रायपुर
![पढ़ाई के साथ कालीन बनाना भी सीखा पढ़ाई के साथ कालीन बनाना भी सीखा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1636977641SC_0110a.gif)
रायपुर, 15 नवम्बर। पंडरी रायपुर के हाट बाजार में सोमवार से तीन दिवसीय राज्य स्तर जनजातीय क्राफ्ट मेले का शुभारंभ हुआ। मेले के आयोजन का उद्देश्य जनजातीय शिला, और कला कौशल को संरक्षित संवर्धित और लोगों तक शिल्पकारों की कला का प्रचार प्रसार करना है।
जशपुर जिले से आए रितु और रत्ना नागेश कालीन के नए तकनीकी अपने पापा से सीखा है। वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ कालीन बनाने का भी काम करती है। बस्तर के नारायणपुर से आए बांस कला के शिल्पकार सीता बाई सलाम ने बताया कि हमारे लिए यह कला रोजी-रोटी का साधन है। हम विभाग के सहयोग से अपनी कला का प्रदर्शन कई बड़े शहरों में किया है।
सरगुजा लखनपुर से आई राककेली पावले का कहना यह है कि पहले लोग अपने शरीर में गोदना गुदवाते थे पर अब नहीं। अब हम लोग भी साड़ी टुपट्टा में अपनी कला के रंग भरती है। जशपुर से गुतीभति भगत जिन्होंने छिंद से बने टोकरियों को अलग डिजाइन का बनाया है। इस दीवाली में उन्होंने अपने कला से अच्छी आमदनी कमाई। क्राफ्ट मेले में बस्तर कोण्डागांव के रामलाल बेलमेटल से बनी अनेकों शिल्प लाए हैं।