राष्ट्रीय
श्रीनगर, 9 दिसंबर | जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को एक बार फिर आरोप लगाया कि उन्हें एक पखवाड़े से कम समय के भीतर तीसरी बार गैरकानूनी तरीके से नजरबंद किया गया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि उन पर प्रतिबंध लगाए गए थे जबकि भाजपा के मंत्रियों को जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में प्रचार करने की अनुमति थी।
मुफ्ती ने ट्वीट किया, "अवैध रूप से एक पखवाड़े से कम समय के भीतर तीसरी बार नजरबंद किया गया।"
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "अगर मेरी गतिविधियों पर 'सुरक्षा चिंताओं' के कारण अंकुश लगाया जाता है, तो भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों को कश्मीर में स्वतंत्र रूप से प्रचार करने की अनुमति क्यों दी जाती है, जबकि मुझे डीडीसी चुनावों की परिणति तक प्रतीक्षा करने के लिए कहा गया है?"
मंगलवार को मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उन्हें श्रीनगर में गुपकार रोड पर उनके आवास पर नजरबंदी में रखा गया है, वह मध्य कश्मीर के बडगाम जिले से निकाले गए परिवारों से मिलने के लिए जाने वाली थीं लेकिन नहीं जा सकी थीं। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 9 दिसंबर | दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में बुधवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच जारी मुठभेड़ में 3 आतंकवादी मारे गए। अधिकारियों ने ये जानकारी दी और कहा कि सर्च ऑपरेशन जारी है। पुलिस ने कहा, एक और अज्ञात आतंकवादी मारा गया। इस तरह पुलवामा में मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए हैं, सर्च ऑपरेशन जारी है।
आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक विशेष सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों द्वारा इलाके में घेरा डालने और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद बुधवार सुबह मुठभेड़ शुरू हुई।
जैसे ही सुरक्षा बल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकवादी छिपे थे, वे भारी मात्रा में फायरिंग की चपेट में आ गए जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 9 दिसंबर | मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बुधवार को नई दिल्ली में नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, "मैं सेंट्रल विस्टा के भव्य प्रोजेक्ट के लिए आधारशिला रखने के अवसर पर गर्व के साथ आपसे जुड़ता हूं।"
यह कहते हुए कि सेंट्रल विस्टा लंबे समय से विलंबित है, सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा संसद अपर्याप्त है और हमारे औपनिवेशिक अतीत से भी जुड़ा हुआ है।
राव का मानना है कि नई सेंट्रल विस्टा परियोजना पुनरुत्थान, आत्मविश्वास और मजबूत भारत के आत्मसम्मान, प्रतिष्ठा और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होगी। उन्होंने प्रतिष्ठित और राष्ट्रीय रूप से महत्वपूर्ण परियोजना के शीघ्र पूरा होने की कामना की।
प्रधानमंत्री गुरुवार को नए भवन के लिए शिलान्यास करेंगे। समारोह में सभी दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाएगा जो शारीरिक रूप से या वर्चुअल मोड के माध्यम से मौजूद होंगे। (आईएएनएस)
कोच्चि, 9 दिसंबर | त्रिशूर जिले के अथिरापल्ली में बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल के पास रहने वाले केरल के एक परिवार को बुधवार सुबह एक अप्रत्याशित मेहमान का सामना पड़ा, जो कोई और नहीं एक मगरमच्छ था। अभी भी सदमे से बाहर न आ पाए घर के मालिक ने कहा, "सबसे पहले मेरी पत्नी ने बरामदे में सोफे के पास पड़े मगरमच्छ को देखा था।"
उन्होंने आगे कहा, "वह चौंक गई और चिल्लाने लगी। पत्नी की आवाज सुन मैं भी भागते हुए आया और उसे देखा। हमने तुरंत वन कर्मचारियों को सूचना दी, वह हमारे घर पहुंचे। लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार मगरमच्छ को पकड़ लिया गया और उसे चलाकुडी नदी में ले जाकर छोड़ दिया गया।"
अथिरापल्ली फॉल्स केरल का सबसे बड़ा झरना है और जिस घर में मगरमच्छ घुसा था वह नदी के किनारे से मुश्किल से 100 मीटर की दूरी पर था।
अथिरापल्ली फॉल्स का नाम 'भारत का नियाग्रा' भी है और यह राज्य के सबसे भीड़भाड़ वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 दिसंबर | दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी ने बुधवार सुबह फिर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मूवमेंट को बाधित किया जा रहा है। पार्टी ने पुलिस और केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आवास का मेन गेट पुलिस ने बंद कर दिया है। पार्टी के मुताबिक मुख्यमंत्री बाहर निकलने के लिए इसी गेट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री आवास का यह गेट पुलिस ने बंद कर रखा है। वहीं दिल्ली भाजपा के नेता हरीश खुराना ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीएम हाउस से अपनी गाड़ी में सवार होकर बाहर जाते हुए दिखाई दें रहे हैं। खुराना ने कहा कि वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि मुख्यमंत्री की आवाजाही को पुलिस द्वारा प्रतिबंधित या प्रभावित नहीं किया जा रहा।
आप विधायक व दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ आपको बता रहा हूं कि अभी भी केंद्र के इशारे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मूवमेंट को बाधित किया हुआ है। मुख्यमंत्री निवास का मेन गेट अभी भी बंद है।
इसके जवाब में भाजपा नेता हरीश खुराना ने मुख्यमंत्री केजरीवाल का एक वीडियो जारी कर दिया। इसमें सीएम अपने घर से बाहर जा रहे हैं। खुराना ने प्रश्न किया कि अगर मुख्यमंत्री की मूवमेंट बाधित है तो फिर यह कौन जा रहा है।
आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने कहा, मैं कहना चाहता हूं कि चाहे कितनी भी पुलिस और एजेंसियां मुख्यमंत्री निवास पर लगा लो और दबाव बना लो, हम आपको किसानों को बंदी बनाने के लिए स्टेडियम को जेल बनाने की परमिशन बिल्कुल नहीं देंगे।
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन एवं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाउस अरेस्ट किया गया ताकि वो किसानों के भारत बंद में शामिल न हो सके।
राघव चड्ढा ने कहा, एक तरह से अघोषित आपातकाल का माहौल बनाया हुआ है। ये सब सिर्फ इसलिए क्योंकि हमने स्टेडियम को जेल बनाने की अनुमति नहीं दी।
वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक मंगलवार को भारत बंद के दौरान उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया। मंगलवार रात मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा कि वह घर से बाहर निकल कर किसानों के बीच जाना चाहते थे लेकिन उन्हें नहीं जाने दिया गया।
वहीं पुलिस का कहना था कि मुख्यमंत्री को हाउस अरेस्ट नहीं किया गया, न ही उनकी मूवमेंट को किसी भी प्रकार से बाधित किया गया। (आईएएनएस)
भोपाल, 9 दिसंबर | मप्र में पति-पत्नी का सच्चा प्रेम सामने आया है। यहां एक पति कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए वॉलेंटियर बनना चाहता था, उसने अपनी यह इच्छा पत्नी के सामने जाहिर की तो वह भी वॉलेंटियर बनने को तैयार हो गई। फिर क्या था दोनों लगभग दो सौ किलोमीटर का सफर तय कर इंदौर से भोपाल जा पहुंचे और उन्होंने वैक्सीन का टीका लगवाया। इंदौर के मनोज राय और उनकी पत्नी पूजा के वैक्सीन ट्रायल के वॉलेंटियर बनने की कहानी रोचक है। राजधानी में कोवैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण चल रहा है। पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में यह टीका लगाया जा रहा है। मनेाज खुद वैक्सीनेशन के काम से जुड़े हुए है। उनका भोपाल आना जाना होता रहता है।
मनेाज बताते है कि भोपाल प्रवास के दौरान पिछले सप्ताह अधिकारियों से मिला। तब मन में विचार आया कि जब वैक्सीनेशन के काम से जुड़े हैं तो क्यों न वैक्सीन लगवाया जाए, नया अनुभव भी हेागा। टीका लगवाने के लिए आठ दिसंबर को आने के लिए कहा गया। जब पत्नी पूजा से अनुमति मांगी तो उसने भी टीका लगवाने की इच्छा जाहिर की, फिर दोनों भोपाल आ पहुंचे।
मनोज के इस फैसले से माता-पिता कांतिलाल राय और सोनाबाई भी खुश हुए और कहा कि देशहित में काम जरुर करना चाहिए।
मनोज बताते है कि मंगलवार को वे अपनी पत्नी के साथ इंदौर से पीपुल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल पहुंचे और तमाम चिकित्सकीय औपचारिकताओं के बाद कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया।
संभवत राज्य का यह पहला ऐसा जोड़ा है जिसने कोरोना वैक्सीन लगवाया है। राजधानी भोपाल में कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। इसके लिए वॉलेंटियर की कमी देखी जा रही है और लोगों से वॉलेंटियर बनने की अपील भी की जा रही है। पिछले दिनों राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी कोरोना वॉलेंटियर बनने की इच्छा जताई थी मगर फिट न होने पर वे ऐसा नहीं कर पाए। इसकी वजह यह थी कि उनके परिवार के सदस्य केारोना पॉजिटिव पाए गए थे। नियम है कि जिसके परिवार में किसी को कोरोना होता है तो वह वॉलेंटियर नहीं बन सकता। (आईएएनएस)
-रेहान फ़ज़ल
9 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी का जन्मदिन है. इस दिन सुबह से ही ट्विटर पर सोनिया गांधी की चर्चा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके सेहतमंद और दीर्घायु होने की कामना की है.
सोनिया गांधी के जन्मदिन पर एक बार फिर से पढ़िए पिछले साल राजीव गांधी पर आई अश्विनी भटनागर की किताब 'लोटस इयर्स' पर आधारित विवेचना.
बात मई 1981 की है. राजीव गाँधी अमेठी से लोकसभा के लिए उपचुनाव लड़ने वाले थे. वो अपने चुनाव क्षेत्र में घूम रहे थे.
कुछ घंटों बाद उन्हें लखनऊ से दिल्ली की फ़्लाइट पकड़नी थी. लेकिन तभी ख़बर आई कि 20 किलोमीटर दूर तिलोई में 30-40 झुग्गियों में आग लग गई है.
उन्होंने लखनऊ जाने की बजाय अपनी कार का रुख़ तिलोई की तरफ़ मोड़ दिया.
वहाँ उन्होंने जल गई झुग्गियों में रहने वालों को दिलासा दिया. इस बीच उनके पीछे खड़े संजय सिंह उनके कान में फुसफुसाते रहे, "सर आपकी फ़्लाइट मिस हो जाएगी."
लेकिन राजीव ने लोगों से बात करना जारी रखा. जब वो सबसे मिल चुके तो उन्होंने संजय सिंह से मुस्करा कर पूछा, यहाँ से लखनऊ पहुंचने में कितना समय लगेगा?
'द लोटस इयर्स - पॉलिटिकल लाइफ़ इन इंडिया इन द टाइम ऑफ़ राजीव गांधी' के लेखक अश्विनी भटनागर बताते हैं, "संजय सिंह ने जवाब दिया, कम से कम दो घंटे. लेकिन अगर आप स्टीयरिंग संभालें तो हम एक घंटे 40 मिनट में वहाँ होंगे. राजीव ने गाड़ी में बैठते ही कहा, उन तक ख़बर पहुंचा दीजिए कि हम एक घंटे, 15 मिनट में अमौसी हवाई अड्डे पहुंच जाएंगे. राजीव की कार इस तरह चली जैसे स्पेस शटल चलता है. तय समय से पहले राजीव हवाई अड्डे पर थे."
फ़्लाइट के दौरान पूरा नाम बताने की मनाही
लेकिन तेज़ गति से कार चलाने के शौकीन राजीव बहुत ही अनुशासित ढंग से विमान चलाते थे. शुरू में वो डकोटा चलाते थे लेकिन बाद में वो बोइंग उड़ाने लगे थे.
जब भी वो पायलट की सीट पर होते थे, कॉकपिट से सिर्फ़ अपना पहला नाम बता कर यात्रियों का स्वागत करते थे.
उनके कैप्टंस को भी निर्देश थे कि फ़्लाइट के दौरान कभी भी उनका पूरा नाम न बताया जाए.
उस ज़माने में उन्हें पायलट के रूप में 5000 रुपये तन्ख़्वाह में मिलते थे जो एक अच्छा वेतन माना जाता था.
सोनिया के पास बैठने के लिए रिश्वत
जब राजीव गांधी इंजीनियरिंग का ट्राइपोस कोर्स करने कैंब्रिज गए तो वहाँ 1965 में उनकी मुलाक़ात इटली में पैदा हुई सोनिया गाँधी से हुई और देखते ही उन्हें उनसे प्यार हो गया.
वो दोनों एक ग्रीक रेस्तराँ में जाया करते थे.
अश्विनी भटनागर बताते हैं, "राजीव ने रेस्तराँ के मालिक चार्ल्स एन्टनी को मनाया कि वो उन्हें सोनिया की बग़ल वाली मेज़ पर बिठा दें. एक अच्छे ग्रीक व्यापारी की तरह चार्ल्स ने उनसे इस काम के लिए दोगुने पैसे वसूले."
"बाद में उन्होंने राजीव गाँधी पर सिमी गरेवाल की बनाई फ़िल्म में कहा कि 'मैंने पहले किसी को इतने अधिक प्यार में नहीं देखा.' जब राजीव कैंब्रिज में पढ़ते थे तो अपना ख़र्चा चलाने के लिए वो आइसक्रीम बेचा करते थे और सोनिया से मिलने साइकल पर जाया करते थे. हालांकि उनके पास एक पुरानी फ़ोक्सवैगन हुआ करती थी जिसके पेट्रोल का ख़र्चा उनके दोस्त 'शेयर' करते थे."
नैपकिन पर सोनिया के लिए लिखी कविता
राजीव और सोनिया की कैंब्रिज की मुलाक़ातों का ज़िक्र मशहूर पत्रकार रशीद किदवई ने सोनिया पर लिखी जीवनी में भी किया है.
रशीद क़िदवई बताते हैं, "वर्सिटी रेस्तराँ में रोज़ कैंब्रिज विश्वविद्यालय के छात्रों का जमावड़ा लगता था. वो सब बियर पिया करते थे. उनमें से राजीव अकेले थे जो बियर को हाथ भी नहीं लगाते थे. तभी सोनिया की नज़र उस लंबे, काली आँखों और मोहक मुस्कान वाले मासूम लड़के पर पड़ी."
"दोनों तरफ़ आकर्षण बराबर का था. राजीव ने पहली बार एक नैपकिन पर उनके सौंदर्य पर एक कविता लिखकर एक वेटर के ज़रिए सोनिया की तरफ़ भिजवाई थी. सोनिया उसे पाकर थोड़ी असहज हुई थीं लेकिन राजीव के एक जर्मन दोस्त ने, जो सोनिया को भी जानते थे, एक संदेशवाहक की भूमिका को बख़ूबी निभाया."
रशीद क़िदवई आगे बताते हैं, "दिलचस्प बात ये है कि राजीव ने आख़िर तक सोनिया को नहीं बताया कि वो भारत की प्रधानमंत्री के बेटे हैं. बहुत समय बाद एक अख़बार में इंदिरा गांधी की तस्वीर छपी. तब राजीव गाँधी ने सोनिया से कहा कि ये उनकी माँ की तस्वीर है."
"तब कैंब्रिज में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र ने उन्हें बताया कि इंदिरा भारत की प्रधानमंत्री हैं. तब जाकर सोनिया को पहली बार पता चला कि वो कितने महत्वपूर्ण शख़्स से इश्क फ़रमा रही हैं."
महमूद और राजीव गांधी की मुलाकात
राजीव गांधी की अमिताभ बच्चन से तब से दोस्ती थी जब वो चार साल के हुआ करते थे. अमिताभ जब मुंबई में स्ट्रगल कर रहे थे तो एक बार राजीव गाँधी उनसे मिलने मुंबई गए. अमिताभ उन्हें हास्य कलाकार महमूद से मिलवाने ले गए.
रशीद क़िदवई बताते हैं, "उस ज़माने में महमूद को कॉम्पोज़ गोलियाँ खाने की आदत थी और वो हमेशा सुरूर में रहते थे. अमिताभ ने उनसे राजीव का परिचय करवाया लेकिन वो नशे में होने की वजह से समझ नहीं पाए कि उनको किससे मिलवाया जा रहा है."
"उन्होंने 5000 रुपये निकाले और अपने भाई अनवर से कहा कि इसे राजीव को दे दें. अनवर ने पूछा कि आप इन्हें क्यों पैसे दे रहे हैं? महमूद बोले कि अमिताभ के साथ जो शख़्स आए हैं, वो उनसे ज़्यादा गोरे और स्मार्ट हैं. एक दिन वो ज़रूर इंटरनेशनल स्टार बनेंगे. ये 5000 रुपये मेरी अगली फ़िल्म के लिए साइनिंग अमाउंट है."
"अनवर ने ज़ोर का ठहाका लगाया और राजीव का फिर से परिचय करवाते हुए कहा कि ये स्टार-विस्टार नहीं, इंदिरा गांधी के बेटे हैं. महमूद ने तुरंत अपने 5000 रुपये वापस ले लिए और राजीव से माफ़ी माँगी. लेकिन भविष्य में राजीव वाकई स्टार बने, फ़िल्म के क्षेत्र में नहीं ,लेकिन राजनीति के क्षेत्र में ज़रूर."
विमान में पता चला इंदिरा गाँधी की हत्या का
संजय गाँधी की विमान दुर्घटना में मौत के बाद राजीव इंदिरा गाँधी की मदद के लिए राजनीति में आए. लेकिन कुछ समय बाद ही इंदिरा गाँधी की उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी. उस समय राजीव गांधी पश्चिम बंगाल में थे. वायु सेना के जिस विमान से राजीव गांधी दिल्ली लौटे थे, उसमें बाद में दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने वालीं शीला दीक्षित भी उनके साथ थीं.
शीला दीक्षित ने बीबीसी को बताया था, "जैसे ही विमान ने उड़ान भरी राजीव कॉकपिट में पायलट के पास चले गए थे. वहाँ से वापस आने के बाद उन्होंने हमें विमान के पिछले हिस्से में बुलाकर कहा कि इंदिरा जी नहीं रहीं. फिर उन्होंने हमसे पूछा कि ऐसा स्थिति में क्या किया जाता है?"
"प्रणव मुखर्जी ने जवाब दिया कि पहले से ये परंपरा रही है कि जो सबसे वरिष्ठ मंत्री होता है उसे कार्यवाहक प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई जाती है और बाद में प्रधानमंत्री का चुनाव होता है. लेकिन मेरे ससुर उमाशंकर दीक्षित ने कहा कि वो कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाने का जोखिम नहीं लेंगे और राजीव को ही प्रधानमंत्री बनाएंगे."
प्रणव मुखर्जी की सलाह उनके ख़िलाफ़ गई
मैंने शीला दीक्षित से पूछा था कि क्या प्रणव मुखर्जी का सबसे वरिष्ठ मंत्री को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाने का ज़िक्र उनके ख़िलाफ़ गया?
शीला दीक्षित का जवाब था, "हाँ, थोड़ा बहुत तो ख़िलाफ़ गया क्योंकि जब राजीव जीतकर आए तो उन्होंने प्रणव को अपने मंत्रिमंडल में नहीं लिया जबकि वो इंदिरा के कैबिनेट में नंबर दो हुआ करते थे. कुछ दिनों बाद प्रणव ने पार्टी को भी छोड़ दिया. सबसे सीनियर मंत्री वहीं थे."
"लेकिन मैं नहीं समझती कि उन्होंने अपनी उम्मीदवारी मज़बूत करने के लिए वो बात कही थी. वो तो सिर्फ़ पुराने उदाहरण बता रहे थे लेकिन उनके विरोधियों ने उसे बिल्कुल दूसरे रूप में राजीव के सामने पेश किया."
मालदीव के राष्ट्रपति को बचाया
प्रधानमंत्री बनने के बाद राजीव गांधी ने टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में बहुत काम किया. दलबदल कानून, 18 वर्ष के युवाओं को मताधिकार और भारत को एक क्षेत्रीय शक्ति बनाने में राजीव की बहुत बड़ी भूमिका रही.
अश्वनी भटनागर बताते हैं, "शपथ लेते ही उन्होंने तेज़ी से फ़ैसले लिए चाहे वो शिक्षा के क्षेत्र में हों, प्रदूषण के क्षेत्र में हों, राजनीतिक व्यवस्था को साफ़ करने के क्षेत्र में हों या फिर कांग्रेस शताब्दी समारोह में उनका भाषण रहा हो. इस सबसे लोगों को एक तरह का सुखद आश्चर्य हुआ."
"आज लोग सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं, राजीव ने 1988 में 4000 किलोमीटर दूर मालदीव में स्ट्राइक किया था जब 10 घंटे के नोटिस पर आगरा से 3000 सैनिक एयर लिफ़्ट किए गए थे. वहाँ के राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ बग़ावत हो चुकी थी और वो छिपे छिपे घूम रहे थे. उन्होंने न सिर्फ़ उनकी सत्ता में वापसी करवाई बल्कि उनका विरोध करने वालों को गिरफ़्तार भी करवाया."
सैम पित्रोदा ने बीबीसी से बात करते हुए कहा था, "वी क्लिक्ड. मैं उन्हें बहुत पसंद करता था. वो हमसे बहुत प्रेम से बात करते थे. हमारी बात समझते थे. उनसे हमारी दोस्ती हो गई. उन्होंने हमारी मुहिम को राजनीतिक इच्छा शक्ति प्रदान की. सी डॉट का विचार हमारा और राजीव का था. उसके लिए हमें 400 इंजीनयर और जगह चाहिए थी."
"हमने बेंगलुरु में हार्डवेयर डिज़ाइन करना शुरू किया और यहाँ दिल्ली में सॉफ़्टवेयर. जब यहाँ कहीं जगह नहीं मिली तो राजीव ने हमें एशियाड विलेज में भेजा. वो जगह तो बहुत अच्छी थी, लेकिन वहाँ एयरकंडीशनिंग नहीं थी. इसके बिना सॉफ़्टवेयर का काम तो नहीं हो सकता था. अकबर होटल में जगह खाली थी. हमने वहाँ दो फ़्लोर ले लिए."
"वहाँ कोई फ़र्नीचर नहीं था. इसलिए हम लोगों ने छह महीने तक खटिया पर बैठ कर काम किया. हमने युवा लोगों की सेवाएं ली. उनको ट्रेन किया. फिर पता लगा कि महिलाएं कम हैं तो हमने महिलाओं की भी भर्ती की इस मिशन के लिए."
नौकरशाहों से बेहतर फ़ाइल वर्क
राजीव गांधी के साथ काम करने वाले पूर्व कैबिनेट और रक्षा सचिव नरेश चंद्रा उन्हें बहुत अच्छा प्रशासक मानते थे, जबकि उनका पहले प्रशासन का कोई अनुभव नहीं था.
नरेश चंद्रा ने बीबीसी से बात करते हुए कहा था, "राजीव गांधी बहुत युवा थे और आश्चर्यजनक रूप से मेहनती थे. वो फ़ाइलें बहुत ग़ौर से पढ़ते थे और उनकी ड्राफ़्टिंग नौकरशाहों से बेहतर हुआ करती थी. मैं समझता हूँ कि अगर वो दोबारा सत्ता में आते तो और अच्छा करते."
देर रात तक जागते थे राजीव
राजीव सुबह जल्दी उठते थे और देर रात तक काम किया करते थे. एक बार वो एक बैठक में भाग लेने हैदराबाद गए. उस समय एनटी रामाराव आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे.
राजीव को नज़दीक से जानने वाले और बाद में मुख्य सूचना आयुक्त और अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष बने वजाहत हबीबुल्लाह याद करते हैं, "एनटी रामाराव के साथ तेलुगू गंगा पर बैठक हो रही थी. रामा राव बहुत जल्दी करीब आठ बजे सो जाते थे, ताकि वो सुबह 3 बजे उठ सकें. ये बैठक रात के करीब 10 बजे रखी गई थी."
"उस समय एनटीआर और भारत सरकार के बीच इस परियोजना को ले कर गहरे मतभेद थे. उस समय एनटीआर की आँखें नींद से मुंदी जा रही थीं. जैसे ही राजीव उनसे पूछते थे, इस बारे में आपकी क्या राय है? एनटीआर मुंदी आँखों में ही बोलते थे, 'आई डू नॉट अग्री.' ये कह कर वो फिर ऊँघने लगते थे."
"ये बैठक क़रीब रात 11 बजे ख़त्म हुई. तब राव साहब ने बहुत तहज़ीब से राजीव गांधी से कहा 'सर इस मीटिंग के लिए इतनी देर तक जागने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.' राजीव ने कहा, अरे भी तो कुछ भी समय नहीं हुआ है. अभी तो सोने से पहले मुझे बहुत काम करना है. फिर वो तेज़ी से सीढ़ियाँ चढ़ते हुए राज भवन के अपने बेड रूम में चले गए."
राजीव गाँधी गृह सचिव को उनके घर छोड़ने पर अड़े
इसी तरह की एक घटना 1985 में हुई थी. राजीव गांधी ने गृह सचिव राम प्रधान को देर रात फ़ोन मिलाया. उस समय प्रधान गहरी नींद सो रहे थे. उनकी पत्नी ने फ़ोन उठाया. राजीव बोले, "क्या प्रधान जी सो रहे हैं. मैं राजीव गांधी बोल रहा हूं." उनकी पत्नी ने तुरंत उन्हें जगा दिया. राजीव ने पूछा, "आप मेरे घर से कितनी दूर रहते हैं?"
प्रधान ने बताया कि वह 2एबी, पंडारा रोड पर हैं. राजीव बोले, "मैं आपको अपनी कार भेज रहा हूं. आप जितनी जल्दी हो, यहां आ जाइए." उस समय राजीव के पास पंजाब के राज्यपाल सिद्धार्थ शंकर राय कुछ प्रस्तावों के साथ आए हुए थे.
चूंकि राय उसी रात वापस चंडीगढ़ जाना चाहते थे, इसलिए राजीव ने गृह सचिव को इतनी रात गए तलब किया था. दो घंटे तक ये लोग मंत्रणा करते रहे. रात दो बजे जब सब बाहर आए तो राजीव ने राम प्रधान से कहा कि वह उनकी कार में बैठें. प्रधान समझे कि प्रधानमंत्री उन्हें गेट तक ड्रॉप करना चाहते हैं.
लेकिन राजीव ने गेट से बाहर कार निकाल कर अचानक बाईं तरफ टर्न लिया और प्रधान से पूछा, "मैं आपसे पूछना भूल गया कि पंडारा रोड किस तरफ़ है." अब तक प्रधान समझ चुके थे कि राजीव क्या करना चाहते हैं. उन्होंने राजीव का स्टीयरिंग पकड़ लिया और कहा, "सर अगर आप वापस नहीं मुड़ेंगे तो मैं चलती कार से कूद जाऊंगा."
प्रधान ने उन्हें याद दिलाया कि उन्होंने उनसे वादा किया था कि वह इस तरह के जोख़िम नहीं उठाएंगे. बड़ी मुश्किल से राजीव गांधी ने कार रोकी और जब तक गृह सचिव दूसरी कार में नहीं बैठ गए, वहीं खड़े रहे.
लक्षद्वीप में घायल व्हेल को बचाया
कुछ समय बाद राजीव एक बैठक के लिए लक्षद्वीप गए जहाँ वजाहत हबीबुल्लाह प्रशासक हुआ करते थे.
हबीबुल्लाह याद करते हैं, "राजीव हैलीपैड की तरफ़ जा रहे थे. हम उनके साथ जीप में बैठे हुए थे. तभी किसी ने दिखाया कि वहाँ व्हेल मछलियाँ पानी में फँस गई हैं. वहाँ लगून्स थे. वहाँ पानी कम होने वो काफ़ी उथले हो जाते हैं. व्हेल्स पानी के साथ आ तो गई थीं लेकिन वापस नहीं जा पा रही थीं और वहीं छप-छप कर रही थीं."
"राजीव ने गाड़ी रुकवाई और अपने जूते पायजामा पहने-पहने ही पानी में उतर गए. मैं सूट पहने हुए था. मैं भी कूदता-फाँदता राजीव के पीछे पहुंचा. राजीव के साथ कई दूसरे लोग भी पानी में पहुंच गए. उन्होंने उन लोगों की मदद से व्हेल को उठाया और वापस उस जगह छोड़ दिया जहाँ पानी अधिक था."
बोफ़ोर्स में नाम आने से हुआ सबसे अधिक नुक़सान
राजीव का शायद पहला ग़लत क़दम शाहबानो के सुप्रीम कोर्ट के पैसले के बाद संसद में नया कानून बनाना था. बोफ़ोर्स दलाली मामले में उनका नाम आने पर उनकी छवि इतनी ख़राब हुई कि वो 1989 का चुनाव हार गए.
अश्विनी भटनागर बताते हैं, "झूठ की राजनीति बोफ़ोर्स से शुरू हुई थी. उस चुनाव में विश्वनाथ प्रताप सिंह ने बहुत बड़ा झूठ बोला. एक चुनाव रैली में उन्होंने बहुत नाटकीय ढ़ंग से अपने कुर्ते जेब से एक पर्चा निकाल कर हवा में लहराकर कहा, 'इसमें राजीव गांधी के स्विस बैंक खाते का नंबर है जिसमें बोफ़ोर्स से मिली दलाली को जमा किया गया है.' उन्होंने ये दिखावा किया कि वो उसे पढ़ने जा रहे हैं लेकिन फिर वो रुक गए."
"उस समय भारत के लोगों में उनकी विश्वसनीयता इतनी अधिक थी कि लोगों ने यक़ीन कर लिया कि वो जो कुछ कह रहे हैं, सही कह रहे हैं. इसका नतीजा ये हुआ कि बोफ़ोर्स तो एक तरफ़ हो गया और 'राजीव गाँधी चोर है' का नारा गली-गली गूँजने लगा. किसी को अभी तक पता नहीं कि वास्तविकता क्या है. बोफ़ोर्स में निकला क्या?"
"अदालत ने तो सबको बरी कर दिया. आज तक ये सिद्ध नहीं हो पाया कि कितने पैसे दिए गए और किसको दिए गए और दिए भी गए कि नहीं दिए गए. जो ख़राब तोप लाने का आरोप वीपी सिंह ने लगाया था, वो भी पूरी तरह ख़ारिज हो गया कारगिल युद्ध में, क्योंकि कारगिल को जिताने में बोफ़ोर्स तोपों की बहुत बड़ी भूमिका रही." (bbc.com)
कृषि बिलों के विरोध में किसानों के अभूतपूर्व आंदोलन की एक बड़ी खासियत है - इसमें पंजाब के तमाम छोटे-बड़े कलाकारों, गायकों, गीतकारों की भागीदारी. उनकी आवाज ने आंदोलन को नई गूंज से भर दिया है.
डायचेवेले पर शिवप्रसाद जोशी का लिखा
दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए किसानों के विरोध आंदोलन की कई विशेषताएं देखी जा रही हैं और इसके कई सबक भी हैं. अपनी पूरी बुनावट में यह आंदोलन अगर स्थिर, टिकाऊ, दीर्घजीवी और संघर्ष चेतना से लैस नजर आता है, तो इसकी वजह किसानों की जीवटता, पैनी समझ और जिद ही नहीं, उन्हें अपने समाज और मिट्टी से मिल रहा समर्थन भी है. अवॉर्ड वापसी के 2015 के दौर से बहुत आगे का तत्व इस आंदोलन में देखा जा रहा है, जहां पार्टी लाइनें भी धुंधली पड़ गई हैं. बीजेपी का समर्थन करते रहने वाले प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता को देश का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान लौटाना पड़ रहा है, तो विभिन्न खेलों के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अपने मेडल और सम्मान विरोधस्वरूप वापस कर रहे हैं.
सीएए विरोधी आंदोलन की जीवटता काम आई
पंजाब के अधिकांश बुद्धिजीवियों और संस्कृतिकर्मियों के अलावा अधिवक्ताओं, गीतकारों, गायकों, लोक कलाकारों और अभिनेताओं ने भी इस आंदोलन को अपनी आवाज दी है. बढ़ चढ़कर छात्र, नौकरीपेशा युवा, शिक्षक से लेकर आईटी पेशेवर तक इस किसान आंदोलन में अपने ढंग का सहयोग कर रहे हैं. मजदूर, ड्राइवर, क्लीनर, मैकेनिक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जैसे साधारण कामगार भी सड़कों पर मदद के लिए उतर आए हैं.
इस आंदोलन में अभी कुछ समय पहले के सीएए विरोधी आंदोलन की झलक भी देखी जा सकती. इसकी ऊर्जा देखकर यही लगता है कि उस आंदोलन से भी इसे अपने लिए कुछ सूत्र जरूर मिले हैं और प्रतिरोध की चेतना का विस्तार ही हुआ है. सबसे बड़ा सूत्र एक अघोषित, नैसर्गिक एकजुटता का है. समर्थन के लिए कोई किसी के पास नहीं जा रहा है, बल्कि लोग, शख्सियतें, कलाकार और संगठन चले आ रहे हैं और किसानों को समर्थन दे रहे हैं. विपक्षी राजनीतिक दलों को भी इस आंदोलन को समर्थन देना पड़ा है. जानकारों का मानना है कि आंदोलन की अनदेखी करना किसी के लिए भी कठिन हो रहा है, यह बात सरकार और उसके नुमायंदे भी जानते हैं.
आंदोलन की धार बने गीतों का रहा है इतिहास
आंदोलन को नए तेवर और ताप देने वाली नई रंगत बख्शी है पंजाब के गायकों और गीतकारों ने. इन कलाकारों ने तमाम मीडिया में यही कहा कि यह वक्त मिट्टी का कर्ज चुकाने का है और वे इसमें कोताही नहीं कर सकते थे. 1907 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पंजाब में जनांदोलन का आह्वान करते हुए आंदोलनकारी बांके दयाल ने एक जनगीत लिखा था, "पगड़ी संभाल जट्टा, पगड़ी संभाल ओए.” बताया जाता है कि 1857 की लड़ाई की 50वीं सालगिरह पर रचे गए इस गीत को उस दौर में इसे गाने वालों में भगत सिंह के पिता और चाचा भी शामिल थे.
पंजाबी अस्मिता और आत्मसम्मान का प्रतीक बन गया यह गीत आज भी पंजाब के आंदोलनकारियों की जबान पर रहता है और इधर किसान आंदोलन में अलग अलग आवाजों में इसकी गूंज फिर सुनाई देने लगी है. और इसी गीत की ऐतिहासिकता और लोकस्मृति में इसकी उपस्थिति ने भी किसान आंदोलन में अपनी अपनी भूमिका निभाने के लिए कलाकारों, गीतकारों और गायकों को प्रेरित किया है. इस तरह न सिर्फ यह रचना का जुड़ाव है, बल्कि पंजाबी लोकसंस्कृति और हक की लड़ाई की परंपरा से उनकी एक जीवंत अभिन्नता भी है.
अधिकांश गायकों, गीतकारों, कलाकारों, अभिनेताओं, कॉमेडियनों का खेत, खेती और पिंड यानी गांव से किसी न किसी रूप में नाता रहा है. पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने आंदोलन का मजाक उड़ाने, फेक न्यूज फैलाने और आंदोलन को बुरा-भला कहने वालों को न सिर्फ ट्विटर आदि सोशल मीडिया पर आड़े हाथ लिया, बल्कि आंदोलित किसानों के बीच भी पहुंचे. मशहूर गायक हरभजन मान और मीका सिंह भी सोशल मीडिया पर किसानों के पक्ष में सक्रिय देखे गए हैं. गायक हरभजन मान ने पंजाब सरकार का सम्मान लौटा दिया. इस बीच प्रसिद्ध पंजाबी कवि सुरजीत पातर ने भी पद्मश्री सम्मान लौटाने की घोषणा की है. पंजाबी संगीतकार सिद्धु मूसवाला, बब्बु मान, जस बाजवा, हिम्मत संधु, आर नैत, अनमोल गगन आंदोलन के आधार पर गीतों को संगीतबद्ध कर रहे हैं.
ऐन आंदोलन के बीच से निकल रहे हैं गीत
कुछ कलाकार तो किसानों के साथ सड़क पर डट गए हैं. किसान परिवार के कंवर ग्रेवाल एक युवा गायक हैं और उनका गीत "फसलां दे फैसले किसान करांगा” हिट हो चुका है. द वायर वेबसाइट से उन्होंने कहा कि "पंजाब का कलाकार कहीं भी चला जाए अपनी जड़ों को कभी भूल ही नहीं सकता क्योंकि उसकी कला उसी मिट्टी से निकली है.” बीर सिंह भी युवा गायक हैं और उनके गाने खूब धमाल मचा रहे हैं. आंदोलन पर उनका गाना है - "मिट्टी दे पुत्तरों.” इन जोशीले गायकों में हर्फ चीमा, जैजी बी, रंजीत बावा जैसे गायकों का नाम भी है और निकी निक जैसे एक्टिविस्ट गायकों का भी. और आज के ये गायक अपने पूर्वज कवियों और शायरों और सूफी संतों की पंक्तियां भी याद कर रहे हैं. पंजाब के योद्धाओं का इतिहास भी आंदोलन में जोश की एक नई फिजा बना रहा है.
कलाकारों का मानना है कि पिछले तीन चार महीनों में पंजाब का 90 प्रतिशत संगीत किसानों और उनके संघर्ष पर केंद्रित है. पंजाब के समाज में एक खास बात आत्मसम्मान को लेकर बहुत अधिक संवेदनशीलता का होना है. कृषि कानूनों के विरोध के बीच आंदोलनकारियों को खालिस्तानी, देशद्रोही, भ्रमित आदि के आरोपों ने पंजाबी कलाकारों और बुद्धिजीवियों को व्यथित और विचलित किया है. जानेमाने गायक जसबीर जस्सी के मीडिया में प्रकाशित एक बयान में इस आंदोलन की संघर्षचेतना को समझा जा सकता है - "आज पंजाब को पंजाब की तरह देखा जा रहा है. न कोई हिंदू न मुस्लिम न सिख न गरीब न अमीर. सब लोग साथ आए हैं.”
आतंकवादी नहीं किसान
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से हजारों किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए निकले लेकिन पुलिस ने उन्हें दिल्ली की सीमाओं पर ही रोक दिया. राशन-पानी ले कर आए किसानों ने वही डेरा जमाया और आंदोलन छेड़ दिया. पुलिस के डंडे, ठंडे पानी की बौछार और आंसू गैस के गोलों के अलावा किसान प्रदर्शनकारियों ने जाहिल, आढ़तियों के एजेंट और आतंकवादी होने तक के आरोपों का सामना किया.
वकील, खिलाड़ी, लेखक भी पीछे नहीं रहे
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दोनों राज्यों के अधिवक्ताओं ने तो सॉलिडेरिटी विद फार्मर्स (किसानों के साथ एकजुटता) के बैनर तले चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया और आंदोलनकारियों के मुकदमे मुफ्त में लड़ने का ऐलान भी किया. किसानों के प्रति अपनी सद्भावना जताते हुए खिलाड़ियों ने भी अपने अर्जुन अवॉर्ड, पद्म सम्मान लौटाने का ऐलान किया है. हॉकी के पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी और अर्जुन अवॉर्ड विजेता सज्जन सिंह चीमा, पद्मश्री से सम्मानित और कुश्ती के पूर्व चैंपियन करतार सिंह, हॉकी के पूर्व खिलाड़ी गुरमैल सिंह, अपने दौर में गोल्डन गर्ल कहलाने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान राजबीर कौर ने प्रेस कांफ्रेंस की.
अन्य पूर्व खिलाड़ियों में पूर्व राष्ट्रीय बॉक्सिंग कोच गुरबख्श सिंह संधु हैं जिनके कार्यकाल में भारत ने अपना पहला ओलंपिक मेडल जीता था. पद्मश्री मुक्केबाज कौर सिंह और अर्जुन अवॉर्ड विजेता बॉक्सर जयपाल सिंह, कबड्डी खिलाड़ी हरदीप सिंह और भारोत्तोलन के तारा सिंह ने भी अपने सम्मान लौटाने का ऐलान किया है. पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने अपना खेल रत्न अवॉर्ड लौटाने की चेतावनी दी है. खबरों के मुताबिक पंजाब के जानेमाने कवि मोहनजीत, कहानीकार जसविंदर सिंह और नाटककार स्वराजबीर सिंह ने अपने साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिए हैं. हालांकि कई पंजाबी साहित्यकार 2015 में अपने अवॉर्ड लौटा चुके हैं जब देश भर में कलबुर्गी, पानसरे और गौरी लंकेश जैसे बुद्धिजीवियों की हत्या का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था.
विडंबना को दूर करे की लड़ाई
इस आंदोलन से यह भी पता चलता है कि कश्मीर की सुहावनी वादियों की स्टीरियोटाइपिंग की तरह ही जिस तरह मुख्यधारा के हिंदी या भाषाई सिनेमा में या पॉप म्यूजिक में पंजाब की स्टीरियोटाइपिंग की जाती है- नाच गाना, मस्ती, हरियाली, लहलहाती फसल आदि लेकिन हरीतिमा के इस मोहक और आकर्षक आवरण के पीछे किसान का अटूट श्रम और खून पसीना भी है- ये बहुत कम दिखाया जाता है. बेरोजगारी, जातिगत भेदभाव, ड्रग्स की लत जैसी समस्याओं के साथ साथ एक विलासी, उन्मुक्त, नशाखोर, स्वच्छंद और सितारा संस्कृति के नवनिर्मित संकटों से उपजी अपनी अंतर्निहित विडंबनाओं और आरोपों से जूझते आ रहे पंजाब को उसके गांवों ने एक नई हौसलाकुन रोशनी दिखाई है. किसान एक गहरी समझदारी के साथ उन समस्याओं की ओर इंगित कर रहे हैं जो अंततः उनकी अपनी नहीं, इस देश और नई पीढ़ी के लिए विकराल बन सकती हैं. यह एक तरह की याददिहानी है जो आंदोलन के प्रखर गीतों में ही नहीं, उनके जरिए इतिहास में भी दर्ज हो रही है.
नई दिल्ली, 9 दिसंबर| नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन बुधवार को 14वें दिन जारी है। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार इन कानूनों में संशोधन करने के पक्ष में है। किसानों के मसले को लेकर सरकार के साथ पहले से तय आज (बुधवार) की वार्ता टल गई है। किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की पांचवें दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद अगले दौर की बातचीत नौ दिसंबर को तय हुई थी। लेकिन इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मंगलवार को हुई किसान संगठनों की बैठक के बाद यह वार्ता टल गई है।
किसान नेताओं ने बताया कि किसानों के मसले को लेकर बुधवार को अब कोई बैठक नहीं होगी। उन्होंने बताया कि गृहमंत्री के साथ हुई बैठक में यह तय हुआ कि नये कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर किसान संगठनों को सरकार की ओर से बुधवार को एक प्रस्ताव भेजी जाएगी। इसमें उन बिंदुओं का जिक्र होगा जिस पर सरकार कानून में संशोधन कर सकती है। इस प्रस्ताव पर विचार करके किसान नेता सरकार को अपना निर्णय बताएंगे। इसलिए फिलहाल अब कोई बैठक नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की उनकी मांग ठुकरा दी है और कहा गया है कि इन कानूनों में सिर्फ संशोधनों पर विचार किया जा सकता है।
गृहमंत्री के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की यह बैठक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), पूसा में हुई थी। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। बैठक में किसानों के 13 नेताओंका एक प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया।
उधर, किसान संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को देशव्यापी बंद शांतिपूर्ण रहा। मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने बीते सितंबर महीने में कृषि से जुड़े तीन कानून लागू किए जिनमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार के मकसद से लागू किए गए तीन नए कानूनों में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 शामिल हैं।
किसान नेताओं का कहना है कि इन कानूनों का लाभ किसानों के बजाए कॉरपोरट को होगा, जबकि सरकार का कहना है कि ये तीनों कानून किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही लाए गए हैं। हालांकि सरकार किसान नेताओं के सुझावों के अनुसार, इनमें संशोधन करने को तैयार है। (आईएएनएस)
बुलंदशहर (उप्र), 9 दिसंबर| उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक शादी समारोह में सपना चौधरी का गीत बजाने को लेकर हुए झगड़े में कथित तौर पर एक युवक की पीट-पीटकरहत्या कर दी गई। घटना सोमवार की देर रात को कोतवाली पुलिस सर्कल में आने वाले बुलंदशहर के एक मैरिज हॉल में हुई। घायल युवक को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार को इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
खबरों के अनुसार, कुछ युवक एक शादी में नाच रहे थे तभी उन्होंने डीजे से सपना चौधरी का एक गाना बजाने की मांग की। जब डीजे ने मना कर दिया, तो वे हिंसक हो गए और इसके कारण 2 समूहों के बीच झड़प हो गई।
पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कथित आरोपियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस चश्मदीद गवाहों से भी बात कर रही है।
बुलंदशहर के एसपी संतोष कुमार सिंह ने दावा किया कि मृतक ने झड़प के दौरान हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी और उसे तभी दिल का दौरा पड़ गया। उन्होंने कहा, "पहली नजर में ऐसा लगता है कि उसकी मृत्यु कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई। मामले की जांच की जा रही है और उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।"
शादी में एक चश्मदीद ने दावा किया कि लड़कों का एक समूह नशे में धुत था और उन्होंने सपना चौधरी का गाना बजाने की मांग की लेकिन डीजे ने ऐसा करने में असमर्थता जताई। उन्होंने कहा, "जैसे ही डीजे ने कहा कि उसके पास यह गाना नहीं है, युवक हिंसक हो गया। उसने डीजे और उसके साथ के समूह को पीटना शुरू कर दिया। पीड़ित को भी पीटा गया और फिर वह जमीन पर गिर गया।" (आईएएनएस)
श्रीनगर, 9 दिसंबर| दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के तिकेन इलाके में बुधवार सुबह आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारियों ने ये जानकारी दी। आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक विशेष सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों द्वारा इलाके में घेरा डालने और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद ये मुठभेड़ शुरू हुई।
जैसे ही सुरक्षा बल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकवादी छिपे थे, वे भारी मात्रा में फायरिंग की चपेट में आ गए जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
पुलिस ने कहा, पुलवामा के तिकेन इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षा अपना काम कर रहे हैं। (आईएएनएस)
छतरपुर (मप्र), 9 दिसंबर| मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां एक विवाह समारोह में हिस्सा लेने आए लोगों से भरी कार असंतुलित हेाकर कुएं में जा गिरी। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हेा गई है, जबकि तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। पुालिस से मिली जानकारी के अनुसार, बीती रात महाराजपुर थाना क्षेत्र के दीवान के पुराव में एक वैवाहिक समारोह था, जिसमें हिस्सा लेने कुछ लोग कार से पहुंचे थे। कार को आयोजन स्थल पर सड़क किनारे पार्क किया जा रहा था तभी संतुलन बिगड़ा और वाहन कुएं में जा गिरा।
महाराजपुर थाने के प्रभारी जेड वाय खान ने बताया है कि इस हादसे में छह लोगों की मौत हुई है वहीं तीन को सुरक्षित बचा लिया गया है।
बताया गया है कि कार के कुएं में गिरने के बाद स्थानीय लोगों ने ही राहत और बचाव कार्य शुरु कर दिया था, किसी तरह तीन लोगों को सुरक्षित निकाला गया। अन्य 6 लोगों की कार के भीतर ही मौत हो गई। (आईएएनएस)
गोरखपुर, 9 दिसंबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य की बागडोर संभालने के बाद पूवार्ंचल के गन्ना किसानों को बस्ती के मुंडेरवा और गोरखपुर के पिपराइच में चीनी मिलों की सौगात दी थी। अब ये दोनों मिलें चीनी उत्पादन के क्षेत्र में एक नया सोपान जोड़ने जा रही हैं। इन मिलों में सल्फरलेस चीनी का उत्पादन होगा। उत्तर प्रदेश राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम लिमिटेड की दोनों चीनी मिलों में सल्फरलेस शुगर प्लांट का उद्घाटन आज (बुधवार) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस दौरान प्रदेश के गन्ना विकास व चीनी मिल विभाग के मंत्री सुरेश राणा भी मौजूद रहेंगे।
पहली बार निगम क्षेत्र में सल्फरलेस चीनी का उत्पादन होने जा रहा है। सल्फरलेस चीनी के निर्यात की संभावनाएं अधिक होती हैं। इसके लिए पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलों में करीब 25-25 करोड़ रुपये के अत्याधुनिक प्लांट लगाए गए हैं।
सूबे की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर-बस्ती मंडल के गन्ना किसानों को पिपराइच व मुंडेरवा चीनी मिलों की सौगात दी थी। इन दोनों ही चीनी मिलों में पेराई का लक्ष्य 65 लाख क्विंटल है, दोनों ही मिलों की 50-50 हजार क्विंटल गन्ना पेराई प्रतिदिन की क्षमता है।
सल्फरलेस चीनी बनाने के लिए पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलों में अत्याधुनिक टरबाइन लगाई गई है। इनके निर्माण पर तकरीबन 25-25 करोड़ रुपये की लागत आई है। नई टरबाइन में चीनी की सफाई के लिए कार्बन-डाई-ऑक्साइड का इस्तेमाल होगा। यह कार्बन डाई-ऑक्साइड चीनी मिलों को डिस्टिलरियों से मुफ्त मिल जाएगी।
चीनी उत्पादन की परम्परागत तकनीक में गन्ने के रस को साफ करने के लिए चूने के साथ ही सल्फर डाईऑक्साइड का इस्तेमाल होता है। चीनी बनने के बाद भी सल्फर का कुछ अंश इसमें रह जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। इसकी वजह से विदेशों में सल्फरयुक्त चीनी प्रतिबंधित है। (आईएएनएस)|
श्रीनगर, 9 दिसंबर| दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में बुधवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच जारी मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए। अधिकारियों ने ये जानकारी दी। पुलिस ने कहा, पुलवामा में मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए हैं, ऑपरेशन जारी है।
आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक विशेष सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों द्वारा इलाके में घेरा डालने और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद ये मुठभेड़ शुरू हुई।
जैसे ही सुरक्षा बल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकवादी छिपे थे, वे भारी मात्रा में फायरिंग की चपेट में आ गए जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
इससे पहले पुलिस ने कहा था, पुलवामा के तिकेन इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षा अपना काम कर रहे हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 दिसंबर| कांग्रेस पार्टी की प्रमुख सोनिया गांधी, बुधवार को 74 साल की हो गईं। उन्होंने किसान संकट और कोविड-19 महामारी के बीच अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है। उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में शामिल होने के लिए कहा है।
पार्टी के नेता जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं। पार्टी नेता सलमान खुर्शीद ने सोशल मीडिया पर लिखा, "माननीया कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी को शुभकामनाएं। उनके लिए अच्छे स्वास्थ्य की कामना।"
सोनिया गांधी, जिनका जन्म 1946 में इतालवी शहर लूसियाना कोन्को में हुआ था, वह भारत की सबसे पुरानी पार्टी की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली अध्यक्ष हैं।
इतने वर्षों में उन्होंने उतार-चढ़ाव दोनों देखे हैं, लेकिन इस समय पार्टी के भीतर चीजें ठीक नहीं हैं क्योंकि आंतरिक विद्रोह कुछ समय से बढ़ रहा है और पार्टी सभी प्रकार के चुनावों में भाजपा के विजयी रथ को रोक नहीं पाई है।
जी 23, जो 23 सदस्यों का एक समूह है, और जिसने पार्टी में सुधारों के बारे में कड़ा पत्र लिखा था, वह भरोसा नहीं कर पा रहा है। बिहार चुनाव में हार के बाद इन लोगों ने फिर से अपनी चिंता जताई है।
कुछ समय पहले कोविड की वजह से सोनिया गांधी ने पार्टी का संकटमोचक समझे जाने वाले नेता अहमद पटेल को भी खो दिया। उनका निधन हो गया है।
जैसे-जैसे कांग्रेस असम, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु के महत्वपूर्ण राज्यों में चुनावी अभियान की तैयारी कर रही है वैसे-वैसे पार्टी अपने भीतर की अंदरूनी कलह से भी जूझ रही है।
पार्टी के पुराने नेता उनके बेटे राहुल गांधी की कार्यशैली के खिलाफ हैं और उनके फैसलों से खुश नहीं हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों से चल रहे उग्र किसानों के विरोध में, कांग्रेस का नेतृत्व पंजाब के मुख्यमंत्री कर रहे हैं, जो इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। राहुल गांधी अपने ट्रैक्टर यात्रा के दौरान शुरूआती बढ़त लेने के बावजूद अंतिम रूप से उपस्थिति दर्ज कराने में नाकामयाब रहे।
पार्टी जल्द ही अध्यक्ष पद का चुनाव कराने जा रही है और अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अगर राहुल गांधी खड़े होते हैं तो वो निर्विरोध जीत जाएंगे लेकिन अगर वह उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो पद निर्विरोध नहीं जीता जा सकेगा।
जबकि सोनिया गांधी जिन्होंने 1998 में पार्टी का नेतृत्व संभाला था और 2004 में चुनी गई यूपीए की सरकार बनाई और 2014 तक देश की सबसे शक्तिशाली व्यक्ति थीं, तब से पार्टी लगातार दो आम चुनाव हार चुकी है।
पार्टी के सदस्य खुले तौर पर नामांकन संस्कृति के खिलाफ आ गए हैं और पार्टी में सुधार करने के लिए ब्लॉक से कांग्रेस वकिर्ंग कमेटी स्तर तक चुनाव की मांग की है।
निलंबित पार्टी प्रवक्ता संजय झा ने सोनिया के जन्मदिन के पहले एक लेख लिखा और ट्वीट किया, "यह विकास, परिवर्तन की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।"
उन्होंने लिखा कि एक बार अचूक गांधी ब्रांड कमजोर हो गया है। यह अनुकूलन के लिए धीमा हो गया है। वे अब कांग्रेस की जादू की छड़ी नहीं हैं। वे इसके क्रिप्टोनाइट बन गए हैं। यह बदलाव का समय है।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 दिसंबर | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मंगलवार को हुई किसान संगठनों की बैठक में यह तय हुआ कि नए कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर सरकार अब किसान संगठनों को एक प्रस्ताव भेजेगी। इस प्रस्ताव पर विचार करके किसान नेता सरकार को अपना फैसला बताएंगे। यह जानकारी बैठक में शामिल हुए किसान नेताओं ने दी। गृहमंत्री ने किसान संगठनों से स्पष्ट कर दिया है कि नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे, हालांकि उन्होंने संशोधन पर विचार करने की बात कही है।
हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने आईएएनएस को बताया कि सरकार ने नये कृषि कानूनों को वापस लेने की उनकी मांग ठुकरा दी है। बैठक की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "बैठक में यह तय हुआ कि कृषि कानून में संशोधनों के बिंदुओं को लेकर एक प्रस्ताव सरकार किसान संगठनों को भेजेगी जिस पर विचार करके वे अपने निर्णय बताएंग।"
उन्होंने कहा कि बुधवार को निर्धारित सरकार के साथ किसान संगठनों की अब कोई बैठक नहीं होगी, बल्कि सरकार अपने प्रस्ताव किसान संगठनों को भेजेगी।
ऑल इंडिया किसान सभा के हनन मुल्ला ने बताया कि कल सरकार और किसानों के बीच वार्ता नहीं होगी, बल्कि कल सरकार किसान नेताओं को अपना प्रस्ताव देगी जिसके बाद किसान नेता उस पर विचार करके अपने निर्णय देंगे।
उन्होंने बताया कि आज की बैठक में सरकार ने साफ कर दिया है कि कानून वापस लेना संभव नहीं है। सरकार की तरफ से जो कुछ किया जा सकता है उस बारे में एक लिखित प्रस्ताव कल किसान नेताओं को सुबह दिया जाएगा। इस प्रस्ताव के आधार पर सभी किसान नेता प्रतिनिधि अपनी कमेटी में चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति तय होगी। मुल्ला का कहना था कि सरकार जब तक लिखित में कानून वापस लेने का आश्वासन नहीं देती तब तक अगली बैठक में आने का कोई प्रश्न नहीं उठता।
गृहमंत्री के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की यह बैठक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), पूसा में आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।
इस बैठक में लिए गए फैसले के बाद अब नए कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं की नौ दिसंबर को निर्धारित छठे दौर की वार्ता नहीं होगी। बैठक में किसानों के 13 प्रतिनिधि पहुंचे हैं।
उधर, किसान संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को देशव्यापी बंद शांतिपूर्ण रहा। मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने बीते सितंबर महीने में कृषि से जुड़े तीन कानून लागू किए जिनमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार के मकसद से लागू किए गए तीन नये कानूनों में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 शामिल हैं।
किसान संगठनों के नेता तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं जबकि सरकार ने उन्हें संशोधन करने का आश्वासन दिया है। किसान संगठनों सरकार से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एएसपी की गारंटी की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रखने का आश्वासन दिया है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 9 दिसंबर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने मध्यप्रदेश में व्यापम की ओर से आयोजित प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) 2009 और परिवहन कांस्टेबल भर्ती परीक्षा (टीसीआरटी) 2012 परीक्षाओं से संबंधित अलग-अलग मामलों में दो पूरक आरोपपत्र दायर किए हैं। सीबीआई के एक अधिकारी ने यहां कहा कि पहले मामले में व्यापम द्वारा आयोजित पीएमटी -2009 परीक्षा से संबंधित उम्मीदवारों, माता-पिता या अभिभावकों और बिचौलियों सहित 126 आरोपियों के खिलाफ ग्वालियर की सीबीआई अदालत में एक पूरक आरोपपत्र दायर किया गया है।
एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 21 अगस्त 2015 को मामला दर्ज किया था।
अधिकारी ने कहा, "सीबीआई ने जांच के दौरान, यह पाया गया कि 36 उम्मीदवारों ने बिचौलियों, माता-पिता की मदद से अपनी ओर से एमपीपीएमटी-2009 की लिखित परीक्षा में उपस्थित होने के लिए किसी और को बिठाया था। इसलिए उन्होंने अवैध रूप से परीक्षा उत्तीर्ण की और एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया।
सीबीआई ने लगभग 16 लाख छात्रों का डेटाबेस तैयार किया था, जिसमें विभिन्न कोचिंग कक्षाओं में पीएमटी के लिए कोचिंग ले रहे छात्रों, विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस छात्रों, पंजीकृत डॉक्टरों आदि की आरोपी उम्मीदवारों के आवेदन में उपलब्ध आवेदक के फोटो की तुलना की।
अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने आरोपी उम्मीदवारों की ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं पर उपलब्ध तस्वीरों और लिखावट पर भी विशेषज्ञों की राय ली।
इससे पहले, सीबीआई ने 28 जून 2016 को आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
वहीं दूसरे मामले के तहत, सीबीआई ने टीसीआरटी-2012 की परीक्षा में ऐसे 18 उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने अपने बदले किसी अन्य को परीक्षा में बिठाया। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर उक्त मामला दर्ज किया था और व्यापम की ओर से आयोजित टीसीआरटी-2018 के कुछ उम्मीदवारों के ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं में कथित हेरफेर से संबंधित जांच और डिजिटल डेटा से संबंधित जांच को सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया था।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 9 दिसंबर | भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक लिमिटेड की ओर से विकसित की जा रही 'कोवैक्सीन' के फरवरी 2021 के अंत तक आम जनता के उपयोग के लिए उपलब्ध होने की संभावना है। एम्स में इसके नैदानिक परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल) के प्रमुख जांचकर्ता (पीआई) डॉ. संजय रॉय ने मंगलवार को आईएएनएस को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, "हम उम्मीद कर सकते हैं कि फरवरी तक सामान्य लोगों को वैक्सीन की खुराक मिलने लगेगी।"
रॉय ने यह भी कहा कि दो स्वदेशी वैक्सीन उम्मीदवार (कैंडिडेट), जो कि इसे विकसित करने में आगे है, उनकी वैक्सीन 2021 की पहली तिमाही के अंत से पहले बाजार में पहुंचने की उम्मीद है। भारत बायोटेक के अलावा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की ओर से विकसित की जा रही कोविशिल्ड भी सबसे आगे चल रही कंपनियों में से है और नैदानिक परीक्षण के तीसरे चरण में है। रॉय ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि यह वैक्सीन भी 'कोवैक्सीन' के समय के आसपास ही सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
'कोवैक्सीन' ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नैदानिक परीक्षणों के तीसरे चरण में प्रवेश किया है। रॉय ने कहा कि 100 से अधिक स्वयंसेवक वैक्सीन उम्मीदवार की पहली खुराक प्राप्त कर चुके हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण के लिए 26,000 स्वयंसेवकों का लक्ष्य निर्धारित है। स्वयंसेवकों को 28 दिनों की अवधि में दो इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन दिए जाएंगे। इस दौरान स्वयंसेवकों को कोवैक्सीन या प्लेसीबो या²च्छिक (रेंडमली) तौर पर दिया जाएगा। जांचकर्ताओं, प्रतिभागियों और कंपनी तक को यह जानकारी नहीं होगी कि कौन सी डोज किस समूह को दी गई है।
परीक्षण में नामांकन पात्रता के लिए सबसे कम आयु 18 वर्ष रखी गई है। जो स्वयंसेवक इस परीक्षण में भाग लेना चाहते हैं, उनकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
भारत बायोटेक ने आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के सामने आवेदन किया है। इससे पहले एसआईआई ने रविवार आपातकालीन उपयोग की मंजूरी लेने के लिए आवेदन किया था।
इन दोनों के अलावा अमेरिका स्थित फार्मा दिग्गज फाइजर इंक ने उसके द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपातकालीन इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी के लिए चार दिसंबर को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के समक्ष आवेदन किया है।
--आईएएनएस
तिरुवनंतपुरम, 8 दिसंबर | केरल में बीते 24 घंटे में कोरोनावायरस के 5,032 नए मामले सामने आए। यहां इस दौरान मंगलवार को 60,521 सैंपलों की जांच की गई। स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने यह जानकारी दी। एक बयान में, शैलजा ने यह भी कहा कि 4,735 लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट निगेटिव पाया गया। यहां इस महामारी से रिकवर हुए लोगों की कुल संख्या 5,82,351 पर पहुंच गई, जबकि वर्तमान में राज्य में कोरोना के 59,732 सक्रिय मामले हैं। (आईएएनएस)
चेन्नई, 8 दिसंबर | मंगलवार को किसानों के भारत बंद के चलते तमिलनाडु में सामान्य जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ। होटल और दुकानें खुली रहीं। चेन्नई में, सार्वजनिक बसें चलती रहीं, जबकि होटल और दुकानें भी खुली रहीं। इसी प्रकार, सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों और बीमा कंपनियों ने हमेशा की तरह काम किया, हालांकि यूनियनों ने किसानों के बंद को समर्थन दिया।
खबरों के मुताबिक, इरोड में एक सब्जी मंडी और तिरुवरुर में कई दुकानें किसानों के समर्थन में बंद रहीं।
किसान संगठनों, राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध सभाएं भी कीं। हालांकि किसी भी हालात से निपटने के लिए पुलिस ने राज्य भर में सुरक्षा बढ़ा दी थी।
भारत बंद का आह्वान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों द्वारा दिया गया था, जो सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में और उसके आसपास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। (आईएएनएस)
पणजी, 8 दिसंबर | दक्षिणी गोवा में आईएनएस हंसा नौसैनिक अड्डे के पास आवासीय क्षेत्र में एक निर्माण स्थल पर एक 33 वर्षीय नौसेना नाविक को मृत पाया गया है। एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। मृतक की पहचान राजेश कुमार कुशवाहा के रूप में हुई है।
बयान में कहा गया है, "यह शव नौसैनिक रिहायशी इलाके में निर्माणाधीन एक इमारत के आसपास पाया गया है। गोवा पुलिस नौसेना अधिकारियों की सहायता से इस मामले की जांच कर रही है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसंबर | कोविड -19 वैक्सीन के बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए सरकार ने 30 करोड़ भारतीयों को चिन्हित किया है, इसे आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान इस बात की सूचना दी। मंत्रालय ने कहा कि, "राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने 30 करोड़ भारतीयों को पहले वैक्सीन शॉट्स देने की सिफारिश की है। आंकड़ों में 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और 27 करोड़ आम लोगों को शामिल किया गया है, जो एक्सपर्ट ग्रुप द्वारा तय किए गए हैं।
"स्वास्थ्य सेवाओं की सेटिंग में एक करोड़ हेल्थकेयर प्रदाताओं और श्रमिकों, दोनों सरकारी और निजी, राज्य और केंद्रीय पुलिस विभागों के 2 करोड़ कर्मियों, सशस्त्र बलों, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा संगठनों, जिनमें आपदा प्रबंधन स्वयंसेवक और नगरपालिका कार्यकर्ता, और 27 करोड़ से ऊपर लोग शामिल हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि केंद्र सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर कोविड -19 वैक्सीन के रोल-आउट की तैयारी कर रहा है। (आईएएनएस)
पटना, 8 दिसंबर | राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जन अधिकार पार्टी (जेएपी) और वाम दलों के समर्थकों ने किसानों की ओर से बुलाए गए 'भारत बंद' के समर्थन में मंगलवार को पटना में व्यापक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इसके अलावा बिहार के कई हिस्सों में कुछ गड़बड़ी और व्यवधान की भी खबरें सामने आईं। पटना में विपक्षी दलों के समर्थकों ने डाक बंगला चौक चौराहे को ब्लॉक कर दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया।
पप्पू यादव के नेतृत्व में जन अधिकार पार्टी (जाप) समर्थक विशेष रूप से आक्रामक दिख रहे थे। पार्टी समर्थक अपने सिर पर धान की फसल रखकर संसद की ओर से पारित तीन कृषि विधेयकों का विरोध करते नजर आए। इसके साथ ही वह अपने साथ पारंपरिक कृषि उपकरण भी लिए हुए थे।
यादव ने कहा कि राजग सरकार को तीन 'काले कानून' वापस लेने चाहिए और कृषि क्षेत्र पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करनी चाहिए।
यादव ने कहा, "पहले दिन से ही हम तीन काले कानूनों को वापस लेने के अलावा एमएसपी पर गारंटी की मांग कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार केवल कॉर्पोरेट घरानों और बड़े कारोबारियों के हितों की बात करती है। वह किसानों के हित की परवाह नहीं करती है। इसके अलावा राजग के नेता उन्हें खालिस्तानी, पाकिस्तानी और राष्ट्रविरोधी कह रहे हैं। यह अस्वीकार्य है। सरकार को हमारे अन्नदाताओं को अपमानित नहीं करना चाहिए।"
यादव ने कहा, "हमारी पार्टी ने सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए 16 दिसंबर तक इंतजार करने का फैसला किया है। 23 दिसंबर से हम ऐतिहासिक पश्चिम चंपारण जिले से एक किसान रैली शुरू करेंगे, जो बाद में पूरे राज्य में चलेगी।"
विरोध के दौरान, राजद और जेएपी के समर्थकों ने दो दर्जन से अधिक कारों के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया, जिससे वाहन चालकों को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के विधायक सुदामा प्रसाद ने आरोप लगाते हुए कहा, "राजग सरकार ने आम लोगों के कल्याण के लिए एक भी निर्णय नहीं लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की, जीएसटी लागू किया, रोड टैक्स में वृद्धि की, कॉर्पोरेट्स को लाभ देने के लिए रेलवे और अन्य चीजों का निजीकरण किया। अब वह कृषि क्षेत्र में निजीकरण के लिए तीन कृषि कानून लेकर आए हैं।"
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा, "भारत की जीडीपी दर माइनस 23 प्रतिशत है। केवल कृषि क्षेत्र में जीडीपी विकास दर 3.5 प्रतिशत है। मोदी सरकार इस क्षेत्र को कॉपोर्रेट घरानों के हाथ में लाना चाहती है और किसानों को बंदी बनाना चाहती है।"
पटना के डाक बंगला चौक में राजग नेताओं के पोस्टर और बैनर भी फाड़ दिए गए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पोस्टर फाड़ने से बचने की पुलिस की अपील के बाद उनकी पुलिस कर्मियों के साथ मामूली झड़प भी हुई।
भारत बंद के दौरान बस संचालन में भी देरी हुई। अधिकांश बस ऑपरेटरों ने सुबह के संचालन को रद्द कर दिया। उन्होंने शाम को परिचालन शुरू करने का फैसला किया है।
पड़ोसी जहानाबाद जिले में राजद समर्थकों ने स्थानीय व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए मजबूर किया। उन्होंने ट्रकों और बसों के टायरों की हवा निकाल दी और टायर पंचर कर दिए, जिसके बाद पटना-गया एनएच 83 पर बड़ा ट्रैफिक जाम देखने को मिला। उनकी ड्राइवरों के साथ भी झड़प देखी गई और उन्होंने ड्राइवरों को आगे गाड़ी लेकर जाने से रोक दिया।
गया में जाप समर्थकों ने फ्लाईओवर पर रास्ता अवरुद्ध करने के लिए बैलगाड़ी का उपयोग किया।
आरा में राजद के समर्थकों ने रेलवे स्टेशन के पास एक कार के विंड शील्ड (आगे का शीशा) को तोड़ दिया। सीपीआई (माले) समर्थकों ने आरा-मोहनिया राज्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया।
सुपौल में, बंद समर्थकों ने ट्रेनों की आवाजाही बाधित कर दी, जिससे सुपौल-सहरसा मार्ग पर आवागमन में दो घंटे की देरी हो गई।
मुजफ्फरपुर में महागठबंधन के समर्थकों ने मुजफ्फरपुर-दरभंगा राज्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिससे एनएच 57 पर बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम देखने को मिला। (आईएएनएस)
लखनऊ, 8 दिसंबर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में निवेशकों को सभी सुविधाएं सुलभ कराई जाएं। उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए नीति का सरलीकरण किया है। मुख्यमंत्री मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में औद्योगिक निवेश का विशेष महत्व है। इसीलिए राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए उनको अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जाए। इससे जहां एक तरफ विकास होता है, तो दूसरी तरफ लोगों को रोजगार भी मिलता है। अत: प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए अधिकारी पूरी रुचि लेकर काम करें।
उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसान भी आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसलिए उन्हें प्रगतिशील खेती के लिए प्रेरित किया जाए। गोआश्रय स्थलों के संबंध में उन्होंने कहा कि इन्हें आय का केंद्र बनाया जाए। इसके लिए इन्हें सीएनजी उत्पादन, गोबर के दीप निर्माण और अन्य आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग को शहरी क्षेत्रों में लागू की जा रही अमृत मिशन और स्मार्ट सिटी योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसम्बर| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सरकार के साथ-साथ दूरसंचार क्षेत्र के सभी हितधारकों को पांचवीं पीढ़ी 5जी प्रौद्योगिकी की समय पर लॉन्चिंग सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना होगा। इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) को संबोधित करते हुए, मोदी ने भारत को दूरसंचार उपकरण, डिजाइन डेवलपमेंट और विनिर्माण के लिए वैश्विक हब बनाने के लिए एक साथ काम करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, "आइए हम भारत को दूरसंचार उपकरण, डिजाइन, विकास और विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए मिलकर काम करें।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह मोबाइल तकनीक की वजह से है, जिससे लाखों भारतीयों को अरबों डॉलर का लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि मोबाइल तकनीक की वजह से सरकार महामारी के दौरान गरीबों और कमजोरों की जल्द मदद कर सकी।
प्रधानमंत्री ने उद्योग के प्रतिभागियों से कहा, "यह मोबाइल प्रौद्योगिकी के कारण ही है कि हम अरबों कैशलेस लेनदेन देख रहे हैं जो औपचारिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देते हैं। यह मोबाइल प्रौद्योगिकी के कारण ही है कि हम टोल बूथों पर सहज संपर्क रहित इंटरफेस कर पाएंगे।"
महामारी और लॉकडाउन के बीच, दूरसंचार और प्रौद्योगिकी के दिग्गजों की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि यह उद्योग और इसके नवाचारों के प्रयासों के कारण ही था कि दुनिया महामारी के दौरान भी काम कर रही थी, जिसमें कनेक्टिविटी, शिक्षा और व्यवसाय और अन्य संचालन शामिल थे। (आईएएनएस)