्रतिशत मेड इन इंडिया है या आयातित या भारतीय सामग्री के उपयोग से बना है अथवा क्या पूर्ण रूप से आयातित उत्पाद है की सही जानकारी उपभोक्ताओं को देगा जिससे सामान खरीदते समय उपभोक्ता पूर्ण रूप से निश्चिन्त होंगे की वो कौन से देश का बना सामान खरीद रहे हैं। देश में बेचे जाने वाले प्रत्येक सामान पर कंट्री ऑफ ओरिजिन और वैल्यू एडिशन के उल्लेख का अनिवार्य प्रावधान ग्राहकों को यह समझने में मदद करेगा की वो जो सामान खरीद रहे हैं है वो भारत अथवा किस देश में बना है जिससे ग्राहक के सभी भ्रम दूर होंगे। इस तरह के प्रावधान से केन्द्र सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम की अवधारणा को भी बल देगा तथा कुछ निहित स्वार्थों वाले लोग जो चीन के बने सामानों को अनैतिक रूप से मेड इन इंडिया का बताकर बेच रहे हैं जैसी कोशिशों को ध्वस्त करेगा।
श्री पारवानी ने यह भी कहा कि जब से केंद्र सरकार ने अपनी घोषणा की तारीख से ही जैम पोर्टल पर बेचे जाने वाले उत्पादों पर उपरोक्त दोनों प्रावधानों का उल्लेख करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है तब अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों को इस प्रावधान को तुरंत अमल में लाने में देरी का कोई कारण नहीं होना चाहिए और उन्हें होना तत्काल प्रभाव से अपने पोर्टल पर लागू करना चाहिए। कैट ने कहा है की इस प्रावधान के बहाने ई-कॉमर्स कंपनियों को इस निर्णय को दरकिनार करने में देरी करने का कोई बहाना नहीं ढूंढ़ना चाहिए।
‘छत्तीसगढ़’ सम्वाददाता।
रायपुर, 28 जून। कैट प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल और प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि देश में विभिन्न वर्गों के बीच हुए एक सर्वे में 98.8 प्रतिशत लोगों ने चीनी सामान के बहिष्कार का समर्थन किया है। यह सर्वे कनफेडेरशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 19-27 जून के बीच चला और सभी राज्यों से कुल 9735 ने भाग लिया।
श्री पारवानी ने बताया कि सर्वे में चीन के साथ चल रहे वर्तमान हालात से सम्बन्धित नौ प्रश्न पूछे गए थे और सभी उत्तरों से यह जाहिर होता है की इस मुद्दे पर सारा देश चीन के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है और किसी भी कीमत पर अब चीन को सबक सिखाना चाहता है। व्यापारियों, लघु उद्योग, किसान, हॉकर्स, उपभोक्ता, स्वयं उद्यमी, महिला उद्यमी, ग्रहणी, कामकाजी महिलाएं, विद्यार्थी एवं सामाजिक संगठनों के लोगों सहित अनेक वर्गों ने भाग लिया। कैट ने देश के सभी राज्यों के लगभग 11 हजार लोगों को सर्वे फॉर्म भेजा जिसमें से 9735 लोगों ने अपनी राय दी।
श्री पारवानी ने कहा की सर्वे के सभी प्रश्नों के नतीजे के रूप में भारतीय लोगों ने बड़ी संख्यां में चीन के खिलाफ अब जोरदार लड़ाई करने पर आम सहमति व्यक्त की। ख़ास बात यह रही की नौ दिनों तक चलने वाले सर्वे में सभी प्रश्नों के उत्तरों का प्रतिशत लगभग एक जैसा रहा जो इस बात को दर्शाता है की देश भर के लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी राय बहुत अधिक स्पष्ट है और किसी प्रकार का कोई भ्रम नहीं है। नतीजों से कैट को अब और अधिक आक्रामतकता के साथ देश भर में चीनी वस्तुओं के राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान -हमारा अभिमान’ को चलाया जा सकेगा।
रायपुर, 27 जून। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा घोषित 12 वी की परीक्षा में रायपुर के आदर्श विद्यालय की होनहार छात्रा निशा माहेश्वरी ने 12 वी की बोर्ड परीक्षा में 93.6 प्रतिशत प्रतिशत लाकर स्कूल ही नही बल्कि माहेश्वरी समाज को भी गौरवन्तित किया है। आप शुरू से ही बहुत होनहार छात्रा रही।आप अपने जीवन मे चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती है। उनके पिता अशोक माहेश्वरी से मिली जो खुद एक सीनियर अकाउंटेंट है, माता सरिता माहेश्वरी है, भाई नवीन जो कि खुद फाइनेंस में एमबीए कर बैंक में कार्यरत हैं। मामा संजय हरनारायण मोहता ने कहा कि आप बहुत ही होनहार हो और अपने लक्ष्य को जरूर प्राप्त कर अपने परिवार और समाज का नाम रोशन करोगी,आपके उज्जवल भविष्य की हम कामना करते है।
रायपुर, 26 जून। भगवान जगन्ननाथ की रथ यात्रा के अवसर पर टैगोर नगर एमएलए रेस्ट हाउस के पीछे ऐंबेसी व इंप्रेशन का शुभारंभ हरिभूमि व आईएनएच के प्रधान संपादक डॉक्टर हिमांशु द्विवेदी ने किया। इस दौरान ऐंबेसी के सीईओ मनीष राज्यवर्धन व इंंप्रेशन के डायरेक्टर सत्यम कुमार जैन विशेष रूप से उपस्थित रहें।
उन्होंने बताया कि विगत 15 वर्षों से ऐंबेसी कार्पोरेट प्रमोशन के माध्यम से रेडियों, प्रिंट-इलेक्ट्रानिक मीडिया में विज्ञापन की सुविधाएं हम अपने क्लाइंटों को उपलब्ध करवा रहें हैं, लेकिन अब नए वेंचर इंप्रेशन के शुरू होने के साथ ही हम अपने क्लाइंटों को ब्रांडिंग के लिए कस्टमाइज्ड मर्चेंड आइज प्रिटिंग उपलब्ध करवा रहें है। जिसमें टी-शर्ट, मास्क, मग, टाइल्स, बैग्स प्रिटिंग सहित अन्य कई सारी सुविधाएं मुहैया हैं। इससे क्लाइंटों को एक ही जगह पर अपने प्रमोशन से जुड़ी सभी उत्पादों को देखने व समझने में काफी आसानी होगी। इसके अलावा संस्थान में न्यूज आर्टिकल, ब्रोशर, विजटिंग कार्ड, ऑफिस स्टेशनरी, ई-कार्ड, डिजाइनिंग स्टूडियों, सोशल मीडिया, डिजीटल मार्केटिंग, ऑडियो-विजुअल फिल्म मीडिया जैसी कई सारी सुविधाएं भी हम लोगों को उपलब्ध करवा रहें हंै।
रायपुर, 26 जून। कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अपने राष्ट्रीय अभियान भारतीय सामान-हमारा अभिमान के अंतर्गत एक कदम आगे बढ़ाते हुए कैट ने आज देश के व्यापारियों और लोगों को इस साल की दिवाली को बड़े पैमाने पर हिन्दुस्तानी दिवाली मनाने का आव्हान किया है।
श्री पारवानी ने बताया कि सभी भारतवासी इस वर्ष की दिवाली में किसी भी चीनी सामान का उपयोग न करने का संकल्प लें। चीन और चीनी वस्तुओं के विरोध में देश के व्यापारी बेहद मजबूती से केन्द्र सरकार और देश की सेनाओं के साथ खड़े हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की चीनी सामान अथवा चीनी कंपनियों के साथ अनुबंध किसी भी तरह देश के व्यापार को और अधिक प्रदूषित न करें।
श्री पारवानी ने कहा है कि अपने देश की मिट्टी से बने दीये और मिट्टी की मूर्तियां, सजावटी सामान भारत में बिजली के बल्ब और झालर तथा अन्य भारतीय सामान का ही उपयोग दिवाली के त्यौहार पर किया जाएगा। इसी तरह राखी और जन्माष्टमी एवं अन्य त्यौहार भी केवल भारतीय वस्तुओं का उपयोग कर भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही मनाये जाएंगे।
श्री पारवानी ने बताया कि कैट ने व्यापारियों से चीन से अपना माल अब आयात न करने का अनुरोध करते हुए कहा की यदि किसी भी व्यापारी के पास चीनी सामान का स्टॉक है तो उन्हें ऐसे स्टॉक को 15 जुलाई तक बेच देना चाहिए।
बिलासपुर, 24 जून। डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में नए सत्र के लिए ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। कोरोना संकट में लॉकडाउन के तत्काल बाद से ही विश्वविद्यालय के सभी क्लासेस ऑनलाइन कर दी गई थी और सभी पाठ्यक्रमों को तय समय में पूरा कर लिया गया था। अब नए सत्र में प्रवेश प्रकिया ऑनलाइन कर दी गई है और पढ़ाई भी ऑनलाइन की जा रही है।
विद्यार्थी सीधे वेबसाइट पर जानकारी समस्त जानकारी लेकर ऑनलाइन प्रवेश ले सकते हैं। इसके लिए सभी कोर्सेस सहित सभी जानकारियां वेबसाइट में अपलोड की गई है। विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन काउसिलिंग टीम बनाई गई है। फोन,वाट्सअप और अन्य डिजिटल माध्यमों से विद्यार्थी अनुभवी प्राध्यापकों से सीधे जुड़ कर सलाह ले सकते हैं।
ऑनलाइन कार्यशाला में देशभर के शिक्षाविद् शामिल हुए-प्रो. दुबे
सीवी रामन् विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे ने बताया कि ब्लैकबोर्ड से लेकर स्मार्ट बोर्ड और ऑनलाइन टीचिंग तक शिक्षा आ चुकी है। कोरोना संकट के दौर में शैक्षणिक संस्थानों के आगे जो चुनौती है, उसमें ऑनलाइन एक स्वाभाविक विकल्प है। इसी विकल्प से ही शिक्षा की नई दिशा तय होगी। इसी दिशा में विश्वविद्यालय में 15 से 17 जून तक तीन दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन भी किया गया, जिसका विषय इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्निक्स इन एनालिटिकल केमिस्ट्री रखा गया था। यह आयोजन रसायन विभाग, आईक्यूएसी और जापान के शिमाट्जू कंपनी के संयुक्त तत्वावधान में था। देश भर के विशेषज्ञों ने ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला में जीसी, एफटीआईआर, यूआर विजिबल विषयों में तीन दिनों तक अपनी बात रखी। इस आयोजन में बीएचयू, आईआईएसई बंगलौर, सीआईटी चैन्नई, कर्नाटक सेंट्रल यूनिवर्सिटी,भावनगर विवि गुजरात, अमिटी विवि, अलीगढ़ मुस्लिम विवि सहित देश के कई विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक शामिल हुए। इसके अलावा फार्मास्यूटिकल साइंस, मेडिकल, इंजीनियरिंग, उद्योग से जुड़े विद्यार्थी शोधार्थी शामिल हुए।
ऑनलाइन शिक्षा में ही भविष्य-गौरव
शिक्षा अपने मूल में सामाजीकरण की एक प्रक्रिया है। जब-जब समाज का स्वरूप बदला है तब तब शिक्षा के स्वरूप में भी परिवर्तन की बात हुई है। आज कोरोना संकट के दौर में ऑनलाइन शिक्षा के जरिये शिक्षा के स्वरूप में बदलाव आ रहा है और इस बदलाव को स्वीकार करके विकास की गति को तय करना होगा। भविष्य ऑनलाइन शिक्षा में ही है।
रायपुर, 24 जून। कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिय़ा ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और भारत के 50 अन्य उद्योगपतियों को अर्थव्यवस्था मजबूत करने इस अभियान में जुडऩे आग्रह किया। कैट ने भारतीय सामान-हमारा अभिमान के नाम से चीनी सामानों के बहिष्कार का एक अभियान 10 जून को राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया है।
श्री पारवानी ने बताया कि श्री अम्बानी के अलावा कैट ने रतन टाटा, नारायणमूर्ति, अजीम प्रेमजी, आदी गोदरेज, नुस्ली वाडिया, अजय पीरामल, विक्रम किर्लोस्कर, कुमार मंगलम बिरला, शिव नाडार, राहुल बजाज, सुनील भारती मित्तल, ज्योत्सना सूरी, आनंद महिंद्रा, उदय कोटक, पालनजी मिस्त्री, शशि रुइया, मधुकर पारेख, सतीश रेड्डी, पंकज पटेल, नीलेश गुप्ता, हर्ष मरीवाला, पंकज पटेल आदि से सहयोग का आग्रह किया है ।
श्री पारवानी ने कहा कि देश के कुछ वर्गों में एक मिथक है कि भारत चीनी वस्तुओं का बहिष्कार बहुत मुश्किल है जिसे भारत के व्यापारियों ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि देश में व्यापारी देशवासियों के सहयोग से इसे करके दिखाएंगे। वर्तमान में उपभोक्ताओं के खरीद व्यवहार में एक बड़ा बदलाव आया है और अब उपभोक्ता भी चीनी सामान की अपेक्षा भारतीय सामन खरीदना ज्यादा पसंद करने लगे हैं जो कैट के भारतीय सामान-हमारा अभिमान के अभियान की मुख्य धुरी बनेगा।
रायपुर, 23 जून। कन्फेडरेशन ऑफ आल इंड़िया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा सरकारी ई मार्किट प्लेस जैम पर बिक्री होने वाले प्रत्येक सामान पर वो सामान कहाँ निर्मित किया गया उसके मूल देश के नाम को लिखने को अनिवार्य बनाने पर श्री गोयल को धन्यवाद दिया। कैट ने यह मांग गोयल से 15 जून को भेजे एक पत्र में की थी जिसमें कैट ने कहा था की ई-कॉमर्स पोर्टलों पर बिकने वाले प्रत्येक सामान पर उसके निर्मित मूल देश की जानकारी देना आवश्यक किया जाए।
ज्ञातव्य है की कैट ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का एक राष्ट्रीय अभियान गत 10 जून को भारतीय सामान-हमारा अभिमान के टाइटल से शुरू किया था और इसी अभियान के अंतर्गत भारतीय वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए कैट ने श्री गोयल से निर्मित मूल देश के प्रावधान को आवश्यक करने की मांग की थी ।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने केन्द्र सरकार के इस कदम को बेहद सराहनीय पहल बताते हुए कहा की इस तरह का प्रावधान देश में व्यापार कर रहे सभी ई-कॉमर्स पर भी सख्ती एवं आवश्यक रूप से लागू करना जरूरी है। चूँकि सरकार ने खुद ही अपने सरकारी पोर्टल पर इस कदम की शुरुआत की है यह एक तरीके से अपने घर से ही शुरुआत का बड़ा कदम है जिसको अब अन्य सभी ई-कॉमर्स पोर्टलों पर तुरंत लागू करना चाहिए ।
श्री पारवानी ने कहा की ज्यादातर सभी ई-कॉमर्स कंपनियां अपने पोर्टल्स पर चीनी सामानों को बड़े पैमाने पर बेच रही हैं और निर्मित मूल देश के प्रावधान के अभाव में ग्राहक को यह पता ही नहीं होता की वो भारतीय सामान खरीद रहा है या किसी अन्य देश में बना सामान खरीद रहा है जो निश्चित रूप से ग्राहकों की पसंद को बड़े पैमाने पर प्रभावित करता है।
श्री पारवानी ने कहा कि सरकार इसके साथ ही अपने आदेश में उत्पादों में स्थानीय उत्पाद के प्रतिशत को भी अनिवार्य रूप से लिखने का भी प्रावधान कर एक बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाया है जो खरीदने वालों को यह बताएगा की जो सामान वो खरीद रहे हैं उसमें कितना प्रतिशत भारतीय सामान का उपयोग हुआ है। इसी श्रंखला में सरकार ने जैम पोर्टल पर मेक इन इंडिया फिल्टर को भी अनिवार्य किया है जिससे खरीदारों को यदि भारतीय सामान की ही जरूरत है तो केवल उन्हें वो ही सामान दिखेगा जो भारत में निर्मित है। इससे खरीददारों को केवल उन उत्पादों को चुनने या खरीदने के लिए प्रेरणा मिलेगी जिसमें न्यूनतम 50 प्रतिशत स्थानीय उत्पाद का उपयोग हुआ हो।
श्री पारवानी ने कहा कि अब ई-कॉमर्स पोर्टलों को भी चाहिए कि वे अपने संबंधित पोर्टलों में इस प्रावधान को शामिल करें ताकि ग्राहकों को पता चल सके कि वे किस देश का उत्पाद खरीद रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि चूंकि अन्य ई-कॉमर्स पोर्टल बिजनेस टू कंज्यूमर्स (बी 2 सी) अवधारणा के तहत काम कर रहे हैं, ऐसे में ई-कॉमर्स पोर्टल्स में इस प्रावधान की अधिक आवश्यकता है,ताकि उपभोक्ताओं को कोई धोखा न हो।
इस संदर्भ में कैट एक बार फिर वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल के दरवाजे खटखटाएगा और उनसे आग्रह करेगा कि सरकार के स्वयं के बाजार पोर्टल जैम पर उपरोक्त प्रावधान लागू करने के बाद अब अन्य ई-कॉमर्स खिलाड़ियों की बारी है और वाणिज्य मंत्रालय को इसके लिए तुरंत अधिसूचना जारी करनी चाहिए।
रायपुर, 22 जून। कन्फेडरेशन ऑफ आल इंड़िया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि भारत में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अपने देशव्यापी अभियान ’’भारतीय सामान -हमारा अभिमान‘‘ के तहत फिल्मी और क्रिकेट सितारों को चीनी सामान का विज्ञापन न करने के आव्हान के बाद आज इसी कड़ी में देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रीयों को भेजे गए एक पत्र में कैट ने उनसे इस अभियान में उनके सहयोग का आव्हान किया है और कहा है की वे एक समर्थन अपील जारी कर चीनी उत्पादों का बहिष्कार करें। ऐसे समय में जब पूरा देश चीन द्वारा भारतीय सैनिकों के खिलाफ की गई बर्बर कार्रवाई के विरोध में उबल रहा है, उम्मीद है कि आपको इस अभियान को व्यापक रूप समर्थन करना चाहिए और इस तरह के इरादे से प्रेरित होकर कैट आपसे चीनी सामानों के बहिष्कार का समर्थन करने का आग्रह करता है।
इसी तर्ज पर कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि कैट सी.जी. चैप्टर ने माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आज एक पत्र भेजकर राष्ट्र के साथ खड़े होने और अभियान के पक्ष में समर्थन अपील जारी करने का आग्रह किया है । साथ ही साथ कैट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से मांग की है की वो चीनी ब्रांड विवो की स्पॉन्सरशिप सहित अन्य किसी भी चीनी कम्पनी से किये गए ऐसे समझौते को तुरंत रद्द करें वही कैट ने भारतीय ओलंपिक संघ से भी किसी भी चीनी कंपनियों की स्पॉन्सरशिप को समाप्त किये जाने की मांग की है ।
श्री पारवानी ने बताया कि इस बीच कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल से आग्रह किया है की ई-कॉमर्स के नियमों में संशोधन करके प्रत्येक ई-कॉमर्स पोर्टल को यह निर्देशित किया जाए की वे अनिवार्य रूप से अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले प्रत्येक उत्पाद के साथ किस देश मे बना है यह भी लिखने का आदेश जारी करे। देश में अधिकांश ई-कॉमर्स पोर्टल चीनी सामान बेच रहे हैं किसका उपभोक्ता को पता तक नहीं चल पाता है।
श्री पारवानी ने बताया कि ज्ञातव्य है की कैट ने पहले फिल्म स्टार्स और क्रिकेट स्टार्स को चीनी ब्रांड्स के विज्ञापन करने पर रोक लगाने की मांग की थी और कैट की अपील पर मशहूर क्रिकेट स्टार हरभजन सिंह ने किसी भी चीनी ब्रांड का विज्ञापन नहीं करने की घोषणा की है। कैट की अपील को देश के सभी कोनों से व्यापक समर्थन मिल रहा है।
श्री पारवानी ने बताया कि जहाँ कैट ने केंद्र सरकार से चीनी कंपनियों को दिए गए सभी सरकारी अनुबंधों को रद्द करने की मांग की है वहीँ दूसरी ओर कैट ने इसी मुद्दे पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रीयों से भी अपील की है की वो भी कैट के अभियान का समर्थन करें और अपने प्रदेश में किसी भी चीनी कम्पनी से कोई समझौता हुआ है तो उसको तुरंत रद्द करें । समान अनुबंधों को रद्द करने के लिए, यदि यह उनके संबंधित राज्यों में हुआ है । कुछ दिन पहले कैट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे से महाराष्ट्र और चीन की 3 कंपनियों के साथ हुए समझौते को रद्द करने की अपील भी की है।
श्री पारवानी ने बताया कि इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे द्वारा कैट द्वारा 19 जून को की गई मांग जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा चीन की तीन कंपनियों से 5000 करोड़ रुपये के निवेश का समझौते किये गए थे को रद्द करने की मांग की थी, जिसे श्री ठाकरे ने स्वीकार करते हुए तीनों समझौतों को रद्द करने की घोषणा की है । श्री पारवानी ने कहा की श्री ठाकरे का फैसला स्वागतयोग्य है और देश के नागरिकों की भावनाओं का सम्मान है ।
श्री पारवानी ने बताया कि अब समय आ गया है जब भारतीय बाजार पर नियंत्रण और कब्जा करने के लिए चीन की कुटिल नीति को नाकाम कर दिया जाए। चीन के खिलाफ पूरे देश में आक्रोश और पीड़ा बढ़ रही है और भारतीय लोगों की भावनाओं का सम्मान राजनीतिक बिरादरी और अन्य संस्थानों द्वारा किया जाना चाहिए ताकि चीन पर भारत की निर्भरता को कम किया जा सकें और देश में लोगों द्वारा भारतीय सामान का उपयोग हो सके। उन्होंने कहा की यह रातोंरात नहीं होगा और अभियान में व्यापारी समुदाय, छोटे उद्योगों, बड़े उद्योग सहित, केंद्र एवं राज्य सरकारों को मिलकर एक साझा रणनीतरी बनाने की जरूरत है ।
श्री पारवानी ने बताया कि इस उद्देश्य के लिए कैट ने चीनी सामान जो भारत में आयात होता है की एक सूची बनाई है जिसमें विभिन्न चरणों में चीनी सामान का बहिष्कार होगा। पहले चरण में कैट ने 3000 से अधिक वस्तुओं वाली 450 वस्तुओं की एक व्यापक श्रेणी की पहचान की है, जिनका बहिष्कार किया जाना चाहिए। ये सभी तैयार माल हैं, जिनके विकल्प देश में पहले से ही उपलब्ध हैं। इस सूची में मोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, प्रौद्योगिकी संचालित उत्पाद, कच्चे माल और स्पेयर पार्ट्स को शामिल नहीं किया गया है। कैट भारत में इन उत्पादों के निर्माण को लेकर शीघ्र केंद्र सरकार के साथ बातचीत करेगा। कैट के अभियान का पहला चरण 31 दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगा जिसमें चीन से 1 लाख करोड़ रुपये का आयात कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
रायपुर, 20 जून। कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिय़ा ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि चीनी उत्पादों के बहिष्कार और इस मुद्दे पर राष्ट्र की नब्ज जानने के लिए अपने कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपने अभियान को व्यापक बनाने के लिए एक कदम और आगे बढ़ाते हुए देश के व्यापारियों और लोगों के बीच कल रात से एक राष्ट्रीय ऑनलाइन सर्वेक्षण शुरू किया। है जिसमें चीनी सामन के बहिष्कार पर लोगों की राय मांगी गई है । कैट ने गत 10 जून, 2020 को चीनी सामानों के बहिष्कार से जुड़े अपने अभियान भारतीय समान-हमारा अभियान की शुरुआत की थी, जिसे देश के सभी कोनों से देशव्यापी समर्थन मिला है। कैट का यह सर्वेक्षण 26 जून, 2020 तक जारी रहेगा।