रायपुर
![राज्यपाल ने कनक तिवारी की पुस्तक का किया विमोचन राज्यपाल ने कनक तिवारी की पुस्तक का किया विमोचन](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1635770160anak-tiwari.gif)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 नवम्बर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने राजभवन में कनक तिवारी, पूर्व महाधिवक्ता की पुस्तक ‘आदिवासी उपेक्षा की अंतर्कथा ब्रिटिश हुकुमत से 21वीं सदी तक’ का विमोचन किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा किकनक तिवारी गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित होने के साथ ही प्रखर वक्ता भी हैं। उनकी कानून की समझ के सभी कायल हैं। उनकी इस पुस्तक में आदिवासियों की वर्तमान और पिछले दशकों की स्थिति के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं आदिवासियों के हितों के लिए हमेशा आवाज उठाती रही हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी आदिवासियों के हितों के लिए पेसा अधिनियम लागू करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
अपने अधिकारों के लिए आदिवासियों को स्वयं भी जागरूक और संगठित होना होगा।
तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि आदिवासियों का जंगलों पर जो अधिकार है, उसे वह मिलना चाहिए। आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए पांचवीं अनुसूची को संविधान में शामिल किया गया। साथ ही वर्ष 1996 में पेसा अधिनियम लाया गया। उन्होंने कहा कि आदिवासी दर्शन सामूहिकता पर आधारित है। उनका मानना है कि जंगल सबके लिए है। श्री कनक तिवारी का कहना है कि वन और पहाडिय़ां, जनजातीय समाज के मुख्य स्रोत हैं।