रायपुर

राज्य के प्रथम भिक्षुक पुनर्वास केंद्र का मोवा आश्रय स्थल में किया गया शुभारंभ
02-Sep-2021 7:21 PM
राज्य के प्रथम भिक्षुक पुनर्वास केंद्र का मोवा आश्रय स्थल में किया गया शुभारंभ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 2 सितंबर। जिला प्रशासन एंव समाज कल्याण विभाग ने शहर को भिक्षुक मुक्त करने अभिनव पहल की शुरुआत की है। आज  छत्तीसगढ़ राज्य का पहला भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र का संचालन मोवा स्थित आश्रय स्थल में प्रारंभ किया गया ।

वर्तमान समय में रायपुर शहर के चौक -चौराहों मे छत्तीसगढ़ राज्य के एवं बाहर के व्याक्तियों द्वारा भी भिक्षावृत्ति में कई बार संलिप्ता देखी गई है। कई बार यह बात भी परिलक्षित होती है कि भिक्षावृत्ति एक व्यवसाय के रूप में चल रहा है। जिसके चलते इनके अपराध में लिप्त होने से इनकार नहीं किया जाता है।

 भिक्षावृत्ति की आड में बहुत सारे असामजिक तत्वों के द्वारा अपराधिक कार्य को अंजाम दिए जाते है जिससे निजात पाना पुलिस एंव प्रशासन के लिए एक चुनौती होती है। इस कारण शासन -प्रशासन के समक्ष भिक्षावृत्ति मे लिप्त व्यक्तियों के बेहतर पुनर्वास की आवश्यकता हमेशा बनी रहती हैं।

इन्ही सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए शहर में भिक्षावृत्ति मे लिप्त व्यक्तियों के बेहतर पुनर्वास एंव उन्हे समाज एवं विकास की मुख्यधारा में जोडने के उद्देश्य से जिला प्रशासन, समाज कल्याण विभाग एवं संगी मितान सेवा संस्था के द्वारा इस अभिनव पहल की शुरूवात की गई है।

समाज कल्याण विभाग रायपुर के संयुक्त संचालक भूपेंद्र पांडे ने बताया कि  प्रशासन का उद्देश्य शहर को भिक्षावृत्ति जैसे बराईयों से मुक्त करने के साथ  ही वृद्ध, असशक्त, विधवा एवं परित्यक्त लोगों को आश्रय स्थल भी प्रदान करना है।

राज्य का प्रथम भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र के संचालन करने से पूर्व शहर में भिक्षावृत्ति मे लिप्त व्यक्तियों के चिन्हांकन का कार्य समाज कल्याण विभाग से कराया जा कर एक विस्तृत कार्य योजना तैयार किया गया। कार्य योजना पर जिला प्रशासन अनुमोदन के उपरांत पुलिस विभाग के सहयोग से पूरी योजना को अमली जामा पहनाया गया।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस योजना को जमीनी स्तर पर सफल बनाने हेतु  जिला प्रशासन समाज कल्याण विभाग, पुलिस विभाग, नगर निगम रायपुर, संगी मितान सेवा संस्थान एंव गैर सरकारी संगठन आपस में मिलकर कार्य में जुटे है। उन्होंने बताया कि भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र मोवा रायपुर की शुरूवात उपरोक्त सभी पक्षो को आत्मसात करते हुए की गई है।

शुरूवात के प्रथम दिवस मे पुलिस प्रशासन के सहयोग से 21 भिक्षावृत्ति में लिप्त व्याक्तियों जिसमे 12 पुरूष एंव 9 महिलाऐ है को भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र मोवा मे दाखिल कराया गया। अब इसके पश्चात भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र में दाखिल व्यक्तियों को जिला स्तर पर गठित रैफरल यूनिट के समक्ष पेश किया जावेगा जिसके द्वारा उनके बेहतर पुनर्वास हेतु विभिन्न विभागों के सहयोग से निर्णय लिया जावेगा।

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