राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 31 जनवरी | कांग्रेस नेता राहुल गांधी श्रीनगर में माता खीर भवानी मंदिर और दरगाह हजरतबल के दर्शन कर दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में समर्थकों ने उनके निवास पर भव्य स्वागत की तैयारी की है। इससे पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के दो पवित्र तीर्थस्थलों खीर भवानी और हजरतबल का दौरा किया।
जानकारों ने बताया कि और राहुल गांधी दोनों भाई-बहन सबसे पहले मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के तुल्लामुला इलाके में रागन्या देवी मंदिर गए, जिसे माता खीर भवानी मंदिर के नाम से जाना जाता है। दोनों नेताओं ने कुछ कांग्रेसी नेताओं के साथ श्रीनगर से 28 किलोमीटर दूर शक्तिशाली चिनारों के बीच स्थित मंदिर में पूजा अर्चना की।
बाद में, उन्होंने प्रसिद्ध डल झील के किनारे दरगाह हजरतबल का दौरा किया। इस दरगाह में पैगंबर मोहम्मद का अवशेष है और घाटी में मुसलमानों के बीच इसका गहरा सम्मान है। हालांकि सुरक्षा कारणों से यात्राओं को गुप्त रखा गया।
दिल्ली में मौजूद राहुल गांधी के समर्थक मोहम्मद शमशाद ने बताया कि राहुल गांधी एक लंबी यात्रा कर दिल्ली पहुंचे, ऐसे में उनके आवास पर उनके स्वागत के इंतजार में हैं। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 31 जनवरी | देश में सरकारी योजनाओं और वित्तीय समावेशन की पहल के कारण बीमा पैठ में काफी हद तक वृद्धि हुई है। मंगलवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में यह बात कही गई। फसल बीमा के लिए सरकार की प्रमुख पहल, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) ने फसल बीमा के लिए प्रीमियम आय में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
सर्वेक्षण के मुताबिक आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) (एबी पीएमजेएवाई) का लक्ष्य द्वितीयक और तृतीयक अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है।
महत्वपूर्ण सरकारी पहल, मजबूत जनसांख्यिकीय कारक, एक अनुकूल नियामक वातावरण, विलय और अधिग्रहण (एम एंड ए), उत्पाद नवाचार बीमा बाजार के विकास में सहायक साबित हो रहे हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार भारत आने वाले दशक में सबसे तेजी से बढ़ते बीमा बाजारों में से एक के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है। सन 2000 से 2020 तक देश में बीमा पैठ 2.7 प्रतिशत से बढ़कर 4.2 प्रतिशत हो गई और 2021 में भी यही बनी रही।
2021 में भारत में जीवन बीमा की पैठ 3.2 प्रतिशत थी, जो उभरते बाजारों से लगभग दोगुनी और वैश्विक औसत से थोड़ी अधिक थी।
हालांकि भारत में अधिकांश जीवन बीमा उत्पाद बचत से जुड़े होते हैं, केवल एक छोटे से सुरक्षा घटक के साथ। इसलिए प्राथमिक कमाने वाले व्यक्ति की असामयिक मृत्यु की स्थिति में परिवारों को एक महत्वपूर्ण वित्तीय अंतर का सामना करना पड़ता है, जैसा कि सर्वेक्षण में कहा गया है।
स्विस रे इंस्टीट्यूट वल्र्ड इंश्योरेंस रिपोर्ट का हवाला देते हुए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि जर्मनी, कनाडा, इटली और दक्षिण कोरिया से आगे भारत के 2032 तक दुनिया के शीर्ष छह बीमा बाजारों में से एक के रूप में उभरने की उम्मीद है।
इसके अलावा गैर-जीवन बीमा क्षेत्र में वृद्धि स्वास्थ्य कवरेज की मांग से प्रेरित होने की संभावना है, क्योंकि लोग कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य सुरक्षा के बारे में अधिक जागरूक हैं और सरकार द्वारा प्रायोजित जन स्वास्थ्य कार्यक्रम (आयुष्मान भारत) से सहयोग प्राप्त कर रहे हैं।
तृतीय पक्ष बीमा भी कई गुना बढ़ जाएगा, क्योंकि भारत का मध्यम वर्ग फैल रहा है और अधिक कारें खरीदता है।
भारत के बीमा बाजार का डिजिटलीकरण टेलीमैटिक्स और ग्राहक जोखिम मूल्यांकन से परे है। हाल के वर्षों में कई डिजिटल प्लेटफॉर्म उभरे हैं, जो बीमा खरीद सहित विभिन्न सेवाओं की पेशकश करते हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि भारत में बीमा घनत्व 2001 में 11.1 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2021 में 91 अमेरिकी डॉलर हो गया है (जीवन बीमा के लिए घनत्व 69 अमेरिकी डॉलर था और गैर-जीवन बीमा 2021 में 22 अमेरिकी डॉलर था)। देश में बीमा बाजार का अपेक्षाकृत तेजी से विस्तार।
वित्तीय वर्ष 22 के दौरान गैर-जीवन बीमाकर्ताओं (भारत के भीतर और बाहर) के सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम में साल-दर-साल 10.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो मुख्य रूप से स्वास्थ्य और मोटर सेगमेंट द्वारा संचालित है।
वित्त वर्ष 2012 में गैर-जीवन बीमाकतार्ओं के शुद्ध दावे 1.4 लाख करोड़ रुपया था।
वित्त वर्ष 2012 में जीवन बीमा प्रीमियम में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, इसमें नए व्यवसायों का योगदान जीवन बीमाकर्ताओं द्वारा प्राप्त कुल प्रीमियम का 45.5 प्रतिशत था। सर्वेक्षण में कहा गया है कि जीवन बीमा उद्योग ने वित्त वर्ष 2012 में 5.02 लाख करोड़ रुपये का लाभ दिया, इसमें से 8.3 प्रतिशत लाभ मृत्यु दावों पर था। (आईएएनएस)|
मुंबई, 31 जनवरी अबु धाबी से मुंबई के लिए विस्तार की उड़ान में बिजनेस श्रेणी में प्रवेश करने से रोके जाने पर एक महिला यात्री ने कथित रूप से चालक दल के सदस्य को घूंसा मारा, अन्य विमान कर्मी से झगड़ा किया तथा अमर्यादित व्यवहार किया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि घटना सोमवार को हुई और विमान के मुंबई में उतरने के बाद चालक दल के सदस्यों ने 45 वर्षीय महिला को सहार पुलिस के सुपुर्द कर दिया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
‘विस्तार’ ने एक बयान में कहा कि महिला यात्री को उसके ‘‘अशिष्ट एवं हिंसक व्यवहार’’ के कारण रोका गया और मानक संचालन प्रक्रिया के तहत घटना के बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया।
सहार थाने के एक अधिकारी के अनुसार, महिला की पहचान पाओला पेरुशियो के रूप में हुई है जो सोमवार तड़के करीब दो बजे इकॉनोमी क्लास की टिकट के साथ विमान में सवार हुई थी। महिला बाद में बिजनेस क्लास में घुस गई और जब चालक दल के सदस्य ने उसे रोका तो वह कथित रूप से उन्हें अपशब्द कहने लगी।
अधिकारी ने बताया कि चालक दल के सदस्यों ने जब महिला को रोकने की कोशिश की तो उसने दुर्व्यवहार किया और कथित रूप से एक कर्मी के चेहरे पर घूंसा जड़ दिया और दूसरे के चेहरे पर थूक दिया।
उन्होंने बताया कि जब चालक दल के अन्य सदस्य अपने सहयोगी की मदद के लिए पहुंचे तो महिला ने कथित रूप से अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए उसी अवस्था में गलियारे में चलने लगे।
अधिकारी ने कहा कि सोमवार सुबह जब विमान यहां पहुंचा तो चालक दल के सदस्यों ने सहार पुलिस से संपर्क किया और महिला को उनके हवाले कर दिया।
महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (जानबूझकर नुकसान पहुंचाना) और 337 (किसी के जीवन या उसकी व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य कर चोट पहुंचाना) एवं विमानन अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि महिला को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिसे बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
‘विस्तार’ ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने सूचित किया कि 30 जनवरी को अबु धाबी से मुंबई के लिए उड़ान संख्या यूके-256 में एक अशिष्ट यात्री है। यात्री के लगातार अशिष्ट एवं हिंसक व्यवहार के मद्देनजर विमान के कप्तान ने चेतावनी कार्ड जारी किया और यात्री को रोकने का फैसला किया।’’
विमानन कंपनी ने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया के तहत इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को दी गई। वहीं, हवाईअड्डे पर मौजूद सुरक्षा एजेंसियों को यात्री के पहुंचने पर तत्काल कार्रवाई के लिए सूचित किया गया।
विस्तार ने कहा कि विमान पर अन्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पायलट बार-बार घोषणाएं कर रहे थे। (भाषा)
श्रीनगर, 31 जनवरी कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने जम्मू कश्मीर के गांदेरबल जिले में मंगलवार को प्रसिद्ध खीर भवानी मंदिर में दर्शन किए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राहुल-प्रियंका श्रीनगर से 28 किलोमीटर दूर मध्य कश्मीर के जिले में तुल्लामुला इलाके में स्थित मंदिर पहुंचे।
अधिकारियों ने कहा कि दोनों भाई-बहन ने माता खीर भवानी के नाम से प्रसिद्ध राज्ञा देवी के मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के अन्य नेता भी थे।
इस मंदिर की कश्मीर पंडितों में काफी मान्यता है, जिनका मानना है कि मंदिर के नीचे मौजूद कुंड के पानी का रंग घाटी में मौजूदा स्थिति का संकेत देता है।
कुंड के पानी के अधिकतर रंग का कोई विशेष महत्व नहीं होता है लेकिन पानी का रंग काला या गहरा हो जाना कश्मीर के लिए बुरे समय का संकेत माना जाता है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 31 जनवरी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि भारत ने आतंकवाद को लेकर जो कड़ा रुख अपनाया, उसे दुनिया भी समझ रही है और इस समस्या के विरुद्ध देश की आवाज़ को हर मंच पर गंभीरता से सुना जा रहा है।
राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए अपने पारंपरिक अभिभाषण में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने आतंकवाद को लेकर जो कड़ा रुख अपनाया है, उसको भी आज दुनिया समझ रही है। इसलिए आतंकवाद के विरुद्ध भारत की आवाज़ को हर मंच पर गंभीरता से सुना जा रहा है।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पिछले वर्ष अक्टूबर में भारत में पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति की एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इसमें भी भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपनी भूमिका को स्पष्ट किया। साइबर सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को भी सरकार गंभीरता से पूरे विश्व के सामने रख रही है।’’
उन्होंने कहा कि भारत सरकार का स्पष्ट मानना है कि स्थायी शांति तभी संभव है, जब हम राजनीतिक और रणनीतिक रूप से सशक्त होंगे। इसलिए देश अपनी सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण पर निरंतर बल दे रहा है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘सरकार ने देशहित को सदैव सर्वोपरि रखा, नीति-रणनीति में संपूर्ण परिवर्तन की इच्छाशक्ति दिखाई। सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार तक, नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक हर दुस्साहस के कड़े जवाब तक... सरकार की पहचान एक निर्णायक सरकार की रही है।’’ (भाषा)
-चंदन कुमार जाजवड़े
बिहार, 31 जनवरी । बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर से पार्टी में दरकिनार किए जाने का आरोप लगाया है.
उन्होंने मंगलवार को पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मुख्यमंत्री ने कहा है कि पार्टी में उपेंद्र कुशवाहा आए तो हमने उन्हें इज्जत दी और वे मुझसे स्नेह करते हैं. संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष मुझे जरूर बनाया गया. तब मुझे भी लगता था मुझे उन दायित्वों का निर्वहन करने का अवसर मिलेगा. मैं कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा कर पाऊंगा."
संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद को झुनझुना बताते हुए उन्होंने कहा, "लेकिन मुझे बाद में पता चला कि संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष मुझे बनाया गया तो सीधे तौर पर एक झुनझुना मेरे हाथ में थमाया गया है. मैं अध्यक्ष बन गया पर सदस्यों को भी मनोनीत नहीं कर सकता, इसका क्या अर्थ है? मुझसे कभी कोई सुझाव नहीं मांगा गया."
उपेंद्र कुशवाहा ने ये भी कहा कि पार्टी चाहे तो उनसे विधान परिषद की सदस्यता वापस ले सकती है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, "मुझे एक लॉलीपॉप थमाया गया. राज्य सभा की सदस्यता छोड़ने में मुझे एक पल का भी मलाल नहीं होता है, भारत सरकार में मंत्री पद को छोड़ते हुए एक पल का मलाल नहीं होता है तो एमएलसी (विधान परिषद की सदस्यता) कौन सी बड़ी चीज है. मुख्यमंत्री या पार्टी चाहें तो एमएलसी वापस ले सकते हैं."
उन्होंने कहा, "अभी भी हम मुख्यमंत्री जी पर पूरा भरोसा करते हैं. हम उनका आदर करते हैं. आज भी मुख्यमंत्री जी से हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं कि पार्टी और लव कुश समाज को बचा लीजिए. पार्टी में मेरे व्यक्तिगत अपमान का कोई सवाल नहीं है. गांधी जी का सामान भी फेंक दिया गया था. मेरे लिए आम लोगो के हितों की रक्षा ज़्यादा जरूरी है."
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा की नाराज़गी पर कहा था, "क्या आपने कभी किसी राजनीतिक दल के भीतर होने वाली चर्चाओं पर बार-बार बाहर बात करते देखा है? लोगों को पार्टी में मिल कर बात करनी चाहिए. हमारा इतना स्नेह है कि पार्टी से कोई चला भी जाता है तो कोई फर्क नहीं पड़ता."
उपेंद्र कुशवाहा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बयानबाज़ी लगातार सुर्खियों में बनी हुई है. यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कुशवाहा जल्द ही जेडीयू छोड़कर बीजेपी के साथ जा सकते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा क़रीब दो साल पहले ही जेडीयू में शामिल हुए थे. 2014 में जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तब कुशवाहा केंद्र में राज्यमंत्री भी बनाए गए थे. उस वक़्त वे अपनी पार्टी आरएलएसपी को लीड कर रहे थे. बाद में उन्होंने बीजेपी का साथ भी छोड़ दिया और बिहार में विपक्षी महागठबंधन के साथ जुड़ गए. (bbc.com/hindi)
केरल के नीलांबुर में दुनिया का इकलौता टीक म्यूजियम यानि सागौन की लकड़ी का संग्रहालय है. चार साल पहले जीआई टैग मिलने से सैकड़ों साल पुराने अंग्रेजों के जमाने के जंगल का महत्व और बढ़ा.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
केरल के मल्लापुरम जिले का छोटा-सा कस्बा नीलांबुर टीक यानी सागौन की लकड़ी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां दुनिया का एकमात्र टीक म्यूजियम भी है. नीलांबुर वह जगह है जहां दुनिया में सबसे पहले सागौन के पेड़ लगाए गए थे.
वर्ष 1840 में ब्रिटिश शासनकाल में यहां से सागौन की लकड़ी को इंग्लैंड भेजा जाता था. खासकर इस लकड़ी को इंग्लैंड भेजने के लिए ही इलाके में रेलवे की पटरियां बिछाई गई थीं. नीलांबुर से तमिलनाडु के शोरानुर स्टेशन के बीच चलने वाले पैसेंजर ट्रेन रूट को देश के सबसे सुंदर और हरित रेलवे रूट का दर्जा हासिल है.
अरब सागर के किनारे बसे कालीकट या कोझिकोड से करीब 30 किमी दूर पहाड़ियों की गोद में बसे नीलांबुर में प्रकृति ने खुल कर अपना खजाना लुटाया है. यहां की जलवायु टीक प्लांटेशन के लिए बेहद उपयुक्त है. इसीलिए ब्रिटिश शासकों ने सबसे पहले वर्ष 1840 में यहां टीक प्लांटेशन शुरू किया था.
'पवित्र' कन्निमारि
इस छोटे-से कस्बे में ही कोन्नोलीज प्लाट है जिसे टीक का सबसे पुराना प्लांटेशन कहा जाता है. उस समय मालाबार क्षेत्र के कलेक्टर रहे हेनरी कोन्नोली के नाम पर इसका नामकरण किया गया है. हेनरी ने ही इलाके में टीक के पौधे लगाने की शुरुआत की थी.
चालियार नदी के किनारे 2.31 हेक्टेयर इलाके में फैले कोनोलीज प्लाट में टीक के कई विशाल पेड़ हैं. इसी कस्बे में दुनिया में टीक का सबसे पुराना पेड़ कन्निमारि भी स्थित है. कस्बे में रहने वाले लोग इसे बेहद पवित्र मानते हैं. इसकी भव्यता को देखने के लिए हर साल काफी तादाद में पर्यटक यहां पहुंचते हैं.
जीआई टैग से मिली संरक्षण में मदद
बेहतरीन क्वालिटी की इमारती लकड़ियों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर नीलांबुर के सागौन को चार साल पहले जीआई टैग मिला था. नीलांबुर टीक हेरिटेज सोसायटी के अब्दुल्लाकुट्टी कहते हैं, "जीआई टैग मिलने से नीलांबुर के सागौन को संरक्षित करने में मदद मिलेगी. कामगारों और व्यापारियों समेत करीब 10 हजार लोग अपनी आजीविका के लिए सागौन पर निर्भर हैं. जीआई टैग से राजस्व बढ़ेगा और फर्जी उत्पादों की बिक्री रुकेगी. नीलांबुर के सागौन अपने विशालकाय आकार, शानदार रंग और टिकाऊपन के लिए मशहूर हैं. इसकी खासियत यह है कि इसमें दीमक नहीं लगते हैं."
नीलांबुर में एक अनूठा म्यूजियम भी है जहां टीक के इतिहास और अब तक के सफर का पूरा ब्योरा दर्ज है. यही वजह है कि यह केरल के दर्शनीय स्थलों में शुमार है. उसके प्रवेशद्वार पर 55 वर्ष पुराने सागौन वृक्ष की जटिल जड़ प्रणाली का शानदार दृश्य है. इस म्यूजियम में 80 से 100 फुट लंबे सागौन के पेड़ों के बारे में विस्तृत जानकारी और उनसे संबंधित ऐतिहासिक तथ्य मौजूद हैं. यह दुनिया में अपनी तरह का पहला और अनूठा म्यूजियम है. रोचक जानकारियों से भरा यह म्यूजियम वर्ष भर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
सैकड़ों साल पुराने सागौन का पेड़
केरल वन अनुसंधान संस्थान परिसर में वर्ष 1995 में स्थापित यह म्यूजियम दो मंजिली इमारत में है. म्यूजियम के निचले तल में संरक्षित कन्निमारि सबसे पुराना सागौन का पेड़ है. यहां सागौन के विभिन्न प्रजाति के पेड़ों का पूरा जीवन चक्र देखा जा सकता है. इसके अलावा यहां 160 वर्ष पुराना विशालकाय सागौन वृक्ष भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. इसे कोन्नोली के प्लाट से लाया गया है.
म्यूजियम की निचली मंजिल पर उरू नामक प्राचीन समुद्री पोत का लकड़ी से बना मॉडल और विभिन्न आकारों में सागौन की लकड़ी से बने खंभे देखने को मिलते हैं. यहां सबसे दिलचस्प है नागरामपारा से लाए गए 480 वर्ष पुराने सागौन का पेड़.
नीलांबुर टीक हेरिटेज सोसायटी के अब्दुल्लाकुट्टी कहते हैं, "टीक का इतिहास जानने-समझने के लिए नीलांबुर से बेहतर दुनिया में दूसरी कोई जगह नहीं है. यहां से टीक की लकड़ी को इंग्लैंड भेजने के लिए ही कालीकट से नीलांबुर के बीच रेलवे की पटरियां बिछाई गई थी. आजादी के बाद कुछ साल के लिए इस लाइन पर ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था. लेकिन स्थानीय लोगों की मांग पर इसे दोबारा शुरू किया गया."
सागौन के पेड़ के अलावा इस संग्रहालय में तीन सौ प्रजातियों की तितलियां और विभिन्न प्रकार के छोटे जंतुओं का भी संग्रह है. इसके अलावा सागौन के पेड़ों की कटाई को दर्शाती पेंटिंग्स, खेती में उपयोग होने वाले पारंपरिक औजार और तस्वीरें म्यूजियम को रोचक बनाती हैं. यहां ठोस सागौन लकड़ी से बने कई कलात्मक फर्नीचर और दरवाजे भी रखे हुए हैं. (dw.com)
लद्दाख में रहने वाले जाने-माने शिक्षाविद और पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने दावा किया है कि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है. ऐसा क्या हुआ कि वांगचुक और सरकार आमने-सामने आ गए?
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
क्या आपने राजकुमार हिरानी की फिल्म थ्री इडियट्स देखी है? उसमें अभिनेता आमिर खान ने एक इनवेंटर का किरदार निभाया था जो भारत के सुदूर उत्तर में लद्दाख में रहता है और बच्चों को पढ़ाता है. यह किरदार जिस शख्सियत से प्रेरित था, उनका नाम है सोनम वांगचुक.
सोनम वांगचुक 2 जनवरी से भूख हड़ताल पर हैं. 18,380 फुट की ऊंचाई पर खारदूंग ला में रहने वाले वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल के ऐलान के दो दिन बाद यू्ट्यब पर एक वीडियो जारी कर कहा है कि प्रशासन ने उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया है. हालांकि प्रशासन ने इस आरोप को गलत बताया है.
पांच दिन का उपवास
वांगचुक ने एक ट्वीट कर एक दस्तावेज साझा किया जिसमें उनके सामने प्रशासन द्वारा रखी गईं कुछ शर्तें हैं. उन्होंने लिखा, "दुनिया के वकील ध्यान दें. जब प्रार्थनाएं और उपवास चल रहे हैं तब लद्दाख यूटी प्रशासन चाहता है कि मैं इस बॉन्ड पर साइन करूं. यह कैसे सही है? क्या मैं चुप हो जाऊं? मुझे गिरफ्तारी से डर नहीं लगता.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग कर किए गए इस ट्वीट के साथ जो बॉन्ड दिया गया है, उसके मुताबिक वांगचुक के सामने शर्त रखी गई है कि वे कोई बयान नहीं देंगे. टिप्पणियां नहीं करेंगे. भाषण नहीं देंगे. लेह जिले में किसी आयोजन में हिस्सा नहीं लेंगे.
बाद में एक यूट्यूब वीडियों में उन्होंने कहा कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है जो असल में "नजरबंदी से ज्यादा बुरा है.” हालांकि लेह की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीडी नित्या ने इस पर सफाई देते हुए मीडिया को बताया, "उन्हें खारदुंग ला दर्रे में पांच दिन का उपवास करने की इजाजत नहीं दी गई थी क्योंकि वहां तापमान माइनस 40 डिग्री तक गिर जाता है. उन्हें और उनके समर्थकों के लिए वहां जाना बेहद खतरनाक होता और इसलिए उनसे अनुरोध किया गया कि वह अपने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के परिसर में ही उपवास करें.”
क्या है वांगचुक की मांग?
लेह जिले के आलची के पास उलेयतोकपो में जन्मे 56 वर्षीय वांगचुक सामुदायिक शिक्षा के अपने मॉडल के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं. रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड पा चुके वांगचुक लद्दाख क्षेत्र को विशेष अधिकारों और पर्यावरणीय सुरक्षा की मांग के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वह चाहते हैं कि हिमालयी क्षेत्र को बचाने के लिए लद्दाख को विशेष दर्जे की जरूरत है.
सोमवार को अपने पांच दिन लंबे प्रतीकात्मक उपवास के पूरा होने के मौके पर उन्होंने कहा, "आज मेरे प्रतीकातमक कार्बन न्यूट्रल जलवायु उपवास का अंतिम दिन है. यह उपवास प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करने की एक कोशिश थी ताकि हमारे नेता उन्हें हमारी चिंताओं और मांगों के बारे में बता सकें.”
उन्होंने कहा कि हिमालय और उसके ग्लेशियरों की सुरक्षा किन्हीं कॉरपोरेटर्स को खुश करने से ज्यादा जरूरी होना चाहिए क्योंकि उसका असर पूरे उपमहाद्वीप के लोगों के जीवन पर हो रहा है. उन्होंने कहा, "हिमालय में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सरकार को भविष्योन्मुखी योजना बनानी होगी. संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करना भी इसका हिस्सा है.”
भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत जातीय और जनजातीय क्षेत्रों में स्वायत्त जिला परिषदों और क्षेत्रीय परिषदों क अपने-अपने क्षेत्रों के लिए कानून बनाने का अधिकार दिया गया है. फिलहाल भारत के चार राज्य मेघालय असम, मिजोरम और त्रिपुरा के दस जिले इस अनुसूची का हिस्सा हैं. वांगचुक की मांग है कि लद्दाख को भी इस अनुसूची के तहत विशेषाधिकार दिए जाएं.
वांगचुक को समर्थन
पिछले पांच दिन के उपवास के दौरान वांगचुक की मांगों को भारी समर्थन मिला है. भारतीय जना पार्टी को छोड़कर बाकी सभी दलों ने उनकी मांगों का समर्थन किया है. सोमवार को उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह अपने आंदोलन को और तेज करेंगे.
उन्होंने कहा, "यह एक प्रतीकात्मक उपवास था. अगर सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो मैं दस दिन की भूख हड़ताल करूंगा. फिर 15 दिन और उसके बाद अपनी अंतिम सांस तक.”
लद्दाख के लोग लंबे समय से छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग करते रहे हैं. इस मांग के लिए काम रहे संगठन पीपल्स मूवमेंट फॉर सिक्स्थ शेड्यूल की प्रमुख संस्था तुप्स्तान चेवांग ने भी लद्दाख की संस्कृति और पहचान की सुरक्षा में नाकाम रहने के लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है. (dw.com)
ब्राजील के एक शहर में मछुआरे मछली पकड़ने में डॉल्फिनों की मदद लेते हैं. डॉल्फिन उन्हें बताती हैं कि कहां ज्यादा मछलियां हैं और कब जाल फेंकना है.
ब्राजील में मछुआरों के एक समुदाय ने अनोखे दोस्त बनाए हैं. ये हैं डॉल्फिन. वैसे तो मछली पकड़ने में डॉल्फिनों और मछुआरों के मिलजुलकर काम करने के किस्से सदियों से सुनाए जाते रहे हैं. अब जहां दक्षिणी फ्रांस हैं, रोमन साम्राज्य के वक्त वहां ऐसा होता था. ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में भी 19वीं सदी में ऐसा होता था.
इन किस्सों में इंसानों के अनुभव ही सामने आते हैं और डॉल्फिन इस सहयोग पर क्या सोचती या महसूस करती हैं, यह पता नहीं चल पाया. यह भी नहीं पता था कि ये मछलियां क्यों इंसान का सहयोग करती हैं यानी इन्हें क्या लाभ होता है. लेकिन पहली बार वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में कामयाब हुए हैं कि इस सहयोग का मछलियों को क्या फायदा होता है.
ब्राजील के लगूना शहर में ड्रोन, पानी के अंदर की रिकॉर्डिंग और अन्य कई वैज्ञानिक युक्तियों के इस्तेमाल से विशेषज्ञ यह पता लगाने में कामयाब रहे हैं कि इंसानों और डॉल्फिनों को इस परस्पर सहयोग का क्या लाभ होता है. एक दिलचस्प बात तो यह पता चली है कि दोनों ही एक दूसरे के शरीर की भाषाएं पढ़ने से लाभ उठा रहे हैं.
परस्पर सहयोग
सोमवार को प्रोसीडिंग्स ऑफ द नैशनल अकैडमी ऑफ साइंसेज में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह लगूना के मछुआरे डॉल्फिनों की मदद ले रहे हैं. ये मछुआरे मुलेट नाम की प्रवासी मछलियों को पकड़ने में डॉल्फिन मछलियों का सहयोग लेते हैं. यह सहयोग करीब डेढ़ सौ सालों से चल रहा है और इस बारे में पहले भी बहुत कुछ लिखा गया है.
इस बारे में ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी की बायलॉजिस्ट और डॉल्फिन विशेषज्ञ स्टेफनी किंग कहती हैं, "यह अध्ययन दिखाता है कि डॉल्फिन और इंसान दोनों ही एक दूसरे के व्यवहार पर ध्यान दे रहे हैं और डॉल्फिन इस बात का इशारा करती हैं कि कब जाल फेंकना है. यह वाकई अविश्वसनीय सहयोग है. डॉल्फिनों के साथ काम करके लोग ज्यादा मछलियां पकड़ते हैं और डॉल्फिनों को भोजन की तलाश में मदद मिलती है.”
डॉल्फिनों की समझदारी और बुद्धिमत्ता पर काफी अध्ययन हो चुके हैं. इंसान की तरह ही वह भी लंबे समय से धरती पर मौजूद सामाजिक प्राणी है. लेकिन मछलियां पकड़ने के मामले में दोनों के पास अलग-अलग क्षमताएं हैं.
कैसे हुआ अध्ययन?
अध्ययन के सह-लेखक मॉरिसियो कैंटर ऑरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी में मरीन बायोलॉजी पढ़ाते हैं. लगूना के समुद्र के बारे में वह कहते हैं, "वहां पानी बहुत धुंधला है इसलिए लोग उसके भीतर मछलियों का समूह देख नहीं पाते. तब डॉल्फिन अपनी आवाजों से उन्हें संकेत भेजती हैं कि कहां मछलियां हैं.”
ये डॉल्फिन मछलियों को तट की ओर धकेलती हैं और लोग हाथों में जाल पकड़कर पानी की ओर भागते हैं. कैंटर कहते हैं, "वे डॉल्फिनों के यह बताने का इंतजार करते हैं कि पानी मछलियां किस जगह हैं. सबसे आम संकेत को स्थानीय लोग छलांग कहते हैं.”
इस पूरे व्यवहार को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने सोनार तकनीक व पानी के अंदर आवाजों को रिकॉर्ड करने वाले माइक्रोफोन का इस्तेमाल किया. इस तरह उन्होंने पता लगाया कि पानी के अंदर डॉल्फिन और मछलियां किस जगह हैं. साथ ही मछुआरों की कलाइयों पर जीपीएस डिवाइस बांधी गईं जिनसे पता चला कि वे अपने जाल कब फेंकते है
आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चला कि मछुआरों और डॉल्फिनों के संकेतों में जितना ज्यादा तालमेल था, पकड़ी गई मछलियों की संख्या उतनी ही ज्यादा थी. लेकिन एक सवाल अब भी बाकी था कि इस तालमेल से मछुआरों को क्या मिल रहा था.
कैंटर बताते हैं, "जाल फेंकने से मछलियों के बड़े-बड़े समूह छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट जाते हैं और डॉल्फिनों के लिए उनका शिकार आसान हो जाता है. कई बार वे जाल के अंदर से भी मछलियों को लपक लेती हैं.”
तरह-तरह की डॉल्फिन
लगूना के लोगों ने डॉल्फिनों को अच्छी, बुरी और सुस्त की श्रेणियों में बांट रखा है जो उनके शिकार करने और ज्यादा सहयोग करने की क्षमता पर आधारित है. कैंटर बताते हैं कि जब वे अच्छी डॉल्फिनों को तट की ओर आते देखते हैं तो खूब उत्साहित हो जाते हैं.
कनाडा के हेलफैक्स में डलहौजी यूनिवर्सिटी के बोरिस वॉर्म कहते हैं कि इन मछुआरों और डॉल्फिनों ने मिल-जुल कर शिकार करने की एक संस्कृति विकसित कर ली है जिससे दोनों को लाभ पहुंच रहा है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इसकी शुरुआत कैसे हुई लेकिन यह संस्कृति सौ साल से भी ज्यादा से चली आ रही है और डॉल्फिन व इंसान दोनों ही अपनी-अपनी संतानों को यह सिखाते आ रहे हैं.
लेकिन विशेषज्ञों को चिंता है कि यह अपनी तरह का आखिरी गठजोड़ जो प्रदूषण और औद्योगिक तरीकों से मछली पकड़ने के कारण खतरे में है. इसलिए लोगों के बीच ज्यादा जागरूकता की जरूरत है
वीके/एए (एएफपी)
नई दिल्ली, 31 जनवरी । अबू धाबी से मुंबई आ रही विस्तारा एयरलाइंस की फ़्लाइट में 45 साल की एक इतालवी महिला यात्री ने कथित तौर पर चालक दल के सदस्यों के साथ मारपीट की और अपने कपड़े उतारने की कोशिश की.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से बताया है कि सोमवार को ये घटना उस वक़्त हुई जब उस महिला को विमान के बिज़नेस क्लास में दाखिल होने से रोका गया.
विमान के मुंबई लैंड होने के बाद क्रू मेंबर्स ने महिला यात्री को पुलिस के हवाले कर दिया.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई पुलिस ने महिला को गिरफ़्तार कर लिया. हालांकि बाद में अदालत ने उस महिला को जमानत दे दी
विस्तारा एयरलाइंस ने एक बयान जारी कर कहा कि यात्री को उसके अभद्र और हिंसक बर्ताव के लिए क्रू ने रोका और प्रक्रिया के तहत संबंधित एजेंसी को घटना की जानकारी दी गई.
पुलिस का कहना है कि महिला इकोनॉमी क्लास के टिकट पर यात्रा कर रही थीं. उन्होंने बिजनेस क्लास में दाखिल होने की कोशिश की जिसके बाद क्रू मेंबर्स ने उन्हें ऐसा करने से रोका. (bbc.com/hindi)
कानपुर, 31 जनवरी | उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के कूपरगंज इलाके में एक महिला ने कथित तौर पर अपने पति के चेहरे पर तेजाब, सिर्फ इसलिए फेंक दिया क्योंकि उसने उससे देर रात तक घर से बाहर रहने के लिए पूछा था। 40 वर्षीय पति डब्बू गुप्ता का चेहरा गंभीर रूप से झुलस गया। उसकी 35 वर्षीय पत्नी पूनम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
वायरल वीडियो में गुप्ता पुलिस थाना परिसर में मीडिया को अपनी आपबीती सुनाते नजर आ रहे हैं।
उसने दावा किया कि जब उसने अपनी पत्नी से घर लौटने में देरी का कारण पूछा, तो दोनों के बीच लड़ाई हो गई। इसके बाद पत्नी ने उसने उनके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया।
गुप्ता ने पूनम को सजा देने की मांग करते हुए वीडियो में बेहतर इलाज की सुविधा भी मांगी है।
गुप्ता के मुताबिक पूनम रात करीब 12:30 बजे घर लौटी थी और जब उसने उससे पूछताछ की तो वह उससे झगड़ने लगी। बाद में उसने उसके साथ मारपीट की ओर उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 31 जनवरी | 26 जनवरी को हुई गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल सर्वश्रेष्ठ माचिर्ंग टुकड़ी और झांकियों की घोषणा सोमवार को की गई। इसमें गृह मंत्रालय से जुड़े सीआरपीएफ की माचिर्ंग टुकड़ी और सशस्त्र बलों की झांकी ने भी पुरस्कार जीते हैं। इस मौके पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें बधाई दी और सशस्त्र बलों की वीरता की सराहना की है। अमित शाह ने सबसे पहले सीआरपीएफ को बधाई देते हुए कहा कि सीआरपीएफ ने गणतंत्र दिवस परेड 2023 में अनुशासन और वीरता का शानदार प्रदर्शन किया। मुझे खुशी है कि उन्होंने मोस्ट लाइक्ड माचिर्ंग कॉन्टिजेंट कैटेगरी में पहला पुरस्कार जीता है। जय हिन्द
गृहमंत्री ने सशस्त्र बलों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस परेड 2023 में केंद्र सरकार के मंत्रालयों के बीच आयोजित सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली झांकी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीतने के लिए सीएपीएफ की टीम को बधाई।
गौरतलब है कि सोमवार को जारी की गई विजेताओं की सूची में जजों और जनता के पोल दोनों ही आधार पर सीएपीएफ और अन्य सहायक बलों की श्रेणी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की माचिर्ंग टुकड़ी को सर्वश्रेष्ठ माचिर्ंग टुकड़ी के रूप में चुना गया है। वहीं नागरिक पोल के आधार पर मंत्रालय और विभागों की श्रेणी में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की झांकी को सर्वश्रेष्ठ झांकी के तौर पर चुना गया। (आईएएनएस)|
आरा, 31 जनवरी | बिहार के भोजपुर जिले के नवादा थाना क्षेत्र में एक रिटायर्ड प्रोफेसर दंपत्ति का शव उनके ही घर से बरामद किया गया है। प्रोफेसर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से भी जुड़े रहे है। आशंका जताई जा रही है कि धारदार हथियार से वार कर इनकी हत्या की गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि सेवानिवृत प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह (67) अपनी पत्नी पुष्पा सिंह (65) के साथ कतीरा मुहल्ले में अपने मकान में रहते थे।
सोमवार की रात दोनों के शवों को बरामद किया गया है। शव देखने से आशंका व्यक्त की जा रही है कि किसी धारदार हथियार से वारकर दोनों की हत्या की गई है।
हालांकि पुलिस के अधिकारी हत्या के कारणों को लेकर अभी कुछ नहीं बता पा रहे हैं। मुहल्ले के लोगों का कहना है कि प्रोफेसर का शव डायनिंग रूम से, जबकि उनकी पत्नी का शव बेड रूम से बरामद किया गया।
मृतक महेंद्र प्रसाद सिंह वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष थे, जबकि उनकी पत्नी पुष्पा सिंह मनोविज्ञान को प्रोफेसर थी। महेंद्र भाजपा से जुड़े रहे हैं और विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।
प्रोफेसर दंपति अपने घर में अकेले रहते थे। इनकी तीन बेटियां हैं और सभी अपने ससुराल में रहती हैं।
पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पुलिस सीसीटीवी को खंगाल रही है और एफएसएल टीम को बुलाया गया है। पुलिस पूरे मामले की विभिन्न पहलुओं से छानबीन कर रही है। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 31 जनवरी | पौराणिक गिद्ध 'जटायु', जिसने भगवान राम को सीता को खोजने में मदद की थी, महोबा के विजयसागर पक्षी अभयारण्य में आयोजित होने वाले यूपी नेचर एंड बर्ड फेस्टिवल का शुभंकर होगा। वन बाघ परियोजना के प्रधान मुख्य संरक्षक सुनील चौधरी ने कहा, गिद्ध को शुभंकर के रूप में चुनने का कारण चौधरी ने कहा कि गिद्ध लुप्तप्राय प्रजाति है और इसे शुभंकर के रूप में उपयोग करने से उनके संरक्षण को संवेदनशील बनाने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा, विश्व आद्र्रभूमि दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार से शुरू होने वाले तीन दिवसीय उत्सव में लोगों को संरक्षण के बारे में जागरूक करने के लिए इको-टूरिज्म को एक उपकरण के रूप में उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
उत्सव का आयोजन वन विभाग, यूपी राज्य जैव विविधता बोर्ड और पर्यटन विभाग द्वारा किया जाएगा।
इस उत्सव में ट्रेकिंग, बर्ड वाचिंग, वन्यजीव विशेषज्ञों के साथ तकनीकी सत्र, स्थानीय किलों और स्मारकों की यात्रा और अन्य शहरों में प्रकृति की सैर जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 31 जनवरी | भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र सरकार की विफलता को उजागर करने के लिए मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है, जबकि विपक्ष के नेता (एलओपी) मल्लिकार्जुन खड़गे और खराब मौसम के कारण कांग्रेस के कई नेता श्रीनगर हवाईअड्डे पर फंसे हुए हैं। आप के संजय सिंह ने कहा कि यह संबोधन झूठ का पुलिंदा है और आप इसका बहिष्कार करेगी.
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, राष्ट्रपति का भाषण मोदी सरकार के झूठे वादों और झूठे दावों का पुलिंदा है। इस अभिभाषण में राष्ट्रपति के अपने शब्द नहीं होंगे। मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है।
कांग्रेस सांसद और पार्टी महासचिव संचार जयराम रमेश ने मंगलवार को ट्वीट किया, खराब मौसम की स्थिति के कारण श्रीनगर हवाई अड्डे से उड़ानों में देरी के कारण, राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे जी और कई अन्य कांग्रेस सांसद असमर्थ होंगे। आज सुबह 11 बजे संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण में शामिल होने के लिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पद पर निर्वाचित होने के बाद पहली बार संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। वह चालू वर्ष के लिए सरकार के विजन को रेखांकित करेंगी।
संसद का बजट सत्र मंगलवार से शुरू होगा और वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। वह बुधवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने पहले भाषण में भारत की जी-20 अध्यक्षता की सराहना करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र और बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने का एक अवसर है, और एक बेहतर दुनिया और बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए सही मंच भी है।
उन्होंने कहा कि अंतिम लक्ष्य एक ऐसा वातावरण बनाना है जिसमें सभी नागरिक व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अपनी वास्तविक क्षमता का एहसास कर सकें और समृद्ध हो सकें। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 31 जनवरी | द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होने के बाद पहली बार संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। वह चालू वर्ष के लिए सरकार के ²ष्टिकोण को रेखांकित करेंगी। संसद का बजट सत्र मंगलवार से शुरू होगा और वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। वह बुधवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने पहले भाषण में भारत की जी-20 अध्यक्षता की सराहना करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र और बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने का एक अवसर है, और एक बेहतर दुनिया और बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए सही मंच भी है।
भारत 20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है। सार्वभौमिक भाईचारे के अपने आदर्श वाक्य के साथ, हम सभी की शांति और समृद्धि के लिए खड़े हैं। इस प्रकार, जी20 की अध्यक्षता लोकतंत्र और बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने और बेहतर दुनिया और बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए सही मंच है। मुझे यकीन है कि भारत के नेतृत्व में जी-20 एक अधिक न्यायसंगत और टिकाऊ विश्व व्यवस्था बनाने के अपने प्रयासों को और बढ़ाने में सक्षम होगा।
उन्होंने कहा कि अंतिम लक्ष्य एक ऐसा वातावरण बनाना है, जिसमें सभी नागरिक व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अपनी वास्तविक क्षमता का एहसास कर सकें और समृद्ध हो सकें।
राष्ट्रपति ने राष्ट्र के विकास में किसानों, श्रमिकों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की भूमिका की सराहना की थी और सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों की भी प्रशंसा की थी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 31 जनवरी | कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी मंगलवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण में शामिल होंगी, क्योंकि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित पार्टी के कई सांसद खराब मौसम के कारण श्रीनगर में फंसे हुए हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। पार्टी नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, मौसम खराब होने के कारण श्रीनगर हवाईअड्डे से उड़ानें विलंबित होने के कारण राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे जी और कई अन्य कांग्रेस सांसद सुबह 11 बजे संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण में शामिल नहीं हो पाएंगे।' (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 31 जनवरी | सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने एक बार फिर पाकिस्तान की ड्रोन के जरिए ड्रग्स और हथियार भेजने की साजिश को नाकाम कर दिया। पंजाब की अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर घुसे एक पाकिस्तानी ड्रोन को जवानों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी कर खदेड़ दिया। बीएसएफ की तरफ से ये जानकारी दी गई है। बीएसएफ ने बताया कि सोमवार रात करीब 10.34 बजे पंजाब के गुरदासपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे एक पाकिस्तानी ड्रोन को गोलीबारी कर खदेड़ दिया गया। जानकारी के मुताबिक गश्त के दौरान गुरदासपुर सेक्टर के आदिया बी ओ पी पर बीएसएफ के जवानों को एक पाकिस्तानी ड्रोन भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करते दिखा।
इसके बाद जवानों ने ड्रोन पर तकरीबन 14 राउंड गोलीबारी की और रोशनी करने वाले बम भी चलाए। लगभग 400 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहा ड्रोन गोलीबारी के चलते फेंसिंग के ऊपर से ही पाकिस्तान की तरफ वापस चला गया। घटना के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई और इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया।
गुरदासपुर सेक्टर के डीआईजी प्रभाकर जोशी ने घटना का जायजा लिया और बताया कि देर रात से ही पूरे इलाके का सघन तलाशी अभियान सीमा सुरक्षा बल और पुलिस के साथ मिलकर किया जा रहा है। मुस्तैद जवानों द्वारा पाकिस्तान की तरफ से की जाने वाली हर नापाक साजिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 31 जनवरी | समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, जो रामचरितमानस से दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और महिलाओं के प्रति असम्मानजनक श्लोकों को हटाने की मांग को लेकर विवादों में हैं, उन्हें अप्रत्याशित रूप से समर्थन मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह, मौर्य के समर्थन में उतर आए हैं।
हिंदी में एक सोशल मीडिया पोस्ट में, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ने कहा है कि मौर्य की मांग पर आक्रामक प्रतिक्रियाएं अनावश्यक हैं और कहा कि दूषित और अमानवीय धार्मिक ग्रंथों की आलोचना की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, "लोगों की मानसिकता को प्रदूषित करने वाले और अमानवीय होने वाले हिंदू पवित्र ग्रंथों और शास्त्रों की निंदा करनी चाहिए। हिंदू पवित्र पुस्तकों ने भारतीय समाज को गहराई से प्रभावित किया है। इन पवित्र ग्रंथों में जाति श्रेष्ठता और अस्पृश्यता को दैवीय बताया गया है। किसी को भी इस पर एकाधिकार का दावा नहीं करना चाहिए।"
उन्होंने आगे लिखा, "कुछ अति उत्साही उच्च जाति के हिंदू अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं और निचले समुदायों के लोगों को दबाने के लिए हमले करते हैं। वे नहीं चाहते कि सदियों पुराने शोषित समुदाय सामाजिक व्यवस्था का विरोध करें और असहमति को धर्म-विरोधी करार दें।"
उन्होंने कहा कि हिंदू एकता के लिए यह आवश्यक है कि लोगों को विरोध करने की अनुमति दी जाए क्योंकि पवित्र ग्रंथ सभी के हैं।
उन्होंने कहा, "शोषित समुदाय हिंदू समाज में रहना चाहता है और इसलिए इसका विरोध करता है, अन्यथा वे इस्लाम या ईसाई धर्म अपना लेते। अतीत में, इस मानसिकता के कारण धर्मांतरण होता था।"
आगे अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा, "मौर्य ने ग्रंथ का अपमान नहीं किया है। उन्होंने इसके कुछ श्लोकों पर आपत्ति जताई है और उन्हें ऐसा करने का हक है। किसी भी जाति या समुदाय का पाठ पर एकाधिकार नहीं है। राम और कृष्ण दोनों हमारे पूर्वज हैं और हम उनका अनुसरण करते हैं। हमें भी उनसे सवाल करने का अधिकार है। यह एक सामान्य समाज का सही मानदंड है।"
उन्होंने कहा, "मैं हिंदू समाज और मानवता की एकता के हित में हमलों और अपमानजनक भाषा की निंदा करता हूं।"
सिंह ने कहा, "मैं रामचरितमानस और भगवद गीता का पाठ करता हूं और इसमें उल्लिखित सिद्धांतों/उपदेशों का पालन करता हूं, लेकिन मैं इन ग्रंथों के खिलाफ बोलने वाले किसी का भी विरोध नहीं करता। मैं उनकी शंकाओं को दूर करता हूं और ऐसे विषयों के बारे में अपनी समझ में भी सुधार करता हूं।"
सिंह ने 24 अप्रैल, 2017 से 31 दिसंबर, 2017 तक उत्तर प्रदेश के डीजीपी के रूप में कार्य किया। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्हें पुलिस और जेल सुधारों पर सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। (आईएएनएस)|
इस्लामाबाद, 31 जनवरी | पाकिस्तान के पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में एक मस्जिद में सोमवार को हुए जोरदार बम धमाका में मरने वालों की संख्या बढ़कर 72 हो गई है। मंगलवार को नौ और शव मिले हैं। जियो न्यूज ने पुलिस के हवाले से बताया कि विस्फोट मस्जिद के सेंट्रल हॉल में हुआ। विस्फोट इतना जोरदार था, कि मस्जिद का एक हिस्सा गिर गया।
पुलिस ने कहा कि आत्मघाती हमलावर नमाज के दौरान पहली पंक्ति में मौजूद था, नमाज पूरी होने के बाद उसने खुद को उड़ा लिया।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है (आईएएनएस)|
लखनऊ, 31 जनवरी | बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने रामचरितमानस पर अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी से उपजे विवाद से किनारा कर लिया है। संघमित्रा ने कहा, मैं चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं और यह सुनिश्चित कर रही हूं कि मेरी पार्टी दोबारा सत्ता में वापस आए। यह चुनाव के अलावा अन्य मुद्दों पर बोलने का समय नहीं है। गौरतलब है कि एक दिन पहले उत्तर प्रदेश भाजपा प्रमुख भूपेंद्र चौधरी ने संघमित्रा से अपना स्टैंड स्पष्ट करने को कहा था, क्योंकि वह भाजपा की सांसद हैं और उन्हें पार्टी की विचारधारा का पालन करना आवश्यक है।
संघमित्रा ने कहा कि रामचरितमानस पर उनके पिता की टिप्पणी विवाद का विषय नहीं बल्कि चर्चा का विषय है।
उन्होंने कहा, इस मुद्दे का विश्लेषण और चर्चा की जानी चाहिए कि एक विशेष पंक्ति (पुस्तक में) पर बार-बार विवाद क्यों हो रहा है। कुछ लोग विवाद को भड़काने के लिए अनावश्यक मुद्दों को उठा रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि चूंकि लोकसभा चुनाव अभी एक साल दूर हैं, इसलिए संघमित्रा पार्टी आलाकमान से किसी भी संभावित प्रतिक्रिया को टालते हुए सावधानी से चलना चाहती हैं। समझा जाता है कि भाजपा नेतृत्व भी ओबीसी समुदाय को नाराज नहीं करने के लिए अपने विकल्पों पर विचार कर रहा है।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी इस तथ्य से अवगत है कि समाजवादी पार्टी निकाय और फिर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए ओबीसी, दलितों और मुसलमानों को मिलाकर एक नया सामाजिक गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही है।
संघमित्रा ने पिछले साल खुद को एक विकट स्थिति में पाया, जब मौर्य, जो उस समय योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में मंत्री थे, ने भाजपा के खिलाफ विद्रोह का झंडा फहराया था और सपा में शामिल हो गए थे।
उन्होंने तब कहा था कि उनके पिता ने अपने समुदाय के हितों के लिए भाजपा छोड़ दी। (आईएएनएस)
आगरा (उत्तर प्रदेश), 31 जनवरी | उत्तर प्रदेश के आगरा में स्विस नागरिक को ऊंची कीमत पर कलाकृतियां बेचकर कथित रूप से ठगी करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में ताजमहल के पूर्वी गेट पर एक एंपोरियम का मालिक, एक सेल्समैन और एक टूरिस्ट गाइड शामिल हैं।
उन्होंने कथित तौर पर ताजमहल का दौरा करने वाली इसाबेल को 37,500 रुपये में संगमरमर से बना एक बॉक्स और एक शतरंज का सेट बेचा।
जब पीड़िता ने देखा कि वही कलाकृतियां दूसरे स्टोर पर बहुत कम कीमत पर बेची जा रही हैं, तो उनको एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी की गई है।
इसाबेल द्वारा दायर शिकायत पर, तीन आरोपी दुकानदार -- मालिक हैदर अली, सेल्समैन आमिर और टूर गाइड फुरकान अली के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
ताज सुरक्षा के एसीपी सैयद अरीब अहमद ने कहा, रविवार को ताजमहल घूमने के दौरान, इसाबेल फुरकान अली के संपर्क में आई, जिसने उसे स्मारक के पूर्वी द्वार पर स्थित एक संगमरमर और कपड़ा एम्पोरियम में खरीदारी करने के लिए राजी किया। विक्रेता, आमिर ने चयनित वस्तुओं की कीमत की गणना 80,000 रुपये की। मालिक हैदर के साथ सौदेबाजी के बाद आइटम 37,500 रुपये में बेच दिया गया।
इसाबेल ने अपने वीजा क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर भुगतान किया और उसे सूचित किया गया कि आइटम उसके पते पर नि:शुल्क पहुंचाए जाएंगे।
बाद में, होटल जाने के रास्ते में, वह दूसरे एम्पोरियम में गई और वही सामान 4,900 रुपये में उपलब्ध पाया। उसकी शिकायत के आधार पर तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे की वीडियो रिकार्डिग बरामद कर ली गई है।
इस बीच, एक टूरिस्ट गाइड ने कहा, आगरा में ताजमहल देखने आने वाले कई पर्यटक ठगा हुआ महसूस करते हुए घर वापस चले जाते हैं। ऐसे मामले बढ़ गए हैं क्योंकि अधिकांश पर्यटक पुलिस से संपर्क नहीं करते हैं। (आईएएनएस)|
गाजियाबाद, 31 जनवरी | गाजियाबाद के फार्म हाउस में सगाई समारोह में मेहमान बनकर आए चोर ने दूल्हे के पिता का बैग चुरा लिया। बैग में चार लाख रुपए और कुछ जेवरात रखे थे। घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। विजयनगर सेक्टर-11 निवासी इंद्रेश कुमार त्यागी के बेटे की सगाई 25 जनवरी को बहरामपुर के डीके फार्म हाउस में थी। इंद्रेश ने बताया, रात सवा 8 बजे स्टेज पर जाने के लिए उन्होंने जूते उतारे। इस दौरान हैंड बैग को उन्होंने स्टेज पर रख दिया।
वह झुककर जूते उतार रहे थे, तभी अज्ञात शख्स ने उस बैग को उठा लिया और पल भर में चलता बना। ये अज्ञात शख्स पहले से ही इस कार्यक्रम में मेहमान बनकर घूम रहा था। ठीक-ठाक कपड़े होने की वजह से कोई इस पर शक नहीं कर सका।
इंद्रेश कुमार ने बताया, बैग में 4 लाख रुपए, एक जोड़ी कुंडल, अंगूठी, पायजेब आदि जेवरात रखे हुए थे।
जब उन्होंने स्टेज से बैग गायब देखा तो हड़कंप मच गया। समारोह में चोर की खूब तलाश हुई, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इंद्रेश त्यागी ने सोमवार को थाना क्रासिंग रिपब्लिक में चोरी की एफआईआर कराते हुए पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराई है। (आईएएनएस)|
कोलकाता, 31 जनवरी | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कोलकाता और उसके आसपास कम से कम 12 उद्योगपतियों के ठिकानों पर छापेमारी की। हालांकि केंद्रीय एजेंसी की ओर से कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि ये शहर के अलग-अलग हिस्सों में आयकर विभाग द्वारा हाल ही में की गई छापेमारी की कार्रवाई के आधार पर है।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाइयों से पता चला है कि विभिन्न व्यवसायियों द्वारा 300 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई है, जिनकी शहर में और आसपास अपनी बड़ी व्यावसायिक इकाइयां हैं।
तंगरा, अलीपुर, न्यू अलीपुर, आनंदपुर, हेस्टिंग्स, बजबज और महेशतला समेत कम से कम 12 जगहों पर छापेमारी की जा रही है। हर टीम के साथ सशस्त्र बल के जवान मौजूद हैं।
जानकारी के मुताबिक, ईडी का छापेमारी अभियान मंगलवार सुबह करीब 6.30 बजे शुरू हुआ। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम ने तंगरा में एक कार्यालय पर छापा मारा। दो अन्य टीमों ने अलीपुर रोड के पॉश इलाके में एक गेस्ट हाउस और आवासीय फ्लैट पर छापेमारी की। कथित तौर पर इन जगहों से कुछ नकदी भी बरामद की गई है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 31 जनवरी | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जान से मारने की धमकी दी गई है। एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि यह धमकी मानसिक रूप से विक्षिप्त एक व्यक्ति ने दी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि 38 वर्षीय व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान है और एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
अधिकारी ने कहा, पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) को धमकी से संबंधित कॉल रात करीब 12:05 बजे आई थी। (आईएएनएस)|