रायपुर
![मीठी तुलसी के चक्कर में करोड़ रुपये गंवा चुके 17 किसान न्याय के लिए भटक रहे मीठी तुलसी के चक्कर में करोड़ रुपये गंवा चुके 17 किसान न्याय के लिए भटक रहे](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1636894538628508567G_LOGO-001.jpg)
कलेक्टर से हस्तक्षेप का आग्रह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 नवम्बर। मीठी तुलसी उगाओ और साल भर में प्रति एकड़ डेढ़ लाख रूपये मुनाफा कमाओ के दिखाए गए मनमोहक ख्वाब के चक्कर में पड़ तकरीबन एक करोड़ रुपये गंवा चुके 17 किसान शिकायत के 14 वर्षों बाद भी न्याय के लिये भटक रहे। किसानों के अनुसार यह ख्वाब कथित रूप से के जी एन हर्बल्स प्राइवेट लिमिटेड के कर्ताधर्ताओं ने दिखाया था। इनमें से अधिकतर किसान नया रायपुर क्षेत्र के हैं।
बीते 14 वर्षों से यह मामला अदालती प्रक्रिया में उलझ जिलाधीश के पास लंबित है। पीडि़त किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधीश सौरभ कुमार से मुलाकात कर जल्द से जल्द न्याय दिलाने की गुहार ज्ञापन सौंप लगायी है । अब तक पीडि़त 17 में से 6 किसानों की मृत्यु भी हो चुकी है ।
बताया गया कि सन् 2007 के 17 अक्टूबर को ग्राम नवागांव के पीडि़त किसान तात्कालीन सरपंच डेरहा राम पटेल सहित किसान सुखचंद टंडन, जीवन लाल टंडन , हेमलाल बघेल, मेहत्तरू दास बघेल, रविशंकर वर्मा, रमेश कुमार साहू, मनोज कुमार साहू , पटेल कुमार सोनवानी व भगत राम चांदने ने किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा के साथ पहले भी पिछली सरकार को ज्ञापन सौंपा था। जिस पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
बताया गया था कि कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने मीठी तुलसी के खेती के लिये शासन से 50 प्रतिशत अनुदान दिलाये जाने व कंपनी द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन देने तथा उपज की खरीदी का आश्वासन दे किसानों को इसकी खेती के लिये उकसाया। इसके बाद कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने किसानों को ले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के देवपुरी शाखा से संपर्क साधा व ऋण की औपचारिकताएं पूरी करवाई।
शिकायत के अनुसार कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने पौधे के नाम पर किसानों की रकम बैंक से निकाल ली जो एक करोड़ के आसपास था पर इसकी जानकारी किसानों को बैंक के अधिकारियों द्वारा संपर्क साधने पर मिली । शिकायती पत्र के अनुसार इस पर जब किसानों ने कंपनी के कर्ताधर्ताओं से संपर्क किया तो किसानों को कम रकम का चेक दिया गया जो भी बाउंस हो गया। किसानों ने इसके बाद से कंपनी के कर्ताधर्ताओं द्वारा घुमाये जाने व बैंक कर्ज चुकाने परेशान किये जाने की जानकारी देते हुये इस मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक की भी सांठगांठ होने का अंदेशा व्यक्त करते हुये पूरे मामले की जांच करवा किसानों को न्याय दिलवाने का आग्रह किया था।
इस मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा दर्ज किया गया आपराधिक मामला जहां आज भी अदालत में लंबित है वहीं जिलाधीश द्वारा बैंक के डायरेक्टर की गयी संपत्ति के जप्ती की कार्यवाही के विरुद्ध कंपनी के डायरेक्टर फिरोज खान द्वारा संभागायुक्त व फिर राजस्व मंडल के समक्ष पेश याचिका निरस्त हो चुका है जिस पर फरवरी 15 में कंपनी के डायरेक्टर ने हाईकोर्ट में शरण ली है जहां मामला अभी लंबित है पर उसे लंबित याचिका में आज तक स्थगन नहीं मिला है।
इसी के चलते जिलाधीश द्वारा अग्रिम कार्यवाही में कोई रोक न होने संबंधी अपने अधिवक्ता के सलाह पर किसानों ने जिलाधीश को ज्ञापन सौंप न्याय की गुहार लगायी है । ज्ञापन सौंपने वालों में पीडि़त किसान डेरहाराम पटेल, मनोज कुमार साहू, रमेश कुमार साहू , वेदराम टंडन, चूकूलाल आदि शामिल थे।