अंतरराष्ट्रीय
इस्लामाबाद, 25 जनवरी | पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक सुरक्षा अभियान के दौरान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के पांच आतंकवादी मारे गए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सेना के मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा बलों ने रविवार को उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली और खिसुर क्षेत्रों में दो खुफिया सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए पांच आतंकवादियों को मार गिराया।
बयान में कहा गया है कि मारे गए लोगों में दो आतंकवादी कमांडर थे।
पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकवादी समूहों के खिलाफ कई ऑपरेशन किए हैं।
हालांकि इस क्षेत्र के ज्यादातर हिस्से को सुरक्षित कर लिया गया है, लेकिन कुछ आतंकवादी समूह अभी भी सक्रिय हैं और सुरक्षा बलों पर हमले करते रहते हैं। (आईएएनएस)
जो बाइडेन ने पिछले हफ्ते मास्क पहनने के नियम को सख्त किया था और अमेरिका आने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटीन करने का आदेश दिया था. देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए यह कदम उठाए गए हैं.
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन कोविड-19 संबंधित यात्रा प्रतिबंधों को फिर से लागू करेंगे. प्रतिबंध अधिकतर गैर अमेरिकी लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर लगाया जाएगा. ब्रिटेन, ब्राजील, आयरलैंड और यूरोप के बहुत से भागों से आने वाले गैर अमेरिकी लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर यात्रा प्रतिबंध दोबारा लागू होगा. नया प्रशासन कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है और यात्रा प्रतिबंध भी उसी से जुड़ा है.
अधिकारी ने कहा इसी के साथ बाइडेन हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों पर भी प्रतिबंध के विस्तार करने की घोषणा करेंगे. यह चेतावनी दी जा रही है कि कोरोना वायरस का नया संस्करण तेजी से देश में पैर पसार रहा है. इस अधिकारी ने अमेरिकी मीडिया के रिपोर्टों की पुष्टि की है, जिनमें कहा गया है कि नया संस्करण देश में फैल रहा है.
बाइडेन ने उठाए सख्त कदम
नए राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते ही मास्क पहनने के नियमों को सख्त किया था और बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटीन के आदेश दिए थे. बाइडेन कह चुके हैं कि कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 4,20,000 से बढ़कर अगले महीने पांच लाख तक पहुंच जाएंगी और इसीलिए इस तरह की कार्रवाई की जरूरत है. पिछले गुरुवार को उन्होंने कहा था, "इस वक्त हम राष्ट्रीय आपातकाल में हैं. और इसका पालन किया जाए."
डॉनल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में कहा था कि ब्राजील और यूरोप के अधिकतर भागों से आने वाले यात्रियों से यात्रा प्रतिबंध हटा लिया जाएगा. हालांकि बाइडेन प्रशासन ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि यात्रा प्रतिबंधों को नहीं हटाया जाएगा. ट्रंप का आदेश 26 जनवरी से लागू होने वाला था.
ट्रंप ने 31 जनवरी 2020 को गैर अमेरिकी लोगों के चीन से अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था. ऐसा उन्होंने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किया था. 14 मार्च को यूरोपीय देशों पर प्रतिबंध का विस्तार कर दिया गया था उस वक्त महामारी पूरी ताकत के साथ फैल रही थी. महामारी के फैलने के बाद से अब तक अमेरिका में 25 लाख मामले सामने आ चुके हैं. बाइडेन ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को प्राथमिकता दी है और संसद पर 1.9 लाख करोड़ डॉलर के राहत पैकेज को मंजूरी देने के लिए जोर दे रहे हैं.
कोविड-19 के लिए खर्च होने वाले पैसे में करीब 20 अरब डॉलर सिर्फ टीकाकरण को ज्यादा मजबूती से फैलाने पर खर्च होगा. 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद बाइडेन ने कहा था कि उन्होंने अपने 100 दिन के कार्यकाल में 10 कोरड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने जनता से अगले 100 दिन तक मास्क लगाने की अपील भी की है.
एए/सीके (एएफपी)
रियो डी जेनेरो, 25 जनवरी| ब्राजील में एक लोकल मैच से पहले विमान दुर्घटना में चार खिलाड़ी और ब्राजील के फुटबॉल क्लब पालमास के प्रेसिडेंट की मौत हो गई। यह घटना रविवार को हुई। क्लब ने एक बयान में कहा, क्लब के प्रेसिडेंट लुकास मीरा और चार खिलाड़ी -- लुकास प्रैक्सिडेस, गुइलहेम नोए, रानूल और मार्कस मोलिनारी की रविवार को तब मौत हो गई, जब ब्राजील के उत्तरी शहर पलमास के पास उनका विमान टोकेनटेंस एयरफील्ड पर टेकऑफ के तुरंत बाद क्रैश हो गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विमान के पायलट की भी इस दुर्घटना में मौत हो गई।
विमान विला नोवा के खिलाफ सोमवार को खेले जाने वाले कोपा वर्डे मैच के लिए लगभग 800 किमी दूर, गोयनिया शहर के लिए उड़ान भर रहा था।
स्थानीय मीडिया ने बताया कि ये खिलाड़ी और क्लब के प्रेसिडेंट टीम से अलग यात्रा कर रहे थे, क्योंकि वे कोविड-19 परीक्षण में पहले पॉजिटिव पाए गए थे और क्वारंटीन में थे।
अधिकारियों ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त विमान दो इंजन वाला बैरॉन मॉडल विमान था, जिसमें दुर्घटना के बाद आग लग गई। अधिकारियों ने कहा कि घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
पांच साल पहले कोलंबिया में इसी तरह की विमान दुर्घटना में 19 खिलाड़ियों की मौत हो गई थी।
एक अन्य घटना में 2014 में, पूर्व अंतर्राष्ट्रीय और ब्राजील के स्ट्राइकर फर्नांडो की ब्राजील में ही एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
(आईएएनएस)
ट्यूनिस, 24 जनवरी | गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग को लेकर ट्यूनीशिया की राजधानी ट्यूनिस की सड़कों पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी उतर आए, जिसके बाद उनका सुरक्षा बलों के साथ टकराव शुरू हो गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एवेन्यू हबीब बोरगुइबा में, प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को कई प्रांतों में चल रहे रात के विरोध प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों की रिहाई और उत्तरी अफ्रीकी देश में बिगड़ती सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की निंदा करते हुए नारे लगाए।
'न उत्पीड़न, न हाशिए पर' का नारा लगाते हुए हमा हम्मामी पार्टी के कार्यकर्ता, विपक्षी सांसदों और आम लोगों ने मार्च में हिस्सा लिया।
ट्यूनीशियाई सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और उन्हें आंतरिक मंत्रालय के मुख्यालय के सामने इकट्ठा होने से रोका।
ट्यूनीशिया ने 14 से 17 जनवरी तक कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए एक सामान्य लॉकडाउन लगाया है, जिसके बाद कई क्षेत्रों में लूटपाट, बर्बरता और चोरी की घटनाओं के साथ रात में युवाओं और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष देखा गया।
देश में 193,000 से अधिक कोरोनावायरस के मामले सामने आए हैं और 6,092 मौतें हुई हैं।
--आईएएनएस
बीजिग, 24 जनवरी | चीन के शेडोंग प्रांत में एक सोने की खदान में विस्फोट के बाद दो सप्ताह तक अंदर फंसे रहे 11 मजदूरों को रविवार को बचा लिया गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, बचावकर्मियों ने और दो मजदूर को बाहर निकाला। अब तक 11 मजदूरों को बचाया गया है।
रविवार तड़के खदान से पहले निकाले गए मजदूर की कमजोर हालत देखकर उसे अस्पताल ले जाया गया।
इस समय बचाव कार्य में 633 लोग लगे हुए हैं और वहां 407 उपकरण लगाए गए हैं।
यंताई शहर में 10 जनवरी को किक्सिया स्थित खदान में विस्फोट होने से लगभग 600 मीटर जमीन धंस गई, जिससे लगभग 600 मजदूर अंदर फंस गए।
बचावकर्मी केवल 10 खनिकों के साथ संपर्क स्थापित करने में कामयाब रहे, जो अच्छी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थिति में थे।
माना जाता है कि एक मजदूर की मौत हो गई है।
दिसंबर 2020 में, कोयले की खान में कार्बन मोनोऑक्साइड रिसाव के बाद 23 खनिकों की मौत हो गई थी।
--आईएएनएस
गूगल ने धमकी दी है कि अगर न्यूज़ पब्लिशर्स के साथ उसके रिश्तों को तय करने वाले नए क़ानूनों पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार आगे बढ़ती है तो वह वहां के बाज़ार को छोड़कर चली जाएगी.
ऐसे में लोग यह जानना चाहते हैं आखिर यह पूरा मसला क्या है?
गूगल ऑस्ट्रेलिया को क्यों छोड़ना चाहती है?
सरकार एक नया क़ानून ला रही है जिसमें लंबे वक्त से उठ रहे इस मसले को हल करने की कोशिश की गई है कि क्या टेक्नोलॉजी सेक्टर की दिग्गज कंपनियों को सर्च रिजल्ट या उनके प्लेटफॉर्म्स पर साझा की जाने वाली ख़बरों के लिए पैसे चुकाने चाहिए या नहीं?
प्रस्तावित कानून में यह अनिवार्य कर दिया गया है कि गूगल का सभी न्यूज़ ऑर्गेनाइजेशंस के साथ एक कर्मशियल एग्रीमेंट हो या फिर उसे जबरदस्ती इस तरह के आर्बिट्रेशन में दाखिल किया जाए. गूगल का कहना है कि यह चीज लागू किए जाने योग्य नहीं है.
सीधे तौर पर कहा जाए तो गूगल को अपने सर्च पर दिखने वाली ख़बरों के लिए न्यूज ऑर्गनाइजेशंस को पैसे चुकाने होंगे.
गूगल के रीजनल डायरेक्टर मेल सिल्वा के मुताबिक, "अगर इन प्रस्तावों को क़ानून बनाया गया तो हमारे पास ऑस्ट्रेलिया में गूगल सर्च को बंद करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा."
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गूगल की प्रतिक्रिया पर कहा है, "हम धमकियों पर टिप्पणी नहीं करते."
ऑस्ट्रेलिया गूगल से किस चीज़ के लिए पैसे चुकाने को कह रहा है?
अभी तक यह तय नहीं है कि इस मसले के पीछे कितने पैसों का सवाल है.
प्रस्तावित क़ानून में सौदेबाजी और आर्बिट्रेशन का जिक्र है. इस तरह से इसमें गुंजाइश का विकल्प है. अगर गूगल किसी न्यूज संस्थान के साथ एग्रीमेंट नहीं कर पाती है तो कोई जज एक उचित सौदे को तय करेगा.
लेकिन, सरकार का कहना है कि वह चाहती है कि न्यूज संस्थानों को एक उचित भुगतान मिले.
पिछले 15 वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में प्रिंट संस्थानों की विज्ञापन से होने वाली कमाई तीन-चौथाई से ज्यादा घटी है. (bbc.com)
काबुल, 24 जनवरी | काबुल में रविवार को एक बड़े वाहन में विस्फोट में तीन नागरिक घायल हो गए। यह जानकारी पुलिस प्रवक्ता ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ को पुलिस प्रवक्ता ने बताया, "यह विस्फोट पुलिस जिले 8 में स्थानीय समयानुसार सुबह 8.12 बजे हुआ। इसमें तीन नागरिक घायल हो गए।"
अधिकारी ने अभी अधिक जानकारी नहीं दी है और कहा कि जांच जारी है।
इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी आतंकी समूह ने नहीं ली।
काबुल में हाल ही में बम धमाकों और हत्याओं का एक दौर देखा गया है।
अफगानिस्तान की राजधानी में 10 जनवरी को हुए विस्फोट में कम से कम तीन लोग मारे गए थे, जबकि इसमें अन्य लोग घायल हुए थे।
पिछले महीने से काबुल में इस तरह के हमलों में 23 लोग मारे गए हैं और 70 अन्य घायल हुए हैं।
काबुल में दिसंबर 2020 के अंत में 15 सुरक्षा घटनाएं देखी गईं, जिनमें आत्मघाती हमले, कार बम हमले, मैग्नेटिक आईईडी विस्फोट और लक्षित हत्याएं शामिल हैं।
काबुल में 26 दिसंबर को चार धमाके हुए। (आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 24 जनवरी | साल 2022-23 में उपभोक्ताओं को व्यावसायिक रूप से 5जी इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से पाकिस्तान सरकार द्वारा एक व्यापक रोडमैप का विकास किया जा रहा है। रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वार्षिक रिपोर्ट में पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने कहा कि रोडमैप का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2023 में 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करने का है।
आईटी और दूरसंचार मंत्री अमीनुल हक ने कहा है कि सरकार की योजना दिसंबर, 2022 तक 5जी टेक्नोलॉजी को लॉन्च करने का है, लेकिन तमाम क्षेत्र के विशेषज्ञ अभी भी संशय में हैं। उनका मानना है कि इसे शुरू करने में अभी कुछ और वक्त लगेगा।
जीएसएम एसोसिएशन ने अनुमान लगाया है कि साल 2023 तक पाकिस्तान में मोबाइल इंडस्ट्री का आर्थिक योगदान 2400 करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में 6.6 प्रतिशत का योगदान देगा। (आईएएनएस)
सुमी खान
ढाका, 24 जनवरी | बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चटगांव में 150 साल पुरानी एक हेरिटेज बिल्डिंग को खाली कराने का निर्देश दिया है ताकि इसे संग्रहालय में तब्दील कराया जा सके। यह इमारत किसी जमाने में स्वतंत्रता सेनानी जतींद्र मोहन सेनगुप्ता और उनके पिता वकील जात्रा मोहन सेनगुप्ता का लॉ चेम्बर या कानूनी कक्ष था।
वकील राणा दासगुप्ता ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि प्रधानमंत्री के आदेश का पालन करते हुए चटगांव जिला अधिकारियों ने इमारत को खाली करा दिया है और 6 जनवरी को बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक ऑर्डर के साथ बाहर एक साइनबोर्ड लगा दिया है, जिसमें लिखा है कि इस जगह को संग्रहालय के लिए संरक्षित किया गया है।
इस कदम का स्वागत करते हुए दासगुप्ता ने कहा कि यह चटगांव के लोगों के आंदोलन की जीत है।
उन्होंने आगे कहा, "हम खुश हैं कि हेरिटेज को संग्रहालय में तब्दील करने के अपने प्लान के साथ प्रधानमंत्री खुद मुद्दे की देखरेख कर रही हैं। हम उम्मीद करते हैं कि स्थानीय प्रशासन आदेश को लागू करने की दिशा में तेजी से काम करेंगे।"
एक स्थानीय निवासी ने आईएएनएस को बताया, सरकार से कदम उठाने का आग्रह करते हुए 5 जनवरी से इमारत के बाहर कई बैठकें आयोजित की गई थीं। पिछले दो हफ्तों से कुछ उपद्रवी यहां रह रहे थे। इन्होंने यहां के दरवाजे भी जला दिए हैं।
महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित और भी कई दिग्गज नेता जतींद्र मोहन सेनगुप्ता और उनके पिता वकील जात्रा मोहन सेनगुप्ता संग इसी कानूनी कक्ष में मुलाकात किया करते थे। (आईएएनएस)
टोरंटो. भाई-बहन में लड़ाई झगड़े, अलग-अलग विचार तो किसी भी परिवार में आम बात होती है. लेकिन कल्पना कीजिए कि किसी एक परिवार में 150 भाई-बहन हों तो? दरअसल, ये कोई मजाक नहीं है बल्कि हकीकत है. कनाडा के 19 साल के एक लड़के मर्लिन ब्लैकमोर ने अपने इस परिवार का राज टिक टॉक पर खोला है.
27 पत्नियां, 150 भाई-बहन!
बहुपत्नी वाले इस परिवार में मर्लिन के पिता की 27 पत्नियां और 150 भाई-बहन हैं. 'द सन' इसे कनाडा की सबसे बड़ी बहुविवाही फैमिली बताया है. इस फैमिली का प्रमुख विस्टन ब्लैकमोर (64) हैं. आजकल वह ब्रिटिश कोलंबिया में रह रहे हैं, जहां वह अपने लंबे-चौड़े परिवार के साथ रहते हैं. इस परिवार के तीन बच्चों ने सबके सामने इस बारे में बातचीत भी की है.
टिक टॉक पर बताया दुनिया के सबसे 'बड़ी फैमिली' की कहानी
मर्लिन के अलावा, मरे (19) और वारेन (21) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी कहानी बयां की है. ये सभी पहले अपनी फैमिली के बारे में बताने से शर्मसार होते थे लेकिन आखिरकार उन्होंने इसपर बात करना शुरू किया.
मर्लिन ने टिक टॉक पर कहा, 'मर्लिन अब अपने परिवार के साथ नहीं रहता है और वह अमेरिका में शिफ्ट हो चुका है. हम इस बारे में चार साल से बात करने की सोच रहे थे. अब मैं इसपर बात करने की स्थिति में हूं और दुनिया इसके बारे में अब जानेगी.
जानिए, बच्चे अपनी मां को क्या कहते हैं
बच्चों ने बताया कि कैसे यह परिवार इतने सदस्यों के साथ रहती है। विस्टन की 27 पत्नियां हैं लेकिन अभी केवल 22 ही उनके साथ रहती हैं. बच्चों को अपनी मांओं को 'मम' कहने की ट्रेनिंग दी गई थी जबकि पिता की अन्य पत्नियों को 'मां' और उसके बाद उनका पहला नाम के साथ बोलते थे.
बहुत बड़ा घर, यूं रहने की व्यवस्था
यह फैमिली इतनी बड़ी है कि एक मोटेल हाउस हो. ज्यादातर बच्चे अपनी मांओं के साथ नहीं रहते हैं क्योंकि वे उम्रदराज हो चुकी हैं. सबसे बड़े भाई वारेन ने बताया कि सामान्य प्रक्रिया ये है कि एक घर में दो पत्नियां अपने छोटे बच्चों के साथ रहती हैं. हर एक पत्नी घर के एक फ्लोर पर रहती हैं.
खेती से जीविका चलती है
ये फैमिली इतनी बड़ी है कि एक कम्युनिटी बना लेती है. यह परिवार खेती के जरिए अपनी जीविका चलाता है बच्चों को खेती करने की जिम्मेदारी दी गई है. मर्लिन, मरे और वारेन अब अपना परिवार छोड़ चुके हैं और अलग रहते हैं. हालांकि, वे अभी अभी अपने भाई-बहनों के संपर्क में हैं.
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सुमी खान
ढाका, 24 जनवरी | बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि देश में कोई भी बेघर नहीं रहेगा। इस साल यहां देश के स्वतंत्रता दिवस की स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है।
हसीना ने शनिवार को कहा, "बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती 'मुजीब बर्षो' में कोई भी बेघर नहीं रहेगा। हमारी संसाधनें भले ही सीमित हैं, लेकिन इनके द्वारा देश के हर इंसान को रहने के लिए कम से कम एक ठिकाना तो प्रदान कराया ही जाएगा। इससे देश के लिए बलिदान देने वाले लाखों शहीदों को शांति मिलेगी। राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान का एकमात्र लक्ष्य देश के लोगों की तकदीर को बदलना था।"
प्रधानमंत्री ने कहा, उनका मानना है कि जब लोग अपने-अपने घरों में रहेंगे, तो उनके दिवंगत माता-पिता की आत्मा को शांति मिलेगी, जिन्होंने देश के लोगों के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी।
हसीना ने कहा, "मेरे पिता शेख मुजीबुर रहमान ने देश के लोगों के लिए जीवन भर संघर्ष किया। मैं बहुत खुश हूं कि हम ठंड के इस मौसम में लोगों को उनके रहने का ठिकाना दे पाने में सक्षम हो पाए हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि लगभग 70,000 बेघर परिवारों को घर वितरित करना देश के लिए एक गर्व का पल है क्योंकि यह लोगों को भविष्य को सुरक्षित बनाता है और उनमें बेहतर उम्मीद पैदा होती है।
हसीना कहती हैं, "यह देश के लिए सबसे बड़ा त्यौहार है क्योंकि हम बेघर लोगों को घर दिला रहे हैं। मुझे आपकी दुआओं की जरूरत है ताकि हम राष्ट्रपिता के देखे गए 'सोनार बांग्ला' के सपने को साकार कर सकें।"
'मुजीब बर्षो' और देश की आजादी की स्वर्ण जयंती के अवसर पर हसीना की सरकार द्वारा सभी को घर दिलाने के अपने संकल्प के मद्देनजर आश्रय-2 परियोजना के तहत देश के 66,000 से अधिक भूमिहीनों और बेघर परिवारों को घर दिलाया जा रहा है।
हसीना ने कहा कि उनकी सरकार देश के और 100,000 लोगों को घर दिलाएगी। उन्होंने कहा, "इस प्रक्रिया की शुरुआत जल्द ही होगी। हम उम्मीद करते हैं कि देश में कोई भी बेघर न रहे।"
प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक निवास गनभवन से वर्चुअली घरों के वितरण के लिए उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होकर देशभर के 492 उप जिलाओं से जुड़ीं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाभार्थियों सहित और भी कई लोगों से बात कीं।
आश्रय-2 के तहत बनने वाले घरों में दो कमरे, एक रसोई, एक शौचालय और एक बरामदा होगा, जिनकी कीमत 1.75 लाख बांग्लादेशी टका है। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 24 जनवरी| कोविड ट्रैकिंग प्रोजेक्ट की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस सप्ताह अमेरिका में नए कोविड-19 मामलों, अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या और मौतों की दर में गिरावट देखी जा रही है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में अभी भी मौत की दर बढ़ रही है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट से जानकारी मिली कि ट्रैकिंग परियोजना के अनुसार, नए मामलों में 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो कि नवंबर के बाद से बिना छुट्टी वाले सप्ताह में नए मामलों की सबसे कम संख्या है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, लगातार 16 हफ्ते की बढ़ोतरी के बाद, औसत साप्ताहिक अस्पताल में इस सप्ताह 4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो कि एक अच्छा संकेत है।
ट्रैकिंग प्रोजेक्ट के अनुसार, वर्तमान में 24 राज्यों में एक सप्ताह पहले कोविड-19 के साथ अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। न्यूयॉर्क को छोड़कर अन्य राज्यों के अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है।
राज्यों से इस सप्ताह 21,301 कोविड-19 मौतों की सूचना मिली।
ट्रैकिंग प्रोजेक्ट के अनुसार, हालांकि, अमेरिकी दीर्घकालिक देखभाल सुविधाओं की स्थिति चिंताजनक है। लगातार दूसरे सप्ताह में देशभर में दीर्घकालिक देखभाल सुविधाओं में 7,000 से अधिक निवासियों और कर्मचारियों की मृत्यु की सूचना दी, जो कि पिछले साल मई से भी अधिक है।
नए मामलों में 31 राज्य और क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं बीस राज्य और क्षेत्रों में नए मामलों वृद्धि देखी गई है।
यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा शनिवार को अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, देशभर में शुक्रवार को कुल 1,91,799 नए मामले और 3,895 मौतें हुईं।
अमेरिका के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य कैलिफोर्निया में शुक्रवार को एक बार फिर सर्वाधिक कोविड-19 मौतों की अधिक संख्या 764 दर्ज की गई।
(आईएएनएस)
लंदन, 24 जनवरी | ब्रिटेन में और 33,552 लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। देश में कोरोनावायरस से संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 36,17,459 हो गई है। यह आधिकारिक आंकड़ा शनिवार को जारी किया गया। हाल के 28 दिनों के भीतर 1,348 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन में कोरोना से मौतों की कुल संख्या अब 97,329 हजार हो गई है।
--आईएएनएस
वॉशिंगटन, 24 जनवरी | दुनियाभर में कोरानावायरस से संक्रमित मामलों की संख्या 9.86 करोड़ तक पहुंच गई है, जबकि अब तक 21.1 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों से इनका खुलासा हुआ है। यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के रविवार सुबह अपडेट मुताबिक, दुनियाभर में इस वक्त संक्रमितों और मृतकों की संख्या क्रमश: 98,693,047 और 2,118,697 है।
सीएसएसई के मुताबिक, कोरोनावायरस से सबसे अधिक प्रभावित देश अमेरिका में मामलों और मृतकों की संख्या सबसे ज्यादा है। यहां संक्रमितों की संख्या 24,985,689 और मरने वालों की संख्या 417,339 है।
संक्रमण के मामलों के हिसाब से भारत 10,639,684 मामलों के साथ सूची में दूसरे स्थान पर है, जबकि यहां मरने वालों की संख्या 153,184 है।
जिन अन्य देशों में दस लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है, उनमें ब्राजील (8,816,254), रूस (3,658,447), ब्रिटेन (3,627,746), फ्रांस (3,093,619), स्पेन (2,499,560), इटली (2,455,185), तुर्की (2,424,328), जर्मनी (2,137,691), कोलम्बिया (2,002,969), अर्जेटीना (1,862,192), मेक्सिको (1,732,290), पोलैंड (1,470,879), दक्षिण अफ्रीका (1,404,839), ईरान (1,367,032), यूक्रेन (1,227,723) और पेरू (1,082,907) शामिल हैं।
ब्राजील कोविड से हुई मौतों के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है।
सीएसएसई के अनुसार, जिन देशों में 20,000 से अधिक जानें गई हैं, उनमें मेक्सिको (147,614), ब्रिटेन (97,518), इटली (85,162), फ्रांस (73,018), रूस (67,919), ईरान (57,294), स्पेन (55,441), जर्मनी (51,873), कोलम्बिया (50,982), अर्जेटीना (46,737), दक्षिण अफ्रीका (40,574), पेरू (39,274), पोलैंड (35,253), इंडोनेशिया (27,664), तुर्की (24,933), यूक्रेन (22,830) और बेल्जियम (20,675) शामिल हैं।
--आईएएनएस
पर्यवेक्षकों का कहना है कि जेल में बंद विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी के समर्थन में पूरे रूस में शुरू हुए विरोध-प्रदर्शनों के दौरान रूसी पुलिस ने 3,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है.
दस हज़ार से भी अधिक लोगों ने भारी सुरक्षाबल की तैनाती में भी इन प्रदर्शनों में भाग लिया है. हाल के सालों में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के ख़िलाफ़ इसे सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बताया जा रहा है.
मॉस्को में रॉयट पुलिस को प्रदर्शनकारियों को पीटते और उन्हें घसीटते देखा गया है.
राष्ट्रपति पुतिन के आलोचक नवेलनी ने रविवार को अपनी गिरफ़्तारी के बाद प्रदर्शनों का आह्वान किया था.
सहयोगी पहले ही हिरासत में
पुलिस ने पूर्वी खाबारोवस्क इलाके में विरोध-प्रदर्शनों पर कड़ाई शुरू कर दी है. साथ ही लोगों को घरों पर ही रहने की सख्त चेतावनी दी है.
नवेलनी के कई निकट सहयोगियों को शनिवार के प्रदर्शनों से पहले ही हिरासत में ले लिया गया. इनमें उनकी एक प्रवक्ता और उनके वकील शामिल हैं.
नवेलनी रूस के नेता व्लादिमीर पुतिन के सबसे हाई-प्रोफाइल आलोचक हैं. उन्हें जेल में डाले जाने के बाद उनके समर्थक सोशल मीडिया पर कूद पड़े और विरोध-प्रदर्शनों का आह्वान किया जाने लगा. रूस के तकरीबन 60 शहरों में विरोध-प्रदर्शन होने के आसार हैं.
नवेलनी को रविवार को गिरफ्तार किया गया था. वे बर्लिन से लौटकर मॉस्को आए थे और इसके बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया. नवेलनी पिछले साल अगस्त में रूस में हुए जानलेवा नर्व एजेंट हमले के बाद बर्लिन में रिकवर कर रहे थे.
मॉस्को पहुंचते ही उन्हें कस्टडी में ले लिया गया और उन्हें पैरोल की शर्तों के उल्लंघन का दोषी पाया गया. नवेलनी का कहना है कि यह केस उन्हें खामोश करने के लिए रचा गया है और उन्होंने अपने समर्थकों से विरोध-प्रदर्शन करने का आह्वान किया.
अब तक क्या हुआ है?
रूस के फार ईस्ट में शनिवार को शुरुआती विरोध-प्रदर्शन हुए. लेकिन, इनमें शामिल होने वाले नवेलनी के समर्थकों की संख्या को लेकर विरोधाभासी खबरें आई हैं.
एक स्वतंत्र न्यूज़ स्रोत सोटा ने कहा है कि व्लाडीवोस्टक में कम से कम 3,000 लोगों ने विरोधों में हिस्सा लिया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने यह आंकड़ा 500 बताया है.
रॉयटर्स के मुताबिक, शहर के वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि दंगा रोकने वाली पुलिस सड़क पर प्रदर्शनकारियों के एक समूह के पीछे भाग रही है.
दूसरी ओर, साइबेरियाई शहर याकुटस्क में -50 डिग्री सेल्शियस की ठंड में भी लोग सड़कों पर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
रैलियों को मॉनिटर करने वाले एक स्वतंत्र एनजीओ ओवीडी इंफो का कहना है कि अब तक पुलिस ने देश भर से 48 लोगों को हिरासत में लिया है. इनमें से 13 लोग खाबरोवस्क में हिरासत में लिए गए हैं.
रूसी अधिकारियों ने कड़ाई बरतने का आह्वान किया है. पुलिस का कहना है कि अनधिकृत प्रदर्शनों और उकसावे की गतिविधियों को तत्काल दबा दिया जाएगा.
अनधिकृत रैलियां पूरे देश के 60 से ज्यादा शहरों में निकालने की योजना बनाई गई है. इनमें से एक रैली मॉस्को के सेंट्रल पुश्किन स्क्वेयर में रूस के स्थानीय समय के मुताबिक दोपहर के 2 बजे आयोजित की जानी है.
पुलिस ने स्क्वेयर के चारों तरफ सैकड़ों मेटल बैरियर्स खड़े कर दिए हैं ताकि प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा होने से रोका जा सके.
नवेलनी की पत्नी यूलिया भी उनके साथ जर्मनी से मॉस्को लौटी थीं. यूलिया ने कहा है कि वे भी मॉस्को में होने वाले प्रदर्शनों में "अपने, अपने बच्चों के लिए और जिन मूल्यों और आदर्शों को हम मानते हैं उनकी खातिर" शरीक होंगी.
युवा लोगों में पॉपुलर सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक पर शनिवार के विरोध-प्रदर्शनों को लेकर वीडियोज की बाढ़ आ गई है.
रूस के शिक्षा मंत्रालय ने पेरेंट्स से कहा है कि वे अपने बच्चों को प्रदर्शनों में हिस्सा लेने की इजाजत न दें.
नवेलनी के कौन से सहयोगी हिरासत में लिए गए हैं?
नवेलनी के कई खास सहयोगियों को शनिवार के प्रदर्शनों से पहले पुलिस कस्टडी में ले लिया गया है. इनमें उनकी स्पोक्सपर्सन किरा यार्मिश और उनके एक वकील ल्युबोव सोबोल शामिल हैं. इन पर जुर्माना या कम वक्त की जेल हो सकती है.
सोबोल को रिलीज कर दिया गया है, लेकिन यार्मिश पिछले नौ दिनों से जेल में हैं.
व्लाडीवोस्टक, नोवोसीबिर्स्क और क्रासनोडार शहरों में प्रमुख नवेलनी एक्टिविस्ट्स को भी पकड़ लिया गया है.
प्रदर्शनों से पहले सपोर्ट हासिल करने के लिए नवेलनी की टीम ने एक वीडियो जारी किया था. यह एक लग्जरी ब्लैक सी रिजॉर्ट का वीडियो था. इनका आरोप है कि यह रिजॉर्ट राष्ट्रपति पुतिन का है. रूस ने इन आरोपों को खारिज किया है. इस वीडियो को 6.5 करोड़ से ज्यादा लोग देख चुके हैं.
putin palace
नवेलनी से रूसी सरकार क्यों है परेशान?
लंबे वक्त से रूसी अधिकारी यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि एलेक्सी नवेलनी की कोई अहमियत नहीं है. वे केवल एक ब्लॉगर हैं, जिनकी मामूली फॉलोइंग है और वे किसी तरह का खतरा नहीं हैं.
हालिया घटनाएं इसके उलट हकीकत बयां कर रही हैं. पहले नवेलनी को नर्व एजेंट से टारगेट किया गया. आरोप है कि एफएसबी के सरकारी कातिलों के खुफिया दस्ते ने यह काम किया था.
जहर दिए जाने की घटना की जांच करने की बजाय रूस ने नवेलनी की जांच शुरू कर दी. जर्मनी से लौटते ही रूस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया.
नवेलनी को जेल की सलाखों के पीछे डालने के साथ ही अधिकारियों ने उनके समर्थकों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है.
रूस को यूक्रेन की तरह की क्रांति रूस में भी शुरू होने का डर सता रहा है.
फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि इस तरह का माहौल पैदा हो सकता है. लेकिन, जिस तरह से आर्थिक समस्याएं बढ़ रही हैं उसे देखते हुए रूसी सरकार को चिंता है कि नवेलनी विद्रोह की भावनाएं भड़काने में आग में घी का काम कर सकते हैं. इसी वजह से शनिवार को विरोध प्रदर्शनों से पहले पुलिस ने कड़ाई से इन्हें कुचलने की कोशिशें शुरू कर दी थीं.
साथ ही, यह पूरा मामला अब निजी भी हो गया है. नवेलनी का "पुतिन के महल" का वीडियो रूसी राष्ट्रपति के लिए बड़ी किरकिरी का सबब बन गया है.
कौन हैं एलेक्सी नवेलनी?
नवेलनी एक भ्रष्टाचार विरोधी कैंपेनर हैं और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोध का सबसे मुखर चेहरा हैं.
उन्होंने 2018 में राष्ट्रपति चुनाव में उतरने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें एक आरोप में दोषी ठहरा दिया गया और चुनाव लड़ने से रोक दिया गया. नवेलनी इस आरोप को राजनीति से प्रेरित बताते हैं.
एक मुखर ब्लॉगर के तौर पर नवेलनी के सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं. 2020 में वे अपने कुछ समर्थकों को साइबेरिया की स्थानीय परिषदों में जिताने में भी कामयाब रहे हैं.
पिछले साल अगस्त में 44 साल के नवेलनी को एक नर्व एजेंट अटैक में तकरीबन मार दिया गया था. उन्होंने इसका सीधा आरोप राष्ट्रपति पुतिन पर लगाया था.
रूसी सरकार ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था. नवेलनी के इन आरोपों को हालांकि खोजी पत्रकारों की रिपोर्ट्स से बल मिला है.
पिछले वीकेंड अरेस्ट किए जाने के बाद से रूस पर यूएस और ईयू का दबाव बढ़ा है कि रूस नवेलनी को रिहा कर दे. जहर दिए जाने के बाद से पहली बार नवेलनी रूस पहुंचे थे. (bbc)
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते ब्रॉडशीट स्कैम का मामला छाया रहा.
पाकिस्तान में अभी सरकार और विपक्ष के बीच विदेशी फ़ंडिंग को लेकर तकरार चल ही रही है कि भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आ गया है.
ब्रिटेन की एक अदालत ने दिसंबर, 2020 में फ़ैसला सुनाया था कि लंदन स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के बैंक अकाउंट से लंदन की ही एक कंपनी ब्रॉडशीट एलएलसी को 450 करोड़ पाकिस्तानी रुपये दिए जाएं.
ब्रॉडशीट एलएलसी कंपनी का दावा था कि पाकिस्तान पर उसके एक करोड़ 70 लाख डॉलर बक़ाया थे और पाकिस्तानी सरकार पैसे देने में आनाकानी कर रही थी जिसके बाद उसे अदालत में जाना पड़ा और लंदन की अदालत ने ब्रॉडशीट एलएलसी के पक्ष में फ़ैसला सुनाया.
क्या है ब्रॉडशीट स्कैम
ब्रॉडशीट एलएलसी ब्रिटेन स्थित एक कंपनी है जिसका मुख्य काम विदेशों में जमा फ़ंड को रिकवर करवाना है. पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ की सरकार ने साल 2000 में इस कंपनी से एक समझौता किया था जिसके तहत कंपनी को पाकिस्तानी नेताओं और नौकरशाहों की विदेशों में मौजूद संपत्ति का पता लगाना था और उसे पाकिस्तान वापस लाने में मदद करना था.
पाकिस्तानी सरकार ने कंपनी को कोई फ़ीस नहीं दी थी और कहा था कि कंपनी जितनी भी संपत्ति को रिकवर कराएगी उसे उसका 20 फ़ीसद कमीशन मिल जाएगा. कंपनी बाद में दिवालिया हो गई लेकिन उसके अमेरिकी मालिक जेरी जेम्स ने पाकिस्तान सरकार से अपने बक़ाया पैसे माँगे.
पाकिस्तान ने कंपनी के मालिक को 50 लाख डॉलर देकर मामले को सुलझा लिया था. लेकिन बाद में कंपनी के नए मालिक कावे मूसवी ने इस समझौते को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि पाकिस्तानी सरकार को कंपनी को पैसा देना है न कि किसी व्यक्ति विशेष को.
कावे मूसवी पाकिस्तान सरकार के ख़िलाफ़ अदालत गए और केस भी जीत गए. उसके बाद उन्होंने एक विवादास्पद बयान दिया कि पाकिस्तानी सरकार पैसे की रिकवरी से ज़्यादा उन लोगों के ख़िलाफ़ सुबूत जमा करने की इच्छुक है जो कि सरकार के विरोध में हैं.
अब इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है कि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज जस्टिस अज़मत सईद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है जो कि इस पूरे मामले की जाँच करेगी.
विपक्ष ने कमेटी पर उठाए सवाल
लेकिन विपक्ष ने कमेटी के अध्यक्ष पर ही सवाल उठाते हुए इस कमेटी के गठन का विरोध किया है.
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) दोनों ही प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने साफ़ कह दिया है कि उन्हें जस्टिस अज़मत सईद पर भरोसा नहीं है क्योंकि अज़मत सईद इमरान ख़ान के एक ट्रस्ट के ज़रिए चलाए जा रहे शौकत ख़ानम अस्पताल के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स में शामिल हैं.
इसके अलावा जस्टिस अज़मत जजों की उस बेंच में शामिल थे जिन्होंने नवाज़ शरीफ़ को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी क़रार दिया था. इसके अलावा जब ब्रॉडशीट कंपनी से पाकिस्तानी सरकार का समझौता हुआ था तब पाकिस्तान की ओर से समझौते पर दस्तख़त करने वाले संगठन नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (नैब) के पूर्व डिप्टी प्रॉसिक्यूटर जनरल रह चुके हैं.
लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री शेख़ रशीद ने विपक्ष के विरोध को ख़ारिज करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी के पास अब कहने के लिए कुछ नहीं बचा है और राजनीति करने के लिए तीन ही मुद्दे हैं हज़रत मोहम्मद के इस्लाम के आख़िरी नबी होने पर विश्वास, कश्मीर और इसराइल.
अख़बार दुनिया के अनुसार इमरान ख़ान ने कहा कि इस पूरे मामले में उनकी सरकार का कोई लेना देना नहीं है और यह समझौता तो जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ के समय हुआ था. इमरान ने कहा कि ब्रॉडशीट कंपनी ने नवाज़ शरीफ़ की 80 करोड़ डॉलर की संपत्ति का पता लगाया और समझौते के मुताबिक़ सरकार ने कंपनी को पैसे दिए और अगर पैसे नहीं दिए जाते तो पाँच हज़ार पाउंड प्रतिदिन की दर से ब्याज देना पड़ता.
विदेशी फ़ंडिंग का मामला भी सुर्ख़ियों में
पाकिस्तान में राजनीतिक दलों की विदेशी फ़ंडिंग को लेकर मामला इन दिनों सुर्ख़ियों में है. दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री और मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेता नवाज़ शरीफ़ ने सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के ख़िलाफ़ जारी विदेशी फ़ंडिग केस पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि यह मामला छह साल से लटका हुआ है और चुनाव आयोग इस पर क्यों नहीं फ़ैसला कर रहा है.
11 विपक्षी पार्टियों के गुट पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रैटिक मूवमेंट) ने 19 जनवरी को चुनाव आयोग के दफ़्तर के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया.
विपक्ष का दावा है कि स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान ने चुनाव आयोग को पीटीआई के 23 बैंक खातों की जानकारी दी है जिनमें बाहर से पैसे आते थे, लेकिन इमरान ख़ान ने इनमें से 15 बैंक खातों की जानकारी चुनाव आयोग को दी ही नहीं.
इमरान ख़ान ने अपना बचाव करते हुए कहा कि यह केस एक ऐसे आदमी ने किया था जो उनकी पार्टी पीटीआई का कट्टर दुश्मन है. इमरान ख़ान ने कहा कि वो चाहते हैं कि इस पूरे मामले की खुली सुनवाई हो ताकि सब कुछ सामने आ जाए. उनके अनुसार पीटीआई को मिलने वाले सारे फ़ंड क़ानूनी हैं और सबका एक-एक पैसे का हिसाब मौजूद है.
उधर पीडीएम के संयोजक और जमीयत उलेमा-ए-पाकिस्तान के अध्यक्ष मौलाना फ़ज़लुर्रहमान ने कहा है कि इमरान ख़ान को सत्ता में लाने के लिए भारत और इसराइल से फ़ंडिंग की गई.
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार मौलाना ने कहा, "मौजूदा प्रधानमंत्री यहूदियों के एजेंट हैं जिनको सत्ता में लाने के लिए दुनिया के दूसरे देशों के साथ पाकिस्तान के दुश्मन देश भारत और इसराइल से भी फ़ंडिंग की गई.''
अख़बार दुनिया के अनुसार पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा है कि इमरान ख़ान की सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए वो दूसरी पार्टियों को मना लेंगे.
बिलावल ने कहा कि हम पीडीएम के प्लेटफ़ॉर्म से लोकतांत्रिक, संवैधानिक और क़ानूनी तरीक़े से इमरान की सरकार को घर भेजेंगे. (बीबीसी)
लंदन, 23 जनवरी| दक्षिण-पूर्व लंदन का 16 वर्षीय एक किशोर शनिवार को वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश हुआ। उस पर आतंकी गतिविधि में संलिप्त होने का आरोप लगाया गया है। कानूनी कारणों से उसका नाम नहीं बताया गया है। उस पर एक आतंकवादी प्रकाशन के प्रचार-प्रसार का आरोप लगाया गया है। उसे दिसंबर, 2020 में गिरफ्तार किया गया था। आतंकवाद निरोधी एजेंसियों की जांच के बाद उस पर यह आरोप लगा है। उसे 26 फरवरी को दोबारा कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया है।(आईएएनएस)
मनीला, 23 जनवरी | फिलीपींस के मगुइंडानाओ प्रांत में शनिवार को गोलीबारी के दौरान एक पुलिस अधिकारी सहित कम से कम 13 लोग की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए। इसकी जानकारी अधिकारियों ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि गोलीबारी तब हुई, जब पुलिस सुल्तान कुदरत शहर में एक बदमाश के ठिकाने पर गिरफ्तारी वारंट लेकर सुबह 3 बजे पहुंची, जिसपर हत्या, डकैती समेत कई संगीन आरोप थे।
बयान में कहा गया है कि संदिग्ध और उसके हथियारबंद साथियों ने गिरफ्तारी का विरोध किया और कथित तौर पर टीम पर गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप गोलीबारी पांच घंटे तक चली।
पुलिस ने 6 एम 16 असॉल्ट राइफल, दो .45 कैलिबर पिस्टल, एक देशी .50 कैलिबर बैरेट स्नाइपर राइफल, एक एम 14 राइफल, एक लाइट ऑटोमैटिक राइफल और एक .22 कैलिबर राइफल को मौके पर से बरामद किया।
--आईएएनएस
लंदन, 23 जनवरी | लंदन की एक अदालत ने 39 वियतनामी प्रवासियों की हत्या में शामिल चार मानव-तस्करों को लंबे कारावास की सजा सुनाई है। ये प्रवासी वर्ष 2019 में एसेक्स काउंटी इलाके में एक ट्रक के कंटेनर में मृत पाए गए थे। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, लंदन के ओल्ड बेली कोर्ट ने शुक्रवार को इन चारों को सजा सुनाई। जिन चार मानव-तस्करों को लंबे कारावास की सजा सुनाई गई है, उनमें आयरलैंड के 41-वर्षीय कारोबारी रोनन ह्यूज और रोमानिया के 43-वर्षीय ट्रक मेकैनिक जार्ज निका शामिल हैं।
रोनन ह्यूज को 20 साल कैद की सजा सुनाई गई, जबकि निका को अदालत ने 27 साल कारावास की सजा सुनाई। दोनों मानव-तस्करी के धंधे में लिप्त रहे हैं। निका ने इन प्रवासियों को अवैध रूप से बेल्जियम से ब्रिटेन में दाखिल कराने में रोनन की मदद की थी।
बहरहाल, इन दोनों के अलावा जिन और दो लोगों को सजा सुनाई गई, उनमें उत्तरी आयरलैंड के 24-वर्षीय ट्रक ड्राइवर एम्मन हैरीसन और उत्तरी आयरलैंड के ही 26-वर्षीय ट्रक ड्राइवर मॉरिस रॉबिन्सन हैं। हैरीसन को 18 वर्ष और रॉबिन्सन को 13 साल चार महीने कैद की सजा सुनाई गई।
--आईएएनएस
बगदाद, 23 जनवरी | इराकी सेना ने शनिवार को कहा कि बगदाद हवाईअड्डे पर तीन रॉकेट दागे गए, जिसके ठीक तीन दिन बाद राजधानी शहर में दो बैक-टू-बैक आत्मघाती विस्फोट हुए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने इराकी ज्वाइंट ऑपरेशंस कमांड के मीडिया कार्यालय के हवाले से बताया कि शुक्रवार देर रात रॉकेट से हमला हुआ।
बयान में कहा गया कि कत्युशा रॉकेट से हवाईअड्डे के बाहर हमला किया गया।
मीडिया कार्यालय ने कहा कि रॉकेटों में से एक ने पास के अल-जिहाद जिले में एक घर को क्षतिग्रस्त कर दिया और इमारत को नुकसान पहुंचाया है।
किसी भी समूह ने अब तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
डाउनटाउन बगदाद के बाब अल-शरजी इलाके में एक बाहरी बाजार में दो आत्मघाती बम विस्फोट हुआ, जिसमें 32 लोगों की मौत हुई, जबकि 100 से अधिक घायल हो गए।
आईएस ने उन बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदारी का दावा किया है, जो शिया क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाके में हुए थे।
इससे पहले, गुरुवार को बमबारी हुई थी। इराकी राजधानी शहर में लगभग दो वर्षो में पहली बार ऐसा हमला हुआ, क्योंकि यहां सुरक्षा बलों की चौकसी काफी बढ़ गई थी। इराकी सुरक्षा बलों ने 2017 के अंत में देशभर में आईएस को पूरी तरह से हरा दिया था।
हालांकि, देश में कभी-कभार छिटपुट घातक घटनाएं होती रहती हैं।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 23 जनवरी | दुबई के भारतीय स्टैंड-अप कॉमेडियन मिक्दाद दोहड़वाला का कहना है कि अमीरात में भीड़ के सामने सबको हंसाना ज्यादा मुश्किल नहीं है, बस आपको दो साधारण नियमों का ध्यान रखना होगा कि कभी भी किंगडम के बारे में मजाक न करें, और कभी भी स्थानीय लोगों का मजाक न बनाएं। दोहड़वाला ने आईएएनएस को बताया, "हमें लोगों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है। किंगडम और स्थानीय लोगों का मजाक बनाना पूरी तरह मनाही है।"
साल 2014 में मुंबई से दुबई बसने वाले कलाकार का कहना है कि यहां का ²श्य भारत से अलग नहीं है। उन्होंने कहा, "दुबई में स्टैंड-अप कॉमेडी भारत जैसी ही है।"
उन्होंने आगे कहा, "आप एक रात के लिए हमारी बहुत ही 'देसी' भीड़ के लिए उपस्थित हो सकते हैं और वहीं दूसरे दिन युक्रेनियों की पूरी मंडली के लिए मंच पर हो सकते हैं। यही कारण है कि जो कंटेंट आपके पास होना चाहिए, वह सांस्कृतिक बाधाओं से परे लोगों से जोड़ने के लिए होनी चाहिए। भारत में हम कंटेंट का स्थानीयकरण करते हैं, क्योंकि दर्शक एक सामान्य आधार पर संबंधित हैं। विविध भारतीय अनुभवों को एक्सप्लोर करना आसान है।"
दोहड़वाला हास्य लेखक मुनव्वर फारुकी की गिरफ्तारी से दुखी है। इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, वे कहते हैं कि हास्य कलाकारों का इरादा कभी भी गलत नहीं होता है, और वे कभी भी भावनाओं को चोट नहीं पहुंचाना चाहते हैं।
स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को 1 जनवरी को इंदौर में एक शो में 'धार्मिक भावनाओं को आहत करने' के लिए गिरफ्तार किया गया था।
दोहड़वाला ने कहा, "मुनव्वर के साथ जो हो रहा है वह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है। एक आदर्श दुनिया में कॉमेडियन को सेंसर नहीं किया जाना चाहिए। हमारा इरादा कभी गलत नहीं है, हम भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते हैं।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 23 जनवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर एम. बोल्सनारो को स्वास्थ्य क्षेत्र में दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र के साथ भारत के सहयोग को मजबूत करने का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने बोल्सनारो के उस ट्वीट का जवाब देते हुए आश्वासन दिया, जिसमें उन्होंने मोदी को धन्यवाद दिया कि उन्होंने भारत में बने कोरोनावायरस वैक्सीन के 20 लाख खुराक ब्राजील भेजा।
मोदी ने ट्वीट किया, "कोविड -19 महामारी से लड़ने में ब्राजील का एक विश्वसनीय साथी बनना हमारे लिए सम्मान की बात है राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो। हम स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अपने सहयोग को मजबूत करते रहेंगे।"
ब्राजील में भारत के कोविशील्ड वैक्सीन की 20 लाख खुराक पहुंचने के तुरंत बाद ब्राजील के राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, "नमस्कार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी .. वैश्विक बाधा को दूर करने के लिए ब्राजील आप जैसा एक महान साथी पाकर धन्य है। भारत से ब्राजील को वैक्सीन के निर्यात में हमारी मदद करने के लिए शुक्रिया। धन्यवाद!"
बोल्सनारो के ट्वीट में भगवान हनुमान की एक तस्वीर भी थी, जिसमें उन्हें भारत से ब्राजील तक 'संजीवनी बूटी' की तरह कोरोनावायरस वैक्सीन ले जाते हुए दिखाया गया।
भारत ने शुक्रवार को कोविशील्ड वैक्सीन की 20 लाख खुराक ब्राजील भेज दी। कोविशिल्ड को एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया है और इसका निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा किया जा रहा है।
इस बीच 92 देशों ने कोविड-19 टीकों के लिए भारत से संपर्क किया है, जिसमें ब्राजील भी शामिल है। ब्राजील वर्तमान में संक्रमण के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है, वहीं कोविड से हुई मौतों के मामले दूसरे स्थान पर है।
इससे पहले ब्राजील के राजदूत आंद्रे अरान्हा कोरीया डू लागो ने वैक्सीन के लिए और परिवहन के दौरान 'व्यावसायिकता का प्रदर्शन' करने के लिए एसआईआई को धन्यवाद दिया।
--आईएएनएस
ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह ख़ामेनेई के एक ट्वीट को लेकर खड़ा हुआ विवाद सोशल मीडिया पर गर्माया हुआ है.
ख़ामेनेई ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ईरानी सैन्य कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी के क़त्ल का बदला लेने की बात कही.
बाद में सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने इस ट्वीट के लिए ख़ामेनेई का ट्विटर अकाउंट निलंबित कर दिया.
कंपनी के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में कहा कि '@khamenei_site एक फ़र्जी अकाउंट था जिसने ट्विटर के नियमों का उल्लंघन किया और इसीलिए इस अकाउंट को बंद कर दिया गया है.'
इस विवादित ट्वीट का स्क्रीनशॉट अब भी सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है जिसमें ट्रंप की तरह दिखने वाले एक शख़्स को लड़ाकू विमान या किसी बड़े ड्रोन के साये में गोल्फ़ खेलता हुआ दिखा गया है.
यही तस्वीर ख़ामेनेई की वेबसाइट पर भी इस्तेमाल की गई है जिसपर लिखा है, "बदला लाज़िमी है."
जिस ट्वीट को अब ट्विटर ने हटा दिया है, उसमें भी यही लिखा था कि "बदला लाज़िमी है." फ़ारसी भाषा में लिखे उस ट्वीट में 'बदला' शब्द लाल रंग से लिखा गया था.
ट्वीट में यह भी लिखा था कि "सुलेमानी के क़ातिल और जिसने उनके क़त्ल का हुक्म दिया, उसे क़ीमत चुकानी होगी.''
जनरल क़ासिम सुलेमानी के नेतृत्व में ईरान ने इराक़ और सीरिया के कई सैन्य गुटों की मदद करके अपनी जड़ें मज़बूत कर लीं थीं.
क़रीब एक साल पहले अमेरिका ने एक ड्रोन हमले के ज़रिए जनरल सुलेमानी की हत्या कर दी थी, जब वे बग़दाद गए हुए थे.
उस समय राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि 'जनरल सुलेमानी लाखों लोगों की मौत के लिए ज़िम्मेदार थे.'
इसके बाद ईरान ने बदले की कार्रवाई करते हुए इराक़ में स्थित अमेरिकी एयरबेस पर कुछ मिसाइलें दाग़ी थीं.
तब ख़ामेनेई ने कहा था कि 'मुजरिमों से सख़्त बदला लिया जाएगा.'
ट्विटर पर बहुत से लोगों ने 'ख़ामेनेई के इस ट्वीट' पर आपत्ति जताते हुए उनके ट्विटर अकांउट पर पाबंदी लगाने की माँग की थी. लोगों ने यह तर्क दिया था कि 'जब ट्विटर डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकता है, तो ख़ामेनेई के ख़िलाफ़ क्यों नहीं?'
दरअसल, वॉशिंगटन स्थित कैपिटल हिल पर ट्रंप समर्थकों के हमले के बाद ट्विटर ने डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट पर पाबंदी लगा दी थी. ट्विटर ने तब भी ये कहते हुए कार्रवाई की थी कि 'उन्होंने ट्विटर के नियम-कायदों का उल्लंघन किया.'
इस महीने की शुरुआत में भी ट्विटर ने ख़ामेनेई के एक ट्वीट को बैन किया था जिसमें उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन में बनी कोविड वैक्सीन को 'भरोसा न करने लायक' बताया था. (bbc.com)
चीन ने पाकिस्तान को कोरानो वैक्सीन की पांच लाख डोज मुफ्त में देने का ऐलान किया है. आर्थिक संकट से जूझ रही पाकिस्तान की सरकार यह तोहफा पाकर खुश है.
हाल के दिनों में पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है. अब तक देश में कोरोना के मामले सवा पांच लाख के आंकड़े को पार कर गए हैं जबकि इसमें मरने वालों की तादाद 11 हजार से ज्यादा है. अधिकारी संक्रण की रफ्तार को रोकने के लिए टीके को बहुत अहम मान रहे हैं. ऐसे में, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट कर चीन की दरियादिली का स्वागत किया है. उन्होंने लिखा, "पाकिस्तान चीन की तरफ से टीके की पांच लाख डोज तोहफे में दिए जाने को बहुत सराहता है."
चीन ने सिर्फ पाकिस्तान को नहीं, बल्कि कई और देशों को इसी तरह का तोहफा दिया है. फिलीपींस, कंबोडिया और म्यांमार जैसे कई देशों ने भी चीन से मुफ्त वैक्सीन मिलने की पुष्टि की है.
इससे पहले कुरैशी ने पत्रकारों से कहा था, "चीन ने हमें भरोसा दिया है कि पांच लाख डोज की शिपमेंट बिल्कुल मुफ्त होगी और जनवरी के आखिर तक पहुंच जाएगी." उन्होंने कहा कि चीन ने कहा कि चीन ने फरवरी के अंत तक और दस लाख डोज भेजने का वादा किया है. पाकिस्तान ने पहले ही सिनोफार्म कंपनी की बनाई वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है.
देश के कोने कोने में वैक्सीन
चीन पाकिस्तान का सबसे अहम साझेदार है. वह अरबों डॉलर की लागत से पाकिस्तान में सड़कें, बिजली संयंत्र और रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण बंदरगाहों का निर्माण कर रहा है. पिछले दिनों जब चीन ने अपने वैक्सीन के ट्रायल शुरू किए तो पाकिस्तान को भी इसमें शामिल किया. हालांकि पाकिस्तान में टीकाकरण अभियानों का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है. वहां पोलियो टीकाकरण में बहुत सारी बाधाएं आती रही हैं जिसकी वजह आज तक पाकिस्तान से इसे खत्म नहीं किया गया है.
इससे पहले रिपोर्टें आई थीं कि पाकिस्तान में कोरोना की चीनी वैक्सीन के ट्रायल के लिए पर्याप्त वोलंटियर नहीं मिल रहे हैं. अधिकारी कहते हैं कि कट्टरपंथी लोगों में कई गलतफहमियां फैला रहे हैं, जिससे उनका काम मुश्किल हो रहा है. इसीलिए सरकार ने टीके को लेकर जागरूकता के अभियान शुरू किए हैं.
उधर, भारत ने भी कई देशों को वैक्सीन मुफ्त में देने का ऐलान किया है. इनमें बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, सेशेल्स, मॉरिशस और मालदीव जैसे देश शामिल हैं. वहीं ब्रालीज और मोरक्को जैसे देशों को भारत में तैयार वैक्सीन की व्यावसायिक शिपमेंट हो रही है.
भारत ने भी अपने यहां दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान छेड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि एक हफ्ते के भीतर दस लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगवाया जा चुका है. उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देश के स्वास्थ्यकर्मियों से बात करते हुए कहा, "हमारी तैयारी इस तरह की रही है कि वैक्सीन तेजी से देश के कोने कोने में पहुंच रही है."
एके/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)
वॉशिंगटन, 23 जनवरी | अमेरिका में कोविड-19 के खिलाफ बनी वैक्सीन मॉडर्ना को लेने के बाद से प्रतिकूल घटनाओं के सामने आने का सिलसिला लगातार जारी है। यहां 10 जनवरी तक 1,200 से अधिक ऐसे मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 10 मामले एनाफिलेक्सिस या एलर्जिक रिएक्शन के पाए गए हैं। शुक्रवार को सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा जारी किए गए एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन ने 18 दिसंबर, 2020 को मॉडर्ना कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी प्रदान किया था। बताया गया कि कोरोना से लंबी सुरक्षा के लिए टीके की दो खुराक जरूरी होगी।
सीडीसी के मुताबिक, 10 जनवरी तक अमेरिका में मॉडर्ना कोविड-19 वैक्सीन की पहली 40,41,396 खुराके वितरित की गईं और इसके बाद 1,266 प्रतिकूल घटनाओं की रिपोर्ट वैक्सीन एडवर्स इवेंट रिपोर्टिग सिस्टम को सौंपी गई।
इनमें से 108 केस रिपोर्ट की पहचान पुन: समीक्षा के लिए की गई क्योंकि इन्हें संभवत: एलर्जिक रिएक्शन जैसे कि एनाफिलेक्सिस का केस माना जा रहा है।
एनाफिलेक्सिस एक जानवेला एलर्जिक रिएक्शन है जिसका असर सामान्यत: वैक्सीनेशन के कुछ ही मिनटों या घंटों बाद दिखता है।
(आईएएनएस)