मनोरंजन
गुवाहाटी, 19 नवंबर| असम में कांग्रेस के छह वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ महात्मा गांधी और स्वतंत्रता आंदोलन के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पूर्व सांसद द्विजेन शर्मा और बोलिह कुली सहित कांग्रेस नेताओं ने दिसपुर पुलिस स्टेशन में एक समाचार पत्र के एक लेख का हवाला देते हुए अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया है कि कंगना ने महात्मा गांधी की कड़ी आलोचना की, जिन्होंने भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा, "यह स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों का घोर अपमान है। अभिनेत्री द्वारा दिया गया बयान भी देशद्रोह है। ऐसे बयानों ने भारतीय लोगों के साथ-साथ असम के स्वतंत्रता सेनानियों के दिलों को तोड़ दिया है।"
यह कहते हुए कि यह एक बेहद आपत्तिजनक और मानहानिकारक बयान था, कांग्रेस नेताओं ने असम पुलिस से कंगना रानौत को पर तुरंत मामला दर्ज कर कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
कंगना ने कथित तौर पर कहा था कि " भारतीयों को अंग्रेजों से स्वतंत्रता भीख में मिली थी।"
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा ने पिछले हफ्ते राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर कंगना को दिया गया पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने की मांग की थी। (आईएएनएस)
मुंबई, 19 नवंबर | 'कौन बनेगा करोड़पति 13' के 'स्टूडेंट्स स्पेशल वीक' में दिल्ली पब्लिक स्कूल के 10वीं कक्षा का छात्र मानस गायकवाड़ 50 लाख प्वॉइंट हासिल करने वाला पहले छात्र बना। इस हफ्ते हॉटसीट पर सिर्फ छात्र थे, इसलिए शो में रुपये की जगह प्वॉइंट कहा गया।
50 लाख प्वॉइंट जीतने वाले पहले छात्र होने पर मानस गायकवाड़ ने कहा, "मेरा मानना है कि 'कौन बनेगा करोड़पति' एक प्रतिष्ठित मंच है जो छात्रों को अधिक ज्ञान प्राप्त करने, सम्मान हासिल करने, अमिताभ बच्चन सर जैसे महान व्यक्तित्व के साथ बातचीत करने का मौका देता है। साथ ही, बेहतर भविष्य के लिए पैसा भी।"
मानस उद्यमी बनने की इच्छा रखता है और राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा में सिटी टॉपर रहा है। राष्ट्रीय साइबर ओलंपियाड में वह जोनल टॉपर रहा है और क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर गायन और अंतर-विद्यालय प्रतियोगिताएं जीती हैं।
मानस ने जीवन में अपने अंतिम लक्ष्य को और आगे बढ़ाते हुए अपने पैसे का उपयोग खारे पानी को पीने के पानी में बदलने से संबंधित तकनीक बनाने की ठानी है।
उसने आगे कहा, "मेरा सपना एक उद्यमी बनना है और अपना खुद का स्टार्ट-अप है। मैं 18 साल की उम्र के बाद जीती गई राशि (50 लाख ) का उपयोग करूंगा और इसे अपने स्टार्ट-अप में निवेश करूंगा। मेरा स्टार्ट-अप अक्षय सौर ऊर्जा का उपयोग करके खारे पानी को पीने के पानी में बदलने से संबंधित तकनीक का निर्माण करेगा जो कार्बन मुक्त हो और इसके लिए हाइड्रोपोनिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग करेगा।"
'कौन बनेगा करोड़पति 13' का 'किड्स स्पेशल वीक' सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होता है।(आईएएनएस)
-असीम छाबड़ा
तमिल भाषा में बनी फ़िल्म 'जय भीम' को फ़िल्मों से जुड़े आँकड़े बताने वाली साइट IMDb पर सबसे बढ़िया रैंकिंग मिली है.
इस फ़िल्म को दर्शकों ने 'द शॉशांक रिडेंपशन' और 'द गॉडफादर' जैसे क्लासिक सिनेमा पर तरजीह दी है.
फ़िल्म पत्रकार असीम छाबड़ा ने इसके बारे मे लिखा कि यह गंभीर भारतीय फ़िल्मों की कड़ी में सबसे नया है. वो कहते हैं कि इस फ़िल्म में हिंदू धर्म की सख़्त जाति व्यवस्था में सबसे निचले पायदान पर मौजूद दलितों के ख़िलाफ़ होने वाले दमन की कहानी है.
'जय भीम' की शुरुआत में दिखाया गया है कि कुछ पुलिस अधिकारी जाति के आधार संदिग्ध लोगों को अलग कर रहे हैं. उस सीन में जो लोग दबंग जातियों के होते हैं, उन्हें जाने को कहा जाता है. वहीं जो दलित या आदिवासी होते हैं, उन्हें ठहरने के लिए कहा जाता है. बाद में पुलिस कमज़ोर तबक़े के लोगों के ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाती है.
यह दृश्य भयानक और परेशान करने वाला है. इसमें एक कोने में खड़े डरे और सहमे लोगों को अपना अंजाम लगभग मालूम है. यह सीन हमें याद दिलाता है कि ऐसी घटनाएं हमेशा ही होती हैं. यह हमें बताता है कि देश के छोटे शहरों और गाँवों में हाशिए पर मौजूद लोगों ख़ासकर दलितों का जीवन बेहद अनिश्चित है.
दलित आंदोलन की एक कड़ी है ये फ़िल्म
भारत की कुल आबादी में दलित क़रीब 20 फ़ीसदी हैं और क़ानून होने के बावजूद उन्हें लगातार भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ता है.
इस फ़िल्म के नाम 'जय भीम' का मतलब "भीम अमर रहें" होता है. यह लोकप्रिय नारा दलित विद्वान और नेता बीआर आंबेडकर को मानने वाले लोगों ने दिया है. आंबेडकर भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार और देश के पहले क़ानून मंत्री भी थे.
इस फ़िल्म का निर्देशन टीजे ज्ञानवेल ने किया है और उन्हें तमिल फ़िल्मों के स्टार सूर्या ने सहयोग किया है. यह फ़िल्म ग़लत चीज़ों के ख़िलाफ़ लड़ने वाले एक वकील की सच्ची कहानी दिखाई गई है.
फ़िल्म में वकील की भूमिका सूर्या ने अदा की है. एक गर्भवती महिला, जिसका पति पहले पुलिस की हिरासत में था लेकिन बाद में उसे लापता बता दिया गया. उस महिला की ओर से दायर याचिका की पैरवी इसी वकील ने ही की.
'जय भीम' तमिल सिनेमा में एक नए आंदोलन का हिस्सा है. इसके तहत कई युवा फ़िल्म निर्माता दलितों के ख़िलाफ़ दमन की कहानियों को फ़िल्मों के ज़रिए पेश कर रहे हैं.
फ़िल्म इतिहासकार एस थियोडोर भास्करन इस बारे में बताते हैं, "1991 में आंबेडकर की जन्मशती मनाने के बाद तमिलनाडु में दलित आंदोलन लगातार ज़ोर पकड़ रहा है."
भास्करन कहते हैं, "20वीं सदी के भूले हुए दलित विचारकों को अतीत से लेकर आया गया. सामाजिक कार्यकर्ता और नेता पेरियार और आंबेडकर के विचार कई दलित लेखकों के लेखन के ज़रिए फैले. पिछले दशक में कई लेखकों ने सिनेमा के क्षेत्र में अपने क़दम रखे और कई फ़िल्में बनाईं. लेकिन उन्होंने प्रचलित चीज़ों जैसे गाने, मारधाड़ और मेलोड्रामा का इस्तेमाल किया."
दूसरी भाषा की फ़िल्मों में भी आया बदलाव
अब दलित अफ़सानों को अन्य भारतीय भाषाओं में स्वतंत्र या हिंदी फ़िल्मों में भी जगह मिली है. इनमें 'अन्हे गोरहे दा दान' (पंजाबी) जैसी फ़िल्में हैं, जिसमें दलित सिखों की ज़िंदगी को दिखाया गया है.
मसान (हिंदी) में श्मशान में लाश जलाने वाले परिवार के एक लड़के और उच्च जाति की एक लड़की के बीच का रोमांस दिखाया गया. फैंड्री और सैराट (दोनों मराठी) भी ऐसी ही फ़िल्म हैं. इसका निर्देशन दलित जाति के नागराज मंजुले ने किया है.
फैंड्री एक युवा लड़के की कहानी है. उसका परिवार गांव में सूअर पकड़ता है. उसे उच्च जाति की एक लड़की से एकतरफ़ा प्यार होता है. सैराट एक अंतरजातीय रोमांटिक फ़िल्म है जो बॉक्स ऑफ़िस पर काफ़ी सफ़ल रही. इस सूची में तमिल में बनी पेबल्स (कूझंगल) भी है. यह 2022 के ऑस्कर अवॉर्ड के लिए सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म की श्रेणी में भारत से भेजी गई आधिकारिक फ़िल्म है.
आज कई दलित फ़िल्मकार हैं
अब मुख्यधारा के तमिल सिनेमा में ऐसे कई फ़िल्मकार हैं, जिनके नायक दलित हैं जो अब पहले से चले आ रहे भेदभाव के ख़िलाफ़ और अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. जब कोई क़ानूनी रास्ता उनकी पीड़ा ख़त्म नहीं कर पाता तो वे शारीरिक रूप से लड़ने को तैयार रहते हैं.
ऐसे निर्देशकों में पुराने फ़िल्म निर्माता वेट्रिमारन भी हैं. उन्होंने पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में तमिल प्रवासियों की दुर्दशा पर 2015 में विसारनई फ़िल्म बनाई. उन्होंने दलितों के नरसंहार पर असुरन बनाई. निर्देशक मारी सेल्वराज और पा रंजीत ने ऐसी कहानियों पर फ़िल्में बनाईं, जिसके मुख्य किरदार दलित हैं.
दलित फ़िल्मकार रंजीत ने, जिन्हें अक्सर तमिल फ़िल्म जगत का स्पाइक ली कहा जाता है, न्यूज़ वेबसाइट 'द वायर' को 2020 में दिए एक साक्षात्कार में पहले की तमिल फ़िल्मों के बारे में बताया, "दलित पात्रों को जैसे दिखाया जाता था वो दर्दनाक था. या तो उनकी चर्चा ही नहीं होती थी या कहानी में उनके शामिल होने भर को ही 'क्रांतिकारी' मान लिया जाता था."
रंजीत ने बताया था, "इस बारे में, मुझे ये सोचना था कि मेरी कहानियां क्या कह सकती हैं. मैं दिखाना चाहता था कि मेरी संस्कृति ही भेदभाव और हिंसा पर आधारित रही है...और आज दलित किरदारों को लिखते वक़्त निर्देशक ज़्यादा जागरूक रहते हैं."
रजनीकांत का भी असर
रंजीत ने निर्देशक मारी सेल्वराज की पहली फ़िल्म पेरियारम पेरुमल को प्रोड्यूस किया. यह फ़िल्म एक कार्ड जिस पर लिखा होता है "जाति और धर्म मानवता के ख़िलाफ़ हैं" से शुरू होती है. इस फ़िल्म का नायक आंबेडकर की तरह ही वकील बनना चाहता है.
इस फ़िल्म में एक सीन है, जिसमें 1983 के फ़िल्मी गीत पोरादादा पर कुछ मर्द नाच रहे हैं. इस गाने का संगीत महान संगीतकार और ख़ुद एक दलित इलैयाराजा ने दिया है. गाने के बोल हैं, "हम आपका सिंहासन संभालेंगे/... जीत के लिए हमारी पुकार सुनी जाएगी/ हमारी रोशनी इस दुनिया को चकाचौंध कर देगी/ हम सर्वहारा हैं तो लड़ेंगे."
यही गीत सेल्वराज की फ़िल्म कर्णन (2021) की पृष्ठभूमि में भी बजता है. अब यह 'दलित गीत' के रूप में जाना जा रहा है.
तमिल सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत का रंजीत की फ़िल्मों को हिट करने में बड़ा योगदान रहा. रजनीकांत इन फ़िल्मों की कहानियों से प्रभावित होकर लीड रोल करने को राज़ी हुए. उन्होंने कबाली (यह मलेशिया के एक तमिल प्रवासी गैंगस्टर की कहानी है) और काला (यह फ़िल्म एशिया के सबसे बड़े स्लम की कहानी है, जहाँ बड़ी तादाद में तमिल प्रवासी रहते हैं) में काम किया.
और नई फ़िल्म सरपट्टा परंबराई में रंजीत ने चेन्नई के दलितों के बीच मुक्केबाज़ी संस्कृति को खोजा, जो मोहम्मद अली से गहराई से प्रभावित था. वे केवल उनके खेल से ही नहीं बल्कि वियतनाम युद्ध से लेकर अमेरिका में नस्लभेद के ख़िलाफ़ उनके संघर्ष से भी प्रभावित थे.
क्या वाक़ई कुछ ख़ास नहीं बदला?
कई लोग ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि तमिल सिनेमा के सारे दलित किरदार तारीफ़ के क़ाबिल नहीं हैं. 2019 में आई फ़िल्म 'मादाथी: एन अनफ़ेयरी टेल' की निर्देशक लीना मणिमेकलई का मानना है कि नए सिनेमा ने कोई ख़ास बदलाव नहीं किया है.
वो कहती हैं कि नई फ़िल्मों के नायक, उनकी ख़ासियतें और कहानी का मूल सब पहले जैसा ही है. वो कहती हैं कि महिला किरदारों की भूमिकाएं भी पहले जैसी ही हैं.
लेकिन ये साफ़ है कि दर्शक अब नया सिनेमा देख रहे हैं. 'जय भीम' सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं हुई, इसलिए इसकी लोकप्रियता को साबित करने वाले बॉक्स ऑफ़िस के आंकड़े नहीं हैं. लेकिन IMDb पर इसकी 9.6 की यूजर रेटिंग ने इसे नंबर एक की रैंकिंग पर पहुँचा दिया है. (bbc.com)
चेन्नई, 7 नवंबर | लोकेश कनकराज द्वारा निर्देशित अभिनेता कमल हासन की एक्शन थ्रिलर फिल्म 'विक्रम' के फस्र्ट लुक को रिलीज होने के 24 घंटों से भी कम समय में एक करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है। अभिनेता कमल हासन के जन्मदिन समारोह की शुरुआत को चिह्न्ति करने के लिए विक्रम की यूनिट ने शनिवार शाम को फिल्म का फस्र्ट-लुक जारी किया था।
इस उपलब्धि की घोषणा करते हुए, फिल्म का निर्माण कर रहे राज कमल फिल्म्स इंटरनेशनल ने ट्वीट किया, "विक्रम की दुनिया में फस्र्ट-लुक को 24 घंटे से भी कम समय में 1 करोड़ से अधिक बार देखा गया।"
यूट्यूब पर वीडियो में फिल्म का एक रोमांचक एक्शन सीक्वेंस दिखाया गया है, जिसमें कमल हासन एक जेल के अंदर गोलियों से खुद का बचाव करने के लिए धातु की ढाल का उपयोग करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
विक्रम में अनिरुद्ध का संगीत और गिरीश गंगाधरन सिनेमेटोग्राफर हैं। फिलोमिन राज द्वारा संपादित, फिल्म, जिसमें अभिनेता विजय सेतुपति भी हैं, का कला निर्देशन एन. सतीस कुमार ने किया है। (आईएएनएस)
राकेश बापट के शमिता शेट्टी को गले लगाने वाले एक इमोशनल वीडियो को शेयर करते हुए रिद्धि ने राकेश को शुभकामनाएं दीं.
ग्लोबल एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा और निक जोनास ने अपनी पहली दिवाली लॉस एंजिल्स में अपने पहले घर में एक साथ मनाई, जिसकी तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया. प्रिंयका ने अपने दोस्त लिली सिंह के घर पर इस साल के दिवाली समारोह का शानदार अंत किया.
बिग बॉस 15 में इस बार सलमान खान कंटेस्टेंट को शनिवार को बड़ा झटका देते हुए इविक्टेड कंटेस्टेंट के नाम की घोषणा कर दी. वीकेंड का वार एपिसोड में सलमान खान ने सभी कंटेस्टेंट को उनके हफ्तेभर के खेल बारे में बताया. दिवाली स्पेशल वीकेंड होने की वजह से कंटेस्टेंट एविक्शन के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन सलमान खान ने सभी को चौंका दिया और एविक्शन का ऐलान कर दिया. स्प्लिट्सविला विनर मायशा अय्यर अब शो से बाहर हो गई हैं. शो के दौरान मायशा को अपना दिल दे बैठे कंटेस्टेंट ईशान सहगल ये सुनते ही फूट-फूटकर रोने लगे.
बिग बॉस 15 के घर से इस बार दो कंटेस्टेंट्स बाहर होने वाले हैं. आज यानी रविवार को एक कंटेस्टेंट को घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा. इस हफ्ते नॉमिनेशन में पांच लोग थे. मायशा के साथ -साथ सिंबा नागपाल, अफसाना खान, उमर रियाज, ईशान सहगल भी घर से बाहर होने के लिए नॉमिनेटिड थे. घरवालों को अब तक पता नहीं है कि कल क्या होने वाला है. ईशान सहगल जहां मायशा अय्यर के जाने से परेशान दिखे वहीं, मायशा काफी शांत नजर आईं.
माइशा अय्यर को पहले बिग बॉस ने कन्फेशन रूम में बुलाया. उसके बाद उन्हें उनके एविक्शन के बारे में बताया. सलमान खान ने उनका नाम लिया. इसके बाद वह सभी से मिलीं. ईशान को गले लगाते हुए उन्होंने यह कहा कि अगर आज मैं इस शो से बाहर नहीं होती तो शायद आप इस शो से बाहर हो जाते.
दूसरी ओर सलमान खान सभी कंटेस्टेंट को अलर्ट करते हुए कहते हैं कि जिन लोगों के लिए कॉल आए हैं, इससे बाकियों को सीख लेने का समय है कि आखिर उनसे कुछ भी क्यों नहीं पूछा गया. भाईजान ने माइशा से ईशान सहगल के साथ रिलेशन पर चर्चा भी की.
अब आज घर से बेघर कौन होगा, इस बात की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन वोटिंग ट्रेंड्स को देखा जाए तो ईशान सहगल आज के एपिसोड में बिग बॉस के घर से बाहर हो सकते हैं. राजीव के घर में आने के बाद ईशान और मायशा में दूरिया आती हुई नजर आ रही थीं और शायद यही वजह है कि ऑडियंस उनसे कनेक्ट नहीं कर पा रही थी.
-वंदना
बॉलीवुड के बेताज बादशाह शाहरुख़ ख़ान आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. हर उम्र के लोगों में उनकी फैन फॉलोइंग है. 2 नवंबर 1965 को जन्में शाहरुख़ खान आज 56 साल के हो गए हैं.
इस मौके पर हम आपके लिए लाए हैं शाहरुख़ से जुड़ी 56 खास बातें.
1. शाहरुख ख़ान का जन्म 2 नवंबर 1965 को ताज मोहम्मद ख़ान और लतीफ़ फ़ातिमा के घर हुआ था. लेकिन शुरुआती पांच सालों तक उनकी नानी ने पहले मैंगलोर और फ़िर बैंगलोर में उनका पालन किया.
2. शाहरुख अपने नाना नानी के साथ रहते थे. उनके नाना मैंगलोर पोर्ट के मुख्य अभियंता थे. हार्बर हाउस जहां मैंगलोर में वो रहे, आज उसे देखने टूरिस्ट पहुंचते हैं.
3. शाहरुख की मां हैदराबाद से, पिता पेशावर से और दादी कश्मीर से हैं.
4. दिल्ली में पले बढ़े शाहरुख सैंट कोलंबास स्कूल में पढ़ाई के दौरान खेलों में काफ़ी रूचि लेते थे. बाद में उन्होंने हंसराज कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए पास किया और जामिया मिलिया इस्लामिया में मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया लेकिन इसकी पढ़ाई को पूरा नहीं कर सके.
5. फ़ुटबॉल खेलने के दौरान घायल हुए शाहरुख़ से थियेटर डायरेक्टर बैरी जॉन ने एक बार अपनी एक नाटक के लिए ऑडिशन देने को कहा. इसमें उन्हें एक डायलॉग के साथ प्रमुख डांसर का किरदार मिला. हालांकि बैरी जॉन शुरुआत में उनकी गाने की काबिलियती से काफ़ी प्रभावित थे.
6. शाहरुख जब 15 साल के थे तब कैंसर से उनके पिता का निधन हो गया. उनके पिता वकील और स्वतंत्रता सेनानी थे. वो जब 14-15 साल के थे तो स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जेल गए. बाद में वो मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के ख़िलाफ़ चुनाव भी लड़े लेकिन हार गए. उन्होंने कई बिजनेस में हाथ आजमाए लेकिन असफल रहे.
7. शाहरुख का नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के साथ नजदीकी रिश्ता रहा. उनके पिता 1974 तक एनएसडी में मेस चलाते थे और तब शाहरुख़ अपने पिता के साथ वहां जाया करते. वहां उन्हें रोहिणी हटंगड़ी, सुरेखा सिकरी, रघुवीर यादव, राज बब्बर जैसे कलाकार अभिनय करते दिखते. वो इब्राहिम अलकाज़ी के साथ रहते और 'सूरज का सातवां घोड़ा' जैसे नाटकों का रिहर्सल देखते. इस प्रकार अभिनय और सिनेमा से उनका जुड़ाव शुरू हुआ.
8. शाहरुख़ ख़ान की पहली कमाई 50 रुपये की थी जो उन्होंने पंकज उधास के कंसर्ट के दौरान कमाया. इस कमाई के पैसे से वो ट्रेन से आगरा गए.
9. दिल्ली में ये लेख टंडन थे जिन्होंने 1988 में उन्हें दिल दरिया सीरियल में काम दिया. उनकी शर्त थी कि शाहरुख़ को अपने बाल काटने होंगे.
10. हालांकि, उनका पहला टीवी सीरियल कर्नल कपूर द्वारा निर्देशित फ़ौजी (1989) था. कर्नल कपूर ने कुछ लड़कों को दौड़ा कर देखा. केवल कुछ ही लड़के वापस लौटे जिनमें शाहरुख़ भी एक थे. शाहरुख़ उनके साथ फ़ौजी के लिए चुन लिए गए.
11. शाहरुख़ जब छोटे थे तो उनकी सेना में जाने की तमन्ना थी और उन्होंने आर्मी स्कूल कोलकाता में एडमिशन भी लिया लेकिन उनकी मां इसके लिए राजी नहीं हुईं.
12. शाहरुख़ और उनके चार स्कूली दोस्तों के प्रसिद्ध गैंग थे जिसे वो सीगैंग कहते थे. प्रतिद्वंद्वी स्कूल गैंग जैसे पीएलओ गैंग, सरदार गैंग के जवाब में उसका एक लोगो था. बाद में उन्होंने ऐसा ही एक किरदार फ़िल्म जोश में निभाया जहां वो एक गैंग के हिस्सा हैं.
13. एक आर्मी वाले की बेटी गौरी छिब्बा के स्कूल के दौरान ही शाहरुख़ की उनसे मुलाकात हुई. एक डांस पार्टी के दौरान दोनों की आपस में बातचीत हुई और तब से दोनों में रिश्ता पनपने लगा. एक बार जब गौरी अपने दोस्तों के साथ छुट्टी मनाने मुंबई गई थीं तो शाहरुख़ ख़ान भी मुंबई पहुंच गए, बिना यह जाने की उन्हें कहां ढूंढेंगे. यह जानते थे कि उन्हें तैराकी पसंद है, वो मुंबई के सभी समुद्र तटों पर उन्हें ढूंढते रहे और अंत में एक बीच पर उन्हें तलाश लिया. उस दौरान रात को उन्हें रेलवे स्टेशन पर अपनी रात गुजारनी पड़ी. इन दोनों की शादी 25 अक्तूबर 1991 को हुई.
सलमान, आमिर, शाहरुख़
14. शाहरुख़ को गौरी से मुलाकात की तारीख़ 09.09.1984 याद है, ये वही तारीख़ है जब उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला था.
15. वागले की दुनिया, दूसरा केवल सरीखे सीरियल में काम करने के बाद शाहरुख़ को टीवी सीरियल सर्कस (1989-90) में रेणुका शहाने के साथ काम मिला. तब उनकी मां बेहद बीमार थीं और उन्हें दिल्ली के बत्रा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने अपनी मां को सर्कस का एक एपिसोड दिखाने की ख़ास अनुमति ली, लेकिन वो इतनी बीमार थीं कि शाहरुख़ को पहचान तक नहीं सकीं. अप्रैल 1991 में उनकी मौत हो गई.
16. मां के निधन के दर्द के उबरने के लिए शाहरुख एक साल के लिए मुंबई आए और फ़िर कभी वापस नहीं लौटे.
काजोल, शाहरुख़
17. शाहरुख़ ने 1991 में मणि कौल की टीवी फ़िल्म इडियट में नकारात्मक भूमिका निभाई. लेकिन पहली बार कैमरा प्रदीप किशन और अरुंधती रॉय की फ़िल्म 'इन विच एनी गिव्स इट दोज़ वन्स' के लिए फेस किया. हालांकि, फ़िल्म में उनका किरदार कम कर दिया गया.
18. 1991 में उन्होंने अपनी पहली फ़िल्म हेमा मालिनी 'दिल आसना है' साइन किया. जबकि मुख्य अभिनेता के रूप में उनकी पहली फ़िल्म 25 जून 1992 को 'दीवाना' आई.
19. राहुल नाम तो सुना होगा- डर, दिल तो पागल है, कुछ कुछ होता है, ज़माना दीवाना, यस बॉस, कभी खुशी कभी गम, चेन्नई एक्सप्रेस समेत 9 फ़िल्मों में शाहरुख़ का नाम राहुल था.
20. राज नाम भी शाहरुख़ ख़ान को प्रिय रहा. राजू, डीडीएलजे, बादशाह, मोहब्बतें, रब ने बना दी जोड़ी में उनका यही नाम था.
21. रुपहले पर्दे पर शाहरुख़ की कई फ़िल्मों में मौत हो जाती है. बाज़ीगर, डर, अंजाम, दिल से, राम जाने, डुप्लीकेट, देवदास, शक्ति, कल हो ना हो, ओम शांति ओम, रा-वन, करण अर्जुन (इसमें पुनर्जन्म भी हुआ).
22. शाहरुख़ कठिन मेहनत के लिए जाने जाते हैं, वो केवल 4-5 घंटे सोते हैं. उनका फेवरेट लाइन है कि सोना जीवन को बर्बाद करना है.
23. शाहरुख़ अपनी बेटी के लिए एक किताब लिख रहे हैं, जिसमें वो अभिनय पर अपना नजरिया बताएंगे. अनुपम खेर के टीवी शो में उन्होंने अपनी किताब के नाम का खुलासा किया- टू सुहाना, ऑन एक्टिंग, फ्रॉम पापा. उन्होंने इस शो में यह भी बताया कि वो अपनी बेटी को एक अभिनेत्री के रूप में देखना चाहते हैं.
24. शाहरुख़ एक दशक से भी अधिक समय से अपनी जिंदगी पर एक किताब लिख रहे हैं. उन्होंने इसे निर्माता-निर्देशक महेश भट्टे के अनुरोध पर लिखना शुरू किया.
25. शाहरुख़ और सलमान ने 1996 में महमूद की बतौर निर्देशक पहली फ़िल्म दुश्मन दुनिया में साथ काम किया था. इसमें उनका स्पेशल अपियरेंस था.
26. पत्नी और बच्चों के अलावा शाहरुख़ के साथ उनकी बड़ी बहन लालारुख़ रहती हैं. वो एमए, एलएलबी हैं.
27. दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे की कहानी सुनने के समय अधिकतर क्रू को लगा कि शाहरुख़ ने फ़िल्म के लिए ना कह दिया है. वो सैफ़ अली ख़ान को लेने की सोच रहे थे. तब शाहरुख़ एक रोमांटिक फ़िल्म नहीं करना चाहते थे. लेकिन उन्होंने हां कहा और फ़िल्म में एक्शन और फ़ाइट के सीन जोड़े.
28. डीडीएलजे की शूटिंग खेतों में किए जाने का जब किसानों ने विरोध किया तो शाहरुख़ ख़ान ने ख़ास हरियाणवी लहजे में उन्हें इसके लिए राजी किया, तब जा कर 'तुझे देखा तो ये जाना सनम...' शूट की गई.
29. डीडीएलजे की शूटिंग का कुछ हिस्सा शूट करने के दौरान ही वो त्रिमूर्ति की भी शूटिंग में भाग ले रहे थे.
30. शाहरुख़ ने फ़िल्म जोश में 'अपुन बोला...' गाना भी गाया है.
31. एक युवा के रूप में शाहरुख़ ख़ान कुमार गौरव से मिलना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि वो कुमार गौरव के जैसे दिखते हैं.
32. शाहरुख़ को फ़ौजी के दौरान पहली बार अपने फैन का सामना करना पड़ा. एक बार वो दिल्ली के पंचशील पार्क इलाके में थ्रीव्हिलर में जा रहे थे तभी दो महिलाएं चिल्लाईं 'देख अभिमन्यु राय'. फ़ौजी में उनके किरदार का यही नाम था.
33. शाहरुख़ का पेशावर से भी संबंध है. वो 1978-79 के दौरान वहां गए थे. बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उनकी चचेरी बहन नूर जहां ने बताया कि वो यहां आकर बहुत खुश थे क्योंकि यह पहला मौका था जब वो अपने पिता के परिवार से मिल रहे थे. भारत में केवल उनकी मां के परिवार से संबंधी रहते हैं.
34. शाहरुख़ रामलीला में भी काम कर चुके हैं. छाबरा रामलीला नई दिल्ली के साथ. वो वानर सेना में हुआ करते थे.
35. रामलीला में ब्रेक के दौरान वो उर्दू की शायरी कहा करते और इसके एवज में उन्हें 1 रुपये का ईनाम मिला करता था.
36. अपने फैन से बचने के लिए शाहरुख़ को एक बार कार की डिक्की में भी सवारी करनी पड़ी थी.
37. लॉस एंजिल्स में एक स्टेज शो के दौरान मैडोना देखने पहुंची तो शाहरुख़ अपनी स्टेप्स भूल गए.
38. बॉलीवुड की एक कॉमेडी है 'आमिर सलमान शाहरुख़' जिसमें आमिर, सलमान और शाहरुख़ ख़ान के डुप्लिकेट ने काम किया.
39. शाहरुख़, आमिर और सैफ़ ने एक साथ 1993 में फ़िल्म पहला नशा में एक कैमियो की भूमिका निभाई.
40. बेंगलुरु में अपने नाना नानी के साथ रहने के दौरान शाहरुख़ के पड़ोसी अभिनेता महमूद थे.
41. शाहरुख़ को खिलौनों से अब भी बहुत लगाव है.
42. शाहरुख़ के पिता घर पर हिन्दको भाषा बोलते थे, यह पाकिस्तान में बोली जाने वाली एक पंजाबी बोली है.
43. स्कूल के दौरान शाहरुख़ हिंदी में कमजोर थे. जब एक बार उन्हें 10 में दस अंक मिले तो उनकी मां उन्हें देवानंद की फ़िल्म जोशीला दिखाने ले गईं.
44. एक टीवी शो में शाहरुख़ ने बताया कि जन्म के बाद उन्होंने पहला शब्द चम्पा बोला था. ये उस महिला का नाम था जो उनके पड़ोस में रहती थीं.
45. शाहरुख़ को उनके जन्म पर चांदी का टब उपहार में दिया गया था.
46. शाहरुख़ के ट्विटर पर लगभग तीन करोड़ फॉलोवर हैं.
47. शाहरुख़ को फ़िल्मों में घुड़सवारी और किसिंग सीन से डर लगता है.
48. शाहरुख़ के पापा और बहन घुड़सवारी किया करते थे. दोनों भाई बहन का नाम उनके पिता के घोड़े के नाम पर रखा गया है.
49. 1998 में जी सीने अवार्ड के लिए सर्वेश्रेष्ठ अभिनेता चुने जाने पर उन्होंने स्टेज पर सलमान ख़ान को बुलाया और उनकी ओर से सभी का शुक्रिया अदा करने को कहा क्योंकि सलमान को लगता है कि सारे अवार्ड्स शाहरुख़ को मिल जाते हैं उन्हें नहीं.
50. शाहरुख़ ऐसे पहले बॉलीवुड एक्टर हैं जिन्हें मलेशिया के (नाइटहुड के समान) प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया है. 2014 में उन्हें फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार लिजन ऑफ़ ऑनर दिया गया. 2005 में उन्हें पद्म श्री मिला. यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्ग से डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली.
51. 2004 में शाहरुख़ ख़ान टाइम मैगज़ीन के कवर पर भी आए.
52. फोर्ब्स मैगज़ीन ने शाहरुख़ ख़ान को दुनिया के 10 सर्वाधिक कमाई करने वाले अभिनेताओं में आठवें नंबर पर रखा है.
53.अमिताभ बच्चन के बाद शाहरुख़ ख़ान ने कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम की मेज़बानी की थी.
54.शाहरुख ख़ान ने बच्चों से जुड़ा एक कार्यक्रम 'क्या आप पांचवीं पास से तेज़ हैं' भी होस्ट किया था. (bbc.com)
बॉलीवुड स्टार शाहरुख़ ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान पर चल रहे ड्रग्स मामले में नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी के स्वतंत्र गवाह किरण गोसावी को पुणे सिटी पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.
किरण गोसावी प्राइवेट (स्वघोषित) जासूस हैं और आर्यन ख़ान मामले में एनसीबी ने उन्हें स्वतंत्र गवाह बनाया था. गोसावी को पुणे पुलिस ने 2018 के एक धोखाधड़ी केस में गिरफ़्तार किया है.
आर्यन ख़ान के साथ किरण गोसावी की सेल्फ़ी लेते हुए एक तस्वीर वायरल हुई थी. आर्यन ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद की यह तस्वीर थी. इस सेल्फ़ी के बाद किरण का कुछ पता नहीं था.
इसके बाद से आर्यन ख़ान मामले में किरण की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे थे. बाद में ख़बर आई कि वो उत्तर प्रदेश में हैं और उन्होंने यूपी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की बात भी कही थी.
हालाँकि बुधवार को वो पुणे गए और उन्होंने समाचार चैनलों से कहा कि वह मुंबई में एनसीबी अधिकारियों के सामने पेश होंगे.
गोसावी पर आरोप
पुणे पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि पुणे पुलिस के क्राइम ब्रांच ने गुरुवार सुबह किरण के मुंबई जाने से पहले ही गिरफ़्तार कर लिया.
एनसीबी की रेड में किरण गोसावी के शामिल होने को लेकर सवाल उठ रहे थे. पुणे में कस्बा पीठ इलाक़े के चिन्मय देशमुख ने किरण गोसावी के ख़िलाफ़ 29 मई, 2018 को फ़रास्खाना पुलिस स्टेशन पर एफ़आईआर दर्ज कराई थी.
एफ़आईआर के अनुसार, गोसावी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर होटल मैनेजमेंट की नौकरी के लिए विज्ञापन पोस्ट किया था और देशमुख इसी नौकरी के लिए उनसे संपर्क में आए थे.
आरोप है कि किरण ने देशमुख को मलेशिया में नौकरी दिलाने का वादा किया था और इसके बदले में अपने अकाउंट में 3.09 लाख रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा था. लेकिन किरण ने पैसे तो ले लिए और देशमुख को नौकरी नहीं मिली. जब देशमुख ने पैसे मांगे तो पैसे भी वापस नहीं किए. किरण के ख़िलाफ़ पुलिस ने आईपीसी के सेक्शन 419 और 420 के तहत मामले दर्ज किए थे.
बॉलीवुड स्टार शाहरुख़ ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान पर चल रहे ड्रग्स मामले में नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी के स्वतंत्र गवाह किरण गोसावी को पुणे सिटी पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.
किरण गोसावी प्राइवेट (स्वघोषित) जासूस हैं और आर्यन ख़ान मामले में एनसीबी ने उन्हें स्वतंत्र गवाह बनाया था. गोसावी को पुणे पुलिस ने 2018 के एक धोखाधड़ी केस में गिरफ़्तार किया है.
आर्यन ख़ान के साथ किरण गोसावी की सेल्फ़ी लेते हुए एक तस्वीर वायरल हुई थी. आर्यन ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद की यह तस्वीर थी. इस सेल्फ़ी के बाद किरण का कुछ पता नहीं था.
इसके बाद से आर्यन ख़ान मामले में किरण की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे थे. बाद में ख़बर आई कि वो उत्तर प्रदेश में हैं और उन्होंने यूपी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की बात भी कही थी.
हालाँकि बुधवार को वो पुणे गए और उन्होंने समाचार चैनलों से कहा कि वह मुंबई में एनसीबी अधिकारियों के सामने पेश होंगे.
एनसीबी की रेड में किरण गोसावी के शामिल होने को लेकर सवाल उठ रहे थे. पुणे में कस्बा पीठ इलाक़े के चिन्मय देशमुख ने किरण गोसावी के ख़िलाफ़ 29 मई, 2018 को फ़रास्खाना पुलिस स्टेशन पर एफ़आईआर दर्ज कराई थी.
एफ़आईआर के अनुसार, गोसावी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर होटल मैनेजमेंट की नौकरी के लिए विज्ञापन पोस्ट किया था और देशमुख इसी नौकरी के लिए उनसे संपर्क में आए थे.
आरोप है कि किरण ने देशमुख को मलेशिया में नौकरी दिलाने का वादा किया था और इसके बदले में अपने अकाउंट में 3.09 लाख रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा था. लेकिन किरण ने पैसे तो ले लिए और देशमुख को नौकरी नहीं मिली. जब देशमुख ने पैसे मांगे तो पैसे भी वापस नहीं किए. किरण के ख़िलाफ़ पुलिस ने आईपीसी के सेक्शन 419 और 420 के तहत मामले दर्ज किए थे.
13 अक्टूबर को पुणे सिटी पुलिस ने किरण गोसावी के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी किया ताकि वो देश छोड़कर ना जा सकें. इसी महीने 18 अक्टूबर को पुलिस ने शरहबानो क़ुरैशी को मुंबई के गोवांडी स्थित उनके आवास से गिरफ़्तार किया था. बानो तब किरण की असिस्टेंट थीं. जाँच में पता चला है कि देशमुख का पैसा बानो के अकाउंट में ही गया था.
तीन और धोखाधड़ी के मामले में किरण गोसावी का नाम है. इनमें 2007 में अंधेरी पुलिस स्टेशन और दो 2015-2017 में थाणे के कपूरबावड़ी पुलिस स्टेशन पर मामले दर्ज किए गए थे.
13 अक्टूबर को पुणे सिटी पुलिस ने किरण गोसावी के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी किया ताकि वो देश छोड़कर ना जा सकें. इसी महीने 18 अक्टूबर को पुलिस ने शरहबानो क़ुरैशी को मुंबई के गोवांडी स्थित उनके आवास से गिरफ़्तार किया था. बानो तब किरण की असिस्टेंट थीं. जाँच में पता चला है कि देशमुख का पैसा बानो के अकाउंट में ही गया था.
तीन और धोखाधड़ी के मामले में किरण गोसावी का नाम है. इनमें 2007 में अंधेरी पुलिस स्टेशन और दो 2015-2017 में थाणे के कपूरबावड़ी पुलिस स्टेशन पर मामले दर्ज किए गए थे.
मुंबई, 27 अक्टूबर| टेलीविजन की जानी-मानी अभिनेत्री काम्या पंजाबी के बुधवार को यहां पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस को ग्लैमर का एक नया डोज मिल गया है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप और चरण सिंह सपरा जैसे अन्य नेताओं ने पार्टी में पंजाबी का स्वागत किया।
रियलिटी शो 'बिग बॉस-7' (2013) में अपनी उपस्थिति के साथ सुर्खियां बटोरने वाली पंजाबी दो दशकों से अधिक समय से मनोरंजन उद्योग में काम कर रही है और उन्होंने राजनीति में शामिल होने और जनता की सेवा करने की इच्छा व्यक्त की थी।
कांग्रेस कार्यकर्ता नीरज भाटिया और अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया पर उनके पार्टी में शामिल होने की तस्वीरें साझा कीं।
42 वषीर्या काम्या ने 'बनूं मैं तेरी दुल्हन', 'मयार्दा: लेकिन कब तक', 'शक्ति-अस्तित्व के एहसास की', 'रेठी', 'अस्तित्व..एक प्रेम कहानी', 'पिया का घर' और 'क्यूं होता है प्यार' सहित कई टेलीविजन धारावाहिकों में काम किया है।
इसके अलावा, उन्होंने 'ना तुम जानो ना हम', 'यादें', 'फिर भी दिल है हिंदुस्तानी', 'कोई. मिल गया' जैसी बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने 'मेहंदी मेहंदी' म्यूजिक वीडियो और एक नाटक (प्ले) 'पजामा पार्टी' में भी अभिनय किया है। (आईएएनएस)
मुंबई, 27 अक्टूबर | आगामी फिल्म 'बंटी और बबली 2' में एक दशक से अधिक समय बाद अभिनेत्री रानी मुखर्जी के साथ फिर से थिरकते नजर आएंगे अभिनेता सैफ अली खान। फिल्म के डांस नंबर 'टैटू वालिए' में दोनों एक्टर की धमाकेदार जोड़ी नजर आने वाली है। सैफ ने कहा कि दशकों से हर ऑन-स्क्रीन जोड़ी के पास दर्शकों के लिए एक अनूठा कॉलिंग कार्ड रहा है। रानी और मेरे लिए, यह रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है और हम भाग्यशाली रहे हैं कि हमें चार्टबस्टिंग गाने मिले। 'हम तुम' में विशेष रूप से ब्लॉकबस्टर संगीत था। रानी और मुझे इस तरह के गाने को फिल्माने और उन पर डांस करने में बहुत मजा आता है।
"हम 'बंटी और बबली 2' में दर्शकों का पूरी तरह से मनोरंजन करने के उद्देश्य के साथ फिर से पर्दे पर वापस आ रहे हैं। हमें टैटू वाले जैसे चार्टबस्टर की जरूरत है और मुझे सालों बाद फिर से नृत्य करने की जरूरत है। यह एक मजेदार, पार्टी ट्रैक है,जो लोगों को डांस फ्लोर पर खींचेगा।
रानी ने कहा कि उन्हें और सैफ को एक साथ गाना करने में बहुत मजा आया।
'टैटू वाले' के बारे में बात करते हुए, रानी ने कहा कि यह 'ता रा रम पम्स अब टू फॉरएवर' के बाद हमारा एक डॉंस सॉन्ग है। इस बार यह बाकी सबसे थोड़ा अलग है क्योंकि इसमें सिद्धांत और शरवरी भी हैं लेकिन टैटू वाले बहुत अच्छा है इसलिए इसे शूट करने में बहुत मजा आया।
'बंटी और बबली 2' में सिद्धांत चतुवेर्दी और डेब्यूटेंट शरवरी भी हैं।
वरुण वी शर्मा द्वारा निर्देशित और यशराज फिल्म्स द्वारा निर्मित 'बंटी और बबली 2' 19 नवंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए पूरी तरह तैयार है। (आईएएनएस)
मुंबई, 27 अक्टूबर | बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना के पास अभिषेक कपूर की 'चंडीगढ़ करे आशिकी', अनुभव सिन्हा की 'अनेक', अनुभूति कश्यप की 'डॉक्टर जी' और 'एक्शन हीरो' जैसी फिल्में हैं। वो कहते हैं कि एक कलाकार के तौर पर वह एक पॉजिटिव मैसेज के साथ लोगों का मनोरंजन करना चाहते हैं। आयुष्मान ने कहा, "मेरे लिए कुछ मास्टर कहानीकारों के साथ सहयोग करना बेहद रोमांचक रहा है, जिनके पास दर्शकों को बताने और प्रेरित करने के लिए कुछ कहानियां हैं। मैं दर्शकों को अपनी अगली चार फिल्मों में कुछ अलग की उम्मीद करने के लिए कहना चाहता हूं।"
लगातार आठ नाटकीय हिट देने वाले अभिनेता ने कहा, "मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मुझे अपनी शुरूआत के बाद से कुछ अच्छी स्क्रिप्ट मिली हैं और शक्तिशाली फिल्म निर्माताओं के अविश्वसनीय दृष्टिकोण का हिस्सा हूं जो समाज में बदलाव लाना चाहते हैं। इन फिल्मों के कहानीकारों के पास कुछ शानदार अवधारणाएं हैं जिन्हें लोगों ने पहले पर्दे पर नहीं देखा और यही बात उन्हें वास्तव में मेरे लिए खास बनाती है।"
37 वर्षीय अभिनेता खुद को एक एंटरटेनर मानते हैं जो अपनी फिल्मों के जरिए समाज में पॉजिटिव मैसेज देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "एक कलाकार के रूप में आप केवल मनोरंजन करना चाहते हैं और मैं एक पॉजिटिव मैसेज के साथ लोगों का मनोरंजन करने में सक्षम होना चाहता हूं जो सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करेगा।" (आईएएनएस)
हैदराबाद, 26 अक्टूबर | टॉलीवुड के सुपरहीरो प्रभास की आने वाली पौराणिक ड्रामा 'आदिपुरुष' हाल के दिनों में सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक है। फिल्म की शूटिंग जल्द ही पूरी की जाएगी। बैक-टू-बैक शूटिंग में व्यस्त प्रभास 'आदिपुरुष' की टीम में शामिल हो गए हैं। आदिपुरुष का वर्तमान शूटिंग शेड्यूल मुंबई में हो रहा है। इसे अगले महीने के अंत तक पूरा किया जाना है। निर्देशक ओम राउत फिल्म के पोस्ट-प्रोडक्शन चरण में प्रवेश करने से पहले शूटिंग को समाप्त करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें भारी वीएफएक्स और ग्राफिकल से जुड़े काम बाकी हैं।
यहां तक कहा गया है कि 'आदिपुरुष' में 'बाहुबली' सीरीज की तुलना में ट्रिपल वीएफएक्स होगा। ऐसे में फैंस की उम्मीदें जगजाहिर हैं।
ओम राउत 11 अगस्त, 2022 तक फिल्म को रिलीज करने के लिए नॉन-स्टॉप शूटिंग की योजना बना रहे हैं। चूंकि आगामी फिल्म 'आदिपुरुष' में शुरूआत से ही परेशानियों में रही है, वहीं इसे महामारी के कारण कई बार स्थगित भी किया गया था। इस संदर्भ में, निमार्ता शूटिंग से जुड़ी चीजों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वीएफएक्स का काम जल्द ही पूरा हो सके।
आगामी 3डी एक्शन ड्रामा फिल्म 'आदिपुरुष' में, अभिनेता प्रभास भगवान राम की भूमिका में है, जबकि अभिनेत्री कृति सेनन सीता की भूमिका निभा रही है, और रावण के रूप में बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सैफ अली खान नजर आएंगे। (आईएएनएस)
मुंबई, 25 अक्टूबर | बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार राव और अभिनेत्री कृति सैनन 'कौन बनेगा करोड़पति 13' के 'शानदार शुक्रवार' एपिसोड में विशेष अतिथि (स्पेशल गेस्ट) के रूप में नजर आएंगे। वे एक सामाजिक उद्देश्य के लिए हॉटसीट पर गेम खेलेंगे और शो के होस्ट अमिताभ बच्चन के साथ बातचीत करेंगे।
आगामी एपिसोड में अभिनेत्री कृति सैनन अमिताभ बच्चन को प्रपोज करने के लिए घुटनों के बल बैठी नजर आने वाली हैं और इसके बाद बॉलरूम डांस भी देखने को मिलेगा। इसके अलावा राजकुमार राव शो में शाहरुख खान और सनी देओल जैसे अभिनेताओं की नकल करते हुए नजर आएंगे।
वह होस्ट अमिताभ से उनकी प्रतिष्ठित फिल्म 'दीवार' के कुछ दृश्यों को अभिनय करने का भी अनुरोध करेंगे।
इस दौरान कृति की बहन नूपुर सैनन एक खास मैसेज शेयर करेंगी।
'केबीसी-13' का शुक्रवार का विशेष एपिसोड 29 अक्टूबर को सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली. टीवी की पॉपुलर रियलिटी क्विज शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के 13वें सीजन को दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं. शो के होस्ट अमिताभ बच्चन दशकों से अपनी एक्टिंग और ऑन-स्क्रीन प्रेजेंस से लोगों का दिल जीतते रहे हैं. क्विज शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में एक होस्ट के रूप में उनका अंदाज देखने लायक है. इस सीजन का हर एपिसोड रोचक रहा है और आज का एपिसोड तो बेहद खास रहा, जहां गुजरात से आए धवल नंदा 12 लाख 50 हजार रुपये जीते. उन्होंने अपना गेम बहुत ही शानदार तरीके से खेला और अपने ज्ञान के दम पर एक मोटी रकम जीत पाए.
धवल जब 6 लाख 40 हजार रुपये जीते, तो उस वक्त उन्होंने अपना आखिरी लाइफ लाइन का इस्तेमाल किया, और जब 12 लाख 50 हजार के सवाल पर पहुंचे, तो उन्होंने उस सवाल के लिए रिस्क लिया और वह जीत भी गए, लेकिन 25 लाख के सवाल में वह आकर फंस गए. धवल किसी प्रकार का कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने गेम को बीच में ही छोड़ना उचित समझा.
तो आइए, देखते हैं धवल नंदा से पूछे गए 25 लाख के इस सवाल का जवाब-
सवाल: हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, एक श्रापके कारण किस ऋषि के दोनों पैर कमजोर हो गए थे तब भगवान शिव ने उन्हें तीसरे पैर का वरदान दिया था?
जवाब: भृंगी ऋषि
आज के एपिसोड में कुल दो कंटेस्टेंट्स ने पार्टिसिपेट किया, और वे दोनों ही कंटेस्टेंट्स गुजरात से थे. सबसे पहले पल्लवी महीडा ने 3 लाख 20 हजार रुपये जीते, उसके बाद हॉट सीट पर आए धवल नंदा 25 लाख के सवाल तक पहुंचे, लेकिन वह 12 लाख 50 हजार ही जीत पाए. बात करें पल्लवी की तो 3 लाख 20 हजार के सवालों तक उन्होंने अपने सारे लाइफ लाइन गंवा दिया था, इसलिए वह 6 लाख 40 हजार के सवाल के लिए बिना कोई रिस्क लिए गेम को बीच में ही छोड़ दिया.
बता दें, शो के होस्ट अमिताभ बच्चन अपनी वाक्पटुता और बात करने की कला से इस शो में 4 चांद लगा देते हैं. अमिताभ बच्चन हर कंटेस्टेंट से उसके जीवन, परिवार, करियर, अनुभव, संघर्ष, सपने और भी बहुत से विषयों पर बात करते हैं.
हैदराबाद, 25 अक्टूबर | रविवार के एलिमिनेशन में अभिनेत्री प्रिया के शो से बाहर होने के साथ, 'बिग बॉस तेलुगु 5' के घर में अब 12 लोग रह गए हैं। रियलिटी शो में जैसे-जैसे प्रतियोगियों ने लगभग 50 दिन पूरे किए हैं, वैसे-वैसे आने वाले दिन उनके लिए महत्वपूर्ण होने वाले हैं। गायक श्री राम चंद्रा, एंकर रवि, लोबो, अभिनेत्री सिरी, अभिनेता मानस और अभिनेता शनमुख जसवंत वीकेंड के लिए नामांकन की सूची में हैं। चूंकि सभी नामांकित प्रतियोगी मजबूत खिलाड़ी हैं, इसलिए यह एलिमिनेशन महत्वपूर्ण होने वाला है।
इस हफ्ते का नॉमिनेशन घरवालों के लिए अहम भूमिका निभाने वाला है, क्योंकि वे खिताब जीतने के करीब हैं। इस समय कोई गलती या कोई उपेक्षा प्रतियोगियों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
श्री राम चंद्र, मानस और शनमुख बहुत अच्छा खेल खेल रहे हैं, जो सीजन के सबसे लोकप्रिय प्रतियोगी हैं। अब जबकि खेल बदल गया है और वीजे सनी दौड़ में शामिल हो गए हैं, उन्हें अब तक का सबसे मजबूत प्रतियोगि कहा जाता है।
मास्टर ऐनी, सिरी और जसवंत भी खिताब जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।(आईएएनएस)
मुंबई, 25 अक्टूबर | मशहूर अभिनेता पंकज त्रिपाठी 'बंटी और बबली 2' में एक चतुर पुलिस अधिकारी के रूप में नजर आने वाले हैं। उन्हें उम्मीद है कि उन्होंने फिल्म में अपने किरदार के साथ न्याय किया है।
पंकज ने कहा कि मैं उन परियोजनाओं को खोजने के लिए आभारी हूं जो अलग हैं और 'बंटी और बबली 2' एक बेहद मजेदार फिल्म है। मुझे बस वह किरदार पसंद आया जो मुझे मेरे निर्देशक वरुण वी शर्मा और वाईआरएफ द्वारा पेश किया गया था और मुझे उम्मीद है कि मैंने भूमिका के साथ न्याय किया है। मैं इस तरह की भूमिका की तलाश में रहता हूं क्योंकि यह मुझे कॉमेडी के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन करने की रचनात्मक स्वतंत्रता देती है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं जटायु सिंह नाम के एक पुलिस वाले की भूमिका निभा रहा हूं, जो अपनी चतुराई से, दो बंटी और बबलियों को पकड़ने के लिए कड़ी मेहनत करता है। जबकि दोनों बंटी और बबली यह साबित करने के लिए लड़ाई करते हैं कि सबसे बड़ा चोर-कलाकार कौन है।
"मैं वह हूं जो नए बंटी और बबली का पीछा करने के लिए असली बंटी-बबली को छुपाता है। दर्शकों को यह फिल्म काफी पसंद आने वाली है।"
'बंटी और बबली 2' 19 नवंबर को दुनियाभर में रिलीज होने के लिए तैयार है।(आईएएनएस)
मुंबई, 25 अक्टूबर | बॉलीवुड सिंगर कुमार शानू 'जी कॉमेडी शो' के सेलिब्रिटी गेस्ट होंगे। गायक, जिन्होंने 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' से 'चुरा के दिल मेरा', 'कुछ कुछ होता है' से 'लड़की बड़ी अंजनी है' और 'कुरुक्षेत्र' से 'आप का आना दिल धड़कना' जैसे लोकप्रिय गाने गाए हैं। वह शो में 90 के दशक के कुछ मशहूर गाने गाएंगे और इंडस्ट्री में अपने दिनों की कुछ यादें भी साझा करेंगे। इसके अलावा फराह खान भी कुमार शानू के गाए गानों पर डांस करेंगी।
शानू शो में फराह के साथ बातचीत करेंगे और अनसुनी कहानियों और उपाख्यानों का खुलासा करेंगे। इसके अलावा शो में टीम हसेंगे नाम के 10 कॉमेडियन अलग-अलग कॉमिक एक्ट पेश करेंगे और फराह खान और कुमार शानू का मनोरंजन करेंगे।
'जी कॉमेडी शो' जी टीवी पर शनिवार और रविवार को प्रसारित होता है।(आईएएनएस)
मुंबई, 25 अक्टूबर | फिल्म 'आफत-ए-इश्क' में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे अभिनेता नमित दास का कहना है कि यह फिल्म उनके लिए और भी खास है क्योंकि इस फिल्म से वह पाश्र्व गायक के रूप में अपनी शुरूआत कर रहे हैं। नमित ने आईएएनएस को बताया कि मेरे पिता एक सम्मानित गजल गायक चंदन दास हैं और मेरे दादा भी संगीतकार और शिक्षक थे। मैं संगीतकारों के परिवार में जन्म हूं, लेकिन मुझे अभिनय, प्रदर्शन भी उतना ही पसंद है, जितना संगीत। इसलिए अपने करियर की शुरूआत में, मैं अपनी प्रदर्शन कला में बहुत वयस्त रहा। इस फिल्म में, पहली बार, मैं गाने गा रहा हूं, जिसे गौरव चटर्जी ने संगीतबद्ध किया है।
उन्होंने आगे कहा कि फिल्म 'आत्माराम' में मेरा किरदार किशोर कुमार का प्रशंसक है और वह हर समय उनके गाने गाता है। कहानी के सार को ध्यान में रखते हुए, तब हमारे निर्देशक ने मुझसे कहा, तुम अपना गाना खुद क्यों नहीं गाते। वे मूल हैं और वैसे भी आप एक प्रशिक्षित गायक हैं। मैं यह सुनकर कहीं अधिक खुश हुआ और यह तथ्य कि एक संगीतमय परिवार का बच्चा होने के नाते, संगीत में मेरा पदार्पण होना ही था। अच्छा है कि यह इस फिल्म के साथ हो रहा है।
फिल्म 'आफत-ए-इश्क' इंद्रजीत नट्टोजी द्वारा निर्देशित है और इसमें नेहा शर्मा, अमित सियाल, दीपक डोबरियाल, इला अरुण सहित अन्य शामिल हैं।
नमित ने साझा किया कि हमने महामारी के दौरान शूटिंग की और भले ही यह एक कॉमेडी फिल्म है, वास्तविकता बहुत विपरीत थी। सभी कोविड प्रोटोकॉल को बनाए रखना होता था, हालांकि मुझे लगता है कि हम सभी, कास्ट और क्रू, जिस तरह से फिल्म अब तक बनी है, उससे बहुत खुश हैं।
'आफत-ए-इश्क' 29 अक्टूबर को जी5 पर रिलीज होगी।(आईएएनएस)
मुंबई. क्रूज पर ड्रग्स जब्ती के मामले में रविवार को एक और ट्विस्ट सामने आया है. पहले लापता केपी गोसावीके कथित बॉडीगार्ड प्रभाकर सेल ने एनसीबी पर डील के आरोप लगाए थे, अब उसी ने एक वीडियो में शेयर किया है. इस वीडियो में कथित तौर पर फरार गवाह केपी गोसावी एनसीबी ऑफिस में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का एक ऑडियो रिकॉर्ड करते हुए दिख रहा है. इसी वीडियो में होटल व्यवसायी कुणाल जानी भी कुछ समय के लिए नजर आता है, जिसे पहले मादक पदार्थ के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था. कुणाल जानी का पहली बार नाम एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के मौत से संबंधित जांच में सामने आया था.
प्रभाकर सेल आर्यन खान से संबंधित क्रूज ड्रग्स केस का स्वतंत्र गवाह है. अब उसकी ओर से जारी किए गए इस वीडियो में एनसीबी दफ्तर में कुणाल जानी के नजर आने से अटकलें लगने लगी हैं कि इस महीने की शुरुआत में क्रूज जहाज पर एनसीबी द्वारा की गई छापेमारी से उसका कुछ संबंध था, जिसमें आर्यन खान और अन्य की गिरफ्तारी हुई. जानी यहां बांद्रा में एक प्रमुख रेस्तरां का डायरेक्टर है.
हालांकि, एनसीबी के सूत्रों ने कहा कि जानी को एक अलग मादक पदार्थ मामले में एजेंसी ने गिरफ्तार किया था और जब आर्यन खान को वहां लाया गया तो वह कार्यालय में मौजूद था क्योंकि जानी का बयान भी दर्ज किया जा रहा था.
जानी को एनसीबी ने 30 सितंबर को मादक पदार्थ के एक मामले में गिरफ्तार किया था, जिसमें अभिनेता अर्जुन रामपाल की संगिनी का भाई अगिसिलास डेमेट्रियड्स भी एक आरोपी है. डेमेट्रियड्स पर ड्रग सिंडिकेट चलाने का आरोप है. जानी को 10 अक्टूबर को जमानत मिल गई थी.
एनसीबी सूत्रों ने बताया कि जानी का नाम सबसे पहले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले में सामने आया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को जानी और रिया चक्रवर्ती का एक चैट समूह मिला था, जहां ड्रग्स पर चर्चा की जा रही थी.
जानी के होटल में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा पार्टनर हैx. कुंद्रा अश्लील फिल्म के एक मामले में आरोपी हैं, जो पिछले महीने जमानत पर जेल से बाहर आए थे. प्रभाकर सेल ने रविवार को यह दावा भी किया था कि आर्यन खान को छोड़ देने के लिए एनसीबी के एक अधिकारी एवं अन्य ने 25 करोड़ रुपये मांगे थे. अन्य में गोसावी भी शामिल है.
मुंबई, 23 अक्टूबर| अध्ययन सुमन और एंजेल की फिल्म 'बेखुदी' के गाने को निर्माताओं ने साल के सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक के रूप में परोसने का संकल्प लिया है। ढोल, ताशा और भांगड़ा किसी भी शादी के गाने में जोश भर सकते हैं। अपने वादे को पूरा करते हुए, फिल्म के निर्माताओं ने अब भांगड़ा के राजा दलेर मेहंदी द्वारा गाया गया एक पंजाबी वेडिंग नंबर जारी किया है।
'जब से हुई सगाई' शीर्षक गीत को फिल्म के निर्देशक अमित कसारिया द्वारा रचित है, जिसे दलेर मेहंदी ने अपनी आवाज दी है।
रैप को स्वरांश मिश्रा ने लिखा है और अभिषेक टैलेंटेड ने गाया है। एक सगाई की पृष्ठभूमि वाले इस गीत में ढोल और भांगड़ा का एक उच्च ऊर्जा मिश्रण है।
संगीत फिल्म के मुख्य आकर्षण के रूप में उभरा है। सोनू निगम और जुबिन नौटियाल के चार्टबस्टर्स ने संगीत प्रेमियों को साउंडट्रैक के बारे में बताया है।
कसारिया का मानना है कि गाने की आकर्षक बीट्स से श्रोता मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। यह गीत फिल्म में एक तरह की राहत के रूप में काम करता है, जो एक ट्विस्टेड प्लॉट के साथ है और एक ऐसे युवक का अनुसरण करता है जिसे प्यार में धोखा दिया जाता है जो अपनी मानसिक स्थिति से गहरा हो जाता है।
ट्रैक के बारे में दलेर मेहंदी ने कहा, "यह उस तरह का नंबर है जो आपको तुरंत थिरकने पर मजबूर कर देता है। मुझे यह गाना पसंद आया जब पहली बार अमित ने मुझे सुनाया। साथ में हमारे पास इसके लिए एक समान दृष्टि थी और हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि गीत में एक सतत ऊर्जा हो।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे उम्मीद है कि त्योहारों के मौसम के साथ, गीत हर किसी की प्लेलिस्ट में अपना रास्ता ढूंढ लेगा और पार्टियों में लूप पर है। इसमें इतनी जंगली ऊर्जा है कि मुझे उम्मीद है कि लोग आनंद लेंगे।" (आईएएनएस)
मुंबई, 23 अक्टूबर | मलाइका अरोड़ा के 48वें जन्मदिन पर शनिवार को उनके कथित प्रेमी और अभिनेता अर्जुन कपूर ने एक रोमांटिक तस्वीर साझा की है और कहा है कि वह केवल उन्हें मुस्कुराते हुए देखना चाहते हैं। अर्जुन ने इंस्टाग्राम पर मलाइका के बर्थडे सेलिब्रेशन की एक तस्वीर शेयर की है। तस्वीर में, 36 वर्षीय अभिनेता कैमरे की ओर देख रहे हैं और मुस्कुरा रहे हैं, जबकि मलाइका अभिनेता के माथे पर धीरे से किस करती नजर आ रही हैं।
अर्जुन ने तस्वीर को कैप्शन दिया, "आज के दिन या किसी भी अन्य दिन मैं आपको मुस्कुराते हुए देखना चाहता हूं। इस साल आप सबसे ज्यादा मुस्कुराएं।"
तस्वीर को वर्तमान में 226,000 लाइक्स मिल चुके हैं।
इस तस्वीर पर अर्जुन के दोस्तों और सहकर्मियों ने कई तहर के कमेंट किए।
अभिनेता रणवीर सिंह ने लिखा: प्यार (लव)।"
अभिनेत्री और मलाइका की सबसे अच्छी दोस्त करीना कपूर खान ने मजाकिया अंदाज में फोटो-क्रेडिट मांगा।
उसने लिखा: "मुझे फोटो क्रेडिट चाहिए अर्जुन कपूर जी।"
मलाइका की बहन अमृता अरोड़ा ने दिल का इमोजी बनाया।
काम के मोर्चे पर, अर्जुन के पास वर्तमान में तीन फिल्में - 'एक विलेन रिटर्न्स', 'कुट्टी' और 'द लेडी किलर' हैं। (आईएएनएस)
मुंबई, 23 अक्टूबर | 'रेशमी सलवार' गर्ल के रूप में मशहूर और दिवंगत कॉमेडियन महमूद अली की बहन अभिनेत्री मीनू मुमताज का शनिवार को कनाडा में निधन हो गया। यह जानकारी परिवार के एक सदस्य ने दी। उनके भाई अनवर अली ने एक बयान में कहा, "यह बताते हुए दुख हो रहा है कि मेरी प्यारी बहन मीनू मुमताज का (कनाडा में) कुछ मिनट पहले निधन हो गया। फिल्म बिरादरी, मीडिया, प्रशंसकों, दोस्तों के लिए दशकों से प्यार और प्रशंसा की गहरी कृतज्ञता उन पर रही है।"
मलिकुनिसा के रूप में जन्मी, उन्हें बाद में महमूद की भाभी दिवंगत दिग्गज अभिनेत्री मीना कुमारी ने 'मीनू' नाम दिया।
वह एक नर्तकी और अभिनेत्री के रूप में अपनी भूमिकाओं के लिए जानी जाती हैं और विशेष रूप से सुपरहिट ओपी नैयर के गाने 'रेशमी सलवार कुर्ता जाली का' ('नया दौर' 1957) के लिए याद की जाती हैं, जिसे आशा भोंसले और शमशाद बेगम ने गाया था और उन पर और जैबुनिसा खान उर्फ कुमकुम पर फिल्माया गया था। (आईएएनएस)
मुंबई: फेस्टिवल सीजन चल रहा है. ऐसे में लोग मिठाइयों का आनंद उठाना पसंद करते हैं. लेकिन मिठाई से होने वाले सेहत के नुकसान और आसमान छूते दाम को लेकर बॉलीवुड एक्टर रितेश देशमुख ने मजाकिया अंदाज में एक ट्वीट किया. एक्टर के इस ट्वीट को हिंदू फेस्टिवल के खिलाफ मानते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने एक्टर को ट्रोल करना शुरू कर दिया. ऐसे में रितेश ने अपने मजेदार ट्वीट से ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया.
दरअसल, रितेश देशमुख ने ट्विटर पर मिठाइयों के प्राइस चार्ट की एक मेनु पोस्ट की. त्यौहार के दौरान मिठाइयों के बढ़ते दाम और मिठाई खाने के बाद वेट करने में लगने वाली रकम के बारे में लिखा. पोस्ट में लड्डू, जलेबी, काजू बर्फी और चॉकलेट की रेट लिस्ट के साथ आखिरी में लिखा बुद्धिमानी से चुने. इसके साथ ही कैप्शन में लिखा ‘मैंने सोचा आपको वार्न कर दूं’.
रितेश के इस पोस्ट को कोट कर एक यूजर ने पूछा ‘आप लोगों का ज्ञान केवल सनातनी पर्वों पर ही होता है क्या? ईद या मैरी क्रिसमस या न्यू ईयर पर मुंह में दही जमा लेते हो. यूजर के इस सवाल पर रितेश ने मजेदार जवाब देकर बोलती बंद कर दी. रितेश ने लिखा सॉरी सर, मैं वेगन हूं, दही नहीं खाता’. रितेश के इस जवाब पर लोगों को मजा आ रहा है.
बता दें कि रितेश देशमुख और उनकी वाइफ जेनेलिया देशमुख अपने मजेदार और बुद्धिमानी भरे अंदाज के लिए जाने जाते हैं. इसकी झलक हाल ही में दोनों ने अरबाज खान के शो ‘पिंच 2’ पर दिखाई थी.
रितेश देशमुख के वर्कफ्रंट की बात करें तो जल्द ही फरदीन खान के साथ फिल्म ‘विस्फोट’ में नजर आएंगे. ये जोड़ी इससे पहले 2007 में कॉमेडी फिल्म ‘हे बेबी’ में नजर आई थी. इस फिल्म का निर्देशन कूकी गुलाटी कर रहे हैं. ‘विस्फोट’ वेनेजुएला की फिल्म ‘रॉक, पेपर, कैंची’ का ऑफिशियल रीमेक है. फिल्म का निर्माण टी सीरीज के साथ संजय गुप्ता कर रहे हैं.
केबीसी यानि कौन बनेगा करोड़पति में साहिल अहिरवार ने एक कठिन सवाल का जवाब देकर 01 करोड़ रुपए जीत लिए. उनसे पूछा गया था कि अतिथि देवो भव किस उपनिषद से ताल्लुक रखता है. साहिल ने इसका सही जवाब दिया और 01 करोड़ जीतकर अपना सपना पूरा कर लिया.
गौरतलब है कि हमारे उपनिषदों की संख्या 108 है. इसी में एक है तैत्तिरीयोपनिषद, जिससे ये सवाल ताल्लुक रखता है. दरअसल अतिथि देवो भव एक पूरा श्लोक है, जो इस तरह है
मातृ देवो भव। पितृ देवो भव। आचार्य देवो भव। अतिथि देवों भव।
यानि माता को, पिता को, आचार्य को और अतिथि को देवता के समान मानकर उनके साथ व्यवहार करो. हम अक्सर अपने देश में लोगों को अतिथि देवो भव कहते सुनते हैं. भारतीय टूरिज्म डिपार्टमेंट ने इसे अपना मूल वाक्य भी बनाया हुआ है.
क्या है तैत्तिरीयोपनिषद
अब हम आपको बताते हैं कि तैत्तिरीयोपनिषद है क्या. ये कृष्ण यजुर्वेद शाखा का यह उपनिषद तैत्तिरीय आरण्यक का एक भाग है. इस आरण्यक के सातवें, आठवें और नौवें अध्यायों को ही उपनिषद की मान्यता प्राप्त है. इस उपनिषद के रचयिता तैत्तिरि ऋषि थे, इसलिए इसे तैत्तिरीयोपनिषद भी कहते हैं.
क्या है इसमें
इसमें तीन वल्लियां- ‘शिक्षावल्ली,’ ‘ब्रह्मानन्दवल्ली’ और ‘भृगुवल्ली’ हैं. इन तीन वल्लियों को क्रमश: बारह, नौ तथ दस अनुवाकों में विभाजित किया गया है. इस उपनिषद द्वारा तैत्तिरि ऋषि ने अपने पूर्ववर्ती आचार्य सत्यवचा राथीतर, तपोनिष्ठ पौरूशिष्टि, नाकमोद्गल्य और त्रिशंकु आदि आचार्यों के उपदेशों को मान्यता दी है.
क्या होते हैं उपनिषद
उपनिषद् हिन्दू धर्म के महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं. ये वैदिक वाङ्मय के अभिन्न भाग हैं. संस्कृत में लिखे गये हैं. इनकी संख्या लगभग 108 है, किन्तु मुख्य उपनिषद 13 हैं. हर एक उपनिषद किसी न किसी वेद से जुड़ा हुआ है. इनमें परमेश्वर, परमात्मा-ब्रह्म और आत्मा के स्वभाव और सम्बन्ध का बहुत ही दार्शनिक और ज्ञानपूर्वक वर्णन दिया गया है.
उपनिषद भारतीय आध्यात्मिक चिन्तन के मूल आधार हैं, भारतीय आध्यात्मिक दर्शन के स्रोत हैं. वे ब्रह्मविद्या हैं. जिज्ञासाओं के ऋषियों द्वारा खोजे हुए उत्तर हैं. वे चिन्तनशील ऋषियों की ज्ञानचर्चाओं का सार हैं.
-जान्हवी मुले
वो बड़ी तो हुईं एक लड़की के रूप में लेकिन कैसा रहा होगा वो पल जब किसी ने उनके लड़की होने पर सवाल उठाया होगा? जब किसी ने कहा होगा, 'वो पूरी औरत नहीं हैं.' या फिर ये कि वो 'लड़की ही नहीं हैं, बल्कि लड़का हैं.'
फ़िल्म रश्मि रॉकेट की 'हिरोइन' रश्मि वीरा को कुछ ऐसे ही सवालों से जूझना पड़ता है. ये वो सवाल थे जिसने एक खिलाड़ी को अचानक से एक मोड़ पर लाकर रोक दिया. लेकिन ना तो वह झुकी और ना ही वह रुकी. उसने हर उस सवाल का जवाब दिया जो उसकी पहचान को लेकर उठे थे.
15 अक्टूबर को रिलीज़ हुई तापसी पन्नू स्टारर फ़िल्म रश्मि रॉकेट यूं तो बॉलीवुड मसाला फ़िल्म है. जो कहीं कहीं थोड़ी मेलोड्रैमैटिक भी लगती है लेकिन फ़िल्म में महिला खिलाड़ियों के एक ऐसे मुद्दे को उठाया गया है जो शायद अब तक अछूता ही रहा है.
यह फ़िल्म 'जेंडर टेस्ट' के मुद्दे पर बात करती है. यह फ़िल्म एक औरत को बतौर औरत खेलने की चुनौतियों को दर्शाती है.
मर्दों के लिए खेल के नियम कुछ और, औरतों के लिए कुछ और...
आज के समय में शायद ही कोई ऐसी फ़ील्ड है जहां महिलाएं नहीं हैं. वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं लेकिन शायद खेल ही एक ऐसा क्षेत्र है जहां आज भी मर्द और औरत के बीच की खाई साफ़ नज़र आती है. जहां आज भी खिलाड़ियों को महिला और पुरुष के तौर पर आंका जाता है. दोनों के लिए एक ही खेल के अलग-अलग मानदंड हैं.
इसके पीछे एक बड़ी वजह शारीरिक क्षमता को माना जाता है, वो भी ख़ासतौर पर एथलेटिक्स में.
एक पुरुष और एक महिला के शरीर में अंतर है लेकिन इसका यह कहीं से भी मतलब नहीं है कि एक औरत, पुरुष की तुलना में कमज़ोर है. लेकिन हां इस बात को सिरे से ख़ारिज नहीं किया जा सकता है कि स्वभाविक तौर पर पुरुष शारीरिक क्षमता में औरतों से अलग होते हैं.
शायद यही एक वजह है कि पुरुषों को महिलाओं के ख़िलाफ़ खिलाना हमेशा उचित नहीं माना जाता क्योंकि दोनों में शारीरिक भिन्नता है. इसीलिए घुड़सवारी या मिक्स्ड डबल जैसे खेलों को छोड़कर ज़्यादातर खेलों में पुरुष और महिलाएं अलग-अलग श्रेणियों में खेलते हैं.
लेकिन इन समूहों में उन्हें बांटने वाले नियम कभी-कभी महिलाओं के साथ अन्याय जैसे होते हैं.
जैसे यदि कोई महिला वर्गीकरण नियमों में फ़िट नहीं आती है तो वह महिला वर्ग में नहीं खेल सकती है. वहीं दूसरी ओर जब एक पुरुष जो समान नियमों में फ़िट नहीं आता है, बावजूद उसे एक पुरुष के रूप में खेलने की अनुमति होती है.
शायद यही वो कारण जिस वजह से इन नियमों को लेकर अक्सर विवाद सामने आते हैं.
खेलों में 'जेंडर टेस्ट' का इतिहास
20वीं सदी में कुछ समय के लिए महिलाओं के लिए 'सेक्स वेरिफ़िकेशन टेस्ट' करवाना अनिवार्य था और महिला खिलाड़ियों को अक्सर इस बेहद 'शर्मिंदगी' भरे टेस्ट से गुज़रना पड़ता था. इसी को ध्यान में रखते हुए साल 1968 के दौरान हुए ओलंपिक खेलों में क्रोमोसोम टेस्ट की शुरुआत हुई.
लेकिन साल 1990 के दौरान इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ़ एथलेटिक्स फ़ेडरेशन (IAA) और इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) दोनों ने इन अनिवार्य टेस्ट्स को ख़ारिज कर दिया. इसके बाद से किसी खिलाड़ी को केवल तभी टेस्ट देने के लिए कहा जाता है जब उसे लेकर कोई संदेह हो अथवा उस खिलाड़ी के संबंध में किसी दूसरे ने शिकायत की हो. लेकिन उस शिकायत का ठोस आधार होना ज़रूरी है.
इसके बाद हॉर्मोन टेस्ट के एक नये तरीक़े से तय किया जाने लगा कि कोई खिलाड़ी बतौर महिला खेल सकती है या नहीं.
यहां इस बात का ज़िक्र कर देना ज़रूरी है कि शायद ऐसे गिने-चुने मामले ही हों जब किसी खेल में एक पुरुष खिलाड़ी ने महिला खिलाड़ी बनकर हिस्सा लिया हो.
इसके अलावा, इंटरसेक्स एथलीट और ट्रांसवुमेन खिलाड़ियों की संख्या काफ़ी कम है.
तो क्या यह सही है कि कोई खिलाड़ी, महिला खिलाड़ी ही है, यह तय करने के लिए मानक निर्धारित किये जाएं? क्योंकि प्रकृति ने किन्हीं भी दो लोगों को एक सा नहीं बनाया है. यहां तक की दो औरतें भी एक-दूसरे से पर्याप्त अलग होती हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि फिर सिर्फ़ औरतों को ही क्यों इन तय मानकों का पालन करना पड़ता है?
कुछ ऐसा ही सवाल भारतीय एथलीट दुती चंद ने भी पूछा था. उनकी यह लड़ाई, उनकी आवाज़ महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई बन गई. साथ ही यह मानवाधिकार की भी लड़ाई बन गई.
फ़िल्म 'रश्मि रॉकेट' के निर्माताओं ने हालांकि शुरू में ही यह साफ़ कर दिया था कि यह फ़िल्म किसी एक खिलाड़ी के जीवन पर आधारित नहीं है. उन्होंने दावा करते हुए कहा था कि यह फ़िल्म दर्शकों को कुछ खिलाड़ियों के जीवन-संघर्ष से रुबरु कराएगी. उन्हें उन खिलाड़ियों की याद दिलाएगी.
कई लोग इस फ़िल्म की तुलना भारतीय एथलीट दुती चंद के जीवन से कर रहे हैं. दुती उन खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाई. जिन्होंने नियमों को चुनौती दी. लेकिन वह पहली खिलाड़ी नहीं थीं, जिनके साथ कुछ ऐसा हुआ.
दुती चंद से पहले भारत के कुछ और खिलाड़ियों को भी इन नियमों के दर्द से गुजरना पड़ा है.
साल 2001 में, गोवा की एक युवा तैराक प्रतिमा गोकर ने जेंडर टेस्ट में फ़ेल होने के बाद अपनी जान लेने की कोशिश की थी.
पांच साल बाद एक और खिलाड़ी शांति सुंदरराजन को भी इसी तरह की परीक्षा का सामना करना पड़ा.
शांति सुंदरराजन ने 2006 के एशियाई खेलों में 800 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था. लेकिन जब वह 'जेंडर टेस्ट' में फेल हो गईं तो उनके मेडल उनसे ले लिये गए.
शांति सुंदरराजन के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था. एक ओर उनसे उनका मेडल छीना गया वहीं दूसरी ओर उनकी मेडिकल रिपोर्ट पर सार्वजनिक रूप से टीवी पर चर्चा की गई.
वह बिल्कुल अकेली थीं और इन सबसे जूझते हुए वह डिप्रेशन का शिकार हो गईं. इसी दौरान उन्होंने आत्महत्या की भी कोशिश की. उनकी जान तो बच गई. लेकिन उसके बाद उन्होंने कोच बनकर ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया लेकिन वह अपने मेडल कभी भी वापस नहीं ले सकीं.
शांति सुंदरराजन को एक ओर जहां लोगों का समर्थन नहीं मिला वहीं कास्टर सेमेन्या को भरपूर समर्थन मिला.
सेमेन्या ने 2009 में 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था. लेकिन उस इवेंट से पहले उन्हें 'जेंडर टेस्ट' देने के लिए कहा गया था.
इस ख़बर पर अटकलों का दौर शुरू हो गया था. लेकिन दक्षिण अफ्रीका में फ़ेडरेशन सेमेन्या के साथ खड़ा रहा और उन्हें एक साल बाद दौड़ने की अनुमति मिल गई और उनसे उनके मेडल भी नहीं छीने गए. इस मामले में जो बात सबसे अहम थी वह यह कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट को पूरी तरह से गुप्त रखा गया.
हाइपरएंड्रोजेनिज़्म क्या है?
सेमेन्या के केस के बाद IAAF ने महिलाओं में हाइपरएंड्रोजेनिज़्म के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया.
एनएचएस के अनुसार, हाइपरएंड्रोजेनिज़्म एक ऐसी मेडिकल कंडिशन है जिसमें महिला के शरीर में एंड्रोजन का लेवल बहुत अधिक होता है. एंड्रोजन टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन का एक समूह है जो आमतौर पर पुरुषों में पाया जाता है.
महिलाओं के शरीर में भी ये हॉर्मोन होते हैं लेकिन उनका स्तर और प्रभाव पुरुषों की तुलना में बहुत कम होता है.
महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का सामन्य स्तर क्या माना जाना चाहिए इसे लेकर विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है. लेकिन कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि कुछ महिलाओं के शरीर में इन हार्मोन्स का लेवल हाई होता है जबकि कुछ पुरुषों में इन हॉर्मोन्स का स्तर बेहद कम होता है.
कुछ लोगों में एंड्रोजन असंवेदनशील सिंड्रोम होता है. जिसका मतलब यह हुआ कि ऐसे लोगों के शरीर में पुरुष गुणसूत्र (XY)तो होते हैं लेकिन उनका शरीर टेस्टोस्टेरोन का इस्तेमाल करने में अक्षम होता है और इसी कारण उनका शरीर बाहर से एक महिला की तरह होता है.
ऐसे खिलाड़ियों को आप कैसे वर्गीकृत कर सकते हैं?
2011 में IAAF के विशेषज्ञों की टीम और IOC के मेडिकल कमिशन की रिपोर्ट के बाद टेस्टोस्टेरोन के लेवल की नई सीमा तय की गई थी.
उन सभी खिलाड़ियों को महिला वर्ग में खेलने की अनुमति दी गई थी जिनके ब्लड सैंपल में 10 नैनोमोल्स प्रति लीटर से कम एंड्रोजन हो.
IAAF ने यह भी स्पष्ट किया था कि किसी खिलाड़ी का जेंडर टेस्ट उसी सूरत में किया जाएगा जब उसके ख़िलाफ़ कोई शिकायत की आएगी या कोई पुख्ता संदेह हो.
साथ ही यह भी कहा गया कि टेस्ट के रिज़ल्ट गुप्त रखे जाएंगे.
साथ ही अगर कोई लड़की हाइपरएंड्रोजेनिज्म कंडिशन से जूझ रही है तो इलाज से उनके एंड्रोजन लेवल को कम करने का विक्लप भी होगा.
दुती चंद को भी एक ऐसा ही विकल्प दिया गया था लेकिन उन्होंने किसी भी इलाज से इनक़ार कर दिया था. उन्होंने हर अड़चन का सामना किया और व्यवस्था को बदलने के लिए मजबूर कर दिया.
दुती चंद का संघर्ष
दुती चंद ओडिशा के एक छोटे से गांव में पली-बढ़ीं. साल 2013 में एशियाई एथलेटिक्स में कांस्य पदक जीतकर वह देशभर की चहेती बन गईं. उस समय वह सिर्फ़ 18 साल की थीं.
लेकिन साल 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स से ठीक पहले दुती चंद को भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया. उन्हें बाहर करने की वजह यह बतायी गई कि वह हाइपरएंड्रोजेनिज्म के मानदंडों के अनुरूप नहीं. उन्हें भी विकल्प के तौर पर इलाज कराने की सलाह दी गई.
दुती ने साल 2019 में बीबीसी से उन दिनों के बारे में बताया था.
उन्होंने कहा था, "उन दिनों कई लोगों ने मुझे मानसिक रूप से परेशान किया. मीडिया में लोग मेरे बारे में अनाप-शनाप बातें कह रहे थे. मैं चाहकर भी ट्रेनिंग नहीं कर पा रही थी. मेरे गांव में लोगों को लगता कि मैं एक लड़का हूं. उन्हें इस तरह की किसी कंडिशन के बारे पता ही नहीं था."
लेकिन दुती ने हार नहीं मानी और डटी रहीं. फिर धीरे-धीरे उन्हें कुछ लोगों का समर्थन भी मिला. मदद के लिए आगे आने वालों में एक पहला नाम डॉ. पायोशनी मित्रा का था, जो जेंडर मामलों की शोधकर्ता हैं.
उन्हीं की मदद से दुती अपना मामला सीएएस में ले जा पाने में कामयाब रहीं. यह अंतरराष्ट्रीय खेलों की एक शीर्ष अदालत है.
उनका संघर्ष बेकार नहीं गया और साल 2015 में उन्हें न्याय मिला. CAS ने IAAF से हाइपरएंड्रोजेनिज्म से संबंधित नियमों को वापस लेने को कहा.
क्या हैं मौजूदा नियम?
CAS ने IAAF को 'डिफ़रेंस ऑफ़ सेक्स डेवलपमेंट' के रूप में परिभाषित मेडिकल कंडिशन्स पर अध्ययन करने के लिए कहा था.
2018 में IAAF ने महिलाओं और इंटरसेक्स एथलीटों में 'डिफ़रेंस ऑफ़ सेक्स डेवलपमेंट' के लिए नए नियम लागू किये.
जिनके मुताबिक़, हाइपरएंड्रोजेनिज़्म कंडिशन वाली महिलाएं या XY क्रोमोसोम या एंड्रोजन इंसेसिटिविटी सिंड्रोम वाले व्यक्ति 400 मीटर से एक मील की दौड़ में हिस्सा नहीं ले सकते हैं.
ये नियम दूसरी दौड़ों पर लागू नहीं होता है.
यदि ऐसे खिलाड़ी इन इवेंट्स में हिस्सा लेना चाहते हैं तो उन्हें अपने खून में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को 5 एनएमओएल/ लीटर तक लाना होगा.
इन नियमों का दुष्प्रभाव सेमेन्या को झेलना पड़ा. उन्होंने सीएएस में अपील भी की लेकिन वह केस हार गईं.
वह अब इस मामले को यूरोपियन कोर्ट ऑफ़ ह्यूमन राइट्स में ले गई हैं. (bbc.com)
-एलेक्स टेलर
अगर स्क्विड गेम देखने के बाद आप बचपन में खेले गए गेम्स के बारे में सोचकर ख़ुश होने के बजाय डरने लगे हैं, तो आप अकेले नहीं हैं.
कोरिया की ये थ्रिलर सिरीज़ कर्ज़ तले दबे लोगों के बच्चों के एक खेल को ख़तरनाक तरीके से खेलकर पैसा जीतने के बारे में हैं. नेटफ़्लिक्स पर इसके रिलीज़ होने के 28 दिनों के अंदर 11 करोड़ से ज़्यादा यूज़र्स देख चुके हैं.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेटफ़्लिक्स का अनुमान है कि 'स्क्विड गेम' की क़ीमत लगभग 900 मिलियन डॉलर हो जाएगी.
किशोर कुमार के गीत जब संजय गांधी के हुक्म के बाद आकाशवाणी पर नहीं बजते थे
बाहुबली से दक्षिण भारतीय फ़िल्मों को अलग पहचान दिलाने वाले एस एस राजामौली
इससे पहले ब्रिजस्टोन सबसे ज़्यादा देखी गई सिरीज़ थी जिसे इसने पछाड़ दिया है. ये दिखाता है कि कोरियन ड्रामा (के-ड्रामा) को दुनियाभर के दर्शक पसंद कर रहे हैं.
'कोरियन सभ्यता की सूनामी'
स्क्विड गेम का मशहूर होना, पश्चिमी देशों में हाल के सालों में आई 'कोरियन सभ्यता की सूनामी' का एक हिस्सा है. के-पॉप के आर्टिस्ट बीटीएस और ब्लैकपिन्क म्यूज़िक जगत में बड़ा नाम बन गए हैं. फ़िल्मों की बात करें तो पैरासाइट और मिनारी को हॉलीवुड की फ़िल्मों जैसी पहचान के साथ ऑस्कर सम्मान भी मिले. स्क्विड गेम इसी ट्रेंड की अगली कड़ी है.
ऐसा लगता है कि इस के-ड्रामा को रातों-रात सफलता मिल गई है, लेकिन ऐसा नहीं है. दुनियाभर के दर्शकों पर इनका जादू अभी चला है, लेकिन के-ड्रामा एशिया में दशकों के प्रचलित रहे हैं.
90 के दशक में बाज़ार के खुलने के साथ ही इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बहुत पैसे आने शुरू हुए. जापान गिरती अर्थव्यवस्था से लड़ने लगा तो चीन की अर्थव्यवस्था बढ़ने लगी. दक्षिण कोरिया की सभ्यता को भी पहचान मिलनी शुरू हुई. अमेरिकी प्रोग्राम की तुलना में दर्शक के-ड्रामा से अधिक जुड़ा हुआ महसूस करने लगे, ये चीनी संस्कृति और सभ्यता के भी अधिक क़रीब थे.
अगले एक दशक में इन्होंने जापानी वर्चस्व को भी चुनौती दी. साल 2003 में कोरियन ड्रामा विंटर सोनाटा को जापान के 20 प्रतिशत दर्शकों ने देखा. कोरियन कल्चर एंड इंफ़ॉरमेशन सर्विस की 2011 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, "कई एशियाई देशों में कोरियन ड्रामा वहां के रहन-सहन और ख़रीदारी पर प्रभाव डाल रहा है जो कि सभ्यता की अपील के बारे में बताता है."
पैरासाइट की सफलता
विकी और ड्रामा फ़ीवर जैसी स्ट्रीमिंग सर्विस के आने से दुनियाभर के लोगों के लिए पिछले एक दशक में के-ड्रामा देखना मुमकिन हुआ, इससे के-ड्रामा को नए दर्शक मिले.
जैसे-जैसे ये प्रचलित हुए, नेटफ़्लिक्स और हुलु जैसे प्लैटफ़ॉर्म ने इनमें दिसचस्पी दिखाना शुरू किया. 2018 में जब वॉर्नर ब्रदर्स ने ड्रामा फ़ीवर को बंद किया तो नेटफ़िल्क्स ने और निवेश शुरू किया.
अगले दो साल में सब्सक्राइबर बढ़े और के-ड्रामा के दर्शक भी. इनकी अलग-अलग कहानियों लोगों को दिलचस्प लगने लगीं.
2019 के रोमैंटिक ड्रामा 'क्रैश लैंडिंग ऑन यू' को लोगों की तारीफ़ मिली और जापान में 229 दिनों तक ये टॉप 10 की लिस्ट में रहा. ये अमेरिका में 21 मार्च से लेकर 27 मार्च 2020 तक छठा सबसे ज़्यादा देखा जाने वाला प्रोग्राम था. इसके साथ ही फ़िल्म 'पैरासाइट' लोगों की दिलचस्पी को नए मुकाम पर ले गई.
इसके बाद महामारी ने दस्तक दी और पश्चिम की इंटेरटेनमेंट इंडस्ट्री क़रीब-क़रीब बंद हो गई. के-ड्रामा का क्रेज़ बढ़ता गया. नेटफ़्लिक्स ने बताया कि एशिया में के-ड्रामा के दर्शक 2019 की तुलना में 2020 में चार गुणा बढ़ गए.
'चमक-दमक से भरपूर और हक़ीक़त से दूर'
लंदन में रहने वाली लेखका टेलर-डिओर रंबल जिन्हें के-ड्रामा पसंद है, बताती हैं, "ज़्यादातर प्रचलित के-ड्रामा, स्टाइलिश, चमक-दमक वाले और सच्चाई से दूर होते हैं. इसलिए ये हक़ीक़त से दूर जाने में मदद करते हैं."
"कुछ ख़राब सालों के बाद, लोग उस इंटरटेंमेंट की तरफ़ जा रहे हैं, जो उनके दिल को भाए. ऐसे कई प्रोग्राम मौजूद हैं जो कई अलग आइडिया पर बने हैं, उनकी कहानी बिल्कुल अलग है. ये आपको ब्रटिश या अमेरिकी चैनल पर नहीं मिलेंगे. इनमें फ़ंतासी है, साई-फ़ाई है, एक्शन है और थ्रिलर है."
रंबल कहती हैं कि इन्हें इसलिए भी पसंद किया जा रहा है क्योंकि परिवार के साथ देखा जा सकता है.
"इनमें नग्नता और सेक्स नहीं है. कोरिया की सोसायटी काफ़ी रूढ़िवादी है, इसलिए इन प्रोग्रैम्स का दूसरी सभ्यताओं में भी पसंद किया जाना आसान है."
''इसके अलावा शानदार प्रोडक्शन, ख़ूबसूरत जगहों पर फ़िल्मांकन, लोगों को एक सुखद अनुभव देता हैं. ये युवाओं के तनाव को भी दिखाते हैं, इसलिए उन्हें भी पसंद आ रही है."
युवाओं से सीधा जुड़ाव
"दुनिया में अमीरों और ग़रीबों के बीच दूरी बढ़ रही है और बढ़ेगी. पैरासाइट फ़िल्म इस सच्चाई को सामने लेकर आई."
स्क्विड गेम ने भी कई तरह की परेशानियों को दिखाया. रंबल कहती हैं, "इसमें कई तरह की परेशानियां दिखाई दे रही हैं, जैसे कि क़र्ज़ के कारण होने वाली परेशानियां. इसलिए दर्शक इससे जुड़ा हुआ महसूस कर हैं, ख़ासतौर पर महामारी के समय में जो कि लोगों के लिए मुश्किल समय है."
अगर आपको स्क्विड गेम पसंद आई है तो आप ये के-ड्रामा भी देख सकते हैं -
ये ख़ासतौर पर उन लोगों के लिए है जिन्हें रोमांस पंसद है. ये एक पैराग्लाइडर बिज़नेसवुमन और सैनिक के प्यार की कहानी है.
ये कहानी क्राइम, गैंगस्टर और वकील के इर्द-गिर्द घूमती है. जिन लोगों को गैंगस्टर से जुड़ी कहानियां पसंद हैं उन्हें ये पसंद आएगी.
ओ माइ घोस्ट
ये एक ऐसी लड़की की कहानी है जो दुनिया को तब तक डराती है जबतक वो पहली बार सेक्स नहीं करती.
17वीं शताब्दी का ये ज़ॉम्बी ड्रामा एक क्राउन प्रिंस की कहानी है जिसे एक ज़ॉम्बी के कारण फैलने वाले प्लेग से जूझना पड़ता है.
द इनहेरिटर्स
द इनहेरिटर्स या एयर युवाओं में दोस्ती, झगड़े और प्यार की कहानी है. ये एक लव ट्रायंगल है.
स्ट्रॉन्ह गर्ल बॉन्ग-सून
ये एक सुपरहीरो मूवी है. एक लड़की की कहानी जिसके अंदर अपने परिवार के क्रोमोज़ोम्स के कारण बहुत शक्तियां आ जाती हैं.