रायपुर

सहकारी कर्मचारी हड़ताल पर रमन सिंह-विष्णुदेव साय ने किया समर्थन
09-Nov-2021 6:24 PM
 सहकारी कर्मचारी हड़ताल पर रमन सिंह-विष्णुदेव साय ने किया समर्थन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 9 नवंबर। धान खरीदी से पहले सहकारी समितियों के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने बूढ़ातालाब धरना स्थल पर धरना दिया। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह,  और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने वहां पहुंचकर कर्मचारियों का समर्थन भी किया।

श्री साय ने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने सहकारी कर्मचारियों की मांग पूरा करने का आग्रह किया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में धान खरीदी करने वाली 2058 सहकारी समितियों में सोमवार 8 नवंबर से सहकारी समिति कर्मचारी संघ का अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू हुआ है। संघ समितियों से कमीशन काटे जाने का विरोध कर रहा है। भाजपा सहकारी समिति कर्मचारी संघ के 15 हजार कर्मचारियों के इस आंदोलन का समर्थन करती है और उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उनकी समस्याओं का समाधान चाहती है। इसी विषय पर आपका ध्यान आकर्षित करने यह आपको लिख रहा हूं।

एक ओर प्रदेशभर में आगामी 01 दिसंबर से सरकारी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम शुरू होना है और दूसरी तरफ लगभग 22 दिन पहले ही सहकारी समितियों में यह हड़ताल होने के कारण धान खरीदी का काम प्रभावित होगा और इसका पूरा खामियाजा प्रदेश के अन्नदाता किसानों को उठाना पड़ेगा। आपको अवगत ही है कि इससे पहले भी आपकी प्रदेश सरकार ने इन कर्मचारियों को इनकी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था और वह हड़ताल खत्म हुई थी, लेकिन यह अफसोस की बात है कि प्रदेश सरकार ने उनकी मांगों और समस्याओं के समाधान की दिशा में सार्थक पहल अब तक नहीं की और अब धान खरीदी के ऐन पहले संघ को फिर आंदोलन करके प्रदेश सरकार तक अपनी बात पहुंचानी पड़ रही है। आपकी सरकार को इस बात पर कतई क्षोभ नहीं होना भी हैरतभरा है कि इन कर्मचारियों को पिछले 07 से 15 माह तक से वेतन का भुगतान तक नहीं हुआ है। यह स्थिति घोर संवेदनहीनता की परिचायक है।

इसी तरह सहकारी समिति कर्मचारी संघ की हड़ताल से समर्थन मूल्य पर धान बेचने के इच्छुक किसानों का पंजीयन प्रभावित होगा, क्योंकि संघ ने आंदोलन की अवधि में पंजीयन नहीं करने का एलान कर दिया है। अभी प्रदेश सरकार ने प्रदेश भाजपा की मांग पर पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 10 नवंबर की थी। अब चंूकि आंदोलन के कारण किसानों का पंजीयन नहीं हो सकेगा, अत: प्रदेश सरकार किसानों के पंजीयन की अंतिम तिथि को और बढ़ाए ताकि सभी किसानों को अपनी उपज समर्थन मूल्य पर बेचने से वंचित नहीं होना पड़े।

 

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