रायपुर
![मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, गरीबों से रही नाता जोड़, दूर हो रही अस्पतालों की दौड़ मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, गरीबों से रही नाता जोड़, दूर हो रही अस्पतालों की दौड़](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1636462432628508567G_LOGO-001.jpg)
रायपुर, 9 नवम्बर। बेहतर स्वास्थ्य एवं बीमारी में समुचित इलाज का सपना प्रदेश के हर नागरिकों का था। स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भी कल्पना थी कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा के साथ हर छोटी बड़ी बीमारियों का इलाज समय पर और सहजता से हो।
इलाज के लिए किसी भी व्यक्ति या परिवार को पैसे के लिए न जूझना पड़े। उन्होंने अपनी दूरदर्शी सोच और सूझबूझ से स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में रणनीति बनाना शुरू किया और ऐसी योजना का ताना-बाना बुना कि झुग्गी इलाकों में रहने वाले गरीब और जरूरतमंद सहित आमनागरिकों को बीमार होने पर अस्पताल की दौड़ लगाने की बजाय उनके ही घरों के आसपास मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना का लाभ मिलने लगा है।
एक साल पहले लागू हुई यह स्वास्थ्य योजना न सिर्फ जन आकांक्षाओं पर खरा उतर रही है, बल्कि हर जरूरतमंदों का समय पर उपचार कर उनका विश्वास भी जीत रही है।
स्लम इलाकों में मोबाइल मेडिकल यूनिट की बढ़ती आमद और कैम्प से एक साल के भीतर 11 लाख से अधिक लोगों ने अपना उपचार कराया है।
प्रदेश में 1 नवंबर 2020 को प्रदेश के 14 नगर निगमों में लागू हुई मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना का लाभ लगातार जरूरतमंद और गरीब परिवारों को मिल रहा है। स्लम बस्तियों में एमएमयू की बढ़ती आमद और समय पर लगने वाले कैम्प ने यहां रहने वाले गरीब और जरूरतमंद परिवारों को न सिर्फ बीमार होने पर स्वस्थ बनाने का काम किया है, अपितु शरीर को स्वच्छ रखने और बीमार होने पर तुरंत इलाज कराने के लिए भी प्रेरित करने का काम भी किया है। मंहगाई के इस दौर में आर्थिक बोझ तले दबे गरीब और बीमार व्यक्ति इलाज के लिए पैसा नहीं होने या फिर अस्पताल दूर होने की बात सोचकर अस्पताल नहीं जाने से कतराते थे, वे अब छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण और सहज उपलब्ध योजना का लाभ ले रहे हैं। स्लम बस्तियों को उन्हें अपनी गली मुहल्ले में ही डॉक्टरों की टीम के साथ मोबाइल मेडिकल यूनिट के रूप में अस्पताल मिल गया है, जहां लैब टेस्ट के साथ दवाइयां और उपचार नि:शुल्क है।