रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अगस्त। कांग्रेस सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के पारम्परिक तीज-त्यौहारों पर पूर्व में घोषित अवकाश के लिये प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा स्वागत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस वर्ष भी 8 अगस्त को छत्तीसगढ़ की पारम्परिक त्यौहार हरेली को स्थानीय गौठानों में कृषि उपकरण एवं गौ-माता की पूजा करते हुए उत्साह एवं हर्सोल्लास के साथ मनाये जाने का निर्णय लिया है। हरेली-तिहार के अवसर पर सुविधानुसार स्थानीय निवासियों के साथ पारम्परिक गेंढी दौड़, नारियल फेक, फुगड़ी, कब्बड़ी, खो-खो, कुर्सी दौड़, सहित विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
8 को अपने-अपने जिला, ब्लाक कांग्रेस कमेटियों के अंतर्गत स्थित गौठानों में भव्य एवं हर्षोउल्लास के साथ पारम्परिक रूप से हरेली-तिहार का आयोजन करते हुये कार्यक्रम में जिला, ब्लाक कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों, मोर्चा, संगठन, प्रकोष्ठ, विभाग के पदाधिकारियों, वरिष्ठ कांग्रेसजनों, कार्यकर्ताओं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों सहित आमजनता की सहभागिता सुनिश्चित कर हरेली-तिहार कार्यक्रम को सफल बनायेंगे।
हरेली त्योहार के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कांग्रेसजनों को निर्देशित किया है कि वे सभी अपने गांव और आसपास के गांव के गौठानों में जाकर हरेली त्यौहार के अवसर के कार्यक्रमों में सम्मिलित हो। इस आशय के निर्देश प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के द्वारा सभी जिला कांग्रेस इकाईयों और ब्लाक कांग्रेस इकाईयों का जारी कर दिए गए है। हर साल की तरह कांग्रेसजन भी इस बार हरेली त्योहार में बढ़ चढक़र भाग लेंगे।
हरेली छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार है। इस अवसर पर नागर खेती के औजारों को धोया जाता है उनकी पूजा की जाती है, गाय, गरूवा की पूजा होती है और ग्रामीण परिवेश में हरेली त्यौहार का बहुत ज्यादा महत्व है। हरेली त्यौहार छत्तीसगढ़ वे धार्मिक महत्व के साथ-साथ सांस्कृति महत्व भी रखता है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था कृषि पर अधारित है इसलिये किसानों के लिये, मजदूरों के लिए मवेशी पालने वाले के लिए हरेली के त्यौहार का बहुत ज्यादा महत्व है।