राष्ट्रीय
तिरुवनंतपुरम, 8 दिसंबर | केरल के कोल्लम जिले में मंगलवार की सुबह एक महिला चुनावकर्मी को इस लिए काम से हटा दिया गया क्योंकि उनके बारे में शिकायत मिली थी कि उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों के पहले चरण के दौरान एक ऐसा मास्क पहन रखा था, जिसमें भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का चुनाव चिन्ह बना हुआ था। महिला द्वारा अपने चेहरे से मास्क हटा दिए जाने के बाद भी कोल्लम जिले में कांग्रेस कमेटी के समर्थकों ने आधिकारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराया।
राज्य चुनाव आयोग ने बाद में कोल्लम जिलाधिकारी को यह निर्देश दिया कि वह कोल्लम के पास जॉन्स काजू कारखाने में बूथ नंबर 1 पर महिला को उनकी ड्यूटी से निकाल दें।
तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, अलाप्पुझा और इडुक्की जिलों में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम को 6 बजे समाप्त होगा। इसके नतीजे से 24,584 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।
दूसरे चरण का मतदान 10 दिसंबर और आखिरी चरण का 14 दिसंबर को होगा।(आईएएनएस)
पणजी, 8 दिसंबर| देश भर के किसान संघों द्वारा मंगलवार को किए गए 'भारत बंद' के आह्वान का गोवा पर कोई असर नहीं पड़ा। यहां निजी और सरकारी दफ्तर, बाजार और सार्वजनिक परिवहन सभी सामान्य रूप से चालू रहे। गोवा सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य में कहीं भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। जबकि जहां लगभग सभी विपक्षी राजनीतिक दलों, जैसे कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, गोवा फॉरवर्ड, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 3 कृषि कानूनों के विरोध में देशव्यापी हड़ताल में किसान संघों के आह्वान का समर्थन किया है।
हड़ताल का समर्थन करने वाले व्यापारी संघों के प्रमुख और राजनीतिक दलों के प्रमुख पणजी शहर के चौक पर इकट्ठा हुए। यहां उन्होंने इन 'काले कानूनों' को पारित करने के लिए केंद्र सरकार की निंदा की। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने कहा, "ये कानून किसानों को कॉपोर्रेट क्षेत्र के हाथों की कठपुतली बना देंगे।"
गोवा फॉरवर्ड के अध्यक्ष विजई सरदेसाई ने कहा, "रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आपातकाल लागू करना पड़ा था जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए राजनीतिक कयामत बना। अब किसान भाजपा से लड़ने के लिए विपक्षी नेताओं को एक साथ आने का रास्ता दिखा रहे हैं।"
हालांकि भारत बंद का गोवा के बाजारों, दफ्तरों और सार्वजनिक परिवहन पर कोई असर नहीं पड़ा है। गोवा पुलिस ने कहा तटीय राज्य में कहीं भी हड़ताल से संबंधित कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है।
सोमवार को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा था कि हड़ताल का गोवा में 'कोई प्रभाव नहीं' पड़ेगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसम्बर| किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के बावजूद कृषि उत्पाद बेचने वाले दिल्ली के अधिकांश बाजार खुले रहे। सीधे-सीधे अनाज, खाद्यान्नों, दालों, मसालों आदि से जुड़े उत्तर भारत के सबसे बड़े बाजार 'खारी बावली' में भी इस बंद का कोई असर नहीं दिखा। दिल्ली के अन्य होलसेल बाजारों में भी अधिकांश दुकानें मंगलवार को अपने तय समय के मुताबिक खुलीं। पुरानी दिल्ली के खारी बावली के अलावा खारी बावली के समीप स्थित अनाज मार्केट, सदर बाजार, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, लाजपत राय मार्केट और भागीरथ पैलेस जैसे सभी बड़े बाजार मंगलवार को भी नियमित रूप से खोले गए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी लोगों से इस बंद में शामिल होने की अपील की थी। लेकिन मुख्यमंत्री की अपील का भी यहां कहीं कोई असर नहीं दिखाई दिया।
खारी बावली में अनाज और मसालों का व्यवसाय करने वाले लाला हरिचरण अग्रवाल ने कहा, "मार्केट एसोसिएशन या फिर दुकानदारों की ओर से बाजार बंद का कोई आवाहन नहीं किया गया था। बाजार बंद रखने की सूचना या निवेदन भी किसी संगठन ने नहीं दिया। यहीं कारण है कि हम सभी ने यहां अपनी अपनी दुकानें खोली हैं।"
वहीं अनाज मार्केट के बड़े व्यवसायी तेजपाल अरोड़ा ने कहा, "भारत बंद में शामिल होने को लेकर किसी भी स्थानीय प्रतिनिधि या संगठन द्वारा हमसे कोई संपर्क नहीं किया गया। यह भी नहीं बताया गया कि कौन-कौन लोग इस बंद में शामिल हैं। इसलिए सभी दुकानदारों ने अन्य दिनों की तरह आज भी अपनी दुकानें खोली हैं।"
गौरतलब है कि यह दिल्ली के वह बाजार हैं जो किसानों और खेती से प्राप्त होने वाले उत्पाद बेचते हैं। खारी बावली में अनाज, दलहन, मसालों, खाने का तेल, दुग्ध उत्पाद जैसे खोया, मावा, देसी घी, ड्राई फ्रूट्स, मसालों आदि का थोक एवं खुदरा व्यापार होता है। यहां से प्रतिदिन कई ट्रक खाद्यान्न एवं मसाले देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे जाते हैं। कृषि उत्पादों से जुड़े कारोबार के बावजूद इन बाजारों के व्यवसायियों ने स्वयं को भारत बंद से पूरी तरह अलग रखा है।
वहीं दवाओं के सबसे बड़े बाजार भागीरथ पैलेस में भी भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला। सैकड़ों दुकानों वाला यह बाजार मंगलवार को पूरी तरह खुला रहा। इस दौरान कारोबार भी सामान्य दिनों की तरह बेरोक टोक होता रहा।
लालकिला के समीप स्थित एशिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक बाजार लाजपत राय मार्केट की भी यही स्थिति रही। यहां भी भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला। इसके अलावा चांदनी चौक का मुख्य बाजार भी सामान्य कार्य दिवसों की तरह खुला रहा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसंबर| कई दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को सुलझाने की कोशिशों के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके 3, कृष्ण मेनन मार्ग आवास पर मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच पंजाब और हरियाणा के आंदोलनरत किसानों के मुद्दों को सुलझाने पर चर्चा हुई। नौ दिसंबर को छठे राउंड की बातचीत से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर के बीच हुई मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। दरअसल, पंजाब के किसानों की ओर से शुरू हुए आंदोलन को हरियाणा के कई किसान संगठनों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। यह अलग बात है कि राज्य के करीब एक लाख 20 हजार से अधिक किसानों ने बीते सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए इसे वापस न लेने की मांग की है। हरियाणा में कुछ संगठन आंदोलन के समर्थन में हैं तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं।
पिछले 26 नवंबर से दिल्ली की सीमा पर चल रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन के कारण माल परिवहन से लेकर यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। आवश्यक वस्तुओं की दिल्ली में सप्लाई पर बुरा असर पड़ा है। बातचीत से मामला सुलझाने की सभी कोशिशें अब तक असफल साबित हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि खट्टर ने मीटिंग के दौरान तोमर को इस आंदोलन को सुलझाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री राज्य के किसानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थता की कड़ी भी बन सकते हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान अच्छे स्वास्थ्य की उम्मीद के साथ दीप प्रज्जवलित करने के आग्रह वाला किया गया ट्वीट, ट्विटर पर 'राजनीति में सबसे अधिक रीट्वीट किए जाने वाला ट्वीट' था। कंपनी ने मंगलवार को यह घोषणा की। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, मोदी ने नागरिकों से नौ मिनट के लिए सभी लाइट बंद करने और 5 अप्रैल को लैंप या टॉर्च या सेलफोन फ्लैश लाइट जलाने का आग्रह किया था।
बिजनेस में, सबसे ज्यादा रीट्वीट किए जाने वाला ट्वीट रतन टाटा का रहा, जिन्होंने कोविड-19 से प्रभावित समुदायों का सपोर्ट करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
शीर्ष उद्योगपति ने महामारी से प्रभावित समुदायों की रक्षा और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में कंपनी की ओर से 500 करोड़ रुपये की मदद देने की घोषणा की थी।
ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी ने कहा, "जिस तरह का यह साल रहा है, 2020 में ट्विटर पर कन्वर्सेशन अद्भुत था। इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई से लेकर, उत्सव के क्षणों में आनन्दित होना, उन समुदायों के लिए खड़े होना जो महामारी से प्रभावित हुए, शो, रुचियों और यादों के संबंध में बॉन्डिंग, भारत इस साल साथ में ट्विटर पर खबूसूरती से आया।"
यह वर्ष माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए आभार की भावना भी लाया।
डॉक्टर और शिक्षकों के प्रति विशेष सम्मान की भावना के साथ, विश्वभर में कृतज्ञता या आभार व्यक्त करने वाले ट्वीट्स में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कोविड-19 को छोड़कर प्रशंसकों ने सुशांत सिंह राजपूत और उनके करियर को श्रद्धांजलि दी और हाथरस में एक दलित युवती के कथित दुष्कर्म की निंदा की।
फरवरी में नेवेली में अपने प्रशंसकों के साथ अभिनेता विजय की सेल्फी सबसे ज्यादा रीट्वीट किए जाने वाला ट्वीट था, जिसका जश्न तमिल सितारों ने ट्विटर पर अपने समुदाय के साथ मनाया।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसंबर| पराली जलाने की घटना बहुत कम होने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिली है और वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार दोपहर को 'गंभीर' श्रेणी के करीब पहुंच गया है। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 392 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के 36 में से 18 प्रदूषण निगरानी स्टेशन में वायु गुणवत्ता सूचकांक में गंभीर गिरावट देखी गई।
जहांगीरपुरी में सबसे अधिक हानिकारक हवा की गुणवत्ता 439 दर्ज की गई।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने संवेदनशील समूहों को घर से बाहर सभी शारीरिक गतिविधियों से बचने और घर के अंदर ही एक्टिविटी करने की सलाह दी है। मंत्रालय ने दमा रोग से ग्रसित लोगों को खास ख्याल रखने की सलाह दी है।
केंद्र सरकार की एक एजेंसी, सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने कहा कि हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक बायोमास से सघन ठहराव की स्थिति से स्थानांतरित हो रहे हैं, जिससे लेयर हाइट की सीमा कम हो रही है और फॉग का निर्माण हो रहा है।
दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्र -फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रही। गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा की हवा की गुणवत्ता सबसे खराब रही, जहां क्रमश: 439 और 414 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की हवा की गुणवत्ता दर्ज की गई। (आईएएनएस)
लखनऊ, 8 दिसंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में किसानों के भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। भारत बंद के समर्थन में विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ता जगह-जगह सड़कों पर उतरे हैं। सपा के कार्यकर्ताओं ने प्रयागराज में रेलवे स्टेशन के आउटर पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया। राजधानी लखनऊ में सपा के एमएलसी भी धरने पर बैठे हैं। वहीं, भारत बंद को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी दशा में कानून और शांति-व्यवस्था से समझौता न किया जाए।
राजधानी लखनऊ के हजरतगंज, लालबाग, अमीनाबाद, कैसर बाग समेत शहर के तमाम मार्केट अपने तय समय खुलने लगीं। वहीं विधानसभा के अंदर समाजवादी पार्टी के तीन एमएलसी मौन धारण करते हुए किसानों के समर्थन में धरने पर बैठे। एमएलसी सुनील साजन, एमएलसी आनंद भदौरिया, आशु मलिक धरने पर बैठे हैं।
दुबग्गा गल्ला मंडी में सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा। दुबग्गा मंडी में रोजाना हजारों लोगों की भीड़ लगती थी। दुबग्गा गल्ला मंडी पूरी तरीके से बंद है। वहीं लखनऊ से सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी पूरी तरीके से खुली पाई गई। मंगलवार की सुबह गल्ला मंडी के आढ़तियों ने फल बेचे।
नवीन गल्ला मंडी के फ्रुट एंड वेलजिटेबल वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष रिंकू सोनकर ने कहा कि अगर मंडी न खुलती तो ये सारे सामान बर्बाद हो जाते और किसान खुद फल और सब्जियां लेकर आ रहा है। आज ही छह गाड़ियों में मटर आए जैसे रोज आते हैं।
फिलहाल लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र में किसान संगठनों ने अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किया। करीब एक दर्जन से ज्यादा किसान नेताओं को अलग-अलग जगहों पर नजरबंद कर दिया गया है और कुछ को हिरासत में रखा गया है। राजधानी लखनऊ में धारा 144 लगा दी गई है। वहीं डीएम लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने बताया लखनऊ ग्रामीण में भी धारा 144 बीती रात से लागू है।
उधर, आजमगढ़ पूर्व मंत्री सपा नेता बलराम यादव, दुर्गा यादव, संग्राम यादव और सपा के जिलाध्यक्ष नजरबन्द किए गए। सभी को घर मे ही रहने का प्रशासन ने फरमान सुनाया है। महराजगंज में सपा जिलाध्यक्ष आमीर हुसैन, आप जिलाध्यक्ष पशुपति नाथ गुप्ता, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अवनीश पाल समेत कुछ नेताओं को पुलिस ने उनके आवास से हिरासत में ले लिया। अलीगढ़ में भारत बंद को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट, जनपद मुख्यालय पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए की गई बैरिकेडिंग।
वाराणसी में सपा कार्यकतार्ओं ने कलेक्ट्रेट के गेट पर ताला बंद कर प्रदर्शन किया। फिरोजाबाद में मंडी में भारत बंद का कोई असर नहीं दिखा। खुली रही मंडी, आते रहे सब्जी विक्रेता, फोर्स रहा तैनात।
जौनपुर में भारत बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। गली-कूचों में चाय-पान की दुकानें सुबह नौ बजे तक खुल गईं। कान्वेंट स्कूलों में भी बच्चों की संख्या कम रही।
गोरखपुर में प्रशासन की सख्ती के बावजूद बड़ी संख्या में सपाई सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं। सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम को पुलिस ने सुबह ही उनके घर से हिरासत में ले लिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में शान्ति व्यवस्था बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से कहा कि आम जनमानस को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके पर्याप्त प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि किसानों के हित और उनके कल्याण की दिशा में केन्द्र एवं राज्य सरकार निरन्तर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्थानीय स्तर पर किसान संगठनों और प्रतिनिधियों से संवाद कर उन्हें नये कृषि कानूनों के प्राविधानों से अवगत कराते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण करें। किसी भी दशा में कानून और शान्ति व्यवस्था से समझौता न किया जाए।
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चेन्नई, 8 दिसंबर| तमिलनाडु में मंगलवार को भारत बंद का खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि काूननों के विरोध में किसानों द्वारा आहूत भारत बंद के बावजूद राज्य परिवहन की बसें चल रही हैं होटल और दुकानें खुली हुई हैं। तमिलनाडु की राजधानी में, सार्वजनिक परिवहन बसें चलती नजर आईं। होटल और दुकानें खुली हैं।
इसी तरह, सरकारी स्वामित्व वाले बैंक और बीमा कंपनियां हमेशा की तरह काम कर रही हैं हालांकि यूनियनों ने किसान बंद का समर्थन किया है।
ऑटो रिक्शा यूनियनों से जुड़े विपक्षी पार्टियों ने घोषणा की है कि वे बंद में हिस्सा लेंगे।
खबरों के मुताबिक, इरोड में एक सब्जी मंडी और तिरुवरुर में कई दुकानें भारत बंद के समर्थन में बंद रहीं।
किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस ने राज्य भर में सुरक्षा बढ़ा दी है।
पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के किसान संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और भारत बंद का आह्वान किया है। (आईएएनएस)
अमरावती, 8 दिसंबर | केंद्र द्वारा पारित किए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध के मद्देनजर मंगलवार को किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में कांग्रेस और वामपंथी दल भी शामिल हुए हैं। अपने कैडरों के साथ कुछ नेताओं ने अपनी राजनीतिक पार्टी के झंडे लगाए, जबकि कांग्रेस समर्थकों ने अपने कानुवस (तौलिए) को पहनकर विजयवाड़ा बस स्टेशन के सामने प्रदर्शन किया।
शहर में वाम दल के एक नेता ने कहा, "उन्हें अपनी सभी कॉपोर्रेट नीतियों को वापस लेना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घुमा-फिरा कर बात कर रहे हैं। उनके इन तौर-तरीकों को नहीं माना जाएगा। अब काफी हो चुका है। उन्होंने पूंजीपतियों की भलाई को प्राथमिकता दी है।"
उन्होंने आगे कहा, "62 लाख करोड़ रुपये के कृषि व्यवसाय को उस वक्त पूंजीपतियों को सौंपा गया, जब कोरोनोवायरस के कारण किसानों ने अपनी आजीविका खो दी है।"
किसानों द्वारा अपनी उपज को कहीं भी बेचे जाने में उन्हें सक्षम बनाए जाने की कथित सुविधा पर टिप्पणी करते हुए प्रदर्शनकारी नेता ने कहा कि विभिन्न राज्यों में किसानों को समान कीमतें नहीं मिल रही हैं।
उन्होंने मकई का हवाला देते हुए कहा कि बिहार के मुकाबले आंध्र प्रदेश में इसकी कीमत काफी कम है।
इसी तरह से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के वरिष्ठ नेता रामकृष्ण ने भी कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की।(आईएएनएस)
पटना, 8 दिसम्बर | किसानों के देशव्यापी 'भारत बंद' के मद्देनजर बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार सुबह इक्के-दुक्के वाहन ही नजर आए। राजद नेता तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन ने भारत बंद का समर्थन किया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे सड़कों पर उतरें और केद्र सरकार द्वारा लाए तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का समर्थन करें।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "किसान देश की रीढ़ हैं। वे हमें खिलाते हैं जबकि उनके बच्चे सीमाओं पर हमारे लिए लड़ते हैं। अगर किसानों का अपमान होता है तो यह देश के लिए वाकई शर्मनाक होगा। हम किसानों के साथ हैं।"
सोमवार से वह किसानों का समर्थन कर रहे और राज्यों के साथ-साथ केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
राज्य भर में, खासकर अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद, कैमूर, लखीसराय, जमुई और बेगूसराय आदि जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में किसानों का आंदोलन सफल होने की उम्मीद है।
इन जिलों में वाम दलों का वर्चस्व है, खासकर सीपीआई-एमएलएल का। इसके साथ-साथ उत्तर बिहार के जिले जैसे वैशाली, छपरा, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधेपुरा, समस्तीपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी, और सुपौल राजद के गढ़ हैं।
पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, और कटिहार आदि सीमांचल जिलों में भी बंद के सफल होने की उम्मीद है।
पटना में ज्यादातर लोगों ने घर के अंदर रहना पसंद किया, केवल जरूरी कामों के लिए बाहर निकल रहे हैं।
पटना के राजवंशी नगर के निवासी अंशुल चौधरी ने कहा, "अप्रिय घटनाओं की आशंका को देखते हुए, हमने दैनिक जरूरतों की वस्तुओं को पहले ही खरीद लिया है और घर के अंदर रहने का फैसला किया है।"
शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मीठापुर, गांधी मैदान, डाक बंगला चौक, वीर चंद पटेल पथ और बेली रोड पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।(आईएएनएस)
मुंबई, 8 दिसंबर | केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के 'भारत बंद' को लेकर महाराष्ट्र में मंगलवार सुबह मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली, विशेषकर शहरी केंद्रों में, साथ ही किसी भी हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कई राजीतिक दलों ने बंद का समर्थन किया है।
हालांकि, राज्य भर के सभी एपीएमसी मंडियां सुबह में सुनसान थी, दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के, विशेष रूप से शहरों और कस्बों में, प्रभावित होने की संभावना नहीं है क्योंकि खुदरा विक्रेता संगठन ने बंद से खुद को दूर रखा है।
मुंबई, नागपुर, पुणे, औरंगाबाद, नासिक, और कोल्हापुर जैसे प्रमुख शहरों में, सुबह ट्रैफिक सामान्य थी, हालांकि किसान संगठन 'स्वाभिमानी शेतकारी संगठन' ने बाद में सड़क और रेल यातयात अवरुद्ध करने की घोषणा की है।
हालांकि थोक बाजार बंद रहे, खुदरा सब्जी बाजार और स्थानीय विक्रेताओं को कई शहरों में देखा गया, इसके अलावा सार्वजनिक सेवा बस सेवा, टैक्सियां, ऑटो-रिक्शा, एग्रीगेटर कैब, कुछ भारी वाहन जो आवश्यक चीजें लेकर जा रहे हैं, इनका परिचालन सुचारु रूप से हो रहा है।
'भारत बंद' को सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी सहयोगी शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन विकास अघाड़ी, अधिकांश दलित दलों, सीपीआई, सीपीआई-एम और अन्य वामपंथी दलों, कई छात्र संगठनों और छात्रों का समर्थन है। प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों, ट्रेड यूनियनों की जॉइंट एक्शन कमिटी जिसमें राज्य के सभी बैंक यूनियनों के अलावा कई ट्रेड यूनियन शामिल हैं, इसके अलावा व्यापार और वाणिज्य क्षेत्रों में कई अन्य बड़े और छोटे समूह बंद का समर्थन कर रहे हैं।
हालांकि, राज्य की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं और अन्य सभी पार्टियों पर 'किसानों और लोगों को गुमराह करने' का आरोप लगाया है।
यह कहते हुए कि यह 'राजनीतिक बंद नहीं' है, शिवसेना ने सभी लोगों से देश भर के किसानों के समर्थन में स्वेच्छा से भाग लेने की अपील की है जो तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।(आईएएनएस)
लखनऊ , 8 दिसंबर | उत्तर प्रदेश के पूवार्ंचल के समग्र विकास को लेकर ये महीना मील का पत्थर साबित होगा। यहां के 28 जिलों में पढ़ाई तथा बेहतर इलाज के साथ कृषि एवं उद्योग धंधों को बढ़ावा देने का एक दीर्घकालीन रोडमैप देश एवं विदेश के विशेषज्ञों के विचार विमर्श से तैयार होगा। इस रोडमैप के आधार पर ही प्रदेश सरकार पूवार्ंचल के विकास की योजनायें तैयार करेगी। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार रोडमैप तैयार करने के लिए राज्य का नियोजन विभाग दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अकादमिक सहयोग से पूवार्ंचल का सतत विकास पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए एक नई पहल को लेकर तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार एवं संगोष्ठी का आयोजन 10 दिसंबर से कर रहा है।
इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। और समापन सत्र में केंद्रीय आयुष मंत्री स्वतन्त्र प्रभार श्रीपद यशो नाइक की विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूदगी होगी। इस राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी के संयोजक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आर्थिक सलाहकार डॉ. के.वी. राजू के अनुसार, पूवार्ंचल में शिक्षा, कृषि के क्षेत्र में दीर्घकालीन योजनाओं का रोडमैप तैयार करके समूचे पूर्वाचल में खुशहाली लाई जा सकती है।
पूवार्ंचल में आईटी कारोबार को बढ़ावा देने के लिए बारहवीं पास बच्चों को अंग्रेजी सीखने की व्यवस्था करनी होगी, ताकि वह कालसेंटर में तथा आईटी सेक्टर में काम कर सकें। इसी प्रकार पूवार्ंचल में हर वर्ष आने वाली बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोकने की जरूरत है। इन सबके लिए राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी में आये विद्वान अपना शोधपत्र रखेंगे। जिनके आधार पर सरकार पूवार्ंचल के समग्र विकास का रोड मैप बनायेगी।
पूवार्ंचल में खेती के क्षेत्र में क्या बदलाव किये जाएं। मछली पालन तथा पशुपालन कारोबार को लाभप्रद कैसे बनाया जाए। इस संबंध में भी शोधपत्र संगोष्ठी के दौरान विशेषज्ञ रखेंगे।
लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता व जनसंचार विभाग में एसोशिएट प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष मुकुल श्रीवास्तव कहते हैं, 'पूवार्ंचल में इंडस्ट्री नहीं है। यहां इंफ्रास्ट्रक्च र बेहतर नहीं है। सड़कों की हालत भी ठीक नहीं है। बिजली आपूर्ति में भी खामियां है। इसके अलावा शिक्षा का हाल भी बेहाल है। यहां पर दिखता है कि पढ़ाई हो रही है लोग पढ़ रहे हैं, पास हो रहे हैं लेकिन वास्तव में यह बिना गुणवत्ता की पढ़ाई है। जिसके चलते पूवार्ंचल के लोग पलायन को मजबूर हैं। ये तस्वीर तब ही बदलेगी जब पूवार्ंचल में शिक्षित लोग अपने जिले में ही रोजगार पा सकेंगे और यह तब होगा जबकि सरकार शिक्षा, कृषि, चिकित्सा, उद्योग और पर्यटन के क्षेत्र में ऐसी योजनाओं को बढ़ावा दे, जिनके लोगों की आर्थिक स्थिति में बदलाव हो।
उत्कर्ष सिन्हा कहते हैं कि पहली बार पूवार्ंचल के समग्र विकास को लेकर गोरखपुर में कोई राष्ट्रीय स्तर का आयोजन हो रहा है। वह कहते हैं कि पूवार्ंचल में पढ़ाई, खेती, सिंचाई, उद्योग, इलाज, पेयजल आदि की व्यवस्था कैसे विश्वस्तरीय बनाया जाए, इसे लेकर रोडमैप तैयार करने की पहल को समर्थन किया जाना चाहिए। प्रदेश सरकार का यह नया प्रयास है क्योंकि बीते तीस सालों से तो वह यही सुनते रहें हैं कि पूवार्ंचल उत्तर प्रदेश का सबसे पिछड़ा क्षेत्र है।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री खुद गोरखपुर से हैं। इसके पहले वह गोरखपुर से पांच बार सांसद भी रह चुके हैं। पूवार्ंचल के हर मुद्दे से वह बखूबी वाकिफ हैं। यही नहीं सड़क से लेकर संसद तक पुरजोर तरीके से वह इन मुद्दों को उठाते भी रहे हैं। मुख्यमंत्री के रूप में पूवार्ंचल के करोड़ों लोगों से उनसे बेशुमार उम्मीदें हैं।(आईएएनएस)
गुरमुख सिंह
वैंकूवर, 8 दिसंबर | पंजाब में पैदा हुए राज चौहान कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया सूबे की असेंबली में स्पीकर चुने गए हैं। वह इस पद को संभालने वाले पहले भारतीय हैं।
सन 1973 में लुधियाना के पास स्थित गांव गौहर से कनाडा चले गए। चौहान इससे पहले बतौर डिप्टी कलेक्टर काम कर चुके हैं। वह न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) से पांच बार विधायक बन चुके हैं, जिसने पिछले महीने हुए चुनाव में 87 सदस्यीय सदन में 57 सीटें जीतकर अपनी सत्ता बरकरार रखी।
सोमवार को शपथ लेने के बाद चौहान ने आईएएनएस को बताया, "यह बताना मुश्किल है कि इस सम्मान से मैं कितना अधिक रोमांचित महसूस कर रहा हूं। अभी इस एहसास का अनुभव करना बाकी है। यह पहली बार है जब भारतीय मूल के किसी व्यक्ति को देश के बाहर कहीं और स्पीकर चुना गया है। (शायद कैरिबियन को छोड़कर)। मैं विनम्र हूं।"
उन्होंने आगे बताया, "1973 में मैं जब कनाडा आया था उस वक्त मैंने बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन चुनाव लड़ूंगा क्योंकि हमारा समुदाय काफी छोटा था और उन दिनों वहां नस्लवाद काफी ज्यादा था। आज मैंने अपना यह सफर तय कर लिया है क्योंकि हमारे समुदाय के ही अग्रणी लोगों के द्वारा हमारा मार्ग प्रशस्त किया गया है।"
चौहान ने कहा, "मैंने अपना करियर हर इंसान के अधिकारों की वकालत करने और भेदभाव व असमानता को खत्म करने की दिशा में काम करते हुए बिताया है और यहां असेंबली को निष्पक्ष व न्यायपूर्ण तरीके से संचालित करके ब्रिटिश कोलंबिया के लोगों की सेवा करते रहने का मुझे इंतजार है।"(आईएएनएस)
गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली/उप्र), 8 दिसंबर| कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के भारत बंद का असर दिखने लगा है। मंगलवार सुबह 11 बजे गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने गाजियाबाद मेरठ एक्सप्रेस-वे पर धरना दिया, जिसके चलते हाई-वे पर चल रही गाड़ियों को वापस लौटना पड़ा। हालांकि इस दौरान एम्बुलेंस को किसानों ने जगह देकर उन्हें उनके गंतव्य स्थान तक जाने दिया। मंगलवार सुबह से ही देश के अलग-अलग इलाकों में कई संगठन सड़कों पर उतरे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठनों ने सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम की बात कही है।
किसान नेता बी.एम. सिंह भी गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं, वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी बॉर्डर पर मौजूद हैं। बी.एम. सिंह ने आईएएनएस से कहा कि, किसान मेरा हौसला बढ़ा रहा है, सरकार को कहना चाहूंगा कि ये उत्तप्रदेश के किसानों का सिर्फ एक ट्रेलर है।
सरकार को उत्तरप्रदेश के किसानों से भी बात करनी होगी, हमें एमएसपी की गारंटी चाहिए। उत्तरप्रदेश के किसानों का ये प्रदर्शन चलता रहेगा।
गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से आए किसान मौजूद हैं जो कि कृषि कानून के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
किसानों के भारत बंद को देखते हुए बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है जो कि हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। करीब 400 की संख्या में बॉर्डर पर पुलिस बल तैनात है। साथ ही पुलिस ड्रोन से किसानों पर निगरानी बनाए हुए हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसंबर| तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे आंदोलनकारी किसानों का समर्थन कर रहे पंजाब के कई कांग्रेस सांसदों ने मंगलवार को दूसरे दिन भी जंतर-मंतर पर अपना धरना जारी रखा। 26 नवंबर से दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-यूपी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में ये सांसद सोमवार सुबह से ही धरने पर बैठे हैं। रवनीत सिंह बिट्टू, कुलबीर सिंह जीरा, जसबीर सिंह गिल और गुरजीत सिंह औजला मंगलवार को मध्य दिल्ली में विरोध स्थल पर मौजूद थे।
औजला ने ट्वीट कर कहा, "हम कल सुबह से यहां बैठे हैं। किसानों को सपोर्ट करना हमारी जिम्मेदारी है .. हमने देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रधान मंत्री के सभी निर्देशों का पालन किया है लेकिन अब जबकि किसान सड़कों पर बैठे हैं, इसलिए कृपया 'भारत बंद' के आह्वान पर किसानों को एक दिन के लिए अपना समर्थन जरूर दें।"
उन्होंने आगे लिखा, "खडूर साहिब के सांसद जसबीर सिंह गिल और लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने जंतर-मंतर पर सुबह की चाय पर प्रेस वार्ता की।"
सांसद संसद के 'शीतकालीन सत्र' की भी मांग कर रहे हैं। इसे लेकर उन्होंने दावा किया कि सरकार इसे लेकर जानबूझ कर देरी कर रही है। अमृतसर से कांग्रेस सांसद औजला ने कहा कि जब किसान दिल्ली पहुंचे, तो उन्हें दिल्ली-हरियाणा सीमा पर रोक दिया गया। उन्हें रामलीला मैदान या जंतर मंतर जाने की अनुमति नहीं दी गई लिहाजा उन्हें इस तरह दिल्ली की सीमाओं पर अपना विरोध जारी रखना पड़ा।
पंजाब के विभिन्न राजनीतिक दलों के कई नेता दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए यहां आ रहे हैं। कई राजनीतिक दलों ने किसानों को अपना समर्थन दिया है।
किसानों ने कानूनों के विरोध में मंगलवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 8 दिसंबर| विभिन्न किसान संगठनों के कार्यकतार्ओं ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा में नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि ये कानून उनकी आजीविका को खत्म कर देंगे। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए दोनों राज्यों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि खबर लिखे जाने तक हिंसा की कोई सूचना नहीं थी। यहां तक कि दोनों राज्यों के अधिकांश प्रमुख शहरों के दुकानदारों और पेट्रोल पंप मालिकों ने किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपने प्रतिष्ठान बंद रखे हैं।
खबरों के मुताबिक कुछ प्रदर्शनकारियों ने अमृतसर जिले में वाहनों की आवाजाही रोकने की कोशिश की। इसके अलावा पंजाब में लाखों सरकारी कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से अवकाश पर जाने का फैसला किया है, वहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने अपने सभी संस्थानों को पूरे दिन के लिए बंद रखा।
किसान संघों ने रेल यातायात को अवरुद्ध करने के अलावा राज्य में 60 जगहों पर धरना देने की घोषणा की। कुछ राजमार्गों और सड़कों को भी बंद कर दिया गया था। चंडीगढ़ और उसके आसपास का यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।
पड़ोसी राज्य हरियाणा के हिसार, रोहतक, सोनीपत और अन्य शहरों में भी विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार ने मंगलवार के विरोध को देखते हुए एहतियात के तौर पर राज्य भर में सुरक्षा बंदोबस्त चुस्त रखने का आदेश दिया है। (आईएएनएस)
गाजीपुर बॉर्डर, 8 दिसम्बर | केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं। वहीं, किसानों ने आज 'भारत बंद' बुलाया है। भारत बंद पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगा। जिसको लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा-व्यवस्था बनी रहे इसके लिए पूरी तैयारी हो चुकी है।
गाजीपुर बॉर्डर पर फिलहाल बम निरोधक दस्ते को भी बुलाया गया है, वहीं बॉर्डर पर लगी गाड़ियों को चेक किया जा रहा है और संदिग्धों से पूछताछ हो रही है। साथ ही बॉर्डर पर करीब 500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि हर स्थिति से निपटा जा सके।
किसान नेताओ ने साफ कर दिया है कि भारत बंद शांतिपूर्ण होगा और पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम रहेगा। इस दौरान आपातकालीन सेवाओं की अनुमति होगी।
इस भारत बंद में शामिल होने के लिए किसी के साथ जोर-जबरदस्ती नहीं की जाएगी। साथ ही राजनीतिक दलों के समर्थन का किसानों ने स्वागत किया है। लेकिन ये भी साफ कर दिया है कि अपनी पार्टी के झंडों को घर छोड़ कर आए।
-- आईएएनएस
नई दिल्ली, 8 दिसम्बर | कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मंगलवार को उनके द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान गाजीपुर के पास दिल्ली-मेरठ हाइवे को अभी भी ब्लॉक कर रखा है। पिछले दस दिनों से दिल्ली-उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए आंदोलनकारी किसानों ने मंगलवार सुबह को एक बार फिर से राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है, जो गाजीपुर के रास्ते दिल्ली को मेरठ संग जोड़ती है। हालांकि, किसानों ने बताया है कि एम्बुलेंस या शादी की बारात जैसे आपातकालीन वाहनों को गुजरने की अनुमति दी जाएगी।
देशव्यापी विरोध के बीच उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों के किसान यहां गाजियाबाद सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों ने पिछले चार दिनों से गाजीपुर के पास एनएच-24 को जाम कर रखा है।
भारत बंद के मद्देनजर चंडीगढ़ का सफर करने वाले कई यात्रियों को हाइवे पर वाहनों के इंतजार में देखा गया। हालांकि यहां सुबह के वक्त ई-रिक्शा को चलते हुए देखा गया। इसी तरह से कई दुकानें भी बंद रहीं। गाजीपुर सब्जी मंडी में भी बहुत कम भीड़ दिखाई दी, जहां आमतौर पर भीड़ रहती है।
केंद्र सरकार द्वारा तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार दोनों पक्षों के बीच पांचवे दौर की बैठक भी बेनतीजा खत्म हो गई। सिर्फ इतनी सहमति बनी कि 9 दिसंबर को फिर से बैठक होगी।
--आईएएनएस
लखनऊ, 8 दिसम्बर | उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
लखनऊ पुलिस ने सोमवार देर रात, अखिलेश यादव और पार्टी के 28 अन्य नेताओं के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ में एक प्रदर्शन का नेतृत्व किया था, जब पुलिस ने उन्हें कन्नौज की ओर बढ़ने से रोक दिया था, जहां वे किसान यात्रा की अगुवाई करने वाले थे।
इको गार्डन में अखिलेश को करीब पांच घंटे तक हिरासत में रखा गया।
अखिलेश के हिरासत की खबर फैलते ही विभिन्न जिलों में समाजवादी कार्यकर्ताओं ने पुलिस क साथ झड़प की।
--आईएएनएस
मुंबई, 8 दिसंबर | महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि ग्लोबल टीचर प्राइज लॉरिएट रंजीतसिंह दिसाले की मदद से राज्य के छात्रों के लिए एक शीर्ष शैक्षणिक ढांचा तैयार किया जाएगा। ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव पहल या प्रयोगों के साथ शिक्षाविदों को एक साथ लाएगी।
उन्होंने कहा, "हम ऐसे सभी शिक्षकों की मदद से एक रोडमैप तैयार करेंगे, जो छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगा, विशेषकर सरकारी और नगरपालिका स्कूलों में।"
दिसाले की वैश्विक उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए, सीएम ने कहा कि यह उनके 'शिक्षा के क्षेत्र में जुनून' को दर्शाता है और शिक्षा विभागों से आग्रह किया है कि वे इस तरह के तकनीकी-समझ रखने वाले और नए-नए दिमाग वाले शिक्षकों के साथ और अधिक निकटता से काम करें, क्योंकि इस समय विशेष रूप से आभासी कक्षाओं के दौरान काम किया जा रहा है।
--आईएएनएस
श्रीनगर, 8 दिसंबर | जम्मू एवं कश्मीर के मौसम विज्ञान केंद्र ने पहाड़ी इलाकों और लद्दाख में भारी बर्फबारी का पूवार्नुमान लगाते हुए सोमवार शाम को 'नारंगी' चेतावनी जारी की, जिससे राजमार्गो पर यातायात बाधित हो सकता है। कश्मीर के कुछ स्थानों और जोजिला क्षेत्र से अलग-अलग भारी बर्फबारी के साथ हल्की से मध्यम बर्फबारी की सूचना दी गई है।
दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में अगले 24-36 घंटों के दौरान मौसम खराब होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान जम्मू के मैदानी इलाकों में व्यापक हिमपात या बारिश की संभावना सबसे अधिक है।
--आईएएनएस
अगरतला, 8 दिसंबर | भारत-बांग्लादेश सीमाओं के साथ सीमा पर बाड़ लगाने के काम में शामिल एक पर्यवेक्षक सहित तीन श्रमिकों को सोमवार को त्रिपुरा के आदिवासी गुरिल्लाओं ने अगवा कर लिया। उत्तरी त्रिपुरा में उग्रवादियों द्वारा एक छोटे व्यापारी का अपहरण किए जाने के 11 दिनों बाद यह अपहरणकांड हुआ है।
पुलिस ने कहा कि सोमवार को संदिग्ध नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के अपराधियों ने पूर्वी त्रिपुरा के धलाई जिले के गंगानगर से तीन श्रमिकों का अपहरण कर लिया।
एनएलएफटी चरमपंथियों ने पर्यवेक्षक सुभाष भौमिक, जेसीबी चालक सुबल देबनाथ और कार्यकर्ता गणपति त्रिपुरा को बंदूक की नोक पर अपहरण कर लिया, जब वे काम पर थे।
पुलिस को संदेह है कि एनएलएफटी उग्रवादियों ने बंदियों को बांग्लादेश के इलाके में ले जाया गया है।
धालई जिले के पुलिस प्रमुख किशोर देबबर्मा के नेतृत्व में सुरक्षा बलों के विशाल दल ने सीमावर्ती क्षेत्र में मानव-गुरिल्लों को पकड़ने और तीन लोगों को बचाने के लिए तलाशी अभियान चलाया।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 8 दिसंबर | बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) ने सोमवार को विभिन्न किसानों की यूनियनों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान को समर्थन देने का फैसला किया है। बीसीडी की एक्शन कमेटी के मुख्य सह-संयोजक राजीव खोसला ने एक बयान में कहा, "बार एसोसिएशनों के नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया और उन्हें बताया कि यदि किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो कानूनी बिरादरी अखिल भारतीय स्तर पर आंदोलन को तेज करेगी।
इस बीच, दिल्ली की बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति ने 8 दिसंबर को सभी अदालती परिसरों में खेत कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
बीसीडी ने कहा कि कानूनी बिरादरी किसानों की मांग का पूरी तरह से समर्थन करती है और सरकार से किसान समुदाय की वास्तविक मांगों पर विचार करने का आग्रह करती है।
खोसला ने कहा, "कानूनी बिरादरी चकित है कि कैसे सरकार किसानों के साथ चर्चा किए बिना बार के प्रतिनिधियों के साथ खेत कानूनों को लागू करने के लिए आगे बढ़ी।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि कानूनी बिरादरी ने कानूनों की जांच करने के बाद उन्हें अनुचित, मनमाना और अन्यायपूर्ण पाया है।
--आईएएनएस
बेंगलुरु, 8 दिसंबर | स्थानीय पुलिस ने सोमवार को एक कैब ड्राइवर को गिरफ्तार कर उससे या बा और एक्सटैसी (एमडीएमए) गोलियां व हेरोइन बरामद की। ये नशीले पदार्थ एक टैडी बियर खिलौने में भरकर रखे गए थे। पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान 34 वर्षीय शाकिर हुसैन चौधरी के रूप में हुई है, जो असम के मोनाचेर्रा गांव का निवासी है।
पुलिस ने कहा कि आरोपी पिछले पांच साल से बेंगलुरु में रह रहा है और वह खुद भी या बा टैबलेट का आदी है।
पुलिस ने कहा कि या बा एक थाई नाम है जिसका शाब्दिक अर्थ 'पागल दवा' है और इसे या मा के नाम से भी जाना जाता है, जिसका थाई में अर्थ 'घोड़ा' होता है। इन गोलियों में मेथामफेटामाइन होता है।
पुलिस ने कहा कि इस दवा का अवैध इस्तेमाल बड़े पैमाने पर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे थाईलैंड और म्यांमार में देखा गया है, लेकिन अब यह बांग्लादेश में भी आसानी से उपलब्ध है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 8 दिसंबर | किसानों के आंदोलन को दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने समर्थन देने का ऐलान किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अलावा भी कई अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों ने किसानों ने समर्थन दिया है। फेडरेशन ऑफ सेंट्रल यूनिवर्सिटीज टीचर्स एसोसिएशन ने समर्थन की घोषणा की है। केंद्रीय विश्वविद्यालय के अध्यापक किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का भी समर्थन कर रहे हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) के अध्यक्ष राजीव रे ने इस समर्थन की जानकारी देते हुए कहा, "टीचर्स, किसानों के आंदोलन और उनकी मांगों से सहमत हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक, किसानों द्वारा 8 दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद का भी समर्थन कर रहे हैं।"
दिल्ली विश्वविद्यालय के एक अन्य शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने भी किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। डीटीए में शामिल टीचर्स और प्रोफेसर्स ने आंदोलनरत किसानों की मांगों को जायज ठहराया। डीटीए का मानना है कि किसानों की समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार को बिना शर्त बात करनी चाहिए।
डीटीए का कहना है, "हम आंदोलनकारी किसानों की मांग के समर्थन में उनके साथ खड़े हैं। संगठन के पदाधिकारियों ने इस विषय पर अपनी एक अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया है।"
एसोसिएशन के प्रोफेसर हंसराज सुमन, डॉ. नरेंद्र कुमार पांडेय, डॉ. आशा रानी, डॉ. मनोज कुमार सिंह व डॉ. राजेश राव आदि ने बैठक में किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए हर संभव सहयोग देने को कहा है।
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, "पिछले छह दिन से चल रहा किसानों का आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, लेकिन सरकार उनके साथ कठोर बर्ताव कर रही है। सरकार उनके आंदोलन को कुचलने, दबाने, उन्हें खदेड़ने के लिए उन पर आंसूगैस के गोले और ठंड में वाटर कैनन से पानी की बौछार कर उन्हें आंदोलन से हटाने की कोशिश रही है। मुद्दे हल करने के बजाय तारीख पर तारीख दे रही है।"
गौरतलब है कि कई किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की अनुमति न मिलने पर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसानों के इस प्रदर्शन और भारत बंद के साथ अब दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कई अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक भी जुड़ गए हैं।
--आईएएनएस