रायपुर
![डायन के सन्देह में 3 हत्याएं शर्मनाक, कोई नारी डायन नहीं-दिनेश मिश्र डायन के सन्देह में 3 हत्याएं शर्मनाक, कोई नारी डायन नहीं-दिनेश मिश्र](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1633016542creenshot_20210930-181856__01.jpg)
झारखंड के गुमला का मामला
रायपुर, 30 सितंबर। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने कहा झारखंड के गुमला जिले के सदर थाना क्षेत्र के लूटो गांव में शनिवार की रात एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या डायन के सन्देह में कर दी गई, जो अत्यंत निंदनीय है, दोषियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए.
डॉ मिश्र ने बताया उन्हें जानकारी मिली है कि बंधन उरांव (60), उसकी पत्नी सोमवारी देवी (55) व बहू बासमुनी देवी (35) की हत्या डायन बिसाही का आरोप में लोहे के पाइप से मारकर मार मार कर दी गयी.
डॉ मिश्र ने बताया उन्हें ज्ञात हुआ कि उस परिवार के पड़ोसियों ने अपने खेत में फसल लगाई थी। जो मौसम की खराबी और संक्रमण से बर्बाद हो गयी लेकिन उस फसल को बर्बाद करने व जादू टोना कर उसे बीमार बनाने का आरोप लगा कर सोमवारी देवी पर लगाते हुए विपल उरांव ने पहले शनिवार की शाम उक्त दम्पति से झगड़ा किया, फिर उसकी हत्या रात में कर दी। पत्नी को बचाने के लिए जब बंधन उरांव ने प्रयास किया तो उसकी भी हत्या कर दी गई। शोरगुल की आवाज सुनकर बहू बासमुनी देवी दूसरे कमरे से दौड़ कर आई, तो हत्यारे ने उसे भी नहीं छोड़ा और उसे भी लोहे के पाइप से मारकर आंगन में ही मौत के घाट उतार दिया.
डॉ मिश्र ने कहा हर व्यक्ति की समस्या और उसके कारण अलग-अलग होते हैं जिनका समाधान तर्कसंगत उपाय से किया जा सकता है. जादू टोने जैसी मान्यताओं का कोई अस्तित्व ही नहीं है, इस लिए तथाकथित जादू टोने से ना ही कोई व्यक्ति किसी को भी मार कर सकता है, न ही किसी को परेशानी में डाल सकता हैं और न ही किसी व्यक्ति का किसी प्रकार से फसल आदि का कोई नुकसान कर सकता है, जादू टोने, टोनही, डायन की मान्यता सिर्फ अंधविश्वास है. जिसका का कोई अस्तित्व नहीं है, और इस प्रकार के शक या सन्देह में किसी भी महिला को प्रताड़ित करना उसके साथ मारपीट करना उसको जान से मारना अनुचित, क्रूर और अपराधिक है. ग्रामीणों को इस प्रकार के अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए.
डॉ मिश्र ने प्रशासन मांग की है कि इस मामले में तुरंत कार्यवाही की जाए तथा आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की अनुचित हरकत करने की चेष्टा ना कर सके.