रायपुर
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तीन दिनी जनजातीय क्रफ्ट मेला का शुभारम्भ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 नवम्बर। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय टेकाम ने सोमवार को वीर जननायक बिरसा मुंडा की जयंती पर हाट बाजार पंडरी में राज्य स्तरीय तीन दिवसीय जनजातीय क्राफ्ट मेला का शुभारम्भ किया।
उन्होंने कहा कि इस मेला के आयोजन से प्रदेश भर के कलाकारों और शिल्पकारों को लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ की पहचान देश-विदेशों में पहुंचेगी और प्रदेश को नई पहचान मिलेगी। आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण नवा रायपुर द्वारा केन्द्र सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से जनजातीय क्राफ्ट मेला का आयोजन 15 से 17 नवम्बर तक किया जा रहा है।
मंत्री डॉ. टेकाम ने मेला उद्घाटन के अवसर पर विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन कर कलाकारों और शिल्पकारों का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने स्टॉलों से उपयोग की सामाग्री भी खरीदी। मेला में 35 से अधिक स्टॉलों पर शिल्पकारों के उत्पादों का प्रदर्शन और उनके विक्रय की व्यवस्था रखी गई है।
देश-विदेशों में पहुंचेगी और प्रदेश को नई पहचान मिलेगी। मंत्री डॉ. टेकाम ने वीर जननायक बिरसा मुंडा की जयंती पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में लोक कला एवं संस्कृति रची-बसी है। प्रदेश सरकार ने आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से देश-विदेशों तक पहुंचाने का प्रयास किया।
उन्होंने बताया कि मेला में प्रदेश के बस्तर से लेकर सरगुजा के कलाकार-ल्पकारशि अपने उत्पादों और कला का प्रदर्शन करेंगे। बिलासपुर, गरियाबंद, राजनांदगांव, जगदलपुर, नारायणपुर, अम्बिकापुर, जशपुर, दुर्ग, गरियाबंद, धमतरी आदि जिलों के कलाकार, शिल्पकार, नृतक दल शामिल होंगे। मेला में जूट, काष्ठ कला, लोह कला, बांस शिल्प, ढोकरा आर्ट, भित्ती चित्र, गोदना आदि के स्टॉल में प्रदर्शन किया जाएगा। मेले में आने वाले लोगों को इसकी जानकारी दी जाएगी।
स्थानीय जन सामान्य भी आदिवासी संस्कृति, परम्परा से परिचित हो सकेंगे। विभिन्न जनजातियों के लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
लोह कला, बांस शिल्प, ढोकरा आर्ट, भित्ती चित्र, गोदना आदि के स्टॉल में प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यक्रम को सचिव अनुसूचित जाति एवं जनजाति डीडी सिंह और आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रबंध संचालक हस्तशिल्प विकास बोर्ड सुधाकर खलखो सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।