रायपुर

ट्रामा और इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत उपचार जरूरी-नागरकर
14-Nov-2021 6:21 PM
  ट्रामा और इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत उपचार जरूरी-नागरकर

गंभीर रोगियों को प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सा प्रदान करने पर जोर दिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 14 नवम्बर। ट्रामा और इमरजेंसी में आने वाले रोगियों की पहचान कर अति गंभीर रोगियों को त्वरित उपचार प्रदान करने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने नवनिर्मित सिम्युलेशन लैब में चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस अवसर पर ट्रामा में रोगियों को तीन वर्गों में वर्गीकृत करने और उन्हें लक्षणों के आधार पर जल्द से जल्द उपचार प्रदान करने के लिए प्रेरित किया गया।

ट्रामा एंड इमरजेंसी विभाग के तत्वावधान में आयोजित ट्राइएज इन इमरजेंसी विषयक राज्य स्तरीय सीएमई का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि एम्स में राष्ट्रीय स्तर की सिम्युलेशन लैब स्थापित की गई है। इसकी मदद से नए चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ को ट्रामा और इमरजेंसी की परिस्थितियों में रोगियों की पहचान करने में काफी मदद मिल सकती है।

विभागाध्यक्ष डॉ. चंदन डे ने बताया कि ट्राइएजिंग में इमरजेंसी में लाए गए रोगियों का वर्गीकरण सामान्य, गंभीर और अति गंभीर रोगियों में किया जाता है। इसके लिए ब्लीडिंग का स्तर, पल्स रेट, ईसीजी, शुगर लेव, न्यूरोजेनिक प्रभाव आदि का विश्लेषण आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि ट्रामा और इमरजेंसी का अस्पताल में चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। कार्य के दबाव के मध्य बेहतर परिणाम देने का प्रयास करना चाहिए।

इस अवसर पर प्रो. आलोक अग्रवाल, डॉ. सुब्रत, डॉ. देबज्योति मोहंती, डॉ. तृप्ति, डॉ. अनिल शर्मा, डॉ. फाल्गुनी पाढ़ी, डॉ. वरूण आनंद और डॉ. संतोष राठिया ने भी ट्रामा और इमरजेंसी में ट्राइएज की महत्वता के बारे में जानकारी प्रदान की।

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