राष्ट्रीय
केंद्र सरकार द्वारा जलियांवाला बाग स्मारक को दिए गए नए स्वरूप की आलोचना हो रही है. आरोप लग रहे हैं कि रंग-बिरंगी रोशनी और तेज संगीत के माहौल से शहीदों की मर्यादा का अपमान हो रहा है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट
जलियांवाला बाग स्मारक के नए स्वरूप का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त को किया था. राजनीतिक दलों के नेताओं और कई इतिहासकारों ने स्मारक के नए स्वरूप पर ऐतराज जताया है.
अमृतसर के इस ऐतिहासिक स्थल पर कई बदलाव लाए गए हैं. मुख्य स्मारक की मरम्मत की गई है, शहीदी कुएं का जीर्णोद्धार किया गया है, नए चित्र और मूर्तियां लगाई गई हैं और ऑडियो-विजुअल और थ्रीडी तकनीक के जरिए नई गैलरियां बनाई गई हैं.
पुराना स्वरूप गायब
इसके अलावा लिली के फूलों का एक तालाब बनाया गया है और एक लाइट एंड साउंड शो भी शुरू किया गया है. आपत्ति मुख्य रूप से लाइट एंड साउंड शो और बाग तक ले जाने वाले ऐतिहासिक संकरे रास्ते में किए गए परिवर्तन को लेकर व्यक्त की जा रही है.
पहले, इस संकरे रास्ते के दोनों सिर्फ साधारण और कोरी दीवारें थीं. अब इन दीवारों पर टेक्सचर पेंट लगा दिया गया है और इन पर लोगों की आकृतियां उकेर दी गई हैं. इन आकृतियों को हंसते, मुस्कुराते हुए चेहरे भी दिए गए हैं.
डेनिश-ब्रिटिश इतिहासकार किम वैग्नर का कहना है कि बाग तक जाने वाले रास्ते का स्वरूप इस कदर बदल दिया गया है कि अब वो बिलकुल भी वैसा नहीं दिखता जैसा वो 13 अप्रैल 1919 की उस शाम को था जब अंग्रेज जनरल डायर ने वहां इकट्ठा हए निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलवा दीं थी.
विरासत का सवाल
ब्रिटेन की संसद में भारतीय मूल की सांसद प्रीत कौर गिल ने भी स्मारक के इस नए रूप की आलोचना की है और इसे "हमारे इतिहास को मिटाने" वाला कदम बताया है.
भारतीय इतिहासकार एस इरफान हबीब ने इसे ऐतिहासिक स्मारकों का 'कॉर्पोरेटाइजेशन' बताया है और कहा है कि ऐसा करने से स्मारकों की विरासत का मूल्य नष्ट हो जाता है.
हालांकि बीजेपी से राज्य सभा के सदस्य श्वैत मलिक का मानना है कि दीवारों पर बनाई गई ये आकृतियां वहां आने वालों से उनका परिचय कराएंगी जो हत्याकांड के दिन बाग में मौजूद थे और मारे गए थे. मलिक जलियांवाला बाग ट्रस्ट के ट्रस्टियों में से एक हैं.
उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि पहले लोग बिना इस तंग गली का इतिहास जाने यहां आया करते थे, लेकिन अब जब वो यहां चलेंगे तो इतिहास के साथ साथ चलेंगे.
शहीदों का अपमान
बाग में शुरू किए गए नए लाइट एंड साउंड शो की भी काफी आलोचना हो रही है. सोशल मीडिया पर टिप्पणियों में कहा जा रहा है कि एक हत्याकांड के स्मारक को लगभग एक एयरपोर्ट या होटल की लॉबी या एक मनोरंजन पार्क जैसा बना दिया गया है.
कई राजनीतिक दलों ने भी अपना विरोध जताया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट में इसे शहीदों का अपमान बताया.
मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि स्मारक के जीर्णोद्धार का पूरा काम संस्कृति मंत्रालय ने करवाया. इस परियोजना की देख रेख के लिए एक सलाहकार समिति बनाई गई थी.
समिति में संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, पुरातत्व विभाग और निर्माण क्षेत्र की सरकारी कंपनी एनबीसीसी के अधिकारी शामिल थे. परियोजना के लिए 20 करोड़ का टेंडर निकाला गया और गुजरात की एक कंपनी वामा कम्यूनिकेशन्स को यह काम सौंपा गया.(dw.com)
पुडुचेरी, 31 अगस्त | पुडुचेरी विधानसभा अध्यक्ष एम्बलम आर. सेल्वम को हल्का दिल का दौरा पड़ा और उन्हें मंगलवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना उस समय हुआ जब वह विधान सभा जा रहे थे। उन्हें सरकारी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां ईसीजी रिपोर्ट में पाया गया कि उनके हृदय की तरंगों में थोड़ा अंतर था।
विधानसभा अध्यक्ष को अब पुडुचेरी के सरकारी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ रवि ने मीडियाकर्मियों को बताया कि स्पीकर की देखभाल कार्डियोलॉजिस्ट कर रहे हैं और उनकी हालत स्थिर है। (आईएएनएस)
पटना, 31 अगस्त | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चारा घोटाला मामलों की जांच कर रहे दो एसपी रैंक के अधिकारियों का तबादला कर दिया है। प्रमुख जांच एजेंसी ने बी.के. सिंह और दशरथ मुर्मू सोमवार को क्रमश: पटना और कोलकाता के लिए रवाना होंगे। वे पहले रांची में पदस्थापित थे और चारा घोटाला मामलों में क्रमश: केस संख्या 47ए/1996 और 48ए/1996 के जांच अधिकारी थे। फिलहाल दोनों मामले रांची सिविल कोर्ट में चल रहे हैं।
सीबीआई अधिकारी बी.के. सिंह 47ए/1996 के जांच अधिकारी भी थे। ये मामला लालू प्रसाद से जुड़ा था।
चारा घोटाला सामने आने के बाद पहले रांची हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले पर रोक लगा दी ताकि जांच प्रभावित न हो।
इससे पहले दोनों अधिकारियों का दो बार तबादला हुआ था लेकिन झारखंड हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था। चारा घोटाले की जांच में लंबा समय लगने के कारण इस घोटाले से जुड़े कई अधिकारियों ने रांची में लंबी सेवा की थी।
शुरूआत में चारा घोटाला के 53 मामलों की सुनवाई रांची हाईकोर्ट और 11 मामलों की पटना हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद पर 6 मामलों में आरोप लगे थे और वह फिलहाल इसमें जमानत पर हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 31 अगस्त | उत्तराखंड और कर्नाटक में असंतोष के कारण मुख्यमंत्रियों के बदले जाने की घटना से उत्साहित त्रिपुरा के असंतुष्ट विधायकों की मुहिम परवान नहीं चढ़ सकी है। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने मुख्यमंत्री बिप्लब देब में भरोसा जताया है। हालांकि, पार्टी असंतुष्ट धड़े को भी साधने की कोशिश के तहत आज सायं साढ़े तीन बजे मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रही है। माना जा रहा है कि इसमें नाराज चल रहे विधायकों को मौका मिल सकता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा से तीन विधायकों को तो मंत्री बनने का मौका मिल सकता है, वहीं एक सीट सहयोगी दल आईपीएफटी को मिल सकती है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री बिप्लब देव से असंतुष्ट पार्टी के आधे दर्जन विधायकों की गोलबंदी और बैठक की खबरों ने दिल्ली तक हलचल मचा दिया। यूं तो विधायकों का एक धड़ा पिछले एक साल से मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है और दिल्ली में पिछले साल डेरा डालकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी शिकायत कर चुका है। हालांकि, पार्टी ने मुख्यमंत्री को हटाने पर विचार नहीं किया, जिससे पार्टी विधायकों की नाराजगी बढ़ती गई। सूत्रों का कहना है कि हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की त्रिपुरा में बढ़ती गतिविधियां देख भाजपा सचेत है। पार्टी में आंतरिक असंतोष का कहीं टीएमसी और लेफ्ट के स्तर से फायदा न उठा लिया जाए, इसको लेकर पार्टी डैमेज कंट्रोल करने में जुटी है।
भाजपा ने डैमेज कंट्रोल के लिए राज्य के प्रभारी और नेशनल सेक्रेटरी विनोद सोनकर, राष्ट्रीय महासचिव दिलीप सैकिया के नेतृत्व में दिल्ली से टीम भेजी। यह टीम संगठन और सरकार में शामिल नेताओं से बैठक कर उनके विचार जानने में जुटी है।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर राजनीतिक हालात का जायजा भांपने के लिए पहुंची यह टीम असंतुष्ट पांचों विधायकों- सुदीप रॉय बर्मन, आशीष कुमार साहा, दीबा चंद्र हरंगखाल, आशीष दास और बरबा मोहन से मिलकर मुद्दों को सुलझाने पर फोकस कर रही है।a
त्रिपुरा के घटनाक्रम पर नजर रखने वाले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, 2023 में राज्य में विधानसभा चुनाव हैं। पार्टी चुनाव तक किसी तरह की अनहोनी नहीं चाहती है। आज संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में नाराज नेताओं को जगह दी जा सकती है। 60 सदस्यीय विधानसभा में हमारे पास 36 विधायक हैं। इंडिजिनस पीपल फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के आठ विधायक भी बिब्लब देव का समर्थन कर रहे हैं। सरकार पर कहीं कोई खतरा नहीं है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 31 अगस्त | उत्तर प्रदेश की कांग्रेस महासचिव और प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के मुद्रीकरण के आरोप में उनका नाम घसीटने के लिए उनकी आलोचना की है। एक फेसबुक पोस्ट में, वाड्रा ने लिखा, "अपने तथ्यों को जानें, निर्मला जी! मैं हैरान हूं कि आपके कद का एक मंत्री बिना किसी तथ्य की जांच या योग्यता के दावे और बयानबाजी करता है! रिकॉर्ड के लिए, मेरा किसी भी 'रेलवे स्टेशन' से कोई लेना-देना नहीं है।'! रेलवे के साथ मेरा एकमात्र रिश्ता ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्री का है!"
उन्होंने कहा, "मैं आपसे और साथ ही सत्तारूढ़ दल के अन्य राजनीतिक नेताओं से हर मुद्दे में मेरा नाम घसीटना बंद करने का आग्रह करता हूं !"
उन्होंने कहा, "कृपया मुझे बेवजह बदनाम करना बंद करें और अगली बार अपना होमवर्क ठीक से करें, निर्मला जी।"
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते कहा था कि सरकार राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के तहत संपत्ति का स्वामित्व नहीं देगी और उन्हें अनिवार्य रूप से सरकार को वापस सौंप दिया जाएगा।
मीडिया को संबोधित करते हुए, सीतारमण ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा मुद्रीकरण प्रक्रियाओं का हवाला देते हुए विपक्ष पर निशाना साधा।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का उदाहरण देते हुए, उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष किया और कहा, "इस पर आरएफपी (प्रस्ताव के लिए अनुरोध) किसने किया था? क्या यह अब 'जीजाजी' के स्वामित्व में है!"
उन्होंने कहा, "हम नहीं बेच रहे हैं, सख्त वापसी होगी।" (आईएएनएस)
जमुई, 31 अगस्त | बिहार के जमुई जिले के गिद्धौर थाना क्षेत्र में कथित रूप से एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। पुलिस प्रथम ²ष्टया प्रेम प्रसंग में हत्या की बात कह रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि सेवा गांव निवासी मनोज पंडित का गांव की एक महिला से प्रेम संबंध था, जिसका एक फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
आरोप है कि उसी वायरल फोटो के आधार पर गांव के कुछ लोग और महिला के परिजनों ने सोमवार की रात मनोज पंडित को पकडकर उसकी लाठी-डंडे से जमकर पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
बताया जाता है कि ग्रामीण चिकित्सक का महिला के घर इलाज के लिए जाने के दौरान प्रेम हो गया था।
गिद्धौर के थाना प्रभारी अमित कुमार ने आईएएनएस को बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है तथा मामले की जांच प्रारंभ कर दी है।
उन्होंने बताया कि प्रथम ²ष्टया हत्या का कारण प्रेम प्रसंग बताया जा रहा है। मृतक गांव में चिकित्सक का काम करता था। उन्होंने कहा कि इस मामले में मृतक के परिजन के बयान पर हत्या की एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। दर्ज प्राथमिकी में आठ लोगों को नामजद तथा अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। (आईएएनएस)
महुआ वेंकटेश
नई दिल्ली, 31 अगस्त | अफगानिस्तान संकट के दबाव में मध्य एशिया में बढ़ती अनिश्चितता के बीच, भारत और नेपाल जो एक खुली सीमा साझा करते हैं, चुपचाप द्विपक्षीय व्यापार और लोगों से लोगों के संपर्क को बढ़ावा देने के लिए नई नीति को तैयार करने की कोशिश में जुटे हैं।
अमेरिकी ऑनलाइन पब्लिकेशन द इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स ने उल्लेख किया है कि भाजपा के विदेश मामलों के विभाग के प्रमुख, विजय चौथवाले की काठमांडू की हालिया यात्रा और शीर्ष नेताओं के साथ बैठकें भारत और नेपाल के बीच द्विपक्षीय संबंधों की शुरूआत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते भारत-नेपाल प्रेषण सुविधा योजना के तहत भारत से नेपाल के लिए एकल लेनदेन के लिए प्रेषण की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है। इस कदम से हिमालयी देश में बसने वाले पूर्व सैनिकों के लिए पेंशन भुगतान की सुविधा के साथ-साथ दोनों पड़ोसियों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि भारत को जल्द से जल्द एक सुविचारित नेपाल स्थापित करना होगा, खासकर तब जब चीन पहले से ही काठमांडू में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। चीन पहले ही कह चुका है कि वह तालिबान 2.0 के तहत अफगानिस्तान का पुनर्निर्माण करने को तैयार है। वहीं कई विदेशी मामलों के पंडितों का कहना है। ये कदम बीजिंग की पकड़ को और बढ़ा सकता है।
अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि नेपाल के प्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा भी भारत के विस्तारित समर्थन के इंतजार में हैं, जब नई सरकार को अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लंबे कार्य का सामना करना पड़ेगा।
वहीं बीजिंग मुख्यालय वाले ग्लोबल टाइम्स ने भी एक लेख में कहा है कि "दुनिया में नेपाल की पहुंच की कुंजी भारत के हाथों में है।"
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के एक पेपर में कहा गया है कि हालांकि नेपाल-भारत संबंध बड़े पैमाने पर लोगों से लोगों के संबंधों द्वारा शासित होते हैं। वहीं सरकार से सरकार के संबंधों के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है।
वहीं भारत देउबा के मंत्रिमंडल को उत्सुकता से देख रहा है कि कार्यालय में एक महीने से अधिक समय पूरा करने के बावजूद नेता को अभी तक नहीं बनाया गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 31 अगस्त | रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नोएडा में उसकी एक आवासीय परियोजना में दो 40 मंजिला इमारतों को गिराने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के बीच मिलीभगत थी, जबकि नोएडा में इसकी एक परियोजना में सिर्फ दो टावरों के निर्माण की अनुमति दी गई थी। खंडपीठ ने कहा, नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक को दो अतिरिक्त 40-मंजिल टावरों के निर्माण की अनुमति दी, जो खुले रूप से नियमों का उल्लंघन था। कोर्ट ने निर्देश दिया कि 3 महीने के भीतर उसका विध्वंस किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर कहा कि शहरी क्षेत्रों में अनधिकृत निर्माण में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है, जो डेवलपर्स और शहरी नियोजन अधिकारियों के बीच मिलीभगत के परिणामस्वरूप हुई। अदालत ने कहा कि नियमों के इस तरह के उल्लंघन से सख्त तरीके से निपटा जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने सुपरटेक को दो महीने के भीतर 12 फीसदी सालाना ब्याज के साथ जुड़वां टावरों में अपार्टमेंट के खरीदारों को सभी राशि वापस करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने बिल्डर को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को 2 करोड़ रुपये की लागत का भुगतान करने का भी निर्देश दिया।
इस महीने की शुरूआत में, शीर्ष अदालत ने नोएडा प्राधिकरण को एक हरे क्षेत्र में रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक के दो आवासीय टावरों को मंजूरी देने के लिए फटकार लगाई थी। शीर्ष अदालत ने यह भी बताया कि प्राधिकरण ने भवन योजनाओं के बारे में घर खरीदारों से सूचना के अधिकार के अनुरोध को रोक दिया है।
शीर्ष अदालत ने नोएडा प्राधिकरण से कहा था, जिस तरह से आप बहस कर रहे हैं उससे ऐसा लगता है कि आप प्रमोटर हैं। आप घर खरीदारों के खिलाफ नहीं लड़ सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने आगे कहा था कि एक सार्वजनिक प्राधिकरण के रूप में, उसे एक तटस्थ रुख अपनाना चाहिए, लेकिन उसके आचरण से आंख, कान और नाक से भ्रष्टाचार झलकता है।
शीर्ष अदालत का फैसला सुपरटेक और नोएडा प्राधिकरण द्वारा 11 अप्रैल, 2014 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर आया, जिसमें दो टावरों, एपेक्स और सियेन को ध्वस्त करने का फैसला किया गया था, जो सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा था। (आईएएनएस)
वेंकटचारी जगन्नाथन
चेन्नई, 30 अगस्त | भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के चार पायलट, जिन्होंने रूस में अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण लिया था, अपने अंतरिक्ष सूट को आजमाने के उद्देश्य से वहां वापस जाएंगे। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "हम उनके यात्रा कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं। वे दो सप्ताह तक वहां रह सकते हैं।"
चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों में से तीन भारत के 10,000 करोड़ रुपये के मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' का हिस्सा होंगे।
अधिकारी के अनुसार, चार अंतरिक्ष यात्री मॉस्को के पास स्थित ज्वेज्डा नामक कंपनी द्वारा डिजाइन और बनाए गए अपने स्पेससूट को आजमाएंगे।
ज्वेज्डा पायलटों और अंतरिक्ष यात्रियों/अंतरिक्ष यात्रियों के लिए व्यक्तिगत जीवन समर्थन प्रणाली, विमान की दुर्घटनाओं के मामले में चालक दल और यात्रियों के लिए बचाव के साधन और विमान ईंधन भरने वाली प्रणाली बनाती है।
चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री रूस में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद मार्च 2021 में भारत लौट आए।
इसरो अधिकारी के मुताबिक, अंतरिक्ष यात्रियों की डीब्रीफिंग या सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है।
वे भारतीय वायुसेना के विमानों के साथ उड़ान प्रशिक्षण भी जारी रखेंगे।
उनका समुद्री प्रशिक्षण और क्लास रूम प्रैक्टिकल भी एक साल तक चलेगा।
इसरो प्रमुख के. सिवन ने पहले आईएएनएस को बताया था, "चार अंतरिक्ष यात्री भारत में अंतरिक्ष मिशन के विशिष्ट प्रशिक्षण से गुजरेंगे।"
चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री फरवरी 2020 से गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (जीसीटीसी) में प्रशिक्षण ले रहे थे, जो कि ग्लावकोस्मोस से संबंधित है, जो रूसी अंतरिक्ष निगम रोस्कोस्मोस की सहायक कंपनी है।
सिवन के अनुसार, चार अंतरिक्ष यात्री भारतीय अंतरिक्ष मॉड्यूल में सवार होने तक प्रशिक्षण लेते रहेंगे।
घर वापस प्रशिक्षण व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर सिवन ने कहा था, "अंतरिक्ष यात्रियों के पास उनका शारीरिक फिटनेस प्रशिक्षण होगा, जिसमें तैराकी और जॉगिंग शामिल है। उनके पास अकादमिक/सैद्धांतिक कक्षाएं भी होंगी, क्योंकि उन्हें रॉकेट और मानव अंतरिक्ष मॉड्यूल को समझना होगा।"
उन्होंने कहा, "उन्हें सिमुलेटर पर भी प्रशिक्षित किया जाएगा। गगनयान मॉड्यूल नेविगेशन टर्मिनलों का अनुकरण किया जाएगा। अंतरिक्ष यात्रियों को विभिन्न मापदंडों पर प्रशिक्षित किया जाएगा जो टर्मिनलों पर प्रदर्शित किए जाएंगे।"
अंतरिक्ष यात्री बाद में गगनयान मॉड्यूल पर ऐसे काम करेंगे जैसे वे उड़ रहे हों।
सिवन ने कहा, "इनके अलावा, अंतरिक्ष यात्रियों को जीवित रहने की तकनीकों पर प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे समुद्र में जीवित रह सकें, क्योंकि उनका लैंडिंग मॉड्यूल समुद्र के पानी पर उतरेगा।"
ये अंतरिक्ष यात्री बाद में गगनयान मॉड्यूल पर काम करेंगे, स्पेससूट पहनने पर उन्हें लगेगा, जैसे वे उड़ रहे हों। (आईएएनएस)
गुवाहाटी, 31 अगस्त| असम में कांग्रेस के नेतृत्व वाली 'महाजोत' (महागठबंधन) टूटने की कगार पर थी, सोमवार को कांग्रेस ने घोषणा की कि उसने बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाली एआईयूडीएफ और आदिवासी पार्टी बीपीएफ से गठबंधन तोड़ने का फैसला किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी की बैठक में कहा गया कि सत्तारूढ़ भाजपा के संबंध में एआईयूडीएफ के व्यवहार और रवैये ने उनकी पार्टी को 'चकित' कर दिया है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता बोबीता शर्मा ने कहा, "एआईयूडीएफ (ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) नेतृत्व और वरिष्ठ सदस्यों ने लगातार और रहस्यमय तरीके से भाजपा और मुख्यमंत्री (हिमंत बिस्वा सरमा) की प्रशंसा करते हुए कांग्रेस की जनता की धारणा को प्रभावित किया है। इस संबंध में, एक लंबी चर्चा के बाद, कोर कमेटी एपीसीसी (असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी) के सदस्यों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि एआईयूडीएफ अब 'महाजोत' का गठबंधन सहयोगी नहीं रह सकता है और इस संबंध में एआईसीसी को सूचना भेजेगा।
उन्होंने कहा कि सोमवार की बैठक में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) से गठबंधन को लेकर भी चर्चा हुई।
शर्मा ने कहा, "चूंकि बीपीएफ पहले ही 'महाजोत' में बने रहने के लिए विभिन्न मंचों पर अपनी अनिच्छा व्यक्त कर चुका है, इसलिए एपीसीसी अध्यक्ष को इस मामले पर निर्णय लेने और आलाकमान को सूचित करने का पूरा अधिकार दिया गया है।"
कांग्रेस, जिसने 15 वर्षो (2001-2016) तक असम पर शासन किया, मार्च-अप्रैल के चुनावों में 29 सीटों का प्रबंधन किया, 2016 के चुनावों से तीन अधिक, जब वह भाजपा से असम हार गई। 10-पार्टी 'महाजोत' के अन्य सहयोगियों में से, एआईयूडीएफ ने पिछली बार 13 से 16 सीटें जीतीं, बीपीएफ को 12 के मुकाबले चार सीटें मिलीं, और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी ने सिर्फ एक सीट जीती।
सोमवार की कोर कमेटी की बैठक में यह भी देखा गया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान पूर्वोत्तर में अंतर-राज्यीय सीमा मुद्दे धीरे-धीरे बढ़े हैं।
इसने सीमा विवाद पर पड़ोसी मिजोरम के साथ 'अभूतपूर्व बिगड़ते संबंधों' पर गहरी चिंता व्यक्त की और सीमा मुद्दों पर पड़ोसी राज्यों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की विफलता की निंदा की।
शर्मा ने कहा कि दीमा हसाओ जिले में उग्रवादियों द्वारा पांच ट्रक चालकों की हत्या और धेमाजी जिले में छात्रा नंदिता सैकिया की दिन दहाड़े हत्या यह साबित करती है कि राज्य सरकार राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि असम कांग्रेस के नेता राज्य सरकार द्वारा चाय श्रमिकों के दैनिक वेतन को बढ़ाकर 205 रुपये प्रतिदिन करने की घोषणा का कड़ा विरोध करते हैं, जो कि 2016 में भाजपा द्वारा वेतन वृद्धि को 351 रुपये करने के चुनावी वादे से काफी कम है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 31 अगस्त | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को पुष्टि की कि जिले में रहस्यमय डेंगू जैसे बुखार से फिरोजाबाद में 32 बच्चों और सात वयस्कों की मौत हुई है। आदित्यनाथ ने अपने सदस्यों को खोने वालों के परिवारों से मुलाकात की और उन्हें मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने फिरोजाबाद में 100 बिस्तरों वाले जिला अस्पताल का भी दौरा किया, जहां बीमारी के लक्षण दिखाने वाले बच्चों का इलाज किया जा रहा है।
कथित तौर पर रहस्यमयी बुखार के कारण इस अस्पताल में हाल ही में कम से कम 30 बच्चों की जान चली गई।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "फिरोजाबाद के जिला अस्पताल में समर्पित कोविड-19 वार्ड इस बुखार से पीड़ित मरीजों के लिए आरक्षित है।"
मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में 'वायरल फीवर' के मामलों में तेजी देखी गई है, जिस कारण सरकार ने खतरे से आगाह किया है।
फिरोजाबाद से भाजपा विधायक मनीष असिजा ने रविवार को दावा किया था कि पिछले हफ्ते इस बीमारी से 40 बच्चों की मौत हुई थी।
इस दावे का खंडन यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने किया। उन्होंने असिजा के दावों को 'गलत' करार दिया और कहा कि उन्हें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
फिरोजाबाद के जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने इस बात से इनकार किया कि यह महामारी की तीसरी लहर है। उन्होंने कहा, "भारी बारिश और जलजमाव के कारण बच्चों में तेज बुखार का कारण डेंगू और मलेरिया है।"
स्वास्थ्य टीमों ने मरीजों का कोविड परीक्षण किया है, लेकिन वे सभी कोरोना नेगेटिव पाए गए हैं। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 31 अगस्त| हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 2,500 दिनों में उनके नेतृत्व में 50 लाख किसानों को लगभग 11,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। उनकी भाजपा सरकार तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के राज्यव्यापी विरोध का सामना कर रही है। अपनी सरकार के 2500 दिन पूरे होने पर खट्टर ने मीडिया से कहा कि सरकार ने क्षेत्रीय और जिलावार विकास के नाम पर हरियाणा को बांटने की विचारधारा से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार मुक्त, कागज रहित और फेसलेस शासन के एक नए युग की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि उन्होंने न केवल किसानों के हितों को कायम रखते हुए गरीबों में से सबसे गरीब का उत्थान करके, युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर प्रदान करके राज्य के परिवर्तन को एक विकास चुंबक के रूप में सुनिश्चित किया है, बल्कि योजनाओं को चाक-चौबंद करने पर भी ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें राज्य 'जीने में आसानी' सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकता है। सूचकांक पर रैंकिंग में सुधार के अलावा लोगों के आर्थिक उत्थान के लिए काम किए गए हैं।
खट्टर ने दावा किया कि पिछले 2,500 दिनों में किए गए विकास कार्य कुछ ऐसे हैं जो पिछली सरकारें अपने 50 वर्षो के कार्यकाल में भी देने में 'विफल' रही थीं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जब से उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है, राज्य सरकार सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों के समान विकास सुनिश्चित करके हरियाणा को तेजी से विकास पथ पर ले जाने की दिशा में 'समर्पित' होकर काम कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि किसानों के हित को हमेशा शीर्ष पर रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उनके कल्याण के लिए विभिन्न पहल और योजनाएं शुरू की गई हैं और इन योजनाओं के तहत लगभग 50 लाख किसानों के खातों में 11,000 करोड़ रुपये की राशि सीधे हस्तांतरित की गई है।
किसानों को स्टांप शुल्क में छूट की घोषणा करते हुए खट्टर ने कहा कि अब प्रति डीड के लिए केवल 5,000 रुपये लिए जाएंगे।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित करने जा रहे मुख्यमंत्री ने कहा, "पहले यह पंजीकरण शुल्क का सात प्रतिशत हुआ करता था।"
खट्टर ने कहा कि 2500 दिनों में ढांचागत सुधार के मामले में एक बड़ी छलांग लगाई गई है।
बड़ी लंबी अवधि की परियोजनाओं के लिए 2021-22 में करीब 8,700 करोड़ रुपये का मीडियम टर्म एक्सपेंडिचर फ्रेमवर्क रिजर्व फंड बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि 17 नए राष्ट्रीय राजमार्गो की घोषणा की गई, जिनमें से 11 का काम प्रगति पर है। लगभग 30,000 करोड़ रुपये की लागत से सराय काले खां और पानीपत के बीच क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कनेक्टिविटी की परियोजना की योजना बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि लगभग 6,000 करोड़ रुपये की लागत से पलवल-सोनीपत और सोहना-मानेसर के निर्माण के लिए हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर स्वीकृत किया गया है। सोनीपत में 161 एकड़ में रेल कोच रिपेयर फैक्ट्री लगाई जा रही है।
इसके अलावा, हिसार हवाईअड्डे को एक प्रमुख परियोजना के रूप में वर्णित करते हुए, खट्टर ने कहा कि हिसार में एकीकृत विमानन केंद्र न केवल राज्य के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बल्कि हवाई प्रशिक्षण, हवाई संचालन और क्षेत्र में मरम्मत आदि रोजगार की अपार संभावनाएं भी सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा कि करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है और हरियाणा में और नए स्मार्ट सिटी विकसित किए जाएंगे। बड़े शहरों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला में मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने पेपर लीक के संबंध में किसी भी साजिश में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति पर दो साल के लिए प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ दो से 10 साल की कैद और न्यूनतम 5,000 रुपये और अधिकतम 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया है। इसके लिए हरियाणा लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2021 को विधानसभा में पारित कर दिया गया है।" (आईएएनएस)
मोहम्मद शोएब खान
नई दिल्ली, 30 अगस्त | आयुष्मान भारत योजना के तहत वर्ष 2018 से 2021 के बीच हेमोडायलिसिस, सिजेरियन डिलीवरी और मोतियाबिंद के रोगियों को सबसे ज्यादा सुविधाएं मिलीं। इसके अलावा, दो अन्य रोगी भी शामिल हैं। आरटीआई के तहत मांगे जाने पर यह जानकारी दी गई है।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम मुहैया कराना है।
18 अगस्त को सामाजिक कार्यकर्ता विवेक पांडेय द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में दी गई जानकारी के मुताबिक, हेमोडायलिसिस, सिजेरियन डिलीवरी, मोतियाबिंद, टाइफाइड फीवर और एक्यूट फेब्रील इलनेस के रोगी लाभान्वित हुए।
दरअसल, इस योजना के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये तक का कैशरहित स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है।
आरटीआई के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 16.3 करोड़ लोगों ने इस योजना में खुद को पंजीकृत करा चुके हैं, इनमें 4.48 करोड़ असम, कर्नाटक, तमिलनाडु में कार्ड जारी हुए हैं।
हालांकि राजस्थान और आंध्रप्रदेश में कितने जारी हुए इसका डेटा नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी के पास नहीं है।
वहीं आरटीआई में इस बात का भी पता चला कि कुल 1.85 करोड़ मरीजों ने 2018 से 2021 तक इस कार्ड के तहत लाभ उठाया है।
साथ ही कुल 2.004 करोड़ लाभर्ति इस योजना के तहत अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। योजना से जुड़े अस्पतालों को अब तक 13 हजार 797 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
इस योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के आकार या उम्र की कोई सीमा तय नहीं की गई है, योजना के लाभ पूरे देश में कहीं भी लागू करे जा सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी को देशभर के किसी भी सार्वजनिक या निजी अंतर्गत अस्पताल से कैशलेस (बिना पैसे दिए) लाभ लेने की अनुमति होगी।
दरअसल, मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के बाद अपने बीमा दस्तावेज देने होंगे। इसके आधार पर अस्पताल इलाज के खर्च के बारे में बीमा कंपनी को सूचित कर देगा और बीमित व्यक्ति के दस्तावेजों की पुष्टि होते ही इलाज बिना पैसे दिए हो सकेगा।
इस योजना के तहत बीमित व्यक्ति सिर्फ सरकारी ही नहीं, बल्कि निजी अस्पतालों में भी अपना इलाज करवा सकेगा। (आईएएनएस)
मुंबई, 30 अगस्त | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना पर दबाव बनाते हुए सोमवार को शिवसेना के वरिष्ठ परिवहन मंत्री अनिल परब और पांच बार लोकसभा सांसद रह चुकी भावना पी. गवली के कई ठिकानों पर छापेमारी की। सूत्रों ने यह जानकारी दी। ईडी की छापेमारी से एक दिन पहले ही परब को 31 अगस्त को एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस मामले में कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेंगे।
दूसरी ओर, गवली ने कहा कि उन्हें अब तक ईडी का कोई नोटिस नहीं मिला है। एजेंसी ने वाशिम जिले में उनसे जुड़े लगभग आधा दर्जन स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें कुछ ट्रस्ट, एक कॉलेज तथा सामाजिक और व्यावसायिक संगठन शामिल हैं।
जहां पाटिल शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी हैं, वहीं गवली संसद के निचले सदन में पार्टी की एकमात्र महिला चेहरा हैं, जो वाशिम से दो बार और वाशिम-यवतमाल निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार चुनी जा चुकी हैं।
परब ने कहा, यह (ईडी नोटिस) एक कानूनी मामला है। हम इससे कानूनी रूप से निपटेंगे।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार किए जाने के एक सप्ताह बाद ईडी की ओर से यह कार्रवाई सामने आई है। राणे को अपनी आशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिवसेना सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि ईडी द्वारा जारी नोटिस कोई डेथ वारंट नहीं है, बल्कि राजनीतिक कार्यकतार्ओं के लिए तो यह एक लव लेटर (प्रेम पत्र) के समान है।
राउत ने मीडियाकर्मियों से कहा, महा विकास अघाड़ी सरकार की दीवार को तोड़ने के कई असफल प्रयासों (विपक्षी भाजपा द्वारा) के बाद केवल ऐसे प्रेम पत्रों की आवृत्ति बढ़ी है, जो मजबूत और अभेद्य बनी हुई है। हम इससे डरते नहीं हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि इस तरह के नोटिस और छापे गैर-भाजपा दलों द्वारा शासित राज्यों के खिलाफ एक स्पष्ट राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम हैं।
मलिक ने कहा, कुछ भाजपा नेता पहले ही कह देते हैं कि अमुक नेता को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा और केंद्रीय एजेंसियां काम करना शुरू कर देंगी। ईडी के बारे में पूरे भारत में लोगों के मन में एक मजबूत संदेह है और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में कुछ टिप्पणियां की हैं।
उन्होंने बताया कि कैसे जब अन्य दलों के नेता भाजपा में शामिल होते हैं, तो उनके खिलाफ सभी कार्रवाइयां छोड़ दी जाती हैं और दोहराया कि एमवीए गठबंधन इस तरह की रणनीति से नहीं झुकेगा। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 31 अगस्त| घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मुहैया कराने में विफल रहने पर पंजाब में अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने सोमवार को पांच से सात दिनों का विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की। सिद्धू ने निजी कंपनियों के साथ हस्ताक्षरित बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को समाप्त करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है।
सिद्धू ने ट्वीट किया, पंजाब सरकार को सार्वजनिक हित में पीएसईआरसी (पंजाब राज्य विद्युत नियामक आयोग) को यह निर्देश जारी करने चाहिए कि प्राइवेट पावर प्लांट्स को किए जा रहे शुल्क को संशोधित करे। दोषपूर्ण पीपीए को शून्य घोषित किया जाए। दोषपूर्ण पीपीए को खत्म करने और एक नया कानून लाने के लिए पांच से सात दिन का विधानसभा सत्र बुलाया जाना चाहिए।
इस मुद्दे पर किए गए एक अन्य ट्वीट में सिद्धू ने कहा, इससे पंजाब सरकार को सामान्य श्रेणी सहित सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने में मदद मिलेगी। घरेलू टैरिफ को घटाकर तीन रुपये प्रति यूनिट और इंडस्ट्री के लिए पांच रुपये प्रति यूनिट.. इसके साथ ही सभी बकाया बिलों के समाधान और अनुचित बिलों को माफ करने में सहायता मिलेगी।
सरकार ने गुरु तेग बहादुर के ऐतिहासिक 400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में 3 सितंबर को एक दिन के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है।
अपने पहले के ट्वीट्स में सिद्धू ने पीपीए को दोषी ठहराया था और कहा था कि पिछली सरकार ने तीन निजी ताप विद्युत संयंत्रों के साथ हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने पहले कहा था कि 2020 तक पंजाब ने इन समझौतों में दोषपूर्ण धाराओं के कारण 5,400 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इससे लोगों के 65,000 करोड़ रुपये फिक्स चार्ज के तौर पर चुकाने की उम्मीद है।
पीपीए को अलग रखने की आवश्यकता का समर्थन करते हुए, सिद्धू ने कहा था कि राज्य राष्ट्रीय ग्रिड से बहुत सस्ती दरों पर बिजली खरीद सकता है। उन्होंने कहा था, लेकिन बादल द्वारा हस्ताक्षरित ये पीपीए पंजाब के जनहित के खिलाफ काम कर रहे हैं। माननीय अदालतों से कानूनी संरक्षण होने के कारण पंजाब इन पीपीए पर फिर से बातचीत करने में सक्षम नहीं हो सकता है, लेकिन आगे एक रास्ता है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 अगस्त | जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) के अध्यक्ष अरशद मदनी ने सभी गैर-मुसलमानों से अपनी बेटियों को अश्लीलता से बचाने के लिए सह-शिक्षा स्कूलों में नहीं भेजने की अपील की है। उन्होंने लड़कियों को उनके लिए बने अलग स्कूलों में ही भेजने पर जोर दिया। जेयूएच की कार्यसमिति की बैठक के बाद सोमवार को जारी एक प्रेस बयान में मदनी ने कहा, "अनैतिकता और अश्लीलता किसी धर्म की शिक्षा नहीं है। दुनिया के हर धर्म में इसकी निंदा की गई है, क्योंकि यही चीजें हैं जो देश में दुर्व्यवहार फैलाती हैं। इसलिए, हम अपने गैर-मुस्लिम भाइयों से भी कहेंगे कि वे अपनी बेटियों को अनैतिकता और दुर्व्यवहार से दूर रखने के लिए सह-शिक्षा देने से परहेज करें और उनके लिए अलग शिक्षण संस्थान स्थापित करें।"
कार्यसमिति की बैठक के दौरान बालक-बालिकाओं के लिए स्कूल-कॉलेजों की स्थापना, विशेष रूप से लड़कियों के लिए धार्मिक वातावरण में अलग-अलग शिक्षण संस्थान और समाज में सुधार के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई।
मदनी ने कहा कि आज की स्थिति में लोगों को अच्छे मदरसों और उच्च धर्मनिरपेक्ष शिक्षण संस्थानों की जरूरत है, जिसमें बच्चों को शिक्षा के समान अवसर प्रदान किए जा सकें।
मदनी ने कहा कि मुसलमानों को अपने बच्चों को किसी भी कीमत पर उच्च शिक्षा से लैस करना चाहिए।
उन्होंने कहा, "हमें ऐसे स्कूलों और कॉलेजों की सख्त जरूरत है, जहां हमारे बच्चे, खासकर लड़कियां बिना किसी बाधा या भेदभाव के उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।" (आईएएनएस)
हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद किसान आंदोलन के नेताओं ने प्रदर्शनों को और और तीव्र करने का आह्वान किया है. सितंबर में उत्तर प्रदेश में विशाल महापंचायतों के आयोजन की तैयारी शुरू कर दी गई है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
28 अगस्त को हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ गई है. लाठीचार्ज में कई किसान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. किसानों का दावा है कि लाठीचार्ज में घायल हुए एक किसान की मृत्यु हो गई, लेकिन प्रशासन ने इस दावे से इंकार किया है.
किसान विशेष रूप से करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा से नाराज हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में सिन्हा को पुलिस को "सर फोड़ दो किसानों के" कहते हुए सुना जा सकता है. किसान आंदोलन के नेताओं, एक्टिविस्टों और राजनीतिक दलों ने पुलिस की कार्रवाई और विशेष रूप से एसडीएम के बर्ताव की आलोचना की है और उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की है.
चक्का जाम
बल्कि हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी लाठीचार्ज की निंदा की और और सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया. इसके विपरीत मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि प्रदर्शनों के दौरान अगर पत्थर फेंके जाएंगे और राज्यमार्ग को ब्लॉक किया जाएगा तो पुलिस को कदम उठाने पड़ेंगे.
करनाल में हुई घटना के विरोध में 29 अगस्त को किसानों ने कई स्थानों पर चक्का जाम किया. पंजाब में हजारों किसान सड़कों पर आ गए और कम से कम दो घंटों के लिए सभी राज्य और राष्ट्रीय राज्यमार्गों को ब्लॉक किया.
इसके अलावा हरियाणा के नूह में किसानों की एक विशाल महापंचायत आयोजित की गई जहां करनाल की घटनाओं की निंदा की गई. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एसडीएम सिन्हा को 'कमांडर' बताते हुए कहा कि, "देश पर सरकारी तालिबान का कब्जा हो चुका है" और "पुलिस के जरिए ये पूरे देश पर कब्जा करना चाहते हैं."
महापंचायत में टिकैत के अलावा दर्शन पाल, बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव समेत संयुक्त किसान मोर्चा के कई और नेता शामिल हुए. सभी नेताओं ने किसानों को प्रदर्शन जारी रखने को कहा और आने वाले दिनों में और कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा.
'मिशन यूपी'
मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार मोर्चा के संयोजक दर्शन पाल ने दक्षिणी हरियाणा के किसानों को कहा कि उन्हें भी इस दिशा से दिल्ली को घेर लेना चाहिए. किसानों ने नवंबर 2020 से कम से कम तीन और स्थानों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाया हुआ है.
मोर्चा के नेताओं ने एक महत्वपूर्ण घोषणा के तहत यह बताया कि कुछ ही महीनों में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पूरे प्रदेश में किसानों के बीच कैंपेन करने की कोशिश की जाएगी. टिकैत ने पत्रकारों से कहा कि किसानों को बीजेपी द्वारा उनसे किए गए वादे याद दिलाए जाएंगे.
इस अभियान को 'मिशन यूपी' का नाम दिया गया है. दर्शन पाल ने बताया कि पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में एक विशाल महापंचायत आयोजित की जाएगी और वहीं इस मिशन की घोषणा की जाएगी. हालांकि टिकैत ने यह स्पष्ट कहा कि मोर्चा चुनाव नहीं लड़ेगा. (dw.com)
शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिक टॉक ने मिल्क क्रेट चैलेंज पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि इस चैलेंज में भाग लेने वाले यूजर्स गंभीर रूप से घायल हो रहे थे.
टिक टॉक के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है, टिक टॉक खतरनाक कामों को बढ़ावा देने या महिमामंडित करने वाली सामग्री को प्रतिबंधित करता है. प्रवक्ता के बयान के मुताबिक, "हम ऐसी सामग्री को हतोत्साहित करने के लिए वीडियो को हटाते हैं और खोजों को हमारे सामुदायिक दिशा-निर्देशों पर पुनर्निर्देशित करते हैं. हम सभी को अपने व्यवहार में सावधानी बरतने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन."
इस ट्रेंड को दर्शाने वाले अधिकांश वीडियो में टिक टॉक यूजर्स जमीन पर गिरते हुए दिखाई देते हैं क्योंकि वे अस्थायी पिरामिड पर एक तरफ से चढ़ते हैं और दूसरी तरफ से नीचे उतरने की कोशिश करते हैं. इसी चैलेंज को पूरा करने की कोशिश में कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं.
प्लास्टिक के क्रेट पर इस चैलेंज को करने का मकसद संतुलन का प्रदर्शन करना होता है. हालांकि इसमें कई लोग विफल होकर घायल हो गए.
एक चैलेंज जिससे टूट रही हड्डियां
यह प्रतिबंध कई स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर इस ट्रेंड और इसमें भाग लेने वालों के लिए खतरे के बारे में अपनी चिंताओं को जाहिर करने के बाद आया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐप पर ट्रेंड के हैशटैग की खोज करने पर अब कोई परिणाम नहीं आता है.
खोज परिणाम पृष्ठ उपयोगकतार्ओं को सूचित करता है कि यह वाक्यांश व्यवहार या सामग्री से जुड़ा हो सकता है जो हमारे दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है. एक सुरक्षित और सकारात्मक अनुभव को बढ़ावा देना टिक टॉक की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
हालांकि, ट्रेंड को दर्शाने वाले कुछ वीडियो अभी भी ऐप पर दिखाई दे रहे हैं अगर उपयोगकर्ता चुनौती से जुड़े कीवर्ड की गलत वर्तनी खोजते हैं. इन वीडियो को बहुत अधिक बार देखा नहीं गया है, फिर भी वे प्रतिबंध के दायरे से बाहर और ऐप पर बने रहने में कामयाब रहे हैं.
अमेरिका में लोगों के मिल्क क्रेट चैलेंज वाले वीडियो की बाढ़ सी पिछले दिनों में आ गई थी. कई वीडियो में लोग असफल होते हुए गिरते हुए भी देखे गए. कांसास स्वास्थ्य प्रणाली विश्वविद्यालय के डॉ. चाड कैनन के मुताबिक, "ऐसा कर आप जोखिम में हैं. आपके सिर में चोट लग सकती है और खून बह सकता है."
अमेरिका में अस्पतालों की ओर से लोगों से कहा जा रहा है कि लोग कोरोना महामारी के दौरान इस चैलेंज को न करें क्योंकि अस्पतालों में पहले से बिस्तर की कमी है. (dw.com)
आईएएनएस
नई दिल्ली, 29 अगस्त | विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की अवर सचिव ने विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों, कॉलेजों में जातीय आधारित भेदभाव की निगरानी के लिए एक सकरुलर जारी किया था। शिक्षण संस्थानों से कहा गया था कि भेदभाव संबंधी शिकायत दर्ज करने के लिए वह अपना वेबसाइट पेज निमित्त करे। हालांकि तीन साल बीत जाने पर भी अधिकांश विश्वविद्यालयों और कॉलेजों ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की।
यूजीसी ने यह सकरुलर दिल्ली विश्वविद्यालय, इलाहबाद विश्वविद्यालय, डॉ आंबेडकर विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जेएनयू, जामिया मिलिया इस्लामिया, इग्नू, एमडीयू, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, आईपी यूनिवर्सिटी, अम्बेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली समेत देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को सकरुलर जारी किया था।
यूजीसी ने यह सकरुलर 958 उन विश्वविद्यालयों और संस्थानों को भेजा था जो यूजीसी की लिस्ट में है और जो उससे अनुदान प्राप्त करती है। इन संस्थानों को यूजीसी के द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध विभागों, कॉलेजों में एससी, एसटी, ओबीसी के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के साथ हो रही जातीय आधारित घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। यूजीसी ने इस सकरुलर के आधार पर विश्वविद्यालय व कॉलेज स्तर पर जातीय उत्पीड़न रोकने के लिए जातीय उत्पीड़न निवारण सैल की स्थापना किए जाने की मांग की है।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पी.सी. जोशी से यह मांग की है कि डीयू के विभागों, कॉलेजों में जातीय आधारित किसी भी भेदभाव की निगरानी करने के लिए विश्वविद्यालय व कॉलेज स्तर पर जातीय उत्पीड़न सुरक्षा कमेटी गठित की जाए। कमेटी में एससी, एसटी और ओबीसी के शिक्षकों व कर्मचारियों को रखा जाए।
उन्होंने यूजीसी की अवर सचिव द्वारा विश्वविद्यालयों को भेजे गए सकरुलर में उन्होंने याद दिलाया है कि यूजीसी ने 19 जुलाई से 15 मई 2017 तक इस संदर्भ में उचित कार्यवाही करने हेतु कई पत्र जारी किए हैं।
डॉ. सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकांश ऐसे कॉलेज है जहां एससी,एसटी ,ओबीसी के शिक्षकों, कर्मचारियों के साथ जातीय भेदभाव की घटनाएं घटित हुई है। ऐसे मामले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में दर्ज है। दोनों आयोगों द्वारा कार्यवाही करने के लिए कॉलेज प्रशासन व विश्वविद्यालय को लिखा जाता है, लेकिन समाधान नहीं हो पाता।
उन्होंने बताया है कि सबसे ज्यादा मामले शिक्षकों की नियुक्ति में रोस्टर व आरक्षण का सही ढंग से पालन न करना है। इसी तरह से कर्मचारियों की नियुक्ति व पदोन्नति के मामले आयोग में पंजीकृत है। उनका कहना है कि जातीय भेदभाव के आधार कर्मचारियों के मामले ज्यादा है। उन्होंने कुलपति को तथा अपने विद्वत परिषद के सदस्य के समय ये मामले उठाएं थे लेकिन उनका समाधान आज तक नहीं हो पाया। हाल ही में दो महिला कॉलेजों में इस तरह की घटना हुई है लेकिन विश्वविद्यालय ने कोई संज्ञान नहीं लिया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 29 अगस्त | माइक्रोसॉफ्ट ने कथित तौर पर चेतावनी दी है कि पुराने सीपीयू पर विंडोज 11 अपडेट नहीं होगा। द वर्ज की एक रिपोर्ट के अनुसार, असमर्थित पीसी विंडोज अपडेट प्राप्त करने के हकदार नहीं होंगे,और यहां तक कि सुरक्षा और ड्राइवर अपडेट भी रोके जा सकते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने पहले कहा था कि यह वास्तव में यूजर्स को पुराने सीपीयू वाले पीसी पर विंडोज 11 स्थापित करने से नहीं रोकेगा, जब तक आप अपने आप से एक आईएसओ फाइल को डाउनलोड और मैन्युअल रूप से इंस्टॉल करते हैं।
कंपनी ने घोषणा की थी कि वह लोगों को अधिकांश पुराने पीसी पर विंडोज 11 स्थापित करने की अनुमति देती है। विंडोज 11 अपग्रेड के लिए टेक दिग्गज के पास थोड़ा अपडेटेड सिस्टम आवश्यकताएं हैं।
विंडोज 11 अब आधिकारिक तौर पर इंटेल कोर एक्स सीरिज, जिऑन वाई-सीरिज और इंटेल कोर 7820एचक्यू को सपोर्ट करेगा।
उपयोगकर्ता विंडोज 11 को आईएसओ फाइल से मैन्युअल रूप से इंस्टॉल कर सकते हैं। यह तब तक है जब तक सिस्टम में कम से कम 4जीबी रैम और 64जीबी स्टोरेज के साथ 1गीगाहट्र्ज और उससे अधिक पर क्लॉक किया गया 64-बिट सीपीयू है।
माइक्रोसॉफ्ट एक बयान में कहा,हमने निष्कर्ष निकाला है कि संगत 64-बिट प्रोसेसर चयनित, 4जीबी मेमोरी, 64जीबी स्टोरेज, यूईएफआई सुरक्षित बूट, ग्राफिक्स आवश्यकताएं और टीपीएम 2.0 सही न्यूनतम सिस्टम आवश्यकताएँ हैं, जिन्हें हमने आपके सर्वोत्तम समर्थन के लिए स्थापित सिद्धांतों पर वितरित किया है।
हमने पीसी मॉडल के एक सेट की पहचान की है जो इंटेल 7 वीं पीढ़ी के प्रोसेसर पर चलते समय सिद्धांतों को पूरा करता है जिसे हमने मूल रूप से अपनी न्यूनतम सिस्टम आवश्यकताओं में शामिल नहीं किया था।
माइक्रोसॉफ्ट ने जून में अपनी विंडोज 11 न्यूनतम हार्डवेयर आवश्यकताओं की घोषणा की, और यह स्पष्ट किया कि केवल इंटेल 8 वीं पीढ़ी और सीपीयू से परे आधिकारिक तौर पर समर्थित थे। (आईएएनएस)
बरेली (उत्तर प्रदेश), 29 अगस्त | बरेली के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने तब्लीगी जमात के 12 सदस्यों को अब सभी आरोपों से बरी कर दिया है। पंद्रह महीने पहले, उन्हें कोविड मानदंडों की 'लापरवाही' और 'अवज्ञा' के आरोप में जेल भेजा गया था।
बरी किए गए लोगों में नौ थाई नागरिक, उनके दो अनुवादक और शाहजहांपुर में मस्जिद का एक कार्यवाहक है, जहां वे दिल्ली में जमात मण्डली में भाग लेने के बाद रह रहे थे।
थाई नागरिकों को उनके घर लौटने की अनुमति दे दी गई है।
जमात सदस्यों के वकील मिलन गुप्ता ने कहा कि शनिवार को मौखिक रूप से आदेश पारित किया गया। बरी होने पर फैसले की प्रति तुरंत नहीं दी जाती है। हमने इसके लिए आवेदन किया है और यह मंगलवार को अदालत खुलने के बाद उपलब्ध होनी चाहिए।
पिछले साल मार्च की शुरूआत में तब्लीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज (केंद्र) में हजारों लोग जमा हुए थे।
केंद्र ने बाद में कहा कि इस आयोजन में 2,300 विदेशी नागरिकों ने भाग लिया था। जमात की बैठक 15 मार्च, 2020 तक समाप्त हो गई, जिसके बाद केंद्र ने तालाबंदी की घोषणा की।
विदेशी नागरिक देश छोड़कर नहीं जा सके और वहीं रहे। (आईएएनएस)
लखनऊ, 29 अगस्त | हाल ही में 3.4 करोड़ रुपये में अपनी जमीन बेचने वाले एक बुजुर्ग किसान की राज्य की राजधानी के चिनहट इलाके में उनके घर में ही हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान 75 वर्षीय गोपी कश्यप के रूप में हुई है। शनिवार को बेटी रितु को उसके पिता मृत पाए गए, जो उसके साथ रह रही थी।
उसके सिर पर चोट के निशान और गले पर गला घोंटने के निशान थे।
बेटी रितु ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
रितु की अन्य दो बहनें मुन्नी और सुनीता की शादी हो चुकी है। मुन्नी अपने पति मुन्ना के साथ उसी इलाके में रहती है जबकि सुनीता और उसका पति राम सरन बाराबंकी में रहते हैं।
पुलिस ने मृतक के दो नाना जय सिंह और शिव सिंह को हिरासत में लिया है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) पूर्व, कासिम आबिदी ने कहा, "शुरुआती जांच से पता चला है कि गोपी ने अपनी पुश्तैनी जमीन लालुलई के एक निवासी को 3.4 करोड़ रुपये में बेच दी थी और उसे अग्रिम के रूप में 40 लाख रुपये मिले थे। हालांकि, परिवार ने पैसे पर दावा करना शुरू कर दिया।"
एडीसीपी ने कहा कि राम सरन और मुन्ना (उनकी बहनों के पति) दोनों भी बिक्री में अपने हिस्से के लिए लड़ते थे। (आईएएनएस)
बांदा (उत्तर प्रदेश), 29 अगस्त | बांदा जिले में एचआईवी पॉजिटिव पाए गए 24 वर्षीय एक व्यक्ति ने पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली है। मृतक के बड़े भाई, जो सीआरपीएफ जवान हैं, उन्होंने पुलिस को बताया कि घटना का पता तब चला जब उसके भाई की पत्नी ने उसे शनिवार को लापता पाया।
उसने शोर मचाया जब उसने देखा कि उसके कमरे का दरवाजा बाहर से बंद है।
बाद में उसका शव घर के पीछे एक पेड़ पर बच्चों के झूले की रस्सी से लटका मिला।
वह आदमी विज्ञान स्नातक था और उसकी फरवरी 2020 में शादी हुई थी। बाद में, अप्रैल के महीने में, उसे लकवा का दौरा पड़ा। फिर उनके लीवर में समस्या हो गई और वे इलाज के लिए कानपुर के एक निजी अस्पताल गए, जहां 12 अगस्त को उनका एचआईवी पॉजिटिव निकला।
14 अगस्त को, वह बबेरू अस्पताल गया जहाँ उसने फिर से सकारात्मक परीक्षण किया। जांच रिपोर्ट से फिर भी आश्वस्त नहीं होने पर उसने 16 अगस्त को जिला अस्पताल में अपनी और अपनी पत्नी की जांच कराई, लेकिन दोनों एचआईवी पॉजिटिव पाए गए।
कोतवाली प्रभारी एन.के. नागर ने कहा,'लगता है कि बीमारी के चलते शख्स ने इतना बड़ा कदम उठाया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 29 अगस्त | जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले में रविवार को तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान का निधन हो गया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि बडगाम जिले के हुम्हामा रेल पुल पर तैनात 35 बटालियन के मोहम्मद इस्माइल तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे उनका निधन हो गया।
सूत्रों ने कहा, "सटीक विवरण का पता लगाया जा रहा है जिसके कारण यह घातक दुर्घटना हुई।" (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 28 अगस्त | हरियाणा में स्थानीय निकाय चुनाव कराने को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में भाजपा की राज्यस्तरीय बैठक के विरोध में शनिवार को जुटे प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच हिंसा भड़क गई। पुलिस ने करनाल की ओर जाते किसानों को रोकने और उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें कम से कम 10 प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
खट्टर के गृहनगर में हुई बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओ.पी. धनखड़ भी मौजूद थे।
किसानों के खिलाफ बल प्रयोग के विरोध में भारतीय किसान संघ (हरियाणा इकाई) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने राज्य में सभी राजमार्गो को अवरुद्ध करने का आह्वान किया।
चढ़ूनी ने कहा, "हम किसानों पर पुलिस से बल प्रयोग करवाने के लिए राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते हैं। मैं सभी किसानों से राज्य के सभी राजमार्गो को जाम करने का अनुरोध करता हूं।"
हिसार, जींद, भिवानी, रोहतक, दादरी, फतेहाबाद और अंबाला में यातायात बाधित होने की सूचना मिली है।
पंजाब में शंभू सीमा पर अमृतसर से नई दिल्ली जाने वाले राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया है। साथ ही अंबाला और यमुनानगर के रास्ते उत्तर प्रदेश जाने वाले राजमार्ग पर भी यातायात प्रभावित हुआ है।
किसान समूह अपने छत्र निकाय संयुक्त किसान मोर्चा के तहत कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। संगठन के नेता दर्शन पाल ने किसानों से शाम 5 बजे सड़कों की नाकाबंदी करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रशासन से झड़प के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने की मांग की।
कांग्रेस नेता और दो बार के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों पर लाठीचार्ज की निंदा की।
हुड्डा ने एक ट्वीट में कहा, "करनाल में किसानों पर कार्रवाई अलोकतांत्रिक और अमानवीय है। लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार सभी को है। सरकारें गोली के डर से नहीं, बल्कि दिल जीतने से चलती हैं।"
भाजपा सरकार और उसके नेता, मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की नाराजगी का सामना कर रहे हैं। किसान खासकर राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर, पिछले साल नवंबर के अंत से ही लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।(आईएएनएस)