रायपुर
पारंपरिक वस्त्रों और ग्रामोद्योग उत्पादों ने लुभाया
रायपुर,17 अगस्त। पंडरी हाट बाजार में 7 अगस्त राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस के अवसर पर हाथकरघा वस्त्रों एवं हस्तशिल्प कला की नौ दिवसीय प्रदर्शनी आयोजन किया गया था। मनमोहक छत्तीसगढ़ी पारंपरिक हाथकरघा वस्त्र और हस्तशिल्प कला का संगम, यह लोगों को लुभाने में कामयाब रहा। विविध शिल्प प्रदर्शन-सह-विक्रय के लिए छूट के साथ-साथ रियायती दर पर मिले। सजावटी समान के साथ रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं एवं वस्त्रों को बेहतर प्रतिसाद मिला। महिलाओं ने प्रदर्शनी में रोजाना बड़ी संख्या में पहुंचकर पसंद के पारंपरिक परिधान और वस्त्रों की जोर-शोर से खरीदी की।
ढोकरा हस्तशिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, गोदना शिल्प, शीसल शिल्प, टेराकोटा शिल्प, भित्ती चित्र, पत्थर शिल्प, कौंड़ी शिल्प, तूम्बा शिल्प और हाथकरघा वस्त्रों में कोसा सिल्क, टसर सिल्क, कॉटन के ड्रेस मटेरियल, साडिय़ां, टुपट्टे, चादर, बेडशीट तथा खादी वस्त्रों और ग्रामोद्योग द्वारा निर्मित सामग्रियां ने लोगों को आकर्षित किया। त्योहारों के मौसम में यह लोगों के लिए सौगात बनी।
ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने इस नौ दिवसीय हाथकरघा वस्त्रों एवं हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी का शुभारंभ किया था। नोडल अधिकारी एचबी अंसारी ने बताया कि हाथकरघा वस्त्र, हस्तशिल्प, खादी बोर्ड और माटीकला बोर्ड के उत्पादों की बिक्री हुई है। किफायती दरों में मिलने वाले पारंपरिक वस्त्र और सजावटी सामग्रियों की जमकर खरीदी हुई। इस प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य के शिल्प कलाकारों द्वारा निर्मित ग्रामोद्योग सामग्रियों के प्रदर्शन-सह विक्रय के लिए स्टॉल लगाए गए थे।