कारोबार
रायपुर 16 जुलाई। आई. एस. बी. एम. विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी शाखा ने 3 डी प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी मे सम्भावनाए तथा अवसर विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया।
स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रवीण यादव ने वेबीनार के प्रारंभ में विषय वस्तु पर प्रकाश डाला. वेबिनार के प्रारम्भिक उद्बोधन मे विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद महल्वार ने 3 डी प्रिंटिंग की सम्भवनाओ और महत्व को बताया. उन्होने चिकित्सा क्षेत्र मे 3 डी प्रिंटिंग द्वारा मानवीय अंगो के पुनर्निर्माण की सम्भावनाओ को उल्लेखित किया. इसी क्रम मे विश्व विद्यालय के कुल सचिव डॉ. बी. पी. भोल ने 3 डी प्रिंटिंग के इतिहास और समय समय पर हुये शोधो से अवगत कराया.
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रुप मे 3 आईडिया प्रौद्योगिकी कम्पनी से बिभु महापात्रा ने 3 डी प्रिंटर के प्रकार और उंनके महत्व को समझाया. वेबिनार मे सम्मिलित देश के विभिन्न प्रांतों के शोधार्थियों के प्रश्नो का भी बिभु महापात्रा ने उत्तर दिया. विभाग के सहायक प्राध्यापक चंद्रशेखर कुर्रे ने कार्यक्रम का विषयात्मक विवरण प्रस्तुत किया. अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी के प्रमुख प्रवीण यादव ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया.
रायपुर, 16 जुलाई। खरोरा स्थित प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की असिस्टेंड रजिस्ट्रार सुश्री कोपल दुबे ने बताया कि कोरोना से बचाव और रोकथाम के तहत लॉकडाउन के दौरान सुरक्षित होने के लिए इंजीनियरिंग के ख्याति प्राप्त प्रोफेसरों द्वारा संचालित पाईटेक द्वारा सैनिटाईजऱ, दस्ताने, हैंडवाश, टैनिन बेस्ड आर्गेनिक फ्लोर क्लीनर के साथ-साथ संस्था द्वारा हाथ से बनाये गए मास्क सफाई कर्मचारी, मजदूर एवं जरूरतमंदों को वितरित किये जा रहे हैं।
सुश्री दुबे ने बताया कि जरुरत का सामान मिलने पर सभी लोगों को राहत मिली है। पाईटेक परिवार ने इस कार्य को पूरी संवेदनशीलता के साथ किया। जरूरतमंदों को राहत देने की दिशा में उक्त संस्था सहयोग कर रही है। पाईटेक ने लोगों को सोशल डिसटेनसिंग का पालन करने एवं बेवजह घर से न निकलने की अपील की और यह भी बताया की कोरोना से बचाव के लिए घर से बहार निकलते समय नाक-मुंह पर मास्क लगाएं। हाथों को अच्छे से सैनिटीज करें।
रायपुर, 16 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोशी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, एवं प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि आज कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने रायपुर शहर के युवा उद्यमी एवं व्यापारी निलेश मुंदड़ा को प्रदेश उपाध्यक्ष, रजत छाबड़ा, कान्ती पटेल एवं अभिषेक अग्रवाल को कैट प्रदेश मंत्री बनाया गया है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि युवा उद्यमी एवं व्यापारियों को कैट में जुडने से उनके अनुभवों एवं नेतृत्व क्षमता का लाभ संस्था को मिलेगा और उनके मार्गदर्शन में प्रदेश के व्यापारी बंधुओं को संस्था से जोड़कर संस्था को सशक्त एवं सक्रिय बनाने में निरंतर गतिशील रहेगी ।
रायपुर, 16 जुलाई। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की 43वीं वार्षिक आम सभा शुरू हुई। ये पहली वर्चुअल सालाना जनरल मीटिंग है। चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बताया कि कोरोना संकट मानव इतिहास की सबसे बड़ी विध्वंसकारी घटना है। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि इस संकट के समाप्त होने पर भारत और संपूर्ण विश्व एक बार फिर प्रगति और समृद्धि के रास्ते पर लौटेगा।
श्री अंबानी ने बताया कि मेरा दृढ़ता से मानना है कि हर प्रतिकूल परिस्थिती कई नए अवसरों को प्रस्तुत करती है। आज हम सभी हमारे नए डिजिटल उत्पाद, जियोमीट के माध्यम से इसमें भाग ले रहे हैं। कुछ ही दिनों पहले रिलीज़ किए गए जियोमीट को 50 लाख से ज़्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं। जियोमीट को हमारे युवा जियो प्लेटफॉम्र्स की टीम ने सिफऱ् 2 महीने में बना लिया और ये भारत की पहली और अकेली क्लाउड बेस्ड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप है।
श्री अंबानी ने बताया कि रिलायंस ने राइट्स इश्यू, जियो प्लेटफ़ॉर्म्स में निवेश और बीपी के साथ ज्वॉइंट वेंचर से कुल 2,12,809 करोड़ जुटाए हैं। ये हमारे वित्तीय वर्ष 2019-20 के नेट डेट 1,61,035 करोड़ से ज़्यादा है।
रायपुर, 15 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि हांगकांग से भारत में हो रहे आयात में अप्रत्याशित बढ़त पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए और भारतीय बाजार में चीनी सामान के बढ़त को बनाये रखने के लिए चीन का एक सामरिक प्रयास के रूप में देखते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से जांच करवाने का आग्रह किया है।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि जिन देशों को ट्रांसशिपमेंट हब बनाकर चीन अपना सामान भारत भेज सकता है, उनके साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते, संधियां और व्यापार से संबंधित अन्य समझौते को भी नए सिरे से देखा जाना चाहिए और यदि उनमें कोई छिद्र हैं तो उनको तुरंत बंद करना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा मापने वाले टेप के जो चीन से अन्य देशों के मार्फत बहुतायत में आ रहे हैं पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की कवायद शुरू करने की सराहना की।
श्री पारवानी ने बताया कि भारत चीन के साथ अपने व्यापार के अंतर को कम करने में सफल हुआ है लेकिन पिछले तीन वर्षों में हांगकांग के साथ व्यापारिक संबंध में व्यापार संतुलन अधिशेष से घाटे में बदल गया है। पिछले वित्त वर्ष में हांगकांग से भारत का आयात 17 बिलियन डॉलर था जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार उपकरण और कंप्यूटर हार्डवेयर कुल मिलाकर लगभग 8 बिलियन डॉलर थे जबकि 2017-18 में यह 10.67 बिलियन डॉलर था । हांगकांग के साथ तेजी से बढ़ते आयात से इस सम्भावना को बल मिलता है की चीन के अपने निर्यात मार्गों को बदलने की तैयारी में है जबकि भारत चीन पर अपनी आयात निर्भरता को कम करना चाहता है।
श्री पारवानी ने बताया कि हांगकांग से आयात के आंकड़ों का एक करीबी विश्लेषण स्पष्ट रूप से बताता है कि जिन सभी प्रमुख वस्तुओं में चीन से आयात में गिरावट आई है लगभग उन्हीं सब वस्तुओं में हांगकांग के साथ हुए व्यापार में वृद्धि आई है। ये वस्तुएं मुख्य रूप से विद्युत मशीनरी और उपकरण, फल, खनिज और लोहा और अन्य सामान हैं। ऐसा लगता है कि चीन से भारत को कम निर्यात और इसी अवधि के दौरान हांगकांग से भारत में व्यापार वृद्धि चीन का एक सोचा समझा षड्यंत्र है। विद्युत उत्पाद, परमाणु रिएक्टर, खनिज ईंधन और लोहा और स्टील जैसे अन्य उत्पाद मुख्य रूप से चीन में उत्पादित होते हैं और हांगकांग में नहीं। इसलिए ऐसा लगता है कि भारत में प्रवेश करने वाली वस्तुओं का आयात मार्ग बदल रहा है जिस पर ध्यान देने की तत्काल जरूरत है।
नयी दिल्ली, 15 जुलाई ( वार्ता)। विश्व की सबसे बड़ी सहकारी उर्वरक कंपनी इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको ) ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान उत्पादन, बिक्री, लाभ और प्रचालन के क्षेत्र में अब तक के सबसे अच्छे प्रदर्शन के साथ नया कीर्तिमान कायम किया है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान इफको को 1005 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ जो अब तक का सर्वाधिक है। कठिन और अनिश्चित बाजार दशा तथा मौसम के बावजूद उसने 133 लाख टन उर्वरकों की रिकॉर्ड बिक्री की । वर्ष 2019-20 के दौरान इफको का समूह कारोबार 57,778 करोड़ रुपये का रहा जबकि वर्ष 2018-19 के दौरान यह 50,908 करोड़ था।
वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान इफको का कुल उर्वरक उत्पादन गत वर्ष के 81.49 लाख टन से बढक़र 91.42 लाख टन हो गया । वर्ष 2019-20 के दौरान हुए कुल उर्वरक उत्पादन में से यूरिया का उत्पादन 48.75 लाख टन तथा डीएपी/एनपीके/डबल्यूएसएफ का उत्पादन 42.87 लाख टन रहा जबकि गत वर्ष इनका उत्पादन क्रमश: 45.62 लाख टन तथा 35.87 लाख टन रहा था।
इफको ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 133.31 लाख टन उर्वरकों की बिक्री की थी। वर्ष 2018-19 के दौरान 115.56 लाख टन उर्वरकों की बिक्री हुई थी। कुल बिक्री में से, यूरिया की 86.31 लाख टन तथा डीएपी/एनपीके की 47 लाख टन की बिक्री हुई। इफको का न्यूनतम संयुक्त ऊर्जा खपत 5.285 जीकैल प्रति टन रहा, जबकि वर्ष 2018-19 में यह 5.331 जीकैल प्रति टन था। भारत में कलोल, कांडला, फूलपुर, आंवला तथा पारादीप में स्थित अपने कुल पांच संयंत्र तथा विदेश में स्थित तीन संयंत्र के साथ इफको विश्व की सबसे बड़ी सहकारी उर्वरक कंपनी है।
इफको ने उर्वरकों के अपने मूल व्यवसाय के अतिरिक्त आम बीमा, ग्रामीण खुदरा व्यापार, कृषि वानिकी, ग्रामीण दूरसंचार, कृषि रसायन, ग्रामीण वित्त, वस्तु परिवहन-व्यवस्था और विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईज़ेड) में भी अपना व्यापार फैलाया है। कंपनी ने खाद्य प्रसंस्करण, जैविक उत्पादों और शहरी बागवानी के लिये पोषक तत्वों के उत्पादन संबंधी व्यापार में भी कदम रखा है।
इफको की इस कामयाबी पर खुशी व्यक्त करते हुए प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि वैश्विक और आर्थिक चुनौतियों से भरे वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान इफको ने जिस शानदार तरीके से कार्य किया है, वह अविश्वसनीय है। उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए इफको द्वारा देश के कोने-कोने में उठाए गए विविध कदमों से न केवल राष्ट्र निर्माण में बल्कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि कंपनी आने वाले समय में अपने कारोबार का तीव्र विस्तार करते हुए नई ऊंचाइयों को छुएगी।
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नई दिल्ली, 15 जुलाई । भारत और एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी दुनिया के टॉप 5 अमीरों में शामिल होने की दहलीज पर हैं। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ब्लूमबर्ग के बिलिनेयर इंडेक्स में अभी छठे नंबर पर है। अंबानी की नेटवर्थ हाल के दिनों में बहुत तेजी से बढ़ी है। 9 जुलाई को उनकी नेटवर्थ 67.4 अरब डॉलर थी और वह जाने माने अमेरिकी निवेशक वारेन बफे से एक स्थान नीचे नौवें स्थान पर थे।
लेकिन मंगलवार को उनकी नेटवर्थ 72.4 अरब डॉलर पहुंच गई। यानी इस दौरान अंबानी की दौलत प्रति सेकंड 8.74 लाख रुपये की रफ्तार से बढ़ी। इसकी वजह आरआईएल के शेयरों में उछाल रही। पिछले 5 दिनों में कंपनी के शेयर में 5 फीसदी तेजी आई है। इससे कंपनी का बाजार पूंजीकरण 12 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया। आरआईएल यह उपलब्धि हासिल करने वाली देश की पहली कंपनी है।
मुकेश अंबानी को रिलायंस के शेयरों में बढ़त का फायदा तो मिला ही, अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का भी फायदा उन्हें मिला। इस गिरावट के चलते गूगल के को-फाउंडर लैरी पैज की दौलत 71.6 अरब डॉलर पर आ गई। वहीं गूगल की स्थापना करने वाले सर्गेई ब्रिन की दौलत 69.4 अरब डॉलर पर पहुंच गई। टेस्ला के एलन मस्क भी मुकेश अंबानी के मुकाबले पीछे रह गए हैं। इतना ही नहीं, पिछले ही सप्ताह मुकेश अंबानी ने बर्कशायर हैथवे के सीईओ और दुनिया के दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे को भी पछाडक़र लिस्ट में सातवां स्थान हासिल किया था।
इस साल के शुरुआती महीनों में कारोबार में कमजोरी के बाद मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने लगातार ग्रोथ की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में एक के बाद एक 13 निवेशक पैसे लगा चुके हैं, जिसमें फेसबुक भी शामिल है। इन निवेशों से अंबानी को 1,18,000 करोड़ रुपये की रकम हासिल हो चुकी है। सोमवार की तेजी की वजह भी यह निवेश ही था, क्योंकि रविवार को ही 13वें निवेशक क्तह्वड्डद्यष्शद्वद्व ङ्कद्गठ्ठह्लह्वह्म्द्गह्य ने जियो प्लेटफॉम्र्स की 0.15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदते हुए 730 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया था। (navbharattimes.indiatimes.com)
रायपुर, 14 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि रायपुर सहित प्रदेश में करोना माहामारी के बढ़ते प्रकोप से व्यापारी संगठनों की कलेक्टर, एसएसपी और ननि आयुक्त के साथ बैठक हुई।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि जिला कलेक्टर, एस.पी. एवं नगर निगम आयुक्त ने बताया कि रायपुर में करोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में यह और विकराल रूप ले सकती है। सभी व्यापारियों एवं नागरिकों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। जबकि अधिकतर लोग लापरवाही बरत रहे हैं।
श्री पारवानी ने बताया कि कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन एवं व्यापारियों को मिलकर करोना को रोकने की जिम्मेदारी लेनी होगी। इस करोना महामारी के संयम में सभी व्यापारी संगठनो ने शुरू से ही जब से लॉकडाउन हुआ था तब से ही प्रशासन के हर कदम में अपना साथ दिया। जिससे छत्तीसगढ़ राज्य आज भारत में अन्य राज्यों की तुलना में अच्छी स्थिती में है। जिसमें व्यापारियों ने शासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। जिसकी उन्होंने प्रशंसा की और आगे भी करोना की लड़ाई में हर संभव प्रयास के लियें व्यापारियों का साथ मंागा। वहां उपस्थित स्वास्थ अधिकारियों की टीम ने करोना के संबंध में आंकड़ों के साथ वर्तमान स्थिति बताई।
श्री पारवानी ने बताया कि प्रत्येक व्यापारी एवं नागरिक स्वत: ही मास्क पहनने, शारीरिक दूरी बनाये रखे, सेनेटाईज करने एवं निश्चित अवधि में अपने हाथ धोने की आदत डाल लेवें क्योकिं करोना से अभी लंबी लड़ाई बाकी है। कैट लगातार होर्डिंग, बैनर, पोस्टर एवं सोशल मिडिया के द्वारा व्यापारियों एव ंनागरिकों में जागरूकता फैला रही है।
श्री पारवानी ने बताया कि कैट के साथ विभिन्न व्यापारिंक संगठनों एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सर्व सहमति से यह निर्णय लिया गया कि रायपुर शहर में व्यापार हेतु आज शाम 7 बजे तक व्यापार करने की समयावधि निश्चित की गई है। ताकि व्यापारी, उनका स्टॉफ और ग्राहक समय पर घर पहुंच सकें और शासन द्वारा बनाये गये नियमों और आदेशों का पालन हो सकें। इसमें अतिआवश्यक सामाग्री अर्थात मेडिकल, दूध, सब्जी एवं फल को छूट रहेगी।
श्री पारवानी ने बताया कि कैट, चेम्बर तथा रायपुर के प्रमुख व्यापारी संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। अमर पारवानी, मगेलाल मालू, अजय अग्रवाल, राम मंधान, जय नानवानी, अजीत सिंह कैम्बों, राजेन्द्र जग्गी, विजय चैधरी, श्री निवास रेडडी, चन्दर विधानी, रविन्द्र सिंह चांवला, राजेश वासवानी, हरमैल सिंह छज्जर एवं अन्य मौजूद थे।
रायपुर, 13 जुलाई। देशी विदेशी पर्यटकों को भारत के पर्यटन स्थलों की विशेष जानकारी प्रदान करने, पर्यटकों में भारत के पर्यटन स्थलों के प्रति और अधिक रूचि पैदा करने तथा पर्यटन के विभिन्न आयामों को और अधिक समृद्ध करने के उद्देश्य से पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार अब इच्छुक उम्मीदवारों को राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटक-समन्वयक के रूप में ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।
छत्तीसगढ़ के ऐसे इच्छुक महिला एवं पुरूष उम्मीदवार जो 18 वर्ष से अधिक एवं 40 वर्ष से कम आयु के हो एवं न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10़2 अथवा समकक्ष अर्हता रखते हो तथा पर्यटन के क्षेत्र में नई संभावनाएं तलाश कर पर्यटन को और अधिक रूचिकर बनाते हुए पर्यटन स्थलों एवं पर्यटकों के मध्य एक सेतु के रूप में कार्य कर सके, उन्हें पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पर्यटक-समन्वयक के रूप में सेवाएं प्रदान करने हेतु अधिकृत किया जावेगा।
एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इसके माध्यम से प्रशिक्षित, पर्यटक-समन्वयकों को प्रमाणपत्र प्रदान कर सीधे राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटकों को सेवाएं प्रदान करने हेतु जोड़ा जायेगा। इस ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु छत्तीसगढ़ के इच्छुक उम्मीदवार (महिला/पुरूष) पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की वेबसाइट एवं पोर्टल से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
रिलायंस का जियो प्लेटफॉम्र्स में निवेश का सिलसिला जारी
नई दिल्ली, 13 जुलाई। रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऋणमुक्त होने के बाद भी मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश का सिलसिला जारी है। 12 हफ्तों में 13 निवेशों के जरिए जियो प्लेटफॉर्म्स में 25.24 प्रतिशत इक्विटी के लिए 1,18,318.45 लाख करोड़ का निवेश हो चुका है। रविवार को अमेरीकी क्वालकॉम इनकॉर्पोरेटेड की सहायक निवेशक कंपनी क्वालकॉम वेंचर्स ने 0.15प्रतिशत इक्विटी के लिए जियो प्लेटफॉम्र्स में 730 करोड़ रु के निवेश की घोषणा की।
क्वालकॉम को दुनिया भर में उसकी बेहतरीन वायरलैस तकनीक के लिए जाना जाता है। जियो प्लेटफार्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ और एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रु लगाई गई। जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश 22 अप्रैल को फेसबुक से शुरू हुआ था, उसके बाद सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडला और सिल्वर लेक ने अतिरिक्त निवेश किया था। बाद में अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, ञ्जक्कत्र, एल कैटरटन, क्कढ्ढस्न और इंटेल ने भी निवेश की घोषणा की थी।
क्वालकॉम दुनिया की अग्रणी वायरलेस टेक्नोलॉजी इनोवेटर है और 5 जी के विकास, लॉन्च और विस्तार के लिए काम करती है। रिसर्च और विकास पर क्वालकॉम अब तक $ 62 बिलियन से अधिक खर्च कर चुकी है। पिछले 35 वर्षों में क्वालकॉम के पास पेटेंट और पेटेंट अप्लीकेशन्स मिला कर 140,000 से अधिक इनोवेशन हैं। क्वालकॉम ने इनोवेशन को बढ़ावा देने और भारतीय प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। क्वालकॉम वेंचर्स एक वैश्विक कोष है जो 5 जी, एआई, आईओटी, ऑटोमोटिव, नेटवर्किंग और एंटरप्राइज जैसे क्षेत्रों में वायरलेस इकोसिस्टम में निवेश करता है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, आज मैं जियो प्लेटफार्मों में एक निवेशक के तौर पर क्वालकॉम वेंचर्स का स्वागत करते हुए प्रसन्नता महसूस कर रहा हूं। क्वालकॉम कई वर्षों से एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है और हमारे पास एक मजबूत और सुरक्षित वायरलेस और डिजिटल नेटवर्क को खड़ा करने और भारत में हर किसी के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी के लाभों का विस्तार करने का साझा दृष्टिकोण है। वायरलेस प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में क्वालकॉम के पास गहरा तकनीक ज्ञान है और जो हमें 5जी तकनीक में और भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेंशन में सहायक होगा।
क्वालकॉम इनकॉर्पोरेटेड के सीईओ स्टीव मोलेनकॉफ ने जियो की प्रशंसा करते हुए कहा, जियो प्लेटफॉर्म्स ने अपनी व्यापक डिजिटल और तकनीकी क्षमताओं के जरिए भारत में डिजिटल क्रांति का नेतृत्व किया है। भारत में काम करने के लंबे अनुभव के साथ और एक निवेशक के रूप में, हम भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए छ्वद्बश के दृष्टिकोण में भूमिका निभाने के लिए तत्पर हैं।
जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की फ़ुली ओन्ड सब्सिडियरी है। ये एक नेक्स्ट जनरेशन टेक्नॉलोजी कंपनी है जो भारत को एक डिजिटल सोसायटी बनाने के काम में मदद कर रही है। इसके लिए जियो के प्रमुख डिजिटल एप, डिजिटल ईकोसिस्टम और भारत के नंबर प्त1 हाइ-स्पीड कनेक्टिविटी प्लेटफ़ॉर्म को एक-साथ लाने का काम कर रही है। रिलायंस जियो इंफ़ोकॉम लिमिटेड, जिसके 38 करोड़ 80 लाख ग्राहक हैं, वो जियो प्लेटफ़ॉम्र्स लिमिटेड की होल्ली ओन्ड सब्सिडियरी बनी रहेगी।
जियो एक ऐसे डिजिटल भारत का निर्माण करना चाहता है जिसका फ़ायदा 130 करोड़ भारतीयों और व्यवसायों को मिले। एक ऐसा डिजिटल भारत जिससे ख़ास तौर पर देश के छोटे व्यापारियों, माइक्रो व्यवसायिओं और किसानों के हाथ मज़बूत हों। जियो ने भारत में डिजिटल क्रांति लाने और भारत को दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल ताकतों के बीच अहम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रायपुर, 13 जुलाई। बृहद्धमनी (सबसे बड़ी धमनी) के ऊपरी भाग में धमनी विस्फार (थोरेसिक एन्डोवास्कुलर ओर्टिक रिपेयर) का इलाज करने की एक चिकित्सा प्रक्रिया है। धमनीविस्फार, बृहद्धमनी की सतह का एक नाज़ुक और उभरा हुआ हिस्सा है जिसके फटने से व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है। एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, देश के चुनिंदा अस्पतालों में शुमार है, जहां ह्रदय से सम्बंधित जटिल प्रक्रियाएं भी सफलता पूर्वक किया जा रहा है।
एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पतालके कार्डियोलॉजी विभाग एवं उनके टीम द्वारा 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला, जो कि उच्च रक्तचाप से ग्रसित थी उसका टेवर जैसी दुर्लभ एवं जोखिम भरी प्रक्रिया से सफलतापूर्वक निष्पादन किया गया। जब महिला को खासी में खून आने की तकलीफ के साथ नारायणा हॉस्पिटल में लाया गया तब डॉ. सुमन्त शेखर पाढ़ी ने उन्हें आगे की जांच करवाने की सलाह दी। जांच के उपरान्त पता चला उनकी वक्ष महाधमनी फैल गई थी और फेफड़े (ब्रोंकस) में जाकर फट रही थी।
कार्डियोलॉजी टीम ने उनकी उम्र और उच्च रक्तचाप की तकलीफ को ध्यान में रखते हुए पहले उन्हें स्थिर करने के लिए रक्त आधान किया। डॉ. पाढ़ी के द्वारा डॉ किंजल बक्शी, डॉ. नितिन कुमार राजपूत और डॉ. अरुण अन्दपन के सहयोग से वक्ष महाधमनी और फिस्टुला को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की। इस प्रक्रिया के बाद मरीज को दोबारा स्थिर किया गया। रक्तस्राव की समस्या अब ख़त्म होचुकी थी और 4 दिनों तक निगरानी में रखने के बाद उन्हें छुट्टी दी गई। अब वह अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस लौट चुकी हैं।
रायपुर, 12 जुलाई। रियल एस्टेट कंपनी अविनाश ग्रुप के विधानसभा रोड स्थित प्रोजेक्ट अविनाश एलीट होम्स में रेसीडेंशियल प्लॉट्स, सिंग्लेक्स और डुप्लेक्स का शानदार विकल्प उपलब्ध है, जिसमें विशेष ऑफर के तहत मॉड्युलर किचन फ्री दिया जा रहा है। यह ऑफर केवल सीमित अवधि के लिए है।
अविनाश एलीट होम्स अच्छी बसाहट के बीच खूबसूरत बनावट के साथ लगभग 5 एकड़ के क्षेत्र में फैला है। यहां 2 बीएचके सिंग्लेक्स, 3बीएचके डुप्लेक्स व रेसीडेंशियल प्लॉट्स हैं। यह प्रोजेक्ट बजट होम्स में क्वालिटी, ऐमिनिटीज और फैसिलिटीज का बेजोड़ उदाहरण है, जो कि आराम एवं सुकून का संपूर्ण आयाम शहर के पास ही होने का अहसास दिलाता है।
अविनाश ग्रुप के प्रबंध संचालक आनंद सिंघानिया के मुताबिक अविनाश एलीट होम्स प्रोजेक्ट अफोर्डेबल बजट में उत्कृष्ठ क्वालिटी के साथ बेहतर जीवन शैली के निर्माण में अविनाश ग्रुप का एक और कदम है जो कि रायपुर के लोगों के लिए एक सौगात है। अच्छी बसाहट के बीच परफेक्ट प्लॉनिंग के साथ महालेखाकर भवन से कुछ मिनटों की दुरी पर है।
इस लिमिटेड एडीसन प्रोजेक्ट को ग्राहकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है और अच्छी बुकिंग हो रही है। अविनाश एलीट होम्स रायपुर की प्राईम लोकेशन विधानसभा रोड, महालेखाकर भवन के पीछे सकरी में स्थित है, जो कि रायपुर के अच्छे रिहायशी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यहां से मॉल, स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल नजदीक है।
रायपुर, 11 जुलाई। सेंट जेवियर्स शाला के छात्रों ने 10वीं और 12वीं के परिणाम बारहवीं वाणिज्य के छात्रों का परिणाम 98.57 प्रतिशत रहा है और विज्ञान के छात्रों का परिणाम 100 प्रतिशत रहा है।
शाला के 10 वीं के विज्ञान के छात्रों का परिणाम 100 प्रतिशत रहा है, जो सराहनीय है दसवीं के वाणिज्य के छात्रों का परिणाम 100 प्रतिशत रहा है।
शाला के बारहवीं के वाणिज्य विषय में क्रिश अग्रवाल 98.25 प्रतिशत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा विज्ञान विषय में विनायक श्रीवास्तव 97 प्रतिशत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
दसवीं के विज्ञान विषय में क्रिश अग्रवाल ने 97.4 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा वाणिज्य विषय में शिवम अग्रवाल ने 94.4 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया। शाला की मैनेजिंग डायरेक्टर मैडम ग्रेस पिंटो व चेयरमेन डॉ. ए.एफ. पिंटो सर, प्रिंसिपल डॉ. दिलशीद मनचंदा तथा शाला के समस्त परिवार की ओर से सभी छात्रों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
रायपुर, 11 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कैट ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को औद्योगिक नीति 2019-24 के लिए कैट द्वारा दिये गये सुझाव में प्रदेश में कुटीर उद्योग की स्थापना की मांग की थी ।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के हर गांव एक इण्डस्ट्रीयल पार्क होगा जिसमें गांव में एक एकड़ जमीन कुटीर एवं लघु उद्योगों के लिए आरक्षित होगी। कैट द्वारा एक अभियान भारतीय सामान -हमारा अभिमान शुरू किया है, जिसमें स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा। जिससे एक ओर जहां स्थानीय उद्योगों को बढ़वा मिलेगा साथ ही साथ रोजगार की समस्या भी हल होगी। यह अभियान ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में लाभकारी सिद्ध होगा। साथ ही छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर जिन्हे रोजगार की तलाश है उनकों भी रोजगार उपलब्ध होगा।
श्री पारवानी ने यह भी बताया कि कुटीर उद्योग जो हमारे अर्थव्यवस्था के रीढ़ की हड्डी है, जो जाने-अनजाने में समाप्त हो गई थी, वह फिर से पुर्नजिवित होगा। भूपेश बघेल का ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सदृढ़़ विकास की ओर एक बड़ा कदम है। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के साथ-साथ एक उदाहरण के रूप में पूरे देश मे प्रस्तुत होगा।
कैट ने अपने सुझाव में प्रदेश में कुटीर उद्योग की स्थापना की मांग की थी कि गांव के अन्दर 500-1000 वर्गफीट तक के गाले, कुटीर उद्योग के लिए, उद्योग विभाग द्वारा बनाकर रियायती दर पर उपलब्ध कराया जावे, ताकि गांवों में उद्योगों विकसित हो और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उन्नति होवें। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुधार में, दूर दृष्टिपूर्वक लिये इस कदम से छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में एक अलग पहचान के रूप में बनकर उभरेगा। कैट ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के हर गांव में कुटीर एवं लघु उद्योग की स्थापना के लिए आभार व्यक्त किया ।
हैदराबाद, 10 जुलाई। एनएमडीसी ने दंतेवाडा जिला, छत्तीसगढ़ में लगभग 650 जनजातीय किसानों के लिए 50 प्रशिक्षण सत्र पूर्ण करने के बाद फल धारण करने वाले पेडों के पौधारोपण में ग्रामीणों की सहायता की। श्रीमती देवती कर्मा, एमएलए, दंतेवाडा अलनार गांव में सैपलिंग के वितरण तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित रहीं। उन्होंने किसानों को उनकी भाषा-हल्वी में प्रेरित करते हुए अन्य कृषकों एवं स्वयं का उदाहरण दिया जो फलों की बिक्री से अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। श्रीमती कर्मा ने एनएमडीसी की सीएसआर टीम के प्रयासों बहुत सराहना की।
जनजातीय समुदाय के जीवन स्तर में प्रगति लाने के प्रयास में एनएमडीसी ने आय अर्जन / टिकाऊ जीवनयापन के लिए अनेक बहु उद्देशीय कार्यनीतियां अपनायी हैं। इस दिशा में अनेक प्रयासों में से एक दंतेवाडा जिला प्रशासन के साथ मिलकर 25 ग्रामों ( बेनपाल, पेडापुर, पिना बचेली, डुगेली , बडे कमेली, नरली, भांसी, धुर्ली, गमावाडा आदि) में फल की उपज वाले पेडों की 50,000 सैपलिंग लगाने का मिशन है।
इस पहल का उद्देश्य अमरूद, कटहल, नीबू, अनार, चीकू, लीची, मोरिंगा, पपीता, नारियल, काजू आदि फलों के बगीचे लगाना है जिससे प्रति एकड़ आय में 10-15 गुणा वृद्धि हो सकेगी और ग्रामीणों की आमदनी बढ़ेगी। इस संबंध में कृषकों के लिए 50 प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए गए थे। राज्य बागवानी विभाग के विषेशज्ञों तथा एनएमडीसी की सीएसआर टीम ने 650 कृषकों को प्रशिक्षण प्रदान किया। यह कार्य प्रतिभागियों को मॉस्क वितरित करने के बाद, सैनिटाइजेसन के नियमों का पालन करते हुए तथा शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए किया गया।
रायपुर, 10 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कैट ने अपने भारतीय सामान-हमारा अभिमान राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि देश का नाम इंडिया के स्थान पर भारत किया जाए। भारत का नाम देश की उच्च परंपरा, संस्कृति और गौरव को दर्शाता है और राष्ट्रीयता की भावना को और अधिक दृढ़ करता है।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि कैट ने प्रधानमंत्री का ध्यान भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 (प) की ओर आकर्षित किया है, जो विशेष रूप से कहता है कि इंडिया, जो भारत है, राज्यों का एक संघ होगा जो संविधान निर्माताओं की इस भावना को स्पष्ट परिलक्षित करता है की लोग देश को भारत के नाम से ही जानें, इसलिए शब्द भारत जोड़ा गया।
श्री पारवानी ने बताया कि संविधान के उक्त अनुछेद में इंडिया और भारत दोनों नामों का उपयोग किया गया है। इसलिए देश का नाम बदलने के लिए संविधान में संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है और भारत शब्द को इंडिया के स्थान पर प्रतिस्थापित किया जा सकता है और यह कार्य एक अधिसूचना जारी करके किया जा सकता है।
श्री पारवानी ने यह भी बताया कि देश के गौरव की पुर्नस्थापना के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत दुनिया भर में सबसे शक्तिशाली देशों में से एक देश स्थापित हुआ है। व्यापारिक समुदाय को भरोसा है कि उनके नेतृत्व में भारत न केवल अपनी भूगोल सीमा के भीतर मजबूत होगा, बल्कि पूरे विश्व में एक आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में उभरेगा।
रायपुर, 9 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है। वर्तमान परिस्थितियों के बीच इस बार त्योहारों पर बाजारों में शायद वो गहमगहमी न दिखाई दे जो हर वर्ष दिखाई देती है किन्तु यह जरूर है की इस बार उमंग और उल्लास किन्तु सादगी के साथ मनाये जाएंगे। हर त्यौहार पूर्ण रूप से भारतीय त्यौहार होगा जिसमें चीनी सामान पूरी तरह से नदारद होंगे।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि कैट देश भर में चीनी सामान के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान की अगुवाई कर रहा है। दिल्ली सहित देश के सभी व्यापारी संगठनों को सन्देश दिया है कि 3 अगस्त से शुरू हो रही राखी से लेकर 25 नवम्बर तुलसी विवाह तक सभी त्योहारों में काम आने वाले सभी भारतीय सामानों को देश भर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराया जाए जिससे किसी भी व्यक्ति को भारतीय सामान खरीदने में कोई समस्या न आए। त्योहारी सीजन में राखी, जन्माष्टमी, गणेशोत्सव, नवरात्रि, दुर्गा पूजा, धनतेरस, दिवाली, भाईदूज, छठ एवं तुलसी विवाह आदि त्यौहार आएंगे और हर त्यौहार पर भारतीय सामान आसानी से प्राप्त हो, इस सम्बन्ध में कैट ने एक बहुत ही व्यापक योजना बनाई है।
श्री पारवानी ने यह भी बताया कि इस त्योहारी सीजन में आने वाले सभी त्योहारों पर उपयोग में आने वाली सभी वस्तुओं की एक सूची कैट तैयार कर रहा है जो 11 जुलाई तक पूरी हो जायेगी। एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने-ले जाने में ट्रांसपोर्टेशन का सारा काम देश के ट्रांसपोर्टर्स के शीर्ष संगठन आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन बेहद किफायती दरों पर करेगा। पिछले वर्ष इस सीजन में चीन से लगभग 20 हजार करोड़ रुपए का सामान आयात हुआ था जिसकी चपत इस बार चीन को लगना तय है।
रायपुर, 9 जुलाई। गुरूपूर्णिमा के अवसर पर सक्षम संस्था द्वारा रविनगर, रामनगर, देवेंद्र नगर की गरीब बस्तियों में कुल मिलाकर 30 दिव्यांगों को सूखे राशन का वितरण किया गया। संगठन मंत्री रामजी रजवाड़े, प्रदेश महिला प्रांत प्रमुख इंदिरा जैन, सह प्रमुख सुनीता चंसोरिया, पदमा शर्मा और अंजली मुख्य रूप से उपस्थित थीं। स्वदेशी अपनाने एवं चीनी वस्तुओं के बहिष्कार करें, ये समझाइश दी गई।
हैदराबाद, 9 जुलाई। देश की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी की बैलाडीला प्रोजेक्ट इकाइयों ने लॉकडाउन और सात दिन उत्पादन ठप्प रहने के बावजूद जून- 2019-20 की तुलना में जून-2020-21 में उत्पादन और बिक्री में रिकार्ड उपलब्धि हासिल की है। पिछले महीने बैलाडीला की दोनो इकाइयों में में गत वर्ष जून महीने में हुए कुल उत्पादन 17.72 लाख टन की तुलना में 18.61 लाख टन का उत्पादन दर्ज किया गया जो पिछले साल जून महीने में हुए कुल उत्पादन से 5 प्रतिशत अधिक है। उपरोक्त अवधि के दौरान बैलाडीला प्रोजेक्ट की किरंदुल इकाई ने बिक्री में भी रिकार्ड उपलब्धि हासिल की है। पिछले साल किरंदुल इकाई से जून महीने में 8.47 लाख टन लौह अयस्क ( आयरन ओर) की बिक्री हुई थी जबकि जून 2020 में कुल बिक्री 10.47 लाख टन दर्ज की गई जो पिछले साल की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है।
एनएमडीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध-निदेशक एन बैजेन्द्र कुमार ने विपरीत परिस्थितियों में भी बैलाडीला प्रोजेक्ट में उत्पादन और बिक्री में बढ़ोत्तरी के लिए एनएमडीसी कार्मिकों को बधाई दी है। बैजेन्द्र कुमार का कहना है कि 'एनएमडीसी के कार्मिक अपने ध्येय वाक्य हर एक काम, देश के नाम के अनुकूल विपरीत परिस्थियों में भी देश के निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करते हैं।
श्री कुमार ने कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने और इस महामारी से अपने कार्मिकों के बचाव के साथ उत्पादन को जारी रखने के लिए एनएमडीसी ने सभी जरूरी उपाय सुनिश्चित किए हैं। उन्होंने कहा कि एनएमडीसी ने अपने सभी कार्यालयों और प्रोजेक्ट स्थलों पर सामाजिक दूरी, स्वच्छता और सेनिटाइजेशन के लिए विशेष इंतजाम किए हैं साथ ही सभी कार्यालयों और प्रोजेक्ट स्थलों पर कार्मिकों की नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य जांच भी की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है ताकि कोविड-19 से प्रभावकारी बचाव सुनिश्चित करते हुए उत्पादन में बढ़ोत्तरी की जा सके। कोरोना यानी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एनएमडीसी अपने सभी कार्मिकों के साथ देश के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है।
रायपुर, 9 जुलाई। छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन एवं रायपुर सराफा एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि रायपुर जिले के एसएसपी अजय यादव जो दुर्ग में पदस्थ थे, सुपेला स्थित पारख ज्वेलर्स में बड़ी चोरी का 36 घंटों मे पर्दाफाश किया था। सदस्यों ने एसएसपी से मिल उनका आभार जताया।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि रायपुर में समस्त सराफा व्यापारियो के सहयोग से 5 वर्षों से संचालित 52 कैमरे निरंतर प्रसाशान के लिये साबित होते आए हैं। सराफा दुकानों के समय सारिणी पर भी चर्चा हुई जिसमें अजय यादव ने खुशी जताते हुए सराहनीय बताया। एसएसपी ने सराफा करोबरियों के लिये हमेशा सहयोग देने का आश्वाशन दिया।
एसो. महासचिव उत्तम गोलछा (अरिहंत), कोषाध्यक्ष सुरेश भंसाली, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मगेंलाल मालू, दीपचंद कोटडिय़ा, पवन अग्रवाल, जितेंद्र गोलछा, प्रकाश झाबक और सौरभ कोठरी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
आत्मनिर्भर भारत से प्रेरित एप्प कागज स्कैनर के तीन लाख से भी ज्यादा डाउनलोड
युवा आंत्रेप्रेन्योरों ने पेश किया डॉक्युमेंट स्कैनिंग का भारतीय विकल्प
रायपुर, 9 जुलाई। भारत-चीन तनाव के बीच जब केंद्र सरकार ने 59 चीनी मोबाइल एप्लिकेशनों को ब्लॉक करने का फैसला लिया, उसके कुछ समय पहले से ही तीन युवा आंत्रेप्रेन्योर एक ऐसा मोबाइल एप्लिकेशन बनाने में लगे थे जो डाक्युमेंट्स स्कैनिंग का काम करता और उनके हिसाब से चीनी-ऐप्पों या किसी भी विदेशी एप्प की तुलना में बेहतर साबित होता।
चूंकि उन्होंने जब इसे लांच करने का सोचा, भारत-चीन के बीच तनाव शुरू हो गए और शुरुवाती दो दिनों में ही 2 लाख डाउनलोड मिले। उनका मानना है कि हो सकता है इस तनाव के चलते कुछ हद तक 'कागज़ स्कैनरÓ को जोर मिला, पर स्नेहांशु गांधी, गौरव श्रीश्रीमल और तमंजित सिंह बिंद्रा के अनुसार यह कहानी बहुत पहले शुरू हो चुकी थी। आईआईटी, आईएसबी और ऐआईटी जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों से पढ़े इन तीनों युवाओं लगभग एक वर्ष पहले 'सॉर्टेड ऐआई' नाम के एक प्रोजेक्ट में साथ काम कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना माहमारी से बाहर निकलने आत्म निर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का नारा दिया। इससे प्रेरणा लिए स्नेहांशु, गौरव और तमंजित ने एक डॉक्युमेंट स्कैनिंग एप्लिकेशन बनाने की ठानी। न तो कोई प्रचलित और गुणवत्तापूर्ण भारतीय एप्प था, और चूंकि बहुत से लोगों ने चीनी/विदेशी एप्प अपने फोन से हटाना शुरू कर दिया था, तीनों को महसूस हुआ कि यह न सिर्फ एक अच्छा मौका है, बल्कि एक भारतीय स्कैनिंग एप्प की जो हमेशा से कमी रही है, वह भी इससे पूरी की जाए। चूंकि यह आईडिया उन्हें प्रधानमंत्री के देश को सहारा देने के आव्हान से मिला, उन्होंने सोचा की इसका नाम भी भारतीय रखें। तब कागज़ स्कैनर अस्तित्व में आया।
आंत्रेप्रेन्योर त्रय ने बताया कि बिना किसी तरह की एडवरटाइजिंग-मार्केटिंग के उनका मोबाइल एप्लीकेशन एनड्रॉइड प्ले स्टोर से 3 लाख से भी ज़्यादा बार डाउनलोड किया जा चूका है। चीनी-एप्लीकेशन बैन के दुसरे और तीसरे दिन वे प्ले स्टोर की प्रोडक्टिविटी सूची में दुसरे और सभी सूचियों को जोड़कर देखें तो ग्यारवहें नंबर पर थे. भारत की जनता का उन्होंने आभार व्यक्त किया जिनसे उन्हें सहयोग मिला।
वे कागज़ स्कैनर को एक विश्वस्तरीय पहचान देने पर काम कर रहे हैं जो भारत ही नहीं दूसरे देशों के लिए भी मददगार साबित हो। उपभोगताओं के फीडबैक से उन्हें सीखने और एप्प और सुधारने की प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि वे अपने सालों के आर्टिफिशल इंटेलिजेंस क्षेत्र में कार्य और अनुभव का इस्तेमाल कर इस एप्प में बहुत सारे फीचर्स लाने की ओर अग्रसर हैं।
कागज़ स्कैनर (Kaagaz Scanner) को गूगल (एनड्रॉइड) प्ले स्टोर से इस लिंक (https://play.google.com/store/apps/details?id=kaagaz.scanner.docs.pdf&hl=en_IN) पर क्लिक करके डाउनलोड किया जा सकता है।
रायपुर, 7 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते पूरा देश लॉकडाउन है। इसे देखते हुए राज्य के शिक्षा बोर्ड ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेस लगाकर पढ़ाना शुरू कर दिया गया है। लेकिन मुश्किल यह है कि अधिकांश अभिभावकों के पास मोबाइल ही नहीं है, जिससे जरूरतमंद विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह गए हैं।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि इसी तारतम्य में कैट सी.जी. चैप्टर ने संकल्प लिया कि सभी व्यापारियों एवं व्यपारिक संगठनों के सहयोग से पुराने मोबाइल जो की सभी के पास एक-दो रखे होते हैं, उसे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को स्कूलों के माध्यम से देने हेतु एक समग्र योजना बनाई गई। अध्यापकों के अनुसार लगभग 40 से 50 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास मोबाइल फोन नहीं है।
श्री पारवानी ने बताया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले लगभग 1 लाख अध्यापकों द्वारा 15-20 लाख के करीब विद्यार्थियों को जूम ऐप तथा वाट्सअप के जरिए स्कूल का काम भेजा व चेक किया जा रहा है। अध्यापकों द्वारा विद्यार्थियों को अप्रैल तथा मई महीने का सिलेबस ऑनलाइन मुहैया करवानेे के साथ पाठ्îक्रम की आडियो-वीडियो तैयार करके विद्यार्थियों के पास सोशल मीडिया के जरिए भेजी जा रही है लेकिन मोबाइल न होने से जरूरतमंद विद्यार्थी इस सुविधा से वंचित हैं। बच्चों को पढ़ाना भी जरूरी है। आनलाइन पढ़ाई बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है।
श्री पारवानी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों द्वारा अपने-अपने राज्यों में जाने के बाद शहरी इलाकों में अपने पोस्टिंग वाले स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम होने का डर भी बना हुआ है। विद्यार्थियों को मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के कार्य में सहयोग के लिए कैट सी.जी. चैप्टर ने सुरेन्द्र सिंग को प्रदेश संयोजक और महेश जेठानी एवं सत्येन्द्र अग्रवाल को सह सयोजक बनाया है।
जैसे ही कोई आपसे व्हाट्सएप पर मैसेज करने को कहता है तो पहले उसका नंबर सेव करना पड़ता है और फिर व्हाट्सएप में जाकर कॉन्टेक्ट रिफ्रेश करना होता है, लेकिन अब आपको एक नंबर सेव करने के लिए इतना कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि अब आप क्यूआर कोड को स्कैन करके व्हाट्सएप नंबर सेव कर सकेंगे।
WhatsApp ने पिछले सप्ताह कई सारे नए फीचर्स जारी किए थे जिनमें डार्क मोड एक्पेंशन और काईओएस (4जी फीचर फोन) के लिए स्टेटस फीचर जैसे फीचर्स शामिल थे। व्हाट्सएप जल्द ही क्यूआर कोड आधारित कॉन्टेक्ट सेविंग फीचर ला रहा है जिसके बाद क्यूआर कोड स्कैन करके नंबर को सेव किया जा सकेगा।
व्हाट्सएप पिछले महीने से QR कोड की टेस्टिंग कर रहा है। कई बीटा यूजर्स इसकी टेस्टिंग भी कर रहे हैं। इसका अपडेट आने के बाद सभी व्हाट्सएप यूजर का एक अलग क्यूआर कोड होगा जिसे वे दूसरों के साथ शेयर कर सकेंगे।
कैसे काम करता है व्हाट्सएप क्यूआर कोड फीचर?
व्हाट्सएप में QR कोड यूजर्स की प्रोफाइल में दिखेगा। इसके बाद आपको क्यूआर कोड के आइकन पर टैप करना होगा। उसके बाद एक नया टैब खुलेगा जहां आपका क्यूआर कोड मिलेगा। क्यूआर कोड को फोन के कैमरे से स्कैन करने पर यूजर्स की डिटेल मिल जाएगी और उसके बाद एक क्लिक करके नंबर सेव किया जा सकेगा।
My code के ठीक बगल में यूजर्स को Scan Code का ऑप्शन भी दिखाई देगा। इसके जरिए आपको फोन का कैमरा ओपन हो जाएगा, जिससे आप किसी और यूजर का कोड स्कैन करके उनका नंबर अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव कर पाएंगे। यानी अब आपको नंबर टाइप करने की कोई जरूरत नहीं होगी। पिछले हफ्ते इस फीचर की भी घोषणा की गई थी, लेकिन अभी यह सभी यूजर्स को मिलना बाकी है। यह आने वाले कुछ हफ्तों में यूजर्स तक पहुंच सकता है।
अब जल्द ही आम यूजर्स के लिए QR code का सपॉर्ट आने वाला है। इस फीचर के आ जाने से वॉट्सऐप पर नंबर सेव करने का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा।
कंपनी इस फीचर को कई महीनें से टेस्ट कर रही है। कुछ वॉट्सऐप बीटा यूजर्स को यह फीचर पिछले साल ही मिल गया था। अब इसे जल्द ही सभी यूजर्स के लिए जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद सभी यूजर्स का अपना यूनीक QR कोड होगा, जिसे दूसरे यूजर्स स्कैन करके अपने फोन में नंबर सेव कर पाएंगे। तो आइए जानते हैं यह फीचर किस तरह काम करेगा
Whatsapp यूजर्स की प्रोफाइल के ठीक बगल में एक QR कोड आ जाएगा। इस कोड को देखने के लिए यूजर्स को ऐप की Settings में जाना होगा, जहां प्रोफाइल नेम और पिक्चर के साथ यह कोड भी मिलेगा। अगर आप QR कोड के आइकॉन पर टैप करेंगे तो यह My Code के नाम की एक टैब में ओपन हो जाएगा। यह कोड आप दूसरों के साथ शेयर भी कर पाएंगे।
रायपुर, 6 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान के चलते कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेजकर मांग की है कि सरकार ई कॉमर्स पालिसी को जल्द से जल्द लागू करे जिसमें सभी वर्गों के व्यापार के लिए समान नीति बने। इससे विदेशी ई कॉमर्स कंपनियां देश के रिटेल व्यापार पर भारी डिस्काउंट, लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना जैसी व्यापारिक प्रवृतियों न चला सकें। ई कॉमर्स के लिए एक रेगुलेटर के गठन की व्यवस्था हो तथा ई कॉमर्स के जरिये बिकने वाले प्रत्येक उत्पाद पर अनिवार्य रूप से निर्मित देश का नाम और उस वस्तु में कितना वैल्यूए एडिशन किया गया है यह साफ रूप से अंकित हो।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि श्री गोयल को बताया गया कि विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों ने चीन के गुणवत्ता रहित सस्ते उत्पाद के लिए भारत को एक डंपिंग ग्राउंड बना दिया है। निर्मित मूल देश का विवरण और वैल्यू एडिशन के विवरण लिखने से यह स्पष्ट हो सकेगा की वो वस्तु कहां बनी है और ग्राहक अपनी मर्जी के अनुसार खरीद सकेंगे।
श्री पारवानी ने बताया कि कोरोना के बाद देश में व्यापार करने का तौर-तरीका बदल रहा है और ग्राहकों के खरीददारी करने के तरीके में भी बड़ा परिवर्तन आ रहा है। कोरोना के डर से ग्राहक बाजार में नहीं आ रहे हैं और व्यक्तिगत संपर्क करने में कतरा रहे हैं और इसी के बीच अगस्त के प्रथम सप्ताह से देश में त्योहारी मौसम शुरू हो जाएगा जो राखी से शुरू होकर दिवाली तक चलेगा। लोग ई कॉमर्स से खरीददारी करने पर ज्यादा जोर देंगे।
श्री पारवानी ने बताया कि इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार को अब ई कॉमर्स पालिसी को तुरंत घोषित करना चाहिए जिससे देश के व्यापारी भी डिजिटल प्लेटफार्म पर अपने ई शोरूम खोल सकें जिसके द्वारा अपने ग्राहकों को सामन वितरित कर सकें । देश में एक निष्पक्ष और साफ सुथरा ई कॉमर्स व्यापार चलाने के लिए एक ठोस ई कॉमर्स नीति की आवश्यकता है जिससे बड़ी ई कॉमर्स कंपनियों की मनमानी को रोका जा सके और सभी लोगों को व्यापार करने तथा खरीददारी करने के समान अवसर मिलें।
श्री पारवानी ने यह भी बताया कि ई कॉमर्स पॉलिसी को केन्द्र सरकार के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत के आव्हान को ध्यान में रखते हुए देश में बने उत्पादों तथा खास तौर पर देश के कोने-कोने में भारतीय कलाओं के द्वारा बने उत्पादों को बेचने में प्रमुखता देने के लिए ई कॉमर्स पॉलिसी में विशेष प्रावधान किए जाएं जिससे देश का आम व्यापारी भी अपने आपको ई कॉमर्स से जोड़ सके।