रायपुर

गोपाष्टमी महोत्सव
13-Nov-2021 5:48 PM
गोपाष्टमी महोत्सव

रायपुर, 13 नवम्बर। महावीर गौशाला के तत्वाधान में गोपाष्टमी समारोह सुबह 9 से गौपूजन के साथ शुरू हुआ, जो कि गौपूजन का कार्य पं.पंकज शुक्ला द्वारा संपन्न करवाया गया। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री व विधायक-बृजमोहन अग्रवाल, और विधायक-कुलदीप जुनेजा, संसदीय सचिव-विकास उपाध्याय तथा गौसेवा आयोग के पूर्व सदस्य-प्रेम सिंघानिया उपस्थित थे।

अतिथियों के गौपूजन के पश्चात महावीर गौशाला के अध्यक्ष रामजीलाल अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि महावीर गौशाला का संचालन निस्वार्थ, सेवा भावी, समर्पित उर्जावान व्यक्तियों के द्वारा 101 वर्षों से सुचारू रूप से किया जा रहा है।

संस्था के मानद सचिव ललित कुमार जीवनलाल सिंघानिया के द्वारा प्रतिवेदन में गौशाला के संबंध में विभिन्न जानकारी प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि 29 मार्च सन् 1920 में स्थापित महाबीर गौशाला छत्तीसगढ़ की प्राचीन एवं सुसंचालित गौशाला में से है जो कि अंचल में गौ सेवा के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं का प्रमुख केन्द्र बिन्दु है।

 

 

रायपुर मुख्य शाखा में गौ पालन, दुग्ध उत्पादन एवं वितरण आदि का कार्य सम्पन्न होता है तथा ग्राम-तर्रा षाखा में असहाय गौवंश का आजीवन पर्यन्त पालन-पोशण किया जाता है तथा ग्रामीण कृषकों को खेती के लिए उत्तम नस्ल के बछड़ों का नि:शुल्क वितरण भी किया जाता है।  

श्री अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में सभी को गोपाष्टमी पर्व की बधाई दी, और कामना की, कि गौमाता सभी को आशीर्वाद दे। आज सबसे बड़ा संकट गायों की सेवा व उनका जीवन बचाना है। सभी जगह ऑर्गेनिक खेती का महत्व बढ़ रहा है। इसमें गाय की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, जिसके महत्व को बढ़ाना चाहिए, और इससे हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा। आज कल खेतों में उत्पादन बढ़ाने हेतु यूरिया व दवाईयों का उपयोग ज्यादा हो रहा है। वही आगे जाकर किसानों को कम उत्पादन व भूमि बंजर होने का सामना करना पड़ता है। गायों का गोबर हमें कई बिमारियों से बचाता है। देश के 99 प्रतिषत गौषालायें संकट में हैं, जहां चारा खिलाने को नहीं है। जीवन को कृतार्थ करना चाहते हैं, तो उसके लिये गौषाला जरूरी है।

 श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि बच्चों को गौशाला दिखाना चाहिए। पुरानी पीढ़ी द्वारा गौ-सेवा तो कर रही है, लेकिन आने वाली पीढ़ी को भी गौ-सेवा की प्रेरणा मिलनी चाहिये। गौ-माता की सेवा से व्यक्ति सौ साल तक स्वस्थ्य रह सकता है। गौ-सेवा को भगवान राधाकृश्ण की सेवा मानते हैं। आज सामाजिक जीवन में हम गौ-सेवा का कार्य जो कर पा रहे हैं, वह पूर्वजों के सेवा का ही फल है। श्री अग्रवाल ने उद्बोधन के अंत में कहा कि सबसे प्राचीन महावीर गौशाला के सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में कोरोना काल के बाद भव्य रूप में उत्सव मनाया जायेगा, जिसे आने वाली पीढिय़ां देखें।

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