दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 24 नवंबर। मुर्गीपालन और मत्स्यपालन जैसी गतिविधियों को गौठानों में बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां देखना आवश्यक है कि स्व-सहायता समूहों को इससे संबंधित तकनीकी जानकारी का प्रशिक्षण भी नियमित दिया जाए ताकि आधुनिक तरीकों पर फोकस कर बड़ी मात्रा में उत्पादक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके। यह निर्देश एनजीजीबी की समीक्षा बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन ने दिये।
श्री देवांगन ने इस मौके पर कहा कि गौठानों में टीकाकरण का कार्यक्रम तथा नस्ल संवर्धन का कार्यक्रम भी तेजी से बढ़ाये जाने की जरूरत है। पशुधन का संवर्धन जितने कारगर तरीके से होगा, उतनी ही कारगर तरीके से गौठानों को स्वावलंबी होने में मदद मिलेगी और ग्रामीण विकास की दिशा में बेहतर मौके मिलेंगे। इसी तरह मत्स्यापालन का क्षेत्र भी है। इस क्षेत्र में बहुत सी आधुनिक तकनीक आ गई है। जिले के प्रगतिशील मत्स्यपालक इसे अपना रहे हैं। विभागीय अधिकारी इनसे समन्वय कर उपयुक्त व्यवस्था कराएं।
बाड़ी पर फोकस करते हए उन्होंने कहा कि बाडिय़ों में उगाये जा रहे सब्जी पर भी फोकस किये जाने की जरूरत है। बीज से लेकर सिंचाई तक की सभी जरूरतों के लिए ग्रामीणों की किस तरह से मदद की जा सकती है, यह देख लें। उन्होंने क्रेडा के अधिकारी से चारागारों एवं बाड़ी विकास के लिए सौर पंप की व्यवस्था आवश्यक गौठानों में करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सामुदायिक बाडिय़ों के साथ ही निजी बाडिय़ों को भी बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने नरवा प्रोजेक्ट्स में भी कार्यों की प्रगति की समीक्षा की, साथ ही मनरेगा के अंतर्गत चल रहे विभिन्न कार्यों की समीक्षा की।