रायपुर
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डायबिटीज से पीडि़त 25 प्रतिशत को होती है यह बीमारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 नवम्बर। छत्तीसगढ़ में बढ़ते डायबिटीज रोगियों की संख्या को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिसिन विभाग ने विशेष डायबिटीक फुट क्लिनिक प्रारंभ किया है। इसमें डायबिटीज रोगियों को पैर संबंधी उपचार प्रदान किया जाएगा। वर्तमान में ऐसे औसतन 30 रोगी प्रति सप्ताह एम्स में इलाज के लिए आ रहे हैं। स्पेशल क्लिनिक प्रारंभ होने से इन रोगियों को विशेष लाभ मिल सकेगा।
निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बताया कि जीवन शैली में परिवर्तन की वजह से डायबिटीज के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिसमें डायबिटीज के रोगी सबसे अधिक हैं। ऐसे में चिकित्सकों के लिए डायबिटीज को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण है। डायबिटीज का प्रभाव छत्तीसगढ़ के रोगियों पर भी है जिसकी वजह से मेडिसिन विभाग में प्रतिदिन आने वाले औसतन 350 रोगियों में से बड़ी संख्या डायबिटीज के रोगियों की होती है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए अब एम्स ने प्रत्येक मंगलवार को डायबिटीक फुट क्लिनिक प्रारंभ करने का निर्णय लिया है।
विभागाध्यक्ष प्रो. विनय आर. पंडित ने बताया कि विशेष क्लिनिक दोपहर दो से चार बजे तक आयोजित होगा। इसमें ओपीडी से रेफर किए गए डायबिटीक फुट रोगियों का उपचार होगा। उन्होंने बताया कि पांच वर्ष या अधिक समय तक अनियंत्रित डायबिटीज की वजह से पैरों की नसों पर दुष्प्रभाव पड़ता है और वह डेड फुट की तरह व्यवहार करने लगते है। यदि समय पर उपचार प्रारंभ कर दिया जाए तो इससे बचाव संभव है।
डायबिटीक फुट के प्रारंभ में पैर पर अल्सर, चलने में दर्द, जलन और पैरों का सुन्न हो जाना प्रमुख लक्षण होते हैं। कुल डायबिटीज रोगियों में एक चौथाई तक इस बीमारी से पीडि़त हो सकते हैं। विशेष क्लिनिक में इसके लिए बायोथेसियोमीटर, पोडियास्केन और डाप्लर की सुविधा प्रदान की गई है। स्पेशल क्लिनिक के इंचार्ज डॉ. मो. सबा सिद्दकी और डॉ. रोहिनी रोक्कम होंगी।