रायपुर
![अनुकंपा नियुक्ति में तृतीय श्रेणी पदों पर सीमा बंधन तत्काल हटाया जाए अनुकंपा नियुक्ति में तृतीय श्रेणी पदों पर सीमा बंधन तत्काल हटाया जाए](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1722001970GLOGO.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 जुलाई। छत्तीसगढ़ राज्य में कार्यरत शासकीय सेवक के आकस्मिक निधन होने पर उसके आश्रित परिवार के सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान प्रावधानित किया गया था। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद योग्य पढ़े लिखे स्नातक, स्नातकोत्तर, कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे आवेदकों को 10त्न सीमा बंधन के कारण तृतीय श्रेणी में अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल रही है। यह सीमा बंधन तत्काल हटना चाहिए। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा है कि राज्य बनने के बाद दोनों सरकारें 10त्न सीमा बंधन तृतीय श्रेणी में नियुक्ति के लिए प्रावधान किया है। जबकि चतुर्थ श्रेणी में ऐसा कोई सीमा बंधन नहीं है। दिवंगत शासकीय सेवक का स्वयं का पद एवं विभाग में अनेक तृतीय श्रेणी के पद रिक्त होने के बाद भी व अन्य अधिकतम योग्यता वालों को चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति के लिए सहमति मांगा जाता है, जो दिवंगत परिवार तथा उसके योग्यता का अपमान है। भाजपा सरकार विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस सरकार के 10त्न सीमा बंधन का विरोध करती थी। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज 24 जुलाई को जारी आदेश से कोई लाभ दिवंगत शासकीय सेवक के आश्रित पारिवारिक सदस्य को नहीं मिलेगा।
जिस विभाग में शासकीय सेवक कार्य करता है यदि उसी विभाग में तृतीय श्रेणी के अनेक पद रिक्त हैं, तो उसकी नियुक्ति होने से एक सद्भाविक सद्भावना पारिवारिक वातावरण बना रहता है। विशेष कर दिवंगत शासकीय सेवक की विधवा पत्नी के लिए आवश्यक होता है। श्री झा ने कहा है कि शिक्षक पंचायत कल्याण संघ के महिलाओं ने 1 वर्ष तक बूढ़ा तालाब में धरना दिया। इस अनुकंपा नियुक्ति आदेश से उनको भी कोई लाभ नहीं मिलेगा। राज्य सरकार अनुकंपा नियुक्ति वास्तव में देने की इच्छा शक्ति रखती है तो सीमा बंधन को तत्काल वापस लिया जाए। अन्यथा केवल यह आदेश औपचारिकता को पूर्ण करने वाला आदेश तथा पूर्ववर्ती सरकार का कॉपी पेस्ट आदेश कहलाएगा।