अंतरराष्ट्रीय
काबुल, 21 दिसंबर | अफगानिस्तान में सोमवार को हुए दो आईईडी बम विस्फोटों में राजमार्ग पुलिस प्रमुख सहित सात लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ को एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, परवन प्रांत में प्रांतीय राजमार्ग पुलिस प्रमुख वली मोहम्मद सहित पांच पुलिस अधिकारियों को ले जा रहे उनके वाहन आईईडी की चपेट में आ गया, जिससे उनकी मौत हो गई।
वहीं बदगीस प्रांत में मुकुर जिले में एक आईईडी की चपेट में आने से एक मालवाहक ट्रक में विस्फोट होने से दो नागरिकों की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।
पुलिस अधिकारियों ने सड़क किनारे बम लगाने का आरोप तालिबान आतंकवादी समूह पर आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि आंतरिक मंत्रालय ने रविवार को दावा किया था कि पिछले तीन दिनों में देश भर में हुए विस्फोटों में 28 नागरिक मारे गए और 47 अन्य घायल हो गए। इसके बाद ही सोमवार को ये घटनाएं सामने आई हैं।
मंत्रालय के अनुसार, अफगानिस्तान में पिछले तीन महीनों में कुल 37 आत्मघाती हमलों और 510 विस्फोटों में लगभग 500 नागरिकों की मौत हुई है और 1,050 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
यूएन असिस्टेंस मिशन ऑफ अफगानिस्तान (यूएनएएमए) की अक्टूबर में जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 1 जनवरी से 30 सितंबर तक कुल 2,117 नागरिक मारे गए और 3,822 घायल हुए।(आईएएनएस)
ओटावा, 21 दिसंबर । कनाडा में ब्रिटेन से यात्री उड़ानों के प्रवेश को 72 घंटे के लिए रोक दिया गया है। यह जानकारी अधिकारियों द्वारा की गई घोषणा से मिली। गौरतलब है कि यह निर्णय ब्रिटेन में सामने आए कोविड-19 के नए संक्रामक म्यूटेंट से बढ़े तनाव के कारण लिया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने कनाडाई स्वास्थ्य अधिकारियों के रविवार के बयान के हवाले से कहा कि, "ब्रिटेन में कुछ क्षेत्रों में एक भिन्न कोविड-19 वायरस के मामलों की अधिक संख्या को देखते हुए, ब्रिटेन से सभी वाणिज्यिक और निजी यात्री उड़ानों को कनाडा में प्रवेश करने से रोकने का निर्णय लिया गया है।"
अस्थायी प्रतिबंध रविवार को तत्काल प्रभाव से लागू हो गया।
फ्रांस, जर्मनी, इटली, बेल्जियम और सऊदी अरब सहित कई देशों के बाद कोरोनावायरस के म्यूटेंट के कारण बढ़े तनाव के बीच यह कार्रवाई करने वाला कनाडा नया राष्ट्र बन गया है। उसने ब्रिटेन से आने और यहां से ब्रिटेन जाने वाले यात्रियों के लिए प्रतिबंधों की घोषणा की।
गौरतलब है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 19 दिसंबर को घोषणा की थी कि पहचाना गया वायरस का नया म्यूटेंट 70 प्रतिशत से अधिक तक संक्रामक हो सकता है। (आईएएनएस)
ब्रिटिश स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक के अनुसार, नया म्यूटेंट 'नियंत्रण से बाहर' है।
नए म्यूटेंट के 9 दिसंबर को खत्म होने वाले सप्ताह तक लंदन में 62 प्रतिशत, पूर्वी इंग्लैंड में 59 प्रतिशत और दक्षिण पूर्व में 43 प्रतिशत मामले देखे गए।
लंदन, 21 दिसंबर | ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने चेतावनी दी है कि लंदन में महीनों तक लॉकडाउन रह सकता है, क्योंकि वैक्सीन मिलने तक वायरस के तेजी से हो रहे प्रसार को काबू में करना बहुत मुश्किल होगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश राजधानी और दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में टियर-4 प्रतिबंधों के लागू होने के कुछ घंटों बाद ही हैनकॉक ने यह टिप्पणी की। अब 30 दिसंबर को नए सख्त प्रतिबंधों की समीक्षा की जाएगी।
हैनकॉक ने स्काई न्यूज को बताया, "जब तक हमारे पास वैक्सीन नहीं आ जाता, तब तक इसे नियंत्रण में रखना बहुत मुश्किल होगा। हमें वायरस के नए वैरिएंट को फैलने से रोकने के लिए उन्हीं उपायों की जरूरत है, जिनका उपयोग हमने पुराने वैरिएंट के प्रसार को रोकने में किया था।"
हैनकॉक ने उन लोगों को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए आलोचना की जिन्होंने नए टियर-4 के लागू होने से पहले लंदन छोड़ दिया।
19 दिसंबर को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लंदन, दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी इंग्लैंड में 1.6 करोड़ से अधिक लोगों के लिए क्रिसमस को प्रभावी रूप से रद्द कर दिया है। रविवार की आधी रात से इस क्षेत्र में 2 हफ्तों के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है।
एक वर्चुअल ब्रीफिंग में जॉनसन ने कहा कि क्रिसमस के आसपास 5 दिनों के दौरान 3 घरों तक मिलने की अनुमति को अब रद्द करना होगा। नए टियर-4 क्षेत्रों में रहने वाले अनुमानित 1.64 करोड़ लोगों को अब 15 दिन तक घर पर ही रहना होगा।
यानि कि क्रिसमस पर कोई पार्टी नहीं होगी, दुकानें, हॉलीडे होम्स, जिम और हेयरड्रेसर की दुकानें बंद हो जाएंगी।
वहीं इंग्लैंड पहले के थ्री-टियर सिस्टम में रहेगा। ब्रिटेन में अब तक कुल 20,46,161 कोरोनावायरस मामले और 67,503 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। (आईएएनएस)
काठमांडू, 21 दिसंबर| प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा नेपाल की संघीय संसद के प्रतिनिधि सभा को अचानक भंग किए जाने के साथ देश अब असमंजस, अव्यवस्था और अनिश्चितता के दौर में प्रवेश कर गया है। रविवार को सदन को भंग करने की ओली की सिफारिश को राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने बिना किसी देरी के मंजूरी दे दी।
सदन को भंग करने के साथ ही ओली ने 30 अप्रैल और 10 मई 2021 को मध्यावधि चुनाव कराने की भी सिफारिश की है।
नेपाल के आधुनिक इतिहास में सबसे शक्तिशाली सरकार का नेतृत्व करने वाले ओली अब अस्थिरता के स्रोत बन गए हैं, जहां पार्टी के नेताओं और विशेषज्ञों का कहना है कि इससे स्थिरता, समृद्धि, शांति और लंबे समय से संजोए विकास के सपने को चोट पहुंचा है।
एक विशेष संपादकीय में, नेपाल के अंग्रेजी भाषा के प्रमुख समाचार पत्र, द काठमांडू पोस्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री ओली ने देश को अस्थिरता और राजनीतिक संकट के एक और दलदल में धकेल दिया।
सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने कहा कि इस कदम के साथ, ओली ने पार्टी को विभाजित करने के लिए एक पृष्ठभूमि तैयार की है।
अगर सत्तारूढ़ पार्टी विभाजित हो जाती है तो सरकारों का बनना और टूटना शुरू हो जाएगा और नेपाल अस्थिरता और असमंजस की राजनीति में प्रवेश कर जाएगा।
विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने सोमवार को एक साक्षात्कार में कहा कि हमारे कुछ दोस्तों ने पहले ही पार्टी विभाजन का बीजारोपण कर दिया था।
ओली के विश्वासपात्र ग्यावली ने कहा कि प्रधानमंत्री को कई तत्वों द्वारा घेर लिया गया और जहां से वह आगे नहीं बढ़ सके, इसलिए उन्होंने ताजा जनादेश लेने का फैसला किया है।
फरवरी 2018 में पद संभालने के बाद से ही ओली को पार्टी के भीतर भारी विश्वास की कमी का सामना करना पड़ रहा था।
ओली की शासन शैली की आलोचना करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड पार्टी के अंदर विपक्षी खेमा चला रहे थे। उन्होंने ओली पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
ओली भी पार्टी के फैसलों को नजरअंदाज करते रहे और सरकार पर एकतरफा शासन किया।
पूर्व प्रधानमंत्री माधव नेपाल ने कहा कि ओली इस कृत्य के लिए सजा के हकदार हैं। वह पार्टी के सदस्य बनने के लायक भी नहीं हैं।
उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
भविष्य की रणनीति पर विचार करने के लिए, ओली और प्रचंड दोनों गुटों ने सोमवार को अपने संबंधित खेमों की बैठक बुलाई है, जहां उनके अगले कदम के बारे में चर्चा किए जाने की संभावना है।
मुख्य विपक्ष, नेपाली कांग्रेस ने भी नवीनतम राजनीतिक विकास पर चर्चा करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
सदन को भंग करने के फैसले के खिलाफ देश के कई हिस्सों में सत्ताधारी और विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया है।
यह भी पता चला है कि अगर ओली सदन को भंग नहीं करते तो उन्हें पार्टी के भीतर अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता था।
विपक्षी दलों, नेपाली कांग्रेस, जनता समाजबादी फोरम ने यह कहते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू करने का फैसला किया कि अप्रैल/मई में चुनाव कराना असंभव है।
सुप्रीम कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं, जो सदन को भंग किए जाने को चुनौती देती हैं लेकिन यह तय नहीं है कि सुनवाई कब होगी।
ओली द्वारा सदन को भंग करने के कुछ घंटों बाद, सात मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया, जबकि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति ने प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है।
स्पीकर अग्नि प्रसाद सापकोटा ने विकल्प तलाशे हैं जबकि सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर हैं। (आईएएनएस)
काबुल, 21 दिसंबर| अफगानिस्तान में पिछले तीन दिनों में, कम से कम 28 नागरिकों ने बम विस्फोटों में अपनी जान गंवा दी, जबकि 47 अन्य घायल हुए हैं। अधिकारियों ने यह जानाकरी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, गृह मंत्री मसूद अंदाराबी ने एक बयान में कहा कि रविवार को काबुल में हुए पहले विस्फोट में नौ लोग मारे गए और 20 अन्य घायल हो गए।
रविवार को ही, नांगरहार प्रांत की राजधानी जलादाबाद शहर में एक सड़क के किनारे बम की चपेट में एक पुलिस वैन आ गया, जिससे तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
बदख्शां प्रांत के बहरख जिले में रविवार सुबह एक मैग्नेटिक बम कार पर से होकर गुजर गया जिसमें एक पुलिस अधिकारी सहित चार लोग घायल हो गए।
एक दिन पहले, बल्ख प्रांत में एक सड़क के किनारे बम विस्फोट में चार नागरिक मारे गए थे, जबकि 18 दिसंबर को गजनी प्रांत में एक रिक्शा बम विस्फोट ने 15 नागरिकों की जान ले ली थी और 20 अन्य घायल हो गए थे।
गृह मंत्रालय के अनुसार, अफगानिस्तान में पिछले तीन महीनों में कुल 37 आत्मघाती हमलों और 510 विस्फोटों में लगभग 500 नागरिक मारे गए हैं और 1,050 से अधिक लोग घायल हुए हैं। (आईएएनएस)
टोक्यो, 21 दिसंबर| जापान के एओमोरी प्रान्त में सोमवार को रिक्टर पैमाने पर 6.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि अधिकारियों ने सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की है। जापान के मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) के अनुसार, भूकंप 2.23 बजे आया, जिसके उपरिकेंद्र 40.7 डिग्री उत्तर में अक्षांश और 142.7 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 10 किमी की गहराई में था।
भूकंप की वजह से जानमाल का कोई नुकसान या कोई अन्य क्षति की रिपोर्ट फिलहाल नहीं है। (आईएएनएस)
ब्रिटेन में कोरोना वायरस की एक किस्म में म्युटेशन हो गई है और ये मूल किस्म से ज्यादा तेजी से संक्रमण फैला रहा है. ब्रिटेन की सरकार ने इसे बेकाबू घोषित कर दिया है. आखिर कितना खतरा है इस बदले हुए कोरोना वायरस से?
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय का लिखा-
ब्रिटेन और अमेरिका में कोरोना वायरस का टीका लगने की शुरुआत होने से महामारी के खिलाफ लड़ाई में दुनिया भर में उम्मीद जगने लगी थी. लेकिन ब्रिटेन में फैल रही कोरोना वायरस की एक नई किस्म ने यूरोप में हड़कंप मचा दिया है और दुनिया के दूसरे कोनों में चिंता की एक लहर को जन्म दे दिया है.
ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि वायरस की यह नई किस्म इतनी तेजी से फैल रही है की ये 'बेकाबू' हो गई है. स्थिति को देखते हुए आयरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स और बेल्जियम जैसे देशों ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानें रद्द कर दी हैं. यूरोपीय संघ की आज बैठक होगी जिसमें और संभावित प्रतिक्रिया पर चर्चा होगी.
क्या है वायरस की नई किस्म?
वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस की नई किस्म में कम से कम 17 महत्वपूर्ण बदलाव हैं. सबसे महत्वपूर्ण बदलाव स्पाइक प्रोटीन में आया है. ये वो प्रोटीन होता है जिसका इस्तेमाल वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं में घुसने के लिए करता है. ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि वायरस की ये नई किस्म पहले वाली किस्म के मुकाबले 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है.
ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने वायरस के नए स्ट्रेन को 'बेकाबू' बताया है. जानकारों का कहना है कि वायरसों में म्युटेशन होना बहुत सामान्य है और हमेशा ऐसा नहीं होता कि बदला हुआ वायरस पहले वायरस से ज्यादा खतरनाक ही हो. लेकिन चूंकि यह नई किस्म ज्यादा तेजी से संक्रमण को फैला रही है, इसलिए इस पर नजर रखना जरूरी है.
क्या मौजूदा वैक्सीन इस पर असर करेंगी?
नए स्ट्रेन को ले कर सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जिन वैक्सीनों को लगाना शुरू किया जा चुका है क्या वो इस नए स्ट्रेन के खिलाफ भी असरदार होंगी या बेअसर हो जाएंगी? वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी इसके बारे में चिंता का समय नहीं आया है क्योंकि अमूमन वैक्सीनें शरीर के इम्यून सिस्टम को वायरस के कई पहलुओं से लड़ने के लिए तैयार करती हैं.
ऐसे में अगर वायरस के कुछ हिस्सों में म्युटेशन भी हो जाती है तो भी संभव है कि वैक्सीन उसका मुकाबला कर लेगी. लेकिन सजग रहने की आवश्यकता है क्योंकि अगर वायरस पूरी तरह से म्यूटेट हो गया तो संभव है कि वैक्सीन उसके आगे बेअसर हो जाए.
जेम्स गैलेघर
ब्रिटेन में कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट यानी अलग तरह के लग रहे एक वायरस से बहुत ज़्यादा लोग बीमार पड़ रहे हैं. इसकी वजह से वहाँ महामारी के बाद से किसी एक दिन में अब तक संक्रमण का सबसे बड़ा आँकड़ा दर्ज किया गया है.
इसके बाद से बहुत सारे देशों ने ब्रिटेन आने-जाने पर पाबंदियाँ लगा दी हैं.
ब्रिटेन में भी अब तक की सबसे सख़्त पाबंदियाँ लगाई गई हैं. ये बदलता वायरस बेहद कम दिनों में इंग्लैंड के कई हिस्सों में सबसे आम हो गया है.
ब्रिटेन सरकार के सलाहकारों को लगता है कि ये वाला वेरिएंट दूसरे वेरिएंट के मुकाबले ज़्यादा संक्रामक हैं.
दरअसल वायरस हमेशा अपना रूप बदलते रहते हैं यानी वो हमेशा म्यूटेट करते रहते हैं इसलिए उसके व्यवहार में आ रहे बदलाव पर वैज्ञानिक पैनी नज़र रखते हैं.
लेकिन अब तक इसके बारे में जो जानकारी मिली है वो कम है, इसे लेकर कई सवाल हैं और कुछ भी फ़िलहाल पुख्ता नहीं है.
इससे चिंता क्यों बढ़ गई है?
तीन बातों की वजह से ये सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहा है.
ये तेज़ी से वायरस के दूसरे प्रकारों की जगह ले रहा है
हो सकता है कि वायरस के उन हिस्सों में बदलाव हो रहा है जो महत्वपूर्ण होते हैं
कुछ म्यूटेशन्स के साथ लेबोरेटरी में प्रयोग में देखा गया है कि उनकी मानव कोशिका को संक्रमित करने की क्षमता बढ़ जाती है.
ये सभी इस ओर इशारा करते हैं कि ये वेरिऐेंट पहले से अधिक तेज़ी से फैल सकता है. हालांकि, निश्चित तौर पर अभी इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.
वायरस का ये नया प्रकार बहुत सामान्य हो जा सकता है कि अगर वो सही समय पर सही जगह पहुंच जाए. लंदन एक उदाहरण माना जा सकता है जहाँ अभी तक बहुत सख़्त प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे.
कोविड-19 जीनोमिक्स यूके कंसोर्टियम के प्रोफ़ेसर निक लोमन ने बताया, "लेबोरेटरी टेस्ट की ज़रूरत होती है ये बात सच है लेकिन क्या कोई कदम उठाने से पहले आप हफ्तों या महीनों नतीजों का इंतजार करना चाहते हैं. मुझे नहीं लगता कि इन हालातों में इंतज़ार किया जा सकता है."
कोरोना के इस नए प्रकार का पता सबसे पहले सितंबर में चला था. नवंबर में लंदन में कोरोना संक्रमण के एक चौथाई मामलों में ये वायरस वजह था.
मगर दिसंबर का मध्य आते-आते दो तिहाई मामलों में संक्रमण की वजह यही वेरिएंट पाया गया.
ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शनिवार को कहा था कि वायरस का नए नया वेरिएंट को लेकर "फिलहाल पुख्ता जानकारी नहीं है" लेकिन ये कोविड-19 बीमारी का कारण बनता है और पहले की अपेक्षा 70 फीसदी अधिक संक्रामक हो सकता है.
70% का ये आँकड़ा लंदन के इंपीरियल कॉलेज के डॉक्टर एरिक वोल्ज़ ने पिछले शुक्रवार को दिया था.
उन्होंने कहा था,"अभी कुछ भी कहना जल्दीबाज़ी होगी, मगर अभी तक हमने जो देखा उससे यही लगता है कि ये बहुत जल्दी और पहले के प्रकारों की तुलना में तेज़ी से फैल रहा है, मगर इसपर नज़र रखना ज़रूरी है."
कहाँ-कहाँ फैला है ये बदला वायरस
समझा जाता है कि वायरस का ये नया प्रकार या तो ब्रिटेन में किसी रोगी में आया या फिर ऐसे किसी देश से आया जहाँ कोरोना के म्यूटेशन यानी बदलाव पर नज़र रखने की वैसी सुविधा नहीं थीं.
ये नया वेरिएंट नॉर्दर्न आयरलैंड को छोड़ पूरे ब्रिटेन में फैला है. मगर लंदन, दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड और पूर्वी इंग्लैंड में इसके ज़्यादा संक्रमण पाए गए हैं.
दुनिया भर में वायरसों के जेनेटिक कोट पर नज़र रखने वाली संस्था नेक्स्टस्ट्रेन के आँकड़ों से पता चलता है कि डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया में भी ये बदला वायरस मिला है. मगर उन जगहों पर ये वायरस ब्रिटेन से आए लोगों से ही पहुँचा.
नीदरलैंड्स में भी इस वायरस के कुछ मामले मिले हैं.
दक्षिण अफ़्रीका में भी इससे मिलता-जुलता एक वायरस का प्रकार मिला है, मगर उसका ब्रिटेन में मिले वायरस से कोई संबंध नहीं है.
क्या ऐसा पहले भी हुआ है?
हां.
वो कोरोना वायरस जो सबसे पहली चीन के वुहान में मिला था, वो उन वायरसों से अलग है जो अभी दुनिया भर में मिल रहा है.
D614G प्रकार का वायरस फ़रवरी में यूरोप में मिला था और अभी दुनिया भर में सबसे ज़्यादा यही प्रकार मिलता है.
A222V एक और प्रकार था जो यूरोप में फैला. ये उन लोगों से फैला जो स्पेन में गर्मियों की छुट्टियाँ मनाने गए थे. (bbc.com)
थाईलैंड में कोरोना वायरस का संक्रमण अचानक से बढ़ गया है. थाईलैंड में दसियों हज़ार लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है. इनमें से सैकड़ों संक्रमण का संबंध थाईलैंड के सबसे बड़े सीफूड मार्केट से है. नए मामले आने के बाद थाईलैंड ने राजधानी बैंकॉक के पास तटीय प्रांत समुत सखोन में लॉकडाउन लगा दिया है. इसी प्रांत में सीफूड मार्केट है और यहीं से कोरोना के सैंकड़ों मामले सामने आए हैं.
यहाँ काम करने वाले ज़्यादातर प्रवासी हैं और इनमें से भी सबसे ज़्यादा लोग म्यांमार के हैं. कामागारों को घरों में रहने के लिए कहा गया है. थाईलैंड चीन के बाहर का पहला देश था जहाँ कोविड 19 के केस मिले थे. लेकिन यहाँ अब तक स्थिति नियंत्रण में थी. इससे पहले वहां 4000 ही कोरोना के केस मिले थे और कुल 60 लोगों की मौत हुई थी.
अचानक मामले कैसे बढ़े? पिछले हफ़्ते गुरुवार को प्रॉन (झींगा मछली) बेचने वाली एक थाई महिला कोरोना संक्रमित पाई गई थी. यह केस महाचई मार्केट का है. यह थाईलैंड का अहम इलाक़ा है, जहाँ अरबों डॉलर की सीफूड इंडस्ट्री है.
उस महिला के कोविड संक्रमित पाए जाने के बाद यहं बड़ी संख्या में कोविड टेस्ट को अंजाम दिया गया. थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यहाँ अगले दिन चार केस और मिले. रविवार तक कुल 689 केस दर्ज किए गए. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वो महिला विदेश नहीं गई थी. उन्होंने कहा कि संक्रमण के स्रोत की जाँच की जा रही है. इसके बाद पूरे इलाक़े में बड़ी संख्या में लोगों का कोविड टेस्ट किया गया.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार मार्केट के आसपास रहने वाले म्यांमार के कामगारों से कहा गया है कि वे अपनों घरों से बाहर नहीं निकलें. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित की जा रही है.
मंत्रालय ने कहा कि कामगारों को घर पर ही खाना-पानी भेजा जा रहा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार ज़्यादातर मामले बिना लक्षण वाले हैं. समुत सखोन में तीन जनवरी तरक लॉकडाउन लगा दिया गया है. प्रशासन का कहना है कि यहाँ और आसपास के इलाक़ों में 40 हज़ार लोगों का टेस्ट किया जाएगा. (bbc.com)
अमेरिका या यूरोप जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के लोगों को आमतौर पर स्वस्थ और कम उत्सर्जन करने का सुझाव दिया जा रहा है। आहार के रूप में मांस और पशुओं से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थों को कम खाने को कहा जाता है, लेकिन एक नए शोध में वैज्ञानिकों का तर्क है कि इस तरह की सिफारिशें निम्न या मध्यम आय वाले देशों के लिए नहीं की जा सकती। इन देशों में पशुधन आय और भोजन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
जैव प्रौद्योगिकी और उष्णकटिबंधीय कृषि के अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के वैज्ञानिक बिर्थे पॉल ने कहा कि काफी प्रचलित रिपोर्टों से निकाले गए निष्कर्षों का तर्क है कि वैश्विक स्तर पर जलवायु और मानव स्वास्थ्य के लिए मांस खाना बंद कर देना चाहिए। लेकिन यह तर्क सभी देशों पर लागू नहीं होता।
उदाहरण के लिए 1945 से पशुधन पर प्रकाशित हो रहे सभी वैज्ञानिक साहित्य में से केवल 13 फीसदी ने अफ्रीका को कवर किया है। फिर भी अफ्रीका दुनिया भर में 20 फीसदी मवेशियों, 27 फीसदी भेड़ और 32 फीसदी बकरी आबादी का घर है।
पशुधन पर शोध प्रकाशित करने वाले दुनिया के शीर्ष 10 संस्थानों में से आठ अमेरिका, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और नीदरलैंड में हैं। अंतर्राष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान संस्थान (आईएलआरआई) सहित अफ्रीका में केवल दो मुख्यालय हैं, जहां पशुधन क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। फिर भी उनपर बहुत कम आंकड़े उपलब्ध है।
नोटिनबायबार्ट इंटरनेशनल एंड सीआईएटी के ए नॉटेनबार्ट ने कहा कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में मिश्रित व्यवस्था है, जहां पशु उत्पादन पूरी तरह से फसल उत्पादन के साथ जुड़ा हुआ है। वास्तव में यह पर्यावरणीय रूप से अधिक टिकाऊ हो सकता है।
उप-सहारा अफ्रीका में खाद एक पोषक तत्व संसाधन है जो मिट्टी के स्वास्थ्य और फसल उत्पादकता को बनाए रखता है। जबकि यूरोप में औद्योगिक तरीके से पशुधन उत्पादन के माध्यम से उपलब्ध कराई गई भारी मात्रा में खाद कृषि भूमि के लिए जरूरत से ज्यादा है, जो पर्यावरणीय समस्याओं का कारण बन रही है।
अफ्रीका के सवाना के आसपास रात में देहाती भेड़ या मवेशी पालने वाले किसान अपने झुंडों को एकत्रित करते हैं, जो पोषक तत्वों की विविधता और जैव विविधता के आकर्षण के केंद्र बनते हैं। चारा उत्पादन भी स्थानीय स्तर पर अधिक हो सकता है, जबकि औद्योगिक प्रणालियों में यह ज्यादातर आयात किया जाता है।
ब्राजील में सोयाबीन की फसल उगाने के लिए अमेजन वनों की कटाई की जा रही है। इसके बाद इसे वियतनाम और यूरोप में जानवरों को खिलाने के लिए निर्यात किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान संस्थान में सस्टेनेबल लाइवस्टॉक सिस्टम के प्रोग्राम लीडर पोली एरिकसेन ने कहा कि किसी भी खाद्य पदार्थ की तरह जब मांस का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है और अधिक व्यवसाय होता है तो इसका प्रभाव हमारे पर्यावरण पर कई गुना बढ़ जाता है।
एरिकसेन ने कहा कि हमारे आहार से मांस को खत्म करना उस समस्या को हल करने वाला नहीं है। कम मांस वाले आहार करना ठीक है पर इसको पूरी तरह से बंद कर देना जलवायु परिवर्तन का समाधान नहीं है और यह हर जगह लागू नहीं होता है।
खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार, उप-सहारा अफ्रीका में 2028 तक प्रति व्यक्ति मांस की खपत औसतन 12.9 किलोग्राम कम होगी। इसके पीछे के कारणों में जानवरों से कम आय और जलवायु संबंधी गर्मी के तनाव, मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव जैसे कुपोषण और शरीर का विकास न होना आदि।
तुलनात्मक रूप से देखे तो अमेरिका में मांस की प्रति व्यक्ति खपत 100 किलोग्राम से अधिक होने की उम्मीद है, जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा है। यह शोध एनवायरमेंटल रिसर्च लेटर्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
शोधकर्ताओं ने स्वीकार किया कि पशुधन प्रणाली ग्रीनहाउस गैसों का एक प्रमुख स्रोत माना जाता है। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन को कम करने की रणनीति बनाते वक्त निम्न और मध्यम आय वाले देशों से अधिक आंकड़ों की आवश्यकता है।
शोध रिपोर्ट में ऐसे समाधानों की ओर इशारा किया गया, जिनका पर्यावरण पर कम से कम प्रभाव पड़े। उनमें से पशु आहार में सुधार हुआ है, इसलिए पशुओं से ग्रीनहाउस गैसों जैसे मीथेन प्रति किलोग्राम दूध या मांस से कम उत्सर्जित होती है। बेहतर ढंग से प्रबंधित भूमि और फसल और पशुधन को मिलाकर जहां खाद मिट्टी में वापस मिल जाती है, किसानों और पर्यावरण दोनों को फायदा पहुंचा सकती है। (downtoearth)
लॉस एंजेलिस, 21 दिसंबर | म्यूजिक और टीवी सेलिब्रिटी साइमन कोवेल कुछ महीने पहले पीठ में लगी चोट से उबर रहे हैं। उनकी एक दोस्त ने कहा है कि वह अब एक रोजाना 5 मील पैदल चलते हैं।
डेलीमेट डॉट को डॉट यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, कोवेल की दोस्त सिनिट्टा ने बताया कि कैसे अगस्त में एक बाइक दुर्घटना में पीठ में चोटिल होने के बाद वह फिट होने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "साइमन ने फिटनेस में सुधार के लिए कड़ी मेहनत की है और मुझे बताया है कि वह एक दिन में 10,000 कदम चल रहे हैं, जो कि करीब 5 मील होता है। उसके पास वॉच है जो हर कदम को मापती है।"
हालांकि अभी भी वो डॉक्टरों की मदद ले रहे हैं। सिनिट्टा ने यह भी कहा कि कोवेल ने सिगरेट पीने में भी कमी की है। इस सबमें उनकी पार्टनर लॉरेन सिल्वरमैन भी सहयोग कर रही हैं, जिनसे उनका 6 साल का बेटा एरिक है।
उन्होंने आगे कहा, "वह अभी भी बहुत सारी फिजियोथेरेपी कर रहे हैं। रीढ की हड्डी में चोट के कारण बिना वजन वाली कई एक्सरसाइज कर रहे हैं।"
बता दें कि मालिबू के अपने घर पर दुर्घटना के बाद कोवेल को 'ब्रिटेन्स गॉट टैलेंट' शो में अपनी उपस्थिति रद्द करनी पड़ी थी। हालांकि सिनिट्टा के मुताबिक काम से ब्रेक लेने से उन्हें अपनी फिटनेस और प्रियजनों पर फोकस करने में मदद मिली है।
--आईएएनएस
अमेरिका में कोरोना वैक्सीन के ड्रिस्ट्रिब्यूशन के प्रभारी ने ये स्वीकार किया है कि उन्होंने वैक्सीन की खुराक को लेकर राज्यों से जो वादा किया था, उसे पूरा करने में वो असफल रहे हैं.
'ऑपरेशन वॉर्प स्पीड' के प्रमुख जनरल गुस्तावे पेर्ना ने कहा है कि वो राज्यों के गवर्नरों के साथ हुई ग़लतफ़हमी के लिए व्यक्तिगत तौर पर ज़िम्मेदारी लेते हैं. अमेरिका में एक से अधिक राज्य ने अपेक्षित वैक्सीन की संख्या में कटौती पर नाराज़गी ज़ाहिर की है.
फ़ाइज़र-बायोएनटेक खुराक को अमेरिका में मंज़ूरी मिल चुकी है और अब उसे वितरित करने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा मॉडर्ना वैक्सीन को भी अप्रूवल मिल गया है.
कोरोना महामारी से प्रभावित होने वाले देशों में अमेरिका अव्वल है. दुनिया भर में अब तक कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 76291671 हो चुके हैं, जिनमें से 17658051 मामले अकेले अमेरिका में हैं.
अमेरिका में कोरोना संक्रमण के कारण अब तक 316176 लोगों की मौत हो चुकी है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक़, अमेरिका में संक्रमण का सबसे बुरा असर हुआ है.
जनरल ने क्या कहा?
जनरल पेर्ना ने पत्रकारों से एक टेलीफ़ोन ब्रीफ़िंग के दौरान वितरण में ख़ामी की बात स्वीकार की. इस दौरान उन्होंने कई बार राज्यों के गवर्नरों से माफ़ी मांगी.
पेर्ना ने कहा कि उन्होंने डोज़ेज़ की जो संख्या दी थी वो अपने इस विश्वास पर दी थी कि इतनी डोज़ेज़ तो तैयार हो जाएंगी.
लेकिन अब जब राज्यों को अपेक्षित डोज़ेज़ नहीं मिली हैं तो इसके लिए सीधे तौर पर सिर्फ़ उनकी ग़लती है.
उन्होंने कहा, "मैं ही हूं वो जिसने पूर्वानुमान पत्र को मंज़ूरी दी. मैं ही वो जिसने वितरण के लिए मंज़ूरी दी. प्रक्रिया को लेकर कोई समस्या नहीं है. ना ही फ़ाइज़र वैक्सीन के साथ कोई समस्या है. मॉडर्ना वैक्सीन के साथ भी कोई दिक़्क़त नहीं है."
उन्होंने आगे कहा, "मैं असफल रहा. मैं इसे ठीक करने की कोशिश कर रहा हूं और यहां से हम आगे ही बढ़ेंगे."
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अमेरिकी मीडिया के मुताबिक़, कुछ राज्यों को बताया गया था कि अगले सप्ताह उन्हें जो ख़ुराक मिलेंगी, वे कम होंगी.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कैलिफ़ोर्निया, न्यूजर्सी और मिशिगन समेत 14 राज्यों के नामों की सूची जारी की है जिन्हें कम खुराक़ मिली है.
वाशिंगटन के गवर्नर जे इंसली ने गुरुवार को एक द्वीट कर अपनी निराशा ज़ाहिर की.
उन्होंने लिखा, "यह विघटनकारी है. इसे सफल बनाने के लिए हमें सटीक, अनुमानित संख्या चाहिए ताकि योजना बनाई जा सके और ज़मीनी स्तर पर उसकी सफलता आश्वस्त की जाए."
मिशिगन के गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर ने कहा कि व्हाइट हाउस प्रक्रिया को लेकर धीमा रहा.
जनरल पेर्ना ने कहा, "कृपया मेरी व्यक्तिगत माफ़ी को स्वीकार कीजिए."
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तो अब आगे क्या होगा?
जनरल पेर्ना ने कहा कि उन्हें इस बात का सही अंदाज़ा नहीं था कि जब सारी वैक्सीन उपलब्ध होंगी और वितरित होंगी तो वे कितनी संख्या में होंगी.
डिपार्टमेंट ऑफ़ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस का कहना है कि वास्तव में जितनी ख़ुराक तैयार की गई हैं और जितनी वितरण के लिए तैयार हैं, उनमें अंतर हो सकता है.
इस बात के समर्थन में उन्होंने कहा कि किसी भी ख़ुराक का वितरण करने से पहले उसे परीक्षण के कई चरणों से होकर गुज़रना पड़ता है.
जनरल पेर्ना ने कहा कि मॉडर्ना वैक्सीन को अभी अभी मंज़ूरी मिली है और रविवार से इसकी शिपिंग शुरू हो जाएगी. जनवरी के पहले सप्ताह तक कुल 20 मिलियन ख़ुराक़ मिल जाएंगी.
उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि पूरी प्रकिया दोषमुक्त रहेगी और सारा काम सही तरीक़े से होगा."
दोनों ही टीकों को लगभग 95 फ़ीसदी प्रभावी बताया जा रहा है. अमेरिकी टीकाकरण कार्यक्रम का लक्ष्य अगले साल अप्रैल तक 10 करोड़ लोगों को वैक्सीन मुहैया कराने का है.
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अमेरिका में कोविड की स्थिति
महामारी के शुरू होने के साथ ही अमेरिका की लगभग पांच फ़ीसदी आबादी संक्रमित हो गई थी. नवंबर के मध्य से हर सात दिन में कोविड से मरने वालों की संख्या का औसत 1000 से बढ़कर 2500 हो गया है.
कई राज्य अब भी ख़तरनाक तरीके से कोविड19 की चपेट में हैं. कैलिफ़ोर्निया में मरीज़ों को हॉस्पिटल बेड नहीं मिल पा रहे हैं. लगभग 17 हज़ार मरीज़ अस्पताल में हैं जोकि जुलाई की अधिकतम संख्या से भी दोगुने हैं.
अमेरिका में अब तक के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत 130,000 लोगों को टीका दिया गया है. वैक्सीन की पहली खेप के तहत क़रीब 29 लाख खुराक स्वास्थकर्मियों और केयर हाउस में रह रहे लोगों को दी जाएगी.
हालांकि इतनी बड़ी खेप के बावजूद भी सिर्फ़ इन्हीं दो श्रेणियों में भी सभी को टीका नहीं मिल सकेगा. अधिकारियों का मानना है कि हर्ड इम्युनिटी के लिए अमेरिका की क़रीब सत्तर से अस्सी फ़ीसदी आबादी को टीका दिये जाने की ज़रूरत है.
एक दूसरी बड़ी समस्या क़रीब 900 बिलियन डॉलर के कोरोना वायरस राहत पैकेज को लेकर है जो महीनों से रुका हुआ है. इसके अलावा अमेरिका में जनवरी में सत्ता का हस्तांतरण होना है. इस वजह से भी कई तरह के गतिरोध हैं. (bbc.com)
इकबाल अहमद
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते इमरान ख़ान की सरकार और विपक्षी महागठबंधन के बीच जारी रस्साकशी और कोरोना से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में थीं.
विपक्षी महागठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रैटिक मूवमेंट (पीडीएम) और इमरान ख़ान के बीच जारी राजनीतिक जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है.
इमरान ख़ान ने एक निजी टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा कि विपक्ष उन्हें सत्ता से हटाने के लिए सेना को ब्लैकमेल कर रहा है.
इमरान ख़ान का यह इंटरव्यू पाकिस्तान के सारे अख़बारों में पहले पन्ना पर छाया रहा.
अख़बार एक्सप्रेस ने इस पर सुर्ख़ी लगाई है, 'हुकूमत को हटाने के लिए विपक्ष सेना को ब्लैकमेल कर रहा है, जनरल बाजवा (पाकिस्तानी सेना प्रमुख) बर्दाश्त कर रहे हैं.'
अख़बार के अनुसार इमरान ख़ान ने कहा कि "विपक्ष सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा और ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई प्रमुख जनरल फ़ैज़ को निशाना बना रहा है, जिसका मक़सद सेना पर दबाव डालना है ताकि चुनी हुई सरकार को हटा दिया जाए."
इमरान ख़ान ने कहा कि विपक्षी नेता जो बयान दे रहे हैं उस पर ग़द्दारी का केस बन सकता है और इस पर सेना एक्ट का आर्टिकल छह लग सकता है.
इमरान ख़ान ने सेना प्रमुख जनरल बाजवा की तारीफ़ करते हुए कहा, "विपक्षी नेताओं के सेना प्रमुख पर दिए गए बयान से सेना में ग़म और ग़ुस्सा है लेकिन जनरल बाजवा सुलझे हुए इंसान हैं, उनमें ठहराव है. इसलिए बर्दाश्त कर रहे हैं क्योंकि वो लोकतंत्र पर विश्वास रखते हैं. अगर कोई और सेना प्रमुख होता तो फ़ौरन तीव्र प्रतिक्रिया होती.''
उन्होंने पाकिस्तानी सेना का एक दफ़ा फिर बचाव करते हुए कहा कि सेना उनके ऊपर नहीं बल्कि उनके नीचे काम करती है. उन्होंने कहा कि वो पाकिस्तानी सेना के काम से बहुत ख़ुश हैं.
उन्होंने नवाज़ शरीफ़ पर हमला करते हुए कहा कि उनको पाकिस्तान वापस लाने की पूरी कोशिश हो रही है लेकिन वो नहीं कह सकते कि नवाज़ शरीफ़ कब वापस आएंगे. उन्होंने कहा कि नवाज़ शरीफ़ से देश छोड़ कर जाने की इजाज़त पाने के लिए ऐसी अदाकारी की कि अगर हॉलीवुड में होते तो उन्हें ऑस्कर अवार्ड मिल जाता.
नवाज़ शरीफ़ की वतन वापसी पर गृह मंत्री शेख़ रशीद ने कहा कि, नवाज़ शरीफ़ और इसहाक़ डार को अल्लाह ही लाएगा तो आएंगे. शेख़ रशीद ने कहा कि पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं है इसलिए नवाज़ शरीफ़ को वतन वापस लाना मुश्किल है.
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विपक्षी महागठबंधन पीडीएम के लॉन्ग मार्च के फ़ैसले पर उन्होंने कहा कि विपक्ष को पता चल जाएगा कि इस्तीफ़ा किसी देना पड़ेगा उन्हें या इमरान ख़ान को.
इमरान ख़ान ने लाहौर जलसे को फ़ेल क़रार दिया था.
पीडीएम ने 13 दिसंबर को लाहौर में जलसा किया था और इसे सरकार के ख़िलाफ़ लोगों का अंतिम फ़ैसला क़रार दिया था. लेकिन सरकार ने उसे ख़ारिज करते हुए कहा था कि जलसा पूरी तरह नाकाम रहा था.
पीडीएम नेता अहसन एक़बाल ने कहा था कि सरकार क्लीन बोल्ड हो चुकी है लेकिन पिच छोड़ने को तैयार नहीं.
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वहीं केंद्रीय गृह मंत्री शेख़ रशीद ने कहा कि "विपक्ष ने लाहौर के जलसे को आर-पार की लड़ाई कहा था लेकिन रैली के बाद पता चला कि न आर हुआ न पार सिर्फ़ विपक्ष हुआ ख़ार."
लाहौर के जलसे के बाद विपक्षी महागठबंधन ने राजधानी इस्लामाबाद में लॉन्ग मार्च करने की घोषणा की है. विपक्ष के अनुसार 31 जनवरी के बाद से कभी भी लॉन्ग मार्च शुरू हो सकती है.
अख़बार जंग के अनुसार इमरान ख़ान ने विपक्ष की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा कि अगर वो राजधानी इस्लामाबाद में एक हफ़्ते भी धरना देते हुए गुज़ार लें तो वो इस्तीफ़े के बारे में सोचेंगे.
लाहौर के जलसे पर भले ही सरकार और विपक्ष के अपने-अपने दावे हों, लेकिन इससे पहले विपक्ष सरकार के ख़िलाफ़ अब तक गुजरानवाला, कराची, क्वेटा, पेशावर और मुल्तान में बड़ी रैलियां कर चुका है जिनमें हज़ारों लोग शरीक हुए थे.
अख़बार जंग के अनुसार पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान और चीनी वायुसेना के संयुक्त अभ्यास का जायज़ा लिया.
इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि इस तरह के संयुक्त अभ्यास उभरते हुए सामरिक चुनौतियों का मुक़ाबला करने के लिए दोनों देशों की जंगी तैयारी को बढ़ाने के लिए बहुत ज़रूरी हैं.
पाकिस्तान और चीन की वायुसेना साल 2011 से एयर ऑपरेशनल बेसेज़ पर संयुक्त अभ्यास कर रही हैं.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार पाकिस्तान में कोरोना पर क़ाबू पाने के लिए बनाए गए संगठन नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन कंट्रोल (एनसीओसी) के प्रमुख असद उमर कोरोना संक्रमित हो गए हैं. वो घर पर ही आइसोलेट हो गए हैं.
असद उमर पाकिस्तान के केंद्रीय योजना मंत्री हैं और उन्हीं के अंतर्गत एनसीओसी काम करती है.
एनसीओसी के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या चार लाख 51 हज़ार 494 हो गई है जिनमें 43 हज़ार से ज़्यादा केस एक्टिव हैं. पाकिस्तान में कोरोना से अब तक नौ हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालों में 77 फ़ीसद लोग 50 साल से ज़्यादा उम्र के थे.
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कराची समेत कई इलाक़ों में माइक्रो स्मार्ट लॉकडाउन लागू कर दिया गया है.
एनसीओसी का कहना है कि अगले साल की तिमाही तक पाकिस्तान में कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू होगा और देश के सभी लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. (bbc.com)
नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने ओली सरकार की सिफारिश के अनुसार देश की संसद यानी प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया और मध्यावधि चुनावों की घोषणा की है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कैबिनेट ने संसद भंग करने की सिफ़ारिश की थी जिस पर अप्रसन्नता जताते हुए विरोध-स्वरूप सात मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है.
राष्ट्रपति के फ़ैसले के अनुसार 30 अप्रैल और दस मई को दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे.
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार इस फ़ैसले के लिए संवैधानिक परंपराओं का हवाला दिया गया है.
नेपाली संसद को भंग करने की राष्ट्रपति से सिफारिश के बाद प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार ने राजधानी काठमांडू में सुरक्षा कड़ी कर दी है. राजधानी के मुख्य चौकों में पुलिस की भारी संख्या में मौजूदगी है.
उधर, सीपीएन (माओवादी) के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड, जिन्होंने संसद के भंग होने की ख़बर पर नाराज़गी जताई थी, प्रधानमंत्री ओली के आवास पर पहुँच गए हैं. बीबीसी की नेपाली सेवा के मुताबिक़ प्रचंड की प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली के साथ बातचीत हुई है.
ओली कैबिनेट का फ़ैसला
इससे पहले नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कैबिनेट ने संसद भंग करने की सिफ़ारिश की थी.
रविवार सुबह हुई कैबिनेट की आपात बैठक में संसद को भंग करने की सिफ़ारिश करने का फ़ैसला लिया गया था.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक नेपाल की सत्ताधारी वामपंथी पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य बिश्नु रिजाल ने बताया, "प्रधानमंत्री ने संसदीय दल, सेंट्रल कमिटी और पार्टी सचिवालय में अपना बहुमत खो दिया है. उन्होंने पार्टी में मौजूदा स्थिति का हल निकाले बिना संसद भंग करने का फ़ैसला लिया है."
बताया जा रहा है कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली अपनी ही पार्टी में विरोध का सामना कर रहे थे. उन पर एकतरफा तरीक़े से पार्टी और सरकार चलाने के आरोप लग रहे थे.
कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (यूएमएल) और कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (माओवादी) के साल 2018 में एकीकरण के बाद केपी ओली को प्रधानमंत्री चुना गया था. सीपीएन (माओवादी) के नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड एकीकृत पार्टी के सहअध्यक्ष बने थे.
लेकिन, बाद में पार्टी में सत्ता संघर्ष शुरू हो गया. ऐसे में भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद होने पर भी पुष्प कमल दहल और झालानाथ खनल जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने केपी ओली के फैसलों पर सवाल उठाए थे.
वहीं, ताज़ा मामले में संवैधानिक परिषद की बैठक ना होने पर प्रधानमंत्री केपी ओली ने राष्ट्रपति से संवैधानिक परिषद का एक अध्यादेश जारी करने की सिफारिश की थी. राष्ट्रपति के अध्यादेश जारी करने के बाद से पार्टी में विवाद शुरू हो गया.
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपति से अध्यादेश वापस लेने की अपील की थी. संसादों ने संसद का विशेष अधिवेशन बुलाने के लिए राष्ट्रपति के पास आवेदन किया था. केपी ओली से पीएम पद या पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने की मांग की जा रही थी.
इसके बाद प्रधानमंत्री ओली पर दबाव बढ़ गया. तब ये समझौता हुआ था कि इधर सांसद विशेष अधिवेशन बुलाने का आवेदन वापस लेंगे और उधर केपी ओली अध्यादेश वापस लेंगे. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और प्रधानमंत्री केपी ओली ने संसद भंग करने की सिफारिश कर दी.
संविधान विशेषज्ञों के मुताबिक नेपाल के नए संविधान में सदन भंग करने को लेकर कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है. प्रधानमंत्री का कदम असंवैधानिक है और इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है.
पहले नेपाल में जो राजनीतिक अस्थिरता हुआ करती थी इसके चलते संसद भंग करने का प्रावधान नहीं रखा गया था ताकि स्थायित्व बना रहे. अब क़ानूनविदों ने राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश स्वीकार ना करने की अपील की है. अगर राष्ट्रपति ये सिफारिश मान लेते हैं तो संकट काल भी लग सकता है. (bbc.com)
सुमी खान
ढाका, 20 दिसंबर | के कुश्तिया में पुलिस ने क्रांतिकारी नेता जतिंद्रनाथ मुखर्जी (बाघा जतिन के रूप में प्रसिद्ध) की मूर्ति तोड़ने के आरोप में सत्ताधारी अवामी लीग के युवा मोर्चा जुबा लीग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
कुश्तिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) तनवीर अराफात ने कहा कि काया कॉलेज में रात में तैनात एक गार्ड ने इस घटना को देखा।
अराफात ने कहा, "17 दिसंबर की रात लगभग 11 बजे बदमाश मूर्ति के पास पहुंचे। लगभग दो घंटे बाद, अनीसुर रहमान (जुबा लीग के अध्यक्ष) ने तीन बार हथौड़े से मूर्ति पर प्रहार किया। इसके बाद वे मोटरसाइकिल से चले गए।"
उन्होंने कहा, "इस मूर्ति का देश में मूर्ति तोड़े जाने के आह्वान के बाद हो रही घटना से कोई लेना-देना नहीं है। इसे व्यक्तिगत नाराजगी के कारण तोड़ा गया है। हालांकि, यह जांच से पता लगाया जाएगा कि क्या इस घटना के माध्यम से एक नापाक उद्देश्य को प्राप्त करने की साजिश थी।"
अनीसुर के अलावा, अन्य गिरफ्तार व्यक्ति सबुज हुसैन और ह्रदॉय अहमद हैं।
पुलिस के अनुसार, काया कॉलेज के अधिकारियों का पहले से ही अनीसुर के साथ टकराव है और बदला लेने के लिए, उसने अपने साथियों के साथ कॉलेज के मुख्य द्वार के सामने सड़क के किनारे स्थित मूर्ति को तोड़ दिया।
इस बीच स्थानीय अवामी लीग के नेताओं ने आईएएनएस को बताया कि अनीसुर को अस्थायी रूप से पार्टी से निकाल दिया जाएगा।
18 दिसंबर को, कुमारखाली पुलिस अधिकारी (ओसी) मोजीबुर रहमान ने पुष्टि की थी कि अनीसुर, काया कॉलेज के अध्यक्ष निजामुल हक, प्रिंसिपल हारुन अरिष्टुर और अन्य से मूर्ति तोड़ने के मामले में पूछताछ की गई थी।
बाद में रहमान को पुलिस स्टेशन ले जाया गया।(आईएएनएस)
पेरिस, 20 दिसंबर| फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की स्थिति अब स्थिर है। पिछले ही हफ्ते उनका कोरोनावायरस परीक्षण पॉजिटिव पाया गया था। एलिसी राष्ट्रपति भवन ने अपने एक बयान में यह बात कही है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शनिवार को जारी हुए बयान के हवाले से कहा, "राष्ट्रपति की स्थिति स्थिर है। कोविड-19 के लक्षण उन्हें उनके दायित्वों को पूरा करने से नहीं रोक रहे हैं।"
मैक्रों के ऑफिस ने कहा है कि कोविड-19 के लक्षण दिखने के बाद उनका 17 दिसंबर को पेरिस के बाहर आरटी-पीसीआर परीक्षण किया गया था। तब से ही वह आइसोलेशन में रहकर काम कर रहे हैं। 18 दिसंबर को राष्ट्रपति ने ट्विटर पर एक लाइव वीडियो में कहा कि वह ठीक हैं लेकिन धीमी गति से काम कर रहे हैं।
मैक्रों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद मेजबान यूरोपीय नेता भी क्वारंटीन में चले गए हैं क्योंकि वे मैक्रों के संपर्क में आए थे।
बता दें कि पेरिस में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के आयोजन के दौरान 14 दिसंबर को मैक्रों से मिले स्पेन के प्रधानमंत्री प्रेडो सांचेज भी 24 दिसंबर तक क्वारंटीन में रहेंगे। इसके अलावा 14 दिसंबर को मैक्रों के साथ लंच करने वाले यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और ओईसीडी महासचिव एंजेल गुर्रिया भी आइसोलेशन में हैं।
पुर्तगाली प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा भी मैक्रों के साथ निकट संपर्क में आने के बाद क्वारंटीन में हैं।
बता दें कि यूरोप में फ्रांस सबसे अधिक कोरोना प्रभावित देशों में से एक है। यहां 25,16,957 मामले और 60,534 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 20 दिसंबर| अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अमेरिकी इलेक्टोरल कॉलेज द्वारा आधिकारिक तौर पर जो बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने के बाद भी जैसा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी जीत के बारे में ट्वीट करते रहते हैं, ट्विटर ने ट्रंप के ट्वीट्स को एक नए लेबल के साथ फ्लैगिंग करना शुरू कर दिया है, और बाइडेन को विजेता घोषित किया है। ऐसा ही एक लेबल ट्रंप के नवीनतम ट्वीट पर देखा गया जिसमें लिखा था, "उन्होंने (बाइडेन) चुनाव नहीं जीता। उन्होंने सभी 6 स्विंग स्टेट्स को गंवा दिया। अब रिपब्लिकन राजनेताओं को लड़ना होगा ताकि उनकी महान जीत चोरी न हो।"
ट्रंप के ट्वीट पर लगाए गए नए लेबल में कहा गया है, "चुनाव अधिकारियों ने जो बाइडेन को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के विजेता के रूप में घोषित किया है।"
द वर्ज के मुताबिक, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने कहा कि यह इसके मौजूदा लेबल का एक अपडेट है, जिसे नवीनतम जानकारी को प्रतिबिंबित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
फेसबुक ने भी चुनाव हैकिंग के बारे में ट्रंप के नवीनतम पोस्ट को चिह्न्ति किया, जिसमें कहा गया था कि "चुनाव अधिकारी सख्त नियम का पालन करते हैं और व्यापक धोखाधड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है।"
ट्विटर और फेसबुक दोनों ने ट्रंप द्वारा लगभग सभी ट्वीट और कई पोस्ट को फ्लैग किया क्योंकि वह डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन के राष्ट्रपति पद पर जीतने के बावजूद 'चुनाव के बारे में भ्रामक दावे' करते रहे हैं। (आईएएनएस)
तेल अवीव, 20 दिसंबर| इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लाइव टेलीविजन ब्रॉडकास्ट के दौरान कोरोनवायरस के खिलाफ टीका लगवाया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, नेतन्याहू और स्वास्थ्य मंत्री यूली एडेलस्टीन ने शनिवार शाम को तेल अवीव के शीबा मेडिकल सेंटर में टीका लगवाया।
नेतन्याहू देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण शुरू होने से पहले वैक्सीन लेने वाले पहले इजरायली हैं ।
नेतन्याहू ने सेंटर में पत्रकारों से कहा, "यह एक महान दिन है।"
उन्होंने कहा, "मुझे इस टीके पर विश्वास है और मैं एक रोल मॉडल के रूप में सेवा करने और लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ऐसा कर रहा हूं।"
रविवार से शुरू होने वाले टीकाकरण में चिकित्सा कर्मचारी, बुजुर्ग और हाई-रिस्क वाले लोगों को पहले टीका लगाया जाएगा।
इजरायल में कोरोना के अब तक 370,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और 3,057 मौतें हुई है। (आईएएनएस)
काठमांडू, 20 दिसंबर| नेपाल सरकार ने पर्वतारोही गाइडों के लिए लाइसेंस जारी करने का निर्णय लिया है। ऐसा पहली बार हो रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पर्वतारोहण क्षेत्र में कई हितधारकों से युक्त संस्था नेपाल माउंटेनियरिंग एसोसिएशन की सिफारिश के आधार पर सरकार ने गाइडों को पर्वतारोहियों के साथ यात्रा करने की अनुमति दी थी।
पर्यटन विभाग अंडरसेक्रेटरी मीरा आचार्य ने सिन्हुआ को बताया, " हम पहली बार पर्वतारोही गाइडों के लिए लाइसेंस जारी कर रहे हैं। लाइसेंसधारी गाइड देश के पहाड़ों पर चढ़ने में पर्वतारोहियों की मदद करेंगे।"
उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में लाइसेंस प्राप्त करने के मानदंडों के बारे में एक नोटिस जारी किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, "नोटिस जारी होने के ठीक बाद नीति को लागू किया जाएगा।"
नेपाल पर्वतारोहण संघ के पूर्व अध्यक्ष आंग शेरिंग शेरपा के अनुसार, देश में 8,000 से अधिक पर्वतारोही गाइड हैं।
अधिकांश पर्वतारोही गाइड नेपाल के शेरपा समुदाय से हैं, जो पर्वतारोहण के लिए विश्व प्रसिद्ध है। (आईएएनएस)
न्यूयॉर्क, 20 दिसंबर | भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी पर दुनिया की सबसे बड़ी हीरा कंपनियों में से एक के साथ मल्टीलेयर्ड स्कीम के जरिए 2.6 मिलियन डॉलर (19 करोड़ रुपये से ज्यादा) की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है।
शुक्रवार को नेहाल मोदी के खिलाफ आरोपों की घोषणा करते हुए प्रोसीक्यूटर साय वेंस ने कहा, "हीरे हमेशा के लिए होते हैं लेकिन यह ठगी की योजना हमेशा नहीं रहेगी। अब नेहल मोदी न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट के अभियोग का सामना करेंगे।"
मोदी पर मैनहट्टन में स्थित एक डायमंड होलसेल कंपनी से 2.6 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के हीरे लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 'फस्र्ट डिग्री में बड़ी चोरी' का आरोप लगाया गया है। न्यूयॉर्क राज्य के कानूनों के तहत पहली डिग्री में बड़ी चोरी के अपराध से मतलब 1 मिलियन डॉलर से अधिक की चोरी है, जिसमें अधिकतम सजा 25 साल की जेल है।
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, मोदी ने अदालत को बताया कि वह इस आरोप के दोषी नहीं हैं और फिर उन्हें बिना जमानत के ही रिहा कर दिया गया।
बता दें कि नेहल मोदी पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े 13,500 करोड़ रुपये (लगभग 1.9 बिलियन डॉलर) की धोखाधड़ी के मामले में भारत में वॉन्टेड है और भारत के अनुरोध पर इंटरपोल ने एक रेड नोटिस भी जारी किया है। यह दुनिया भर में कानून लागू करने वाली एजेंसियों से उसकी गिरफ्तारी के लिए अनुरोध करता है। नेहल का प्रत्यर्पण अभी लंबित है।
न्यूयॉर्क में न्यायिक प्रक्रिया के तहत प्रोसीक्यूटर्स ने मामले को पहले जूरी के सामने पेश किया, जिसने तय किया कि इस मामले को आगे बढ़ाना चाहिए।
धोखाधड़ी की शुरूआत 2015 से होती है, जब नेहल मोदी ने एक कंपनी के साथ मिलकर झूठा प्रजेंटेश करने के लिए एलएलडी डायमंड्स यूएसए से 2.6 मिलियन डॉलर मूल्य के हीरे लिए। प्रोसीक्यूशन ने कहा कि मार्च 2015 में मोदी ने पहली बार कंपनी से उसे लगभग 8,00,000 डॉलर मूल्य के हीरे देने के लिए कहा और दावा किया कि वह उन्हें कॉस्टको होलसेल कॉर्पोरेशन नाम की कंपनी को संभावित बिक्री के लिए दिखाएगा। कॉस्टको एक चेन है जो अपने सदस्यों के रूप में जुड़ने वाले ग्राहकों को कम कीमत पर हीरे बेचती है। फिर मोदी ने दावा किया कि कॉस्टको हीरे खरीदने के लिए सहमत हो गया है और एलएलडी ने उसे 90 दिनों के भीतर भुगतान करने का क्रेडिट दिया।
इसके बाद कॉस्टको ने उन हीरों को शॉर्ट टर्म लोन के लिए किसी अन्य कंपनी को दे दिया। इसके बाद फिर से एलएलडी से और हीरे लिए गए। इस दौरान एलएलडी को कुछ भुगतान किया गया लेकिन वह बहुत कम था।
बाद में जब तक एलएलडी को पूरी धोखाधड़ी का पता चला और उसने हीरे या उनके पैसे मांगे, तब तक मोदी सभी हीरों को बेचकर उसका पैसा खर्च कर चुका था। इसके बाद एलएलडी ने मैनहट्टन के प्रोसीक्यूटर के ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई।
--आईएएनएस
कोरोना वायरस महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों को तोड़ने के लिए चिली के राष्ट्रपति सेबास्टियन पिन्येरा पर 3,500 डॉलर (2,588 ब्रितानी पाउंड) का जुर्माना लगाया गया है.
इस महीने की शुरूआत में एक महिला के साथ राष्ट्रपति पिन्येरा की एक सेल्फी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. इस तस्वीर में न तो राष्ट्रपति ने मास्क लगाया था और न ही महिला ने.
तस्वीर के वायरल होने के बाद राष्ट्रपति ने माफी मांगी है और कहा है कि काचागुआ शहर में समुद्रतट के पास जब एक महिला ने उनके साथ सेल्फी लेनी चाही तो उन्हें मास्क पहनना चाहिए था.
कोरोना महामारी के कारण चिली में कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. यहां सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य है.
चिली में मास्क न पहनने पर जुर्माने के साथ-साथ जेल की सज़ा का भी प्रावधान है.
लातिन अमेरिका के देशों में चिली उन देशों में शामिल है जहां कोरोना संक्रमण के मामले सबसे अधिक है.
जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार यहां कोरोना संक्रमण के 581,135 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि अब तक कोरोना के कारण 16,051 लोगों की मौतें हुई हैं. (बीबीसी)
बीजिंग, 19 दिसंबर | चीन में इस सर्दी-वसंत की अवधि में कोविड-19 वैक्सीन के साथ कुछ प्रमुख समूहों का टीकाकरण शुरू किया जाएगा। बीजिंग में एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के कोविड-19 वैक्सीन विकास ने 'अंतिम स्प्रिंट' में प्रवेश कर लिया है, जिसमें तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण की पांच वैक्सीन (टीके) शामिल हैं।
एनएचसी के रोग नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी कुई गैंग ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दो-चरण के टीकाकरण अभियान में वैक्सीन को पहले प्राथमिकता वाले समूहों को दिया जाएगा, जिसमें आयातित कोल्ड-चेन उत्पादों को संभालने वाले लोग शामिल हैं। इसके अलावा इसमें पोर्ट निरीक्षण और क्वांरटीन, विमानन, सार्वजनिक परिवहन, ताजा बाजार, चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले लोग शामिल होंगे।
गैंग ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम उन लोगों को भी कवर करेगा, जो वायरस के संपर्क के मध्यम या उच्च जोखिम वाले देशों और क्षेत्रों में काम करने या अध्ययन करने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे कोविड-19 मामलों को रोकने और नियंत्रित करने में चीन पर दबाव को कम करने में मदद मिलेगी और यह महामारी के घरेलू प्रकोप के जोखिमों को कम करेगा।
उन्होंने इस बात की ओर से भी इशारा किया कि चीन अधिक से अधिक वैक्सीन के उपयोग की योजना बना रहा है। (आईएएनएस)
बीजिंग, 19 दिसंबर | चीन के चांग ई-5 यान ने जांच के लिए चंद्रमा से लगभग 1,731 ग्राम नमूने एकत्र किए हैं। चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएसएनए) ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सीएनएसए के प्रमुख झांग केजियान ने शनिवार को 'चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज' (सीएएस) के अध्यक्ष होउ जियांगुओ को नमूने सौंपे।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना सेंट्रल कमेटी के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य चीनी वाइस प्रीमियर लियू हे भी इस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने एयरोस्पेस में चीन की ताकत बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में चांग ई-5 चंद्र मिशन की सराहना की।
लियू ने चंद्र नमूना अनुसंधान कठिनाइयों से निपटने में सहयोग करने और ब्रह्मांड के निर्माण और विकास की वैज्ञानिक समझ को गहरा करने में चीनी ज्ञान का योगदान करने के लिए भी कहा।
नमूनों को बाद में सीएएस के तहत नेशनल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरीज के लूनर सैम्पल (चंद्र नमूना) लैब में ट्रांसफर कर दिया गया।
वैज्ञानिक नमूनों का संग्रहण, विश्लेषण और रिसर्च करेंगे।
--आईएएनएस
वाशिंगटन, 19 दिसंबर | अमेरिकी चयनित राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल को सोमवार को सार्वजनिक रूप से नोवल कोरोनावायरस का वैक्सीन लगाया जाएगा। यह घोषणा उनकी ट्रांजिशन टीम ने की है। द हिल न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, बाइडन प्रशासन के व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार रात यह घोषणा की।
टीम के अनुसार, चयनित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस अगले सप्ताह वैक्सीन लेंगी।
यह घोषणा उसी दिन हुई, जब अमेरिका के कई उच्च रैंकिंग वाले अधिकारियों को इस बीमारी के खिलाफ वैक्सीन लगाई गई।
उपराष्ट्रपति माइक पेंस, द्वितीय महिला करेन पेंस और सर्जन जनरल जेरोम एडम्स ने भी अमेरिकियों के बीच विश्वास जगाने के लिए जी टीवी पर फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन लाइव लगवाई।
इसके बाद हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नैन्सी पेलोसी और सीनेट मेजॉरिटी लीडर मिच मैककोनेल को चिकित्सक ब्रायन मोनाहन ने वैक्सीन लगाई।
--आईएएनएस
वाशिंगटन, 19 दिसंबर | अमेरिका की हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी को चिकित्सक ब्रायन मोनाहन ने कोरोनावायरस वैक्सीन दिया। शुक्रवार को पेलोसी ने ट्विटर पर कहा, "आज विज्ञान में विश्वास के साथ मैंने कोविड-19 वैकसीन लगवाई। जैसा कि वैक्सीन का वितरण शुरू हो चुका है, फिर भी हम सभी को सुरक्षित रहने के लिए मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य विज्ञान-आधारित निर्देशों का पालन करते रहना चाहिए।"
दिग्गज डेमोक्रेट ने अपने टीकाकरण की 2 तस्वीरें भी साझा कीं।
इसके कुछ ही देर बाद सीनेट के मेजोरिटी लीडर मिच मैककोनेल ने भी घोषणा की कि उनका भी वैक्सीनेशन हो गया है। उन्होंने कहा, "सरकार के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सुरक्षित, प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन लिया। अमेरिकियों के लिए रेस्क्यू पैकेज पाने की लड़ाई लड़ने वापस आ गया हूं, ताकि अमेरिकी जल्द से जल्द इसे पा सकें।"
मेमो के मुताबिक, कांग्रेस के सभी सदस्य कोविड-19 वैक्सीन पाने के योग्य हैं। इससे पहले शुक्रवार को अमेरिकियों में वैक्सीन के प्रति विश्वास जगाने के लिए उप-राष्ट्रपति माइक पेंस, द्वितीय महिला करेन पेंस और सर्जन जनरल जेरोम एडम्स ने भी टीवी पर लाइव आकर फाइजर-बायोनेटेक वैक्सीन लिया था।
फिलहाल फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन हेल्थकेयर वर्कर्स और नर्सिग होम में रहने वाले लोगों को दी जा रही है। वहीं मॉडर्ना के वैक्सीन को दुनिया में पहला अप्रूवल अमेरिका एफडीए ने दे दिया है। फाइजर को अमेरिका से पहले ब्रिटेन और कनाडा ने मंजूरी दे दी थी। मॉडर्ना वैक्सीन अध्ययन में 94 प्रतिशत प्रभावी साबित हुआ है।
एक साल पहले चीन में पैदा हुए इस वायरस ने 11 महीनों में 3,13,246 अमेरिकियों को मौत की नींद सुला दी है। साथ ही अब तक देश में 1,74,42,180 मामले दर्ज हो चुके हैं जो दुनिया में सबसे अधिक हैं।
--आईएएनएस